दुनिया-जगत

ताइवान का सबसे अत्‍याधुनिक फाइटर जेट F16 V समुद्र में दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ

चीन की दादाग‍िरी से जूझ रही ताइवान की वायुसेना को बड़ा झटका लगा है। ताइवान का सबसे आधुनिक F-16V फाइटर जेट समुद्र में दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया है। इस हादसे के बाद ताइवान ने अपने F-16V लड़ाकू विमानों के प्रश‍िक्षण को रोक दिया है। एक तरफ ताइवान के लड़ाकू विमानों के हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, वहीं चीन दर्जनों विमान ताइवानी हवाई क्षेत्र के पास भेजकर लगातार धमकाने में जुटा हुआ है।ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि देश का सबसे आधुनिक एफ-16 वी लड़ाकू विमान दक्षिणी ताइवान स्थित चियाई एयर बेस से उड़ान भरने के बाद रेडॉर से गायब हो गया। यह लड़ाकू विमान एक तटीय फायरिंग रेंज में प्रशिक्षण मिशन पर था। ताइवान की राष्‍ट्रपति त्‍साइ इंग वेन ने विमान के तलाश और बचाव के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा है। सरकार के बचाव कमान सेंटर ने कहा है कि उसने विमान को समुद्र के अंदर गिरते हुए देखा है
 
साल 2020 में भी एफ-16‍ विमान हादसे का शिकार कमान ने कहा कि जहाज और हेलिकॉप्‍टर पायलट की तलाश कर रहे हैं। एयरफोर्स के अधिकारी लियू हुई चिएन ने कहा कि हाल ही में इस विमान को अपग्रेड करके 'वी' स्‍तर का बनाया गया था। इसमें नए हथियार और अन्‍य उपकरण लगाए गए थे। उन्‍होंने कहा कि एफ-16 के लिए लड़ाकू प्रशिक्षण को फिलहाल रोक दिया गया है। इससे पहले साल 2020 में भी एक एफ-16‍ विमान हादसे का शिकार हो गया था। पिछले कुछ महीनों में ताइवान में चीनी सैन्य गतिविधि में बढ़ोत्तरी ने वैश्विक चिंता को बढ़ा दिया है। चीन ताइवान को अपने प्रांत के रूप में देखता है जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश बताता है। चीन पहले भी कह चुका है कि ताइवान की आजादी का मतलब 'युद्ध' होगा। पिछले 1 अक्टूबर यानी चीन के राष्ट्रीय दिवस के दिन चीनी वायु सेना के 25 लड़ाकू विमान, बॉम्बर्स और दूसरे एयरक्राफ्ट्स ने ताइवानी वायु सीमा का उल्लंघन किया था।

ताइवान की सेना को ट्रेनिंग दे रहे अमेरिकी सैनिक हद तो तब हो गई जब कुछ पहले चीन के 56 विमानों के एक साथ ताइवानी सीमा में प्रवेश किया। इस दौरान ताइवानी वायु सेना के विमानों की चीन के लड़ाकू विमानों से आमना-सामना भी हुआ। अमेरिकी मीडिया में आई रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि यूएस आर्मी के ट्रेनर पिछले एक साल से ताइवान की सेना को गुपचुप तरीके से प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसे खुद ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने स्वीकार किया था।
 

 

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अवॉर्ड शो ऑस्कर को मिला एक नया होस्ट, ब्रॉडकास्टर ABC ने दी जानकारी

कोरोना महामारी की वजह से हर तरह के कार्यक्रमों पर असर पड़ा है. वहीं, दुनिया के सबसे बड़े अवॉर्ड शो ऑस्कर पर भी इसका गहरा असर पड़ा था लेकिन एक बार फिर से ऑस्कर समारोह अच्छे तरीके से होने जा रहा है. पिछले तीन साल से ऑस्कर अवॉर्ड सेलिब्रिटीज ही होस्ट कर रहे थे लेकिन इस बार से एक होस्ट (Host) इसके लिए अपॉइंट किया गया है, जो कि इस समारोह को होस्ट करेगा. साल 2018 के बाद से कोई भी होस्ट इस समारोह का हिस्सा नहीं था लेकिन एक लंबे समय के बाद एक होस्ट इससे जुड़ने वाला है. मंगलवार को ब्रॉडकास्टर एबीसी ने इस बाबत जानकारी साझा की है. जहां कई सारे अवॉर्ड्स शोज कोविड-19 के केसेज बढ़ने के चलते अपने समाराहों को पोस्टपोन कर रहे हैं ऐसे में वॉल्ट डिज्नी कंपनी एबीसी ने कहा कि 27 मार्च को लॉस एंजिल्स में ऑस्कर, सर्वोच्च फिल्म अवॉर्ड आयोजित करने की योजना बनी हुई है.

तीन साल से नहीं था कोई होस्ट एबीसी एंटरटेनमेंट प्रेसिडेंट क्रेग एरविच ने एक टेलीविजन क्रिटिक्स एसोसिएशन इवेंट में कहा कि, इस साल के ऑस्कर अवॉर्ड समारोह में एक होस्ट होगा. उन्होंने कोई डीटेल्ट नहीं प्रोवाइड किए हैं. उन्होंने मजाक में कहा कि, 'हो सकता है ये मैं हूं,'. ऑस्कर अवॉर्ड्स को बीते तीन साल से सेलिब्रिटी प्रेजेंटर्स होस्ट करते रहे हैं लेकिन साल 2019, 2020 और 2021 में किसी ने इस अवॉर्ड समारोह को होस्ट नहीं किया है. इन वर्षों में इसकी रेटिंग्स काफी नीचे गिरी हैं, साल 2021 में अमेरिका में ही 10.4 मिलियन लोगों ने ही देखा है. वहीं, दूसरे अवॉर्ड शोज को भी लोगों ने नहीं देखा है.

ब्रिटिश एक्टर टॉम हॉलैंड के एक फैन ने ये सजेस्ट किया है कि उन्हें इस साल का ऑस्कर अपनी को-स्टार जेंडया के साथ होस्ट करना चाहिए क्यूंकि उनकी फिल्म 'स्पाइडरमैन: नो वे होम' ने बहुत बड़ी सफलता हासिल की है. हॉलैंड ने द हॉलीवुड रिपोर्टर को बीते साल दिसंबर में कहा था कि, 'वो इस अवॉर्ड को होस्ट करना पसंद करेंगे.' उन्होंने आगे कहा कि, 'अगर वो मुझसे पूछते हैं तो, मैं करूंगा, और ये बहुत ही मनोरंजक होगा'.

