हिंदुस्तान

’17 साल बाद भी इंसाफ नहीं, फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती …’

  • मालेगांव ब्लास्ट में बोले 10 साल की बेटी को खोने वाले पिता, पूछा- उन्होंने नहीं किया तो किसने फोड़ा बम?
नई दिल्ली। साल 2008 के मालेगांव धमाके के सभी सात आरोपियों को मुंबई की विशेष एनआईए अदालत ने बरी कर दिया है। इन आरोपियों में पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा, मेजर (रिटायर्ड) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, अजय रहीरकर, सुधाकर धर द्विवेदी (शंकराचार्य) और समीर कुलकर्णी शामिल हैं।
फैसला आने के बाद से इस बम धमाके में अपने परिजनों को खोने वालों की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है. मृतकों में से एक सैयद अजहर सैयद निसार के पिता ने मीडिया से कहा कि- हमले के 17 साल बाद भी हमारे साथ न्याय नहीं हुआ है. सारे सबूतों को दरकिनार करते हुए फैसला सुनाया गया. हम इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे.
वड़ा पाव लेने गई थी बेटी, कभी नहीं लौटी
इसी धमाके में लियाकत शेख ने अपनी 10 साल की बेटी फरहीन उर्फ शगुफ्ता शेख लियाकत को खो दिया. यह बच्ची भिक्खु चौक पर वड़ा पाव लेने गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. जब उन्हें बम धमाके के बारे में पता चला, तो लियाकत शेख को उम्मीद थी कि उनकी बेटी घर लौट आएगी. हालाँकि, थोड़ी देर बाद एक और संदेश आया कि उनकी बेटी फरहीन की इसमें मौत हो गई है. एक पिता होने के नाते, वह अपनी पत्नी के साथ अपनी बेटी को देखने गए, लेकिन उन्हें उससे मिलने नहीं दिया गया क्योंकि उसका शव क्षत विक्षत हो गया था. फ़िलहाल, लियाकत शेख के पास इस छोटी बच्ची की एक छोटी सी प्यारी सी तस्वीर है. लियाकत को उम्मीद थी कि उसे न्याय मिलेगा, लेकिन कोर्ट के फैसले ने उन्हें तोड़ दिया.
उन्होंने नहीं किया तो किसने फोड़ा बम ?
उन्होंने कहा- जो फैसला आया वो एकदम गलत है. हेमंत करकरे साहब ने कई लोगों को पकड़ा था वो लोग कहां गए. क्या उन्होंने कुछ नहीं किया? जिन्हें बरी किया गया यदि उन्होंने बम नहीं फोड़ा तो किसने ब्लास्ट किया. हम आगे कोर्ट में जाएंगे. सबूत मिलने पर ही हेमंत करकरे ने उन्हें पकड़ा था लेकिन अब क्या हुआ. मेरी बेटी वड़ा पाव लेने गई थी उसकी ब्लास्ट में मौत हो गई. उसकी मौत का जिम्मेदार कौन है? हमें इन्साफ चाहिए. मेरी बच्ची को न्याय मिले.
एनआईए ने आरोपियों के लिए की थी फांसी की मांग
गौरतलब है कि 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव के भिक्खु चौक में शहर को हिला देने वाला एक बम धमाका हुआ था. बाद में एनआईए ने अदालत से संदिग्ध आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सात लोगों को मौत की सजा देने की मांग की थी. इसलिए, सबकी निगाहें इस बात पर टिकी थी कि अदालत क्या फैसला सुनाती है. लेकिन अब मुंबई की एक विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया है जिसमें सभी सात आरोपी बरी कर दिए गए हैं. मृतकों में फरहीन उर्फ शगुफ्ता शेख लियाकत, शेख मुश्ताक यूसुफ, शेख रफीक मुस्तफा, इरफान जियाउल्लाह खान, सैयद अजहर सैयद निसार और हारून शाह मोहम्मद शाह शामिल थे.
कोर्ट ने क्या कहा ?
बता दें अदालत ने अपने फैसले में माना कि मालेगांव में धमाका हुआ था, मगर ये साबित नहीं हो सका कि बम उस मोटरसाइकिल में रखा गया था, जिसके बारे में दावा किया गया था कि ये साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का था।
अदालत ने 323 गवाहों और 8 डिफेंस गवाहों के बयानों को सुनने के बाद ये फैसला सुनाया। इसके साथ ही, अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया कि पीड़ितों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाए।
वकील शाहिद नदीम ने कहा कि ये फैसला पीड़ितों के लिए इंसाफ नहीं, बल्कि एक जख्म और दे गया। उन्होंने कहा, “पीड़ितों का कोई कसूर नहीं, वो तो सिर्फ दर्द और नुकसान झेल रहे हैं।”

 
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'राहुल गांधी के पास हैं वोट चोरी के आरोपों के सबूत' : CM सिद्धारमैया

  • कर्नाटक के मुख्यमंत्री का बड़ा दावा
कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पास लोकसभा चुनाव के दौरान 'वोट चोरी' के आरोपों से जुड़े सबूत मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी 5 अगस्त को बंगलूरू में प्रदर्शन करेंगे और चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलकर इस मामले में दस्तावेज सौंपेंगे। सीएम सिद्धारमैया ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'राहुल गांधी के पास इस बात के सबूत हैं कि कर्नाटक में वोटों की चोरी कैसे की गई। वह इस मुद्दे को लेकर यहां विरोध प्रदर्शन करेंगे और चुनाव आयोग से मुलाकात करेंगे।'
राहुल गांधी ने 23 जुलाई को आरोप लगाया था कि देश में चुनावों की चोरी की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट का गहराई से अध्ययन किया है और वोट चोरी की पूरी प्रक्रिया का पता लगा लिया है। उन्होंने कहा, 'कर्नाटक में हमने एक सीट को चुना और उसकी वोटर लिस्ट को डिजिटल फॉर्मेट में कन्वर्ट किया। इस प्रक्रिया में छह महीने लगे। इसके बाद हमें समझ में आ गया कि वोट चोरी कैसे होती है, कौन करता है और नए वोटर्स कहां से लाए जाते हैं।'
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मालेगांव बम ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा समेत सभी 7 आरोपी बरी

