हिंदुस्तान

गुलामी की मानसिकता ने भारत की विकास यात्रा को बहुत प्रभावित किया : PM मोदी

चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचकर तीन नए कानूनों को लेकर आयोजित किए गए कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने तीन नए कानूनों की उपयोगिता के बारे में विस्तारपूर्वक अपनी बात रखी।
प्रधानमंत्री मोदी ने चंडीगढ़ आने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “चंडीगढ़ आने पर मुझे लगता है कि मैं अपने लोगों के बीच में आ चुका हूं। मैं तीनों कानून के लागू होने पर देश को बधाई देता हूं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “1857 की क्रांति के 3 साल बाद 1860 में अंग्रेज भारतीय दंड संहिता लेकर आए। इसके बाद इंडियन एविडेंस एक्ट आया, फिर सीआरपीसी का मसौदा अस्तित्व में आया। यह सब भारतीयों को दंडित करने के लिए लाए गए थे।” उन्होंने कहा, “समय-समय पर इनमें संशोधन हुए। लेकिन, उनका असली चरित्र वही बना रहा। आजाद देश में गुलामी के लिए बने कानून को क्यों ढोया जाए। यह सवाल न हमने खुद से पूछा, न शासन करने वाले लोगों ने इस पर विचार करने की जरूरत समझी। गुलामी की मानसिकता ने भारत की विकास यात्रा को बहुत ज्यादा प्रभावित किया।” प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “चंडीगढ़ में वाहन चोरी होने पर महज 11 महीने में सजा मिल गई। क्षेत्र में अशांति फैलाने पर महज 20 दिन के अंदर आरोपी को सजा दे दी गई।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “दिल्ली में भी एक केस में एफआईआर से लेकर फैसला आने तक सिर्फ 60 दिन का समय लगा। आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई गई। बिहार के छपरा में भी एक मर्डर केस में एफआईआर से लेकर फैसला आने तक सिर्फ 14 दिन लगे और आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। यह फैसले दिखाते हैं, न्याय संहिता की ताकत और उनका प्रभाव क्या है।” प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा, “सरकार जब देश प्रदेश की जनता के लिए ईमानदारी से काम करती है, तो इस तरह के परिणाम देखने को मिलते हैं , जिसका हम सभी को स्वागत करना चाहिए।” उन्होंने कहा, “कई लोग भारत में यह सोचकर निवेश करने से बचते थे कि अगर किसी भी प्रकार का मुकदमा दर्ज हुआ, तो उसमें कई साल लग जाएंगे। लेकिन, अब यह सब खत्म हो चुका है। अब सभी निवेशक बेहद ही आसानी से निवेश कर सकते हैं। निसंदेह इससे देश की अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिलेगी। देश की उत्पादकता बढ़ेगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले अगर किसी का एक्सीडेंट हो जाता था, तो लोग मदद करने से भी घबराते थे। उन्हें डर लगता था कि कहीं वो ना किसी कानूनी पचड़े में फंस जाएं। लेकिन, अब इन सभी झंझटों को खत्म कर दिया गया है। अंग्रेजी शासन के 1500 से ज्यादा पुराने कानून को खत्म किया है। जब यह कानून खत्म हुए, तब लोगों को हैरानी हुई थी कि क्या देश में ऐसे ऐसे कानून भी हम ढो रहे थे।” उन्होंने कहा, “इन दिनों वक्फ बोर्ड से जुड़े कानूनों को लेकर बहस हो रही है। हमें चाहिए कि हम उन कानूनों को भी महत्व दें, जो नागरिकों के स्वाभिमान को बढ़ाने का काम करते हैं।”
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चेहरे पर उदासी..आंखों में आंसू: साबरमती रिपोर्ट देखकर भावुक हुए PM मोदी

नई दिल्ली। गुजरात में 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड पर आधारित फिल्म द साबरमती रिपोर्ट की विशेष स्क्रीनिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सांसदों के लिए की गई। फिल्म की स्क्रीनिंग संसद परिसर की लाइब्रेरी के पालयोगी ऑडिटोरियम में की गई और कहा जा रहा है कि इसे देखने के बाद पीएम मोदी भावुक हो गए।
आजकल सच्ची घटनाओं पर आधारित कई फिल्में रिलीज होती हैं। खासकर हिंदी सिनेमा, बॉलीवुड में ऐसी फिल्मों का चलन बढ़ गया है, इसी के तहत अब हिंदी में द साबरमती रिपोर्ट नाम से एक फिल्म तैयार की जा रही है। यह 2002 में गुजरात में हुए गोधरा ट्रेन अग्निकांड पर आधारित है।
साबरमती रिपोर्ट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एनडीए सांसदों के साथ with the MPs सोमवार को संसद परिसर पुस्तकालय के बालयोगी सभागार में आयोजित फिल्म "द साबरमती रिपोर्ट" की विशेष स्क्रीनिंग में शामिल हुए। विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रीति डोगरा अभिनीत यह फिल्म शोबा कपूर, एकता आर कपूर, अमूल वी मोहन और अंशुल मोहन द्वारा सह-निर्मित है। धीरज सरना के निर्देशन में बनी इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग प्रधानमंत्री मोदी के लिए रखी गई थी। फिल्म की स्क्रीनिंग कल शाम संसद परिसर की लाइब्रेरी के पालयोगी ऑडिटोरियम में की गई। प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, किरण रिजिजू, जीतन राम मांजी, अश्विनी वैष्णव समेत कई केंद्रीय मंत्री और सांसद इसे देख चुके हैं।
कहा जाता है कि इस फिल्म को देखने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई जगहों पर काफी भावुक भी हो गए थे. कहा जाता है कि कुछ जगहों पर आंसू भी बहाए गए। फिल्म देखने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसकी खूब तारीफ की. इस संबंध में उन्होंने अपने ट्विटर पर पोस्ट किया, "मैंने अपने साथी बीजेपी गठबंधन सांसदों के साथ साबरमती रिपोर्ट फिल्म देखी. मैं इस फिल्म के निर्माताओं की सराहना करता हूं."
इस विशेष स्क्रीनिंग के दौरान अभिनेता विक्रांत मैसी, रिति डोगरा, निर्देशक धीरज सरना और अन्य मौजूद थे। अभिनेता विक्रांत मैसी ने कहा है कि प्रधानमंत्री समेत देश के गणमान्य लोगों के साथ उनकी फिल्म देखना उनके करियर का शिखर था।
कंगना रनौत: बीजेपी सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने इस स्पेशल स्क्रीनिंग में फिल्म देखी. फिल्म देखने के बाद उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण फिल्म है... यह हमारे देश के इतिहास को दर्ज करती है। यह उन सच्चाइयों पर प्रकाश डालती है जो पिछली सरकार ने लोगों से छिपाई थी। यह दिखाती है कि सत्ता में रहने वालों ने कैसे राजनीति की।" इतना ख़राब माहौल।”
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संभल हिंसा में भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ : अखिलेश यादव

