धान का कटोरा

नरवा विकास से जल-जंगल और जैव विविधता के संरक्षण को मिली मजबूती

झूठा सच @ रायपुर :- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वनांचल में राज्य शासन द्वारा चलाई जा रही नरवा विकास योजना से वनवासियों के उत्थान सहित वन संवर्धन के कार्यो को काफी मजबूती मिली है। साथ ही वनाश्रितों को आगे बढ़ने का बेहतर अवसर उपलब्ध हुआ है। वनक्षेत्रों में जल उपलब्धता की दृष्टि से नरवा विकास योजना वनवासियों के लिए संकटमोचक साबित होगी। इस योजना की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की जा रही है। मुख्यमंत्री बघेल आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैम्पा मद से नरवा विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 के लिए 392 करोड़ 26 लाख रूपए की स्वीकृत राशि के 37.99 लाख भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का भूमिपूजन के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इसके तहत राज्य के वनांचल स्थित एक हजार 962 नालों में भू-जल संरक्षण संबंधी विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इससे क्षेत्र के 8 लाख 17 हजार हेक्टेयर भूमि उपचारित होगी।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नरवा विकास योजना शासन की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो वनों के संरक्षण, भू-जल संवर्धन तथा जैव विविधता संरक्षण के साथ-साथ आदिवासियों, वनाश्रितों और किसानों के जीवन से सीधे जुड़ी हुई है। इस योजना के माध्यम से वनांचल में कृषि और वनोपज के उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में नरवा विकास योजना शुरू होने के बाद से अब तक बड़े पैमाने पर काम हो चुका है। यहां जल संरक्षण की दिशा में जो काम हो रहे हैं, इसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। नरवा विकास कार्यक्रम के शुरूआती चरण में वर्ष 2020 में बिलासपुर और सूरजपुर जिले को नेशनल वॉटर अवार्ड से नवाजा जा चुका है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोरोना संकट के समय नरवा विकास योजना भी वन क्षेत्रों के निवासियों के लिए बहुत मददगार साबित हुई। 

इस योजना के तहत बड़ी संख्या में वनवासियों को रोजगार मिलता रहा। आज नरवा विकास योजना के एक और चरण का शुभारंभ करते हुए मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है। कार्यक्रम को वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री  बघेल के कुशल निर्देशन में वन विभाग द्वारा वनों के विकास के साथ-साथ वनाश्रितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा विकास योजना के तहत वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं के निर्माण से वनांचल के 20 लाख हेक्टेयर भूमि उपचारित होगी। इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा संस्कृति मंत्री  अमरजीत भगत ने भी सम्बोधित करते हुए वनांचल में संचालित नरवा विकास योजना की सराहना की। कार्यक्रम में उद्योग मंत्रीबी कवासी लखमा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुकमा से जुड़े हुए थे।

गौरतलब है कि नरवा विकास योजना के तहत कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 के लिए 392 करोड़ 26 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसके अंतर्गत राज्य में 24 जिलों के 30 क्षेत्रीय वन मंडलो , 02 राष्ट्रीय उद्यानों, 02 टायगर रिजर्व, 01 सामाजिक वानिकी और 01 एलीफेंट रिजर्व में 01 हजार 962 नालों के 8.17 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्र में 37 लाख 99 हजार 26 संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।
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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने का न्यौता

झूठा सच @ रायपुर :- मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से गए प्रतिनिधिमंडल ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने का आमंत्रण दिया। विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और वहां के प्रशासनिक अधिकारियों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा रायपुर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आदिवासी संस्कृति को विश्व पटल पर लाने के प्रयासों और उद्देश्यों के बारे में भी बताया। छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधि मंडल ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने के लिए तमिलनाडु की पहाड़ी जनजातियों और सांस्कृतिक दलों को भी रायपुर भेजने का आग्रह किया


छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से तमिलनाडु गए प्रतिनिधिमंडल में धरसींवा की विधायक अनिता योगेन्द्र शर्मा, संचालक पशुपालन चंदन त्रिपाठी, संयुक्त कलेक्टर ऋषिकेश तिवारी, आदिम जाति कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त डॉ. रेशमा खान शामिल थीं।उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 28 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव तथा एक नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से दोनों कार्यक्रमों में बतौर अतिथि देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री एवं प्रशासक गणों को आमंत्रित किया जा रहा है। इसी सिलसिले में विधायक डॉ. धु्रव और  शर्मा ने मुख्यमंत्री  एम.के. स्टालिन से मुलाकात की |
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नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया ने गांव के चौक पर लगाई चौपाल

झूठा सच @ रायपुर :- नगरीय प्रशासन, विकास एवं श्रम मंत्री डॉं. शिवकुमार डहरिया ने अपने विधानसभा क्षेत्र आरंग में जनसम्पर्क के दौरान ग्राम खपरी (गुमा) में अचानक ग्रामीणों की समस्या जानने गांव के चौक में बैठकर उनकी समस्याओं से अवगत हुए। जैसे ही मंत्री जी के आने की खबर गांव वालों को हुई, उन्होंने अपना आवेदन प्रस्तुत कर मंत्री जी के समक्ष अपनी बातें रखीं। ग्रामीणों ने शौचालयों के निर्माण की स्वीकृति के बाद भी उसकी लंबित राशि नहीं मिलने के बारे मंत्री जी को अवगत कराया। मंत्री डॉ डहरिया ने तुरंत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत आरंग को संबंधित हितग्राहियों को राशि स्थानांतरित करने के निर्देश दिए।


वही भीड़ में उपस्थित कुछ युवा खिलाड़ियों ने भी कबड्डी मेट और क्रिकेट किट की मांग की। क्रिकेट किट के लिए तुरंत मंत्री जी द्वारा युवाओं को 10 हजार रूपये अनुदान दिया। उन्होंने युवाओं को अवगत कराया कि युवा खिलाड़ियों के लिए जरूरत के अनुसार कबड्डी मेट आरंग में निःशुल्क उपलब्ध करने की व्यवस्था की गई है। डॉ. डहरिया ने ग्रामीणों के सांथ दुर्गा पंडाल में माता के दर्शन कर आरंग वासियो और प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की।
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सिक्किम के संस्कृति मंत्री को राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने का आमंत्रण

झूठा सच @ रायपुर :-  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े और रामानुजगंज के विधायक  बृहस्पत सिंह ने सिक्किम के संस्कृति मंत्री समदुप लेप्चा से मुलाकात कर उन्हें आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होने का आमंत्रण दिया। उन्होंने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सिक्किम के जनजातियों और सांस्कृतिक दलों को भी रायपुर भेजने का आग्रह किया।  लेप्चा ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में आमंत्रित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया है। 

