हिंदुस्तान

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देंगे: कटरा में उमर अब्दुल्ला

रियासी। जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग दोहराई, उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे पूरा करेंगे। सीएम अब्दुल्ला कटरा रेलवे स्टेशन से पीएम मोदी द्वारा वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कटरा में थे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर के सीएम ने कहा, "यह मेरा सौभाग्य रहा है कि जब भी रेलवे के लिए बड़े कार्यक्रम हुए हैं, मैं उसमें शामिल रहा हूं। पहली बार अनंतनाग रेलवे स्टेशन का उद्घाटन हुआ, जब बनिहाल रेल सुरंग खोली गई। 2014 में मेरे पहले कार्यकाल के आखिरी कार्यक्रम को याद करें तो यहां भी कार्यक्रम हुआ था... आप पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, चुनाव के ठीक बाद, आप यहां आए और कटरा रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया और आप कुल 3 बार चुनाव जीतकर पीएम बने रहे।"
केंद्र शासित प्रदेशों में "चीजें सामान्य होने" की उम्मीद करते हुए सीएम अब्दुल्ला ने कहा, "2014 में जब कटरा रेलवे स्टेशन का उद्घाटन हुआ था, तब वही चार लोग यहां मौजूद थे, मनोज सिन्हा, जो उस समय रेलवे के राज्य मंत्री थे, एलजी के पद पर पदोन्नत हो गए और मैं एक राज्य के सीएम से एक यूटी के सीएम बन गया। लेकिन हमें पता भी नहीं चलेगा कि चीजें सामान्य हो जाएंगी और पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर को एक राज्य का दर्जा दिया जाएगा।" इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे देश को 'कश्मीर से कन्याकुमारी' तक जोड़ने का नारा कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के साथ ही साकार हो रहा है।
"देश के दो कोनों को एक करके उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को भी साकार किया है...उन्होंने इस रेलवे लाइन से जुड़े शहरों में लाखों भारतीयों के दिलों की धड़कन को भी जोड़ा है...आज उद्घाटन किया गया रेलवे पुल सिर्फ सीमेंट और लोहा नहीं है, बल्कि जम्मू-कश्मीर की आकांक्षाओं को जोड़ने का एक माध्यम है," राज्यपाल सिन्हा ने कहा। इससे पहले आज, पीएम मोदी ने कटरा रेलवे स्टेशन से दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई, जो जम्मू संभाग को सीधे कश्मीर से जोड़ती हैं। ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेन में सवार स्कूली बच्चों से बातचीत की और ट्रेन में मौजूद रेलवे कर्मचारियों से भी बात की।
नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा के समय को सड़क मार्ग से मौजूदा 6-7 घंटे से घटाकर लगभग 3 घंटे कर देगी। इन ट्रेनों का उद्देश्य निवासियों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए तेज़, आरामदायक और विश्वसनीय यात्रा विकल्प प्रदान करना है। यह ट्रेन अंजी खाद पुल से होकर गुजरेगी, जो भारत का पहला केबल-स्टेड रेलवे पुल है, और चेनाब पुल, जो दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल है। इन पुलों का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री ने किया। एक उल्लेखनीय इशारे में, प्रधान मंत्री मोदी ने तिरंगा, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज लहराया और इसे चेनाब नदी पर पुल के डेक पर आगे बढ़ाया। ये पुल जम्मू और कश्मीर में महत्वाकांक्षी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा हैं। इस परियोजना को पहले क्षेत्र के कठिन भूभाग और भूकंपीय संवेदनशीलता के कारण कई इंजीनियरिंग और रसद चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। फिर भी, वर्षों के सावधानीपूर्वक काम के बाद, पुल अब भारत की तकनीकी शक्ति और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना 272 किलोमीटर लंबी USBRL परियोजना है, जिसका निर्माण लगभग 43,780 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, जिसमें 36 सुरंगें (119 किलोमीटर तक फैली हुई) और 943 पुल शामिल हैं। यह परियोजना कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच सभी मौसमों में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करती है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय गतिशीलता को बदलना और सामाजिक-आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है। (एएनआई)
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PM मोदी ने कश्मीर में वंदे भारत एक्सप्रेस को किया रवाना

जम्मू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के कटरा शहर से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान सैकड़ों उत्साही लोगों ने उनका स्वागत किया।
प्रधानमंत्री ने वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई और कटरा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में सवार बच्चों से बातचीत की।
सेवा का उद्घाटन करने के लिए हरी झंडी दिखाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने वंदे भारत ट्रेन सेवा के बारे में बच्चों के विचार ध्यान से सुने।
जैसे ही ट्रेन कटरा रेलवे स्टेशन से आगे बढ़ी, हवा में ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंजने लगे।
वंदे भारत ट्रेन में केंद्र शासित प्रदेश के मौसम की चरम स्थितियों के अनुकूल अत्याधुनिक सुविधाएं हैं।
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने चेनाब रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया, जिसके बाद उन्होंने पुल के निर्माण के दौरान आई तकनीकी कठिनाइयों को उजागर करने वाली फोटो प्रदर्शनी का दौरा किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इंजीनियरों और कुशल श्रमिकों से बातचीत की, जिन्होंने मौसम और भौगोलिक परिस्थितियों की सभी बाधाओं को पार करते हुए 359 मीटर ऊंचे विश्व के सबसे ऊंचे पुल का निर्माण पूरा किया। यह पुल पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। प्रधानमंत्री ने इंजीनियरों और श्रमिकों को रिकॉर्ड समय में पुल का निर्माण पूरा करने के लिए सभी बाधाओं को पार करने के लिए बधाई दी, जो इंजीनियरिंग उत्कृष्टता का एक चमत्कार है। प्रधानमंत्री के साथ फोटो प्रदर्शनी देखने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी ने पुल के निर्माण के दौरान आने वाली तकनीकी समस्याओं को समझने में गहरी दिलचस्पी दिखाई। रेलवे बोर्ड के सीईओ सतीश कुमार ने फोटो प्रदर्शनी के दौरान प्रधानमंत्री को जानकारी दी। प्रधानमंत्री द्वारा चेनाब पुल का उद्घाटन करने के दौरान सतीश कुमार भी उनके साथ थे। प्रधानमंत्री मोदी को बताया गया कि कटरा-श्रीनगर रेलवे ट्रैक का रखरखाव पूरी तरह से मशीनीकृत है, जो देश का पहला ऐसा रेलवे ट्रैक है। इससे यह ट्रैक देश में सबसे सुरक्षित बन गया है।
प्रधानमंत्री ने अंजी खाद केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज का भी उद्घाटन किया, जो देश में अपनी तरह का पहला रेलवे ब्रिज है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज थामे हुए पुल को पार किया और रेलवे कोच में बैठकर भी पुल को पार किया। प्रधानमंत्री मोदी के साथ एलजी मनोज सिन्हा, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और सीएम उमर अब्दुल्ला भी थे।
जहां प्रधानमंत्री ने कटरा-श्रीनगर ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, वहीं वे वर्चुअल मोड के जरिए श्रीनगर-कटरा ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।
प्रधानमंत्री 46,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे।
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प्रधानमंत्री मोदी ने चेनाब पुल पर तिरंगा लहराया, पहलगाम की साजिश रचने वालों को करारा जवाब

