पूजा घर में इसलिए रखा जाता है तांबे के कलश में पानी...
17-May-2023 2:22:32 pm
802
वास्तु शास्त्र में पूजा घर से जुड़े भी क नियमों का बारे में विस्तार से बताया गया है। यदि आपके घर में भी पूजा घर स्थित है तो कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। वास्तु के मुताबिक पूजा घर में जल रखना जरूरी माना जाता है। पूजा घर में तांबे में कलश में जल रखना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूजा घर में रखे जल का काफी सकारात्मक प्रभाव होता है। पूजा घर में हम पूजन सामग्री के अलावा शंख, गरुढ़ घंटी, कौड़ी, चंदन बट्टी, तांबे का सिक्का, आचमन पात्री, गंगाजल और पानी का लोटा आदि रखते हैं। कुछ लोगों के घरों में लोटे के स्थान पर चांदी या तांबे के कलश भी होते हैं। इसी जल से भगवान की मूर्ति को स्नान कराने के बाद पूजा की जाती है और उस पवित्र जल को घर में छिड़का भी जाता है।
जल के रूप में होती है वरूण देव की स्थापना
धार्मिक मान्यता है कि जिस प्रकार पूजा घर में गुरुड़ देव की स्थापना गरुड़ घंटी के रूप में की जाती है, वैसे ही वरुण देव की स्थापना जल के रूप में की जाती है। जल को तांबे के कलश में रखना ज्यादा शुभ माना जाता है क्योंकि तांबे के पात्र में ऐसे गुण होते हैं जो जल को शुद्ध करता है। धार्मिक मान्यता है कि वरुण देव दुनिया की रक्षा करते हैं। पूजा घर में जल में तुलसी के कुछ पत्ते डाल कर रखने से वह जल पवित्र हो जाता है। जल से पूजा स्थल को शुद्ध करने पर देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।
ऐसे करें पूजाघर में जल की स्थापना
पूजा घर में जल कलश की स्थापना करते समय कुछ बातों की सावधानी रखनी चाहिए। तांबे का कलश उत्तर और ईशान कोण में स्थापित करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। वास्तु के अनुसार पूजा घर में जल रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आर्थिक उन्नति के द्वार खुलते हैं और जीवन में सभी संकट दूर होते हैं।
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'