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 28 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव तथा एक नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की ओर से दोनों कार्यक्रमों में बतौर अतिथि देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री एवं प्रशासक गणों को आमंत्रित किया जा रहा है

राजवाड़े और विधायक सिंह ने लेप्चा और सिक्किम के प्रशासनिक अधिकारियों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा रायपुर में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी जनजातियों की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में विभिन्न जनजातियों की पुरातन संस्कृति को विश्व पटल पर स्थापित करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के उद्देश्य से आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

 

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की उच्च स्तरीय बैठक, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति में कोई बाधा नहीं

झूठा सच @ रायपुर :-  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों के लिए एसईसीएल द्वारा प्रतिदिन 29 हजार 500 मेट्रिक टन कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। एसईसीएल के सीएमडी ने इसके लिए सहमति दी है। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा के दौरान एसईसीएल के सीएमडी से कहा कि छत्तीसगढ़ की खदानों से कोयला निकालकर छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों को कोयले की आपूर्ति की जाती है। चूंकि छत्तीसगढ़ से कोयले का उत्पादन किया जा रहा है, इसलिए एसईसीएल द्वारा प्राथमिकता के आधार पर छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों को उनकी आवश्यकता के अनुसार अच्छी गुणवत्ता के कोयले की सप्लाई की जानी चाहिए। 

बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कम्पनियों के अध्यक्ष एवं विशेष सचिव ऊर्जा अंकित आनंद, एसईसीएल के सीएमडी अंबिका प्रसाद पांडा और दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के जीएम आलोक कुमार सहित राज्य विद्युत कम्पनियों के प्रबंध निदेशक उपस्थित थे। बैठक में एसईसीएल के सीएमडी ने छत्तीसगढ़ को प्रतिदिन प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों की आवश्यकता के अनुरूप 29 हजार 500 मेट्रिक टन कोयले की सप्लाई की जाएगी। साथ ही अच्छी गुणवत्ता का कोयले की भी आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण कोयले की गुणवत्ता प्रभावित होती है। वर्तमान में एसईसीएल द्वारा छत्तीसगढ़ को 23 हजार 290 मेट्रिक टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है। एसईसीएल के सीएमडी ने छत्तीसगढ़ के लिए इस मात्रा को बढ़ाकर 29 हजार 500 मेट्रिक टन करने की सहमति दी।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि रेल्वे द्वारा छत्तीसगढ़ को कोयले और चावल के लिए आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में रेल्वे रेक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जिस पर दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के जीएम ने इसके लिए सहमति दी।बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कम्पनियों के अध्यक्ष एवं विशेष सचिव ऊर्जा अंकित आनंद ने जानकारी दी कि वर्तमान में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र कोरबा ईस्ट में 3.8 दिवस का कोयला उपलब्ध है। इसी तरह हसदेव ताप विद्युत संयंत्र में कोरबा वेस्ट में 3.2 दिवस का कोयला तथा मड़वा ताप विद्युत संयंत्र में 7 दिनों की आवश्यकता का कोयला उपलब्ध है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण मानक के अनुसार 5 दिनों की आवश्यकता से कम कोयले की उपलब्धता को क्रिटिकल स्थिति माना जाता है। अब कोयले की आपूर्ति बढ़ने से छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों को पर्याप्त मात्रा में कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कम्पनियों के अध्यक्ष एवं विशेष सचिव ऊर्जा आनंद ने बैठक में बताया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश की बिजली की औसत डिमांड 3803 मेगावाट है, जिसके विरूद्ध बिजली की उपलब्धता 3810 मेगावाट है। प्रदेश में पीक समय में विद्युत की औसत डिमांड 4123 मेगावाट है, जिसके विरूद्ध बिजली कम्पनी द्वारा 4123 मेगावाट बिजली की औसत उपलब्धता बनाई रखी जा रही है। पीक समय में आवश्यकतानुसार 200 से 400 मेगावाट विद्युत क्रय लगातार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में एनटीपीसी की लारा (400 मेगावाट) एवं सीपत यूनिट (104 मेगावाट) तथा एनएसपीएल संयंत्र (25 मेगावाट) वार्षिक रखरखाव के कारण बंद है। इस कारण कुल 529 मेगावाट बिजली कम प्राप्त हो रही है। एनटीपीसी की लारा यूनिट 12 अक्टूबर से प्रारंभ होने की संभावना है। इस यूनिट के प्रारंभ होने पर एक्सचेंज से विद्युत क्रय की स्थिति लगभग नहीं रहेगी। एनटीपीसी सीपत संयंत्र 21 अक्टूबर तक प्रारंभ होने की संभावना है।
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गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में अधिकारियों की ली बैठक

झूठा सच @ रायपुर :- लोक निर्माण, गृह, जेल, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कल गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला प्रवास के दौरान सर्किट हाउस गौरेला मे गृह एवं लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने पुलिस अधीक्षक से जिले कानून व्यवस्था की जानकारी ली। मंत्री साहू ने बैठक में ईएनसी लोक निर्माण विभाग को दूरभाष से निर्देश दिए कि जिले के विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत संचालित कार्यों को गुणवत्तापूर्ण करवाये।

बैठक में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने जिले के पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल से जिले के थाना, चौकी, लाइन में हो रहे क्राइम, बल की उपलब्धता इत्यादि विषयों पर जानकारी ली। गृह मंत्री ने पुलिस अधीक्षक को बॉर्डर सीमा पर विशेष निगरानी रखते हुए जिले के आंतरिक क्षेत्रों में भी निगरानी रखे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले मे थाना, चौकी के क्षेत्रों का परिसीमन करने के निर्देश दिए जिससे जनता को लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने जिले में बल की कमी के लिए पुलिस अधीक्षक को आवश्यक जानकारी भेजे जाने के निर्देश दिए।

गृह मंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत ई श्रेणी पंजीयन के कितने कार्य प्रगतिरत है। कितनों को काम दिया गया है इत्यादि विषयों पर विस्तार से जानकारी ली है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप जिले में चल रहे विभिन्न कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी भी ली। गृह मंत्री ने कलेक्टर को समय-सीमा की बैठक में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत प्रगतिरत कार्यों सहित अन्य कार्यों की नियमित समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने जिले के ब्रिज निर्माण कार्य, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्य, एनएचवाय सहित अन्य कार्यों की विस्तार से जानकारी ली। बैठक में राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य अर्चना पार्तें, जिला कलेक्टर नम्रता गांधी, पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल सहित लोक निर्माण विभाग एवं पुलिस विभाग के विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।
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छोटे बच्चे प्रशिक्षण ले बन रहे आत्मनिर्भर

