18 जुलाई गुरुवार को आषाढ़ माह का अंतिम प्रदोष व्रत
11-Jul-2024 3:12:03 pm
544
- इस योग में भोलेनाथ-माता पार्वती की पूजा का बढ़ गया महत्व
आषाढ़ माह का अंतिम प्रदोष व्रत 18 जुलाई 2024, गुरुवार को रखा जायेगा. गुरूवार को पड़ने वाले प्रदोष को गुरू प्रदोष भी कहते हैं. संयोगवश यह साल का पहला गुरू प्रदोष होगा. ज्योतिषियों के अनुसार इस गुरु प्रदोष के दिन शिव-भक्तों को कई महायोगों में पूजा करने का दिव्य अवसर मिल रहा है.
गुरू प्रदोष व्रत की मूल तिथि एवं पूजा मुहूर्त-
प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त के बाद होती है, इसलिए गुरू प्रदोष व्रत एवं पूजा 18 जुलाई 2024 को रखा जाएगा. प्रदोष काल में पूजा हेतु शुभ मुहूर्तः 08.44 PM से 09.22 PM तक.
ब्रह्म योग-
इस साल के पहले गुरु प्रदोष पर ब्रह्म योग बन रहा है. इस योग में भोलेनाथ की पूजा से सारे संकट कट जाते है. ब्रह्म योग कालः 06.14 AM (18 जुलाई 2024) से 04.45 AM (19 जुलाई, 2024).
शिववास योग-
शिव पुराण के अनुसार इस योग काल में भगवान शिव कैलाश पर्वत पर विराजते हैं. जातक द्वारा किये गये पूजा अनुष्ठान से वह बेहद प्रसन्न होते हैं, और जातक की हर कामनाएं पूरी करते हैं. शिववास योग कालः सूर्योदय से शुरू होकर 08.44 PM तक रहेगा.
करण योग-
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन बव, बालव एवं कौलव जैसे बेहद शुभ योग का भी निर्माण हो रहा है. ज्योतिष शास्त्र में इन तीनों योगों जिसे करण योग कहते हैं, का संयोग अति दुर्लभ और शुभ बताया गया है. इस योग में किसी भी तरह के शुभ कार्य के आयोजन किये जा सकते हैं, जिसका परिणाम लाभकारी हो सकता है.