हिंदुस्तान

वेंकैया नायडू की जनसेवा और वंचितों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता अनुकरणीय है : PM मोदी

  • प्रधानमंत्री ने देश के पूर्व उपराष्ट्रपति को 76वें जन्मदिन की दी बधाई
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को 76वें जन्मदिन की बधाई दी। पीएम मोदी ने उनके स्वस्थ जीवन की कामना की और उनके साथ किए काम के दिनों को भी याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं। मुझे कई वर्षों तक वेंकैया जी के साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उनकी जनसेवा और वंचितों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता अनुकरणीय है। मैं उनकी लंबी और स्वस्थ जिंदगी की कामना करता हूं।"
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी वेंकैया नायडू को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने एक्स पर एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, "देश के पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आपका सरल, संवेदनशील और शुचितापूर्ण राजनीतिक जीवन अत्यंत प्रेरणादाई है। आपके स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं।"
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स पर लिखा, "पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। भारतीय राजनीति में आपकी सशक्त भूमिका, वंचितों के उत्थान और राष्ट्रहित में आपके द्वारा उठाए गए निर्णायक कदम सदैव स्मरणीय रहेंगे। आपकी विनम्रता, विद्वता और सेवा-भावना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। महाप्रभु जगन्नाथ से आपके उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना करता हूं।"
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने जन्मदिन की बधाई देते हुए लिखा, "वेंकैया नायडू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। साधारण शुरुआत से लेकर उपराष्ट्रपति के पद तक, राष्ट्र की सेवा करने की आपकी यात्रा युवा नेताओं के लिए एक शक्तिशाली प्रेरणा है। आपके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की प्रार्थना करता हूं।"
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने भी वेंकैया नायडू को जन्मदिन की बधाई दी और उनके स्वस्थ जीवन की कामना की। उन्होंने कहा, "भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को जन्मदिन की हार्दिक बधाई। जनसेवा, राष्ट्रवाद और ग्रामीण विकास के प्रति आपकी आजीवन प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। राष्ट्र के प्रति समर्पित आपके अच्छे स्वास्थ्य, खुशहाली और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं।"
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CM रेखा गुप्ता ने रेल मंत्री से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का अनुरोध किया

नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन करने का अनुरोध किया। सीएम गुप्ता ने लिखा, "मैं महाराजा अग्रसेन के सम्मान में पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए सम्मानपूर्वक विचार करने का अनुरोध कर रही हूं, जो एक सम्मानित ऐतिहासिक व्यक्ति हैं, जिनकी विरासत का भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास पर गहरा प्रभाव पड़ा है, खासकर दिल्ली में।"
उन्होंने उल्लेख किया कि महाराजा अग्रसेन को सामाजिक न्याय और कल्याण का प्रतीक माना जाता है और उन्होंने दिल्ली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने लिखा, "महाराजा अग्रसेन को व्यापक रूप से सामाजिक न्याय, आर्थिक दूरदर्शिता और सामुदायिक कल्याण का प्रतीक माना जाता है। उनके अनगिनत अनुयायी और वंशज दिल्ली के आर्थिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।" इसे महाराजा अग्रसेन के लिए एक उचित श्रद्धांजलि बताते हुए उन्होंने कहा, "पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन करना उनके स्थायी योगदान के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी और यह उन लाखों दिल्ली निवासियों की भावनाओं के साथ गहराई से जुड़ेगा जो उन्हें सर्वोच्च सम्मान देते हैं। मैं आपके सम्मानित मंत्रालय द्वारा इस प्रस्ताव पर अनुकूल और शीघ्र विचार करने में आपकी व्यक्तिगत हस्तक्षेप के लिए वास्तव में आभारी रहूंगी।"
शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, यानी दिल्ली जंक्शन रेलवे स्टेशन, एक किले की तरह बनाया गया था, जिसके दो विपरीत दिशाएँ हैं, कश्मीरी गेट और चांदनी चौक। दोनों इलाके कोडिया पुल नामक एक ऊंचे पैदल यात्री पुल से जुड़े हुए हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड ने राजधानी के जल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, सीवरेज नेटवर्क को उन्नत करने, टैंकर सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ाने और अत्यधिक प्रदूषित यमुना नदी को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से 45-सूत्रीय कार्य योजना शुरू की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि 9,000 करोड़ रुपये के बजट से समर्थित इस व्यापक योजना को अगले साल तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। (एएनआई)
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डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष, पीएम मोदी ने कहा- "ये सशक्तीकरण के नए युग की शुरुआत"

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 'डिजिटल इंडिया' के 10 वर्ष पूरे होने के साथ ही अगला दशक और भी अधिक परिवर्तनकारी होगा, क्योंकि देश 'डिजिटल शासन' से 'ग्लोबल डिजिटल लीडरशिप' की ओर बढ़ेगा। जहां भारत, इंडिया-फर्स्ट से इंडिया-फॉर-द-वर्ल्ड की ओर रुख करेगा।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष मना रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "दस वर्ष पहले, डिजिटल इंडिया की शुरुआत हमारे देश को डिजिटल रूप से सशक्त और तकनीकी रूप से उन्नत समाज में बदलने की पहल के रूप में हुई थी।"
पीएम मोदी के अनुसार, 'डिजिटल इंडिया' केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं रह गया है, यह लोगों का आंदोलन बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा, "यह 'आत्मनिर्भर भारत' के निर्माण और भारत को दुनिया के लिए एक विश्वसनीय इनोवेशन पार्टनर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। सभी इनोवेटर्स, उद्यमियों और सपने देखने वालों के लिए दुनिया अगली डिजिटल सफलता के लिए भारत की ओर देख रही है।"
पीएम मोदी ने कहा कि जहां दशकों तक भारतीयों की तकनीक का उपयोग करने की क्षमता पर संदेह किया जाता रहा, वहीं हमने इस दृष्टिकोण को बदल दिया और भारतीयों की तकनीक का उपयोग करने की क्षमता पर भरोसा किया। उन्होंने कहा, "जबकि दशकों तक यह सोचा जाता रहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग संपन्न और वंचितों के बीच की खाई को गहरा करेगा, हमने इस मानसिकता को बदला और संपन्न और वंचितों के बीच की खाई को खत्म करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया। जब इरादा सही हो, तो इनोवेशन कम सशक्त लोगों को सशक्त बनाता है। जब दृष्टिकोण समावेशी होता है, तो टेक्नोलॉजी हाशिये पर रहने वालों के जीवन में बदलाव लाती है।"
इस विश्वास ने डिजिटल इंडिया की नींव रखी, जो कि पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने, समावेशी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और सभी के लिए अवसर प्रदान करने का मिशन है। 2014 में भारत में करीब 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, जो कि बढ़कर अब 97 करोड़ से ज्यादा हो गए हैं। 42 लाख किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर केबल अब सबसे दूरदराज के गांवों को भी जोड़ती है।
पीएम मोदी ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में लिखा, "भारत में 5जी की शुरुआत दुनिया में सबसे तेज गति से हुई है। केवल दो वर्ष में 4.81 लाख बेस स्टेशन स्थापित किए गए हैं। हाई-स्पीड इंटरनेट अब शहरी केंद्रों और गलवान, सियाचिन और लद्दाख सहित अग्रिम सैन्य चौकियों तक पहुंच गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "डिजिटल आधार इंडिया स्टैक ने यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म को सक्षम किया है, जो अब सालाना 100 बिलियन से ज्यादा लेनदेन को संभालता है। सभी रियल टाइम के डिजिटल लेनदेन में से लगभग आधे भारत में होते हैं।"