इससे पहले जिमी किमेल, कॉमेडियन्स क्रिस रॉक और एलेन डीजेनरस ने इस समारोह को रात में होस्ट किया था. अपने एक स्टेटमेंट में एबीसी ने कहा है कि 2022 के ऑस्कर फिर से हॉलीवुड के डॉल्बी थिएटर में नजर आएगी. बीते साल, COVID से बचाव के लिए नॉमिनेटेड लोगों और मेहमानों की एक छोटी सी गैदरिंग के साथ ये अवॉर्ड लॉस एंजेलिस शहर के ऐतिहासिक यूनियन स्टेशन ट्रेन स्टेशन में हुआ था. ऑस्कर के इस बार के नॉमिनेशंस 8 फरवरी को अनाउंस किए जाएंगे | 
 
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अमेरिका ने यूक्रेन को लेकर रूस को दी चेतावनी

अमेरिका में जो बाइडेन प्रशासन ने रूस को एक बार फिर जोरदार चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर रूस, यूक्रेन पर हमला करने की दिशा में आगे बढ़ता है तो उस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे. अमेरिकी अधिकारियों ने यूरोप में अमेरिका की भविष्य की रणनीति की स्थिति के बारे में निर्णयों में लगातार बदलाव की संभावना जताई है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अगर रूस यूक्रेन में हस्तक्षेप करता है तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा.अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन यूक्रेन में भविष्य में मिसाइलों की संभावित तैनाती को कम करने और पूर्वी यूरोप में अमेरिका और नाटो के सैन्य अभ्यासों को सीमित करने पर रूस के साथ चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि रूस को यूक्रेन में हस्तक्षेप करने पर आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना होगा. इनमें रूसी संस्थाओं पर प्रत्यक्ष प्रतिबंधों के अलावा अमेरिका से रूस को निर्यात किए जाने वाले उत्पादों और विदेश निर्मित उत्पादों पर महत्वपूर्ण प्रतिबंध शामिल हो सकते हैं, जो संभावित रूप से अमेरिकी क्षेत्राधिकार में आते हैं.

स्विट्जरलैंड में होगी बैठक यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब यूक्रेन को लेकर बढ़ते तनाव के बीच सोमवार को स्विट्जरलैंड में वरिष्ठ अमेरिकी और रूसी अधिकारियों की बैठक होनी है. अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका उन वार्ताओं में अपने यूरोपीय सुरक्षा रुख के कुछ सीमित पहलुओं पर चर्चा करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि रूस की मांग के अनुरूप अमेरिका पूर्वी यूरोप में अपनी सैन्य उपस्थिति या हथियारों को कम करेगा.रूस को क्या नुकसान होगा? इसका मतलब यह होगा कि इस क्षेत्र में अमेरिका का सॉफ्टवेयर, प्रौद्योगिकी और उपकरणों में वैश्विक प्रभुत्व होने के कारण, एकीकृत सर्किट और एकीकृत सर्किट वाले उत्पादों को प्राप्त करने की रूस की क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित होगी, जिसका असर एयरक्राफ्ट एवियोनिक्स, मशीन टूल्स, स्मार्टफोन, गेम कंसोल, टैबलेट और टीवी तक हो सकता है . इस तरह के प्रतिबंध महत्वपूर्ण रूसी उद्योग को भी लक्षित कर सकते हैं, जिसमें इसके रक्षा और नागरिक उड्डयन क्षेत्र शामिल हैं, जो रूस की कृत्रिम बुद्धि या क्वांटम कंप्यूटिंग में उच्च-तकनीकी महत्वाकांक्षाओं को प्रभावित करेगा. यूरोपीय लोगों के साथ भी होगी चर्चा जिनेवा में अमेरिका और रूस के बीच सोमवार को होने वाली सामरिक और सुरक्षा वार्ता से पहले एक अधिकारी ने शनिवार को कहा, 'हमें लगता है कि हम कम से कम रूसियों के साथ प्रगति की संभावना तलाश सकते हैं.' सोमवार की बैठक के बाद बुधवार को रूस और नाटो के सदस्यों के बीच और बृहस्पतिवार को यूरोपीय लोगों के साथ चर्चा होगी | 
 
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ओमिक्रोन वैरिएंट के दो नए मामले , पूरे शहर में न्यूक्लिक एसिड परीक्षण शुरू किया

 वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरी दुनिया जूझ रही है। एक बार फिर वायरस का प्रकोप अपने चरम पर है। कोविड-19 का नया वैरिएंट ओमीक्रोन तेजी से दुनिया भर में फैल रहा है। ऐसे में उत्तरी चीन के टियांजिन, एक नगर पालिका, जो कि बीजिंग का पड़ोसी है, ने शनिवार को 20 लोगों का कोविड ​​​-19 का पाजिटिव परीक्षण किया, जिसके बाद पूरे शहर में न्यूक्लिक एसिड परीक्षण शुरू किया गया है।‌ वहीं देश के जिनान जिले में शुक्रवार शाम छह बजे से शनिवार रात नौ बजे तक कोरोना के पाजिटिव मामले सामने आए।

ओमिक्रोन वैरिएंट के दो नए मामले हुए दर्ज रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए नगरपालिका केंद्र ने कहा देश में जीन सीक्वेंसिंग के साथ, पहले के जो 2 स्थानीय रूप से पोस्ट किए गए मामले थे, वह ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं। देश में पाए गए वायरस के नए वैरिएंट ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। शहर में शुरू हुआ न्यूक्लिक एसिड परीक्षण तेजी से बढ़ रहे नए मामलों की संख्या को देखते हुए रविवार को सुबह 7 बजे शहर भर में न्यूक्लिक एसिड परीक्षण शुरू किया गया है, जो चार जिलों में किया जाएगा। आपको बता दें कि यह परीक्षण 24 घंटे में पूरा होने की उम्मीद है।
 
वहीं 12 अन्य जिलों में न्यूक्लिक एसिड परीक्षण सोमवार सुबह 7 बजे से शुरू होंगे, और केंद्र के अनुसार, उन नागरिकों को तब तक ग्रीन हेल्थ कोड नहीं दिया जाएगा, जब तक उनका नकारात्मक परीक्षण परिणाम नहीं आ जाता। बढ़ते मामलों के बीच लगा लाकडाउन उत्तर पश्चिमी चीन के शानक्सी प्रांत की राजधानी जिनान में COVID-19 के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्त लाकडाउन लगाया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि जिनान जिले में शुक्रवार को 46 स्थानीय रूप से कोविड ​​​​-19 के पाजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं 9 दिसंबर, 2021 से तक शहर ने 1,959 स्थानीय मामले दर्ज किए हैं।
 
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अमेरिका नौसेना को मिली परमाणु जहाज की पहली महिला कमांडर, अब्राहम लिंकन पोत पर किया गया तैनात

अमेरिकी नौसेना के इतिहास में पहली बार एक परमाणु जहाज की कप्तानी एक महिला कमांडर को सौंपी गई है. अमेरिकी नौसेना में लड़ाकू जहाजों पर पहली बार 1994 में महिलाओं को तैनात किया गया था.परमाणु हथियारों से लैस अमेरिकी नौसेना का लड़ाकू जहाज यूएसएस अब्राहम लिंकन इसी सप्ताह कैप्टन एमी बाउवर्नश्मिट की कप्तानी में सान डिएगो से निकला. इसी के साथ बाउवर्नश्मिट अमेरिकी नौसेना के इतिहास में एक परमाणु जहाज का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन गईं. वो 2016 से 2019 तक इसी जहाज की एग्जेक्टिव ऑफिसर भी थीं. अगस्त 2021 में उन्होंने कैप्टन वॉल्ट स्लॉटर से जहाज की कप्तानी अपने हाथ में ली.