  • लोकसभा में बोले समाजवादी पार्टी के मुखिया
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया और यूपी के कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा में संभल हिंसा पर बयान देते हुए इस घटना को सोची-समझी साजिश करार दिया। उन्होंने संभल में माहौल बिगाड़ने वाले लोगों के साथ पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि इन्हें निलंबित किया जाना और हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए, ताकि आगे कोई संविधान के खिलाफ इस तरह का काम ना कर सके।
अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, "संभल में जो अचानक घटना हुई है, वो एक सोची समझी-साजिश के तहत हुई है और संभल में भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। देशभर में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों, जो बार-बार खुदाई की बातें कर रहे हैं, ये खुदाई हमारे देश का सौहार्द, भाईचारा, गंगा-जमुनी तहजीब को खो देगा। ये सोची-समझी साजिश इसलिए बोल रहा हूं, क्योंकि यूपी विधानसभा के उपचुनाव 13 नवंबर को होना था। इन्होंने तारीख 13 नवंबर से बढ़ाकर 20 नवंबर कर दिया। संभल के शाही जामा मस्जिद के खिलाफ 19 नवंबर 2024 को सिविल जज सीनियर डिविजन चंदौसी संभल में एक याचिका डाली गई। कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बगैर उसी दिन सर्वे के आदेश दे दिए। ये ताज्जुब की बात है। दो घंटे बाद सर्वे की टीम संभल पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गई।"
उन्होंने कहा, "संभल जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने ढाई घंटे के बाद बताया कि सर्वे पूरा हो चुका है और रिपोर्ट कोर्ट को भेज दी जाएगी। लेकिन, 22 नवंबर को शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा करने के लिए लोग जामा मस्जिद पहुंचे। मगर, पुलिस प्रशासन ने बैरिकेड लगा दिया, ताकि लोग नमाज नहीं पढ़ सके। उसके बाद भी लोगों ने संयम बरतते हुए नमाज अदा की और किसी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं किया।"
उन्होंने कहा, "29 नवंबर को कोर्ट की अगली तारीख तय थी। शाही जामा मस्जिद की कमेटी और मुस्लिम समाज के सभी लोग कोर्ट में केस की पैरवी की तैयारी कर रहे थे। परंतु, 23 नवंबर की रात पुलिस प्रशासन द्वारा कहा गया कि अगले दिन 24 नवंबर को दोबारा सर्वे किया जाएगा। शाही जामा मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता ने कहा कि तारीख मुकम्मल हो चुकी है, दूसरे तारीख की क्या जरूरत है। दोबारा सर्वे के दौरान मुस्लिम समुदाय ने फिर धैर्य रखा। लेकिन, जब एक घंटे के बाद जनता को सूचना मिली तो वो इकट्ठा होना शुरू हुए। लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा, तो अधिकारियों ने उनके साथ गाली-गलौज की और लाठी जार्च करवाकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया। इसका विरोध करते हुए चंद लोगों ने पत्थर चलाए।"
सपा प्रमुख ने कहा, "जिसके बदले में पुलिस के सिपाही से लेकर अधिकारियों ने सरकारी और अपने प्राइवेट हथियारों से गोलियां चलाई। जिसका वीडियो रिकॉर्डिंग भी है, जिसके एवज में दर्जन लोग घायल हो गए है। पांच मासूम, दो अपने घर से सामान लेने के लिए निकले थे। उनकी मृत्यु हो गई। संभल का माहौल बिगाड़ने में याचिका दायर करने वाले लोगों के साथ पुलिस और प्रशासन के लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें निलंबित किया जाना और हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए, ताकि आगे कोई संविधान के खिलाफ इस तरह का काम ना कर सके।"
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केंद्र ने राज्यों को विशेष सहायता के रूप में 50,571 करोड़ रुपये किए जारी

नई दिल्ली। केंद्र ने चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान विभिन्न विकास परियोजनाओं में खर्च बढ़ाने के लिए अपनी ‘पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता’ योजना के तहत राज्यों को 50,571.42 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, केरल, पंजाब और तेलंगाना को छोड़कर 28 राज्यों में से 23 ने चालू वित्त वर्ष के दौरान केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई ब्याज मुक्त सुविधा का लाभ उठाया। केंद्रीय मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस सुविधा के साथ सबसे अधिक राशि 7,007.93 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश को जारी किए गए।
इसके बाद मध्य प्रदेश को 5,074.94 करोड़ रुपये, बिहार को 5,408.88 करोड़ रुपये, राजस्थान को 4,552.01 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल को 4,416.23 करोड़ रुपये, असम को 3,181.97 करोड़ रुपये, ओडिशा को 3,085.44 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र को 2,617.70 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश को 2,616.27 करोड़ रुपये और कर्नाटक 2,272.87 करोड़ रुपये दिए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट में राज्यों के लिए केंद्र की 'पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता' योजना के तहत 1.5 लाख करोड़ रुपये का आवंटन प्रदान किया है।
पूंजी निवेश के लिए राज्यों को केंद्र की विशेष सहायता योजना के तहत पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने के लिए 50 साल का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। इस योजना के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई, जलापूर्ति, बिजली, सड़क, पुल और रेलवे सहित विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
इस योजना के तहत जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में राज्यों के हिस्से को पूरा करने के लिए भी धन मुहैया कराया गया है, ताकि इन क्षेत्रों में परियोजनाओं की गति बढ़ाई जा सके। इस योजना के कुछ हिस्से या तो सुधारों से जुड़े हैं या फिर क्षेत्र विशेष परियोजनाओं के लिए हैं।
इस योजना के तहत राज्यों को राज्य सरकार के वाहनों और एंबुलेंस को स्क्रैप करने, पुराने वाहनों पर देनदारियों को माफ करने, पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए व्यक्तियों को कर रियायतें देने और स्वचालित वाहन परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाता है।
इसके अलावा, राज्यों को शहरी नियोजन और शहरी वित्त में सुधार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में पुलिस थानों में पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के लिए आवास स्टॉक बढ़ाना है। इस योजना का एक अन्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देना, ‘मेक इन इंडिया’ की अवधारणा को आगे बढ़ाना और प्रत्येक राज्य में यूनिटी मॉल के निर्माण के माध्यम से ‘एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी)’ की अवधारणा को बढ़ावा देना है।
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तमिलनाडु में आई बाढ़, PM मोदी ने CM स्टालिन से की फोन पर बात

