माहे रमजान के पहले जुमे में नमाजियों की उमड़ी भीड़
25-Mar-2023 2:50:33 pm
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मुल्क की खुशहाली की मांगी दुआएं
बाड़मेर में माहे रमज़ान के पहले जुमे की नमाज में रोजेदारों ने मुल्क के अमन चैन के लिए दुआ मांगी. इस्लाम धर्म गुरु पीर सैय्यद गुलाम हुसैन शाह ने मुस्लिम समाज से कहा की रमजान की कदर करें और दिन में रोजे रखें और रात में तरावीह अदा करें. गरीबों की मदद करें.
बाड़मेर जिले में माहे रमज़ान शरीफ शुरू होते ही मोमिनों में जोश जज्बा पाया गया. रमजान के पहले जुमे में गांधी चौक स्थित जामा मस्जिद हजारों नमाजियों से भर गई. लोगों के चेहरों पर खुशी के आसार नजर आ रहे थे. हर कोई नमाज़ के बाद हाथ उठा कर मालिक से दुआ कर रहा था कि या इलाही मेरे मुल्क को अमन अमान का गहवारा बना. इस्लाम धर्म गुरु पीर सैय्यद गुलाम हुसैन शाह जिलानी ने समाज से अपील करते हुए कहा कि रमजान की कदर करें और दिन में रोजे रखें और रात में तरावीह अदा करें. जिलानी ने कहा कि रोज़े से इंसान के गुनाह मुआफ होते हैं और रूह को ताजगी मिलती है.
रमजान में जन्नत के दरवाज़े खोल दिये जाते हैं
पीर सय्यद नेमतुल्लाह शाह जिलानी ने कहा कि रमजान पवित्र महीना है जिस में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते है और जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते है. शैतान को क़ैद कर दिया जाता है. लिहाजा मोमिनों को चाहिए कि इस माह में रोज़े रखें और पाप से दूर रहें.
गरीबों की मदद करें
पेश हाजी लाल मोहम्मद सिद्दीकी ने मोमिन भाइयों से अपील करते हुए कहा कि इस माह में रोजा रख कर गरीबों फकीरों की मदद करें. रोजा रखने से इंसान को भूखे प्यासे लोगों की याद आती है और गरीबों की मदद करने का एहसास पैदा होता है.
शहर सहित आस-पास इलाके के उमड़े हजारों मोमीन
मुस्लिम युवा कमेटी के सदर अबरार मोहम्मद ने माहे रमजान की मुबारकबाद पेश करते हुए बताया कि माहे रमजान के पहले शुक्रवार यानी जुमे को जुमा की नमाज अदा करने के लिए हजारों की तादात में मोमीन भाई उमड़ पड़े. जामा मस्जिद की तीन मंजिला इमारत खचाखच भर है. छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों ने पहला जुमा का पहला रोजा रख सेहरी की नियत की. वहीं सारा दिन खुदा की बारगाह में अपने गुनाहों की माफी मांगते हुए इबादत के साथ गुजारा. बाद नमाज जुमा को हजारों हाथ मुल्क की खुशहाली, अमनों अमान, आपसी भाईचारा, सामाजिक सद्भाव के लिए उठे.
ये लोग रहे मौजूद
इस दौरान मुस्लिम इंतजामिया कमेटी के सदर मोहम्मद मंजूर कुरेशी, शाह मोहम्मद सिपाही, हाजी अयूब तेली, पार्षद हाजी दीन मोहम्मद, इलियास भाई तेली, मुख्तियार भाई नियारगर, दिलबर तेली, शाहिद कुरेशी, अम्मू मिस्त्री, इकबाल मोहम्मद सिपाही, शौकत शेख, शाह मोहम्मद कोटवाल सहित हजारों की तादात में मोमीन भाई मौजूद रहे.