धर्म समाज

बुद्ध पूर्णिमा 22 मई को, जानिए...शुभ मुहूर्त और महत्व

सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को खास बताया गया है जो कि हर माह में एक बार आती है इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है मान्यता है कि पूर्णिमा तिथि पर लक्ष्मी पूजा उत्तम फल प्रदान करती है और धन संकट दूर कर देती है। पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा मनाई जाती है इस बार 23 मई को वैशाख पूर्णिमा है। इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख पूर्णिमा के शुभ दिन पर ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था इसी दिन ज्ञान की प्राप्ति और परिनिर्वाण हुआ था। हर साल वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध जयंती का पर्व मनाया जाता है इस पावन दिन पर भक्त भगवान बुद्ध की विधिवत पूजा आराधना करते हैं इस शुभ दिन पर भक्त गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान व आस्था की डुबकी भी लगाते हैं। साथ ही पूजा पाठ व दान पुण्य के कार्य भी करते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बुद्ध पूर्णिमा से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त-
पंचांग के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा 22 मई को देर रात 6 बजकर 47 मिनट पर आरंभ हो रही है और इसका समापन अगले दिन यानी 23 मई को संध्याकाल 7 बजकर 22 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार 23 मई को ही बुद्ध पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिष अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के शुभ दिन पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है इस योग का निर्माण संध्याकाल 7 बजकर 9 मिनट पर हो रहा है।
बुद्ध पूर्णिमा के शुभ दिन पर भक्त सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद भगवान बुद्ध का ध्यान कर उनकी विधिवत पूजा करें और चाहे तो उपवास भी रखें। माना जाता है कि इस विशेष दिन पर पूजा पाठ और व्रत करने से भक्तों का कल्याण होता है और जीवन के दुखों व परेशानियों का समाधान हो जाता है।

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