धर्म समाज

शनिदेव को ऐसे करें प्रसन्न, सभी परेशानियां होंगी दूर

हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की साधना आराधना को समर्पित होता है वही शनिवार का दिन भगवान शनिदेव की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है इस दिन भक्त भगवान शनिदेव की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान श्री शनिदेव की कृपा बरसती है लेकिन किसी भी देवी देवता की पूजा बिना आरती के पूर्ण नहीं मानी जाती है
ऐसे में अगर आप शनिदेव को शीघ्र प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं या फिर व्रत पूजन का फल प्राप्त करना चाहते हैं तो हर शनिवार के दिन संध्याकाल शनि मंदिर जाकर भगवान की विधि विधान से पूजा करें साथ ही श्री शनि देव की आरती भी भक्ति भाव से पढ़ें।
माना जाता है कि ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों के जीवन से सारे दुख और कष्ट को समाप्त कर देते हैं साथ ही साधक को भाग्य का भरपूर साथ मिलता है जिससे सभी कार्यों में सफलता हासिल होती है और परेशानियां दूर रहती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं शनिदेव की संपूर्ण आरती पाठ।
शनिदेव की आरती-
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव....
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव....
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव....
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव....
जय जय श्री शनि देव....
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
जय जय श्री शनि देव....

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