नई दिल्ली। 2008 मालेगांव बम धमाकों से जुड़े बहुचर्चित मामले में 17 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार फैसला आ गया। विशेष एनआईए अदालत ने सबूतों के अभाव में साध्वी प्रज्ञा समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत पेश नहीं कर सका।
एनआईए कोर्ट ने 2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में फैसला सुनाया | श्रीकांत प्रसाद पुरोहित के आवास में विस्फोटकों के भंडारण या संयोजन का कोई सबूत नहीं है। पंचनामा करते समय जांच अधिकारी द्वारा घटनास्थल का कोई स्केच नहीं बनाया गया था। घटनास्थल से कोई फिंगरप्रिंट, डंप डेटा या कुछ भी एकत्र नहीं किया गया था। नमूने दूषित थे, इसलिए रिपोर्ट निर्णायक नहीं हो सकती और विश्वसनीय नहीं हैं। विस्फोट में कथित रूप से शामिल बाइक का चेसिस नंबर स्पष्ट नहीं था। अदालत ने कहा, अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि विस्फोट से ठीक पहले यह साध्वी प्रज्ञा के कब्जे में थी।
एनआईए कोर्ट ने 2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में फैसला सुनाया। इस मामले में UAPA लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि नियमों के अनुसार मंज़ूरी नहीं ली गई थी। मामले में UAPA के दोनों मंज़ूरी आदेश दोषपूर्ण हैं। कोर्ट ने कहा इस पूरे मामले में भोपाल से बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा को मुख्य आरोपी बनाया गया था। ये ब्लास्ट 29 सितंबर 2008 को हुआ था। कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि NIA तमाम आरोपों को साबित करने में नाकाम रही है। 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में रमजान के पवित्र महीने में और नवरात्रि से ठीक पहले एक विस्फोट हुआ। इस धमाके में छह लोगों की जान चली गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
एक दशक तक चले मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 323 गवाहों से पूछताछ की, जिनमें से 34 अपने बयान से पलट गए। शुरुआत में, इस मामले की जांच महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने की थी। हालांकि, 2011 में एनआईए को जांच सौंप दी गई। 2016 में एनआईए ने अपर्याप्त सबूतों का हवाला देते हुए प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कई अन्य आरोपियों को बरी करते हुए एक आरोप पत्र दाखिल किया था।
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विधानसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु में बदला सियासी समीकरण

  • पन्नीरसेल्वम ने तोड़ा एनडीए से नाता
चेन्नई। तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। इससे पहले राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। साथ ही सियासी समीकरण में बड़े बदलाव होने की संभावना भी बढ़ गई है। कारण है कि तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) के नेतृत्व वाली एआईएडीएमके कैडर राइट्स रिट्रीवल कमेटी ने गुरुवार को भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से नाता तोड़ लिया है। इस फैसले की घोषणा समिति के वरिष्ठ नेता और सलाहकार पनरुट्टी एस रामचंद्रन ने की। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अब से यह समिति एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी।
बता दें कि इस बात की जानकारी के देने के लिए हो रही प्रेस वार्ता में पूर्व सीएम ओपीएस खुद भी मौजूद थे। समिति की ओर से यह भी बताया गया कि ओ. पन्नीरसेल्वम राज्य के कई हिस्सों का दौरा करेंगे और राजनीतिक हालात को देखते हुए भविष्य के गठबंधन पर फैसला किया जाएगा। इस फैसले से तमिलनाडु की राजनीति में नए समीकरण बनने के संकेत मिल रहे हैं, खासकर 2026 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए।
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मनोज झा ने कहा पहलगाम आतंकवादी हमला देश की सामूहिक पीड़ा

  • राज्यसभा में चर्चा
नई दिल्ली। राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने पहलगाम आतंकवादी हमले को देश की सामूहिक पीड़ा बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल हमले में मारे गए 26 व्यक्तियों के परिवारों की पीड़ा नहीं, बल्कि पूरे देश की पीड़ा है।
मनोज झा ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि एक परिपक्व लोकतंत्र में यह अंतर स्पष्ट होना चाहिए कि सैन्य सेवा और राजनीतिक नेतृत्व अलग-अलग चीजें हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा में प्रधानमंत्री को सरकार का पक्ष रखना चाहिए था, लेकिन पीएम ने कहा कि वे भारत का पक्ष रखने सदन में आए हैं।
झा ने कहा कि हमने प्रश्न सरकार से किए हैं; हमारा प्रश्न भारत माता से नहीं है, न ही सेना से। मनोज झा ने कहा कि ‘गवर्नमेंट एज नॉट द नेशन’ चाहे कोई भी सरकार हो, वह राष्ट्र की पर्याय नहीं है। उन्होंने कहा कि कल हममें से बहुत सारे लोग नहीं होंगे। सरकार भी बदल जाएगी। पार्टियां विलुप्त हो जाएंगी, लेकिन देश तो तब भी रहेगा।
उन्होंने संसद की चर्चाओं का जिक्र करते हुए कहा कि नेहरू का नाम बार-बार घसीटा जाता है। अगर इतने बरसों बाद भी नेहरू आपको परेशान कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि कुछ तो बात थी उस बंदे में। वहीं जम्मू कश्मीर को लेकर भी उन्होंने सरकार से मांग की।
मनोज झा ने कहा कि वह सरकार के समक्ष अर्जी लगाते हैं कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए। उन्होंने राज्य सभा में कहा कि देश की इतनी मित्र मित्रविहीनता कभी नहीं रही है। मनोज झा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेशों में गुडविल मिशन भेजे गए। यह एक अच्छा कदम था। ऐसे मिशन लगातार भेजें, लेकिन ऐसे गुडविल मिशन देश के भीतर भी भेजें।
उन्होंने कहा कि देश में एक कर्नल को उसके नाम, सरनेम के आधार पर एक मंत्री उनके लिए अपशब्द कहता है। राज्यसभा सभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री के साथ हैं। मैं प्रस्ताव करता हूं कि हम सामूहिक रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान का खंडन करें। इससे पहले उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप लगातार यह कह रहे हैं कि उन्होंने भारत व पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया है। झा ने कहा कि सदन एक स्वर में अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान को खारिज कर इसे झूठ करार दे।
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भगवान बुद्ध के पिपरहवा अवशेष 127 साल बाद भारत लौटे

