हिंदुस्तान

राष्ट्रपति ने बेंगलुरु में अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन को किया संबोधित

बेंगलुरु। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हर महिला से साहस जुटाने, बड़े सपने देखने और अपने सपनों को हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत और क्षमता का उपयोग करने का आग्रह किया। वह शुक्रवार को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) हवाई अड्डे पर आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर द्वारा आयोजित 10वें अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन के उद्घाटन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए पहुंचीं।
कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने राष्ट्रपति मुर्मू का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर राजस्व मंत्री कृष्ण बायर गौड़ा, मुख्य सचिव डॉ. शालिनी रजनीश, एयर मार्शल नागेश कपूर, लेफ्टिनेंट जनरल जे.के. गेरा, कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक आलोक मोहन, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार सचिव सत्यवती जी, बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद और बेंगलुरु जिला कलेक्टर जगदीश जी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "मानसिक शक्ति के बिना बाधाओं को तोड़ना और रूढ़ियों को चुनौती देना संभव नहीं है। मैं हर महिला से आग्रह करती हूं कि वह साहस जुटाए, बड़े सपने देखे और अपने सपनों को हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत और क्षमता का उपयोग करे। आप में से प्रत्येक द्वारा अपने लक्ष्य की ओर उठाया गया हर छोटा कदम एक विकसित भारत और विकसित दुनिया की ओर एक कदम है।"
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि प्रौद्योगिकी में प्रगति ने जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया है। उन्होंने कहा, "ऐसी प्रतिस्पर्धी दुनिया में, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे मानवीय मूल्य अक्षुण्ण रहें। प्रत्येक मनुष्य को करुणा, प्रेम और एकता के मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए सचेत रूप से अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है। यहीं पर महिलाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। महिलाओं में करुणा के माध्यम से नेतृत्व करने की विशेष क्षमता होती है। वे व्यक्ति से परे देखने और परिवारों, समुदायों और यहां तक ​​कि वैश्विक नेता के इस रिश्ते की भलाई के लिए काम करने की क्षमता रखती हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि इस सम्मेलन में भाग लेने वाली सभी महिलाएं ऐसे आध्यात्मिक सिद्धांतों के साथ सामने आएंगी, जिन्हें लोग अपने जीवन और अपने आस-पास के लोगों के जीवन को और अधिक सुंदर और शांतिपूर्ण बनाने के लिए लागू कर सकते हैं।" राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन यह संदेश भी फैलाते हैं कि व्यक्ति एक पूर्ण रूप से अलग-थलग इकाई नहीं है, बल्कि एक परस्पर जुड़ी दुनिया का हिस्सा है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा, "आज की दुनिया में, मानसिक स्वास्थ्य सभी आयु वर्ग के लोगों के सामने सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक बन गया है। महिलाएं, विशेष रूप से, पेशेवर रूप से प्रतिस्पर्धा करने, सामाजिक अपेक्षाओं को पूरा करने और व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने सहित कई चुनौतियों के चौराहे पर हैं। कभी-कभी समाज के सांस्कृतिक मानदंड महिलाओं के लिए अपनी भावनात्मक भलाई के बारे में खुलकर बात करना मुश्किल बना देते हैं। मानसिक स्वास्थ्य किसी भी महिला के लिए एक सार्थक जीवन जीने और परिवार, समाज और दुनिया में योगदान देने की क्षमता का मूल है।" (एएनआई)

Leave Your Comment

Click to reload image