झूठा सच @ रायपुर /सूरजपुर : -  विश्रामपुर अयप्पा ग्राउंड में मार्शल आर्ट ताइक्वांडो क्लास में सूरजपुर जिले के बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें लगभग डेढ़ सौ बच्चे प्रशिक्षित हो रहे हैं। जिसमें ताइक्वांडो कोच ने बताया कि अयप्पा ग्राउण्ड में मार्शल आर्ट ताइक्वांडो क्लास में जिलें के बच्चों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण में स्टेप पंचिंग, किक, जे किक, ग्रुप प्रेक्टिस, राउंड किक, बेक किक, स्ट्रेचिंग, पुमसे आदि का अभ्यास कराया जा रहा है कृष्ण बच्चों के द्वारा उत्साह के साथ प्रशिक्षित हो रहे हैं इसी के साथ में लेकर डॉ. गौरव कुमार सिंह के दोनों सुपुत्रीयां यादु एवं बेबी जी उत्साह और जोश के साथ अनवरत चल रहे क्लास में उपस्थित होकर प्रशिक्षित हो रहे हैं। प्रशिक्षत के दौरान ताइक्वांडो क्लास प्रशिक्षक मद्नेश्वर कुमार, रवि राजू, सहित प्रशिक्षण लेने वाले सभी बच्चें व उनकेे अभिभावक भी शामिल रहते हैं।
 
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महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव सम्मान के लिए खिलाड़ियों से आवेदन आमंत्रित

  • चयनित खिलाड़ियों को एक लाख रूपए नगद के साथ अलंकरण फलक एवं प्रशस्ति पत्र से किया जाएगा सम्मानित

झूठा सच @ रायपुर :-  राज्य शासन द्वारा तीरंदाजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राज्य स्थापना दिवस के दिन 01 नवंबर को महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार के रूप में उन्हें  01 लाख रूपए नगद, अलंकरण फलक एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा। संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा सर्वोच्च खिलाड़ियों से महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव सम्मान 2021-22 के लिए अनुशंसाए आमंत्रित की गई है। अनुशंसाए जमा करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2021 निर्धारित है। इच्छुक खिलाड़ी अपना आवेदन खेल एवं युवा कल्याण, सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम, जी.ई. रोड, रायपुर अथवा खेल एवं युवा कल्याण के जिला कार्यालयों में निर्धारित तिथि में कार्यालयीन दिवस एवं समय पर प्रस्तुत कर सकते हैं।

खेल एवं युवा कल्याण संचालनालय से मिली जानकारी के अनुसार महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान ऐसे पात्र खिलाडियों को दिए जाएंगे जिन्होनें वर्ष 2020-21 में तीरंदाजी की राष्ट्रीय चौम्पियनशिप (सीनियर वर्ग) या राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ की ओर से भाग लेते हुए स्वर्ण, रजत या कास्य पदक प्राप्त किया हो या तीरंदाजी की अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया हो। यदि तीरंदाजी में उपरोक्त उपलब्धियों वाले खिलाड़ी किसी वर्ष में नहीं मिले तो उस वर्ष अन्य ऐसे खेल जिन्हे भारत सरकार युवा कार्य और खेल मंत्रालय राष्ट्रीय स्तर के खेल पुरस्कार हेतु विचार क्षेत्र में लेता है, के खिलाड़ियों को जिन्होंने उपरोक्तानुसार उपलब्धि प्राप्त की है, सम्मान हेतु चयन के लिए विचार में लिए जाएंगे। इस सम्मान के लिये उन खिलाड़ियों की उपलब्धियों पर विचार किया जाएगा, जो छत्तीसगढ़ का स्थानीय निवासी है या उपलब्धि एवं पुरस्कार वर्ष में छत्तीसगढ़ राज्य की किसी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्था में नियमित अध्ययनरत है या उपलब्धि एवं पुरस्कार वर्ष में छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय, अर्द्धशासकीय अथवा सार्वजनिक उपक्रम में निरंतर कार्यरत है। सम्मान हेतु वर्ष की गणना 01 अप्रैल से 31 मार्च तक होगी।

यह सम्मान विभाग के अन्य खेल पुरस्कारों के अलावा होगा जो खिलाड़ी को उसकी उपलब्धि के लिये दिया गया है, लेकिन तीरंदाजी में गुण्डाधुर सम्मान से अलंकृत खिलाड़ी इस सम्मान को प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होगे। यह सम्मान किसी खिलाड़ी को उसके जीवनकाल में केवल एक बार ही दिया जाएगा। यदि किसी खिलाड़ी या दल को उपलब्धि वर्ष या सम्मान वर्ष में मान्यता प्राप्त खेल संगठन द्वारा राज्य या राष्ट्रीय चौम्पियनशिप से निष्कासित किया गया तो उसे संबंधित वर्ष के लिए यह सम्मान प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी।महाराजा प्रवीरचंद भजदेव सम्मान के लिए उपरोक्त नियमों की विस्तृत जानकारी खेल विभाग के जिला स्तरीय कार्यालयों में भी देखा जा सकता है तथा निर्धारित प्रपत्र का प्रारूप प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा विभागीय वेबसाइट www.sportsyw.cg.gov.in  में आवेदन का प्रारूप प्राप्त किया जा सकता है।

 

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डौण्डीलोहारा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी

झूठा सच @रायपुर / बालोद : -  कलेक्टर जनमेजय महोबे ने डौण्डीलोहारा के जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  दीपक ठाकुर को कारण बताओ नोटिस जारी कर 13 अक्टूबर 2021 तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कारण बताओ सूचना पत्र में कहा है कि ग्राम पंचायत भेड़ी-लो के सरपंच द्वारा पत्र के माध्यम से ग्राम पंचायत में सचिव के स्थानांतरण करने की मांग की गई थी, जिसे आपके द्वारा बिना परीक्षण किए अनुचित भाषाशैली के साथ इस कार्यालय को प्रेषित किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय रायपुर द्वारा पंचायतकर्मियों की सेवा-शर्तों हेतु जारी मार्गदर्शिका के कण्डिका-8 पर स्थानांतरण के संबंध में जारी निर्देश के विपरीत आपके द्वारा ग्राम पंचायत भेड़ी-लो के ग्राम पंचायत सचिव हेमलता मानिकपुरी को जनपद पंचायत डौण्डीलोहारा में संलग्न किया गया है।