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताई खुशी
नई दिल्ली। भारत की सांस्कृतिक विरासत के लिए आज का दिन बेहद गौरवपूर्ण रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी दी कि भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र पिपरहवा अवशेष 127 वर्षों के बाद भारत वापस लाए गए हैं। उन्होंने इस ऐतिहासिक वापसी को हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया। पिपरहवा, उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में स्थित है, जहां 1898 में खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र अवशेष प्राप्त हुए थे। इन अवशेषों को तब ब्रिटिश शासन के दौरान विदेश भेजा गया था।
अब वर्षों बाद इन्हें फिर से भारत लाकर राष्ट्रीय धरोहर के रूप में सम्मानित किया गया है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह घटना ‘विकास भी, विरासत भी’ की भावना का सजीव उदाहरण है, जिसमें भारत अपने सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजते हुए आधुनिक प्रगति की राह पर अग्रसर है। भारत सरकार और विदेश मंत्रालय ने इन अवशेषों की वापसी के लिए लंबे समय तक प्रयास किया था। अब इन्हें राष्ट्रीय संग्रहालय में सुरक्षित रखा जाएगा, जिससे देशवासियों को भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
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भेड़ वितरण में 700 करोड़ का घोटाला, ED की छापेमारी जारी

हैदराबाद। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को भेड़ वितरण घोटाले के सिलसिले में हैदराबाद के 8 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई। ईडी ने यह जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की है। छापेमारी उन लोगों के ठिकानों पर की गई है जो योजना के लाभार्थी या बिचौलियों के तौर पर पहचाने गए हैं। जिन लोगों पर कार्रवाई की गई उनमें जी. कल्याण भी शामिल हैं, जो पूर्व बीआरएस मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) रह चुके हैं। उन्हें एसीबी की एक एफआईआर में नामजद किया गया है।
तेलंगाना सरकार ने वर्ष 2017 में 'भेड़ वितरण एवं विकास योजना' (एसआरडीएस) की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत चरवाहा परिवारों को 75 प्रतिशत सब्सिडी पर 20 मादा और एक नर भेड़ देने का लक्ष्य रखा गया था। पहले चरण में 1.28 करोड़ से अधिक भेड़ वितरित की गई थीं। हालांकि, बाद की जांच में सामने आया कि योजना में बड़ी हेराफेरी हुई। नकली बिल, फर्जी परिवहन दस्तावेज और बेनामी खातों के जरिए सरकारी धन की बड़ी मात्रा में बंदरबांट की गई। एसीबी के मुताबिक, इस घोटाले की अनुमानित राशि करीब 700 करोड़ रुपए है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की मार्च 2021 तक की ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया है कि योजना में कई गंभीर अनियमितताएं हुईं। इनमें लाभार्थियों का रिकॉर्ड नहीं होना, फर्जी रसीदें, मृत या गैर-मौजूद लोगों को भेड़ बांटना और एक ही टैग का कई बार इस्तेमाल जैसी बातें शामिल हैं।
कैग की रिपोर्ट सिर्फ 7 जिलों पर आधारित है और इसमें ही 253.93 करोड़ रुपए के नुकसान की बात कही गई है। अगर इसे पूरे राज्य के 33 जिलों पर अनुपातिक रूप से देखा जाए तो अनुमान है कि कुल नुकसान 1000 करोड़ से अधिक हो सकता है। ईडी को जांच के दौरान कुछ अहम जानकारियां मिली हैं जो इस योजना में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की ओर इशारा करती हैं। ईडी ने पशुपालन विभाग और भेड़ बकरी विकास निगम से सभी जरूरी दस्तावेज जुटाए हैं और अब वित्तीय लेन-देन की गहराई से जांच की जा रही है।

 

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ननों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रियंका गांधी का संसद के बाहर प्रदर्शन

रायपुर/दिल्ली। इन दिनों दो ननों की छत्तीसगढ़ में गिरफ्तारी को लेकर सियासत गरमाई हुई है। ननों पर आरोप है कि उन्होंने नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले की तीन आदिवासी लड़कियों को आगरा ले जाते समय धर्मांतरण और मानव तस्करी करने का प्रयास किया। इस मामले का विरोध करने के लिए कांग्रेस महासचिव और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को दिल्ली में संसद परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी ने छत्तीसगढ़ की सरकार से दोनों नन को रिहा करने की मांग की।
उन्होंने कहा, "हम अल्पसंख्यकों पर इस तरह के हमले का विरोध कर रहे हैं। हम संसद में यह मुद्दा उठा चुके हैं और आज भी उठाएंगे। सच कहूं तो सरकार किसी भी चीज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती। मुझे सरकार से किसी कार्रवाई की उम्मीद नहीं है, लेकिन आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है।" उन्होंने कहा, "यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। ये भी महिलाएं हैं; उनके साथ दो या तीन महिलाएं और भी थीं। उन्हें इस तरह से बंधक बनाकर नहीं रखा जाना चाहिए, और आप लोगों पर उन चीजों का आरोप नहीं लगा सकते जो वे कर ही नहीं रहे हैं। हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस तरह की सख्ती को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। ये भी महिलाएं हैं। उनके साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए।"
दरअसल, 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से केरल की दो ननों (सिस्टर प्रीथी मैरी और सिस्टर वंदना फ्रांसिस) और एक अन्य व्यक्ति, सकुमन मंदावी, को गिरफ्तार किया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले की तीन आदिवासी लड़कियों को आगरा ले जाते हुए मानव तस्करी और धर्म परिवर्तन करवाने की कोशिश की थी। एक स्थानीय बजरंग दल कार्यकर्ता की शिकायत के आधार पर ननों पर विभिन्न धाराएं लगाई गई हैं। वायनाड क्षेत्र में आए भूस्खलन के एक साल पूरे होने को लेकर प्रियंका ने कहा, "एक साल बीत जाने के बावजूद, उस त्रासदी से पीड़ित लोग अभी भी संघर्ष कर रहे हैं। हमारे सभी प्रयासों और मिली सभी मदद के बावजूद, वे अभी भी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।" वायनाड सांसद ने कहा, "कई व्यवस्थागत मुद्दे हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई धनराशि ऋण के रूप में भेजी गई थी। पूरा मुद्दा उनकी वित्तीय समस्याओं में मदद करना था, तो वे इन ऋणों को कैसे चुकाएंगे? यह केंद्र सरकार के लिए एक छोटी राशि है और उन्हें इन ऋणों को माफ कर देना चाहिए।"
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बिजनेस इनकम वालों को टैक्स भरने में होगी आसानी