  • इंजीनियरों और निर्माण श्रमिकों की पीठ थपथपाई
कटरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चेनाब ब्रिज का उद्घाटन किया और इस अभूतपूर्व परियोजना को संभव बनाने वाले इंजीनियरों और निर्माण श्रमिकों की पीठ थपथपाई। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी 48,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का शुभारंभ करने वाले हैं। हालांकि, परियोजनाओं के शुभारंभ के बीच जिस पल ने सभी का ध्यान खींचा, वह था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दुनिया के सबसे ऊंचे पुल पर राष्ट्रीय ध्वज लहराना।
इंजीनियरिंग के इस चमत्कार का उद्घाटन करने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने चेनाब नदी के ऊपर बने पुल पर सैर की और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर गर्व से तिरंगा लहराया। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम पहलगाम हमले के षड्यंत्रकारियों को करारा जवाब देने के साथ-साथ पाकिस्तान के लिए भी कड़ा संदेश था। साथ ही घाटी में पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प को भी इससे बल मिलेगा। पहलगाम में कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले के बाद घाटी में पर्यटन को भी झटका लगा था।
चिनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है, जो कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगा और सभी मौसम में संपर्क सुनिश्चित करेगा। यह भूकंप और सर्दियों के दौरान सबसे न्यूनतम तापमान को भी झेल सकता है, जब पारा शून्य से नीचे चला जाता है।
चिनाब रेलवे पुल के उद्घाटन के बाद, पीएम मोदी ने एक फोटो प्रदर्शनी भी देखी, जिसमें पुल के निर्माण के दौरान आने वाली तकनीकी कठिनाइयों को प्रदर्शित किया गया था। उन्होंने इंजीनियरों और श्रमिकों के साथ भी बातचीत की, जिन्होंने मौसम और स्थानीय बाधाओं को पार करते हुए 359 मीटर ऊंचे दुनिया के सबसे ऊंचे पुल के काम को पूरा किया, जो पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। चिनाब ब्रिज को एक वास्तुशिल्प चमत्कार के रूप में सराहा जाता है, जो नदी से 359 मीटर ऊपर खड़ा है।
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9 जुलाई तक बढ़ी 26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत

नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। राणा की अगली कोर्ट पेशी 9 जुलाई को होनी है। इसका अर्थ है कि तहव्वुर राणा को अब 9 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रहना होगा।
शुक्रवार को सुरक्षा कारणों से उसे वर्चुअल मोड के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। राणा के वकील ने उसके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई। दलीलों पर गौर करते हुए कोर्ट ने तिहाड़ के अधिकारियों को 9 जून तक मामले पर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान राणा ने अपने परिवार से बातचीत करने की इच्छा जताई है। खबरों के अनुसार, मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा ने परिवार से बातचीत के लिए कोर्ट में याचिका भी दायर की थी। राणा की इस अर्जी पर कोर्ट 9 जून को सुनवाई करेगा।
जब राणा को एनआईए ने हिरासत में लिया गया तब उसने परिवार से बात करने की इच्छा जताई थी। राणा के वकील की ओर से तर्क दिया गया था कि एक विदेशी नागरिक के तौर पर राणा का यह मौलिक अधिकार है कि वह अपने परिवार से बातचीत करे। राणा का परिवार उसकी भलाई को लेकर चिंतित है।
इससे पहले 24 अप्रैल को विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने राणा की अपने परिवार से बात करने की अनुमति मांगने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। एनआईए द्वारा उसकी याचिका का विरोध करने के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया था। सुनवाई के दौरान, एनआईए ने तर्क दिया कि अगर राणा को अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति दी जाती है, तो वह बातचीत के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कर सकता है।
ज्ञात हो कि पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर के पूर्व अधिकारी राणा को हाल ही में 26/11 मुंबई आतंकी हमले में मुकदमा चलाने के लिए अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था, जिसमें 26 नवंबर, 2008 को 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। 9 मई को विशेष अदालत ने राणा को 6 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पटियाला कोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद राणा को 9 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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दिल्ली की मुख्यमंत्री ने नेतृत्व के 11 वर्ष पूरे करने पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की

नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के 11 वर्ष पूरे करने पर उनकी प्रशंसा की और इसे "समर्पण, सेवा और सुशासन" का काल बताया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल- चिनाब ब्रिज के उद्घाटन की भी सराहना की और इसे भारतीय इंजीनियरिंग की ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
एक्स पर एक पोस्ट में रेखा गुप्ता ने लिखा, "समर्पण, सेवा और सुशासन के 11 वर्ष! पिछले 11 वर्षों में माननीय @narendramodi जी के नेतृत्व में भारत ने विकास, विश्वास और वैश्विक गौरव की नई ऊंचाइयों को छुआ है।" उन्होंने प्रधानमंत्री की नवीनतम उपलब्धि, चिनाब ब्रिज के उद्घाटन के लिए भी अपनी प्रशंसा साझा की - जो भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक प्रमुख मील का पत्थर है।
उन्होंने ट्वीट किया, "माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर की घाटियों में भारतीय इंजीनियरिंग का अनूठा चमत्कार, दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल - चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया।" चिनाब ब्रिज को महज एक संरचना से कहीं अधिक बताते हुए उन्होंने इसे भारत की नई भावना का प्रतिबिंब बताया। गुप्ता ने कहा, "यह पुल महज एक संरचना नहीं है, यह नए भारत के आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और गति का प्रतीक है।" अपने संदेश के अंत में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को हार्दिक बधाई देते हुए कहा, "इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री को हार्दिक धन्यवाद और बधाई।"
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज - 'चिनाब रेलवे ब्रिज' और भारत के पहले केबल-स्टेड 'अंजी ब्रिज' का उद्घाटन किया। उल्लेखनीय संकेत देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने तिरंगा, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज लहराया और उसे चिनाब नदी पर बने पुल के डेक पर आगे बढ़ाया। उद्घाटन के दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद थे। चिनाब पर पुल के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री ने रेलवे आर्च ब्रिज का निरीक्षण किया। ये पुल जम्मू-कश्मीर में उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा हैं। प्रतिष्ठित चिनाब रेलवे ब्रिज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज, कटरा-से-सांगलदान खंड का हिस्सा है, जो नई दिल्ली को कटरा के रास्ते सीधे कश्मीर से जोड़ता है।
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित चिनाब ब्रिज नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक इंजीनियरिंग चमत्कार है। यह इतिहास में पहली बार आधिकारिक तौर पर कश्मीर घाटी को शेष भारत से रेल के माध्यम से जोड़ेगा। क्षेत्र के कठिन भूभाग और भूकंपीय संवेदनशीलता के कारण इस परियोजना को कई इंजीनियरिंग और रसद चुनौतियों का सामना करना पड़ा यह भारत के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य में एक परिवर्तनकारी अध्याय है, जो क्षेत्र में अधिक कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास और सामाजिक एकीकरण का वादा करता है।
इसके अलावा, प्रधान मंत्री मोदी ने श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर और कुछ ही देर में वापस दो वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई। वे निवासियों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए एक तेज, आरामदायक और विश्वसनीय यात्रा विकल्प प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। लगभग 43,780 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 272 किलोमीटर लंबी USBRL परियोजना में 36 सुरंगें (119 किमी तक फैली हुई) और 943 पुल शामिल हैं। यह परियोजना कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच सभी मौसमों में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करती है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय गतिशीलता को बदलना और सामाजिक-आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है। (एएनआई)
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CM योगी ने गोरखपुर के पार्षदों को निर्देश दिया कि सफाई पर विशेष ध्यान दें

