दुनिया-जगत

कुलभूषण जाधव को नहीं मिल रही कोई राहत

इस्लामाबाद:- पाकिस्तान के कानून मंत्री फरोग नसीम ने विपक्ष के उस आरोप को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि मौत की सजा पाए भारतीय कुलभूषण जाधव को समीक्षा का अधिकार देने वाला नया कानून किसी व्यक्ति विशेष के लिए लाया गया है। फरोग नसीम ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की लाल-रेखा से जुड़ा है। नसीम ने इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोप बिल्कुल गलत हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (समीक्षा एवं पुनर्विचार) विधेयक किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है और कानून के दायरे में आने वाले किसी भी व्यक्ति पर लागू होगा। पाकिस्तान सरकार द्वारा लाए गए कानून से जाधव को अपनी सजा के विरुद्ध अपील करने की अनुमति मिल सकती है।
 

 

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अमेरिका ने खारिज की तालिबान की अपील

वाशिंगटन:- अमेरिका ने तालिबान को अफगान संपत्ति जारी करने की अपील को खारिज कर दिया है। अमेरिका ने कहा कि काबुल में जबतक सत्ता अस्तित्व में नहीं आ जाती तब तक संपत्ति जारी नहीं की जाएगी। अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि थॉमस वेस्ट ने एक बयान में कहा कि वाशिंगटन ने साफ कर दिया कि अगर तालिबान सैन्य बल द्वारा सत्ता हासिल करने का दावा करता है, तो उसे महत्वपूर्ण गैर-मानवीय सहायता में कटौती की जारी रहेगी। बीते दिनों तालिबान ने कहा था कि अफगानिस्तान में आर्थिक उथल-पुथल से विदेश में परेशानी का कारण बन सकती है। तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने अमेरिका को खत लिखकर फंड जारी करने की मांग की थी। तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने अफगानिस्तान के सामने सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय असुरक्षा की थी और इस चिंता के पीछे की जड़ें अमेरिकी सरकार द्वारा हमारे लोगों की संपत्ति को फ्रीज करना है।

 

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खराब दौर से गुजर रहे है भारत, चीन संबंध: एस जयशंकर

सिंगापुर:- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन अपने संबंधों को लेकर 'विशेषतौर पर खराब दौर' से गुजर रहे हैं क्योंकि बीजिंग ने समझौतों का उल्लंघन करते हुए कुछ ऐसी गतिविधियां कीं जिनके पीछे उसके पास अब तक 'विश्वसनीय स्पष्टीकरण' नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन के नेतृत्व कोइस बात का जवाब देना चाहिए कि द्विपक्षीय संबंधों को वे किस ओर ले जाना चाहते हैं। यहां ब्लूमबर्ग न्यू इकोनॉमिक फोरम में 'वृहद सत्ता प्रतिस्पर्धा उभरती हुई विश्व व्यवस्था' विषय पर आयोजित गोष्ठी में एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि चीन को इस बारे में कोई संदेह है कि हमारे संबंधों में हम किस मुकाम पर खड़े हैं और क्या गड़बड़ है। मेरे समकक्ष वांग यी के साथ मेरी कई बार मुलाकात हुई हैं। जैसा कि आपने भी यह महसूस किया होगा कि मैं बिलकुल स्पष्ट बात करता हूं, अत: समझा जा सकता है कि स्पष्टवादिता की कोई कमी नहीं है। यदि वे इसे सुनना चाहते हैं तो मुझे पूरा भरोसा है कि उन्होंने सुना होगा।'

 

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शीतकालीन ओलिंपिक खेलों में अमेरिका कर सकता है राजनयिक बहिष्‍का