  • पूंजीगत लाभ कर में बदलाव, रिपोर्टिंग में आए नए नियम
रायपुर/दिल्ली। आयकर विभाग ने बुधवार को आईटीआर फॉर्म-3 जारी कर दिया। इससे उन करदाताओं को टैक्स भरने में आसानी होगी, जिनकी आय का मुख्य सोर्स बिजनेस इनकम और शेयर ट्रेडिंग इनकम (फ्यूचर और ऑप्शन) और अलिस्टेड शेयर में निवेश से रिटर्न है। हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएल) या कोई व्यक्ति, जो बिजनेस या किसी पेशे से आय आर्जित करता है वह भी आईटीआर-3 के जरिए रिटर्न जमा कर सकता है। कंपनियों के निदेशक, जिन्होंने वित्तीय वर्ष के दौरान किसी भी समय गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश किया है, साथ ही अन्य स्रोतों या वेतन एवं पेंशन और गृह संपत्ति से आय होती है, वह इस आईटीआर फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।
पूंजीगत लाभ या विदेशी परिसंपत्तियों से अर्जित आय, व्यवसाय या पेशे से लाभ या आय प्राप्त करने वाले करदाता, जो फॉर्म आईटीआर-1 (सहज), आईटीआर-2, या आईटीआर-4 (सुगम) दाखिल करने के पात्र नहीं हैं, वे भी आईटीआर-3 का उपयोग कर सकते हैं। आयकर विभाग के मुताबिक, फॉर्म आईटीआर-3 में अब करदाताओं को यह पुष्टि करनी होगी कि क्या असेसमेंट ईयर 2024-25 (पिछले वित्तय वर्ष) में फॉर्म 10-आईईए दाखिल किया गया था, साथ ही यह भी घोषणा करनी होगी कि क्या वे वर्तमान टैक्स असेसमेंट ईयर के लिए नई टैक्स रिजीम को जारी रखना चाहते हैं या उससे बाहर निकलना चाहते हैं।
पूंजीगत लाभ कर दरों में बदलाव के कारण, शेड्यूल्ड कैपिटल गेन और अन्य संबंधित धाराओं को संशोधित किया गया है। अब, करदाताओं को 23 जुलाई, 2024 से पहले और उसके बाद किए गए पूंजीगत लाभ लेनदेन की अलग-अलग रिपोर्ट करना होगा। सरकार की ओर से 2024 के बजट में सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया था। कुछ परिसंपत्तियों, जैसे इक्विटी, पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (एसटीसीजी) कर को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया था। नए पूंजीगत कर नियमों के तहत, इंडेक्सेशन लाभ प्राप्त करने के लिए करदाताओं को 23 जुलाई, 2024 से पहले हस्तांतरित किसी भी भूमि या भवन के अधिग्रहण और सुधार की लागत का विवरण अलग से प्रदान करना होगा।
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राज्यसभा में आज भी "ऑपरेशन सिंदूर" पर चर्चा जारी

दिल्ली। राज्यसभा में आज भी ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है. आज विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चर्चा की शुरुआत की है. विदेश मंत्री ने पहलगाम हमले के बाद सरकार की ओर से उठाए गए कदम गिनाए. उन्होंने सिंधु जल संधि स्थगित करने के फैसले को सबसे महत्वपूर्ण बताया.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने वर्षों तक सीमा पार से आतंकवाद झेला. हम जो कह रहे हैं, वह करेंगे. हर बार इतनी बड़ी घटनाएं होती हैं, मुंबई हुआ, ट्रेन बम ब्लास्ट होता है और कुछ महीने बाद आप कहते हैं कि नहीं नहीं ठीक है. जो हो गया वो हो गया, चलिए बात करेंग. बताइए दुनिया कैसे सीरियस ले. पिछले एक दशक में क्या बोला. जयशंकर ने कहा कि हमने आतंकवाद को ग्लोबल एजेंडा बनाया. यह मोदी सरकार के प्रयासों से हुआ. आज आतंकियों के पास फंडिंग बंद हो गई है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में पहलगाम हमले के बाद सरकार की ओर से उठाए गए कदम गिनाए और कहा कि हमने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए. सिंधु जल समझौते को स्थगित किया. खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा. भारत ने आतंकवाद झेला. ये शांति नहीं, तुष्टिकरण की कीमत थी. इस संधि को मोदी सरकार ने रोका. दुनिया ने देखा कि भारत ने किस तरह से जवाब दिया. हमारे निशाने पर आतंकी और आतंकियों के ठिकाने थे. हमने दुनिया के सामने पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब किया.
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भारत परमाणु धमकियों और आतंक के समर्थन पर सख्त रहेगा : PM मोदी

नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "ऑपरेशन सिंदूर" ने स्पष्ट संदेश दिया है कि नई दिल्ली परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं करेगी और सीमा पार आतंकवाद का जवाब अपनी शर्तों पर देगी तथा आतंकवाद के प्रायोजकों और मास्टरमाइंडों के साथ समान व्यवहार करेगी।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के “मजबूत, सफल और निर्णायक” ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान मंगलवार को लोकसभा को संबोधित करते हुए , पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जारी है और इस्लामाबाद के किसी भी “लापरवाह” कदम का “कड़ा जवाब” दिया जाएगा। इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा धर्म के नाम पर निर्दोष नागरिकों की हत्या की गई थी।
सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सत्र की शुरुआत में मीडिया बिरादरी के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुए कहा कि उन्होंने सभी संसद सदस्यों से इस सत्र को ‘ विजय उत्सव ‘, भारत की जीत का उत्सव और भारत के गौरव को श्रद्धांजलि बताते हुए अपील की थी।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना, थलसेना और वायुसेना के तालमेल ने पाकिस्तान को अंदर तक हिला दिया था।
इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि ‘ विजय उत्सव ‘ का तात्पर्य आतंकवादी मुख्यालयों के पूर्ण विनाश से है, मोदी ने कहा कि विजय उत्सव “सिंदूर के साथ ली गई पवित्र प्रतिज्ञा की पूर्ति का प्रतिनिधित्व करता है – जो राष्ट्रीय भक्ति और बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि है।”
उन्होंने जोर देकर कहा, ” विजय उत्सव भारत की सशस्त्र सेनाओं की वीरता और ताकत का प्रमाण है।” उन्होंने आगे कहा कि विजय उत्सव 140 करोड़ भारतीयों की एकता, इच्छाशक्ति और सामूहिक विजय का जश्न मनाता है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वे सदन में भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए विजय भावना के साथ खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत के दृष्टिकोण को समझने में विफल रहते हैं, उनके लिए वे आईना दिखाने आए हैं। उन्होंने कहा कि वे 140 करोड़ नागरिकों की भावनाओं के साथ अपनी आवाज़ मिलाने आए हैं। मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि इन सामूहिक भावनाओं की गूंज सदन में सुनाई दे रही है, और वे उस गूंजती भावना में अपनी आवाज़ मिलाने के लिए खड़े हुए हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की जनता के अटूट समर्थन और आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त करते हुए , प्रधानमंत्री ने कहा कि वे राष्ट्र के ऋणी हैं। उन्होंने नागरिकों के सामूहिक संकल्प को स्वीकार किया और ऑपरेशन की सफलता में उनकी भूमिका की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई जघन्य घटना की निंदा की, जहाँ आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों का धर्म पूछकर उन्हें बेरहमी से गोली मार दी थी – इसे क्रूरता की पराकाष्ठा बताया। उन्होंने कहा कि यह भारत को हिंसा की आग में झोंकने और सांप्रदायिक अशांति भड़काने की एक सोची-समझी कोशिश थी। उन्होंने एकजुटता और दृढ़ता से इस साजिश को विफल करने के लिए भारत की जनता का आभार व्यक्त किया।
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शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई : एसआईटी ने फार्महाउस से 11 करोड़ रुपए नकद जब्त किए

