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क्यों शुभ माना जाता है सर्वार्थ सिद्धि योग

  • जानिए...कब होता है इसका निर्माण
ज्योतिष शास्त्र में कई शुभ नक्षत्रों का उल्लेख किया गया है। इन्हीं में से एक सर्वार्थ सिद्धि योग भी माना जाता है। यह बहुत ही शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस योग के अंतर्गत किए गए सभी कार्य सफल माने जाते हैं। इस योग के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को कार्यों में सफलता और आर्थिक लाभ भी मिलता है। आइए, जानते हैं कि सर्वार्थ सिद्धि योग कब बनता है और इसका क्या महत्व है।
सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण-
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग तब बनता है, जब एक विशेष दिन पर एक विशेष नक्षत्र पड़ता है। वार और नक्षत्र के मेल से सर्वार्थ सिद्धि योग बनता है। किसी भी कार्य के लिए यह शुभ माना जाता है। इस दौरान सभी ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं और व्यक्ति को सफलता दिलाने में मदद करते हैं। इसलिए सर्वार्थ सिद्धि योग में ही कोई भी शुभ कार्य करना चाहिए।
नया काम शुरू करने के लिए शुभ समय-
नया काम शुरू करने के लिए भी यह अच्छा समय माना जाता है। यह योग धन, सुख और समृद्धि प्राप्ति के लिए भी शुभ माना जाता है। अगर आप कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने की सोच रहे हैं, तो यह योग बहुत अनुकूल है। अगर आप कोई नई कला सीखना चाहते हैं, तो यह योग शुभ होता है। इस योग के दौरान सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इससे आत्मविश्वास बढ़ता है।
इन कार्यों के लाभकारी सर्वार्थ सिद्धि योग-
यह अवधि धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ, हवन आदि के लिए यह शुभ है। इस दौरान प्रमोशन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप किसी विवाद या मुकदमे में फंसे हैं, तो यह योग आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इस अवधि में विवाद सुलझने की संभावना बढ़ जाती है। नया व्यवसाय शुरू करना, नया घर या वाहन खरीदना, विवाह, शिक्षा, यात्रा आदि के सर्वार्थ सिद्धि योग को बेहद शुभ माना गया है।

डिसक्लेमर
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