धर्म समाज

मां त्रिपुर सुंदरी को समर्पित है गुप्त नवरात्र का तीसरा दिन

  • जानिए देवी की उत्पत्ति...
भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य में स्थित मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। त्रिपुरा राज्य का नाम मां त्रिपुर सुंदरी के नाम पर रखा गया है। मां को त्रिपुर सुंदरी कहा जाता है, क्योंकि तीनों लोकों में उनसे सुंदर कोई नहीं है।
कामाख्या मंदिर की तरह ही त्रिपुर सुंदरी मंदिर भी तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है। गुप्त नवरात्र में यहां देवी मां की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। आइए, जानते हैं कि देवी त्रिपुर सुंदरी की उत्पत्ति कैसे हुई थी।
51 शक्तिपीठ की कहानी-
एक बार राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने अपने दामाद भगवान शिव और अपनी पुत्री सती को आमंत्रित नहीं किया। माता सती यज्ञ में जाना चाहती थीं, लेकिन महादेव ने उन्हें जाने से मना कर दिया। इसके बावजूद सती यज्ञ में गईं। जब सती पहुंची, तो दक्ष ने उनकी उपेक्षा की और उनके सामने महादेव को बुरा भला कहा।
सती अपने पति के बारे में कही गई बातों को बर्दाश्त नहीं कर सकीं और उन्होंने यज्ञ कुंड में कूदकर अपनी जान दे दी। यहीं से सती के शक्ति बनने की शुरुआत हुई। यह सुनकर महादेव ने वीरभद्र को भेजा, जिसने दक्ष का सिर काटा। यज्ञ विध्वंस के बाद महादेव सती के शव को लेकर पूरे ब्रह्मांड में घूमने लगे। तब भगवान विष्णु ने महादेव का मोह तोड़ने के लिए सती को सुदर्शन चक्र से कई टुकड़ों में काट दिया। जिन स्थानों पर सती के शरीर के अंग गिरे वे स्थान शक्तिपीठ कहलाये और महादेव भी उनके साथ भैरव रूप में विराजमान रहे।
देवी त्रिपुर सुंदरी की उत्पत्ति-
भगवती त्रिपुर सुंदरी को दस महाविद्याओं में से एक माना जाता है। गुप्त नवरात्र का तीसरा दिन इन्हें समर्पित होता है।
मां त्रिपुर सुंदरी का मंदिर त्रिपुरा राज्य के उदयपुर की पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर भारत के 51 महापीठों में से एक है।
इस स्थान पर माता का दाहिना चरण गिरा था। यहां मां भगवती को त्रिपुर सुंदरी के नाम से जाना जाता है और उनके साथ विराजमान भैरव को त्रिपुरेश के नाम से जाना जाता है।
माता के इस पीठ को कूर्भपीठ भी कहा जाता है। यह मंदिर तंत्र साधना के लिए बहुत प्रसिद्ध है। तंत्र-मंत्र की साधना करने वाले साधक यहां आते हैं।

डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'
 

Leave Your Comment

Click to reload image

Jhutha Sach News

news in hindi

news india

news live

news today

today breaking news

latest news

Aaj ki taaza khabar

Jhootha Sach
Jhootha Sach News
Breaking news
Jhutha Sach news raipur in Chhattisgarh