पीएम मोदी ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से, 44 लाख करोड़ रुपए से अधिक सीधे नागरिकों को हस्तांतरित किए गए हैं, जिससे बिचौलियों को हटाने में मदद मिली और 3.48 लाख करोड़ रुपए की लीकेज की बचत हुई है। स्वामित्व जैसी योजनाओं ने 2.4 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड जारी किए हैं और 6.47 लाख गांवों का मानचित्रण किया है, जिससे भूमि से संबंधित अनिश्चितता के वर्षों का अंत हुआ है।
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था एमएसएमई और छोटे उद्यमियों को पहले से कहीं ज्यादा सशक्त बना रही है। ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) एक क्रांतिकारी प्लेटफॉर्म है, जो खरीदारों और विक्रेताओं के विशाल बाजार के साथ सहज कनेक्शन प्रदान कर नए अवसरों को पेश करता है।
पीएम मोदी ने कहा, " गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस आम आदमी को सरकार के सभी विभागों को सामान और सेवाएं बेचने में सक्षम बनाता है। यह न केवल आम आदमी को एक विशाल बाजार के साथ सशक्त बनाता है बल्कि सरकार के पैसे भी बचाता है।" पीएम मोदी ने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कहा कि आधार, कोविन, डिजिलॉकर और फास्टैग से लेकर पीएम-वाणी और वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन तक भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को अब वैश्विक स्तर अपनाया जा रहा है।
कोविन ने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सक्षम बनाया, 220 करोड़ क्यूआर-वेरिफाइड सर्टिफिकेट जारी किए। 54 करोड़ यूजर्स के साथ डिजिलॉकर 775 करोड़ से अधिक दस्तावेजों को सुरक्षित और निर्बाध रूप से होस्ट करता है।
प्रधानमंत्री ने आगे बताया, "हमारे जी20 प्रेसीडेंसी के माध्यम से, भारत ने ग्लोबल डीपीआई रिपॉजिटरी और 25 मिलियन डॉलर का सोशल इम्पैक्ट फंड लॉन्च किया, जिससे अफ्रीका और दक्षिण एशिया के देशों को समावेशी डिजिटल इकोसिस्टम अपनाने में मदद मिली।"
उन्होंने आगे कहा, "भारत अब 1.8 लाख से अधिक स्टार्टअप के साथ दुनिया के शीर्ष तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में शुमार है। लेकिन यह स्टार्टअप आंदोलन से कहीं अधिक है; यह एक तकनीकी पुनर्जागरण है। जब बात युवाओं में एआई स्किल पेनिट्रेशन और एआई प्रतिभा की आती है, तो भारत बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।"
पीएम मोदी ने लिखा, "1.2 बिलियन डॉलर के इंडिया एआई मिशन के माध्यम से भारत ने 1 डॉलर/जीपीयू घंटे से भी कम कीमत पर वैश्विक स्तर पर बेजोड़ कीमतों पर 34,000 जीपीयू तक पहुंच को सक्षम किया है, जिससे भारत न केवल सबसे सस्ती इंटरनेट अर्थव्यवस्था बन गया है, बल्कि सबसे सस्ता कंप्यूटिंग गंतव्य भी बन गया है। भारत ने ह्युमैनिटी-फर्स्ट एआई का समर्थन किया है।"
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फार्मा प्लांट ब्लास्ट : 32 हुई मृतकों की संख्या, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

हैदराबाद। तेलंगाना के पाशमैलारम स्थित एक फार्मास्यूटिकल इकाई में हुए विस्फोट में मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 32 हो गई है। सोमवार देर रात तक लगभग 15 घायल लोगों की अस्पताल में मौत हो गई।
तेलंगाना के सबसे भयानक औद्योगिक हादसे में मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि बचावकर्मी विस्फोट के प्रभाव से ढही तीन मंजिला इमारत के मलबे में शवों की तलाश कर रहे हैं। सोमवार सुबह संगारेड्डी जिले के पाशमैलारम औद्योगिक क्षेत्र में स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड की दवा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ। ये विस्फोट सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड के फार्मास्यूटिकल कारखाने में माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलूलोज ड्राइंग यूनिट में हुआ था, जिसमें 35 कर्मचारी झुलस गए और उनमें से 11 की हालत गंभीर बताई जा रही है।
अधिकारियों के मुताबिक, 27 कर्मचारी अभी भी लापता हैं। उनके मलबे में फंसे होने की आशंका है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), हैदराबाद आपदा प्रतिक्रिया और संपत्ति संरक्षण एजेंसी, राजस्व और पुलिस के कर्मियों ने मलबा हटाना जारी रखा है।
