महाशिवरात्रि 26 फरवरी को, जानिए...शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व
17-Jan-2025 12:32:01 pm
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सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन महाशिवरात्रि को बहुत ही खास माना जाता है जो कि शिव को समर्पित दिन है इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
मान्यता है कि इस पावन दिन पर शिव साधना करने से प्रभु की असीम कृपा बरसती है और दुख परेशानियां दूर हो जाती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि साल 2025 में महाशिवरात्रि कब मनाई जाएगी, तो आइए जानते हैं दिन तारीख और मुहूर्त।
हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2025 में महाशिवरात्रि का त्योहार 26 फरवरी को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इसी पावन दिन पर पहली बार भगवान भोलेनाथ शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे। ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि की रात शिवलिंग में भगवान शिव वास करते हैं।
महाशिवरात्रि की रात जो लोग चार प्रहर में शिव का अभिषेक व पूजन करते हैं उनके जीवन के समस्त संकट दूर हो जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन निशिता काल में जलाभिषेक करना शुभ होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी 2025 को सुबह 11 बजकर 8 मिनट से 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। वही महाशिवरात्रि पर निािता काल पूजा 26 फरवरी को देर रात 12 बजकर 9 मिनट से रात 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में रात्रि पूजन करना लाभकारी होगा।
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा का महत्व-
महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न मुद्रा में होते हैं। कहते हैं कि इस दिन भोलेनाथ धरती पर जितने भी शिवलिंग हैं। उन सभी में साक्षात रूप से वास करते हैं। इसलिए भक्तों की थोड़ी भक्ति से ही प्रसन्न होकर उनकी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं। इस रात में रात्रि जागरण और भजन कीर्तन का बड़ा ही महत्व है। इसलिए महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की विशेष पूजा और रुद्राभिषेक भी भक्तजन करवाते हैं। कहते हैं कि इससे अनिष्ट की शांति होती है।
शिवलिंग और महाशिवरात्रि का संबंध-
एक मान्यता यह भी है कि भगवान शिव का तेजोमय अग्निपुंज जिसे शिवलिंग के नाम से जाना जाता है। वह भी महाशिवरात्रि को ही प्रकट हुआ था। शिवरात्रि के दिन ही शिवजी की इच्छा से सृष्टि का आरंभ हुआ है। प्रलय काल में भगवान में महाशिवरात्रि को ही सृष्टि समा जाएगी।