जहाज को नेवल एयर स्टेशन नॉर्थ आइलैंड से अब्राहम लिंकन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के तहत तैनात किया गया. तजुर्बेकार कमांडर नौसेना की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक बाउवर्नश्मिट ने इस अवसर पर कहा, "इससे ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी का कोई और एहसास नहीं हो सकता कि आपको उन लोगों का ख्याल रखने का काम दिया जाए जिन्होंने हमारे देश की सुरक्षा करने के काम को चुना है" अपने पूर्वाधिकारी का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा, "बेड़े में सबसे अच्छे जहाज को मुझे सौंपने के लिए आपका धन्यवाद, कैप्टन स्लॉटर" इसके पहले बाउवर्नश्मिट हेलिकॉप्टर मैरीटाइम स्ट्राइक स्क्वाड्रन 70 की कमांडिंग ऑफिसर थीं. उन्होंने अपने करियर में 3,000 से ज्यादा उड़ान घंटे दर्ज किए हैं. उनका जहाज के स्ट्राइक ग्रुप को जिस एयर विंग के साथ तैनात किया गया है उसे नौसेना "सबसे विक्सित एयर विंग" बता रही है और वो इंडो-पैसिफिक इलाके की तरफ जा रहा है. एक आधिकारिक सैन्य इतिहास की वेबसाइट के मुताबिक अमेरिकी नौसेना में महिलाएं पहली बार बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में नर्सों की भूमिका में आईं थीं. उसके बाद महिलाओं की बड़ी संख्या में भर्ती पहली द्वितीय विश्व युद्ध के समय की गई.
 
सेनाओं में महिलाएं 1974 में पहली बार नौसेना ने एक महिला को एविएटर का पद दिया. 1994 में नौसेना में पहली बार महिलाओं को एक लड़ाकू जहाज यूएसएस ड्वाइट डी आइजनहॉवर पर तैनात किया गया था. बाउवर्नश्मिट उसी साल नेवल अकादमी से उत्तीर्ण हुई थीं. 1996 में उन्हें नेवल एविएटर का पद दिया गया. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी नौसेना में 17 प्रतिशत (52,000 से ज्यादा) कर्मी महिलाएं हैं. वहीं ब्रिटेन की शाही नौसेना में महिलाओं को पहली बार नर्सों की भूमिका में 1696 में लाया गया था. भारतीय सेना के तीनों अंगों में से महिलाओं की सबसे ज्यादा संख्या नौसेना में ही है. थल सेना में महिलाओं की हिस्सेदारी 0.56 प्रतिशत, वायु सेना में 1.08 प्रतिशत है, जबकि नौसेना में यह आंकड़ा 6.5 प्रतिशत है.
 
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अमेरिका में एक ही दिन में 10 लाख हुई कोरोना संक्रमित

विश्व में कोरोना को लेकर फिर से हाहाकार मच गया है। अमेरिका ने इस बीच कोरोना केस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। वहां सोमवार को 10 लाख से ज्यादा लोग कोरोनो वायरस से संक्रमित मिले, जो दुनिया के किसी भी देश में सबसे अधिक दैनिक संख्या है। पिछले एक सप्ताह में अस्पताल में भर्ती कोरोना रोगियों की संख्या लगभग 50% बढ़ गई है और अब 100,000 से अधिक हो गई है। जनता से रिश्ता के आंकड़ों के अनुसार, यह पहली बार एक वर्ष में इस सीमा तक पहुंच गया है। इस उछाल के चलते ही हाल के हफ्तों में वाणिज्यिक एयरलाइनों की उड़ानों से ब्रॉडवे शो को रद्द किया गया, जिससे पब्लिक स्कूलों को शीतकालीन अवकाश घोषित करना पड़ा। देश के तीसरे सबसे बड़े स्कूल जिले शिकागो पब्लिक स्कूल ने कहा कि शिक्षक संघ द्वारा रिमॉर्ट लर्निंग दोबारा शुरू करने के पक्ष में मतदान करने के बाद वह बुधवार को कक्षाएं रद्द कर देगा।

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स एंड द चिल्ड्रन हॉस्पिटल एसोसिएशन के अनुसार, 30 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के लिए अमेरिका में 3,25,000 से अधिक बच्चों में कोरोना के मामले सामने आए हैं, जो पिछले दो हफ्तों की तुलना में एक नया उच्च स्तर और लगभग दोगुना है। लॉस एंजिलस काउंटी में, अमेरिका की सबसे बड़ी अदालत प्रणालियों में से एक के पीठासीन न्यायाधीश ने संक्रमण की नवीनतम लहर के कारण आपराधिक परीक्षणों को दो सप्ताह के लिए स्थगित करने का आदेश दिया। अमेरिका में पिछले एक सप्ताह में प्रतिदिन औसतन 486,000 नए मामले आए पिछले एक सप्ताह में देश में प्रतिदिन औसतन 486,000 नए मामले दर्ज किए गए हैं, यह दर सात दिनों में दोगुनी हो गई है और किसी भी अन्य देश से कहीं अधिक है। देश में कोरोना की मौतों की औसत संख्या पूरे दिसंबर में और जनवरी की शुरुआत में लगभग 1,300 प्रति दिन स्थिर रही है, हालांकि मौतें आमतौर पर केस संख्या और अस्पताल में भर्ती होने से कम हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ओमिक्रोन वायरस पिछले वायरस की तुलना में कहीं अधिक आसानी से प्रसारित होता है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने मंगलवार को कहा कि 1 जनवरी तक अमेरिका में कुल दर्ज मामलों में से 95.4% मामलों में नए संस्करण का अनुमान लगाया गया था।

ओमिक्रोन से कम है खतराः डब्ल्यूएचओ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि सबूतों के अनुसार ओमिक्रोन कम गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। फिर भी, स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ओमिक्रोन मामलों की भारी मात्रा से अस्पतालों को दिक्कत आ सकती है, जिनमें से कुछ पहले से ही कोरोना रोगियों को संभालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, मुख्य रूप से बिना टीकाकरण के। मैरीलैंड के गवर्नर लैरी होगन ने मंगलवार को 30 दिवसीय आपातकाल की घोषणा की और 1,000 नेशनल गार्ड सदस्यों को महामारी प्रतिक्रिया कार्यों के लिए जुटाया क्योंकि राज्य में कोरोना अस्पताल में भर्ती होने के कारण 3,000 से अधिक का उच्च रिकॉर्ड स्तर पहुंच गया है।
 