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तमिलनाडु में बाढ़ के कहर को देखते हुए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से फोन पर बात कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। तमिलनाडु के जिले विल्लपुरम में आई बाढ़ की वजह से चेन्नई-तिरुचिरापल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी यातायात प्रभावित है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा से 69 लाख परिवार और 1.5 लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से 2,000 करोड़ रुपये जारी करने का अनुरोध किया है।
वहीं मौसम विभाग ने इस संबंध में बताया कि उत्तरी तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी के ऊपर चक्रवाती तूफान फेंगल कमजोर होकर कम दबाव वाले क्षेत्रों में तब्दील हो गया। इससे विल्लुपुरम और आसपास के क्षेत्र बाढ़ से पानी-पानी हो गए।
तमिलनाडु का विल्लुपुरम जिला मौजूदा समय में बाढ़ के कहर से त्राहि-त्राहि कर रहा है। सोमवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने यहां पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था और पीड़ितों को हरसंभव मदद का भी भरोसा दिलाया था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से बात करके उनके बीच राहत सामग्री भी वितरित की। इस बाढ़ की वजह से रेलवे ने अपनी तरफ सेवाओं को प्रभावित कर दिया है। रेलवे ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि विक्रवंडी में शहर को मुंडियामपक्कम से जोड़ने वाले एक मुख्य पुल पर बाढ़ का पानी बढ़ने के कारण रेल सेवाएं स्थगित कर दी गई हैं। चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। उत्तरी तमिलनाडु को मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों से जोड़ने वाले कई अन्य प्रमुख मार्ग भी इसकी चपेट में आए हैं। थेंपेन्नई नदी उफान पर है, जिससे कुड्डालोर और पड़ोसी जिले जलमग्न हो गए हैं।
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चक्रवात फेंगल : राहुल और प्रियंका ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से की अपील

  • तमिलनाडु में भारी बारिश के बाद हुआ भूस्खलन
नई दिल्ली। तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल की वजह से हुई भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ। इस दौरान एक परिवार के सात लोग मलबे में दब गए। लोगों को निकालने के लिए मौके पर जिला प्रशासन के अलावा एनडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस त्रासदी में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदनाएं जाहिर की हैं।
फेंगल चक्रवात को लेकर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल की विनाशकारी खबर मिली है। इस त्रासदी के दौरान अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ भी हैं जिनके घर और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। मैं राज्य के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और जहां भी संभव हो राहत कार्यों में प्रशासन की मदद करें।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा है कि तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल के कारण हुई तबाही से मैं बहुत दुखी हूं। मेरी प्रार्थनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और जो भारी नुकसान और कठिनाई का सामना कर रहे हैं। मैं सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे इस कठिन समय में राहत और सहायता प्रदान करने में प्रशासन के साथ हाथ मिलाएं।
बता दें कि सोमवार को चक्रवात फेंगल के कारण तमिलनाडु में भारी बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण कृष्णागिरी जिले के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। सबसे ज्यादा असर उथांगरई तालुका में देखा गया। यहां पर बस अड्डे में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिस वजह से वहां कई बस पानी के तेज बहाव की चपेट में आ गई हैं। इसके अलावा बाढ़ के पानी से यातायात काफी प्रभावित हुआ है। मिट्टापल्ली, पुरुकलापल्ली और इलाचियूर गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। सुरक्षा को ध्यान में रहते हुए स्कूल कॉलेज को बंद करने का फैसला लिया गया है।
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संसद में अडाणी और संभल हिंसा पर विपक्ष का प्रदर्शन

