16 अगस्त को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी
14-Aug-2025 3:52:39 pm
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- जानिए...पूजा-व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त
भगवताचार्य पंडित घनश्याम शास्त्री के अनुसार इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन अष्टमी तिथि उदय काल में शुरू होकर रात तक रहेगी, जो व्रत और पूजा के लिए शुभ मानी जा रही है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि की रात्रि में हुआ था। इस बार भी वही संयोग बन रहा है। हालांकि, रोहिणी नक्षत्र अगले दिन लगेगा, फिर भी शास्त्रानुसार 16 अगस्त को व्रत-पूजन श्रेष्ठ रहेगा।
ऐसे करें जन्माष्टमी की पूजा
जन्माष्टमी पर ठाकुरजी को दूध, दही, घी, शहद, इत्र और गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें पीले वस्त्र और आभूषण पहनाएं, माखन-मिश्री का भोग लगाएं और हाथ में बांसुरी दें। पूजा के बाद ठाकुरजी को झूला झुलाने की परंपरा निभाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
व्रत के नियम
व्रत अष्टमी तिथि की सुबह से शुरू होता है। इस दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत के दौरान फल, दूध, सिंघाड़े का आटा या आलू लिया जा सकता है। विशेष बात यह है कि जन्माष्टमी व्रत में निर्जला रहने का नियम नहीं है। व्रत का पारण नवमी तिथि पर, कान्हा जी के जन्म के बाद किया जाता है।
व्रत पारण की विधि
यदि कोई अगले दिन रोहिणी नक्षत्र पर व्रत पारण करना चाहे, तो फलाहारी या उपवास का भोजन तैयार करें। इसमें सेंधा नमक का उपयोग करें और रसोई में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
मंत्रों का जाप करें
पूरे दिन मन को स्थिर रखते हुए श्रीमद्भगवद गीता का पाठ करें और श्रीकृष्ण के मंत्रों का धीमी आवाज में जप करें। इससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।