सकट चतुर्थी व्रत 17 जनवरी 2025 को
15-Jan-2025 3:38:55 pm
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- जानिए...शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन सकट चतुर्थी व्रत को बेहद ही खास माना जाता है जो कि साल में एक बार आता है यह पर्व भगवान गणेश को समर्पित है इस दिन भक्त गणपति की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
पंचांग के अनुसार माघ मास में पड़ने वाली सकट चतुर्थी को सकट चौथ और तिल चतुर्थी भी कहा जाता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सकट चतुर्थी की दिन तारीख और समय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को यह व्रत किया जाता है इस साल चतुर्थी तिथि 17 जनवरी दिन शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 6 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि 18 जनवरी दिन शनिवार को सुबह 5 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। चतुर्थी तिथि का चंद्रोदय 17 जनवरी को होगा। इसलिए इसी दिन सकट चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। इस पावन दिन पर सौभाग्य नाम का शुभ योग भी बन रहा है। जिससे व्रत का महत्व और बढ़ गया है।
सकट चौथ मुहूर्त-
आपको बता दें कि सकट चौथ 17 जनवरी दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन चंद्रोदय शाम को 9 बजकर 18 मिनट पर होगा। इसके पहले भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं चंद्रोदय होने का समय स्थान के अनुसार अलग अलग हो सकता है।
विधि विधान से करें व्रत पूजा-
आपको बता दें कि सकट चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। अब हाथ में जल और चावल लेकर व्रत पूजा का संकल्प करें। दिनभर व्रत के नियमों का पालन करें। मन ही मन में श्रीगणेशाय नम: मंत्र का जाप करें। अब शाम को चंद्रोदय होने से पहले भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें गणपति को कुमकुम से तिलक करें।
इसके बाद पुष्पों की माला पहनाएं। गाय के घी का दीपक जलाएं। अबीर, गुलाल, रोली, जनेउ आदि चीजें अर्पित करें। पूजा के दौरान ऊं गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप भी करें। भगवान गणेश को हल्दी लगी दूर्वा अर्पित करें इसके बाद अपनी इच्छा अनुसार फल, मिठाई का भोग लगाएं और विधिवत आरती करें। चंद्रमा के उदय होने पर चंद्र देव की पूजा करें जल अर्पित करें इस तरह अपना व्रत पूर्ण करने के बाद स्वयं भोजन करें।