शुक्र देव के उदय के साथ इस दिन से शुरू होंगे मांगलिक कार्य
20-Jun-2024 3:24:07 pm
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ज्योतिष शास्त्र में शुक्र देव को सुखों का कारक माना जाता है। शुक्र देव वृषभ और तुला राशि के स्वामी हैं। मीन राशि में शुक्र देव उच्च के होते हैं। इसके लिए मीन राशि के जातकों पर शुक्र देव की विशेष कृपा बरसती है। शुक्र देव की कृपा से मीन राशि के जातक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इसके लिए कुंडली दोष रहित होना अनिवार्य है। वर्तमान समय में शुक्र देव मिथुन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में शुक्र देव 07 जुलाई तक रहेंगे। इसके बाद शुक्र देव राशि परिवर्तन करेंगे। इससे पूर्व यानी पहले शुक्र देव 28 जून को उदित होंगे। इसके चार दिन बाद से विवाह समेत सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जाएंगे। आइए, शुक्र उदय के बारे में सबकुछ जानते हैं- शुक्र देव वर्तमान समय में मिथुन राशि में विराजमान हैं। वहीं, शुक्र देव 07 जुलाई को मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे। इस दौरान शुक्र देव 28 जून को पुनर्वसु नक्षत्र में गोचर करेंगे। इसी दिन शुक्र देव उदित होंगे।
शुक्र उदय-
ज्योतिषियों की मानें तो सुखों के कारक शुक्र देव 28 जून को उदित होंगे। इससे पूर्व 25 अप्रैल को शुक्र देव अस्त हुए थे। वहीं, 22 अप्रैल से लेकर 25 अप्रैल तक वृद्धत्व रूप में थे। अतः 25 अप्रैल से सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग गई थी। वहीं, 28 जून को शुक्र देव उदित होने के बाद अगले चार दिनों तक शिशुत्व रूप में रहेंगे। शुक्र देव के अस्त होने के साथ-साथ बाल एवं वृद्धत्व रूप में रहने के दौरान मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। खासकर, विवाह तो पूर्णतया वर्जित है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, शुक्र देव 28 जून से लेकर 02 जुलाई तक शिशुत्व रूप में रहेंगे। अतः 02 जुलाई तक मांगलिक कार्य करने की मनाही है।
विवाह मुहूर्त-
शुक्र देव के उदित होने के बाद पूर्णतया यौवनत्व प्राप्त करने के बाद से मांगलिक कार्य किए जाएंगे। शुक्र देव 28 से लेकर 02 जुलाई तक शिशुत्व रूप में रहेंगे। वहीं, 03 जुलाई को यौवनत्व रूप प्राप्त करेंगे। अतः 03 जुलाई से मांगलिक कार्य किए जाएंगे। वहीं, जुलाई महीने में विवाह लग्न मुहूर्त 03 , 04, 09 , 11, 12 , 13 , 14 एवं 15 जुलाई को है। अति आवश्यक होने पर विवाह के लिए 02 जुलाई का चयन कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में मंगलवार के दिन विवाह न करने की सलाह दी जाती है।