झूठा सच@एजेंसी :- 2022 में चीन के पेइचिंग में होने वाले शीतकालीन ओलिंपिक खेलों का राजनयिक बहिष्‍कार करने पर अमेरिका विचार कर रहा है। राजनयिक बहिष्‍कार के बाद अमरीका इन खेलों में आधिकारिक सरकारी प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेगा, लेकिन अमरीकी खिलाड़ि‍यों को भाग लेने की अनुमति होगी। मानवाधिकार समर्थकों ने चीन को मानवाधिकार के खराब रिकॉर्ड के लिए जिम्‍मेदार ठहराते हुए विभिन्‍न देशों से इन खेलों में भाग न लेने की अपील की है । मानवाधिकार समर्थक पेइचिंग ओलिंपिक खेलों को नरसंहार खेल बता रहे हैं। चीन सरकार के अधिकारियों ने किसी भी बड़े बहिष्‍कार के विरुद्ध कड़े जवाब की चेतावनी दी है।
 
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पाकिस्तान में बलात्कार करने वाले को बनाया जाएगा नपुंसक

  • संसद में पारित हुआ नया कानून
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में कई दुष्कर्मों के दोषी यौन अपराधियों को संसद द्वारा एक नया कानून पारित करने के बाद रासायनिक तरीकों से नपुंसक बनाए जाने का सामना करना पड़ सकता है। इस कदम का उद्देश्य सजा में तेजी लाना और कड़ी सजा देना है यह विधेयक देश में महिलाओं और बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में हालिया वृद्धि और अपराध पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने की बढ़ती मांगों के खिलाफ सार्वजनिक आक्रोश के फलस्वरूप लाया गया है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के पाकिस्तानी मंत्रिमंडल द्वारा पारित अध्यादेश पर मुहर लगाने के लगभग एक साल बाद यह विधेयक पारित हुआ है।

 

 

 

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दुबई ने विदेशी कामगारों के लिए किया ये बड़ा ऐलान

संयुक्त अरब अमीरात में आर्थिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए दुबई ने विदेशी कामगारों के लिए बड़ा ऐलान किया है। दुबई ने अमीरात में स्थित फर्मों में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों के लिए मल्टीपल एंट्री वीजा जारी करने का ऐलान किया है। इस वीजा की अवधि 5 साल की होगी। सात अमीरातों के एक महासंघ, संयुक्त अरब अमीरात ने भी इस सप्ताह नए निजी क्षेत्र के श्रम कानूनों में भारी फेरबदल की है। इससे श्रमिकों के पासपोर्ट को अब वहां की कंपनियां जब्त नहीं कर पाएंगी। ये कानून अगले साल फरवरी से प्रभावी होने वाले हैं।

यूएई ने क्यों लागू किया श्रम सुधार कानून
कोरोना वायरस महामारी ने संयुक्त अरब अमीरात की अर्थव्यवस्था को भी काफी बड़ा नुकसान पहुंचाया है। इस कारण यूएई अर्थव्यवस्था को उबरने में मदद करने के लिए निवेश और विदेशियों को आकर्षित करने में जुटा हुआ है। इसी कारण यूएई ने लंबी अवधि के रेजिडेंसी वीजा सहित आर्थिक और कानूनी सुधारों की शुरुआत की है। इसके अलावा यूएई इस क्षेत्र में बड़ा व्यापारिक केंद्र बनने की रेस में सऊदी अरब को पछाड़ने की भी कोशिश कर रहा है

दुबई के क्राउन प्रिंस ने की तारीफ
दुबई के क्राउन प्रिंस ने कहा कि पांच साल का मल्टीपल एंट्री वीजा दुबई स्थित कंपनियों के कर्मचारियों को बैठकों और अन्य व्यावसायिक जरूरतों के लिए आसानी से अमीरात में और बाहर जाने में मदद करेगा। इससे पहले यूएई ने कोविड वैक्सीन की पूरी डोज लगवाने वाले यात्रियों के लिए अपने देश के दरवाजों को भी खोल दिया है। इससे भारत के लाखों कामगारों को भी फायदा होने की उम्मीद है।

