हिंदुस्तान

पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुंकार

  • बोले- प्रदेश में मची है चीख पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार
अलीपुरद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने टीएमसी को 'निर्मम सरकार' करार देते हुए कहा कि यह सरकार गरीबों और आम लोगों के हितों के खिलाफ काम कर रही है। पीएम मोदी ने यहां मंच से कहा कि बंगाल की जनता कह रही है कि 'मची है चीख पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार।'
पीएम मोदी ने मुर्शिदाबाद और मालदा की घटनाओं का जिक्र करते हुए टीएमसी सरकार के समय में प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए। जनसभा के दौरान मंच से पीएम मोदी ने अलीपुरद्वार और कूचबिहार में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। इस परियोजना से 2.5 लाख से अधिक घरों में पाइपलाइन के जरिए सस्ती और सुरक्षित गैस आपूर्ति होगी। इससे न केवल सिलेंडर खरीदने की परेशानी खत्म होगी, बल्कि परिवारों को स्वच्छ ऊर्जा भी मिलेगी। पीएम ने इसे सरकार की डोरस्टेप डिलीवरी का उदाहरण बताया।
आयुष्मान योजना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर में करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज मिल रहा है, जिसमें 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग भी शामिल हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार ने इस योजना को लागू नहीं होने दिया, जिसके कारण राज्य के लोग इस लाभ से वंचित हैं।
इसके अलावा, केंद्र सरकार की गरीबों को पक्का मकान देने की योजना का जिक्र करते हुए पीएम ने आरोप लगाया कि टीएमसी के लोग गरीबों से 'कट मनी' वसूल रहे हैं, जिसके कारण लाखों परिवारों को घर नहीं मिल पा रहा।
पीएम ने विश्वकर्मा योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के तहत देशभर में लाखों लोगों को प्रशिक्षण और आर्थिक मदद दी जा रही है। लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार ने आठ लाख आवेदनों को लटका रखा है, जिससे यह योजना भी यहां लागू नहीं हो पा रही।
पीएम ने टीएमसी सरकार पर शिक्षकों और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि टीएमसी शासनकाल में हजारों शिक्षकों का भविष्य बर्बाद हुआ और लाखों बच्चों के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया गया। पीएम ने टीएमसी पर अपनी गलतियां स्वीकार न करने और कोर्ट को दोषी ठहराने का भी आरोप लगाया।
पीएम ने कहा कि टीएमसी ने चाय बागान में काम करने वाले श्रमिकों को भी नहीं बख्शा। उनकी कमाई पर डाका डाला जा रहा है और दोषियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। पीएम ने कहा कि बंगाल का विकास भारत के भविष्य की नींव है। केंद्र सरकार ने राज्य के विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें दुर्गापुर एक्सप्रेसवे और श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह का आधुनिकीकरण शामिल है। उन्होंने बताया कि 2014 में देश में 14 करोड़ से कम एलपीजी कनेक्शन थे, जो अब बढ़कर 31 करोड़ से अधिक हो गए हैं। गैस वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के साथ-साथ वितरकों की संख्या भी दोगुनी हो गई है।
पीएम ने कहा कि विकसित भारत के लिए पश्चिम बंगाल का विकसित होना जरूरी है। इसके लिए बंगाल को ज्ञान और 'मेक इन इंडिया' का केंद्र बनाना होगा। केंद्र की भाजपा सरकार पूर्वोदय की नीति पर काम कर रही है और पिछले एक दशक में बंगाल के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
पीएम ने अलीपुरद्वार की सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्ता का जिक्र करते हुए कहा कि यह क्षेत्र भूटान की सीमा, असम, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार के गौरव से जुड़ा है। उन्होंने बंगाल को नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया।
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YouTuber ज्योति मल्होत्रा ​​का प्रतिनिधित्व करेंगे वकील कुमार मुकेश

  • 9 जून को होगी सुनवाई
हिसार। भारत के खिलाफ जासूसी करने की आरोपी यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​​को वकील मिल गया है। वकील कुमार मुकेश, जो हरियाणा के हिसार जिला न्यायालय में ज्योति के मामले की पैरवी करेंगे। वकील ने अदालत में आरोपी का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपना अधिकार पत्र प्रस्तुत किया। ज्योति के मामले की पहली सुनवाई 9 जून को हिसार अदालत में होगी। मुकेश ने बताया कि जेल में बंद ज्योति ने वकालतनामा (वकील का नाम) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और वे जमानत की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। वकील के अनुसार, अभी दस्तावेजों की प्रति नहीं मिली है और दस्तावेज मिलने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन में पूरे मामले का अध्ययन करने के बाद जमानत याचिका दायर कर दी जाएगी।
ज्योति के पिता हरीश मल्होत्रा ​​ने केस लड़ने के लिए कुमार मुकेश से संपर्क किया था; उस समय वकालतनामे पर हस्ताक्षर नहीं हो सके थे। वकील ने कहा कि ज्योति ने अपने यूट्यूब चैनल के लिए अलग-अलग जगहों पर वीडियो बनाए हैं और वीजा लेकर विदेश भी गई है।26 मई को अदालत ने ज्योति को चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
यूट्यूबर को कथित रूप से संवेदनशील जानकारी साझा करने और एक पाकिस्तानी नागरिक के साथ लगातार संपर्क में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
उसने कथित तौर पर दिल्ली में एक पाकिस्तानी अधिकारी अहसान-उर-रहीम से मुलाकात की, दो बार पाकिस्तान की यात्रा की और संवेदनशील जानकारी साझा की। प्रारंभिक जांच के दौरान, महिला ने पुलिस को बताया कि वह 2023 में वीजा के लिए आवेदन करने के लिए दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग गई थी और अहसान-उर-रहीम उर्फ ​​दानिश नामक व्यक्ति से मिली थी।
उसकी गिरफ़्तारी के बाद, सीआईडी ​​क्राइम ब्रांच के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सार्थक सारंगी ने कहा कि तथ्यों की पुष्टि की जा रही है। "हमें अभी जानकारी मिली है कि यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​​ने पुरी के जगन्नाथ मंदिर का दौरा किया और इंस्टाग्राम पर इसके बारे में एक वीडियो पोस्ट किया। उसने चिल्का और कोणार्क का भी दौरा किया। वह ओडिशा के एक यूट्यूबर के संपर्क में थी। हम सभी तथ्यों की पुष्टि कर रहे हैं। हम ज्योति मल्होत्रा ​​के बारे में हरियाणा में अपने समकक्षों के संपर्क में हैं ," पुलिस अधिकारी ने कहा।
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प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल के जिलों के लिए सिटी गैस वितरण परियोजना की आधारशिला रखी