मृतकों में अधिकांश प्रवासी मजदूर थे, जो बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्यों से थे। विस्फोट के समय कारखाने में 108 कर्मचारी मौजूद थे। विस्फोट इतना जोरदार था कि इसकी आवाज पांच किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। विस्फोट के बाद भीषण आग लग गई, जिसे बुझाने के लिए 15 दमकल गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि कर्मचारी हवा में उछलकर कई मीटर दूर जा गिरे। कुछ पीड़ितों के शव टुकड़ों में बिखर गए या पूरी तरह जल गए, जिसके कारण उनकी पहचान के लिए डीएनए परीक्षण किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी मंगलवार को हादसे की जगह का दौरा करेंगे और सरकारी अस्पताल में घायलों से मिलेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री दामोदर राजा नरसिम्हा ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया और मीडियाकर्मियों से बातचीत में बताया कि विस्फोट का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। उन्होंने बताया कि 40-45 साल पुरानी यह कंपनी माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलुलोज बनाती है।
श्रम मंत्री जी. विवेक ने कहा कि प्रारंभिक तौर पर यह रिएक्टर विस्फोट नहीं था। एयर ड्रायर सिस्टम में कुछ समस्या के कारण हुआ विस्फोट माना जा रहा है। राज्य सरकार ने इस आपदा और इसके कारणों की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जिसमें मुख्य सचिव, विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन), प्रधान सचिव (श्रम), प्रधान सचिव (स्वास्थ्य), और अतिरिक्त डीजीपी (अग्निशमन सेवाएं) शामिल हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, यह समिति ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव भी देगी।
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राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने डॉक्टरों को दी शुभकामनाएं

  • पोस्ट में लिखा- "वे वास्तव में स्वास्थ्य के रक्षक और मानवता के स्तंभ हैं"
नई दिल्ली। हर साल देशभर में 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य नेताओं ने देश के डॉक्टरों को शुभकामनाएं देते हुए उनके योगदान को नमन किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "डॉक्टर दिवस पर सभी मेहनती डॉक्टरों को शुभकामनाएं। हमारे डॉक्टरों ने अपने कौशल और परिश्रम से एक अलग पहचान बनाई है। उनकी करुणा की भावना भी उतनी ही सराहनीय है। वे वास्तव में स्वास्थ्य के रक्षक और मानवता के स्तंभ हैं। भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सशक्त बनाने में उनका योगदान अत्यंत उल्लेखनीय है।"
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस अवसर पर डॉक्टरों को सलाम करते हुए लिखा, " राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं। डॉक्टर मानवता की वह शक्ति हैं, जो अपने समर्पण के माध्यम से जीवन को बचाते हैं और हमारे स्वास्थ्य की सुरक्षा करते हैं। उनकी निःस्वार्थ सेवा को सलाम।"
संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स पर लिखा, "वे सफेद कोट पहनते हैं, टोपी नहीं, लेकिन कई लोगों के लिए, वे उम्मीद और उपचार का कारण हैं। राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर, हमारे डॉक्टरों के प्रति हार्दिक आभार, जो देखभाल से ज़्यादा हिम्मत देते हैं।"
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक्स पर लिखा, "राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा और उत्थान के लिए निस्वार्थ भाव से काम करने वाले सभी डॉक्टरों का हार्दिक आभार। उनका निस्वार्थ समर्पण, करुणा और अथक प्रयास हमारे गहरे सम्मान के पात्र हैं।"
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने एक्स पर लिखा, "डॉक्टर का काम सिर्फ़ विज्ञान या सेवा नहीं है - यह एक आह्वान है, जिसे रोज़ाना लंबे समय तक, कठिन निर्णयों और अदृश्य बलिदान के जरिए जिया जाता है। राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर हम उन लोगों के रोज़मर्रा के साहस, शांत लचीलेपन और अटूट प्रतिबद्धता को सलाम करते हैं, जो सिर्फ एक काम के तौर पर नहीं, बल्कि जीवन जीने के तरीके के तौर पर उपचार को चुनते हैं। सभी डॉक्टरों को: आपकी करुणा, आपकी ताकत और आपके सेवा भाव के लिए धन्यवाद।"
