धर्म समाज

रमजान में रोजेदार के लिये खजूर का है ज्यादा महत्व

जानें इसको खाने के फायदे
गया। रमजान का महीना चल रहा है. इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग इस महीने में रोजा रख कर अल्लाह की इबादत करते है. रोजा की खातिर बिहार के गया शहर की दुकानों पर खजूर की अलग-अलग वैरायटी उपलब्ध है. क्योंकि, रोजेदार इससे ही रोजा खोलते हैं. रमजान के माह में सुबह सूरज निकलने से पहले रोजेदार सहरी करते हैं. फिर सूरज ढलने के बाद रोजा खोला जाता है. इसको इफ्तार कहते हैं. मगरिब की अजान के बाद नमाज के बाद रोजेदार रोजा खोलता है. रोजा खोलने के लिए खजूर का सेवन ज्यादा किया जाता है. 
गया के मशहूर फिजिशियन डाॅ. राजकुमार प्रसाद बताते हैं कि सऊदी अरब में खजूर का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. वहां अधिक गर्मी पड़ती है. वहां सबसे ज्यादा पित्त की खराबी होती है. लेकिन, खजूर शरीर को अल्कलाइन करने में मदद करता है. उन्होंने बताया कि यदि ब्लड का पीएच मान 7 रहेगा तब तक कोई बीमार नहीं पड़ेगा, लेकिन पीएच मान 7 से नीचे आने पर व्यक्ति बीमार पड़ सकता है. क्षारीय सूत्र के अनुसार रोजेदार के लिए खजूर सबसे मुफीद चीज है. चूंकि यह अल्कलाइन है इसलिए सारे एसिड को न्यूट्रालाइज करता है, इसलिए इसको खाने के बाद लोग पानी पीते हैं.
खजूर खाने के साइंटिफिक कारण
साइंटिफिक कारणों की तरफ देखें तो रोजे में खजूर खाना काफी लाभदायक माना जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि रोजेदार दिन के वक्त भूखा रह कर शाम को खाना खाते हैं. ऐसे में उन्हें एसिडिटी की समस्या हो सकती है. भूखे पेट भोजन लेने से डाइजेशन में आसानी रहती है. वो बाकी चीजों को आसानी से पचा पाता है.
इसके अलावा, खजूर खाने से शरीर को राहत भी मिलती है. यह अगले दिन रोजे में एनर्जी भी देता है. क्योंकि इसमें कई प्रकार के जरूरी विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते हैं. खजूर में मौजूद मैग्नीशियम, कॉपर विटामिन, आयरन और प्रोटीन से बॉडी एक्टिव रखती है. खजूर में एल्केलाइन साल्ट होता है जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है. साथ ही, ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा भी कम होता है.

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