धर्म समाज

खुले आसमान के नीचे सोए हैं भगवान विष्णु चतुर्भुज स्वरूप में

  • श्रद्धालुओं को मिलते हैं दर्शन
सनातन धर्म में भगवान विष्णु को जगत का पालनहार माना गया है इनकी साधना आराधना जीवन में कल्याण करती है देशभर में भगवान विष्णु के कई चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर है जहां भक्त दर्शन व पूजन के लिए जाते हैं माना जाता है कि यहां प्रभु के दर्शन प्राप्त कर भक्तों को शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
लेकिन आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भगवान विष्णु के एक ऐसे पूजा स्थल के बारे में बता रहे हैं जहां भगवान खुले आसमान के नीचे विराजमान है सिर पर कोई छत नहीं है और बारिश, धूप, सर्दी सभी मौसमों को स्वयं महसूस कर प्रत्यक्षदशी बनते हैं तो आज हम आपको उसी पूजन स्थल की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
अनंतशयन ​विष्णु-
आपको बता दें कि भगवान विष्णु के इस रूप का नाम है अनंतशयन या अनंतशायी विष्णु। अनंत शेषनाग का एक नाम है। इनके उपर शयन मुद्रा में होने के कारण भगवान विष्णु का यह नाम पड़ा है। बता दें कि श्री हरि विष्णु का यह पूजा स्थल ओडिशा जिले के ढेंकनाल जिले के सारंगा गांव में ब्राह्माणी नदी के किनारे सदियों पहले नीले आसमान के नीचे बनाया गया था।
भक्तगण नीले आकाश के नीचे ही उनकी चतुर्भुजी स्वरूप की पूजा अर्चना कर दर्शन प्राप्त करते हैं। भगवान की यह प्रतिमा करीब 15.4 मीटर लंबी मानी जाती है। अनंतशायी विष्णु को सारंगा गांव में ब्राह्मणी नदी के बाएं किनारे बड़ी खुली हवा में क्षैतिज चट्टान को काटकर बनाया गया है इसका निर्माण करीब 9वीं शताब्दी में किया गया था। जो कि भगवान विष्णु की भारत की सबसे बड़ी संरचना मानी जाती है। मान्यता है कि यहां भक्तों की भारी भीड़ प्रभु के दर्शन व पूजन के लिए आती है।

Leave Your Comment

Click to reload image

Jhutha Sach News

news in hindi

news india

news live

news today

today breaking news

latest news

Aaj ki taaza khabar

Jhootha Sach
Jhootha Sach News
Breaking news
Jhutha Sach news raipur in Chhattisgarh