धर्म समाज

शालिग्राम जी की उपस्थिति से तीर्थ बन जाता है घर

देवी-देवताओं की कृपा प्राप्ति के लिए मंत्रों का जाप करना उत्तम माना जाता है। इसी प्रकार यदि आप घर में भगवान शालिग्राम की सेवा करते हैं, तो इस दौरान उनके मंत्रों के कर शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं शालिग्राम जी की पूजा विधि और मंत्र। साथ ही जानते हैं कि शालिग्राम जी की पूजा के दौरान किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
शालिग्राम जी पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद शालिग्राम जी को पंचामृत से स्नान कराएं और चंदन लगाएं। इसके बाद उन्हें चंदन, फूल, भोग आदि अर्पित करें। अब उनके समश्र घी का दीपक जलाएं और भोग में तुलसी के पत्ते डालकर अर्पित करें। अंत में परिवार के साथ विष्णु जी की आरती करें। इसके बाद पंचामृत को प्रसाद के रूप में सेवन करें।
करें इस मंत्र का जाप-
शालिग्राम जी की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इसके अलावा आप पूजा के दौरान 9 बार हरे कृष्णा भी बोल सकते हैं।
नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥
इन बातों का रखें ध्यान-
घर के जिस स्थान पर शालिग्राम जी की पूजा करते हैं, उस स्थान को हमेशा स्वच्छ और पवित्र रखें। शालिग्राम की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए। उनकी पूजा का क्रम कभी टूटना नहीं चाहिए। घर में केवल एक ही शालिग्राम रखना शुभ माना जाता है, वरना वास्तु दोष लग सकता है। जिस घर में शालिग्राम जी की पूजा की जाती है, वहां मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए और साथ ही अपने आचार-विचार भी शुद्ध रखने चाहिए। शालिग्राम जी पर कभी अक्षत नहीं चढ़ाने चाहिए। लेकिन चावलों को हल्दी से पीला रंगने के बाद अर्पित किया जा सकता है।

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