अलीपुरद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार और कूच बिहार जिलों में सिटी गैस वितरण परियोजना की आधारशिला रखी। 1010 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली इस परियोजना का उद्देश्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम कार्य कार्यक्रम (एमडब्ल्यूपी) लक्ष्यों के अनुरूप लगभग 19 सीएनजी स्टेशन स्थापित करके 2.5 लाख से अधिक घरों, 100 से अधिक वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और उद्योगों को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) और वाहनों के लिए संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) उपलब्ध कराना है।
कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ सालों में ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। "आज हमारा देश ऊर्जा आधारित अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ रहा है... शहरी गैस वितरण नेटवर्क 5,520 से अधिक जिलों तक पहुंच चुका है... सीएनजी ने परिवहन में भी बदलाव लाया है। प्रदूषण कम हो रहा है। इसलिए लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है और उनकी जेब पर बोझ कम हो रहा है... आज देश में 31 करोड़ से अधिक लोगों के पास एलपीजी कनेक्शन हैं। हर घर में गैस पहुंचाने का सपना अब पूरा हो रहा है। इसके लिए हमारी सरकार ने दुनिया के हर कोने में गैस वितरण नेटवर्क को मजबूत किया है।"
उन्होंने कहा, "आप सभी ऊर्जा गंगा गैस पाइपलाइन परियोजना से परिचित हैं। यह परियोजना गैस आधारित अर्थव्यवस्था में एक क्रांतिकारी कदम है। इस नीति के तहत पूर्वी भारत को गैस पाइपलाइन से जोड़ा गया है... भारत सरकार के इन सभी प्रयासों से रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं... इससे गैस आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिला है। अब हम ऐसे भारत की ओर बढ़ रहे हैं जहां ऊर्जा सस्ती, स्वच्छ और सभी के लिए आसानी से उपलब्ध हो।" प्रधानमंत्री मोदी शाम को बिहार पहुंचेंगे और कल उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे। (एएनआई)
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पीओके भारत का हिस्सा है, यह स्वेच्छा से हमारी मुख्यधारा में वापस आएगा : रक्षा मंत्री

  • रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की सफलता के लिए मेक-इन-इंडिया की सराहना की
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की सफलता के लिए मेक-इन-इंडिया की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में रहने वाले लोग भारत के अपने हैं और एक दिन वे निश्चित रूप से मुख्यधारा में वापस आएंगे।
राजनाथ सिंह ने उद्योग जगत के दिग्गजों से कहा, "मेक-इन-इंडिया हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा में एक आवश्यक घटक है और इसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रभावी कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) कार्यक्रम निष्पादन मॉडल के माध्यम से निजी क्षेत्र को पहली बार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ एक मेगा रक्षा परियोजना में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जिससे स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को और मजबूती मिलेगी।
वे आज नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सिंह ने भारत में 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने के लिए एएमसीए कार्यक्रम के निष्पादन मॉडल को एक साहसिक और निर्णायक कदम बताया, जो घरेलू एयरोस्पेस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। उन्होंने कहा, "एएमसीए परियोजना के तहत, पांच प्रोटोटाइप विकसित करने की योजना है, जिसके बाद श्रृंखलाबद्ध उत्पादन किया जाएगा। यह मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।"
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मेक-इन-इंडिया की सफलता पर प्रकाश डालते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर देश ने अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मजबूत नहीं किया होता तो भारतीय सशस्त्र बल पाकिस्तान और पीओके में आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाते। रक्षा मंत्री ने मेक-इन-इंडिया को सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वदेशी प्रणालियों के उपयोग ने साबित कर दिया है कि भारत में दुश्मन के किसी भी कवच ​​को भेदने की शक्ति है।
उन्होंने कहा, "हमने आतंकी ठिकानों और फिर सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया। हम और भी बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन हमने शक्ति और संयम के समन्वय का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया।" राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति और प्रतिक्रिया को फिर से तैयार और परिभाषित किया है और पाकिस्तान को एहसास हो गया है कि आतंकवाद का कारोबार चलाना लागत प्रभावी नहीं है, बल्कि उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने जुड़ाव और बातचीत के दायरे को फिर से निर्धारित किया है और अब बातचीत केवल आतंकवाद और पीओके पर होगी। राजनाथ ने फिर से स्पष्ट किया कि पीओके भारत का हिस्सा है और भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग हुए लोग जल्द या बाद में स्वेच्छा से भारत लौट आएंगे।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार एक भारत श्रेष्ठ भारत के अपने संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध है। पीओके के अधिकांश लोगों का भारत के साथ गहरा संबंध है। केवल कुछ ही लोग हैं जिन्हें गुमराह किया गया है।" रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने नीतिगत स्पष्टता, स्वदेशीकरण, आर्थिक लचीलापन और रणनीतिक स्वायत्तता को प्राथमिकता दी है और इन प्रयासों की सफलता तभी सुनिश्चित हो सकती है जब इनोवेटर्स, उद्यमियों और निर्माताओं सहित सभी हितधारक इस राष्ट्रीय मिशन में मजबूत भागीदार बनें।
उन्होंने कहा, "अगर कंपनी के हितों की रक्षा करना आपका कर्म है, तो राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना आपका धर्म है।" सम्मेलन की थीम 'विश्वास निर्माण और भारत प्रथम' पर अपने विचार साझा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
उन्होंने कहा, "यह केवल अर्थव्यवस्था के आकार में वृद्धि का मामला नहीं है; यह भारत में दुनिया के लगातार बढ़ते भरोसे और खुद पर उसके भरोसे के बारे में भी है। आज भारत रक्षा प्रौद्योगिकी का सिर्फ उपभोक्ता ही नहीं है, बल्कि एक उत्पादक और निर्यातक भी बन गया है। जब दुनिया उच्च-स्तरीय रक्षा प्रणालियों के लिए हमसे संपर्क करती है, तो यह केवल बाजार का संकेत नहीं है, यह हमारी क्षमता के लिए सम्मान है।" रक्षा मंत्रालय के आधिकारिक बयान के अनुसार, रक्षा मंत्री ने पिछले दशक में सरकार द्वारा की गई पहलों के कारण हासिल की गई उपलब्धियों को गिनाते हुए भारत की विकास यात्रा में रक्षा क्षेत्र द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
राजनाथ सिंह ने कहा, "10-11 साल पहले, हमारा रक्षा उत्पादन लगभग 43,000 करोड़ रुपये था। आज यह 1,46,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है, जिसमें निजी क्षेत्र का योगदान 32,000 करोड़ रुपये से अधिक है। हमारा रक्षा निर्यात, जो 10 साल पहले लगभग 600-700 करोड़ रुपये था, आज 24,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है। हमारे हथियार, सिस्टम, सब-सिस्टम, घटक और सेवाएं लगभग 100 देशों तक पहुंच रही हैं। रक्षा क्षेत्र से जुड़े 16,000 से अधिक एमएसएमई आपूर्ति श्रृंखला की रीढ़ बन गए हैं। ये कंपनियां न केवल हमारी आत्मनिर्भरता की यात्रा को मजबूत कर रही हैं, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी दे रही हैं।"
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पहलगाम की घटना मानवता और भाईचारे पर हमला है : PM मोदी

