धर्म समाज

शनि अमावस्या पर करें ये उपाय, पितृ दोष से मिलेगा निजाज

सनातन धर्म में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही पवित्र नदी में स्नान, दान और जप-तप भी किया जाता है। मान्यता है कि अमावस्या पर इन शुभ कार्यों को करने से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और पितृ देव प्रसन्न होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या के दिन किए जाने वाले चमत्कारी उपायों का वर्णन किया गया है, जिनको करने से इंसान का जीवन सुखमय होता है।
शनि अमावस्या के उपाय-
शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं और इसकी 11 बार परिक्रमा लगाएं। इसके पश्चात घर की दक्षिण दिशा में एक मुट्ठी तिल को सरसों के तेल में भिगोकर रखें। ये दिशा पूर्वजों की दिशा मानी जाती है। मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अगर आप भगवान शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो शनि अमावस्या पर श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न और धन का दान करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से पितरों की कृपा बनी रहती है और पितृ दोष से छुटकारा मिलता है
शनि अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करें और सच्चे मन से शनि स्त्रोत का पाठ करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से शनि साढ़े साती और ढैय्या का बुरा प्रभाव कम होता है।
शनि अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त-
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 05 जून को शाम 07 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 06 जून को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में ज्येष्ठ माह शनि अमावस्या का पर्व 06 जून को मनाया जाएगा।

Leave Your Comment

Click to reload image