धर्म समाज

मंगल ग्रह का मेष राशि में गोचर 1 जून को

  • कुंभ और मीन राशि वाले जातक जरूर करें ये उपाय
हिंदू ज्योतिष शास्त्र में मंगल देव को बहुत ही प्रभावकारी ग्रह माना गया है। मंगल देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर होता है। हिंदू पंचांग की गणनाओं के अनुसार, मंगल ग्रह का गोचर 1 जून 2024 को 15:27 बजे मेष राशि में होगा। यह राशि चक्र की पहली राशि होती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, मंगल देव के राशि परिवर्तन से कुंभ और मीन राशि वालों को बंपर लाभ हो सकता है। इस दौरान उन्हें कुछ खास उपाय जरूर करना चाहिए। इन उपायों के बारे में यहां जानें विस्तार से।
ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व-
ज्योतिष में मंगल ग्रह को योद्धा, मर्दाना स्वभाव और आदेश देने वाले ग्रह के रूप में जाना जाता है और मानव स्वभाव में इस सभी कारकों को प्रभावित व मजबूत करता है। ग्रहों की स्थिति के अनुसार, मंगल ग्रह अपनी स्थिति व राशि के अनुसार सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव दिखाते हैं।
कुंभ राशि वालों की बढ़ेगी प्रतिष्ठा-
कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल देव तीसरे और 10वें भाव के स्वामी है। मंगल के गोचर के दौरान कुंभ राशि वाले जातकों को सफलता प्राप्त होगी और यात्रा में अधिक समय व्यतीत हो सकता है। करियर में कड़ी मेहनत का परिणाम मिल सकता है। सामाजिक प्रतिष्ठा में भी बढ़ोतरी हो सकती है। व्यापार में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। जीवनसाथी के साथ रिश्ते सुधरेंगे। कुंभ राशि वालों को मंगल देव को प्रसन्न करने के लिए रोज 21 बार 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए।
मीन राशि वालों को होगा भाग्योदय-
मीन राशि के जातकों के लिए मंगल देव दूसरे और 9वें भाव का स्वामी है। मीन राशि वाले जातकों को मंगल के गोचर के दौरान अच्छा पैसा कमाने का अवसर प्राप्त होगा। करियर में सफलता मिलेगी। व्यापार में किसी नए उपक्रम की शुरुआत कर सकते हैं। ससुराल पक्ष से सहयोग मिलेगा। मीन राशि वालों मंगलवार को माँ दुर्गा के लिए यज्ञ और हवन करना चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में मंगल दोष दूर होगा और मंगल देव प्रसन्न होंगे।

डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

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