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दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल और डीजल

  • निगरानी के लिए पुलिस टीमें तैनात
नई दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से मंगलवार से एक महत्वपूर्ण यातायात नियम लागू कर दिया गया है। राजधानी में 10 साल से अधिक पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही यदि कोई ऐसी गाड़ी ईंधन भरवाने की कोशिश करती है तो उसे जब्त किया जा सकता है। परिवहन विभाग ने दिल्ली पुलिस और यातायात कर्मियों के साथ मिलकर सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए खास रणनीति बनाई है।
मंगलवार को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से तस्वीरें आईं, जहां आम जनता के लिए पेट्रोल पंपों पर नोटिस लगाए गए हैं। मेहरौली-बदरपुर रोड स्थित लाल कुआं के भारत पेट्रोलियम पेट्रोल पंप पर सुबह से ही वाहन चालक पेट्रोल भरवाने के लिए पहुंचे। पेट्रोल पंप कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें रात 12 बजे के बाद प्रशासन की ओर से निर्देश प्राप्त हो गए थे कि तय समय सीमा से पुरानी गाड़ियों को ईंधन नहीं दिया जाए।
उन्होंने कहा, "अब हम गाड़ियों की स्थिति और रजिस्ट्रेशन साल देखकर ही ईंधन भर रहे हैं। यदि कोई जबरदस्ती करता है तो उसके लिए हमें पुलिस की मदद लेने के लिए नंबर दिए गए हैं।" इसी तरह चिराग दिल्ली स्थित पेट्रोल पंप पर ट्रांसपोर्ट एनफोर्समेंट और ट्रैफिक पुलिस की टीम तैनात दिखी, जो 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर कड़ी निगरानी रख रही है।
ट्रांसपोर्ट एनफोर्समेंट के सब इंस्पेक्टर धर्मवीर ने कहा, "दिल्ली सरकार के इस फैसले का सख्ती से पेट्रोल पंप पर पालन करवा रहे हैं। सुबह 6 बजे से ही ड्यूटी लगा दी गई है। लोकल थाने की पुलिस और ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी हमारी मदद कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "तमाम पेट्रोल पंप पर कैमरे और हूटर लगा दिए गए हैं। अगर कोई तयशुदा पैमाने पर खरी न उतरती गाड़ी आती है तो कैमरा उसको डिटेक्ट कर लेता है, जिसके बाद ऑटोमेटिक हूटर बजने लग जाता है।"
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आज से बदल जाएंगे बैंकिंग से जुड़े कई नियम

जुलाई का महीना हमारे आपके जीवन और घरेलू बजट में बड़ा बदलाव ला सकता है. इसका कारण यह है कि 1 जुलाई, 2025 से बैंकों में लेनदेन के साथ ही कई अहम नियमों में बदलाव होने की संभावना है. आइए, जानते हैं कि आने वाले जुलाई के महीने में किन-किन नियमों बदलाव होने जा रहा है, जो आपकी जेब और घरेलू बजट को सीधे प्रभावित कर सकता है.
अगर आपको नया पैन (स्थायी खाता नंबर) कार्ड बनाना है, तो 1 जुलाई 2025 से इसके लिए आधार नंबर देना और उसका वेरिफिकेशन जरूरी होगा. पैन कार्ड बनाने के लिए अभी तक पहचान पत्र और बर्थ सर्टिफिकेट ही जमा कराना पड़ता था, लेकिन अब डिजिटल वेरिफिकेशन और टैक्स कम्लायंस को बढ़ावा देने के लिए आधार नंबर को आवश्यक कर दिया है.
अगर आप आयकरदाता हैं और हर साल आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करते हैं या फिर पहली बार ही फाइल करेंगे, तो आपके लिए बड़ी राहत है. सरकार ने आईटीआर फाइल करने की तिथि को बढ़ा दिया है. पहले यह 31 जुलाई 2025 थी, जिसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया है. आयकर विभाग की ओर से करदाताओं को यह सलाह भी दी जा रही है कि आखिरी तारीख के आने से पहले ही आईटीआर फाइल कर दीजिए. समय से पहले आईटीआर फाइल करने से आयकर विभाग के पोर्टल पर भीड़ नहीं बढ़ेगी और आपको सहूलियत भी होगी.
अगर आपके पास एसबीआई का प्रीमियम क्रेडिट कार्ड है और आप हवाई जहाज से सफर करते हैं, तो 15 जुलाई 2025 से इस पर हवाई दुर्घटना बीमा का लाभ मिलना बंद हो जाएगा. इसका मतलब यह है कि एसबीआई कार्ड एलिट, माइल्स एलिट और माइल्स प्राइम पर बीमा राशि के तौर पर 1 करोड़ रुपये नहीं मिलेंगे. एसबीआई प्राइम और पल्स पर भी 50 लाख रुपये का बीमा मिलना बंद हो जाएगा.