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आश्वासन दिया कि इस साल बरसात के मौसम में गोरखपुर को दो भागों में नहीं बांटा जाएगा, साथ ही उन्होंने कहा कि शहर के मोहल्लों में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। गोरखपुर नगर निगम के नवनिर्मित वार्ड सूरजकुंड में कल्याण मंडपम के उद्घाटन के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, सीएम ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बात की, उन्होंने कहा कि सभी व्यक्तियों को एक पेड़ लगाने की जरूरत है, साथ ही उन्होंने कहा कि नदियों के पुनरुद्धार पर काम करने की तत्काल आवश्यकता है।
सीएम योगी ने कहा, "इस वर्ष बरसात के मौसम में गोरखपुर को दो भागों में नहीं बांटा जाएगा। पार्षद अपने-अपने मोहल्लों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। जब जलवायु परिवर्तन होता है, तो इसका असर सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे समाज पर पड़ता है। इसलिए सभी को कम से कम एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए। नदियां खत्म हो रही हैं और जल संकट से बचने के लिए हमें नदियों को पुनर्जीवित करने पर काम करना चाहिए। नदियों के दोनों किनारों पर पेड़ लगाए जाने चाहिए। पेड़ लगाना प्रकृति के प्रति हमारा कर्तव्य है।" उन्होंने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन पर अभियान के लिए 50 करोड़ पौधों की नर्सरी तैयार की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि नगर निगम द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ठोस तैयारी की गई है, जिसका लाभ सभी को मिलेगा। उन्होंने कहा, "इस पूरे अभियान के लिए 500 मिलियन (50 करोड़) पौधों की नर्सरी तैयार की गई है। इनमें से 350 मिलियन (35 करोड़) पौधे लगाए जाएंगे। नगर निगम ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ठोस तैयारी की है। इसका लाभ सभी को मिलेगा।" योगी ने यह भी कहा कि गोरखपुर में अब चार लेन की सड़कें हैं।
उन्होंने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की तैयारी चल रही है, जिसका उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा। उन्होंने कहा, "गोरखपुर की सभी सड़कें चार लेन की हो गई हैं। बालापार, कुशीनगर, पिपराइच, देवरिया और महाराजगंज चार लेन की सड़कें बन गई हैं। शहर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की भी तैयारी चल रही है, जिसका उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा... भोजन के लिए इंदिरा बाल विहार में फूड कोर्ट का भी निर्माण किया जा रहा है और बंधु सिंह पार्क में मल्टी लेवल पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है।" (एएनआई)
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तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर तीखा हमला किया और उस पर कानून-व्यवस्था को लेकर विफल रहने और स्वास्थ्य व्यवस्था को ध्वस्त होने देने का आरोप लगाया। सवाल करते हुए यादव ने कहा, "बिहार में अपराधी बेलगाम हैं। लगातार कई घटनाएं सामने आ रही हैं और पुलिस बेबस नजर आ रही है। सरकार भी सो रही है और ऐसा लगता है जैसे उन्हें कुछ भी करना नहीं है... बलात्कार होता है और डिप्टी सीएम वादे करते हैं, यही स्थिति है। यह महा-जंगल राज है।"
उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य ढांचे, खासकर एम्स पटना और पीएमसीएच की स्थिति की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, "अगर आप अस्पताल में जाएं तो भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। अब आप देख सकते हैं कि डॉ. आईएस ठाकुर को बचाने के लिए काम चल रहा है। क्यों? मैं सिर्फ एक सवाल पूछता हूं: वह सेवानिवृत्त अधिकारी जिसे हमारी सरकार गिरते ही सेवा विस्तार दे दिया गया। क्या पीएमसीएच को संभालने के लिए कोई और योग्य नहीं है?"
यादव ने एम्स पटना में बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "किसी को बिस्तर नहीं मिलता। कल मैं एम्स गया था, और स्वास्थ्य सेवा की स्थिति खराब हो रही थी। एम्स में बहुत अव्यवस्था है। मरीजों के परिजन सड़कों पर आराम कर रहे थे। मरीजों को बिस्तर नहीं मिल रहा था। लोग मुझसे बिस्तर दिलाने की गुहार लगा रहे थे। यह स्थिति है, बिहार सरकार और केंद्र सरकार में बैठे माफिया, जिन्हें आम लोगों के दर्द को दूर करना चाहिए, वे और अधिक दर्द देने में लगे हैं।"
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शासन करने की क्षमता पर भी सवाल उठाया। यादव ने आरोप लगाया, "मुख्यमंत्री की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और अब वे अपने पद पर बने रहने में असमर्थ हैं। वे भुलक्कड़ हो गए हैं, विधायकों, सांसदों या यहां तक ​​कि कैबिनेट सदस्यों को भी चेहरे या नाम से नहीं पहचान पाते।" "मुख्यमंत्री की उम्र इतनी हो गई है कि मैं उन पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। लेकिन यह बिहार के 13-14 करोड़ लोगों की बात है और ये 13-14 करोड़ लोग उन लोगों के हाथों में हैं जो असुरक्षित हैं। थके हुए मुख्यमंत्री और सेवानिवृत्त अधिकारी बिहार पर शासन कर रहे हैं।" आरक्षण के मामले में, राजद नेता ने अपनी पार्टी के रुख की पुष्टि की। उन्होंने कहा, "शुरू से ही हम आरक्षण के पक्ष में हैं। मामला अदालत में है और हमने पहले भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया है। अगर जरूरत पड़ी तो हम फिर से लड़ेंगे।" (एएनआई)
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दिल्ली CM को लगभग 100 दिन के कार्यकाल के बाद सरकारी आवास आवंटित किया गया

नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पदभार ग्रहण करने के लगभग 100 दिन बाद आखिरकार सरकारी आवास आवंटित कर दिया गया है। शीर्ष सूत्रों के अनुसार, गुप्ता को राज निवास मार्ग पर बंगला 1/8 और 2/8 आवंटित किया गया है। यह स्थान उनके विधानसभा क्षेत्र के करीब है, जैसा कि उन्होंने पहले अनुरोध किया था।
यह आवास दिल्ली के उपराज्यपाल के आधिकारिक आवास राज निवास के बगल में स्थित है। हालांकि, गुप्ता बंगले के जीर्णोद्धार के बाद ही इसमें शिफ्ट होंगी। उनके शिफ्ट होने की तारीख की पुष्टि अभी नहीं हुई है। दिल्ली कैबिनेट के अन्य मंत्रियों को भी उनके सरकारी आवास आवंटित किए गए हैं। बंगला 3/8 मंत्री रवींद्र इंद्राज को आवंटित किया गया है, जबकि बंगला 4/8 दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट को आवंटित किया गया है।
इसके अलावा, मनजिंदर सिंह सिरसा को मथुरा रोड पर बंगला AB-17 आवंटित किया गया है। इस बंगले में पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बाद में पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी रहती थीं। पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल सिविल लाइंस में 6, फ्लैगस्टाफ रोड पर रहते थे। वह बंगला फिलहाल खाली है। दिल्ली सरकार आवास आवंटन का काम संभाल रही है, लेकिन निर्माण और जीर्णोद्धार के लिए अधिक बजट को लेकर चिंता बनी हुई है। इस बीच, 5 जून को सीएम गुप्ता ने सरकार की आगामी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति के तहत दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन बेड़े में 280 इलेक्ट्रिक बसें जोड़ने की घोषणा की।
एएनआई से बात करते हुए सीएम गुप्ता ने कहा, "हमने दिल्ली को 280 इलेक्ट्रिक बसें देने का फैसला किया है। 2027 तक, दिल्ली सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली बसों का पूरा बेड़ा इलेक्ट्रिक होगा। हम एक नई ईवी नीति भी ला रहे हैं।" उन्होंने नई शुरू की गई बसों की भी प्रशंसा की, उनकी सुविधा और सुरक्षा सुविधाओं पर प्रकाश डाला। गुप्ता ने कहा, "ये बसें दिल्ली के लिए बहुत बड़ी संपत्ति हैं। यह बेहद आरामदायक बस है। बस के अंदर कैमरे और पैनिक बटन लगाए गए हैं। बसों का फ्लोर कम है और ये वातानुकूलित हैं।" (एएनआई)
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MNM प्रमुख ने सीएम स्टालिन की मौजूदगी में टीएन सचिवालय में राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल किया

चेन्नई। मक्कल निधि मैयम (एमएनएम) के अध्यक्ष और अभिनेता कमल हासन ने डीएमके अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उनके उप मुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन की उपस्थिति में तमिलनाडु सचिवालय में राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। डीएमके सहयोगी, वीसीके नेता थिरुमावलवन, एमडीएमके नेता वाइको और तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष सेल्वापेरुंडगई भी उपस्थित थे।
डीएमके द्वारा मक्कल निधि मय्यम को एक राज्यसभा सीट आवंटित करने के साथ, इसके संस्थापक और अभिनेता कमल हासन को पहले संसद के ऊपरी सदन के लिए उम्मीदवार नामित किया गया था। 234 सदस्यीय तमिलनाडु विधानसभा में, प्रत्येक उम्मीदवार को राज्यसभा सीट जीतने के लिए न्यूनतम 34 वोटों की आवश्यकता होती है। 158 विधायकों (डीएमके: 133, कांग्रेस: ​​17, वीसीके: 4, सीपीआई: 2, सीपीएम: 2) के साथ डीएमके के नेतृत्व वाला इंडिया ब्लॉक आराम से चार सीटें जीतने के लिए तैयार है। सत्तारूढ़ डीएमके ने इस साल 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए अपने तीन उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। डीएमके की एक विज्ञप्ति के अनुसार, सलमा, एडवोकेट पी विल्सन और एसआर शिवलिंगम इसके उम्मीदवार हैं।
अभिनेता कमल हासन ने 2018 में मदुरै में एक सार्वजनिक बैठक में मक्कल निधि मियाम का शुभारंभ किया। मक्कल निधि मियाम ने 2024 के लोकसभा चुनाव में चुनाव नहीं लड़ा और इसके बजाय राज्य में डीएमके के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक के लिए प्रचार किया। बदले में, डीएमके ने पार्टी के लिए राज्यसभा सीट का वादा किया था। मक्कल निधि मियाम ने 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव में 2.62 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। इससे पहले गुरुवार को कमल हासन की हालिया फिल्म ठग लाइफ रिलीज हुई थी। प्रशंसकों ने बैनर लहराते हुए और अपने प्रिय अभिनेता के लिए जयकार करते हुए सिनेमा हॉल के परिसर में एक रोमांचक माहौल बना दिया।
यह उत्साह स्पष्ट था, कई प्रशंसकों ने फिल्म की बहुप्रतीक्षित रिलीज का जश्न मनाने के लिए सहज नृत्य भी किया। इस उत्साह के केंद्र में, हासन ने इस परियोजना के लिए, विशेष रूप से प्रशंसित निर्देशक मणिरत्नम के साथ अपने सहयोग के लिए आभार और उत्साह व्यक्त किया। "यह सच है कि उनके (मणिरत्नम) साथ काम करना मेरे लिए खुशी की बात थी। मैं तमिलनाडु और उसके लोगों को उनके अटूट समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ," हासन ने अपने पूरे करियर में मिले गर्मजोशी को दर्शाते हुए कहा।
'ठग लाइफ' में, हासन ने सिलम्बरासन टीआर, त्रिशा कृष्णन, अशोक सेलवन, ऐश्वर्या लक्ष्मी, जोजू जॉर्ज, अली फजल, सान्या मल्होत्रा ​​और रोहित सराफ जैसे कलाकारों की एक टोली का नेतृत्व किया है। फिल्म का निर्देशन मणिरत्नम ने किया है, जिससे दिग्गज निर्देशक और हासन के बीच 38 वर्षों के बाद बहुप्रतीक्षित पुनर्मिलन हो रहा है। (एएनआई)
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नीतीश कुमार थके हुए मुख्यमंत्री, बिहार चलाने योग्य नहीं : तेजस्वी यादव