बागडोगरा। पर्यटन को विविधता का उत्सव बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों के साथ जो हुआ, वह "मानवता" और "भाईचारे" पर हमला है। पश्चिम बंगाल के बागडोगरा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए "सिक्किम@50: जहां प्रगति उद्देश्य से मिलती है और प्रकृति विकास को पोषित करती है" कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा, "सिक्किम के सभी लोग पर्यटन की ताकत को अच्छी तरह समझते हैं। पर्यटन सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं है, बल्कि विविधता का उत्सव भी है। लेकिन पहलगाम में आतंकवादियों ने जो किया, वह सिर्फ भारत पर हमला नहीं था, बल्कि मानवता और भाईचारे पर हमला था। आतंकवादियों ने भारत के कई परिवारों की खुशियाँ छीन लीं। उन्होंने भारत को विभाजित करने की भी साजिश रची। लेकिन पूरी दुनिया देख रही है कि भारत पहले से कहीं ज्यादा एकजुट है... हमने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए एकजुट होकर आतंकवादियों को करारा जवाब दिया। जब हमने उनके आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया, तो पाकिस्तान ने बौखलाहट में हमारे नागरिकों और सेना पर हमला कर दिया।
इससे पाकिस्तान की पोल खुल गई। उनके कई एयरबेसों को नष्ट करके हमने उन्हें दिखा दिया कि भारत कितनी सटीकता और तेजी से कार्रवाई कर सकता है।" प्रधानमंत्री ने कहा, "सिक्किम ने 50 साल पहले अपने लिए एक लोकतांत्रिक भविष्य तय किया था...सिक्किम के लोगों का मानना ​​था कि जब सबकी आवाज सुनी जाएगी और सबके अधिकारों की रक्षा की जाएगी, तो सभी को प्रगति के समान अवसर मिलेंगे। आज मैं कह सकता हूं कि सिक्किम के हर परिवार का विश्वास मजबूत हुआ है। पिछले 50 सालों में सिक्किम प्रकृति और प्रगति का एक मॉडल बन गया है। इन 50 सालों में सिक्किम से ऐसे सितारे निकले हैं जिन्होंने भारत के आसमान को रोशन किया है।"
उन्होंने आगे बताया कि विकसित भारत चार मजबूत स्तंभों- गरीब, किसान, महिला और युवा पर आधारित होगा। उन्होंने सिक्किम के किसानों के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे कृषि के नए चलन में सबसे आगे बताया। उन्होंने कहा, "विकसित भारत का निर्माण चार मजबूत स्तंभों पर होगा: गरीब, किसान, महिलाएं और युवा... आज के अवसर पर मैं सिक्किम के किसानों के प्रति खुले दिल से आभार व्यक्त करना चाहता हूं। देश आज कृषि के जिस नए चलन की ओर बढ़ रहा है, उसमें सिक्किम सबसे आगे है... सिक्किम की जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार सिक्किम में देश का पहला जैविक मत्स्य पालन क्लस्टर बना रही है... इससे सिक्किम के युवाओं के लिए नए अवसर पैदा होंगे।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान मैंने कहा था कि हर राज्य को ऐसे पर्यटन स्थल विकसित करने चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें। सिक्किम के लिए अब वैश्विक पर्यटन स्थल बनने का समय आ गया है... सिक्किम में साहसिक और खेल पर्यटन की भी अपार संभावनाएं हैं... हमारा सपना सिक्किम को सम्मेलनों, स्वास्थ्य और संगीत पर्यटन का केंद्र बनाना है... मैं चाहता हूं कि दुनिया के सबसे बड़े कलाकार गंगटोक की घाटियों में प्रस्तुति दें। हमने सिक्किम में जी-20 बैठकें आयोजित कीं ताकि दुनिया राज्य की क्षमता को समझ सके। मुझे खुशी है कि सिक्किम में एनडीए सरकार इस विजन को साकार कर रही है।"
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, प्रधानमंत्री 29 और 30 मई को पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश का भी दौरा करेंगे, जहां वे 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। पीएम मोदी पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश का भी दौरा करेंगे। अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। (एएनआई)
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एक्ट ईस्ट संकल्प पर एक्ट फास्ट दृष्टिकोण के साथ काम किया जा रहा : PM मोदी

गंगटोक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिक्किम के राज्य बनने की 50वीं वर्षगांठ के समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और ‘एक्ट फास्ट’ दृष्टिकोण के जरिए पूरे देश के संतुलित विकास के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
'सिक्किमएट50: जहां प्रगति उद्देश्य से मिलती है और प्रकृति विकास को पोषित करती है' कार्यक्रम में पीएम मोदी वर्चुअली शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल संबोधन में कहा, "50 साल पहले सिक्किम ने अपने लिए एक लोकतांत्रिक भविष्य चुना। अपनी खास भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ, सिक्किम के लोगों ने भारतीय भावना को अपनाया। उनका विश्वास था कि जब हर आवाज़ सुनी जाएगी और हर अधिकार की रक्षा होगी, तो सभी को विकास के समान मौके मिलेंगे। आज मैं कह सकता हूं कि सिक्किम के हर परिवार का भरोसा लगातार मजबूत हुआ है और देश ने सिक्किम की प्रगति के अच्छे नतीजे देखे हैं।"
राज्य के संतुलित विकास की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, "50 वर्षों में सिक्किम प्रकृति के साथ प्रगति का मॉडल बना। 100 फीसदी आर्गेनिक स्टेट बना। सिक्किम देश के उन राज्यों में है, जहां प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है। ये उपलब्धियां आपके सामर्थ्य से हासिल हुई। सिक्किम आज देश का गर्व है। "
'सबका साथ, सबका विकास' के एजेंडे का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "जब मैं 2014 में पहली बार सरकार में आया था, तो मैंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया था। भारत को विकसित बनाने के लिए हर राज्य और क्षेत्र का संतुलित विकास जरूरी है। हर राज्य और क्षेत्र की अपनी खासियत है। इसलिए हमारी सरकार ने खासतौर पर उत्तर पूर्वी भारत को विकास के केंद्र में रखा है। हम ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के साथ ‘एक्ट फास्ट’ दृष्टिकोण से काम कर रहे हैं।"
प्रधानमंत्री ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "कुछ दिन पहले ही दिल्ली में नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टमेंट समिट हुई। देश के बड़े बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट शामिल हुए। सिक्किम समेत नॉर्थ ईस्ट में इन्वेस्टमेंट की घोषणा की। पिछले पचास वर्षों में सिक्किम सतत विकास और पर्यावरण के प्रति जागरूक शासन का एक उदाहरण बन गया है, जिसने अपनी हरित पहलों और पर्यावरण नेतृत्व के लिए खूब तारीफ पाई है।"
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प्रगति बैठक में 62,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा की : पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बुधवार को हुई प्रगति बैठक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बैठक में 62,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा की गई थी।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा, "कल प्रगति बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें 62,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जो सड़क, बिजली, जल संसाधन, सेमीकंडक्टर जैसे विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं। सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया गया। रेरा से जुड़ी शिकायतों पर भी चर्चा हुई। घर खरीदने वालों के लिए न्याय सुनिश्चित करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रगति बैठक की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री ने 62,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले तीन प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की, जो सड़क परिवहन, बिजली और जल संसाधन क्षेत्रों से संबंधित हैं और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित हैं।
इन परियोजनाओं के रणनीतिक महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कार्यान्वयन की बाधाओं को दूर करने और समय पर पूरा करने के लिए ठोस प्रयासों का आह्वान किया। इस बैठक में प्रधानमंत्री ने दोहराया कि ऐसी देरी न केवल लागत बढ़ाती है, बल्कि नागरिकों को आवश्यक सेवाओं और बुनियादी ढांचे से वंचित करती है। उन्होंने सभी हितधारकों से दक्षता और जवाबदेही को प्राथमिकता देने का आग्रह किया, यह जोर देते हुए कि समय पर डिलीवरी सामाजिक-आर्थिक परिणामों को अधिकतम करने के लिए महत्वपूर्ण है।
रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) से जुड़ी जन शिकायतों की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री ने घर खरीदारों के लिए न्याय और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने राज्य सरकारों से रेरा अधिनियम के तहत सभी पात्र रियल एस्टेट परियोजनाओं का अनिवार्य पंजीकरण सुनिश्चित करने को कहा। प्रधानमंत्री ने रियल एस्टेट बाजार में विश्वास बहाल करने के लिए रेरा प्रावधानों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
 