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ओमिक्रॉन से भी तेज फैलने वाला मिला वैरिएंट, बड़ सकती है मुश्किलें

दुनिया में इस समय कोरोना का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट अपने पैर पसार कर कोरोना की लहर लाने का काम रहा है. भारत के भी कई राज्यो मे ओमिक्रॉन की वजह से रोजाना आने वाले मामलों में कई गुना व्रद्धि हो रही है. इन सबके बीच फ्रांस में कोरोना का नया IHU वैरिएंट मिला है जो ओमिक्रॉन से भी ज्यादा Mutate है. फ्रांस में 12 लोग IHU वैरिएंट से संक्रमित फ्रांस के शहर मेरसिली में मिले IHU वैरिएंट से संक्रमित 12 लोग मध्य नवम्बर में अफ्रीकी देश कैमरून से लौटे थे. जिसके बाद एयरपोर्ट पर इनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया था. टेस्ट पॉजिटिव आने और अफ्रीकी देश से लौटने की वजह से इन लोगों को पहले ओमिक्रॉन का संदिग्ध माना गया था और इन सभी 12 लोगों के सैम्पलों की जीनोम सेकेन्विंग करवाई गई थी.

जीनोम सिक्वेंसिंग में इन सभी 12 लोगों में एक कोरोना का एक नया वैरिएंट मिला था जिसमे वायरस के स्पाइक प्रोटीन पर 46 म्युटेशन हुए थे वहीं ओमिक्रॉन में सिर्फ 32 म्युटेशन ही हुए थे. ऐसे में इस नए म्युटेंट को ओमिक्रॉन से भी ज्यादा तेजी से फैलने का विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं.फ्रांस में मिले ओमिक्रॉन के इस नए वैरिएंट IHU की खोज फ्रांस के ही IHU Mediterrane Infection के विशेषज्ञों ने की थी जिसकी वजह से यहां के विशेषज्ञों ने इस नये वैरिएंट का नाम IHU रखा है. इस वैरिएंट को अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से कोई भी आधिकारिक नाम नही मिला है. साथ ही जीनोम व्यवस्था के अनुसार कोरोना का यह नया वैरिएंट B.1.640.2 है और अभी तक फ्रांस में मिले इस नए वैरिएंट से प्रभावित लोगों में गम्भीर लक्षण नही मिले हैं | 
 
 
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दक्षिण-पश्चिमी चीन में भूस्खलन, 14 की मौत, 9 लापता

दक्षिण पश्चिमी चीन के गुइझोउ प्रांत के बिजी शहर में एक निर्माण स्थल पर सोमवार की शाम को भूस्खलन होने से 5 लोगों की मौत हो गई और अन्य 9 लोग लापता हो गए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बिजी नगरपालिका सरकार का हवाला देते हुए बताया कि स्थानीय समय के अनुसार सोमवार शाम करीब 7 बजे बिजी शहर में भूस्खलन हुआ। घटना के समय काफी संख्या में मजदूर निर्माण स्थल पर काम कर रहे थे। इस दौरान निर्माण स्थल पर भूस्खलन होने से काफी संख्या में मजदूर घटनास्थल पर फंस गए हैं।
 
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार यानि 4 जनवरी सुबह सात बजे तक 8 लोगों को घटनास्थल से बचा लिया गया है। 3 गंभीर रूप से घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक उपचार देने के बाद इन 3 मरीजों की हालत अभी स्थिर है। इससे पहले ही 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। चीन की समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार घटना स्थल पर राहत और बचाव कार्य के लिए टीमों को रवाना किया गया है। लापता लोगों की तलाश के लिए आपातकालीन, अग्निशमन, स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुरक्षा विभागों के 720 से अधिक कर्मचारी को घटनास्थल पर भेजा गया है।
 
1,000 से अधिक कर्मी घटनास्थल पर बचाव कार्य में टीमों का सहयोग कर रहे हैं। घटना के तुरंत बाद ही टीमों ने घटनास्थल पर पहुंचकर लापता लोगों की तलाश के लिए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया था। इसके साथ ही घटनास्थल पर 10 इकाइयां, 16 एंबुलेंस, क्रेन, मानव रहित हवाई जहाज और अन्य बचाव उपकरण भी भेज दिए गए हैं। जानकारी मिलने तक घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी था। भूस्खलन से घटनास्थल पर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
 
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कानूनी बिरादरी ने पाकिस्तान के न्यायिक आयोग की बैठक स्थगित करने का किया आह्वान

पाकिस्तान की कानूनी बिरादरी ने मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद से लाहौर उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति आयशा ए मलिक की पदोन्नति पर विचार करने के लिए कहा है। कानूनी बिरादरी ने 6 जनवरी को होने वाली पाकिस्तान के न्यायिक आयोग (जेसीपी) की गुरुवार की बैठक स्थगित करने का आह्वान किया है। अदालती कार्यवाही का बहिष्कार डान न्यूज ने बताया, फ्रेटरनिटी ने यह भी कहा कि यदि बैठक को रद्द नहीं किया जाता है, तो पाकिस्तान बार काउंसिल (पीबीसी) और सभी बार एसोसिएशन उच्च न्यायपालिका से लेकर निचली अदालतों तक सभी अदालती कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे।

पीबीसी के उपाध्यक्ष खुशदिल खान ने की घोषणा सोमवार को एक प्रतिनिधि बैठक के बाद पाक कानूनी बिरादरी (पीबीसी) के उपाध्यक्ष खुशदिल खान और पीबीसी कार्यकारी समिति के अध्यक्ष मुहम्मद मसूद चिश्ती और अन्य ने इसकी घोषणा की है। महिला पदोन्नति पर पर मचा बवाल आपको बता दें कि मुख्य न्यायाधीश द्वारा एक बार फिर न्यायमूर्ति आयशा ए मलिक के नाम को पदोन्नति के लिए प्रस्तावित करने के बाद जेसीपी के गुरुवार 6 जनवरी, को एक सत्र बुलाया गया था। आखिरी बार यह सवाल 9 सितंबर, 2021को जेसीपी के सामने आया था। एक विस्तारित बैठक के दौरान आम सहमति की कमी ने आयोग को न्यायमूर्ति मलिक की नियुक्ति को स्थगित करने के लिए मजबूर किया, जो एलएचसी के वरिष्ठता क्रम में चौथे स्थान पर हैं, जो देश के न्यायिक इतिहास में पहली महिला न्यायाधीश के रूप में सर्वोच्च न्यायालय में प्रवेश करेंगी।