पटना। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर उन पर जोरदार निशाना साधा है। पटना में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार अचेत अवस्था में हैं। उनसे बिहार नहीं संभल रहा है। वह थक चुके हैं।
तेजस्वी यादव ने बिहार की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर नीतीश कुमार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधी बेलगाम हो गए हैं, आए दिन अपराधी खुलेआम अपराध को अंजाम दे रहे हैं। मुझे नहीं पता है कि सरकार कौन सा नशा कर सोई हुई है। बलात्कार की घटना होती है तो उपमुख्यमंत्री शपथ-कसम खिलाने का काम कर रहे हैं। आज बिहार की यह स्थिति यह बन गई है। इसे 'महाजंगलराज' न कहा जाए तो क्या कहें।
तेजस्वी ने बिहार की चरमराई अस्पताल व्यवस्था पर नीतीश सरकार को घेरते हुए कहा कि अस्पताल में भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। एक अधिकारी जिसे हमारी सरकार के गिरने के बाद ही एक्सटेंशन दिया गया। सवाल यह है कि उस अधिकारी से कोई और काबिल अधिकारी नहीं जो पीएमसीएच चला सके। एम्स में स्थिति यह है कि लोग सड़कों पर लेटने को मजबूर हैं क्योंकि एम्स में लोगों को बेड नहीं मिल रहा है। केंद्र और राज्य सरकार में माफिया हावी है। इन्हें जनता की परेशानी से कुछ भी लेना देना नहीं है। राज्य सरकार पीड़ा देने का काम कर रही है।
तेजस्वी ने कहा कि हम शुरू से कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचेत व्यवस्था में है और बिहार चलाने की योग्य नहीं है। मुख्यमंत्री अपने एमपी एमएलए को नहीं जानते हैं। कैबिनेट के मंत्रियों को नहीं पहचानते हैं, उपमुख्यमंत्री का नाम नहीं बता सकते हैं। नीतीश कुमार जिस उम्र में हैं, हम उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। बिहार के करोड़ों लोगों की सुरक्षा नीतीश कुमार के हाथों में असुरक्षित है। क्योंकि बिहार को थके हुए मुख्यमंत्री और रिटायर अधिकारी चलाने का काम कर रहे हैं।
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IIT-Delhi और एम्स ने स्वास्थ्य सेवा में एआई को बढ़ावा देने हाथ मिलाया

नई दिल्ली। भारत में चिकित्सा के भविष्य को नया आकार देने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक सहयोग में, IIT दिल्ली और AIIMS, दिल्ली ने हेल्थकेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए उत्कृष्टता केंद्र (AI-CoE) के निर्माण की घोषणा की है। शिक्षा मंत्रालय के “भारत में AI बनाएं, भारत के लिए AI काम करें” कार्यक्रम से 330 करोड़ रुपये के पर्याप्त अनुदान द्वारा समर्थित इस पहल का उद्देश्य देश की कुछ सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक AI तकनीक का उपयोग करना है।
IIT दिल्ली में AIIMS दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर एम श्रीनिवास और IIT दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। नया केंद्र स्वदेशी AI समाधान विकसित करने, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का समर्थन करने और सबसे दूरदराज के समुदायों के लिए उन्नत स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा।
AI के प्रोफेसर श्रीनिवास ने साझेदारी को पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा वितरण को बदलने की क्षमता के साथ एक “दूरगामी सहयोगी अनुसंधान” प्रयास के रूप में वर्णित किया। प्रोफेसर बनर्जी ने इस आशावाद को दोहराया, लाखों लोगों के लिए AI-संचालित स्वास्थ्य सेवा को किफ़ायती और प्रभावशाली बनाने में केंद्र की भूमिका पर जोर दिया। एआई-सीओई स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के कौशल उन्नयन, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों में सुधार, तथा प्रौद्योगिकी और चिकित्सा के बीच सहयोग के नए मॉडलों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
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प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिनाब नदी पर बनी चिनाब ब्रिज का उद्धाटन किया है. जम्मू-कश्मीर के लोगों को प्रधानमंत्री ने बड़ी सौगात दी है. चिनाब ब्रिज से तस्वीरें सामने आई हैं. जिसमें प्रधानमंत्री हाथ में तिरंगा लेकर चलते हुए नजर आ रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले केबल रेल पुल अंजी पुल का उद्घाटन किया. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव इस दौरान मौजदू रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (शुक्रवार) को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया. चिनाब पुल, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज, कश्मीर घाटी को पूरे भारत से हर मौसम में रेल संपर्क प्रदान करेगा और कटरा-श्रीनगर यात्रा का समय कम करेगा. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ये प्रधानमंत्री का कश्मीर का पहला दौरा है. यहां वह 46 हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देने आए हैं.
इस पहल से कनेक्टिविटी में सुधार होगा और कहा गया कि 'दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी कम होगी'. इस दौरे से क्षेत्र में पर्यटन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
प्रधानमंत्री चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया. यह पुल एफिल टावर से भी ऊंचा है और इसे भारत की इंजीनियरिंग ताकत का प्रतीक माना जा रहा है. इसे बनाने में करीब 1500 करोड़ की लागत आई है.
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भगदड़ मामले में बड़ी कार्रवाई, आरसीबी अफसर समेत 4 गिरफ्तार

