गुड़ी पड़वा 22 मार्च को, जानिए गुड़ी पड़वा से जुड़े तथ्य...
21-Mar-2023 1:01:48 pm
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चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा के दिन हिंदू धर्म में कई चीजों की शुरुआत होती है. विक्रम संवत लगता है, हिंदु नववर्ष शुरू होगा, चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है और गुड़ी पड़वा का पर्व भी इसी दिन पड़ता है. इस साल ये खास दिन 22 मार्च दिन बुधवार है. हिंदू धर्म में गुड़ी पड़वा का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन मराठी लोग गुड़ी पड़वा मनाते हैं और ये खासतौर पर वहीं का त्योहार है. इस साल गुड़ी पड़वा 22 मार्च, 2023 को पड़ रहा है और इस पर्व को देश के अलग-अलग हिस्सों में दूसरे नामों से जाना जाता है. चलिए आपको इसकी पूरी डिटेल बताते हैं.
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गुड़ी पड़वा से जुड़ी हर छोटी-बड़ी महत्वपूर्णं बातें
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की शुरुआत 21 मार्च 2023 दिन मंगलवार की रात 9 बजकर 22 मिनट से होगी. इसकी समाप्ति 22 मार्च 2023 दिन बुधवार की शाम 6 बजकर 50 मिनट पर होगी. उदय तिथि के अनुसार 22 मार्च को गुड़ी पड़वा मनाया जाएगा. गुड़ी पड़वा के पूजा का शुभ मुहूर्त 22 मार्च 2023 की सुबह 6 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 39 मिनट तक है. गुड़ी पड़वा मनाने के पीछे के 4 मुख्य कारण होते हैं. इसमें पहला कारण है कि ऐसा माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था. इसलिए ये दिन उनकी पूजा करके उन्हें ही समर्पित कर देते हैं. इसका दूसरा कारण है कि इस दिन से नवरात्रि का प्रारंभ भी होता है और घर घर दुर्गा मां का आगमन होता है. तीसरा कारण ये है कि इस दिन किसान नई फसलें उगाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन हिंदू धर्म को मानने वालों को अपने-अपने घरों में नारंगी ध्वजा फहराना चाहिए जिससे निगेटिव एनर्जी घर में प्रवेश ना करे.
इस दिन मराठी लोग गुड़ी लगाते हैं. बांस के ऊपर चांदी, तांबे या पीतल का उल्टा कलश रखते हैं. वहीं उसे सुंदर साड़ी से सजाया जाता है. गुड़ी को नीम के पत्ते, आम के डंठल और लाल फूलों से भी सजाते हैं. गुड़ी को ऊंची जगह रखते हैं जिससे वो दूर से दिखाई दे. कई लोग इसे घर के मुख्य द्वार के खिलड़की पर सजा देते हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने इस दिन ब्राह्मांड की रचना की थी इसलिए गुड़ी को ब्रह्मध्वज भी कहते हैं. कई जगह ऐस भी मान्यता है कि 14 साल के वनवास के बाद प्रभु श्री राम अयोध्या लौटने की खबर इसी दिन आई थी. गुड़ी लगाने के पीछे की मान्यता है कि घर में सुख-समृद्धि आती है.