धर्म समाज

सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई से, समापन 19 अगस्त को

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पवित्र श्रावण का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है, मान्‍यता है कि भगवान शिव इस माह धरती पर विचरण करते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। सावन माह में भगवान शिव का विशेष पूजन कर मंदिरों में अनुष्ठान किए जाते हैं। साथ ही इस दौरान रुद्राभिषेक और जलाभिषेक का भी काफी महत्व है।
सावन में व्रत रखने का भी विधान है। यह वही महीना है जब कांवड़ यात्रा निकाली जाती है। कांवड़िए पवित्र नदियों का जल भर कर यात्रा करते हैं और इससे भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। इस दौरान पूरा माहौल शिव मय हो जाता है।
इस बार सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है, इसका समापन 19 अगस्त को होगा। खास बात यह है कि इस बार सावन मास सोमवार से ही शुरू हो रहे हैं। इस माह पांच सोमवार होंगे और महीना 29 दिनों का होगा।
सावन माह में क्या करें-
सावन सोमवार को व्रत रखने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
प्रतिदिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करना भी शुभ माना गया है।
भगवान शिव के साथ माता पार्वती का भी पूजन करना चाहिए।
सावन माह में दान पुण्य करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
सावन माह में सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
सावन में क्या ना करें?
सावन में तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस माह में मालिश करवाना भी वर्जित माना गया है।
सावन माह में दाढ़ी और बाल भी नहीं कटवाए जाते।
सावन में कांसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।
शिवलिंग पर तुलसी का पत्ता चढ़ाने से बचना चाहिए।

डिसक्लेमर
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