इसी प्रकार कार्यालय जिला पंचायत बालोद के पत्र द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बालोद को ग्राम पंचायत सचिवों के अवकाश एवं सेवा-निवृत्त के परिप्रेक्ष्य में जारी निर्देश का अनुचित उपयोग कर आपके द्वारा अनाधिकृत रूप से ग्राम पंचायत सचिवों का स्थानांतरण किया गया है। आपका उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 के विपरीत है। अतएव उपरोक्त के संबंध में कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर लिखित स्पष्टीकरण 13 अक्टूबर 2021 तक प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे। समयावधि में अथवा अनुपस्थिति की दशा में अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।  

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रायपुर एसपी ने नवरात्रि पंडालों का किया निरीक्षण

झूठा सच @ रायपुर :-   पुलिस अधीक्षक रायपुर प्रशांत अग्रवाल आज त्योहारों के दौरान शहर की यातायात व्यवस्था का निरीक्षण करने हेतु निकले। शहर में नवरात्रि हेतु लगाए गए पंडालों तथा मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए रायपुर पुलिस द्वारा यातायात व थाना के पुलिस बलो के माध्यम से सभी तरफ व्यवस्था लगाई गई है। पुलिस अधीक्षक रायपुर प्रशांत अग्रवाल आज अपने अधिकारियों के साथ शहर की यातायात व्यवस्था का निरीक्षण करने के तारतम्य में सबसे पहले कैलाशपुरी स्थित दुर्गा पंडाल पहुंचे तथा वहां पूजा-अर्चना में सम्मिलित होकर आयोजकों से यातायात व्यवस्था को लेकर चर्चा की तथा सभी के सुख समृद्धि की कामना की।

तदुपरांत लोहारचौक दुर्गापंडाल तथा लाखेनगर चौक आमापारा चौक की यातायात व्यवस्था का निरीक्षण करते हुए आजादचौक सदरबाजार एवं मालवीय रोड की बाजार व्यवस्था का निरीक्षण करते हुए शहर के मुख्य चौराहे जयस्तंभ चौक पर पहुंचे। वहां उन्होंने पैदल घुमकर चौक पर लगी यातायात व्यवस्था का अवलोकन किया तथा व्यवस्था में लगे अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। तदुपरांत मौदहापारा गुरुनानक चौक होते हुए पुलिस अधीक्षक महोदय ने स्टेशन रोड और फाफाडीह पंडरी एवं शंकर नगर चौक की व्यवस्था का निरीक्षण किया और तेलीबांधा मरीन ड्राइव स्थित अस्थाई चौकी पहुंचे वहां उन्होंने अधिकारियों के साथ चौकी में बैठकर यातायात व्यवस्था को लेकर चर्चा की। पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा जिले के समस्त पुलिस अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों को त्योहारों के दौरान शहर की है पर यातायात व्यवस्था केतु सभी व्यस्ततम मार्गो बाजारों एवं धार्मिक स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में बल लगाया गया है उनके साथ इस भ्रमण कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर तारकेश्वर पटेल व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायपुर पश्चिम आकाश राव गिरेपुन्जे उपस्थित रहे।
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भिलाई इस्पात संयंत्र में इस बार नियमित कर्मचारियों को मिलेगा दिवाली बोनस

झूठा सच @ रायपुर /भिलाई: - BSP समेत सेल की सभी इकाइयों में नियमित कर्मियों का दिवाली में बोनस तय हो चुका है। वहीं उत्पादन और निर्माण में बराबर की भागीदारी करने वाले ठेका श्रमिकों के लिए अब तक कोई पहल नहीं की गई है BSP प्रबंधन ने सर्कुलर जारी कर ठेकेदारों से कह दिया है कि साल 2020-2021 का बोनस 30 अक्टूबर से पहले ठेका मजदूरों को दे दिया गया है। मजदूर मांग कर रहे हैं कि जिस तरह से त्योहार से पहले नियमित कर्मियों को बोनस दिया जाता है, उसी तरह से ठेका मजदूरों को भी समय पर बोनस दिया जाए। इसके अलावा ठेकेदार पर अटेंडेंस में गड़बड़ी कर श्रमिकों के बोनस भुगतान में हर साल धांधली का आरोप लग रहा है।

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दशहरा पर्व को लेकर कलेक्टर ने जारी की गाइडलाइन

झूठा सच @ रायपुर / जांजगीर चांपा :- जिला दंडाधिकारी जितेंद्र कुमार शुक्ला ने कोरोना वायरस (कोविड-19) की तीसरी लहर की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु जिले में दशहरा पर्व / पुतला दहन के संबंध में दिशा-निर्देश प्रसारित किया है। जारी निर्देश के अनुसार पुतलों की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नही होनी चाहिए। दशहरा पर्व / पुतला दहन का आयोजन किसी बस्ती रहवासी इलाके में नहीं किया जायेगा। आयोजन खुले स्थान पर किया जा सकेगा। दशहरा पर्व / पुतला दहन कार्यक्रम में समिति के मुख्य पदाधिकारी सहित किसी भी हाल में 50 व्यक्तियों से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं होंगे। आयोजन के दौरान केवल पूजा करने वाले व्यक्ति ही शामिल होगें। अनावश्यक भीड़ एकत्रित न करने की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी। कार्यक्रम यथासंभव ऑनलाईन माध्यमों आदि से प्रसारण किया जाये। दशहरा पर्व / पुतला दहन के दौरान आयोजन का वीडियोग्राफी कराना होगा। आयोजक एक रजिस्टर संधारित करेंगे एवं दशहरा पर्व / पुतला दहन कार्यक्रम में आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जायेगा। ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। प्रत्येक समिति / आयोजक समय पूर्व सोशल मीडिया में यह जानकारी देगें कि कोविड-19, कोरोना वायरस को दृष्टिगत रखते हुए कार्यक्रम सीमित रूप से किया जायेगा।दशहरा पर्व / पुतला दहन स्थान में कही भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, बाजार मेला, स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण, पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। आयोजन में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति को सोशल / फिजिकल डिस्टेसिंग, मास्क लगाना एवं समय-समय पर सेनेटाईजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। दशहरा पर्व / रावण पुतला दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकतानुसारअनिवार्यतः बेरिकेटिंग कराया जायें।

आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार के वाद्ययंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे घुमाल, बैंड पार्टी बजाने की अनुमति नहीं होगी। दशहरा पर्व / रावण पुतला दहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त सजा-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। अनुमति उपरांत समिति द्वारा सैनेटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग ऑक्सीमीटर हेंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर कार्यक्रम में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति / आयोजकों की होगी। कार्यक्रम आयोजन के दौरान अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्यतः किरना होगा। आयोजन के दौरान यातायात नियमों का पालन करने। किसी प्रकार का यातायात बाधित न हो यह सुनिश्चित किया जाये। आयोजन के दौरान एन.जी.टी. व शासन के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिये निर्धारित मानकों, कोलाहल अधिनियम, भारत सरकार माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाना होगा, नियमों के उल्लंघन करने पर समिति / आयोजक जिम्मेदार होंगे।