  • सपा-TMC शामिल नहीं हुए, कांग्रेस नेता के बयान पर बखेड़ा
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को भी हंगामा जारी है. अडानी मामले को लेकर विपक्षी नेता संसद परिसर में प्रोटेस्ट कर रहे हैं. इस प्रदर्शन में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी शामिल है. लेकिन इस प्रोटेस्ट से समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने दूरी बना ली है.
ऐसे में सरकार के खिलाफ विपक्ष बिखरता नजर आया. अडानी मामले पर प्रोटेस्ट में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हुए लेकिन इसमें सपा और टीएमसी के सांसद नदारद रहे. 25 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार गतिरोध बना हुआ है. कांग्रेस पार्टी का पूरा फोकस अडानी मामले को लेकर है. लेकिन समाजवादी पार्टी संभल हिंसा पर चर्चा की मांग कर रही है.
इससे पहले सोमवार को संसद की कार्यवाही से पहले इंडिया ब्लॉक के नेताओं की मुलाकात राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से हुई, जिसमें राहुल गांधी तो शामिल हुए थे लेकिन टीएमसी का कोई सांसद नहीं पहुंचा था.
दरअसल तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि सदन में मंहगाई, बेरोजगारी, किसान, उर्वरक, विपक्षी राज्यों को मिलने वाले पैसे में कटौती और मणिपुर जैसे मुद्दों को लेकर चर्चा हो. वहीं कांग्रेस चाहती है कि अडानी मुद्दे पर ही चर्चा हो. वहीं कांग्रेस के रूख से सपा भी किनारा करती दिख रही है. वहीं अन्य विपक्षी दल भी चाहते हैं कि किसान, संभल और मणिपुर जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो. यानि विपक्षी दलों में टीएमसी का रुख साफ है कि संसद में सभी मुद्दों पर चर्चा हो, कमोबेश ऐसा ही कुछ समाजवादी पार्टी भी चाहती है.
सपा सांसदों ने आज लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और संभल मुद्दे पर चर्चा का अनुरोध किया. सपा नेताओं के अनुसार अडानी का मुद्दा संभल जितना बड़ा नहीं है. सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि हमारे लिए अदाणी से बड़ा मुद्दा किसान हैं. यानि कांग्रेस भले ही अडानी की रट लगाए बैठी हो, मगर विपक्ष के कई दल और भी मुद्दों पर बहस करना चाहते हैं.
इस बीच कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी के एक बयान पर विवाद हो गया है कि रेणुका चौधरी ने कहा कि हमारी तरफ से कोशिश है कि सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से चले क्योंकि जनता ने हमें चुनकर संसद भेजा है और वे चाहते हैं कि हम उनकी आवाज को यहां बुलंद करें. अगर सरकार सदन चलाना चाह रही है तो चलेगा, अगर वह नहीं चलाना चाह रही है तो नहीं चलेगा. सब समझते है कि ये षडयंत्र क्या है.
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ऑपरेशन दाचीगाम : श्रीनगर में मुठभेड़ स्थल पर सुरक्षा कड़ी की गई

श्रीनगर। श्रीनगर के हरवान इलाके में मुठभेड़ स्थल पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जहां आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी चल रही है। हरवान में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच एक संयुक्त अभियान चल रहा है, जिसमें पुलिस ने मुठभेड़ स्थल तक जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया है।
पुलिस ने बताया कि इससे पहले आज मंगलवार को श्रीनगर के दाचीगाम जंगल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान एक आतंकवादी मारा गया। मुठभेड़ 2 दिसंबर को शुरू हुई थी, विशेष खुफिया इनपुट के आधार पर, भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा श्रीनगर के हरवान में एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। तलाशी के दौरान प्रारंभिक संपर्क स्थापित किया गया। आगे की जानकारी का इंतजार है।
सेना की चिनार कोर ने एक अपडेट में कहा, "ऑपरेशन दाछीगाम, श्रीनगर 02 दिसंबर 2024 को; विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर, भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा श्रीनगर के दाछीगाम वन के ऊपरी इलाकों में एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। तलाशी के दौरान प्रारंभिक संपर्क स्थापित किया गया था। ऑपरेशन जारी है।" इससे पहले 23 नवंबर को, बारामूला पुलिस ने सुरक्षा बलों के साथ एक संयुक्त अभियान में शनिवार को जम्मू और कश्मीर के बारामूला जिले के कुंजर इलाके में एक आतंकी ठिकाने का भंडाफोड़ किया था। बारामूला पुलिस, बडगाम पुलिस और 62 आरआर द्वारा पुलिस स्टेशन कुंजर के अधिकार क्षेत्र के तहत मालवा गाँव से सटे जंगलों में एक संयुक्त अभियान चलाया गया था। आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर, 9 नवंबर को राजपुरा, सोपोर, बारामूला के सामान्य क्षेत्र में सेना और जेके पुलिस द्वारा एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। सतर्क सैनिकों द्वारा संदिग्ध गतिविधि देखी गई और चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
सैनिकों ने प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की। सुरक्षा बलों द्वारा एक आतंकवादी को मार गिराया गया। 6 नवंबर को सुरक्षा बलों ने बांदीपुरा में ऑपरेशन कैत्सन में एक आतंकवादी को मार गिराया। 2 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया। सुरक्षा बलों द्वारा हलकान गली इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू करने के बाद मुठभेड़ शुरू हुई। 29 अक्टूबर को सुरक्षा बलों ने सेना के काफिले पर हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के अखनूर में एक बड़ी मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को मार गिराया। (एएनआई)
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सुरक्षाबलों ने दाचीगाम जंगल में एक आतंकी को किया ढेर, मुठभेड़ जारी

जम्मू। जम्मू-कश्मीर में दाचीगाम जंगल के ऊपरी इलाकों में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में एक आतंकी को मार गिराया है। सुरक्षाबलों को इस इलाके में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। इसी सूचना के आधार पर सुरक्षाकर्मियों ने इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। आतंकियों ने खुद को गिरा देख सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी। इसके बाद जवानों में भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। जवानों ने एक आतंकी को मार गिराया है। फिलहाल, अभी दोनों ओर से गोलीबारी जारी है।
इससे पहले कश्मीर जोन पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' एक पोस्ट में कहा, "विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर, सुरक्षाबलों के संयुक्त दलों ने दाचीगाम जंगल के ऊपरी इलाकों में सीएएसओ (घेराबंदी और तलाशी अभियान) शुरू किया है। ऑपरेशन जारी है।"
बता दें कि आतंकवादियों द्वारा किए गए कई हमलों के बाद हाल के दिनों में सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। 20 अक्टूबर को आतंकवादियों ने गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में एक बुनियादी ढांचा परियोजना कंपनी के श्रमिकों के शिविर पर हमला किया था। इस हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी।
इसके बाद 24 अक्टूबर को बारामूला जिले के गुलमर्ग के बोटापथरी इलाके में सेना के वाहन पर हमला कर आतंकवादियों ने सेना के तीन जवानों और दो नागरिक कुलियों की हत्या कर दी थी। वहीं, 2 नवंबर को श्रीनगर में पर्यटक स्वागत केंद्र के पास व्यस्त संडे मार्केट में आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंका था। इसमें एक 42 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी, जबकि नौ अन्य नागरिक घायल हो गए थे। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इन दो हमलों के बाद कहा कि इन हमलों में शामिल लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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आईआरएस ट्रेनी अधिकारियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की

