धर्म समाज

आज है हरियाली अमावस्या, जानें महत्व

झूठा सच @रायपुर :- सावन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को छत्तीसगढ़ का पहला त्योहार हरेली पर्व मनाया जाता है। सावन मास की कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जानते हैं। इस दिन किसान कुल देवता व कृषि औजारों की पूजा-अर्चना करने के साथ ही अच्छी फसल की कामना करते हैं। हरेली पर्व में बैलों, हल व खेती में काम आने वाले औजारों की विशेष पूजा करने के बाद खेती का काम शुरू किया जाता है।

कैसे मनाया जाता है हरेली पर्व- हरेली पर्व पर किसान नागर, गैंती, कुदाली, फावड़ा समेत कृषि में काम आने वाले औजारों की साफ-सफाई करते हैं। इस अवसर पर घरों में गुड़ का चीला बनाया जाता है। बैल, गाय व भैंस को बीमारी से बचाने के लिए बगरंडा और नमक खिलाने की परपंरा है।
 

अच्छी फसल की प्रार्थना- हरेली पर्व पर कुल देवता व कृषि औजारों की पूजा करने के बाद किसान अच्छी फसल की कामना करते हैं। किसान डेढ़ से दो महीने तक फसल लाने का काम खत्म करने के बाद इस त्योहार को मनाते हैं। इस पर्व पर बच्चों के लिए गांवों में कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
 

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