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कब हैं खरमास, जानें तिथि-महत्व और पूजा मंत्र

धार्मिक दृष्टि से खरमास के महीने सभी शुभ कार्य विशेषकर विवाह आदि पर रोक लग जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जब सूर्य धनु राशि में गोचर करते हैं, तब खरमास की शुरुआत होती है। इस साल खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर 2023 से हो रही है।
साथ ही इसका समापन अगले साल जनवरी के मध्य 15 तारीख को होगा। ऐसे में इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी का होना बेहद जरूरी है, तो आइए जानते हैं।
खरमास की तिथि-
खरमास का आरंभ- 16 दिसंबर 2023
खरमास का समापन- 15 जनवरी 2024
खरमास के दौरान इस स्तुति का करें पाठ-
॥ विष्णु शान्ताकारं मंत्र ॥
”शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥
यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे: ।
सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा: ।
ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो
यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:”॥
खरमास के दौरान भगवान सूर्य के इन मंत्रों का करें जाप-
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ सूर्याय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
खरमास का धार्मिक महत्व-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि खरमास में भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा करने से शांति और समृद्धि का वरदान मिलता है। खरमास के दौरान बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिनसे बचना चाहिए। इस दौरान सनातन धर्म में सभी प्रकार के शुभ कार्य पूर्ण रूप से वर्जित माने गए हैं।
इसलिए भूलकर कर भी ऐसी चीजें न करें, जिससे स्वंय का नुकसान हो जाए, जितना हो सके इस महीने भगवान विष्णु की स्तुति करें।

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