गुप्त नवरात्रि का दसवां दिन आज, मां कमला की पूजा विधि, मंत्र और महत्व
07-Feb-2025 2:32:10 pm
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माघ महीने की गुप्त नवरात्रि चल रही है. गुप्त नवरात्रि पर 10 महाविद्याओं का पूजन किया जाता है. आज यानी सात फरवरी को गुप्त नवरात्रि अंतिम दिन है. गुफ्त नवरात्रि 30 जनवरी से शुरू हुई थी. आज अंतिम दिन मां कमला का पूजन किया जाएगा. मां कमला को दस महाविद्याओं में सबसे महत्वपूर्ण और विशेष माना गया है. मां कमला 10वीं महाविद्या हैं. ऐसे में आइए जानते हैं मां कमला की पूजा विधि, मंत्र और महत्व के बारे में|
मां कमला की पूजा विधि-
गुप्त नवरात्रि के 10वें दिन स्नान करने के बाद शुद्ध लाल वस्त्र पहनने चाहिए.
इसके बाद पूजा वाले स्थान पर पूर्व दिशा में ऊनी आसन पर मुख करके बैठ जाना चाहिए.
फिर लकड़ी की चौकी रखकर उसपर गंगाजल छिड़ककर लाल वस्त्र बिछाना चाहिए.
इसके बाद चौकी पर ताम्बे की प्लेट में एक कमल का फूल रख लेना चाहिए.
कमल के फूल के बीच में सिद्ध प्राण प्रतिष्ठा युक्त ‘कमला यंत्र’ स्थापित करना चाहिए.
कमला यंत्र के दायीं तरफ भगवान शिव जी और अपने गुरू की तस्वीर रखनी चाहिए.
कमला यंत्र के समाने घी का दिया जलाना चाहिए. फिर विधिपूर्वक यंत्र की पूजा करनी चाहिए.
मां कमला के मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए. मंत्रों के जाप के बाद कमला कवच का पाठ भी करना चाहिए.
मां कमला के मंत्र-
श्रीं क्लीं श्रीं
ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं
श्रीं क्लीं श्रीं नमः
ॐ ह्रीं हूं हां ग्रें क्षों क्रोम नम:
नमः कमलवासिन्यै स्वाहा
मां कमला की पूजा का महत्व धर्म शास्त्रोंं में मां कमला आदि शक्ति के प्रथम अवतार के रूप में जानी जाती हैं. धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि मां कमला भाग्य, सम्मान, पवित्रता और परोपकार की देवी हैं. यही नहीं मां कमला को भगवान विष्णु की दिव्य शक्ति माना गया है. मानन्यताओं के अनुसार, जो भी काम किए जाते हैं, उसमें मां कमला की उर्जा के रूप में उपस्थिति होती है.
गुप्त नवरात्रि में मां कमाला के पूजन के कौशल विकास और गुणवत्ता बढ़ती है. मां कमला का पूजन माता लक्ष्मी की पूजा के बराबर पुण्यदायी माना जाता है. मां की कृपा से धन और सुख की प्राप्ति होती है. गर्भवति महिलाओं को मां कमला का पूजन अवश्य करना चाहिए. मान्यता है कि मां कमला गर्भवति महिलाओं की गर्भ की सुरक्षा और पोषण करती हैं.