यूएई के मानव संसाधन और अमीरात मंत्री अब्दुलरहमान अल -आवर ने कहा कि संघीय स्तर पर, सोमवार को घोषित एक नए श्रम कानून का ऐलान किया गया है। इसका उद्देश्य यूएई को एक कुशल श्रम बाजार बनाना, प्रतिभा को आकर्षित करना, महिलाओं को सशक्त बनाना और प्रवासी श्रमिकों के वर्चस्व वाले निजी क्षेत्र में अमीराती नागरिकों की तुलना में सुधार करना है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इसका एक प्रावधान कंपनियों को अपने कर्मचारियों के पासपोर्ट को जबरन बंधन बनाने से रोकता है।

लाखों भारतीय कामगारों को होगा फायदा
मंत्रालय ने यह भी कहा कि जब यह कानून लागू हो जाएगा, तब से कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद कामगारों को जबरदस्ती यूएई को छोड़ना नहीं पड़ेगा। कई मानवाधिकार समूहों ने लंबे समय से यूएई के श्रम सुधारों को लेकर संघर्ष भी किया है। जिसके बाद यूएई ने अब इन कानूनों में सुधार किया है।
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रूस ने किया एंटी-सेटेलाइट मिसाइल का परीक्षण

रूस ने अपनी एक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का परीक्षण करने के लिए अंतरिक्ष में मौजूद अपनी ही सैटेलाइट को मार गिराया है. जिससे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को जान का खतरा हो गया. इन लोगों को अपने कैप्सूल में जाना पड़ा. साथ ही उस क्षेत्र में सैटेलाइट के खात्मे से कई टुकड़े उत्पन्न हो गए हैं रूस की इस हरकत को पागलपन कहा जा रहा है. क्योंकि ये टुकड़े ना केवल अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जान का जोखिम बढ़ाएंगे, बल्कि वहां भविष्य में होने वाले मिशनों को भी प्रभावित कर सकते हैं. हालांकि रूस ने इसे सुरक्षित बताया है.

पश्चिमी देशों ने मामले में रूस की खूब आलोचना की है. रूस ने अब इन्हीं आलोचनाओं का जवाब देते हुए एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण को कोई 'बड़ा खतरा' नहीं बताया है. रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा है कि मिसाइल परीक्षण से उत्पन्न हुए टुकड़े 'अंतरिक्ष की गतिविधियों के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करते हैं.' अमेरिका, ब्रिटेन और नाटो का कहना है कि एंटी-सैटेलाइट मिसाइल के परीक्षण से पृथ्वी की निचली कक्षा में पैदा हुआ मलबा अंतरिक्ष यान की परिक्रमा के लिए खतरनाक है और यह वर्षों तक अंतरिक्ष की गतिविधियों के लिए खतरा पैदा करेगा 

1982 से निष्क्रिय थी सैटेलाइट
रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण ने 1982 से कक्षा में मौजूद रूसी सैटेलाइट 'Tselina-D' को नष्ट कर दिया है. शोइगु ने कहा कि इस परीक्षण में एक ऐसी प्रणाली का इस्तेमाल किया गया था, जो 'सटीक रूप से' अपने लक्ष्य पर मार करती है. रूस ने अंतरिक्ष में अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के पीछे का कारण अमेरिका के उस कदम को बताया है, जिसके तहत उसने साल 2020 में एक स्पेस फोर्स का गठन किया था. रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, 'रूसी रक्षा मंत्रालय ने 15 नवंबर को सफलतापूर्वक एक परीक्षण किया है, जिसने निष्क्रिय रूसी अंतरिक्ष यान त्सेलिना-डी को मारा गिराया है, जो 1982 से पृथ्वी की कक्षा में मौजूद था.'

नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने इसे 'लापरवाह' और 'चिंतित' करने वाला कार्य बताया है. यूरोपीय संघ के रक्षा मंत्रियों के साथ एक बैठक में, स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण 'यह दर्शाता है कि रूस अब नए हथियार सिस्टम विकसित कर रहा है, जो सैटेलाइट को मार सकते हैं.' फ्रांस ने अंतरिक्ष में बढ़ते कचरे पर नाराजगी जताई है अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि मलबे से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सैटेलाइट और दूसरी गतिविधियों के लिए खतरा बना रहेगा. इस स्टेशन पर वर्तमान में सात अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं | 

 
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अमेरिका के लॉस वेगास में अमीरों के लिए लग्जरी सुविधा की हुई शुरुआत

झूठा सच @ रायपुर / नई दिल्ली:-  अमेरिका के लॉस वेगास में अमीरों के लिए लग्जरी सुविधा की शुरुआत हुई है. दरअसल, एक कंपनी ने अमीर कपल को हवा में संबंध बनाने का मौका दिया है. लव क्लाउड जेट चार्टर नाम की इस कंपनी द्वारा यह सर्विस लेने के लिए 995 अमेरिकी डॉलर यानी करीब करीब 73 हजार रुपये चुकाने होंगे, वह भी सिर्फ 45 मिनट के लिए.

पायलट एंथनी ब्लेक की नौकरी ट्विन-इंजन सेसना से बिना किसी उद्देश्य के हवा में मंडराना है, जबकि विमान के पिछले हिस्से में उनके क्लाइंट इंज्वॉय करते हैं. यह हवाई यात्रा करीब 45 मिनट की होती है, लेकिन अगर कोई डेढ़ घंटे तक हवा में रहना चाहता है तो उसे करीब 1 लाख रुपये तक का भुगतान करना पड़ सकता है.

कपल टेकऑफ़ के दो मिनट बाद सीट बेल्ट को हटा सकते हैं. विमान सेसना में एक बिस्तर लगाया गया है. विमान के पायलट एंथनी ब्लैक, जिन्हें कैप्टन टोनी भी कहा जाता है, उनका कहना है कि यह सिंगल पायलट वाला विमान है और मैं कॉकपिट से बाहर नहीं जा सकता, मुझे सेक्स पसंद है, लेकिन मुझे उड़ान भरना और भी ज्यादा पसंद है.

पायलट एंथनी ब्लैक ने बताया कि विमान में एक साथ 6 लोग उड़ान भर सकते हैं. ब्लैक ने कई वाक्यो का जिक्र किया और बताया कि अभी तक नए शादीशुदा जोड़ों के अलावा कई बुजुर्गों ने भी कंपनी की सर्विस ली है. लव क्लाउड और इसकी उड़ानें लगभग सात वर्षों से नेवादा के आसपास ऐसी सुविधाएं दे रही हैं.

इनमें रोमांटिक रात्रिभोज और यहां तक ​​​​कि इन-एयर शादी शामिल है. पांच महीने पहले ही लॉस वेगास में इस सर्विस को शुरू किया गया. पायलट एंथनी ब्लैक बताते हैं कि उन्हें कभी भी मौज-मस्ती में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था, लेकिन अगर आमंत्रित किया जाता है तो वह अपनी जॉयस्टिक को नहीं छोड़ेंगे |
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भारत और चीन से कई देश हुए नाराज, इस मुद्दे पर साथ आकर बदल दिया फैसला

भारत और चीन के बीच भले ही पिछले कुछ समय से सीमा विवाद की वजह से तनाव बढ़ा है लेकिन एक मुद्दे पर दोनों देश एक साथ खड़े नजर आए. स्कॉटलैंड के ग्लासगो में हाल ही में संपन्न हुई संयुक्त राष्ट्र की जलवायु वार्ता में भारत और चीन प्रस्ताव में एक बड़ा बदलाव करवाने में कामयाब रहे.दरअसल, ग्लोबल वार्मिंग कम करने और अपने-अपने देश को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए लगभग 200 देशों की कई स्तर पर बैठकें हुई हैं. सीओपी26 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और चीन ने विकासशील देशों की अगुवाई करते हुए कोयले के इस्तेमाल को पूरी तरह से खत्म करने और जीवाश्म ईंधन सब्सिडी हटाने के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया था. इसके बाद ही इस सम्मेलन में कोयले का इस्तेमाल खत्म करने की नहीं बल्कि कम करने के लक्ष्यों के साथ जलवायु समझौते को मंजूरी दी गई है.

