धर्म समाज

आज मां चंद्रघंटा की उपासना

हिन्दू पंचांग के अनुसार आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है, साथ ही आज चैत्र नवरात्रि पर्व का तीसरा दिन है। आज के दिन माता चंद्रघंटा की उपासना करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है और जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का चंद्र विभूषित है, जिस कारण से इन्हें चंद्रघंटा माता के नाम से जाना जाता है। माता सिंह की सवारी करती हैं और उनकी दस भुजाएं हैं। साथ ही आज इनका वर्ण स्वर्ण के समान तेजवान है। आज के दिन माता चंद्रघंटा की उपासना करने से और उनके प्रिय स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। 
मां चंद्रघंटा के इस स्वरूप की विशेष महिमा क्या है?
देवी चंद्रघंटा का वाहन सिंह है. इनकी दस भुजाएं और तीन आंखें हैं. आठ हाथों में खड्ग, बाण आदि दिव्य अस्त्र-शस्त्र हैं. दो हाथों से ये भक्तों को आशीष देती हैं. इनका संपूर्ण शरीर दिव्य आभामय है. इनके दर्शन से भक्तों का हर तरह से कल्याण होता है. माता भक्तों को सभी तरह के पापों से मुक्त करती हैं. इनकी पूजा से बल और यश में बढ़ोत्तरी होती है. स्वर में दिव्य अलौकिक मधुरता आती है. देवी की घंटे-सी प्रचंड ध्वनि से भयानक राक्षसों आदि भय खाते हैं. इस दिन गाय के दूध का प्रसाद चढ़ाने का विशेष विधान है. इससे हर तरह के दुखों से मुक्ति मिलती है.

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