राजकीय पशु वन भैंसो पर संकट के बादल
झूठा सच @ रायपुर / मैनपुर :- छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजकीय पशु वन भैंसो पर संकट के बादल मंडरा रहे है शासन प्रशासन द्वारा वन भैंसो के संरक्षण और संवर्धन के लिए पानी की तरह पिछले तीन दशक मे करोड़ो रूपये खर्च करने के बावजूद वन भैंसो की संख्या बढ़ने के बजाय तेजी से घटने लगी है जो पूरे प्रदेश व देश के लिए चिंता का विषय है। वन भैंसा के दुर्लभता के चलते छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद वन भैंसा को राजकीय पशु का दर्जा दिया गया और पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश मे गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड अंतर्गत एक मात्र उदंती अभ्यारण्य मे वन भैंसो के संरक्षण और संवर्धन केन्द्र का निर्माण कर वन भैंसो के वंश बढ़ाने का प्रयास शासन प्रशासन द्वारा प्रारंभ किया गया लेकिन पानी की तरह पैसा खर्च करने के बावजूद संख्या बढ़ने के बजाय तेजी से घटने लगी और तो और अब उदंती अभ्यारण्य मे एक भी मादा वन भैंसा नही होने से वन भैंसे के वंश वृद्धि को लेकर सरकार व विभाग की सारी कवायद वर्तमान मे धरी की धरी रह गई है और निकट भविष्य मे अन्य प्रदेश से उदंती अभ्यारण्य मे मादा वन भैंसा लाने की तैयारी किया जा रहा है।