प्राइवेट सेक्टर के एचडीएफसी बैंक ने अपने क्रेडिट कार्ड पर कुछ खर्चों पर अतिरिक्त 1% चार्ज जोड़ने का फैसला किया है. इसमें रेंट पेमेंट पर 1% (4,999 रुपये तक की सीमा) चार्ज लगाया जाएगा. इसके अलावा 10,000 रुपये मासिक से अधिक के स्किल-गेमिंग खर्च पर 1% चार्ज, 50,000 रुपये मासिक से ज्यादा के यूटिलिटी बिल (बीमा को छोड़कर) पर 1% चार्ज और 10,000 रुपये मासिक से अधिक के वॉलेट लोड पर 1% चार्ज का भुगतान करना होगा. हालांकि, बीमा प्रीमियम पर अब रिवॉर्ड प्वाइंट मिलेंगे, लेकिन अधिकतम सीमा 10,000 प्वाइंट प्रति माह होगी.
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भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के चौथे दिन पुरी में उमड़े श्रद्धालु

पुरी। रथ यात्रा के चौथे दिन, बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनने और इसे देखने के लिए उमड़े। 27 जून को जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा शुरू हुई थी। 5 जुलाई को इस आयोजन का समापन होगा, जिसे 'बहुदा यात्रा' के नाम से जाना जाता है। रथ खींचने का अवसर पाने वाली अनीता नामक श्रद्धालु ने अपनी खुशी साझा करते हुए कहा, "हम पिछले दो दिनों से खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं, क्योंकि जब हम पहली बार यहां आए थे, तो भगवान ने हमें रथ पर दर्शन दिए थे। यहां बहुत भीड़ थी, लेकिन इसके बावजूद ऐसा लग रहा था कि वे हमारी रक्षा कर रहे हैं।"
"कल सुबह भगदड़ के बाद, हमारे परिवार के सदस्य चिंतित थे। हालांकि, हमें यहां कोई अराजकता महसूस नहीं हुई। यहां सब कुछ अच्छा है और सभी दयालु हैं। ऐसे सुंदर दृश्य देखने के लिए हम बहुत धन्य हैं," उन्होंने आगे कहा। रथ यात्रा में पहली बार शामिल हुए एक अन्य भक्त दीपक रावत ने कहा, "मैं पहली बार यहां आया हूं और भगवान जगन्नाथ ने मुझे रथ खींचने का अद्भुत अवसर दिया है। मैं भगवान जगन्नाथ को धन्यवाद देना चाहता हूं ताकि वे सभी को ऐसे अवसर प्रदान कर सकें और सभी की मनोकामनाएं पूरी कर सकें।" पुरी में भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा में रविवार को हुई भगदड़ में तीन भक्तों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने भगदड़ को "बहुत दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा कि जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
हरिचंदन ने संवाददाताओं से कहा, "घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है और एक वरिष्ठ अधिकारी घटना की जांच करेंगे। जांच की रिपोर्ट मिलने के बाद हम कार्रवाई करेंगे।" उन्होंने कहा, "महाप्रभु अपनी इच्छा से अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। कल भक्तों को प्रार्थना करने का अवसर मिलेगा। मैंने महाप्रभु से सभी की भलाई के लिए प्रार्थना की।"
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक श्रद्धालु के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने का संकल्प लिया। घटना के बाद, राज्य सरकार ने विकास आयुक्त की निगरानी में एक उच्च स्तरीय प्रशासनिक जांच का आदेश दिया है। पुरी के पुलिस अधीक्षक पिनाक मिश्रा को पिछले एसपी की जगह नियुक्त किया गया है और पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन की जगह चंचल राणा को नियुक्त किया गया है। ओडिशा के डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को भी ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया। (एएनआई)
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चार धाम यात्रा भूस्खलन के कारण रुकी थी, अब फिर से शुरू

उत्तराखंड। उत्तराखंड में बरकोट के पास भारी बारिश और बादल फटने के कारण हुए घातक भूस्खलन के कारण 24 घंटे के निलंबन के बाद सोमवार को चार धाम यात्रा 2025 फिर से शुरू हो गई, अधिकारियों ने पुष्टि की।