नई दिल्ली। भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के ट्रेनी अधिकारियों ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रपति ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय राजस्व सेवा हमारी अर्थव्यवस्था को एक समान कर प्रणाली और साझा प्रशासनिक मूल्यों के माध्यम से जोड़ती है। आईआरएस अधिकारी भारत सरकार, व्यापार और विभिन्न राज्यों के टैक्स कर प्रशासन (टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन) के बीच एक बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में राष्ट्रीय हित का एजेंडा काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग से तय होता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे देश की आर्थिक सीमाओं के संरक्षक हैं। हमेशा ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करना होगा। दूसरे देशों के साथ व्यापार सुगमता समझौतों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) देश को आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे के निर्माण, सामाजिक-आर्थिक योजनाओं को चलाने, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए संसाधन उपलब्ध कराती है। इस तरह यह सेवा राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपनी भूमिका अच्छे से निभाने के लिए उन्हें ऐसे सिस्टम और प्रक्रियाएं विकसित करने की जरूरत है जो पारदर्शी हो और जवाबदेही हो।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि इस नए और गतिशील युग में कर संग्रह (टैक्स कलेक्शन) में कम हस्तक्षेप और प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग करने की कोशिश की जानी चाहिए। टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में नए विचार और नए समाधान लाने की जिम्मेदारी युवा अधिकारियों पर है।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों को सलाह दी कि वे याद रखें कि कराधान केवल देश के राजस्व को बढ़ाने का साधन नहीं है। यह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। देश के नागरिकों की ओर से दिया जाने वाला टैक्स देश और लोगों के विकास के लिए उपयोग किया जाता है। इसलिए, यदि वे अपना काम लगन और निष्ठा से करेंगे, तो वे देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान दे पाएंगे।
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चक्रवात "फेंगल" के कारण वंदे भारत समेत 3 रेल सेवाएं प्रभावित

  • 5 का रास्ता बदला
नई दिल्ली दक्षिण रेलवे ने सोमवार को चक्रवात फेंगल के आने और उसके बाद हुई भारी बारिश के बाद कई रेलगाड़ियां रद्द कर दीं। चेन्नई हवाई अड्डे पर परिचालन, जिसे शनिवार को निलंबित कर दिया गया था, रविवार आधी रात के बाद फिर से शुरू हो गया, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि शुरुआत में कई उड़ानें रद्द और विलंबित हुईं। हालांकि, बाद में दिन में परिचालन सामान्य हो गया। 30 नवंबर को पुडुचेरी के पास पहुंचने के बाद, चक्रवात फेंगल रविवार को कमजोर पड़ गया, लेकिन इसके प्रभाव में मूसलाधार बारिश ने केंद्र शासित प्रदेश को पंगु बना दिया, जिसके चलते सेना को जलमग्न सड़कों पर फंसे लोगों को निकालने के लिए आगे आना पड़ा। पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के विल्लुपुरम में भी भारी बारिश और जलभराव के कारण नुकसान हुआ, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने जिले में हुई बारिश को 'अभूतपूर्व' बताया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के नवीनतम अपडेट के अनुसार, चक्रवात फेंगल कमजोर होकर गहरे दबाव में बदल गया है। विक्रवंडी और मुंडियामपक्कम के बीच पुल 452 के निलंबित होने और खतरे के निशान से ऊपर जलस्तर बढ़ने के कारण रेल सेवाओं में काफी व्यवधान उत्पन्न हुआ है। दक्षिणी रेलवे ने 2 दिसंबर को निर्धारित कई ट्रेनों के लिए कई छोटी अवधि के लिए टर्मिनेशन, डायवर्जन और रद्दीकरण की घोषणा की है।
पूर्ण रद्दीकरण-
ट्रेन संख्या 12606 कराईकुडी जंक्शन - चेन्नई एग्मोर पल्लवन सुपरफास्ट एक्सप्रेस: ​​निर्धारित प्रस्थान- 02.12.2024 को 05:35 बजे।
ट्रेन संख्या 12636 मदुरै जंक्शन - चेन्नई एग्मोर वैगई सुपरफास्ट एक्सप्रेस: ​​निर्धारित प्रस्थान- 02.12.2024 को 06:40 बजे।
ट्रेन संख्या 20666 तिरुनेलवेली - चेन्नई एग्मोर वंदे भारत एक्सप्रेस: ​​निर्धारित प्रस्थान: 02.12.2024 को 06:00 बजे।
विचलन-
ट्रेन नंबर 12632 तिरुनेलवेली - चेन्नई एग्मोर एक्सप्रेस:
प्रस्थान: तिरुनेलवेली से 01.12.2024 को 20:05 बजे।
विल्लुपुरम, काटपाडी, अराक्कोनम, चेन्नई बीच और चेन्नई एग्मोर के माध्यम से डायवर्ट किया गया।
छोड़े गए स्टॉपेज: तिंडीवनम, मेलमारुवथुर, चेंगलपट्टू, तांबरम और माम्बलम।
वैकल्पिक ठहराव: अराक्कोनम और पेरम्बूर।
ट्रेन नंबर 12694 तूतीकोरिन-चेन्नई एग्मोर पर्ल सिटी एक्सप्रेस
प्रस्थान: तूतीकोरिन से 01.12.2024 को 20:25 बजे।
विल्लुपुरम, काटपाडी, अराक्कोनम, चेन्नई बीच और चेन्नई एग्मोर के माध्यम से डायवर्ट किया गया।
छोड़े गए स्टॉपेज: तिंडीवनम, मेलमारुवथुर, मदुरंतकम, चेंगलपट्टू, तांबरम और माम्बलम।
वैकल्पिक ठहराव: अराक्कोनम और पेरम्बूर।
ट्रेन नंबर 16752 रामेश्वरम-चेन्नई एग्मोर एक्सप्रेस
प्रस्थान: 01.12.2024 को रामेश्वरम से 17:20 बजे।
विल्लुपुरम, काटपाडी और चेन्नई एग्मोर के माध्यम से डायवर्ट किया गया।
छोड़े गए स्टॉपेज: मेलमारुवथुर, चेंगलपट्टू, तांबरम और माम्बलम।
ट्रेन नंबर 12662 सेनगोट्टई - चेन्नई एग्मोर पोथिगई एक्सप्रेस
प्रस्थान: 01.12.2024 को सेनगोट्टई से 18:20 बजे।
विल्लुपुरम, काटपाडी और चेन्नई एग्मोर के माध्यम से डायवर्ट किया गया।
छोड़े गए स्टॉपेज: मेलमारुवथुर, चेंगलपट्टू, और तांबरम।
ट्रेन नंबर 20636 कोल्लम-चेन्नई एग्मोर अनंतपुरी एक्सप्रेस
प्रस्थान: 01.12.2024 को कोल्लम से 14:50 बजे।
विल्लुपुरम, काटपाडी और चेन्नई एग्मोर के माध्यम से डायवर्ट किया गया।
स्किपिंग स्टॉपेज: तिंडीवनम, मेलमारुवत्तूर, मदुरंथकम, चेंगलपट्टू, तांबरम और माम्बाला
लघु समाप्ति-
ट्रेन नंबर 20606 तिरुचेंदूर - चेन्नई एग्मोर एक्सप्रेस: ​​प्रस्थान: 01.12.2024 को तिरुचेंदूर से 20:25 बजे। विल्लुपुरम में शॉर्ट टर्मिनेट किया गया। ट्रेन संख्या 20692 नागरकोइल - तांबरम अंत्योदय सुपरफास्ट एक्सप्रेस: ​​प्रस्थान: 01.12.2024 को 15:50 बजे नागरकोइल से। विल्लुपुरम में शॉर्ट टर्मिनेट। यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले ट्रेन सेवाओं के बारे में नवीनतम अपडेट की जाँच करें। रेलवे अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय कर रहे हैं।
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CM रहने के बाद अब क्या चाहते हैं एकनाथ शिंदे, चर्चाओं का बाजार गर्म