इस सम्मेलन के खत्म होने से ऐन वक्त पहले ही भारत के इस प्रस्ताव पर मंजूरी दी गई है. इसी के साथ ही कोयले से जुड़े 'फेज डाउन' शब्द ने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है. दरअसल, सम्मेलन में पेश मसौदे में सभी देशों को कोयले के इस्तेमाल के लिए फेज आउट (कोयले के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद करना) पर सहमति देनी थी लेकिन आखिरी पलों में भारत और चीन ने इसे अपनी जरूरत के हिसाब से फेज डाउन (धीरे-धीरे कम करना) करा लिया.

इस समझौते में कार्बन उत्सर्जन में कटौती और विकासशील देशों के लिए मदद का वादा किया गया था. मौजूदा दौर में जो कोशिशें की जा रही हैं, वे धरती के तापमान की वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लक्ष्य के लिए नाकाफी साबित हो रही हैं. ग्लासगो शिखर सम्मेलन में बातचीत के मसौदे में कोयले के इस्तेमाल को खत्म करने की प्रतिबद्धता को शामिल किया गया था लेकिन भारत ने इसे लेकर विरोध जताया था. भारत के जलवायु मंत्री भूपेंद्र यादव ने पूछा था कि विकासशील देश कोयले और जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को खत्म करने का वादा कैसे कर सकते हैं? जबकि उन्हें अभी भी अपने विकास के एजेंडा और गरीबी उन्मूलन से निपटना है.

भारत और चीन के विरोध के बाद ये सहमति बनी कि कुछ देश कोयले के इस्तेमाल को पूरी तरह 'खत्म' ना करके धीरे-धीरे 'कम' करेंगे जिससे कई देशों में नाराजगी भी देखने को मिली. सीओपी 26 शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने कहा कि इस तरह की परिस्थितियों के सामने आने का उन्हें दुख है. चीन और भारत की इस एकजुटता के बाद शर्मा ने कहा कि भारत और चीन को खुद ही जलवायु परिवर्तन के खतरे से जूझ रहे तमाम देशों को अपने इस फैसले को समझाना होगा. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि ऐतिहासिक समझौता 1.5 डिग्री तक की तापमान वृद्धि के लक्ष्य के हिसाब से सही है.

बीबीसी वन के 'एंड्रयू मार शो' में आलोक शर्मा ने कहा कि चीन और भारत ने जो किया, वो उन्हें क्लाइमेट चेंज के प्रति संवेदनशील देशों को समझाना होगा कि आखिर उनका ये कदम उचित कैसे है. हालांकि मैं ये भी मानता हूं कि ये सम्मेलन कई मायनों में ऐतिहासिक रहा है.चीन ने भारत का साथ देते हुए विकसित देशों से कार्बन उत्सर्जन को लेकर जवाबदेही मांगी है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक बयान में कहा कि कोयले के इस्तेमाल को खत्म करना एक लंबी प्रक्रिया है जिसके लिए विकासशील देशों की ऊर्जा की मांग को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए. झाओ ने कहा, हम विकसित देशों से मांग करते हैं कि पहले वे कोयले का इस्तेमाल बंद करें और ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की तरफ आगे बढ़ने के लिए विकासशील देशों को आर्थिक और तकनीकी मदद मुहैया कराएं

गौरतलब है कि इस सम्मलेन को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि कोयले के उपयोग को कम करने की योजना के साथ किया गया ये अब तक का पहला जलवायु समझौता है. बता दें कि ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के लिहाज से कोयला सबसे खराब जीवाश्म ईंधन माना जाता है. सीओपी26 के मुख्य लक्ष्यों में से एक ये भी तय करना है कि साल 2100 तक पृथ्वी का तापमान 1.5 डिग्री से अधिक न हो | 
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फ्रांस में कोरोना वायरस की 5वीं लहर शुरू

