नवरात्र का चौथा दिन आज, मां कूष्मांडा की इस विधि से करें पूजा अर्चना
29-Sep-2022 12:38:12 pm
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झूठा सच @ रायपुर :- मां दुर्गा का चौथा भव्य स्वरूप मां कूष्मांडा हैं. नवरात्रि के चौथे दिन इन्हीं की पूजा का विधान है. मां कूष्मांडा की महिमा अद्वितीय है. इनकी उपासना शांत मन से और मधुर ध्वनि के साथ करनी चाहिए. मां कूष्मांडा की पूजा से अजेय रहने का वरदान मिलता है. कहते हैं जब संसार में चारों ओर अंधियारा छाया था, तब मां कूष्मांडा ने ही अपनी मधुर मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी. इसलिए इन्हें सृष्टि की आदि स्वरूपा और आदिशक्ति भी कहते हैं.
नवदुर्गा का चौथा स्वरूप है. इनकी आठ भुजाएं है. इनके सात हाथों में क्रमश: कमंडल, धनुष, बाण, कमल पुष्प,कलश, चक्र और गदा है. आठवें हाथ में सभी सिद्धियां और निधियों को देने वाली माला है. देवी के हाथों में जो अमृत कलश है, वह अपने भक्तों को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य का वर देती है. मां सिंह की सवारी करती हैं, जो धर्म का प्रतीक है.
नवरात्रि के चौथे दिन हरे या संतरी रंग के कपड़े पहनकर मां कूष्मांडा का पूजन करें. पूजा के दौरान मां को हरी इलाइची, सौंफ या कुम्हड़ा अर्पित करें. मां कूष्मांडा को उतनी हरी इलाइची अर्पित करें जितनी कि आपकी उम्र है. हर इलाइची अर्पित करने के साथ "ॐ बुं बुधाय नमः" कहें. सारी इलाइची को एकत्र करके हरे कपड़े में बांधकर रखें. इलाइची को शारदीय नवरात्रि तक अपने पास सुरक्षित रखें.
नवरात्रि में आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें विधि और उपाय
कुंडली के बुध से संबंध रखने के कारण मां कूष्मांडा की उपासना से बुध से जुड़ी समस्याओं का अंत होता है. शेरों वाली मां कुष्मांडा को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष में कुछ विशेष उपाय भी बताएं गए हैं. इन उपायों से मां कूष्मांडा की कृपा बहुत जल्दी मिल सकती है.
एक उपाय से प्रसन्न होंगी मां कूष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन मा कूष्मांडा की पूजा करें. उन्हें भोजन में दही और हलवा का भोग लगाएं. इसके बाद उन्हें फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित करें. इससे मां कूष्मांडा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं. देवी मां की सच्चे मन से की गई साधना आपको खुशियों की सौगात दे सकती है |