उपाध्यक्ष खुशदिल खान ने दिया स्पष्टीकरण डान रिपोर्ट के अनुसार, पीबीसी के उपाध्यक्ष खुशदिल खान ने जोर देकर कहा कि पीबीसी या कोई भी बार एसोसिएशन उनके लिंग के लिए न्यायमूर्ति आयशा मलिक को निशाना नहीं बना रही है, उन्होंने कहा कि वे सभी का सम्मान करते हैं और किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा, 'हमारा जोर केवल वरिष्ठता सिद्धांत का सम्मान करने की सीमा तक है। हमारा मानना है कि संसद को संविधान में संशोधन करना चाहिए और शीर्ष पर दो या अधिक महिला न्यायाधीशों को जोड़कर सर्वोच्च न्यायालय में 17 न्यायाधीशों की वर्तमान संख्या में वृद्धि करनी चाहिए।'
 

 

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इस्लामिक स्टेट के सीरिया में आतंकी हमला पांच सैनिकों की मौत

सीरिया में एक सैन्य वाहन पर इस्लामिक स्टेट  के आतंकवादियों ने हमला किया है. ISIS के आतंकियों के हमले में कम से कम पांच सीरियाई सैनिकों  की मौत हो गई है, जबकि 20 के करीब जवान घायल हुए हैं. सरकारी मीडिया ने इसकी जानकारी दी है. आतंकियों ने इस हमले को सीरिया के बदिया रेगिस्तान  में सीरियाई सेना  के कैंप से 50 किमी दूर अंजाम दिया. सीरियाई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ये हमला रविवार शाम को स्थानीय समय के मुताबिक सात बजे किया गया

देश में 2011 से ही सशस्त्र संघर्ष जारी है. सीरिया के राष्ट्रपति बशर असदकी सेना के साथ विभिन्न विद्रोही समूहों लड़ रहे हैं. 2017 के अंत में ऐलान किया गया कि देश में इस्लामिक स्टेट को हरा दिया गया है. इसके बाद देश में राजनीतिक समाधान और शरणार्थियों की वापसी के मुद्दे को आगे बढ़ाया गया. हालांकि, अभी तक लोग अपने मुल्क में बड़ी संख्या में लौटे नहीं है. इसके अलावा, इस्लामिक स्टेट को हराने की बात भले ही कही जा रही है, लेकिन खूंखार आतंकी संगठन के आतंकी आज भी रेगिस्तानी इलाकों में एक्टिव हैं. इसके अलावा, कुछ आतंकी अभी भी शहरों में एक्टिव
 
पिछले साल इस्लामिक स्टेट समूह (ISIS) ने 300 से अधिक आतंकवादी ऑपरेशन किए, जिसमें रोजवा सहित उत्तरी सीरिया में सैकड़ों लोग मारे गए हैं. संघर्षों पर निगरानी रखने वाली एक संस्था ने इसकी जानकारी दी. इस तरह इसने बताया कि देश में एक बार फिर इस्लामिक स्टेट के खड़ा होने का खतरा पैदा हो गया है. सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) ने एक हालिया रिपोर्ट में कहा कि आतंकी समूह ने डीर एज-जोर, हसाका, रक्का और अलेप्पो में 342 से अधिक हमले किए. इसमें कहा गया है कि हमलों में 228 लोग मारे गए, जिनमें पांच बच्चे, नौ महिलाएं और कुर्द नेतृत्व वाले सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) के अधिकारियों सहित 135 सुरक्षा सदस्य शामिल हैं.

अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ संयुक्त अभियान में, एसडीएफ ने वर्ष की शुरुआत से 858 ISIS संदिग्धों को गिरफ्तार किया. उनमें से 409 को बाद में रिहा कर दिया गया, जबकि बाकी अभी भी हिरासत में हैं. ISIS ने 2014 में इराक और सीरिया में क्षेत्रों को नियंत्रित किया. आतंकवादी समूह को क्रमशः 2017 और 2019 में इराक और सीरिया में क्षेत्रीय रूप से पराजित किया गया था. ISIS के खिलाफ लड़ाई पर पेंटागन की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया कि इराक और सीरिया दोनों में जुलाई से सितंबर 2021 तक समूह की गतिविधियों में काफी कमी आई है | 
 
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यूएई ने यात्रा प्रतिबंधों को किया सख्त

देश के कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक बूस्टर डोज लेनी होगी. उन लोगों को यात्रा से जुड़े नए नियमों में छूट दी जाएगी, जिन्होंने मेडिकल कारणों से कोविड-19 की वैक्सीन नहीं ली है, या फिर मानवीय संकट और इलाज के उद्देश्य से यात्रा कर रहे हैं. एनसीईएमए ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बताया है, 'यूएई के जिन लोगों ने कोविड-19 की वैक्सीन नहीं ली है, उनपर 10 जनवरी से यात्रा प्रतिबंध लागू हो रहा है. टीकाकरण करा चुके लोगों का भी बूस्टर डोज लेना जरूरी होगा केवल उन्हें छूट दी जाएगी, जिन्होंने मेडिकल कारणों से वैक्सीन नहीं ली. या फिर इलाज कराने और किसी मानवीय मामले के मकसद से यात्रा कर रहे हैं.'

एक दिन में 2 हजार से अधिक केस अमेरिका और यूरोप में अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण कोविड-19 के मामलों में तेज वृद्धि के बीच यूएई ने यात्रा प्रतिबंध की घोषणा की है. कोविड-19 के मामलों और अस्पतालों में मरीजों की संख्या में हो रही वृद्धि के पीछे का कारण ओमिक्रॉन को माना जा रहा है  इसके कारण दुनियाभर में सैकड़ों उड़ानें भी रद्द हुई हैं. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शनिवार को यूएई ने पिछले 24 घंटों में 2,556 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए हैं, जिसके बाद कुल मामलों का आंकड़ा 764,493 हो गया है. मंत्रालय ने बताया है कि वायरस से एक मौत हुई है, जिसके बाद मृतकों की कुल संख्या 2,165 हो गई है. 

पीएम मोदी की यात्रा स्थगित हुई इस हफ्ते की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनवरी में संयुक्त अरब अमीरात की प्रस्तावित यात्रा को देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के तेजी से फैलने के चलते स्थगित कर दिया गया है. हालांकि इस यात्रा के संबंध में दोनों देशों में से किसी ने भी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की थी, लेकिन उम्मीद थी कि पीएम मोदी 5-6 जनवरी को यूएई में होंगे |
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ईयू में कलर टैटू पर लगा प्रतिबंध

दुनियाभर में बहुत से लोग टैटू बनवाना काफी पसंद करते हैं. लेकिन यूरोपीय संघ में इसके प्रति लोगों की दिवानगी अब शायद पहले की तरह दिखाई नहीं देगी. यहां 4 जनवरी से टैटू अपने रंग और चकम दोनों खो देंगे. हम मजाक नहीं कर रहे, यह सच है. ऐसा इसलिए क्योंकि जनवरी 2020 में यूरोपीय संघ के पंजीकरण, मूल्यांकन, प्राधिकरण और रसायनों के प्रतिबंध  ने टैटू की रंगीन इंक (स्याही) में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले लगभग 4,000 कैमिकल पर प्रतिबंध लगा दिया है.