फ्रांस में कोरोना वायरस महामारी की पांचवीं लहर शुरू हो गई है. देश के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवर वेरन ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि इससे उन लोगों के लिए नई चिंता पैदा हो रही है, जिनकी उम्मीद थी कि संक्रमण खत्म हो रहा है. स्थानीय टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू में मंत्री ने पुष्टि करते हुए कहा कि उनके देश में भी कई अन्य पड़ोसी देशों की तरह महामारी की पांचवीं लहर शुरू हो चुकी है. उन्होंने कहा कि वायरस तेजी से बढ़ रहा है.

वेरन ने कहा, 'कई पड़ोसी देश पहले से ही कोविड महामारी की पांचवीं लहर से जूझ रहे हैं, हम फ्रांस में जिस चीज का अनुभव कर रहे हैं, वह स्पष्ट रूप से पांचवीं लहर की शुरुआत जैसा दिखाई देता है.' फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कोविड-19 के 11,883 नए मामले दर्ज किए हैं. लगातार दूसरे दिन नए मामलों की संख्या 10,000 से ऊपर बनी हुई हैअक्टूबर मध्य के बाद से संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. इससे पहले राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी कहा था कि देश में एक बार फिर कोविड के मामलों में उछाल देखने को मिल सकता है.

बुजुर्गों को दिखाना होगा सबूत
इस हफ्ते की शुरुआत में मैक्रों ने कहा था कि 65 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों को ज्यादा अहतियात बरतने की जरूरत है. इन्हें रेस्त्रां जाने, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लें या ट्रेन पकड़ने से पहले कोविड-19 की बूस्टर डोज लगाए जाने का सबूत दिखाना होगा. मैक्रों ने कहा, '15 दिसंबर से आपको (65 साल से अधिक उम्र के लोग) अपने हेल्थ पास की वैधता बढ़ाने के लिए बूस्टर डोज का सबूत दिखाना होगा.' उन्होंने देश के नाम संबोधन करते हुए ये बात कही थी.

लोगों से वैक्सीन लगवाने को कहा
मैक्रों ने फ्रांस में वैक्सीन के योग्य 60 लाख लोगों से भी आग्रह किया कि वह अपना पूरा टीकाकरण कराएं, खासतौर पर वो जिन्होंने अभी पहली डोज भी नहीं ली है राष्ट्रपति ने चेतावनी देते हुए कहा कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. इस समय लोगों को कोविड-19 और सर्दियों में अन्य संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए अधिक ध्यान देने की जरूरत है. वहीं बूस्टर डोज की बात करें, तो यह कोरोना वायरस वैक्सीन की दोनों डोज के बाद तीसरी डोज के तौर पर दी जाती है. यह कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और बुजुर्गों को वायरस के अधिक बचाव प्रदान करती है |

 

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दिसंबर में भारत के दौरे पर आ सकते हैं रूसी राष्ट्रपति पुतिन

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर के पहले हफ्ते में भारत के दौरे पर आ सकते हैं। दोनों देशों के बीच सालाना शिखर सम्मेलन की संभावित तारीख 6 दिसंबर है। पुतिन के भारत दौरे पर कई समझौतों पर साइन हो सकते हैं। यह दौरा तब हो रहा है जब एयर डिफेंस सिस्टम S-400 की पहली खेप इस साल के अंत तक भारत पहुंचेगी। 2021 में पुतिन की यह दूसरी विदेश यात्रा होगी।

बता दें कि शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पुतिन आख़िरी बार 2018 में आए थे। इसी दौरान S-400 डील पर दोनों देशों ने साइन किए थे। 2019 में पीएम मोदी ने सुदूर पूर्वी रूसी शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था। भारत ने उस वक्त पूर्वी रूस के विकास में भारतीय बिजनेस भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक बिलियन डॉलर के सॉफ्ट क्रेडिट लाइन की घोषणा की थी।