मुंबई। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आए 10 दिन होने को है और सरकार गठन तो छोड़िए, मुख्यमंत्री कौन होगा ये ऐलान तक नहीं हो सका है. मुंबई से दिल्ली तक मैराथन बैठकों के दौर के बाद यह बात तो तय हो चुकी है कि मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से ही होगा लेकिन कौन होगा? ये अभी तक तय नहीं है.
हाल ही में सीएम शिंदे के साथ ही उनकी अगुवाई वाली पिछली सरकार में डिप्टी सीएम रहे देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को बीजेपी नेतृत्व ने दिल्ली तलब किया था. एकनाथ शिंदे, फडणवीस और अजित पवार ने दिल्ली पहुंचकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. अमित शाह के आवास पर तीन घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद तीनों ही नेता उसी रात मुंबई लौट आए थे. मुंबई में महायुति नेताओं की बैठक होनी थी लेकिन एकनाथ शिंदे सतारा जिले में स्थित अपने पैतृक गांव चले गए और दो दिन वहीं रहे. इसकी वजह से महायुति नेताओं की बैठक में देरी हुई.
एकनाथ शिंदे एक दिन पहले ही शाम को ही सतारा से मुंबई लौटे लेकिन वे मुख्यमंत्री आवास वर्षा नहीं गए. वर्षा जाने की जगह शिंदे ठाणे में रुके. शिंदे की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक उनकी तबीयत ठीक नहीं है और उनको थ्रोट इंफेक्शन है. एकनाथ शिंदे ने बीमारी का हवाला देते हुए 2 दिसंबर को निर्धारित सारे कार्यक्रम भी रद्द कर दिए हैं. दूसरी तरफ, शिंदे गुट के नेता गृह और अन्य भारी-भरकम विभाग की मांग को लेकर लगातार बैटिंग कर रहे हैं. कुछ नेता तो यहां तक कह रहे हैं कि उन्हें वे सारे विभाग दिए जाने चाहिए जो पिछले ढाई साल से उनके पास थे. इसका सीधा मतलब है कि शिंदे गुट दबाव की राजनीति कर रहा है.
एक तरफ महायुति की बैठक में देरी हो रही है जिसमें गृह, शहरी विकास और राजस्व जैसे विभागों के बंटवारे पर बात होनी है और दूसरी तरफ शिंदे गुट सभी महत्वपूर्ण विभाग अपने पाले में रखने के लिए दबाव बना रहा है. बीजेपी ने इन सबके बीच सीएम का ऐलान भले ही न किया हो, शपथग्रहण की तारीख का ऐलान कर यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि सीएम उसका ही होगा, महायुति की ओर से नहीं. महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री का शपथग्रहण 5 दिसंबर को शाम 5 बजे आजाद मैदान में होना है.
हालांकि, एकनाथ शिंदे गुट का तर्क है कि बीजेपी विधायक दल की बैठक अभी नहीं हुई है जिसके बाद उनकी ओर से मुख्यमंत्री फेस का ऐलान किया जाना है. महायुति नेताओं की बैठक में जो फैसला होगा, उस पर भी गृह मंत्री अमित शाह से अप्रूवल लेना होगा. इसलिए भी कहा जा रहा है कि हर प्रक्रिया स्टैंडबाई मोड में है क्योंकि शिंदे की वजह से मीटिंग नहीं हो पा रही है. इसके पीछे स्वास्थ्य कारण ही हैं या राजनीतिक, ये भी चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि शिंदे गुट के नेता लगातार अपनी मांगों के जरिये दबाव बनाए हुए हैं.
महाराष्ट्र में जारी गतिरोध के बीच अजित पवार दिल्ली जा रहे हैं. अजित के साथ प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के भी दिल्ली जाने की चर्चा है. अजित और एनसीपी के अन्य नेता गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे.
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किसानों के दिल्ली कूच को लेकर बॉर्डर पर हो रही है चेकिंग