कंटेनमेंट जोन में दशहरा पर्व / पुतला दहन की अनुमति नही होगी। यदि दशहरा पर्व / पुतला दहन कार्यक्रम के अनुमति के पश्चात् उपरोक्त क्षेत्र कटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है तो, तत्काल कार्यक्रम निरस्त माना जायेगा एवं कटेनमेंट जोन के समस्त निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। एक आयोजन स्थल से दूसरे आयोजन स्थल की दूरी 500 मीटर से कम नही होनी चाहिए। शर्तों के उल्लंघन अथवा किसी प्रकार के अव्यवस्था होने पर इसकी समस्त जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी जिनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। शर्तों के अधीन दशहरा पर्व / पुतला दहन कार्यक्रम आयोजन के लिये शहरी क्षेत्रों के लिये अनुविभागीय दण्डाधिकारी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिये तहसीलदार के कार्यालय में निर्धारित शपथ-पत्र मय आवेदन देना होगा एवं अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही दशहरा पर्व / पुतला दहन कार्यक्रम की अनुमति होगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। उक्त निर्देशों के उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकुल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जावेगी।
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स्थानीय टैलेंट, स्थानीय युवा और स्थानीय संसाधनों के उपयोग से तैयार हुआ विकास का छत्तीसगढ़ मॉडल : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

झूठा सच @ रायपुर :- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्थानीय टैलेंट, स्थानीय युवा और स्थानीय संसाधनों के उपयोग से हम विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल को और ज्यादा विस्तार देंगे। इससे छत्तीसगढ़ का हर क्षेत्र समृद्ध और खुशहाल होगा। मुख्यमंत्री आज प्रसारित मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 22 वीं कड़ी में जनता से 'जिला स्तर पर विशेष रणनीति से विकास की नई राह' विषय पर बातचीत कर रहे थे। इस विषय पर यह लोकवाणी की दूसरी कड़ी है। मुख्यमंत्री की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी का प्रसारण आज आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों में किया गया। बघेल ने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने में जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। डीएमएफ एवं मनरेगा से इसमें काफी मदद की जा सकती है। स्थानीय मौसम, मिट्टी और विशेषता को देखते हुए जिस तरह बीजापुर में मिर्ची की खेती का सपना साकार हो रहा है। वैसे ही अन्य जिलों में भी वहां की विशेषता के अनुसार बहुत से काम हो रहे हैं और इसमें बहुत बढ़ोत्तरी करने की संभावना है। जिला प्रशासन की पहल से अब जशपुर जिले में असम की तरह चाय के बागान दिखने लगे हैं। अबूझमाड़ में लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए गांवों का सर्वे कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी भाषा में अपने उद्बोधन की शुरूआत करते हुए प्रदेशवासियों को नवरात्रि, दशहरा, करवा चौथ, देवारी, गौरा-गौरी पूजा, मातर, गोवर्धन पूजा, छठ पर्व, भाई-दूज आदि त्यौहारों की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के चारों कोनो में देवी माई के बड़े-बड़े मंदिर है। दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी दाई, डोंगरगढ़ में बम्लेश्वरी दाई, रतनपुर में महामाया दाई, चंद्रपुर में चंद्रहासिनी दाई बिराजी हैं। नारी शक्ति के रूप में हम बेटियों की पूजा करते हैं और हमारे यहां कन्या भोज कराने की भी परंपरा है। उन्होंने कहा कि बेटियों और नारियों के प्रति सम्मान भाव के कारण हमारे यहां वर्ष में दो बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। बेटियों और नारियों के प्रति सम्मान का यह भाव हमें पूरी जिंदगी निभाना है। यहीं सही मायने में छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा है। हमें अपनी परंपरा और संस्कृति की शिक्षा से अपने जीवन में उतारना है। राज्य सरकार ने दाई-दीदी के अधिकार और उनके मान-सम्मान को बढ़ाने का प्रयास किया है।

नरवा योजना में 30 हजार नालों में होंगे जल संरक्षण और संवर्धन के कार्य

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की नरवा योजना के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि नरवा योजना के तहत प्रदेश के 30 हजार नालों में जल संरक्षण और संवर्धन का कार्य करने की शुरूआत की गई है। जिससे किसानों को पानी की चिंता से छुटकारा मिले। लोकवाणी में कोरबा जिले के ग्राम लबेद केटीकाराम राठिया ने बताया था कि उनके गांव के नाले पर बने बांध से अब लगभग साढ़े तीन सौ एकड़ में किसान धान और साग-सब्जी की खेती कर रहे हैं।  बघेल ने कहा कि लबेद गांव में 25 साल पहले मिट्टी का बांध बनाकर पानी रोका गया था। जिला प्रशासन ने अच्छी पहल करते हुए 2 करोड़ 34 लाख रूपए की लागत से इस बांध का वैज्ञानिक ढंग से पुनरोद्धार और नवनिर्माण का कार्य कराया, जिससे इस बांध की सिंचाई क्षमता दोगुनी हो गई है। पहले जहां 210 एकड़ में पानी पहुंच पाता था, अब 419 एकड़ तक पानी पहुंच रहा है। लबेद और गिद्धकुंवारी के लोगों को इसका लाभ मिलने लगा है। इस बांध से लगी 800 मीटर की अंडर ग्राउंड नगर बनाई गई है। जिससे पानी अंतिम छोर तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि लबेद जलाशय परियोजना की सफलता से अन्य जिलों के लोगों को प्रेरणा मिलेगी।

आईआईटी रूड़की के सहयोग से नारायणपुर जिले के 19 ग्रामों का प्रारंभिक नक्शा एवं अभिलेख तैयार