खतरनाक मौसम की स्थिति के बीच तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रविवार को अस्थायी रोक लगाई गई थी। गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने विकास की पुष्टि की। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "चार धाम यात्रा पर 24 घंटे का प्रतिबंध हटा दिया गया है।" उन्होंने आगे कहा कि यात्रा मार्ग के साथ जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मौजूदा मौसम की स्थिति के आधार पर वाहनों को रोकने का निर्देश दिया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी भारी बारिश की चेतावनी के बाद रविवार को तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई थी।
कुछ ही देर बाद उत्तरकाशी जिले में बरकोट-यमुनोत्री मार्ग पर सिलाई बैंड के पास बादल फटने से भूस्खलन हुआ। अधिकारियों के मुताबिक, दो मजदूरों की जान चली गई और सात अन्य लापता हैं। क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत का काम शनिवार तक पूरा कर लिया गया। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया, "जिले के बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर सिलाई बैंड से पहले बादल फटने से जो भूस्खलन हुआ था, उसे ठीक कर दिया गया है और सड़क को सुचारू कर दिया गया है, जबकि अन्य भूस्खलन को सुचारू करने का काम जारी है।
" उन्होंने बताया कि 33 केवी बिजली लाइन को बहाल कर दिया गया है, जबकि 11 केवी लाइन की मरम्मत का काम जारी है। इस बीच, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें लापता सात श्रमिकों की तलाश जारी रखे हुए हैं। उत्तरकाशी पुलिस के अनुसार, बादल फटने और उसके बाद भूस्खलन यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पालीगाड़ से लगभग चार किलोमीटर आगे हुआ। मृतक दो श्रमिकों की पहचान नेपाल के राजापुर जिले के 43 वर्षीय केवल बिष्ट और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के 55 वर्षीय दूजे लाल के रूप में हुई है।
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विधानसभा के बाहर तीन भाषा नीति के खिलाफ एमवीए का प्रदर्शन

मुंबई। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने सोमवार को विधानसभा के बाहर महाराष्ट्र सरकार की तीन भाषा नीति के खिलाफ प्रदर्शन किया। विडियो में एमवीए के नेता तीन भाषा नीति के विरोध में नारे लिखे बैनर पकड़े हुए दिखाई दिए। नारे में लिखा था, "तीन भाषा नीति अस्वीकार्य है, आम मुझे मार दो", और "वोट के लिए क्या करें, आम मुझे मार दो।"
इस बीच, एनसीपी-एससीपी विधायक रोहित पवार ने तीन भाषा नीति को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की और कहा कि जब मराठी पत्रकार और सामाजिक संगठन एकजुट हुए, तो सरकार को प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा, "तीन भाषा नीति के संबंध में महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी जीआर का कई राजनीतिक दलों ने विरोध किया था। मराठी पत्रकार और सामाजिक संगठन भी इसके खिलाफ थे। जब वे सभी इस मामले पर एकजुट हुए, तो यह सरकार पर हावी हो गया और आखिरकार, राज्य सरकार ने तीन भाषा नीति पर जीआर वापस लेने का फैसला किया।"
उन्होंने कहा कि विपक्ष हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं है, बल्कि प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी पढ़ाने की अनिवार्यता के खिलाफ है। रोहित पवार ने कहा, "हम हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं हैं। हालांकि, हम प्राथमिक शिक्षा में हिंदी पढ़ाने की अनिवार्यता के खिलाफ हैं।" महाराष्ट्र सरकार ने विपक्ष की कड़ी आलोचना के बाद रविवार को तीन-भाषा नीति के क्रियान्वयन पर दो आदेशों को रद्द कर दिया। विपक्ष ने सरकार पर राज्य के लोगों पर "हिंदी थोपने" का आरोप लगाया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 16 अप्रैल और 17 जून को पारित प्रस्तावों को रद्द करने की जानकारी देते हुए घोषणा की कि राज्य में तीन-भाषा फार्मूले के क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए एक समिति बनाई जाएगी।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "राज्य में तीन-भाषा फार्मूले के क्रियान्वयन पर चर्चा के लिए डॉ. नरेंद्र जाधव के नेतृत्व में एक समिति बनाई जाएगी... जब तक समिति अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपती, तब तक सरकार ने दोनों सरकारी प्रस्तावों (16 अप्रैल और 17 जून के) को रद्द कर दिया है।" 16 अप्रैल को महाराष्ट्र सरकार ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसके तहत मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाया गया। हालांकि, विरोध के बाद सरकार ने 17 जून को संशोधित प्रस्ताव के जरिए नीति में संशोधन किया, जिसमें कहा गया, "हिंदी तीसरी भाषा होगी। जो लोग दूसरी भाषा सीखना चाहते हैं, उनके लिए कम से कम 20 इच्छुक छात्रों की आवश्यकता होगी।" (एएनआई)