  • लगा लंबा जाम, जानिए...क्या है किसानों की डिमांड्स
नोएडा। किसान आंदोलन और उनके दिल्ली कूच करने के इरादे को देखते हुए दिल्ली-नोएडा के सभी बॉर्डर पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। जहां पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है इस चेकिंग अभियान के जरिए आम जनता को भारी जाम का सामना करना पड़ रहा है और कई किलोमीटर तक गाड़ियां रेंगती नजर आ रही हैं।
पुलिस की तरफ से जारी किए गए बयान के मुताबिक 2 दिसंबर को किसानों के दिल्ली आह्वान को लेकर दिल्ली/बार्डर एरिया में चेकिंग की जा रही है, जिसमें यातायात धीमी गति से संचालित हो रहा था, वर्तमान में सभी रेड लाइट को निरन्तर ग्रीन कर दिया गया है। एक बार फिर यातायात सामान्य गति से संचालित है। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस यातायात को सुचारू रूप से संचालित करा रही है।
पुलिस अपने इस बयान के जरिए यह बताने की कोशिश कर रही है कि जाम को खुलवा दिया गया है। लेकिन सड़कों पर उतरे वाहन चालकों को मिनटों का सफर घंटे में तय करना पड़ रहा है। यह स्थिति तब बनी हुई है जब अभी तक किसानों ने अपने मीटिंग प्वाइंट तक पहुंचना शुरू भी नहीं किया है। हालांकि यातायात विभाग के मुताबिक डायवर्जन प्लान तैयार कर लिया गया है और जरूरत के हिसाब से उसे लागू किया जाएगा।
महामाया फ्लाईओवर एक केंद्र बिंदु है जहां पर सभी किसानों को एकत्र होना है और फिर यहां से दिल्ली की तरफ बढ़ना है। यहां से कालिंदी कुंज के जरिए और डीएनडी और उसके बाद चिल्ला बॉर्डर के जरिए दिल्ली की तरफ जाया जा सकता है, जहां पर दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस दोनों ही तरफ से चेकिंग अभियान चलाकर किसी भी किसान को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश कर रही है।
किसानों की डिमांड्स क्या हैं?
किसानों का कहना है कि नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि का 4 गुना मुआवजा दिया जाए. गौतमबुद्ध नगर में 10 साल से सर्किल रेट भी नहीं बढ़ाया गया है. नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ जिले में लागू किए जाएं. किसान चाहते हैं कि जमीन अधिग्रहण के बदले 10 फीसदी विकसित भूखंड दिया जाए और 64.7 फीसदी की दर से मुआवजा दिया जाए. भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास के लाभ दिए जाएं. हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू की जाएं. आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाए. ये सारे निर्णय शासन स्तर पर लिए जाने हैं.
कब से चल रहा प्रदर्शन?
नोएडा के किसान सोमवार (2 दिसंबर) को दिल्ली की ओर कूच करेंगे. किसानों का कहना है कि आबादी निस्तारण की मांग को लेकर वे तीनों प्राधिकरण (नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी) के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने सबसे पहले महापंचायत की थी. उसके बाद 27 नवंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाहर बाहर प्रदर्शन किया. 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना विकास प्राधिकरण के बाहर प्रदर्शन किया. इस दरम्यान अफसरों से बातचीत भी हुई. रविवार को किसानों और अधिकारियों के बीच हाईलेवल बैठक हुई, लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बन सकी. आंदोलन के तीसरे और अंतिम चरण 2 दिसंबर को संसद सत्र के दौरान दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है.
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UPSC टीचर अवध ओझा ने थामा आम आदमी पार्टी का दामन

  • चुनाव लड़ने की अटकलें
नई दिल्ली। शिक्षाविद और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा आज आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. वह पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में AAP में शामिल हुए.
ओझा इससे पहले केजरीवाल और पार्टी नेता सिसोदिया के साथ ही आम आदमी पार्टी के दफ्तर पहुंचे थे. इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह आधिकारिक तौर से पार्टी से जुड़े. अवध ओझा को पार्टी में शामिल करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा क्रांति से प्रभावित होकर शिक्षा क्षेत्र के दिग्गज अवध ओझा जी आज आम आदमी पार्टी परिवार का हिस्सा बन रहे हैं. हमारे प्रयासों को और आगे बढ़ाने के लिए AAP परिवार में उनका स्वागत है.
अवध ओझा ने पार्टी में शामिल होते हुए कहा कि मेरा पार्टी से जुड़ने का मुख्य एजेंडा शिक्षा क्षेत्र का विकास है. अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने मुझे राजनीति में आकर एजुकेशन सेक्टर के लिए काम करने का मौका दिया है. मैं कहना चाहता हूं कि ये मेरे राजनीतिक करियर की शुरुआत है. मेरा मुख्य फोकस शिक्षा क्षेत्र के विकास पर होगा.
उत्तर प्रदेश के गोंडा से ताल्लुक रखने वाले अवध ओझा UPSC टीचर और मोटिवेशनल स्पीकर हैं. वह यूपीएससी एस्पिरेंट्स के बीच ओझा सर के नाम से लोकप्रिय हैं. उनका पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है. उनकी शुरुआती शिक्षा गोंडा में ही हुई. उन्होंने अपना ग्रेजुएशन गोंडा के फातिमा इंटर कॉलेज से किया.
दिल्ली में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी हो या बीजेपी-कांग्रेस, सभी दलों के नेताओं ने लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. इस बीच आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया कि वह विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी. इससे साफ हो गया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है.
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दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब स्तर पर पहुंचा, 273 पर पहुंचा