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मोदी सरकार के पांच बड़े फैसले: किसानों को मिली सौगात

  • खरीफ की फसलों की एमएसपी 50% बढ़ाई
नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। सरकार ने किसानों को सौगात देते हुए, एमएसपी में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। पिछले 10-11 वर्षों में खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में भारी बढ़ोतरी की गई है। खरीफ विपणन सीजन 2025-26 के लिए एमएसपी को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई है। कुल राशि लगभग 2,07,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी
सरकार ने बुधवार को 2025-26 खरीफ विपणन सत्र के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3 प्रतिशत बढ़ाकर 2,369 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने इस संबंध में निर्णय लिया। आगामी फसल वर्ष 2025-26 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र के लिए सामान्य और ए ग्रेड धान की किस्मों का समर्थन मूल्य 69 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर क्रमश: 2,369 रुपये और 2,389 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। 
दालों में अरहर का समर्थन मूल्य 450 रुपये बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि उड़द का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 7,800 रुपये प्रति क्विंटल और मूंग का एमएसपी 86 रुपये बढ़ाकर 8768 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। 
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। पिछले वर्ष की तुलना में एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि नाइजरसीड के लिए की गई है, इसके बाद रागी, कपास और तिल का स्थान आता है।
2025-26 के लिए खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की बात कही गई है।
ऋण की ब्याजदरों को लेकर भी फैसला
किसानों के लिए ब्याज सहायता (15,642 करोड़ रुपये) किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को कार्यशील पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। किसानों को बागवानी सहित फसलों के लिए तीन लाख रुपये तक और संबद्ध गतिविधियों के लिए दो लाख रुपये तक का ऋण 7% प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर पर मिलता है। 
बडवेल नेल्लोर फोर-लेन हाईवे को मंजूरी
यह हाईवे  बडवेल-गोपरावम गांव (NH-67) से लेकर गुरुविंदापुडी (NH-16) तक बनेगा। इसकी कुल लंबाई: 108.134 किलोमीटर होगी। इस फोर लेन बनाने की  कुल अनुमानित लागत: 3653.10 करोड़ रुपये आंकी गई है। बडवेल-नेल्लोर कॉरिडोर आंध्र प्रदेश के तीन प्रमुख औद्योगिक कॉरिडोरों से कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा। यह कॉरिडोर कृष्णपट्टनम पोर्ट तक की यात्रा दूरी को 142 किमी से घटाकर 108.13 किमी कर देगा। परियोजना के माध्यम से लगभग 20 लाख मानव-दिनों का प्रत्यक्ष रोजगार और 23 लाख मानव-दिनों का अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होगा।
कैबिनेट ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भारतीय रेलवे में दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी
कैबिनेट ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दो मल्टि-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं में शामिल हैं:
रतलाम-नागदा तीसरी और चौथी लाइन
वर्धा-बल्लारशा चौथी लाइन
परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत ₹3,399 करोड़ है। इन रेल लाइनों का कार्य 2029-30 तक पूर्ण किया जाएगा। भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 176 किमी की वृद्धि होगी। लगभग 784 गांवों में 19.74 लाख की जनसंख्या को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। निर्माण के दौरान लगभग 74 लाख मानव-दिनों का प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इससे यात्रा में सुविधा, लॉजिस्टिक लागत में कमी, तेल आयात में गिरावट और CO₂ उत्सर्जन में कमी में सहायता मिलेगी।
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पाकिस्तान से सटे बॉर्डर इलाकों में कल से फिर होगी बड़ी मॉक ड्रिल

