चैत्र नवरात्रि की किस दिन होगी कलश स्थापना
15-Mar-2023 2:59:29 pm
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मंदिर की साफ-सफाई कर सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं.
हिंदू पंचांग के मुताबिक, साल भर में 4 बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि है और दो गुप्त नवरात्रि है. आपको बता दें कि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. इस बार चैत्र नवरात्रि का त्योहार 22 मार्च, बुधवार से प्रारंभ हो रहा है और इसका समापन 30 मार्च को होगा. नवरात्रि के मौके पर जो भी श्रद्धालु विधि विधान से माता की पूजा करते हैं, मां दुर्गा उनसे प्रसन्न होकर उन पर अपने आशीर्वाद की बारिश करती हैं. जिसके चलते उनके जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है.
कलश स्थापना का दिन, तारीख और शुभ मुहूर्त
चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इस बार चैत्र नवरात्रि का त्योहार 22 मार्च, बुधवार से प्रारंभ हो रहा है. ऐसे में कलश की स्थापना भी 22 मार्च 2023, दिन बुधवार को ही की जाएगी. वही कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त की बात करें, तो सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक (अवधि 01 घंटा 09 मिनट) तक शुभ मुहूर्त रहने वाला है.
कलश स्थापना कैसे करें?
कलश स्थापना के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए.
मंदिर की साफ-सफाई कर सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं.
इस कपड़े पर थोड़े चावल रखें.
एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें.
इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें.
कलश पर स्वास्तिक बनाकर इसपर कलावा बांधें.
कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर अशोक के पत्ते रखें.
एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें. इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आवाहन करें.
इसके बाद दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें.
नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश स्थापित करने की परंपरा है.