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नवरात्रि में फायदेमंद है उपवास, जानें वैज्ञानिक महत्व

चैत्र नवरात्रि का त्योहार ऐसे समय आता है, जब मौसम में बड़ा बदलाव होता है। मौसम में इस बदलाव के कारण कई नए तरह के बैक्टीरिया में पैदा होते हैं, जो हमारे लिए घातक होते हैं। मौसम में बदलाव के कारण हमारे शरीर की इम्युनिटी भी कमजोर पड़ जाती है और घातक बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार नहीं होती है। ऐसी परिस्थिति में चैत्र नवरात्रि के दौरान रखा गया उपवास शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है।
नवरात्रि में 9 दिन का उपवास
नवरात्रि के 9 दिनों उपवास करने से शरीर को सात्विक भोजन मिलता है। सात्विक भोजन शुद्ध और संतुलित माना जाता है। इससे शरीर में कोई विकार पैदा नहीं होता है। गरिष्ठ या तामसिक भोजन भले ही स्वादिष्ट होता है, लेकिन ऐसे भोजन को पचाने के लिए भी शरीर को ज्यादा ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। गरिष्ठ खाना खाने के बाद यही कारण है कि ज्यादा सुस्ती महसूस करने लगते हैं।
सात्विक भोजन देता है पाचन तंत्र को आराम
सात्विक भोजन पाचन तंत्र को आराम भी देता है और डिटॉक्सिफिकेशन में भी मदद करता है। नवरात्रि के दौरान उपवास रखने का वैज्ञानिक कारण शरीर को डिटॉक्सिफाई करना है। हफ्ते में एक बार हल्का भोजन करने से पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
व्रत में इन चीजों का करें सेवन
आयुर्वेद में कई चीजों को सात्विक भोजन बताया गया है। इसमें कुट्टू के आटे की रोटी का सेवन काफी फायदेमंद होता है। कुट्टू के आटे से बने खाद्य पदार्थ आसानी से डाइजेस्ट होते हैं और इसमें ग्लूटेन भी नहीं होता है।
इसके अलावा उपवास के दौरान फल, काजू-बादाम का सेवन कर सकते हैं। दही, दूध और छाछ का सेवन भी फायदेमंद होता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को नवरात्रि में व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि उस समय महिलाएं अंदरूनी रूप से कमजोर होती है। उपवास के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करना चाहिए।

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