हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है इन्हीं पर्व त्योहारों में से एक है परशुराम जयंती का पर्व जिसे बेहद ही खास माना जाता है। जो हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है इस बार परशुराम जयंती 22 अप्रैल दिन शनिवार को मनाया जा रहा है इसी पावन दिन पर अक्षय तृतीया का भी पर्व मनाया जा रहा है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज ही के दिन भगवान विष्णु के छठें अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। इस दिन भक्त भगवान परशुराम की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि किया जाता है। मान्यता है कि इनकी पूजा अर्चना करने से सभी दुखों व संकटों का नाश हो जाता है तो आज हम आपको भगवान परशुराम की संपूर्ण पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते है।
परशुराम जयंती की संपूर्ण पूजा विधि
आपको बता दें कि भगवान परशुराम जयंती के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें। घर के पूजन स्थल की अच्छी तरह से साफ सफाई करके गंगाजल का छिड़काव करें। अब चौकी की पर साफ वस्त्र बिछाकर भगवान परशुराम और श्री विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें भगवान को पुष्प, चावल और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें।
भगवान को मिठाष्ठन का भोग लगाएं। इसके बाद धूप दीपक दिखाकर उनकी आरती करें। पूजन के अंत में अपनी प्रार्थना कर सभी में प्रसाद वितरण करें मान्यता है कि इस विधि से प्रभु की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।