बेंगलुरु। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बेंगलरु में 4 जून को हुई भगदड़ मामले में पुलिस ने यह पहली गिरफ्तारी की है. वहीं 3 लोगों को हिरासत में लिया गया है. वहीं इस मामले में इससे पहले सीएम सीएम सिद्धारमैया ने पुलिस को बेंगलुरु भगदड़ का जिम्मेदार माना था. जिसके बाद पुलिस कमिश्नर समेत कई अफसर सस्पेंड कर दिए गए थे.
जानकारी के मुताबिक, वह मुंबई भागने की फिराक में थे और जैसे ही वह एयरपोर्ट पहुंचे, पुलिस ने उन्हें धर दबोचा. निखिल से पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि बेंगलुरु में आरसीबी की जीत के बाद हुई विक्ट्री परेड से पहले हुई भगदड़ में और अव्यवस्था में उनकी भूमिका कितनी गंभीर थी. इस घटना में 11 लोगों की जान चली गई थी और कई घायल हुए थे.
निखिल के अलावा पुलिस ने इस मामले में तीन और लोगों को हिरासत में लिया है, इनसे भी गहन पूछताछ की जा रही है. फिलहाल पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि कार्यक्रम के आयोजन में किन-किन नियमों की अनदेखी की गई, किसकी अनुमति से आयोजन हुआ, और क्या सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं. इसके पीछे कौन जिम्मेदार है. यह गिरफ्तारी इस मामले में बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है और इससे आने वाले दिनों में और भी खुलासे हो सकते हैं.
ज्ञात हो कि बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हाल ही में मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के मामले में कब्बन पार्क पुलिस थाने में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवक्र्स (जो इवेंट की आयोजन कंपनी थी), कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
डीएनए के तीन स्टाफ मेंबर्स किरण, सुमंथ और सुनील मैथ्यू को पुलिस ने हिरासत में लिया है. फिलहाल इनसे क्यूबन पार्क थाने में पूछताछ जारी है. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ की कमान शेषाद्रिपुरम एसीपी प्रकाश संभाल रहे हैं. मामले से जुड़ी और जानकारी का इंतजार किया जा रहा है.
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प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई

जम्मू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर यात्रा के लिए बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस यात्रा के दौरान वह बहुप्रतीक्षित कश्मीर रेल लिंक का उद्घाटन करेंगे और कटरा में 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद मोदी की यह केंद्र शासित प्रदेश की पहली यात्रा होगी। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। प्रधानमंत्री मोदी 272 किलोमीटर लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) के पूरा होने के उपलक्ष्य में वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने से पहले चेनाब पुल और भारत के पहले केबल-स्टेड अंजी पुल का उद्घाटन करेंगे। यह भारत की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता का प्रतीक है। यह रेलवे लाइन घाटी को सीधी ट्रेन कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। मोदी कटरा में 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। कटरा रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों का आधार शिविर है।
272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना, जिसका निर्माण लगभग 43,780 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, में 36 सुरंगें (119 किलोमीटर तक फैली हुई) और 943 पुल शामिल हैं। यह परियोजना कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच सभी मौसम में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करती है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय गतिशीलता को बदलना और सामाजिक-आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री मोदी श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर और वापस दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे। वे निवासियों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों के लिए एक तेज, आरामदायक और विश्वसनीय यात्रा विकल्प प्रदान करेंगे। विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में अंतिम मील संपर्क को बढ़ावा देने के लिए, मोदी विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उनका उद्घाटन करेंगे।
वह राष्ट्रीय राजमार्ग-701 पर राफियाबाद से कुपवाड़ा तक सड़क चौड़ीकरण परियोजना और एनएच-444 पर शोपियां बाईपास सड़क के निर्माण की आधारशिला रखेंगे, जिसकी लागत 1,952 करोड़ रुपये से अधिक होगी। वह श्रीनगर में राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर संग्राम जंक्शन और राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर बेमिना जंक्शन पर दो फ्लाईओवर परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं से यातायात की भीड़ कम होगी और यात्रियों के लिए यातायात प्रवाह में सुधार होगा। प्रधानमंत्री मोदी कटरा में 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस की आधारशिला भी रखेंगे। यह रियासी जिले का पहला मेडिकल कॉलेज होगा, जो क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण योगदान देगा। कुल 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना में से 209 किलोमीटर का काम चरणों में पूरा किया गया। 118 किलोमीटर लंबे काजीगुंड-बारामुल्ला खंड का पहला चरण अक्टूबर 2009 में शुरू हुआ, उसके बाद जून 2013 में 18 किलोमीटर लंबे बनिहाल-काजीगुंड, जुलाई 2014 में 25 किलोमीटर लंबे उधमपुर-कटरा और पिछले साल फरवरी में 48.1 किलोमीटर लंबे बनिहाल-सांगलदान खंड का काम पूरा हुआ।
46 किलोमीटर लंबे सांगलदान-रियासी खंड का काम भी पिछले साल जून में पूरा हो गया था, जिससे रियासी और कटरा के बीच कुल 17 किलोमीटर लंबा हिस्सा बचा और यह खंड आखिरकार दिसंबर 2024 में पूरा हुआ। अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई सिक्योरिटी अलर्ट जारी कर दिया गया है और वरिष्ठ पुलिस, अर्धसैनिक बल के अधिकारी, सेना और खुफिया अधिकारी व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि आयोजन स्थलों के आसपास भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और कड़ी निगरानी के लिए ड्रोन समेत नवीनतम उपकरण तैनात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि घुसपैठ और राष्ट्रविरोधी तथा विध्वंसकारी तत्वों की आवाजाही रोकने के लिए सीमाओं और अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के तहत इलाके में दबदबा बढ़ाने और संदिग्ध व्यक्तियों के घरों पर छापेमारी तेज कर दी गई है, जिसमें ओवर ग्राउंड वर्कर और सीमा पार से सक्रिय आतंकवादियों के रिश्तेदार शामिल हैं। बुधवार को सीमावर्ती इलाकों के दौरे के दौरान जम्मू-कठुआ-सांबा रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक शिव कुमार ने जमीनी स्तर पर अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने बताया कि मोदी की जनसभा के स्थल कटरा स्टेडियम की ओर जाने वाली कई सड़कें शुक्रवार को बंद हो सकती हैं या यातायात में बदलाव किया जा सकता है।
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BSP को कमजोर करने के लिए जातिवादी पार्टियां हर हथकंडे अपना रही : मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियां दलितों और अन्य उपेक्षित वर्गों में से अवसरवादी व्यक्तियों को प्रभावित करके दूसरी पार्टियां बनाकर उनकी पार्टी के खिलाफ साजिश कर रही हैं। गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा, "सत्ताधारी और विपक्ष में बैठी जातिवादी पार्टियों ने दलितों और अन्य उपेक्षित वर्गों में से कुछ अवसरवादी और स्वार्थी लोगों को प्रभावित करके पर्दे के पीछे दूसरी पार्टियां बना ली हैं।"
मायावती ने दावा किया कि ये पार्टियां दलितों और अन्य उपेक्षित वर्गों को गुमराह करने और उनके वोटों को विभाजित करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाती हैं। मायावती ने कहा, "ये पार्टियां उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में जहां बीएसपी का दबदबा है, दलितों और अन्य उपेक्षित वर्गों को गुमराह करके उनके वोटों को विभाजित करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाती हैं।" मायावती ने कहा कि बसपा देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है जो डॉ. भीमराव अंबेडकर के आंदोलन का प्रचार करती है और दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के कल्याण के सिद्धांतों पर काम करती है।
मायावती ने कहा, "ऐसी पार्टियों और संगठनों का डॉ. भीमराव अंबेडकर और बसपा के संस्थापक कांशीराम के आंदोलनों से कोई लेना-देना नहीं है। देशभर में, खासकर यूपी में जातिवादी पार्टियां बसपा की तरक्की नहीं देख सकतीं।" उन्होंने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि बसपा देश की एकमात्र ऐसी पार्टी है जो डॉ. भीमराव अंबेडकर के आंदोलन का प्रचार करती है और दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गों के कल्याण के सिद्धांतों पर काम करती है। जब से बसपा नेता सांसद या विधायक बने हैं या बसपा ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई है, तब से केंद्र और राज्य की सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियों ने बसपा को कमजोर करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए हैं।"
बसपा प्रमुख ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को लेकर भी चिंता जताई और आरोप लगाया कि बसपा उम्मीदवारों को जीतने से रोकने के लिए उनमें धांधली की जा रही है। मायावती ने कहा, "वे बीएसपी उम्मीदवारों को जीतने से रोकने के लिए ईवीएम में भी हेराफेरी कर रहे हैं। बीएसपी की तरह ही देश में कई पार्टियां ईवीएम का विरोध कर रही हैं और बैलेट पेपर की मांग कर रही हैं और जब तक यह सत्तारूढ़ पार्टी सत्ता में है, ईवीएम प्रणाली में बदलाव नहीं किया जा सकता।"
इससे पहले, कुछ महीने पहले बहुजन समाज पार्टी से निकाले जाने के बाद, बीएसपी प्रमुख मायावती ने एक बार फिर अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया है। यह निर्णय रविवार को दिल्ली के लोधी रोड स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय स्तर की बैठक में लिया गया। बैठक के दौरान देश भर से पार्टी के वरिष्ठ नेता, राज्य प्रतिनिधि और समन्वयक मौजूद रहे। यह निर्णय लिया गया कि आकाश आगामी चुनावों में प्रचार की कमान संभालेंगे। पार्टी ने एक बयान में कहा, "उम्मीद है कि इस बार आकाश आनंद पार्टी और आंदोलन के हित में सावधानी से कदम उठाएंगे और पार्टी की वैचारिक नींव को मजबूत करेंगे।" (एएनआई)
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विश्व पर्यावरण दिवस पर PM मोदी ने 200 इलेक्ट्रिक बसों को दिखाई हरी झंडी