  • सरकार ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में मॉक ड्रिल करने का दिया आदेश, पाकिस्तान में खलबली
नई दिल्ली। पाकिस्तान से सटे राज्यों में गुरुवार शाम को मॉक ड्रिल होगी. ये मॉक ड्रिल गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू कश्मीर में होगी. इस दौरान लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी जाएगी.
सरकार ने 4 राज्यों- जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है. इन 4 राज्यों की सीमा ही पाकिस्तान से लगती है. भारत और पाकिस्तान के बीच 3,300 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा है. जम्मू-कश्मीर से लगने वाली सीमा को नियंत्रण रेखा यानी LoC कहा जाता है. जबकि, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से लगनी वाली सीमा अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) कहलाती है.
इससे पहले भी केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल करने का ऐलान किया था. लेकिन 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया था, जिसमें कई आतंकवादी मारे गए थे. लेकिन पाकिस्तान के 12 और आतंकी ठिकानों की लिस्ट तैयार है. पीओके से लेकर पाकिस्तान के अंदर तक आतंक की जड़ों को खत्म करने का ऑपरेशन चल रहा है.
भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान खौफजदा है. पूरा मुल्क दहशत से भर गया है. इस बीच पाकिस्तान को ऑपरेशन सिदूर की तरह एक और ऑपरेशन का डर सताए जा रहा है. भारत ने अभी सिर्फ नौ आतंकी अड्डों पर एयरस्ट्राइक किया है. ऐसे में पाकिस्तान में मौजूद 12 और आतंकी कैंपों को टारगेट किया जा सकता है.
इससे पहले भारत ने साफ कर दिया था कि आतंकवाद की बची-खुची जमीन को भी खत्म किया जाएगा. इसके लिए भारत की तैयारी पूरी है. भारत के सीमावर्ती इलाकों में एयर डिफेंस सिस्टम अलर्ट पर है. पाकिस्तान की बौखलाहट और एलओसी पर उसकी फायरिंग को देखते सेना ने कश्मीर के 10 जिलों में कंट्रोल सेंटर बनाए हैं.
बता दें कि आतंक की कमर तोड़ने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी. भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पीओके के जिन नौ आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई थी, उनमें बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, भिंबर, चाक अमरू, बाग, कोटली, सियालकोट और मुजफ्फराबाद है. बहावलपुर में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर और मुदिरके में लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर को निशाना बनाया गया.
22 अप्रैल को हुए पहलगाम अटैक का बदला लेने के लिए भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. करीब 25 मिनट तक चले इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और Pok में बने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के ठिकानों को उड़ा दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया था कि इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं.
भारत के इस ऑपरेशन से बौखलाकर पाकिस्तान की सेना ने भारत पर हमला कर दिया था. पाकिस्तान की सेना ने भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों पर ड्रोन से हमला करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था. 7 से 10 मई तक 4 दिन तक चले सैन्य टकराव के बाद पाकिस्तान के अनुरोध पर 10 मई को सीजफायर हो गया था.
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सेनाध्यक्ष ने किया स्वदेशी मानव रहित विमान प्रणाली व लुटरिंग म्यूनिशन्स का मुआयना

नई दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने स्वदेशी तकनीक से विकसित यूएएस (मानव रहित विमान प्रणाली), काउंटर-यूएएस और लुटरिंग म्यूनिशन्स का मुआयना किया है। गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार भारत में निर्मित ‘लुटरिंग म्यूनिशन्स’ ड्रोन का युद्ध में प्रयोग हुआ। भारतीय सेना के इस आधुनिक व आत्मघाती ड्रोन ने कई सेक्टरों में एक साथ हमले किए थे। इन ड्रोन हमलों में दुश्मन की सेना को काफी नुकसान पहुंचा था।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी 27 मई को झांसी के निकट स्थित बबीना फील्ड फायरिंग रेंज पहुंचे थे। यहां उन्होंने स्वदेशी तकनीक से विकसित यूएएस (मानव रहित विमान प्रणाली), काउंटर-यूएएस और लुटरिंग म्यूनिशन्स का प्रदर्शन देखा। इस मौके पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय रक्षा उद्योग से जुड़ी कंपनियों द्वारा उन्नत स्वदेशी तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। इन प्रणालियों को सेना की युद्ध क्षमता बढ़ाने, बल सुरक्षा सुनिश्चित करने और लक्ष्यों पर सटीक हमले के लिए डिजाइन किया गया है।
इन अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग पर्वतीय, रेगिस्तानी और जंगल जैसे विविध क्षेत्रों में प्रभावी संचालन के लिए किया जा सकेगा। जनरल द्विवेदी ने स्वदेशी प्रयासों की सराहना की। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक ये स्वदेशी प्रणाली भारत की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमताओं को मजबूती प्रदान करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि इससे भारतीय सेना को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहने में सहायता मिलेगी।
गौरतलब है कि स्वदेशी हथियारों व उपकरणों की मदद से भारत ने पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली को ध्वस्त कर दिया था। दरअसल भारतीय सेना ने पाकिस्तान में व पीओके में आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया था। इसके बाद पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों पर हमले किए गए। भारत ने जवाबी कार्रवाई में लाहौर स्थित पाकिस्तानी सेना की एचक्यू-9 एयर डिफेंस यूनिट को तबाह कर दिया और कई रडार ठिकानों को निष्क्रिय कर दिया था।
ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार भारत में निर्मित ‘लूटरिंग म्यूनिशन्स’ ड्रोन का युद्ध में प्रयोग हुआ है। इन भारतीय आत्मघाती ड्रोन से पाकिस्तान के कई इलाकों व पोस्ट पर एक साथ हमले किए गए थे। रक्षा सूत्रों ने बताया कि इसके साथ ही हारोप ड्रोन ने भी पाकिस्तान पर जमकर कहर बरपाया है। मूलत इजराइल के ये ड्रोन भी अब भारत में ही बनते हैं। इन ड्रोनों ने कराची और लाहौर में दुश्मन के एयर डिफेंस को निशाना बनाया था। वहीं पाकिस्तान की बात करें तो पाकिस्तान अभी भी इस तरह के हथियारों के लिए पूरी तरह से चीन पर निर्भर है। माना जा रहा है कि तुर्की ने भी पाकिस्तान को युद्धक ड्रोन की आपूर्ति की थी। लेकिन चीन और तुर्की के ये ड्रोन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम के सामने बुरी तरह विफल हो गए।
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सुप्रीम कोर्ट ने असम मानवाधिकार आयोग को कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों की जांच करने को कहा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को असम राज्य मानवाधिकार आयोग को राज्य में न्यायेतर हत्याओं की सभी कथित घटनाओं की जांच करने का निर्देश दिया। जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि पीड़ित पर सार्वजनिक अधिकारियों द्वारा अत्यधिक या गैरकानूनी बल का प्रयोग वैध नहीं ठहराया जा सकता।
"यह असम राज्य में मुठभेड़ों का मामला है। पीड़ित के खिलाफ सार्वजनिक अधिकारियों द्वारा अत्यधिक या गैरकानूनी बल का प्रयोग वैध नहीं ठहराया जा सकता। हमने माना है कि मामलों के संकलन से न्यायिक निर्देश नहीं मिल सकते क्योंकि इससे दोषियों को
बचाया जा सकता है," पीठ ने अपने फैसले में कहा।
हालांकि पीठ ने कहा कि मामलों के संकलन से सर्वव्यापी न्यायिक निर्देश नहीं मिल सकते, लेकिन उसने माना कि फर्जी मुठभेड़ों का आरोप गंभीर है। पीठ ने कहा कि यह आरोप कि इनमें से कुछ घटनाएं फर्जी मुठभेड़ों से जुड़ी हो सकती हैं, वास्तव में गंभीर है और यदि यह साबित हो जाता है, तो यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का गंभीर उल्लंघन होगा।
पीठ ने कहा, "यह भी समान रूप से संभव है कि निष्पक्ष, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के बाद इनमें से कुछ मामले आवश्यक और कानूनी रूप से न्यायोचित साबित हो सकते हैं।" शीर्ष अदालत का यह फैसला अधिवक्ता आरिफ यासीन जवादर द्वारा गुवाहाटी उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर आया है, जिसमें मुठभेड़ों की स्वतंत्र जांच का आदेश देने से इनकार किया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि असम राज्य द्वारा चिह्नित कुछ मामलों में आगे के मूल्यांकन की आवश्यकता हो सकती है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पहले निर्धारित दिशानिर्देशों का अनुपालन किया गया है।
पीठ ने आगे कहा कि कथित घटनाओं के पीड़ितों या उनके परिवारों को कार्यवाही में भाग लेने का निष्पक्ष और सार्थक अवसर दिया जाना चाहिए और राज्य मानवाधिकार आयोग को एक सार्वजनिक नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि आगे की जांच की आवश्यकता है, तो उसे ऐसा करने की स्वतंत्रता होगी। याचिका में राज्य में कथित फर्जी मुठभेड़ों पर चिंता जताते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। (एएनआई)
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सशस्त्र बलों में संयुक्तता बढ़ावा देने के लिए नियम अधिसूचित किए गए

