अक्षय तृतीया की तरह बेहद शुभ है आज का दिन
15-Jul-2024 3:42:52 pm
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- जानिए...किन उपायों से मिलेगा भगवान विष्णु का आशीर्वाद
आज 15 जुलाई को भड़ल्या नवमी मनाई जा रही हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़ल्या नवमी मनाई जाती है. इस समय में अपने इष्टदेव की पूजा कर कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं. भड़ल्या नवमी को भड़रिया नौमी, भड़ल्या नवमी, भढली नवमी, भड़ली नवमी, भादरिया नवमी, भदरिया नवमी, कन्दर्प नवमी एवं बदरिया नवमी आदि नाम से भी जाना जाता है. इसी दिन आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि भी है. भड़ली नवमी में अबूझ मुहूर्त होता है.
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार जिन लोगों के विवाह का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है, वह इस दिन विवाह कर सकते हैं. इस दिन विवाह करने वालों को विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. भड़रिया नवमी के बाद चातुर्मास शुरू हो जाएगा. साथ ही भगवान विष्णु जी शिववास योग में शंकर जी को चार माह के लिए धरती के संचालन का कार्यभार सौंपकर शयन मुद्रा में चले जाएंगे. इसके बाद 12 नवंबर तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जा सकेगा.
भड़ल्या नवमी के अवसर पर मुंडन, गृह प्रवेश, विवाह, जनेऊ संस्कार और सगाई आदि कार्य किए जा सकते हैं. धार्मिक मत है कि इस दिन किए कार्य का शुभ फल प्राप्त होता है. इसी वजह से इस तिथि को अक्षय तृतीया की तरह बेहद शुभ माना गया है.
भड़ल्या नवमी पर करें ये उपाय-
भगवान विष्णु व शंकर जी की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी.
भगवान विष्णु का सहस्त्र पाठ व पूजा-अर्चना कर उन्हें पीली मिठाई अर्पित करें.
भगवान शंकर का रूद्राभिषेक कर उन्हें बेलपत्र व मिठाई अर्पित करें.
साधक घर पर पंचामृत से भी भगवान शंकर का अभिषेक कर सकते हैं.
सुख-समृद्धि के लिए कन्या पूजन कर मां सिद्धिदात्री को हलवा, छोले-पूरी व खीर का भोग अर्पित करें.
मानसिक शांति के लिए एक स्थान पर रहकर ध्यान लगाएं, भगवान की आराधना करें.
सुबह-शाम पीपल के वृक्ष की पूजा-अर्चना कर जल अर्पित करें.