नई दिल्ली। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली सरकार की सतत परिवहन पहल के तहत गुरुवार को दिल्ली में 200 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के तहत एक पेड़ भी लगाया, जो पर्यावरण जागरूकता और प्रकृति के प्रति व्यक्तिगत जिम्मेदारी को बढ़ावा देता है। यह कार्यक्रम दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और दिल्ली के उद्योग, खाद्य और आपूर्ति, और पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की उपस्थिति में आयोजित किया गया था।
इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक वीडियो संदेश साझा किया, जिसमें लोगों से ग्रह की रक्षा और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए अपने प्रयासों को और गहरा करने का आग्रह किया गया।
वीडियो के कैप्शन में पीएम मोदी ने लिखा, "इस #विश्वपर्यावरणदिवस पर, आइए हम अपने ग्रह की रक्षा करने और हमारे सामने आने वाली चुनौतियों से पार पाने के अपने प्रयासों को और गहरा करें। मैं हमारे पर्यावरण को हरा-भरा और बेहतर बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले सभी लोगों की भी सराहना करता हूं।" वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा, "प्रकृति रक्षति रक्षिता", जो प्रकृति की रक्षा करते हैं, प्रकृति उनकी रक्षा करती है।"प्रधानमंत्री ने पर्यावरण संतुलन की भारत की प्राचीन परंपरा पर प्रकाश डाला, "पर्यावरण में संतुलन हमेशा हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा रहा है। हमारी संस्कृति में कहा गया है, "यत् पिंडे तत् ब्रह्मांडे", जिसका अर्थ है, जो शरीर में मौजूद है, वह ब्रह्मांड में भी मौजूद है। हम अपने लिए जो कुछ भी करते हैं, उसका सीधा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ता है।"
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि व्यक्तिगत कार्य सीधे पर्यावरण को प्रभावित करते हैं और दुनिया की जलवायु की रक्षा के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया। वीडियो में कहा गया है, "दुनिया की जलवायु की रक्षा के लिए यह जरूरी है कि हर देश स्वार्थ से ऊपर उठकर सामूहिक रूप से सोचे।"
पीएम मोदी ने प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के भारत के प्रयासों की सराहना की और कहा कि देश पिछले 4-5 सालों से इस पहल पर काम कर रहा है। "इस साल के पर्यावरण दिवस की थीम प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान है और मुझे खुशी है कि दुनिया अब जिस बारे में बात करने लगी है, भारत पिछले 4-5 सालों से लगातार इस पर काम कर रहा है।"
बुधवार को, विश्व पर्यावरण एक्सपो (WEE 2025) के छठे संस्करण का औपचारिक उद्घाटन इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा में दिल्ली के उद्योग, खाद्य और आपूर्ति, और पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रमुख नीति निर्माताओं, स्थिरता विशेषज्ञों और वैश्विक उद्योग प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया।
इस कार्यक्रम से पर्यावरण प्रौद्योगिकियों, स्वच्छ ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन और सतत विकास। ग्रीन सोसाइटी ऑफ इंडिया और इंडियन एक्जीबिशन सर्विसेज (IES) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित और प्रमुख सरकारी मंत्रालयों और व्यापार संघों द्वारा समर्थित, WEE 2025 भारत और विदेशों से 200 से अधिक प्रदर्शकों और 15,000 से अधिक व्यापारिक आगंतुकों को एक साथ लाता है। यह प्रदर्शनी प्रदूषण नियंत्रण, नवीकरणीय ऊर्जा, जल प्रबंधन, बायोडिग्रेडेबल उत्पादों, स्वच्छता समाधानों और हरित भवन प्रौद्योगिकियों में नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक जीवंत मंच के रूप में कार्य करती है। भारतीय प्रदर्शनी सेवाओं के निदेशक स्वदेश कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के लिए एकीकृत प्रतिक्रिया की आवश्यकता पहले कभी इतनी महत्वपूर्ण नहीं रही। (एएनआई)
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पीएम मोदी ने लगाया कच्छ की महिलाओं से मिला सिंदूर का पौधा