 बघेल ने कहा कि अबूझमाड़ को ठीक ढंग से बूझने की दिशा में हमने ठोस कार्यवाही शुरू कर दी है। जल्दी ही इसका लाभ जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगेगा। लोकवाणी में अबूझमाड़ के नारायणपुर जिले के सत्यनारायण ने बताया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में राजस्व भूमि के सर्वे के बाद गांवों के लोगों की जमीन का पट्टा बन गया है। अब वे लोग धान बेच रहे हैं। भूमि का समतलीकरण किया गया है और उन्हें राज्य शासन की अन्य योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। उन्होंने इसके लिए ग्रामवासियों की ओर से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री बघेल ने इस संबंध में कहा कि अबूझमाड़ का मतलब ऐसा वन क्षेत्र जिसे बूझा नहीं जा सकता। जब हमारी सरकार आई मुझे लगा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि प्रदेश का कोई क्षेत्र अबूझा रह जाए, जहां की आशाओं को समझने जनसुविधाओं और विकास की योजनाओं को पहुंचाने की कोई व्यवस्था ही न हो। उन्होंने कहा कि जब जांच कराई गई तो पता चला कि नारायणपुर जिले के ओरछा विकासखण्ड के 237 गांव और नारायणपुर विकासखंड के 9 गांव असर्वेक्षित हैं। जिसके कारण किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक ओरछा विकासखण्ड के चार तथा नारायणपुर विकासखण्ड के 9 गांवों का प्रारंभिक सर्वे पूर्ण कर उन्हें र्भुइंयां साफ्टवेयर के साथ जोड़ा गया है तथा छह अन्य ग्रामों का सर्वेक्षण कार्य प्रक्रिया में है। आईआईटी रूड़की के सहयोग से 19 ग्रामों का प्रारंभिक नक्शा एवं अभिलेख तैयार कराया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक प्रारंभिक अभिलेख अथवा मसाहती खसरा को आधार बनाकर कब्जेदार को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाए। ओरछा विकासखण्ड से 1 हजार 92 तथा नारायणपुर विकासखण्ड से 1 हजार 842 ग्रामीणों ने विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन दिए हैं। इन आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है।

जशपुर जिले के कांसाबेल, बालाछापर और गुटरी गांव में 60 एकड़ रकबे में चाय के बागान तैयार

बघेल ने जशपुर जिले में चाय की खेती से ग्रामीणों को मिल रहे लाभ का जिक्र करते हुए कहा कि असम की तरह अब जशपुर में भी चाय के बगान दिखने लगे हैं। इसके पीछे स्थानीय समुदाय की ताकत है। जशपुर जिले के चाय के बागान लोगों की आय का बड़ा जरिया बनेंगे। जशपुर विकासखण्ड के सारूडीह गांव में  चाय की खेती हो रही है। लोकवाणी में जशपुर निवासी अशोक तिर्की ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि जशपुर में चाय की खेती सफल हो सकती है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि संयुक्त वन प्रबंधन समिति सारूडीह के अंतर्गत स्व-सहायता समूह के अनुसूचित जनजाति के 16 परिवारों के सदस्यों से मिला जा सकता है, जिन्होंने जिला प्रशासन के मार्गदर्शन और अपनी मेहनत से 20 एकड़ क्षेत्र को चाय के बागान में बदल दिया है। यहां 20 एकड़ कृषि भूमि पर चाय का रोपण किया गया है। चाय रोपण के प्रबंधन एवं प्रसंस्करण में 2 महिला स्व-सहायता समूह जुड़े हैं। अब तो चाय रोपण से व्यापारिक स्तर पर ग्रीन टी एवं सी.टी.सी.टी का निर्माण किया जा रहा है। यहां निर्मित चाय की गुणवत्ता की जांच भी व्यावसायिक संस्थाओं से कराई गई है, जिसमें दोनों प्रकार की चाय को उत्तम गुणवत्ता का होना पाया गया है। इस चाय बागान में जैविक खेती को ही आधार बनाया गया है। इसके लिए हितग्राही परिवारों को उन्नत नस्ल का पशुधन भी उपलब्ध कराया गया है, जिससे उनको अतिरिक्त लाभ हो रहा है। इसी तरह मनोरा ब्लॉक में कांसाबेल, जशपुर ब्लॉक में बालाछापर और गुटरी में भी 60 एकड़ रकबे में चाय के बागान तैयार हो गए हैं।

डीएमएफ मद के सदुपयोग के चमत्कारिक नतीजे

कबीरधाम जिले के बंसत यादव ने डीएमएफ मद से किए जा रहे कार्याे की सफलता के बारे में मुख्यमंत्री से जानना चाहा। उन्होंने बताया कि कबीरधाम जिले में डीएमएफ मद से शिक्षित युवाओं को शाला संगवारी के रूप में रोजगार दिया जा रहा है। बाइक एम्बुलेंस तथा सुपोषण अभियान जैसे कामों में मदद की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमएफ की राशि वास्तव में उन क्षेत्रों की अमानत है, जहां खनन गतिविधियों के कारण पर्यावरण, स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षण, पोषण आदि गतिविधियों पर असर पड़ता है। मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने डीएमएफ की राशि के उपयोग के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए, जिससे इस राशि का उपयोग वास्तव में खनन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के विकास में, पुनर्वास में हो सके।  बघेल ने कहा कि इस मद की राशि से कबीरधाम जिले में 100 से अधिक शिक्षित युवाओं को शाला संगवारी के रूप में रोजगार दिया जा रहा है। ग्रामीण और वन क्षेत्रों में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में द्वितीय एएनएम के रूप में 80 से अधिक स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है। साथ ही डीएमएफ के माध्यम से बड़ी राशि अधोसंरचना विकास के लिए दी गई है। जिला अस्पताल को अपग्रेड किया जा रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सकों और हेल्थ स्टाफ की नियुक्ति की गई है। वन क्षेत्रों में बाईक एम्बुलेंस गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। कबीरधाम जिले में मातृत्व स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए मोटर बाइक एम्बुलेंस सेवा संचालित हो रही है। वन क्षेत्रों-जैसे दलदली, बोक्करखार, झलमला, कुकदूर, छीरपानी में इसका अच्छा असर हुआ है। इससे 2 हजार से अधिक गर्भवती माताओं को संस्थागत प्रसव कराने और उन्हें सुरक्षित घर छोड़ने में मदद मिली है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में डीएमएफ की राशि का उपयोग काफी कारगर साबित हुआ है। कुपोषित बच्चों को अतिरिक्त पौष्टिक आहार अंडा और केला देने की शुरुआत की गई। 1 से 3 वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्म भोजन दिया जा रहा है। जिले में 2019 के वजन तिहार के मुकाबले, वर्ष 2021 में कुपोषण की दर 19.56 प्रतिशत से घटकर 13 प्रतिशत हो गई है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। ऐसी ही रिपोर्ट हर जिले से मिल रही है। जिसके कारण प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या में 32 प्रतिशत की कमी आई है। हमें नई सोच और नए उपायों से छत्तीसगढ़ को पूर्णतः कुपोषण मुक्त राज्य बनाना है।