हैदराबाद। आंध्रप्रदेश में कथित शराब घोटाले के सिलसिले में विशेष जांच दल (एसआईटी) को बड़ी कामयाबी मिली है। एसआईटी ने बुधवार को छापेमारी के दौरान 11 करोड़ रुपए जब्त किए। यह छापेमारी हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित एक फार्महाउस पर की गई।
यह कार्रवाई मामले के एक आरोपी द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर की गई। कथित शराब घोटाले में ए-40 के रूप में सूचीबद्ध वरुण पुरुषोत्तम ने अपनी भूमिका को स्वीकार किया था और कई अहम जानकारियां दी थीं। उसी सूचना के आधार पर एसआईटी ने बुधवार को छापा मारा, जिसमें हैदराबाद शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक फार्महाउस में बक्सों में छिपाकर रखी गई नकदी से संबंधित विवरण का खुलासा हुआ। एसआईटी ने शमशाबाद मंडल के काचरम स्थित सुलोचना फार्म गेस्टहाउस से 11 करोड़ रुपए नकद बरामद किए। यह नकदी 12 कार्ड बोर्ड बॉक्स में छुपाकर रखी गई थी। एसआईटी ने यह बरामदगी घोटाले के आरोपियों के घरों और दफ्तरों पर छापेमारी के दौरान की। जांच अधिकारियों ने उसी स्थान से शराब की बड़ी खेप भी जब्त की।
कथित शराब घोटाला केस में एसआईटी ने हाल के दिनों में अपनी जांच तेज की है। यह घोटाला 2019 से 2024 के बीच वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की पिछली सरकार के दौरान हुआ था। एसआईटी को कथित तौर पर वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेताओं की संलिप्तता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली। एसआईटी ने 2019-24 के दौरान लागू की गई शराब नीति में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और धन की हेराफेरी पाई। जांच में यह भी सामने आया कि बीते पांच वर्षों में लगभग 3,500 करोड़ रुपए की रिश्वत का नेटवर्क सक्रिय था। आरोप है कि वाईएसआरसीपी के नेताओं ने नई शराब नीति को बढ़ावा दिया, नई ब्रांड्स को लॉन्च कराया और डिस्टिलरी कंपनियों से भारी रिश्वत ली, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। अब तक एसआईटी इस मामले में वाईएसआरसीपी सांसद पीवी मिथुन रेड्डी समेत 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
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कांग्रेस पाकिस्तान की बातों को बनाती है अपना राजनीतिक हथियार : PM मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि विपक्षी दल “राजनीतिक बयानों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर रहना जारी रखे हुए है”, “राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है” और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों ने सिंधु जल संधि की उपेक्षा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों का ज़िक्र करते हुए कांग्रेस पर “पाकिस्तान को क्लीन चिट” देने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी “पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या पर भी अपनी राजनीति चमका रही है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत आत्मनिर्भरता की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है, जबकि दुर्भाग्यवश कांग्रेस पार्टी राजनीतिक बयानबाजी के लिए पाकिस्तान पर निर्भर है। दुर्भाग्यवश, ऐसा लगता है कि अब उनके मुद्दों को भी सीमा पार से ‘आयात’ करना पड़ रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। उन्होंने कहा , “पिछली कांग्रेस -नीत सरकारों ने सिंधु जल संधि की उपेक्षा की और नेहरू जी के काल में हुई गलतियों को सुधारने में विफल रहीं। हालाँकि, आज भारत ने उन गलतियों को सुधारने के लिए निर्णायक कदम उठाया है। एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, देश ने अपने नागरिकों और किसानों के सर्वोत्तम हित में सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है। भारत ने दृढ़ता से अपना रुख व्यक्त किया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।” उन्होंने कहा, “वे पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या पर भी अपनी राजनीति चमका रहे थे। 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले के मात्र 3-4 दिन बाद ही वे ( कांग्रेस ) उछलने-कूदने लगे। वे कहने लगे, “56 इंच की छत कहाँ गई?” “मोदी कहाँ खो गया?” “मोदी फेल हो गया”…वे पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या पर भी अपनी राजनीति चमका रहे थे।”
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से भारत के संपर्क अभियान का हिस्सा रहे अपने सांसदों को मैदान में नहीं उतारने के लिए कांग्रेस नेतृत्व पर भी कटाक्ष किया । उन्होंने कहा, “दुखद और आश्चर्यजनक बात यह है कि जो लोग खुद को कांग्रेस के बड़े नेता मानते हैं , वे इस बात से परेशान हैं कि भारत का दृष्टिकोण दुनिया के सामने क्यों पेश किया गया। शायद कुछ नेताओं को सदन में बोलने से रोक दिया गया है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि उसके शासन के दौरान आतंकवाद के खिलाफ और अधिक प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए थी।
” कांग्रेस की कमजोर सरकारों के कारण देश को कई जानें गंवानी पड़ीं, हमें अपनों को खोना पड़ा। आतंकवाद पर लगाम लगाई जा सकती थी। हमारी सरकार ने 11 साल में ये कर दिखाया, ये इसका बड़ा सबूत है… कांग्रेस के राज में आतंकवाद के फलने-फूलने का एक बड़ा कारण उनकी तुष्टिकरण की राजनीति है।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम पर सहमति के निर्णय पर सरकार से सवाल उठाने वाले कांग्रेस सदस्यों पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, ” कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है। जो लोग आज पूछ रहे हैं कि पीओके वापस क्यों नहीं लिया गया, उन्हें पहले यह बताना चाहिए कि किसकी सरकार ने पाकिस्तान को पीओके पर कब्जा करने का मौका दिया। जवाब स्पष्ट है। जब भी मैं नेहरू जी का जिक्र करता हूं, कांग्रेस और उसका तंत्र घबरा जाता है… ‘लम्हों ने खाया की, सदियों ने सजा पाई’। आज तक देश आजादी के बाद लिए गए सभी फैसलों की सजा भुगत रहा है।”
भारत ‘बुद्ध’ की भूमि है, युद्ध की नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे की अब हटा दी गई टिप्पणी की भी आलोचना की । उन्होंने कहा, “उन्हें यह कहने पर मजबूर किया गया कि ऑपरेशन सिंदूर एक ‘तमाशा’ था। यह आतंकवादियों द्वारा मारे गए 26 लोगों के घावों पर तेज़ाब डालने जैसा है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि समृद्धि और शांति का मार्ग शक्ति से होकर गुजरता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि भारत ‘बुद्ध’ की भूमि है, युद्ध की नहीं। हम समृद्धि और शांति चाहते हैं। लेकिन हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि समृद्धि और शांति का मार्ग शक्ति से होकर गुजरता है।”
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'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के पीछे की वजह बताई

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के पीछे की वजह बताई। लोकसभा को बताया कि आतंकवादियों को जवाब देने के लिए भारत पड़ोसी देश में 100 किलोमीटर अंदर गया। वहां जाकर 9 अड्डों और 100 से अधिक आतंकियों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। गृह मंत्री ने 'संघर्ष विराम' पर उठते सवालों का भी जवाब दिया।
विपक्ष ने सवाल उठाया कि हम अच्छी स्थिति में थे, तो फिर युद्ध क्यों नहीं किया? अमित शाह ने जवाब दिया, "युद्ध के कई परिणाम होते हैं। युद्ध सोच समझकर करना पड़ता है।" गृह मंत्री ने कांग्रेस को 1948 के युद्ध की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि उस समय लड़ाई निर्णायक पड़ाव पर थी, लेकिन जवाहर लाल नेहरू ने एकतरफा युद्धविराम किया। इसी युद्धविराम के कारण पीओके अस्तित्व में है। इसके जिम्मेदार जवाहर लाल नेहरू हैं।
अमित शाह ने सिंधु जल संधि के फैसले की याद दिलाई, जिसमें 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दिया गया था। उन्होंने 1965 में जीते हाजी पीर को वापस लौटाने और 1971 की जीत के बाद शिमला समझौते में पीओके को नहीं मांगने पर कांग्रेस को घेरा।
गृह मंत्री ने "ऑपरेशन सिंदूर" की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इन हमलों में कोई आम नागरिक नहीं मारा गया, सिर्फ आतंकवादी इस हमले में मारे गए। बहावलपुर में मरकज शुभानअल्लाह, मुरीदके में मरकज तैयबा, सियालकोट में मेहमूना जोया कैंप और सरजल कैंप, मुजफ्फराबाद में सवाईनाला और सैयदना बिलाल कैंप, कोटली में गुलपुर और अब्बास कैंप के साथ बरनाला कैंप भीमबर को भारतीय सेना ने टारगेट किया।
अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान ने खुद गलतियां कीं। भारत ने आतंकियों पर हमला किया, लेकिन पाकिस्तान ने इसे अपने ऊपर हमला माना। आतंकवादियों के जनाजे को पाकिस्तान की सेना ने कंधा दिया, लेकिन वे भूल गए थे कि यह सब पूरी दुनिया देखेगी। पूरी दुनिया में पाकिस्तान खुद को आतंक पीड़ित बताता है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने एक्सपोज किया कि वहां 'स्टेट प्रायोजित आतंकवाद' है।
इस संघर्ष में भारत के नुकसान को लेकर भी अमित शाह ने लोकसभा में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय सेना के अड्डों पर हमले किए। किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। एक गुरुद्वारा और एक मंदिर इन हमलों में टूटे। कुछ नागरिक घायल हुए। सदन को बताया कि भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस को तबाह किया, जिनमें से 8 एयरबेस पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।
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चीन को पछाड़ भारत बना अमेरिका का सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्यातक