नई दिल्ली (एएनआई)। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के सुबह 7 बजे के आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ और यह 'खराब' श्रेणी में 273 पर पहुंच गई। चांदनी चौक में वायु गुणवत्ता सूचकांक 188, अलीपुर में 266, आया नगर में 264 और डीटीयू क्षेत्र में 227 रहा। हालांकि दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक 303, द्वारका सेक्टर 8 में 307 और जहांगीरपुरी में 310 रहा।
हालांकि, वायु गुणवत्ता में सुधार के बावजूद, शहर के निवासियों ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की और सरकार से कार्रवाई की मांग की। स्थानीय निवासी इमाक ने कहा, "शहर में प्रदूषण की स्थिति बहुत खराब है। सरकार को शहर में सभी पुराने वाहनों को बंद करने और सभी कक्षाओं को ऑनलाइन करने की पहल करनी चाहिए। इससे बच्चों और बुजुर्गों पर बुरा असर पड़ रहा है। निर्माण कार्य भी फिलहाल रोक दिया जाना चाहिए।" एक अन्य स्थानीय छात्र ने चिंता व्यक्त की कि प्रदूषण उसके स्वास्थ्य पर किस तरह से असर डाल रहा है। स्थानीय निवासी ने कहा, "इस प्रदूषण के कारण मेरी आंखें बहुत जल रही हैं। मैं मुश्किल से 18 साल का हूं और यह प्रदूषण मेरे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालेगा। अभी सबसे अच्छा यही किया जा सकता है कि निर्माण कार्य और पराली जलाना बंद कर दिया जाए।" अक्षरधाम मंदिर, इंडिया गेट और दिल्ली रेलवे स्टेशन सहित शहर के विभिन्न इलाकों से ली गई तस्वीरों में इलाके में धुंध की मोटी परत दिखाई दे रही है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच सरकार ने प्रशासन को प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए ट्रक-माउंटेड वाटर स्प्रिंकलर का उपयोग करने का निर्देश दिया है। 0-50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब और 401-500 को गंभीर माना जाता है। (एएनआई)
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बाबा सिद्दीकी मर्डर केस : 26 आरोपियों पर लगाया गया मकोका

मुंबई। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में मुंबई पुलिस ने पूरे केस पर MCOCA लगा दिया है। गिरफ्तार सभी 26 आरोपियों पर MCOCA के तहत अब मामला कोर्ट में चलेगा। जानकारी के अनुसार, इस केस के अभी भी तीन मुख्य आरोपी फरार है। बता दें, बाबा सिद्दीकी हत्या मामला में क्राइम ब्रांच और मुम्बई पुलिस जांच कर रही थी।इस सिलसिले में निर्मल नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1), 109, 125, और 3(5), शस्त्र अधिनियम की धारा 3, 5, 25, और 27 और धारा 37 और 135 महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम (एमपीए) के तहत मामला दर्ज है।
अब तक, 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि तीन आरोपी-शुभम रामेश्वर लोनकर, जिशान मोहम्मद अख्तर और अनमोल बिश्नोई मामले में वांछित आरोपी हैं। आज इस मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1999 (MCOCA अधिनियम) के प्रावधान लागू किए गए हैं।
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केंद्र ने मछलीपालन क्षेत्र के लिए 4,969 करोड़ रुपये के पैकेज को दी मंजूरी

नई दिल्ली। केंद्र के मत्स्यपालन विभाग ने वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2024 और चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) के दौरान छोटे मछली पकड़ने वाले समुदायों, पारंपरिक मछुआरों के विकास और उन्हें आजीविका सहायता प्रदान करने के लिए 1823.58 करोड़ रुपये के केंद्रीय हिस्से के साथ 4969.62 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में यह जानकारी देते हुए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास और मछुआरों के कल्याण के लिए 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रभावी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत मंजूरी दी गई है।
उन्होंने कहा कि जलवायु-अनुकूल जलीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए, विभाग पीएमएमएसवाई के तहत समुद्री शैवाल, खुले समुद्र में पिंजरे की खेती, कृत्रिम चट्टानों की स्थापना, समुद्री पशुपालन, इंटीग्रेटेड मछली पालन को बढ़ावा देने और अन्य जलवायु-अनुकूल समुद्री कृषि गतिविधियों का समर्थन करता है, ताकि मुख्य रूप से पारंपरिक और छोटे पैमाने के मछुआरों पर पर्यावरणीय प्रभावों को कम किया जा सके।
इस उद्देश्य के लिए 115.78 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, मत्स्य विभाग ने पारंपरिक मछुआरों के लिए 480 गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले जहाजों के अधिग्रहण, पारंपरिक मछुआरों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए 769.64 करोड़ रुपये के परिव्यय पर निर्यात क्षमता के लिए 1,338 मौजूदा मछली पकड़ने वाले जहाजों को अपग्रेड करने की मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएमएमएसवाई के तहत, मछली पकड़ने पर प्रतिबंध की अवधि के दौरान पारंपरिक और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े सक्रिय मछुआरों के परिवारों को सालाना 5.94 लाख मछुआरों को आजीविका और पोषण सहायता के लिए वित्तीय सहायता दी गई है। इसके अलावा, 131.13 लाख मछुआरों को बीमा कवरेज भी प्रदान किया गया है।
भारत का वार्षिक मछली उत्पादन 2014 से लगभग दोगुना होकर 17.5 मिलियन टन हो गया है, जिसमें इनलैंड फिशिंग अब मरीन फिशिंग से बढ़कर 13.2 मिलियन टन हो गया है। देश अब वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक बन गया है, जिसमें लगभग 30 मिलियन लोग वैल्यू चेन में मछली उत्पादन में शामिल हैं। भारत दुनिया के कुल मछली उत्पादन का लगभग 8 प्रतिशत हिस्सा है।
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कांग्रेस 26 दिसंबर को बेलगाम से EVM के खिलाफ शुरू करेगी आंदोलन

  • देशभर में निकालेगी यात्रा
नई दिल्ली। कांग्रेस 26 दिसंबर को कर्नाटक के बेलगाम से ईवीएम के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत करेगी, इस दिन विस्तारित कार्यसमिति की बैठक के बाद एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में सभी शीर्ष राष्ट्रीय नेता और मुख्यमंत्री भाग लेंगे। बेलगाम में रैली महात्मा गांधी द्वारा 1924 में इसी दिन भव्य पुरानी पार्टी की अध्यक्षता किए जाने की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, ईवीएम के खिलाफ प्रस्तावित आंदोलन में चुनाव आयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसकी चूक और गलतियों के कारण चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी आई है और मतदाताओं में निराशा हुई है। सूत्रों ने आगे कहा कि 2022 में अहमदाबाद में महात्मा गांधी आश्रम की यात्रा के बाद नफरत की राजनीति के खिलाफ राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की तरह, ईवीएम के खिलाफ प्रस्तावित आंदोलन स्वतंत्रता सेनानी के आदर्शों को प्रतिबिंबित करेगा।
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