अब नियामक संस्था ने इंक की सप्लाई करने वालों को दूसरे विकल्प तलाशने के लिए 4 जनवरी, 2021 तक का वक्त दिया है. उसने इसके सप्लायर्स से उन एक जैसे रंग वाले केमिकल तलाशने को कहा है, जिसे रीच ने मंजूरी दी हुई है. ऐसे में 4 जनवरी से ईयू के टैटू आर्टिस्ट रंगीन इंक का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे संस्था के अनुसार, कुछ ऐसे कैमिकल पहले से ही प्रतिबंधित हैं, जो त्वचा के ऊपरी हिस्से के संपर्क में आते हैं. क्योंकि इनसे 'कैंसर या आनुवंशिक म्यूटेशन' का खतरा बना रहता है.

टैटू पर प्रतिबंध लगाना मकसद नहीं' रीच इस बात पर जोर दे रहा है कि 'उसका उद्देश्य टैटू पर प्रतिबंध लगाना नहीं, बल्कि टैटू में इस्तेमाल होने वाले रंगों और मेकअप को सुरक्षित बनाना है.' टैटू आर्टिस्ट इस फैसले के बाद से काफी परेशान हैं. उन्हें अपने रोजगार पर संकट के बादल मंडराते हुए नजर आ रहे हैं आर्टिस्टों का कहना है कि इस मामले में सप्लायर्स ज्यादा कुछ नहीं कर रहे हैं. ऐसे में लोगों के लिए रंगीन टैटू बनवाना मुश्किल हो गया है. कैमिकल पर प्रतिबंधों के बाद से पिगमेंट ब्लू 15:3 और पिगमेंट ग्रीन 7 रंग तक पहुंच मुश्किल हो जाएगी.

लोगों ने याचिका पर हस्ताक्षर किए इस बीच सेव द पिगमेंट्स के नाम से एक याचिका पर 175,000 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं. इन दो पिगमेंट को लेकर रीच ने इंक सप्लायर्स को 4 जनवरी, 2023 तक का समय दिया है हालांकि टैटू से संभावित कैंसर के खतरे के पुख्ता सबूत मिलना मुश्किल है और यूरोपीय टैटू आर्टिस्टों ने शिकायत की है कि नए नियम व्यवसाय को नुकसान पहुंचा सकते हैं. सदस्य देशों ने एक साल पहले नियमों को मंजूरी दी थी, साथ ही इंडस्ट्री को अपनी इंक में इस्तेमाल सामान को बदलने के लिए 12 महीने का समय दिया था | 

 
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दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची इमारत है मलेशिया की ये बिल्डिंग

बुर्ज खलीफा, एक ऐसा नाम है जिसके बारे में हर किसी ने सुन रखा है. और पता भी क्यों न हो यह दुनिया की सबसे ऊंची इमारत जो है. 829.8 मीटर यानी 2,722 फीट की ऊंचाई की गगनचुंबी बिल्डिंग को देखने के लिए दुनिया के कोने कोने से लोग दुबई पहुंचते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची इमारत कौन सी है अगर नहीं तो आइए जानते हैं इसके बारे में... हम बात कर रहे हैं मलेशिया के कुआलालम्पुर में स्थित Merdeka 118 के बारे में, भले ही ये दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची इमारत है, लेकिन इसे देखकर किसी का भी दिमाग चक्कर खाने लगेगा क्योंकि इसकी ऊंचाई 2,227 फीट ऊंची इमारत है.

इससे पहले 2,073 फीट ऊंचे शंघाई टावर के पास ये खिताब था, लेकिन अब वो तीसरे नंबर पर चला गया है और मेरेडेका 118 दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा टावर बन गया है. फिलहाल ये इमारत साल 2022 के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगी, जो वाकई वाकई मलेशिया के टूरिज़्म को बूस्ट करने वाला होगा. इस इमारत को जिस जगह बनाया जा रहा है, वो 1957 में मलेशिया की स्वतंत्रता की घोषणा की प्रतीक है. 678.9 मीटर की ऊंचाई से नीचे देखना जहां डरावना होगा, वहीं रोमांचक भी होगा. इस टावर को 2,78,709 वर्गमीटर में बनाया गया है. ये बिल्डिंग साउथईस्ट एशिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग में दफ्तर और होटेल्स के अलावा मॉल भी होगा. एक समय में इस टावर में 3000 लोग आ सकेंगे. इसमें पर्यटकों के देखने के लिए बहुत कुछ होगा. बिल्डिंग का डिजाइन स्लीक है और इसे त्रिकोणीय शीशे के पैनल्स से बनाया गया है. इस शेप को मलेशिया के पारंपरिक आर्ट एंड क्राफ्ट से उठाया गया है | 

 

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ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए पीएम जॉनसन ने बूस्टर डोज को बताया जरूरी

ब्रिटेन में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दावा किया है कि संक्रमण के कारण आईसीयू में भर्ती मरीजों में 90 फीसदी वो हैं, जिन्हें बूस्टर डोज नहीं लगी है. प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लगभग 24 लाख डबल-वैक्सीन वाले (जिन्होंने कोविड-19 वैक्सीन की दोनों डोज ली हैं) लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज  नहीं ली है. इसलिए अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों में से ज्यादातर इसी श्रेणी के हैं.जॉनसन ने ये बात ऐसे वक्त पर कही है, जब एनएचएस (नेशनल हेल्थ सर्विस) के आईसीयू में भर्ती मरीजों के टीकाकरण से जुड़े आंकड़ों में ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है. इंटेंसिव केयर नेशनल ऑडिट एंड रिसर्च सेंटर के हालिया शोध से संकेत मिलता है कि लंदन में आईसीयू में पिछले महीने कोविड के कारण भर्ती हुए अधिकांश लोगों को वैक्सीन नहीं लगाई गई है. इससे पहले महीने की शुरुआत में भी प्रधानमंत्री ने ओमिक्रॉन वेरिएंट पर चिंता जताते हुए लोगों से बूस्टर डोज लगवाने की अपील की थी.