नई दिल्ली। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, चीन में असेंबल किए गए अमेरिकी स्मार्टफोन शिपमेंट का हिस्सा 2024 की दूसरी तिमाही के 61 प्रतिशत से घटकर 2025 की दूसरी तिमाही में 25 प्रतिशत रह गया है और इस गिरावट का अधिकांश हिस्सा भारत ने हासिल किया।
रिसर्च फर्म कैनालिस (जो अब ओमडिया का हिस्सा है) के अनुसार, "मेड-इन-इंडिया स्मार्टफोन की कुल मात्रा में सालाना आधार पर 240 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह अब अमेरिका में आयातित स्मार्टफोन का 44 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि 2024 की दूसरी तिमाही में यह केवल 13 प्रतिशत था।"
कैनालिस के प्रमुख विश्लेषक संयम चौरसिया ने कहा, "भारत 2025 की दूसरी तिमाही में पहली बार अमेरिका में बिकने वाले स्मार्टफोन का लीडिंग मैन्युफैक्चरिंग हब बन गया है, जिसकी मुख्य वजह अमेरिका और चीन के बीच अनिश्चित व्यापार परिदृश्य के बीच एप्पल का तेजी से भारत में सप्लाई चेन शिफ्ट है।"
एप्पल ने अपनी 'चाइना प्लस वन' रणनीति के तहत पिछले कई वर्षों में भारत में अपनी उत्पादन क्षमता का विस्तार किया है और 2025 तक अब तक भारत में अपनी अधिकांश निर्यात क्षमता को अमेरिकी बाजार में सप्लाई के लिए डेडिकेट करने का विकल्प चुना है।
चौरसिया ने कहा, "एप्पल ने भारत में आईफोन 16 सीरीज के प्रो मॉडल की मैन्युफैक्चरिंग और असेंबलिंग शुरू कर दी है, लेकिन अमेरिका में प्रो मॉडल की आवश्यक सप्लाई के लिए वह अभी भी चीन में स्थापित मैन्युफैक्चरिंग बेस पर निर्भर है।" सैमसंग और मोटोरोला ने भी भारत से अमेरिका को टारगेटेड सप्लाई में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है, हालांकि उनकी गतिविधियां एप्पल की तुलना में काफी धीमी और छोटे पैमाने पर हैं।
एप्पल की तरह, मोटोरोला का भी कोर मैन्युफैक्चरिंग हब चीन में है, जबकि सैमसंग मुख्य रूप से वियतनाम में अपने स्मार्टफोन के उत्पादन पर निर्भर है। 2025 की दूसरी तिमाही में संयुक्त राज्य अमेरिका में स्मार्टफोन शिपमेंट में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई क्योंकि टैरिफ संबंधी चिंताओं के बीच विक्रेताओं ने डिवाइस इन्वेंट्री को आगे बढ़ाना जारी रखा।
चीन के साथ बातचीत के अनिश्चित परिणाम ने सप्लाई चेन के पुनर्निर्देशन को तेज कर दिया है। एप्पल ने पहली तिमाही के अंत में तेजी से अपने स्टॉक का निर्माण किया और दूसरी तिमाही में भी इस स्तर को बनाए रखने की कोशिश की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सैमसंग ने दूसरी तिमाही में अपने स्टॉक का विस्तार किया, जिससे उसके शिपमेंट में सालाना आधार पर 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसमें मुख्य रूप से गैलेक्सी ए-सीरीज डिवाइस का योगदान रहा।
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गृहमंत्री ने संसद में ऑपरेशन महादेव की बताई टाइमलाइन

  • कैसे आतंकियों को घेर किया ढेर
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में ऐलान किया कि 'ऑपरेशन महादेव' के जरिए तीन आतंकियों को मार गिराया गया। ये सभी जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शामिल थे। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन महादेव के जरिए आतंकी सुलेमान, अफगान और जिबरान को ढेर किया। इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में विपक्ष को 'ऑपरेशन महादेव' की पूरी टाइमलाइन बताई। सदन को बताया कि इस ऑपरेशन की शुरुआत कब हुई और कैसे पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को ढेर किया गया।
गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में बताया कि 23 अप्रैल को सुरक्षा मीटिंग हुई। सबसे पहले इसमें निर्णय हुआ कि हत्यारे पाकिस्तान भागने न पाएं। इसकी हमने पुख्ता व्यवस्था की और भागने नहीं दिया। 22 मई को आईबी के पास ह्यूमन इंटेल आई और दाचीगाम क्षेत्र के अंदर आतंकवादियों की उपस्थिति की जानकारी मिली। इस सूचना के पुख्ता करने के लिए मई से 22 जुलाई तक लगातार प्रयास किए। ऊंचाई पर सिग्नल हासिल करने के लिए हमारे अधिकारी आतंकियों के सिग्नल हासिल करने के लिए घूमते रहे।
आईबी और सीआरपीएफ भी लगातार घूमती रही। 22 जुलाई को हमें सफलता मिली। सेंसर के माध्यम से आतंकवादियों के मिलने की पुष्टि हुई। इसके बाद 4 पैरा जो हमारी सेना का एक हिस्सा है उसके नेतृत्व में सीआरपीएफ के जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने एक साथ मिलकर आतंकियों को घेरने का काम किया। इसके बाद 28 जुलाई को ऑपरेशन महादेव के जरिए हमारे निर्दोष लोगों को मारने वाले तीनों आतंकी मौत के घाट उतार दिए गए।
अमित शाह ने आगे बताया कि एनआई ने पहले से ही इन 3 आतंकियों को पनाह देने वालों और खाना पहुंचाने वालों को गिरफ्तार कर लिया था। कल (28 जुलाई) जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर आए, तो इनसे पहचान कराई गई, जिसमें से 4 लोगों ने पहचान लिया कि यही 3 लोग थे, जिन्होंने पहलगाम में आतंकी घटना को अंजाम दिया था। मगर हम लोगों ने इस पर भी भरोसा नहीं किया, कोई जल्दबाजी नहीं की।
पहलगाम हमले के घटनास्थल से जो कारतूस मिले, उसका एफएसएल रिपोर्ट पहले ही कराकर रखा था। जब कल आतंकी मारे गए। इनके पास एक अमेरिकन और दो एके-47 राइफलें मिलीं। कारतूस भी मिले। मगर हम इससे भी संतुष्ट नहीं हुए। इन राइफलों को एक विशेष विमान द्वारा कल रात चंडीगढ़ भेजा। मिलान होने पर तय हो गया कि इन्हीं राइफलों से पहलगाम हमले को अंजाम दिया गया था।
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लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को याद दिलाई गलती