महिला समूहों का 13 करोड़ रूपए का कालातीत ऋण माफ

राजनांदगांव जिले के ग्राम मनगटा के प्रियंबिका स्व-सहायता समूह की रामेश्वरी साहू ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण महिलाओं की आय बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वे स्वयं गौठान में वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण सहित विभिन्न गतिविधियों से जुड़ी है। उनके गांव की 28 समूहों की 50 दीदियों ने रक्षा बंधन पर्व पर धान, बीज, गेहूं, चावल, बांस की राखियों का निर्माण किया था। ई-कॉमर्स पर लगभग दो लाख 30 हजार से अधिक राशि की 25 हजार से अधिक राखियों का देश-विदेश में ऑनलाईन व ऑफलाईन विक्रय किया गया। उन्होंने बताया कि हम लोगों द्वारा बनाई गई राखी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने अमेजान से मंगाकर आपको बांधी थी। उन्होंने कहा कि हम लोग द्वारा बनाई राखी पहनकर आपने हमारा मान-सम्मान बढ़ाया, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। मुख्यमंत्री  बघेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में महिला स्व-सहायता समूहों को मजबूत करने के लिए अनेक कदम उठाएं गए हैं। हमारी बहनों ने भी रोजगार मूलक कार्यों में दिलचस्पी दिखाई है। इसके साथ-साथ ही अपने गांव की सुरक्षा और कुरीतियों के खिलाफ जंग छेड़ने के साथ समूह की महिलाओं ने अनेक नवाचार किए हैं और अपने परिवार को स्वावलंबी बनाया है। तीजा-पोरा के अवसर पर महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा महिला कोष से लिए गए लगभग 13 करोड़ रूपए के कालातीत ऋण माफ किया गया। इससे अब वे नया ऋण ले सकेंगी। महिला कोष से महिला समूहों को दी जाने वाली राशि दो करोड़ रूपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रूपए कर दी गई है और ऋण सीमा को एक लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दिया गया है। इससे महिला समूहों को अपने कारोबार के विस्तार में कोई समस्या नहीं होगी। राजनांदगांव जिले के महिला समूहों द्वारा बनाई गई लगभग 22 हजार 480 राखियों का विक्रय ई-कॉमर्स के माध्यम से हुआ है। वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री भी ई-कॉमर्स पर करने की व्यवस्था की गई है, इससे महिला समूहों को नया बाजार मिलेगा।

जिलों में जनसमस्या निवारण की सुविधाजनक प्रणाली विकसित करें

सूरजपुर जिले की  गुरूचंदा ठाकुर ने सूरजपुर जिले में जनसमस्याओं के निवारण के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रारंभ किए गए जन संवाद कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी और गांव के अनेक लोगों की अनेक समस्याओं का समाधान इस नई व्यवस्था से हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि जिला स्तर पर की गई इस पहल का लाभ लोगों को मिल रहा है। आदिवासी अंचल और वन क्षेत्र होने के कारण आवागमन की दिक्कत भी है। जिसके कारण लोगों को सरकारी ऑफिस में पहुंचना कठिन होता है। सूरजपुर जिले में जन संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत कॉल सेंटर के माध्यम से जिला मुख्यालय में सभी विकासखण्ड मुख्यालयों की समस्याएं सुनी जाती हैं। फोन रिसीव किए जाते हैं और आवेदन की कापी व्हाट्सअप पर ली जाती है। ज्यादातर मामलों में 24 घंटे के भीतर समस्या का समाधान हो जाता है। कॉल सेंटर के माध्यम से राजस्व संबंधी सीमांकन, बटांकन, ऋण पुस्तिका, ऑनलाईन रिकार्ड आदि सारे काम हो रहे हैं। किसी को पेंशन में समस्या है, राशन कार्ड बनवाना है, नाम जुड़वाना है, सड़क, नाली, पुल-पुलिया, सामुदायिक भवन आदि की मांग है। पीडीएस दुकान, स्वास्थ्य केन्द्र के बारे में कुछ कहना है, जनपद में निर्माण संबंधी कार्यों के प्रस्ताव हों या भुगतान की समस्या। बिजली आपूर्ति को लेकर कोई शिकायत है। ऐसे सभी मामले इस प्रणाली से हल हो रहे हैं। मुझे खुशी है कि इस व्यवस्था से संतुष्ट लोग फोन करके जानकारी भी दे रहे हैं। इसीलिए मैंने पूरे प्रदेश में जिला प्रशासन को खुली छूट दी है कि वे मौलिक तरीके से या स्थानीय जरूरतों और विशेषताओं के अनुसार जनसमस्या निवारण की अपनी प्रणाली विकसित करें। ऐसे नवाचारों का खूब स्वागत है।

बीजापुर जिले के किसान मिर्ची की खेती से प्रति एकड़ कमाएंगे डेढ़ लाख रूपए

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध कराने और लोगों को आर्थिक मदद देने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का लोकवाणी में उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में खेती-किसानी और परंपरागत रोजगार के अवसरों को मजबूत करने के अनेक उपाए किए जा रहे हैं जिससे लोगों को आर्थिक मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी, लघु धान्य फसलें जिन्हें मिलेट्स कहा जाता है उनके उत्पादन और प्रसंस्करण की व्यवस्था, सिंचाई के लिए निःशुल्क पानी की व्यवस्था, कृषि ऋण माफी, सिंचाई कर माफी, पौनी-पसारी योजना जैसे अनेक कामों से गांव वालों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। हम हर समस्या का समाधान चाहते हैं।बीजापुर जिले के चंदूर गांव के देवर किष्टैया ने लोक वाणी में रिकॉर्ड किए गए संदेश के माध्यम से बताया कि गांव में बारहमासी रोजगार के अवसर नहीं होने के कारण अनेक ग्रामीण नदी पार तेलंगाना मिर्ची के खेतों में मिर्ची तोड़ाई के लिए जाते थे, लेकिन बचत नहीं हो पाती थी। नई सरकार आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा मिर्ची की खेती के लिए दिए गए सहयोग से अब चंदूर तथा पड़ोसी गांव कोत्तूर और तारलागुड़ा में मिर्ची की खेती की जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा बीज खाद, पंप, नलकूप, ड्रिप सिस्टम, मल्चिंग, विद्युत एवं फेंसिंग जैसी मूलभूत सुविधाएं निःशुल्क प्रदाय की गई है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजापुर जिले के चंदूर, तारलागुड़ा और कोत्तूर गांव में जिला प्रशासन द्वारा मिर्ची की खेती की जो पहल की गई है। इससे इन तीन गांवों में 155 एकड़ जमीन के स्वामी 78 किसान परिवारों को मिर्ची की खेती के लिए तैयार किया गया है। डीएमएफ एवं मनरेगा के माध्यम से खेतों की फेंसिंग, बीज, खाद, बोर, ड्रिप इरिगेशन, मल्चिंग एवं विद्युत आदि प्रारंभिक व्यवस्था करके नर्सरी तैयार कर ली गई है। इस तरह जो लोग पहले मूंग की खेती करके प्रति एकड़ लगभग 10 हजार रुपए कमाते थे, वे मिर्ची की खेती करके, एक से डेढ़ लाख रुपए तक प्रति एकड़ कमाएंगे। इसके अलावा मिर्ची तोड़ने के काम में स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार, बेहतर रोजी और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी, जिससे वे अपने गांव, अपने घर और अपने परिवार में रहते हुए काफी राशि बचा सकेंगे।
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नरवा विकास योजना : अचानकमार टाईगर रिजर्व के वन्यप्राणियों के रहवास सुधार में काफी मददगार

