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शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा

देशभर में शारदीय नवरात्रि की धूम है इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों की साधना आराधना की जा रही हैं ऐसे में आज नवरात्रि का आठवां दिन है जो कि मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा अर्चना को समर्पित है
इस दिन भक्त देवी मां महागौरी की विधिवत पूजा करते हैं माना जाता है कि महागौरी की पूजा करने से सुख समृद्धि का प्रवेश घर और जीवन में होता है साथ ही दुख मुसीबतें दूर हो जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महागौरी भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं। शिव और शक्ति का मिलन ही संपूर्णता है।
मान्यता है कि नवरात्रि के अष्टमी पर महागौरी की पूजा अर्चना करने से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं और माता के आशीर्वाद से सुख शांति और समृद्धि आती है इसके अलावा कुंवारी कन्याएं महागौरी की पूजा करके मनचाहा वर प्राप्त कर सकती हैं इस दिन पूजा पाठ के दौरान देवी की कथा का पाठ जरूर करें ऐसा करने से माता शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी कर देती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं महागौरी व्रत कथा।
माता महागौरी की व्रत ​कथा-
देवीभागवत पुराण के अनुसार, देवी पार्वती अपनी तपस्या के दौरान केवल कंदमूल फल और पत्तों का आहार करती थीं. बाद में माता केवल वायु पीकर ही तप करना आरंभ कर दिया था. तपस्या से माता पार्वती को महान गौरव प्राप्त हुआ है और इससे उनका नाम महागौरी पड़ा.
माता की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनको गंगा में स्नान करने के लिए कहा. जिस समय माता पार्वती गंगा में स्नान करने गईं, तब देवी का एक स्वरूप श्याम वर्ण के साथ प्रकट हुईं, जो कौशिकी कहलाईं और एक स्वरूप उज्जवल चंद्र के समान प्रकट हुआ, जो महागौरी कहलाईं. मां गौरी अपने हर भक्त का कल्याण करती हैं और उनको सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाती हैं.
अष्टमी पर इस विधि से करें महागौरी की पूजा-
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर पूजा स्थल की साफ सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें। अब एक चौकी पर माता महागौरी की प्रतिमा स्थापित करें। मंदिर को फूलों और दीपक से सजाएं। साथ ही माता रानी को धूप, दीपक, फल, पुष्प, मिठाई, चंदन, रनोली, अक्षत अर्पित करें। इसके बाद महागौरी के मंत्रों का भक्ति भाव से जाप करें। देवी की आरती कर व्रत कथा का पाठ करें। अब भूल चूक के लिए माता रानी से क्षमा मांगे। इसके बाद पूजा समाप्त करें और गरीबों व जरूरतमंदों को प्रसाद व अन्य चीजों का दान करें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महागौरी भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं। शिव और शक्ति का मिलन ही संपूर्णता है। मान्यता है कि नवरात्रि के अष्टमी पर महागौरी की पूजा अर्चना करने से सभी तरह के कष्ट दूर होते हैं और माता के आशीर्वाद से सुख शांति और समृद्धि आती है इसके अलावा कुंवारी कन्याएं महागौरी की पूजा करके मनचाहा वर प्राप्त कर सकती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा मां महागौरी की पूजा सरल पूजा विधि बता रहे हैं।

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