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गुरु पुष्य नक्षत्र के साथ अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग आज

  • जानिए...चौघड़िया, कब क्या खरीदें
दीपोत्सव से 7 दिन पहले गुरुवार 24 अक्टूबर को गुरु पुष्य नक्षत्र के साथ अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। बाजार में धन वर्षा होगी। बाजार में पुष्य नक्षत्र की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
24 अक्टूबर को सुबह सवा छह बजे से लेकर अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह सात बजकर 40 मिनट यह नक्षत्र रहेगा। पुष्य नक्षत्र में खरीदी की गई कोई भी वस्तु लंबे समय तक उपयोगी रहती है तथा शुभ फल प्रदान करती है।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र की शुरुआत सुबह से हो जाएगी, जो पूरे दिन रहेगा। इसके अलावा इस दिन महालक्ष्मी, सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, बुधादित्य योग भी बनेगा।
दिवाली से पहले गुरु पुष्य नक्षत्र के साथ इतने शुभ योग के बनना बाजार के लिए शुभ माना जा रहा है। गुरु पुष्य नक्षत्र शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को पूरा दिन खरीदारी के लिए श्रेष्ठ है।
गुरु पुष्य नक्षत्र में कौन-सी वस्तु खरीदें-
पुष्य नक्षत्र पर शनि के प्रभाव के कारण लोहा भी महत्वपूर्ण है।
चंद्र के प्रभाव के कारण चांदी की खरीदारी भी शुभ मानी जाती है।
इस नक्षत्र में भूमि, जमीन, घर, भवन, गाड़ी खरीदना शुभ होता है।
दुकान में दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करने से धन आगमन होता है।
गुरु पुष्य नक्षत्र सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त-
गुरु और पुष्य दोनों ही धन, समृद्धि, और ज्ञान के प्रतीक हैं। इसलिए, इन दोनों के संयोग से बनने वाला योग बहुत शुभ माना जाता है और इस योग के दौरान जितने भी कार्य किये जाते हैं, उनमें सफलता मिलने की संभावना होती है।
ज्योतिष के यह श्रेष्ठतम मुहूर्तों में से एक है। देवगुरु बृहस्पति भी इसी नक्षत्र में पैदा हुए थे। गुरु पुष्य योग में धर्म, कर्म, मंत्र जाप, अनुष्ठान, मंत्र दीक्षा अनुबंध, व्यापार आदि आरंभ करने के लिए अति शुभ माना गया है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी 27 नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र पुष्य होता है। इस नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं, जिनका मुख्य तत्व सोना है। ऐसे में गुरु पुष्य योग में सोना खरीदना शुभ होता है। वरलक्ष्मी जी का आशीर्वाद मिलता है।

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