इस शिखर सम्मेलन में S-400 पर विस्तार से बातचीत होने की उम्मीद है। रूसी स्पूतनिक वैक्सीन का भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा और कोविड की दूसरी लहर में मॉस्को ने नई दिल्ली को कई तरह से मदद की थी, ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर भी बातचीत की संभावना है।दोनों देश अफगानिस्तान के मसले पर भी बातचीत कर सकते हैं।

हाल ही में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अफगानिस्तान के मुद्दे पर बातचीत को मिले हैं। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से रूसी NSA निकोलाई पी। पत्रुशेव दो बार भारत का दौरा का चुके हैं।भारत और रूस के बीच रक्षा संबंध बेहद मजबूत है। चार बड़े प्रोजेक्ट की मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन भारत में होनी है जिसमें 1136।6 फ्रिगेट, असॉल्ट राइफल AK-203 आदि प्रमुख हैं। इसके साथ ही भारत को Su-30 MKI, मिग -29 और गोला-बारूद की अतिरिक्त आपूर्ति होनी है।
 
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कजाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष करीम मासीमोव के साथ की बैठक

झूठा सच @ रायपुर /दिल्ली:-  राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कजाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष करीम मासीमोव के साथ बैठक की | 

दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कजाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष करीम मासीमोव के साथ बैठक की। pic.twitter.com/Um5sXSpvdN

— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 10, 2021

 

 

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मक्का और मदीना में निवेश की रियल एस्टेट फंड में गैर-सऊदी को भाग लेने की दी अनुमति

सऊदी कैपिटल मार्केट अथॉरिटी ने वित्तीय बाजार संस्थानों को अचल संपत्ति फंड में गैर-सऊदी की सदस्यता स्वीकार करने की अनुमति दी है जो मक्का और मदीना शहरों की सीमाओं के भीतर स्थित एक अचल संपत्ति में अपनी संपत्ति का हिस्सा या सभी निवेश करता है। प्राधिकरण ने वित्तीय संस्थानों पर जोर दिया कि मक्का और मदीना शहरों की सीमाओं के भीतर स्थित अचल संपत्ति में निवेश निधि के निवेश का प्रबंधन करते समय या उन निधियों को समाप्त करते समय गैर-सऊदी के स्वामित्व और अचल संपत्ति में निवेश करने की आवश्यकता पर जोर दिया। .

प्राधिकरण ने संकेत दिया कि निर्णय एक विविध वित्तपोषण चैनल के रूप में वित्तीय बाजार पर भरोसा करने के साथ-साथ सऊदी विजन 2030 के स्तंभों को मजबूत करने में योगदान देगा, जिसका उद्देश्य सऊदी वित्तीय बाजार को स्थानीय और विदेशी निवेश के लिए आकर्षक बनाना और खेलने में सक्षम बनाना है। अर्थव्यवस्था के विकास और आय के स्रोतों में विविधता लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका।

पूंजी बाजार प्राधिकरण अपनी रणनीतिक योजना के भीतर वित्तपोषण के लिए एक उपकरण के रूप में निवेश कोष की भूमिका को सक्रिय करने पर भरोसा कर रहा है, और प्राधिकरण को उम्मीद है कि धन अर्थव्यवस्था में कई महत्वपूर्ण गतिविधियों के वित्तपोषण में योगदान देगा, जैसे कि अचल संपत्ति और वित्तीय क्षेत्र और पुनर्वित्त जैसी अन्य गतिविधियों के अलावा, छोटी और मध्यम कंपनियों का क्षेत्र।
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तालिबान बनाने जा रहा खुद की वायुसेना