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर पर हो रही चर्चा में कांग्रेस को उसकी 'गलती' याद दिलाई। पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदारों को उनके अंजाम तक पहुंचाने का जिक्र किया। सुलेमान, अफगान और जिब्रान का नाम बता 'ऑपरेशन सिंदूर' से लेकर 'ऑपरेशन महादेव' के जरिए उनके खात्मे का पूरा ब्योरा दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के उस सवाल का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने केंद्र से पहलगाम हमले को लेकर सबूत मांगे थे।
कांग्रेस को उसका ब्लंडर याद दिलाते हुए लोकसभा में शाह ने कहा, "22 अप्रैल को पहलगाम हमला हुआ। 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए। मैं रात में ही श्रीनगर निकल गया। पीएम मोदी ने 23 अप्रैल को सीसीएस की मीटिंग की। कांग्रेस का ब्लंडर था सिंधु जल संधि। हमने इसे सस्पेंड किया। पाक नागरिकों के वीजा सस्पेंड कर उन्हें भेजने का काम किया। सीसीएस ने संकल्प लिया कि जहां आतंकी छिपे हैं, सुरक्षा बल उन्हें उचित जवाब देगी।"
इससे पहले शाह ने ऑपरेशन महादेव को लेकर भी बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा, "कल (28 जुलाई) को ऑपरेशन महादेव में सुलेमान, फैजल अफगान और जिब्रान तीन आतंकी एक संयुक्त अभियान में मारे गए। सुलेमान लश्कर का कमांडर था। इसके ढेरों सबूत हैं। अफगान और जिब्रान ए श्रेणी के आतंकी थे। ये तीनों पहलगाम हमले के आतंकी थे और तीनों मारे गए।"
वहीं, पी चिदंबरम की डिमांड पर गृह मंत्री शाह ने कहा, "आतंकी कहां से आए, कहां गए, ये जिम्मेदारी किसकी है? ये हमारी ही जिम्मेदारी है। जब आपकी सरकार थी, तब किसकी जिम्मेदारी थी? चिदंबरम ने सवाल उठाया कि आतंकी पाकिस्तान से आए, इसका सबूत कहां है?"
शाह ने कहा, "चिदंबरम जी को कहना चाहता हूं कि हमारे पास सबूत है कि तीनों पाकिस्तानी थे। दो के तो पाकिस्तान के वोटर होने की बात मौजूद है। इनके पास जो चॉकलेट मिलीं, वो भी पाकिस्तान मेड हैं।" उन्होंने कहा कि इस देश का पूर्व गृह मंत्री देश के सामने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहा है। वे पाकिस्तानी नहीं थे, ये कहकर चिदंबरम कह रहे हैं कि जब वे पाकिस्तान के नहीं थे तो उन पर हमला क्यों किया। पाकिस्तान को बचाने का षड्यंत्र देश के 130 करोड़ लोग जान गए हैं।
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पहलगाम हमले के तीन आतंकी दाचीगाम ऑपरेशन में ढेर : अमित शाह

नई दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा को बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को कल श्रीनगर के पास दाचीगाम इलाके में चलाए गए एक अभियान के दौरान मार गिराया गया। ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस के दौरान संसद में बोलते हुए, अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन महादेव नामक इस अभियान में पहलगाम नरसंहार के मास्टरमाइंड सुलेमान शाह (जिसे आसिफ के नाम से भी जाना जाता है) और हमले से जुड़े दो अन्य आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह अभियान विश्वसनीय खुफिया जानकारी, जिसमें आतंकवादियों से जुड़े एक सैटेलाइट फ़ोन सिग्नल भी शामिल था, के आधार पर चलाया गया था, जिसमें दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के पास लिडवास-हरवान के जंगली इलाके में उनकी मौजूदगी का संकेत दिया गया था। शाह का यह बयान विपक्ष की कड़ी आलोचना के बीच आया है, जिसने सरकार पर यह स्पष्ट करने का दबाव डाला है कि आतंकवादी कश्मीर में इतनी गहराई तक कैसे घुस आए और हमले के 100 दिनों से ज़्यादा समय तक कैसे फ़रार रहे। गौरव गोगोई सहित कांग्रेस नेताओं ने जवाबदेही की माँग की और सुरक्षा चूक पर सवाल उठाए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत की जवाबी कार्रवाई ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी ढाँचे को काफ़ी हद तक ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अगर ख़तरा बना रहा तो ऑपरेशन फिर से शुरू किया जाएगा।
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