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इंटर-सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशंस (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम 2023 के तहत बनाए गए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। ये नियम 27 मई 2025 से प्रभाव में आ गए हैं। इस अहम कदम का उद्देश्य सशस्त्र बलों के विभिन्न अंगों (थलसेना, वायुसेना व नौसेना) के बीच बेहतर तालमेल, कमांड दक्षता और अनुशासन को सुनिश्चित करना है।
इससे तीनों सैन्य बलों थलसेना, वायुसेना व नौसेना के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा। साथ ही तीनों सैन्य बल अधिक कुशलता से विभिन्न ऑपरेशन को अंजाम देंगे। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सशस्त्र बलों के बीच बेहतरीन समन्वय देखने को मिला था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह अधिनियम संसद के मानसून सत्र 2023 के दौरान दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था और 15 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद लागू हुआ।
अधिसूचना के अनुसार, यह अधिनियम 10 मई 2024 से प्रभाव में आया। बाद में, 27 दिसंबर 2024 को गजट अधिसूचना संख्या एसआरओ 72 के माध्यम से इंटर-सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशंस (आईएसओ) को अधिसूचित किया गया। इस अधिनियम के तहत, इंटर-सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशंस के कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को उनके अधीन सेवा कर रहे सशस्त्र बलों के कर्मियों पर कमांड और नियंत्रण का अधिकार प्राप्त होता है।
इसका उद्देश्य अनुशासन और प्रशासन की प्रभावी देखरेख करना है, जबकि प्रत्येक सेवा शाखा की विशिष्ट सेवा शर्तों को बिना बदले बनाए रखा गया है। नवीन रूप से अधिसूचित ये नियम अधिनियम की धारा 11 के तहत बनाए गए हैं। ये नियम अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए तैयार किए गए हैं। ये नियम सेना के अनुशासन, प्रशासनिक नियंत्रण एवं संचालनात्मक समन्वय की एक समग्र रूपरेखा प्रस्तुत करते हैं।
इन नियमों के अधिसूचित होने के साथ ही अब यह अधिनियम पूर्ण रूप से लागू हो गया है। इससे इंटर-सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशंस के प्रमुखों को अधिकार मिलेंगे। यही नहीं, अब अनुशासनात्मक मामलों के त्वरित निपटान में मदद मिलेगी और मामलों की सैन्य बलों की जांच में दोहराव की प्रक्रिया से बचा जा सकेगा। रक्षा मंत्रालय का मानना है कि यह पहल भारत के सशस्त्र बलों की एकीकृत कार्यप्रणाली को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
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वीर सावरकर की जयंती : पीएम मोदी और अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को वीर सावरकर को उनकी जयंती पर याद किया। सभी ने उनके अदम्य साहस और संघर्ष को नमन किया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी ने पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “भारत माता के सच्चे सपूत वीर सावरकर को उनकी जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। विदेशी हुकूमत की कठोर से कठोर यातनाएं भी मातृभूमि के प्रति उनके समर्पण भाव को डिगा नहीं पाईं। आजादी के आंदोलन में उनके अदम्य साहस और संघर्ष की गाथा को कृतज्ञ राष्ट्र कभी भुला नहीं सकता। देश के लिए उनका त्याग और समर्पण विकसित भारत के निर्माण में भी पथ-प्रदर्शक बना रहेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए साहस और संयम की पराकाष्ठा पार करने वाले स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने राष्ट्रहित को अखिल भारतीय चेतना बनाने में अविस्मरणीय योगदान दिया। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को अपनी लेखनी से ऐतिहासिक बनाने वाले सावरकर जी की मातृभूमि के प्रति निष्ठा और समर्पण को अंग्रेजों की कठिन यातनाएँ भी डिगा न सकीं। भारतीय समाज को अस्पृश्यता के दंश से मुक्त कर एकता के मजबूत सूत्र में पिरोने हेतु आजीवन समर्पित वीर सावरकर जी को उनकी जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से कोटिशः नमन।“
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “प्रखर क्रांतिकारी एवं विचारक स्वातंत्र्य वीर सावरकर की जयंती पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण एवं नमन करता हूं। उनका अदम्य साहस, राष्ट्र के प्रति समर्पण और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान प्रेरणादायी है। उनकी विचारशीलता और राष्ट्रनिष्ठा देशवासियों के लिए अनुकरणीय है।“
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, मां भारती के अमर सपूत, 'स्वातंत्र्यवीर' विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर उन्हें नमन। 'राष्ट्रनायक' वीर सावरकर का संघर्षमय जीवन हम सभी को राष्ट्रसेवा हेतु प्रेरणा प्रदान करता रहेगा।“
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “मां भारती के वीर सपूत, प्रखर राष्ट्रवादी नेता, ओजस्वी वक्ता एवं समर्पित समाज सुधारक वीर विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर कोटि-कोट नमन। देशभक्ति से ओत-प्रोत आपके विचार हमें सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरणा देते रहेंगे।“
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तहव्वुर ने परिवार से बात करने अदालत से अनुमति मांगी