जरूरी बताई जा रही बूस्टर डोज कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार बूस्टर डोज या बूस्टर शॉट को दो वैक्सीन के बाद तीसरी वैक्सीन के तौर पर दिया जाता है. जो अधिक प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ तीसरी बूस्टर डोज को प्रभावी माना जाता है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसकी अभी तक पुष्टि नहीं की है. प्रधानमंत्री की अपील के बाद से वैक्सीन लेने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3.3 करोड़ हो गई है. इनमें से 10 लाख वैक्सीन महज एक दिन में क्रिसमस से कुछ समय पहले ही लगाई गई हैं.
 
अधिकतर आबादी का टीकाकरण हुआ ब्रिटेन की अधिकतर आबादी का टीकाकरण हो गया है. टीकाकरण अभियान की प्रभावशीलता पर जोर देते हुए बोरिस जॉनसन ने कहा कि 2022 तक कोई और पाबंदी नहीं लगाई जाएगी. हालांकि पीएम इस बात से सहमत दिखे कि कोरोनो वायरस संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़े हैं उन्होंने इस बात पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट अभी भी देश में गंभीर समस्याएं पैदा कर रहा है. फिर भले ही ये डेल्टा वेरिएंट की तुलना में हल्के लक्षणों वाला है. इस बीच ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने हफ्ते की शुरुआत में संकेत दिया कि नए साल से पहले इंग्लैंड में कोई अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. ताकि लोग अच्छे से नई साल का जश्न मना सकें |

 

 

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अमेरिका ने शीतकालीन ओलंपिक खेलों के बहिष्‍कार का किया ऐलान

अमेरिका ने चीन में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों के बहिष्‍कार का ऐलान करके चीन को बड़ा झटका दिया था। अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने ऐलान किया कि साल 2022 में चीन के बीज‍िंग शहर में होने वाले शीतकालीन खेलों में अमेरिकी अधिकारी हिस्‍सा नहीं लेंगे। अमेरिका ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है, जब चीन ने प्रण किया है कि वह इस तरह के राजनयिक बहिष्‍कार के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा। इससे पहले पिछले महीने अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि वह चीन के मानवाधिकार रेकार्ड के विरोध में खेलों के राजनयिक बहिष्‍कार पर विचार कर रहे हैं।
 
चीन का आरोप खेलों में राजनीति कर रहा है अमेरिका इसके पूर्व चीन ने राष्‍ट्रपति बाइडन की निंदा करते हुए कहा था कि वाशिंगटन अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले बाइडन और शी चिनफ‍िंग के बीच आनलाइन शिखर सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि उन्हें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और शांति से सह-अस्तित्व में रहना चाहिए। बता दें कि चीन अगले वर्ष फरवरी में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए शानदार तैयारी कर रहा है।

शीतकालीन ओलंपिक खेलों की भव्यता पर पड़ेगा असर अमेरिका और उसके मित्र देशों के राजनयिक बहिष्कार से शीतकालीन ओलंपिक खेलों की भव्यता प्रभावित हो सकती है, क्योंकि उनके मानवाधिकारों के मुद्दे पर उनका आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल वहां से अनुपस्थित रहेगा। अमेरिका के इस बहिष्‍कार के ऐलान से उसके खिलाड़‍ियों के खेलों में हिस्‍सा लेने पर रोक नहीं लगेगी। अमेरिका वर्ष 2028 में लास एंजिलिस में ओलंपिक का आयोजन करने जा रहा है। इस ऐलान के बाद अब सवाल उठने लगा है कि चीन कैसे अमेरिका को जवाब देगा। चीन का दावा है कि वह खेल के राजनीतिकरण का विरोध करता है, लेकिन वह खुद भी अमेरिकी खेल संघों को दंडित कर चुका है।

चीन ने कहा अमेरिका के आरोप निराधार अमेरिका के इस कदम पर चीन ने कहा था कि अमेरिका ने तथाकथित बंधुआ मजदूर और नरसंहार के बारे में चीन पर झूठे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन द्वारा लगाए गए अन्य आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीतकालीन पैरालंपिक और ओलंपिक खेल दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए खेल का एक मंच हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इसका राजनीतिकरण ओलंपिक आंदोलन और सभी एथलीटों के हितों को सिर्फ नुकसान पहुंचाएगा। हमें विश्वास है कि संयुक्त प्रयासों से हम निश्चित रूप से विश्व के सामने सुव्यवस्थित, शानदार और सुरक्षित खेल पेश करेंगे और ओलंपिक खेलों को आगे बढ़ाएंगे।

 
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पाकिस्तान के सिंध में निमोनियो से 7,462 बच्चों की मौत

पाकिस्तान के सिंध में निमोनियो से 7,462 बच्चों के मौत की खबर सामने आई है. वहीं पांच साल से कम उम्र के 27,136 बच्चे इससे प्रभावित हुए हैं. सिंध स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने ये जानकारी दी है. मिली जानकारी के मुताबिक, 46 से अधिक बच्चे जिनकी उम्र मात्र 5 साल थी और 8,534 लोग (जिनमें बच्चे और अडल्ट शामिल हैं) इस साल निमोनिया से पीड़ित थे. उन्होंने कहा कि 60% से अधिक मामले सिंध के ग्रामीण इलाकों से जबकि 40 फीसदी प्रांत के शहरी हिस्से से सामने आए हैं.

सिंध स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के अनुसार, 2021 में सिंध में घातक निमोनिया वायरस से 7,462 बच्चों की मौत हुई है और पांच साल से कम उम्र के 27,136 बच्चे प्रभावित हुए हैं. यूनिसेफ के अनुसार, निमोनिया बैक्टीरिया, वायरस या कवक के कारण होता है, और बच्चों को सांस के लिए लड़ने के लिए छोड़ देता है क्योंकि उनके फेफड़े मवाद और तरल पदार्थ से भर जाते हैं. डब्ल्यूएचओ के अनुमानों के अनुसार, निमोनिया से होने वाली कुल बच्चों की मृत्यु 16 फीसदी है.

क्या होता है निमोनिया किसी भी संक्रमण के कारण फेफड़े में सूजन आ जाती है, जिसे निमोनिया कहते हैं. हालांकि ज्यादातर निमोनिया बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से होता है, इंफ्लूएंजा या कोविड-19 वायरस जैसे वायरल संक्रमण भी फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं. कोरोना महामारी इसका जीता- जागता सबूत है. बता दें कि निमोनिया खासतौर से वयस्कों और बच्चों के लिए जानलेवा है. भारत में निमोनिया एक प्रमुख समस्या बना हुआ है. बैक्टीरिया, वायरस और कई तरह के सूक्ष्मजीव निमोनिया का कारण बन सकते हैं. यह खासतौर से कम सामाजिक आर्थिक स्थिति और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर अटैक करता है. यह देखा गया है कि धूम्रपान करने वालों या शराब का सेवन करने वालों में निमोनिया की संभावना सबसे ज्यादा होती है | 