  • एक्स पर लिखा- 'नारीशक्ति के शौर्य और प्रेरणा का प्रतीक'
नई दिल्ली। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर पौधारोपण किया। इस दौरान उन्होंने देशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई भी दी।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने 7 लोक कल्याण मार्ग पर सिंदूर पौधे को रोपित किया। पीएम को यह पौधा उनकी कच्छ यात्रा के दौरान महिलाओं ने भेंट किया था।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "1971 के युद्ध में साहस और पराक्रम की अद्भुत मिसाल पेश करने वाली कच्छ की वीरांगना माताओं-बहनों ने हाल ही में गुजरात के दौरे पर मुझे सिंदूर का पौधा भेंट किया था। विश्व पर्यावरण दिवस पर आज मुझे उस पौधे को नई दिल्ली के प्रधानमंत्री आवास में लगाने का सौभाग्य मिला है। यह पौधा हमारे देश की नारीशक्ति के शौर्य और प्रेरणा का सशक्त प्रतीक बना रहेगा।"
हाल ही में पीएम मोदी गुजरात के कच्छ दौरे पर गए थे, जहां उनसे 1971 के युद्ध में अद्भुत साहस दिखाने वाली वीरांगनाओं ने मुलाकात की थी और इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को सिंदूर का पौधा भेंट किया। इस भाव से प्रभावित होकर पीएम मोदी ने वादा किया था कि वह इसे अपने निवास पर लगाएंगे। उन्होंने अपने वादे को पूरा करते हुए विश्व पर्यावरण दिवस पर सिंदूर पौधे को 7 लोक कल्याण मार्ग पर लगाया।
इससे पहले, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विश्व पर्यावरण दिवस की देशवासियों को शुभकामनाएं दी थीं। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, "इस विश्व पर्यावरण दिवस पर, आइए हम अपने ग्रह की रक्षा करने और हमारे सामने आने वाली चुनौतियों पर काबू पाने के लिए अपने प्रयासों को और गहरा करें। मैं उन सभी लोगों की भी सराहना करता हूं, जो हमारे पर्यावरण को हरा-भरा और बेहतर बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। जो प्रकृति की रक्षा करते हैं, प्रकृति उसकी रक्षा करती है। पर्यावरण में संतुलन हमारी पुरातन परंपरा का एक अहम हिस्सा है। हम जो भी करते हैं उसका सीधा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ता है। पर्यावरण को लेकर यह जरूरी है कि दुनिया के सभी देश निहित स्वार्थ से ऊपर उठकर सोचे।"
विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है, यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सतत विकास को बढ़ावा देने का एक वैश्विक मंच है। 1972 में संयुक्त राष्ट्र ने इसकी शुरुआत की थी, जो हमें प्रकृति के साथ अपने संबंधों पर विचार करने और जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और जैव विविधता के नुकसान जैसे मुद्दों पर कार्रवाई करने का अवसर देता है। हर साल एक नई थीम के साथ, यह व्यक्तियों, समुदायों और सरकारों को पर्यावरण के लिए सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है।
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अमरनाथ यात्रा के लिए बढ़ाई गई सुरक्षा

  • CCTV कैमरे, ड्रोन निगरानी और AI तकनीक का किया जा रहा का इस्तेमाल
जम्मू। हर साल की तरह इस साल भी अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। यह यात्रा इस साल भी 3 जुलाई से 9 अगस्त तक जारी रहेगी। यह यात्रा जम्मू-कश्मीर के दो प्रमुख रास्तों से होती हुई पवित्र अमरनाथ गुफा तक पहुंचती है। एक रास्ता पहलगाम से होकर 48 किलोमीटर लंबा है, जबकि दूसरा बालटाल से 14 किलोमीटर का छोटा, लेकिन कठिन रास्ता है। इस साल सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, खासकर पिछले कुछ समय में होने वाली घटनाओं के बाद। आइए जानते हैं इस साल की अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था और अन्य महत्वपूर्ण तैयारियों के बारे में।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
अप्रैल में पहलगाम में हुए एक बड़े आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सरकार ने इस बार यात्रा के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। 42,000 से ज्यादा सुरक्षाबल इस यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर में तैनात किए गए हैं। इनमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों जैसे CRPF, BSF, CISF, ITBP, और SSB के जवान शामिल हैं। इसके साथ ही, CCTV कैमरे, ड्रोन निगरानी, और AI तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि किसी भी खतरे का पहले ही पता चल सके और उसे नष्ट किया जा सके।
सुरक्षा एजेंसियों का समन्वय
सुरक्षा एजेंसियाँ और सेना मिलकर यात्रा के दौरान सुरक्षा की निगरानी और प्रबंधन कर रही हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यात्रा में किसी भी प्रकार के अप्रिय घटनाक्रम से पहले निपटा जा सके। इसके लिए जगह-जगह CCTV कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन के जरिए ऊंचाई से निगरानी की जा रही है। AI तकनीक का इस्तेमाल खतरे की पहचान करने और उसे तत्काल निपटाने के लिए किया जा रहा है।
अन्य तैयारियां और व्यवस्थाएं
सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है। प्रशासन ने सड़कों की मरम्मत, मेडिकल कैंपों, और आपातकालीन सेवाओं की पूरी व्यवस्था की है। यात्रा के दौरान भारी भीड़ को संभालने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। साथ ही, स्थानीय प्रशासन और लोगों की मदद से यात्रा मार्गों की साफ-सफाई और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं, ताकि श्रद्धालुओं को सहजता से यात्रा करने में कोई रुकावट न आए।
बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या
पिछले साल 5.12 लाख श्रद्धालु अमरनाथ गुफा पहुंचे थे, और इस साल उम्मीद जताई जा रही है कि श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ सकती है। यह यात्रा समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और यहां एक प्राकृतिक बर्फ से बना शिवलिंग होता है, जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है।
यात्रा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
सरकार का कहना है कि अमरनाथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह देश की एकता और हिम्मत का भी उदाहरण है। इस यात्रा के माध्यम से हम न केवल तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि हमारे सदियों पुराने विश्वास और परंपराओं की भी रक्षा कर रहे हैं। यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक जीवन भर का अनुभव बनती है, और भारतीय समाज में आस्था और विश्वास का एक अहम हिस्सा है।
इस साल की अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए सभी सुरक्षा और सुविधा के इंतजाम किए गए हैं। हालांकि, यह यात्रा भौतिक रूप से कठिन है, लेकिन सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की सही तैयारी से यात्रा को आरामदायक और सुरक्षित बनाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। सरकार और स्थानीय प्रशासन का मानना है कि यह यात्रा न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह देश की एकता और संप्रभुता की भी मिसाल है।
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