धर्म समाज

इबादत के पवित्र माह रमजान की आमद

आज से लगभग 13 घंटे का होगा रोजा
स्लाम धर्म के पांच प्रमुख फर्ज में रोजा एक फर्ज है। जो माहे रमजान की आमद के साथ पूरा एक माह रखा जाता है, इबादत के महिना रमजान की आमद हो गई है। जिसका पहला रोजा 24 मार्च को रखा जाएगा। हाजी शोएब खान ने बताया कि रमजान के पवित्र माह में पांचो वक्त की नमाज के अलावा तराबी की विशेष नमाज भी पढ़ी जाती है।
बताया कि इस्लाम धर्म के अनुसार रमजान महिने के पूरे रोजे रखना हर मुसलमान पर फर्ज है, रोजे का अर्थ होता है रूकना, परहेज करना और दूर रहना, क्योंकि रोजदार सुबह सूरज निकलने से पहले और सूरज डूबने तक खाने-पीने और दूसरी तमाम बुराईयों से परहेज करता है। यदि कोई रोजदार इस समय के दौरान कुछ खा ले, पी ले या दूसरी ख्वाहिश पूरी कर ले तो उसका रोजा टूट जाता है।
बता दें इसी पवित्र माह रमजान में अल्लाह की पवित्र किताब ‘‘कुरान’’ पैगंबर हजरत मोहम्मद पर उतारी गई। जिसमें पूरी दुनिया के लोगों की भलाई और बेहतरी तथा अमन, शांति का संदेश दिया गया। माहे रमजान के पूरे माह में कुछ खास तारीखें है, जिनको धर्मावलंबी और रोजदार, उन दिनों को बड़े ही अकीदत के साथ मनाते हैं। जिसमें माहे रमजान के पहले रोजे को गौसे आजम की यौमे पैदाईश है, इसी के साथ तीसरे, सत्रवें रोजे, इक्कीसवें रोजे एवं सत्ताईसवे रोजे का रमजान के महिने में विशेष महत्व है।
माहे रमजान की आमद को लेकर जिले के मुस्लिम धर्मावलंबियो को बेसब्री से इंतजार है और वह घड़ी निकट आ गई है। माहे रमजान को लेकर मस्जिदो को सजाया गया है और पूरे महिने की विशेष इबादत के लिए माकूल इंतजाम भी कर लिया गया है। इसी क्रम में जिले की सभी मस्जिदो में हाफिजे कुरान, तरावी के रूप में कुरान सुनाने के लिए तैयार है और यह सिलसिला पहले रोजे से सत्ताईसवें रोजे तक चलेगा। माहे रमजान में रोजदारों के लिए सेहरी और इफ्तारी का दौर प्रारंभ हो जायेगा। प्रातः निर्धारित समय पर सेहरी होगी और शाम में इफ्तार किया जाएगा। रजा एक्शन कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष ने जिले के मुस्लिम धर्मावलंबियों से कहा कि रोजा लगभग 13 घंटे का होगा। उन्होंने कहा कि जिसे देखते हुए रोजदार पूरे इत्मीनान, सुकुन और सब्र के साथ इबादत करें।

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