निमोनिया का इलाज डॉक्टर निमोनिया के इलाज के लिए एक दवा लिख सकता है. ओरल एंटीबायोटिक्स से बैक्टीरियल निमोनिया के ज्यादातर मामलों का इलाज संभव है. हमेशा एंटीबायोटिक्स का पूरा कोर्स लें, भले ही आप बेहतर महसूस करने लगे हों. कुछ मामलों में डॉक्टर एंटीवायरल लिख सकता है. हालांकि, वायरल निमोनिया के कई मामले घर पर देखभाल से अपने आप ठीक हो जाते हैं. एंटीफंगल दवाओं का उपयोग फंगल निमोनिया के इलाज के लिए किया जाता है | 
 
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सूडान में सोने की खदान धंसने से 38 लोगों की मौत

सूडान  के पश्चिमी कोर्डोफन प्रांत  में मंगलवार को सोने की एक खदान के धंसने से कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. सूडान की सरकारी खनन कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह हादसा राजधानी खार्तूमसे 700 किलोमीटर दक्षिण में फूजा गांव में बंद पड़ी एक खदान में हुआ. इस हादसे में कुछ लोगों के घायल होने की भी जानकारी है. खनन कंपनी ने फेसबुक पर कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं जिसमें ग्रामीणों को घटनास्थल पर इकट्ठा होते दिखाया गया.

तस्वीरों में कम से कम दो 'ड्रेजर' इस हादसे में बचे हुए लोगों और शवों को खोजने के काम में जुटे दिख रहे थे. अन्य तस्वीरों में लोगों को मृतकों को दफनाने के लिए कब्रें तैयार करते हुए देखा जा सकता है. कंपनी ने अपने बयान में कहा कि ये खदान काम नहीं कर रही थी, लेकिन स्थानीय खनिक यहां पर काम करने के लिए लौट आए. दरअसल, इस खदान की सुरक्षा करने वाले जवान जब यहां से लौट गए तो लोगों ने इसे सोना इकट्ठा करने के एक अवसर के तौर पर देखा. इसके बाद यहां पर खुदाई के लिए पहुंच गए. हालांकि, उन्हें इस कदम को उठाने के बदले जान गंवानी पड़ी. कंपनी ने ये नहीं बताया कि कब खदान ने काम करना बंद किया था.

सूडान में क्यों खनन असुरक्षित क्यों है? दरअसल, एक दशक पहले दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक सूडान में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई. इसके बाद यहां पर सोने के खनन का काम फलने-फूलने लगा और लोग खनन के जरिए पैसा कमाने में जुट गए. देशभर में 20 लाख के करीब लोग पारंपरिक खदान कर्मियों के तौर पर सोने को ढूंढने का काम करते हैं. वे अक्सर सूडान भर में अर्ध-कानूनी खदानों में काम करते हैं. जहां पर हालात बेहद ही असुरक्षित होते हैं और बुनियादी ढांचा बिल्कुल जर्जर होता है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इन अनिश्चित परिस्थितियों के बावजूद सूडान से निकाले जाने वाले सोने का 80 फीसदी इन कर्मचारियों द्वारा उत्पादन किया जाता है.

आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में पूर्वी अफ्रीका में स्थित सूडान में 36.6 टन सोना निकाला गया. ये पूरे महाद्वीप में किसी देश द्वारा निकाला गया दूसरा सबसे अधिक सोना था. वहीं, पिछले दो सालों से सूडान की सरकार ने खनन इंडस्ट्री को रेगुलेट करना शुरू कर दिया है. ऐसा तब किया जा रहा है, जब देश से सोने की तस्करी का खतरा है. लेकिन 25 अक्टूबर को हुए तख्तापलट के बाद से देश एक राजनीतिक संकट में उलझ गया है, जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर हिंसा भी देखने को मिली है. अफ्रीकी देशों में खदानों का धंसना आम बात है. पास ही के देश कांगो में भी इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं| 
 
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फ्रांस ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए नए नियमों की घोषणा

फ्रांस सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से निपटने के लिए सोमवार को कुछ नए नियम लागू करने की घोषणा की. हालांकि, नए साल से पहले कड़े प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं. फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्टेक्स ने बताया कि अगले सप्ताह से बंद केन्द्रों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में 2 हजार और खुले में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में 5 हजार लोग ही शामिल हो पाएंगे. संगीत समारोहों के दौरान लोगों से अपनी जगह पर बैठे रहने की अपील की गई है. बार में लोगों के खड़े होने की भी अनुमति नहीं होगी.
 
फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्टेक्स ने बताया कि सिनेमाघरों, खेल केन्द्रों और सार्वजनिक परिवहनों में खाने और पीने की सुविधाओं पर प्रतिबंध होगा. अगर संभव हो तो सप्ताह में तीन दिन घर से कार्य करने की सलाह दी गई है. ये नए नियम कम से कम तीन सप्ताह तक लागू रहेंगे. फ्रांस में एक दिन में सर्वाधिक 1,00,000 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फ्रेंच रिवेरा पर फोर्ट डी ब्रेगनकॉन में अपने अवकाश निवास से इस संबंध में सरकार के महत्वपूर्ण सदस्यों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस भी की. नए उपाय पिछले दिसंबर में लागू किए गए उपायों की तुलना में कम सख्त हैं, जब पूरे देश में रात में कर्फ्यू लगा दिया गया था. कास्टेक्स ने पुष्टि की कि स्कूलों को निर्धारित समय तीन जनवरी से एक बार फिर खोला जाएगा.

टेन के बाद फ्रांस में तेजी से बढ़ रहे केस यूरोप में ब्रिटेन के बाद फ्रांस में ओमिक्रॉन  के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. इसकी वजह से फिलहाल 16 हजार लोग हॉस्पिटल में एडमिट हैं. फ्रांस में इस वक्त कोरोना की पांचवी लहर चल रही है. वायरस की आउटब्रेक स्पीड को रोकने के लिए नाइट क्लबों को बंद कर दिया गया. नए साल पर आतिशबाजी के कार्यक्रमों पर भी रोक लगाई गई है. स्वास्थ्य मंत्री ओलीविए वेरेन ने कहा है कि हम बूस्टर डोज देने पर जोर दे रहे हैं.

भारत में क्या है स्थिति? भारत में कोरोना की स्थिति फिलहाल नियंत्रित है. हालांकि, ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों से चिंता के साथ पाबंदियां भी बढ़ा दी गई हैं. दिल्ली, यूपी के कुछ इलाकों और कर्नाटक में तो नाइट कर्फ्यू का भी ऐलान कर दिया गया है. वहीं, बहुत से राज्यों ने सख्ती बढ़ा दी है. बहरहाल भारत में कोरोना के दैनिक मामलों में बड़ा उछाल नहीं देखने को मिला है और यह लगातार 6 से 7 हजार केसों के बीच बने हुए है | 
 

 

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