  • कैम्पा मद में 21 करोड़ रूपए की राशि से 16 हजार 675 भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का हो रहा निर्माण
झूठा सच @ रायपुर  :- अचानकमार टाईगर रिजर्व में नरवा विकास योजना के तहत भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण वन्यप्राणियों के रहवास सुधार आदि में काफी मद्दगार साबित हो रहा है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के कुशल मार्गदर्शन में वहां टाईगर रिजर्व में विगत दो वर्षों में 16 हजार 675 विभिन्न संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। इनमें से अब तक 13 हजार 424 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इनके निर्माण के लिए कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना 2019-20 तथा 2020-21 के अंतर्गत 21 करोड़ रूपए से अधिक की राशि स्वीकृत है।
 
इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि अचानकमार टाईगर रिजर्व लोरमी (बिलासपुर) में वर्ष 2019-20 के तहत दियाबार नाला, मनियारी नाला, जैनघाट नाला, रक्षाछाक नाला तथा सतबहिनया नाला और बेंदरी नाला में 9 करोड़ 72 लाख रूपए की स्वीकृत राशि से 6 हजार 678 संरचनाओं का निर्माण प्रगति पर है। इनमें से अब तक 5 हजार 850 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इसके तहत 5 हजार 104 लूज बोल्डर चेक डेम, 1155 ब्रशवुड चेक डेम,  125 गेबियन संरचना, 25 कन्टूर ट्रेच तथा 8 स्टॉप डेम का निर्माण किया जा रहा है।

इसी तरह वर्ष 2020-21 के भाग-एक के तहत चिरकापहाड़ नाला, कन्हैया नाला, गोई नाला, छोटे ठोड़ापानी नाला, बाघदुध नाला तथा सूखा नाला  और चकदा नाला में 8 करोड़ 70 लाख रूपए की स्वीकृत राशि से 7 हजार 35 संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इनमें अब तक 5 हजार 609 संरचनाओं का निर्माण पूर्ण हो गया है। इसके तहत 4 हजार 247 लूज बोल्डर चेक डेम, 2 हजार 420 ब्रशवुड चेक डेम, 48 कन्टूर ट्रेच, 4 स्टॉप डेम, 9 डबरी, 4 तालाब तथा 5 अरदन डेम आदि का निर्माण किया जा रहा है।

इसके अलावा वर्ष 2020-21 के भाग-दो के तहत अचानकमार टाईगर रिजर्व अंतर्गत बावापत्थरा नाला तथा बारझोरी नाला में 03 करोड़ रूपए की राशि से 02 हजार 962 भू-जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं का निर्माण जारी है। इनमें से अब तक 02 करोड़ 21 लाख रूपए की राशि व्यय कर 01 हजार 965 संरचनाओं को पूर्ण कर लिया गया है। इसके तहत 1641 लूज बोल्डर चेक डेम, 1298 ब्रशवुड चेक डेम, 02 पारकुलेशन टैंक, 01 स्टॉप डेम, 02 डबरी तथा 03 अरदन डेम आदि का निर्माण किया जा रहा है।

 

 

 

 

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज करेंगे गोधन न्याय योजना की राशि तथा तेन्दूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक का वितरण

झूठा सच @ रायपुर :- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 11 अक्टूबर को पूर्वान्ह 11.30 बजे से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य शासन की महत्वाकांक्षी 'गोधन न्याय योजना' के तहत हितग्राहियों के खाते में राशि का अंतरण करेंगे। मुख्यमंत्री बघेल इसके पश्चात् तेन्दूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक का वितरण और कैम्पा मद से संचालित नरवा विकास योजना के अंतर्गत भू-जल संरक्षण कार्यों का शुभारंभ करेंगे।
 
 
 
 

 

 

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रायपुर : अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मासूम बच्ची की मौत

झूठा सच @ रायपुर:-  तेज रफ्तार वाहन ने सड़क पार कर रही मासूम बच्ची को अपनी चपेट में ले लिया। गंभीर हालत में बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामला राजधानी रायपुर के मानाकैम्प थाना क्षेत्र के टेमरी चौके एक्सप्रेसवे का है। मिली जानकारी के अनुसार टमरी चौक एक्सप्रेसवे रोड पर तेज रफ्तार वाहन क्रमांक सीजी 04 एलयू 5193 का चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए कचरा फेककर सड़क पार कर रही मासूम बच्ची कंचन मानिकपुरी 5 वर्ष को अपनीे चपेट में ले लिया। वाहन की चपेट में आने से मासूम गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे तत्काल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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सिंहदेव ने ली स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण बैठक

झूठा सच @ रायपुर:- स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने निवास कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
इस बैठक में उन्होंने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की प्रगति एवं कार्ययोजना के विषय में जानकारी प्राप्त की, जिसमें टीबी नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे अभियान की जिलेवार समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए ग्राम-ग्राम तक स्वास्थ्य विभाग की टीम को जानकारी पहुँचाने के लिए कार्य करने होंगे।

 

 

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राजनांदगांव कलेक्टर ने डोंगरगढ़ जाने वाले पदयात्रियों को रोकने के लिए 4 जिलों को लिखा पत्र

  • कोविड-19 संक्रमण के मद्दे नजर 4 जिलों के कलेक्टर को लिखा पत्र 
झूठा सच @ रायपुर / राजनांदगांव : - कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए क्वांर नवरात्रि में मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ आने वाले पदयात्रियों को यात्रा के प्रारंभ में ही रोकने के लिए सर्व संबंधितों को आदेशित करने हेतु कलेक्टर जिला दुर्ग, बेमेतरा, कवर्धा एवं बालोद को पत्र लिखा है। कलेक्टर ने पत्र में लिखा है कि मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ में 7 से 15 अक्टूबर 2021 तक आयोजित क्वांर नवरात्रि के अवसर पर आयोजित मां बम्लेश्वरी की पदयात्रा एवं मेला व मीनाबाजार को एहतियातन इस वर्ष स्थगित किया है। राजनांदगांव जिले के अलावा अन्य जिले से बड़ी संख्या में पदयात्री मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने डोंगरगढ़ आते हैं। पदयात्रियों को पदयात्रा के प्रारंभ में ही सूचित कर रोका जाना आवश्यक है।
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