काबुल:- अफगानिस्तान के सभी प्रांतों पर कब्जा करने के करीब तीन महीने बाद तालिबान ने अब अपनी वायुसेना स्थापित करने का मन बनाया है। आपको बता दें कि तालिबान के पास खासा मात्रा में अमेरिकी विमान मौजूद है और उन्होंने पहले ही अपने लड़ाकों को एक-स्थान से दूसरे स्थान भेजने के लिए विमानों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
काबुल के मुख्य सैन्य अस्पताल पर मंगलवार को आईएसआईएस-के ने हमला किया था। जिसमें 23 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद तालिबान ने अस्पताल की छत पर अमेरिका के ब्लैक हॉक समेत 3 हेलीकॉप्टरों को तैनात किया था। केन्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान सरकार में गृह मंत्रालय के प्रवक्ता कारी सईद खोस्ती ने बताया कि हम पिछली सरकार की वायुसेना का उपयोग करने का प्रयास कर रहे हैं।

 

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अबू धाबी में गैर मुस्लिम भी कर सकेंगे अपने रीति-रिवाजों से शादी

अबुधाबी:- मुस्लिम बहुल्य राष्ट्र संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे गैर मुस्लिम लोगों के लिए वहां की सरकार ने खुशखबरी दी है। नए आदेश के अनुसार मुस्लिम से अलग धर्म के लोग अपने रीति-रिवाज से शादी कर सकेंगे। इसके लिए यूएई एक कानून लेकर आ रहा है।
स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक अबू धाबी में रह रहे गैर मुस्लिमों को अब नए नागरिक कानून के तहत शादी, तलाक और बच्चे को गोद लेने की अनुमति दी जाएगी। अभी तक इस प्रमुख खाड़ी देश में शरिया कानून के तहत ही शादी की जा सकती थी।

 

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कोरोना टीका कोवाक्सिन से अमेरिका ने भी हटाया अपना प्रतिबंध

भारत के स्वदेशी कोरोना टीका कोवाक्सिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने मंजूरी मिलने के बाद अमेरिका ने भी अपना प्रतिबंध हटा लिया है। अमेरिका ने टीकों की अपनी सूची को अपडेट करते हुए अब उन लोगों को भी आने की अनुमति दे दी है जिन्होंने कोवाक्सिन का टीका लगवाया है। बता दें कि ये संशोधित नियम 8 नवंबर से लागू होंगे। अमेरिका टीका लगवा चुके विदेशी यात्रियों के लिए अपनी सीमाएं खोल रहा है।
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श्रीनगर-शारजाह के बीच शुरू हुई उड़ानों से बौखलाया पाक

झूठा सच रायपुर/जम्मू:- भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर में की जा रही तरक्की के कार्यों पर पाकिस्तान की बेचैनी लगातार बढ़ती जा रही है। हाल में ही भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से शारजाह के लिए उड़ानों को शुरू किया था जिसके बाद पाकिस्तान की बौखलाहट और बढ़ गई। यही कारण रहा कि श्रीनगर-शारजाह उड़ानों को पाकिस्तान अपना एयरस्पेस देने पर रोक लगा दिया है। पाकिस्तान की इस हरकत की वजह से श्रीनगर से शारजाह के लिए उड़ान भरने वाले विमानों को लंबा रास्ता तय करना होगा। अब अभिमान उदयपुर और अहमदाबाद के रास्ते शारजाह पहुंचेगी।
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कट्टरपंथियों के आगे इमरान ने डाले हथियार

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पिछले कई दिनों से जारी हिंसा के बाद इमरान सरकार ने अपने हथियार डाल दिए हैं। जानकारी के मुताबिक इमरान खान की पार्टी वाली सरकार कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) सामने झुक गई है और दोनों के बीच हिंसा रोकने के लिए एक सीक्रेट डील भी हुई है। इस डील के तहत पाकिस्तान सरकार ने टीएलपी के 860 कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया है, बदले में टीएलपी से मांग की गई है कि वह पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन को भी रोक देगा। पाकिस्तानी गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। विभाग की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि टीएलपी के 860 कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया गया है, इन्हें बीते दिनों हुई हिंसा के बाद हिरासत में लिया गया था। किसी भी कार्यकर्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था।

 

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