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत को मंगलवार को 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की ओर से एक आवेदन मिला, जिसमें उसने अपने परिवार से बात करने की अनुमति मांगी है। यह याचिका उसके कानूनी प्रतिनिधि के माध्यम से प्रस्तुत की गई थी और इस पर बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह के समक्ष सुनवाई होनी है। पाकिस्तानी मूल के 64 वर्षीय कनाडाई व्यवसायी राणा वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
इस साल 4 अप्रैल को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनके इस कदम के खिलाफ अंतिम अपील को खारिज करने के बाद उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया गया था। वह डेविड कोलमैन हेडली का एक जाना माना सहयोगी है, जिसे दाऊद गिलानी के नाम से भी जाना जाता है, जो एक अमेरिकी नागरिक है और 26/11 हमलों के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक है। मंगलवार की सुनवाई के दौरान, न्यायाधीश सिंह ने राणा से पूछा कि क्या उसके पास कोई कानूनी प्रतिनिधि है। जब राणा ने कहा कि उसके पास कोई प्रतिनिधि नहीं है, तो न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से एक वकील नियुक्त किया जाए। अधिवक्ता पीयूष सचदेवा को उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया गया। एनआईए की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और सरकारी वकील नरेंद्र मान पेश हुए। मामले की सुनवाई बुधवार को फिर होगी।
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कल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 4 राज्यों में तूफानी दौरा

  • कई विकास परियोजनाओं की देंगे सौगात, जनसभा भी करेंगे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 और 30 मई को सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी सबसे पहले ‘सिक्किम@50: जहां प्रगति उद्देश्य से मिलती है और प्रकृति विकास को पोषित करती है’ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल दौरे पर सिटी गैस वितरण परियोजना की आधारशिला रखेंगे। वहीं, बिहार दौरे पर 48,520 करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और यूपी दौरे पर लगभग 20,900 करोड़ रुपए की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।
दरअसल, 29 मई को प्रधानमंत्री मोदी सिक्किम का दौरा करेंगे, जहां वे सुबह करीब 11 बजे सिक्किम के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित ‘सिक्किम@50: जहां प्रगति उद्देश्य से मिलती है और प्रकृति विकास को पोषित करती है’ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। सिक्किम सरकार ने “सुनाउलो, समृद्ध और समर्थ सिक्किम” थीम के तहत पूरे साल चलने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला की योजना बनाई है, जो सिक्किम की सांस्कृतिक समृद्धि, परंपरा, प्राकृतिक सुंदरता और इतिहास को दर्शाती है।
पीएम मोदी सिक्किम में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उनका उद्घाटन करेंगे। इनमें नमची जिले में 750 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाला 500 बिस्तरों का नया जिला अस्पताल, गंगटोक जिले के संगखोला में अटल अमृत उद्यान में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री राज्य के 50 वर्ष पूरे होने पर स्मारक सिक्का, स्मृति सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे।
सिक्किम के बाद प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल दौरे पर जाएंगे, जहां वह दोपहर करीब 2:15 बजे अलीपुरद्वार और कूचबिहार जिलों में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना की लागत 1 हजार 10 करोड़ रुपए से अधिक है और इसका उद्देश्य 2.5 लाख से अधिक घरों को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी), 100 से अधिक व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और उद्योगों को गैस आपूर्ति, तथा लगभग 19 सीएनजी स्टेशनों के माध्यम से वाहनों के लिए कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) उपलब्ध कराना है।
सिक्किम और पश्चिम बंगाल दौरे के बाद पीएम मोदी बिहार जाएंगे। वह 29 मई को शाम करीब 5:45 बजे पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। ये टर्मिनल भवन करीब 1200 करोड़ रुपए की लागत से बना है। इसके अलावा, पीएम मोदी 1,410 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बन रहे बिहटा एयरपोर्ट के नए सिविल एन्क्लेव की आधारशिला भी रखेंगे।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी 30 मई को सुबह करीब 11 बजे बिहार के काराकाट में 48,520 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वे यहां एक सार्वजनिक समारोह को भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा, पीएम मोदी औरंगाबाद जिले में 29,930 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली नबीनगर सुपर थर्मल पावर परियोजना, चरण-II (3x800 मेगावाट) की आधारशिला रखेंगे, जिसका उद्देश्य बिहार और पूर्वी भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री एनएच-119ए के पटना-आरा-सासाराम खंड को चार लेन का बनाने, वाराणसी-रांची-कोलकाता राजमार्ग (एनएच-319बी) और रामनगर-कच्ची दरगाह खंड (एनएच-119डी) को छह लेन का बनाने और बक्सर और भरौली के बीच एक नए गंगा पुल के निर्माण सहित विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। साथ ही, प्रधानमंत्री सोन नगर-मोहम्मद गंज के बीच 1330 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली तीसरी रेल लाइन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
बिहार के बाद पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के कानपुर के दौरे पर रहेंगे, जहां वह कानपुर नगर में लगभग 20,900 करोड़ रुपए की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। इनमें कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के चुन्नीगंज मेट्रो स्टेशन से कानपुर सेंट्रल मेट्रो स्टेशन खंड का उद्घाटन भी शामिल हैं, जिसकी लागत 2,120 करोड़ रुपए आई है। इसमें 14 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें पांच नए भूमिगत स्टेशन होंगे, जो शहर के प्रमुख स्थलों और वाणिज्यिक केंद्रों को मेट्रो नेटवर्क में एकीकृत करेंगे। इसके अतिरिक्त, वे जीटी रोड के सड़क चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण कार्य का भी उद्घाटन करेंगे।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी गौतमबुद्ध नगर के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर 28 में 220 केवी सबस्टेशन की आधारशिला रखेंगे। वह ग्रेटर नोएडा में इकोटेक-8 और इकोटेक-10 में 320 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले 132 केवी सबस्टेशनों का भी उद्घाटन करेंगे। साथ ही, प्रधानमंत्री कानपुर में 8,300 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली 660 मेगावाट की पनकी थर्मल पावर एक्सटेंशन परियोजना का उद्घाटन करेंगे।
साथ ही, प्रधानमंत्री आयुष्मान वय वंदना योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन और पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र और चेक भी वितरित करेंगे।
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भारत में बनेगा 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान

  • एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट कार्यक्रम को मंजूरी
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) कार्यक्रम के क्रियान्वयन को मंजूरी दी है। इससे भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताएं बढ़ेंगी और एक मजबूत घरेलू एयरोस्पेस औद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा। रक्षा मंत्री के कार्यालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
कार्यालय ने बताया कि एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) इस कार्यक्रम को उद्योगों के साथ साझेदारी के जरिए लागू करने वाली है। यह कदम भारत की स्वदेशी विशेषज्ञता, क्षमता और संसाधनों का उपयोग करके एएमसीए प्रोटोटाइप विकसित करने की दिशा में मील का पत्थर है। इससे एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। 
एएमससीए परियोजना में एक एक मध्यम वजन का गहराई तक हमला करने वाले लड़ाकू विमान का निर्माण होगा। इसमें उन्नत रडार से बचने की तकनीक होगी, जिससे देश की हवाई ताकत को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सुरक्षा समिति ने पिछले साल इस लड़ाकू विमान परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इस परियोजना की शुरुआती विकास लागत करीब 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। भारतीय वायु सेना इस परियोजना को अपने दीर्घकालिक जरूरतों को देखते हुए लगातार आगे बढ़ाने की मांग कर रही है। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस की सफलता के भारत का आत्मविश्वास अब एएमसीए जैसे उन्नत लड़ाकू विमान को विकसित करने में भी काफी बढ़ गया है।
इसे एडीए कार्यक्रम के तहत आगे बढ़ाया जाएगा। एएमसीए के विकास चरण की जल्द ही शुरुआत होगी, जिसके लिए  एक्सप्रेसन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी किया जाएगा। इसके तहत देश की कंपनियां इसमें भाग लेंगी। इसमें कंपनी अकेले या किसी दूसरी कंपनी के साथ मिलकर बोली लगा सकेगी। 
इसमें केवल वहीं कंपनियां शामिल हो सकेंगी, जो भारत के कानून और नियमों का पालन करती हों। सार्वजनिक या निजी क्षेत्र दोनों से बोली लगा सकेंगे। इसका मतलब यह है कि भारत को विदेशी लड़ाकू विमानों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। एयरोस्पेस उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही घरेलू कंपनियों को अत्याधुनिक तकनीक पर काम करने का अवसर मिलेगा। 
इसके अलावा, इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इंजीनियरिंग और तकनीकी से जुड़ी हजारों नौकरियां आएंगी। यही नहीं देश भविष्य में खुद के लड़ाकू विमानों की अन्य देशों को बिक्री करने की स्थिति में भी आ सकेगा। 
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तेजस्वी यादव दूसरी बार बने पिता, CM ममता बनर्जी ने दीं हार्दिक शुभकामनाएं

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव और उनके परिवार को उनके दूसरे बच्चे के जन्म पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। कोलकाता में पत्रकारों से बात करते हुए, बनर्जी ने अपनी खुशी व्यक्त की और कहा, "खुशी देखिए--उनके परिवार में पहला बेटा हुआ है। उनके परिवार और उनके बच्चे के जीवन में शांति और खुशी हो। यह बच्चा शुभकामनाओं के साथ आया है।"
उन्होंने यह भी याद किया कि उन्हें पहले से ही सूचित कर दिया गया था। "उन्होंने मुझे एक संदेश भेजा। वे समय-समय पर संपर्क में रहे हैं। उन्होंने मुझे एक संदेश भेजा कि आज सुबह बच्चे का जन्म हुआ है। मैं यह खबर सुनकर बहुत खुश हूं। मैंने लालू जी और राबड़ी जी से भी मुलाकात की है। मां और बच्चा दोनों सुरक्षित और स्वस्थ हैं। बच्चा भी बहुत सुंदर है।" राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी पत्रकारों से बात की और सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
तेजस्वी यादव ने कहा, "हम सभी अपने परिवार में एक नए सदस्य का स्वागत करते हुए बहुत खुश हैं। मैं सभी शुभचिंतकों, खासकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनके पूरे दिल से समर्थन और आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देता हूं।"
उन्होंने इस अवसर पर एक आध्यात्मिक नोट भी साझा किया। उन्होंने कहा, "आज भगवान हनुमान का दिन है और भगवान हनुमान के भक्त के रूप में, यह और भी खास लगता है।" बढ़ते पारिवारिक कलह के बीच यह खुशी की घोषणा हुई है, क्योंकि लालू प्रसाद यादव ने हाल ही में अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और परिवार दोनों से निष्कासित करने की घोषणा की थी।
निकालने से पहले बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने शनिवार को दावा किया था कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था, एक पोस्ट के बाद जिसमें दावा किया गया था कि वह एक महिला के साथ लंबे समय से रिलेशनशिप में हैं।
इस पोस्ट ने नेटिज़न्स को उनके वैवाहिक विवाद को याद दिलाया जो कुछ साल पहले सुर्खियों में रहा था। यादव ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा राय की पोती ऐश्वर्या के साथ विवाह किया था। हालांकि, कुछ ही महीनों के भीतर ऐश्वर्या ने यह आरोप लगाते हुए घर छोड़ दिया कि उनके पति और ससुराल वालों ने उन्हें घर से निकाल दिया है और इस जोड़े की तलाक की याचिका पारिवारिक न्यायालय में लंबित है। इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए लालू यादव ने कहा कि उनके बेटे का आचरण परिवार की परंपराओं और मूल्यों के अनुरूप नहीं था। उन्होंने जोर देकर कहा कि निजी जीवन में नैतिक मानकों की अनदेखी सामाजिक न्याय के व्यापक संघर्ष को कमजोर करती है। लालू यादव ने यह भी कहा कि जो कोई भी तेज प्रताप से संपर्क बनाए रखना चाहता है, वह अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। (एएनआई)
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अभी तो हमने कुछ ज्यादा किया नहीं है और उधर पसीना छूट रहा : PM मोदी

  • प्रधानमंत्री  मोदी ने शहबाज-मुनीर पर कसा तंज
गुजरात। "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे दिन गुजरात दौरे पर मंगलवार को गांधीनगर पहुंचे. यहां उन्होंने एक भव्य रोड शो किया और इसके बाद जनसभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी दी. अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है जब ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाए.
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) का भी ज़िक्र करते हुए कहा कि “हम कांटे को निकालकर ही दम लेंगे.” ये बयान साफ तौर पर पाकिस्तान के उकसावे भरे कृत्यों और PoK में हो रही उथल-पुथल पर केंद्रित था. पीएम मोदी का यह बयान उन अटकलों को और बल देता है जो हाल ही में भारत की सैन्य कार्रवाइयों और राजनीतिक रुख को लेकर लगाए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तो हमने ज्यादा कुछ किया ही नहीं और वहां पर पसीने छूट रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी हम केवल अपने बांध की सफाई कर रहे हैं और वहां बाढ़ आ जाती है. साथियों हमे किसी से बैर नहीं है, हम सभी की भलाई चाहते हैं. इसी दौरान कार्यक्रम में विपक्ष पर भी पीएम ने जमकर निशाना साधा और कहा कि सबूत मांगने वालों को इस बार सबूत नहीं देने होंगे. 
प्रधानमंत्री मोदी ने सेना की कार्रवाई का सबूत मांगने वाले विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार सबूत नहीं देने पड़ेंगे, क्योंकि इस बार ऊपर वाला सबूत दे रहा है. पीएम ने ये भी कहा, मैं दो दिन से गुजरात में हूं. कल वडोदरा, दाहोद, भुज, अहमदाबाद और आज गांधीनगर में हूं. मैं जहां-जहां गया वहां गर्जना करता सिंदूरिया सागर और लहराता तिरंगा जन-जन के हृदय में मातृभूमि के प्रति अपार प्रेम और देशभक्ति का ज्वार देखने को मिल रहा है. ये दृश्य सिर्फ गुजरात में नहीं है, हिंदुस्तान के कोने-कोने में है, हर हिंदुस्तानी के दिल में है.
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