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे से पहले बरेली पहुंचीं

बरेली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तर प्रदेश के अपने दो दिवसीय दौरे से पहले सोमवार को बरेली पहुंचीं। राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। एक एक्स पोस्ट शेयर करते हुए भारत के राष्ट्रपति के हैंडल ने लिखा, "उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बरेली पहुंचने पर स्वागत किया।"
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 30 जून को राष्ट्रपति बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के 11वें दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी। उसी दिन बाद में, वह एम्स गोरखपुर के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी।
1 जुलाई को राष्ट्रपति गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, विश्वविद्यालय की आधारशिला 28 अगस्त, 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निमंत्रण पर रखी थी। विश्वविद्यालय गोरखपुर जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर पिपरी, भटहट में 52 एकड़ में स्थित है। विश्वविद्यालय राज्य भर के 98 आयुष कॉलेजों से संबद्ध है। इनमें 76 आयुर्वेद, 10 यूनानी और 12 होम्योपैथी कॉलेज शामिल हैं।
विश्वविद्यालय के गठन से पहले, इन कॉलेजों की देखरेख अलग-अलग संस्थानों द्वारा की जाती थी। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ, विनियमन को एकल प्रणाली के तहत लाया गया है। विश्वविद्यालय 2021-22 शैक्षणिक सत्र से संचालन में है और वर्तमान में निम्नलिखित कार्यक्रमों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है और शैक्षणिक गतिविधियों का प्रबंधन करता है: आयुर्वेद में बीएएमएस, एमडी, एमएस; यूनानी में बीयूएमएस, एमडी, एमएस; और होम्योपैथी में बीएचएमएस, एमडी।
मुख्यमंत्री ने राज्य के पहले आयुष विश्वविद्यालय की अवधारणा की शुरुआत की, जब केंद्र सरकार ने आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को आयुष श्रेणी में शामिल किया।
आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी के साथ-साथ, विश्वविद्यालय भविष्य में योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्ध और सोवा-रिग्पा जैसे विषयों को भी शामिल करेगा। इन धाराओं में शैक्षणिक और उपचार गतिविधियों को शुरू करने की योजना तैयार की जा रही है।
राष्ट्रपति गोरखपुर के महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का भी दौरा करेंगी, जहां वह इसके सभागार, शैक्षणिक ब्लॉक और पंचकर्म केंद्र का उद्घाटन करेंगी, साथ ही एक नए गर्ल्स हॉस्टल की आधारशिला भी रखेंगी। (एएनआई)
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अमरनाथ यात्रा पर साइकिल से निकले नेपाल के सचिन चौधरी

  • पर्यावरण संरक्षण का दे रहे संदेश
जम्मू। नेपाल के रहने वाले सचिन चौधरी साइकिल पर सवार होकर अमरनाथ यात्रा पर निकले हैं। उनका यह सफर केवल धार्मिक नहीं, बल्कि एक सामाजिक और पर्यावरणीय संदेश लिए है। सचिन अपनी इस विशेष यात्रा के जरिए देशवासियों को जल संरक्षण का संदेश दे रहे हैं।
सचिन ने बताया कि उन्हें घर से निकले हुए आठ महीने और आठ दिन हो चुके हैं। यह उनकी भारत में दूसरी यात्रा है और इस बार उनका लक्ष्य बाबा बर्फानी के दर्शन करना है। उन्होंने बताया कि वे वर्तमान में जम्मू-कश्मीर हाईवे पर हैं और यहां की यात्रा अब तक बहुत ही सकारात्मक रही है। सचिन ने कहा कि जैसे ही मैंने जम्मू में प्रवेश किया, तो बहुत प्यार और समर्थन मिला। जो डर हम लोगों को जम्मू-कश्मीर को लेकर होता था, वो सब गलत साबित हुआ। यहां कोई धर्म का भेदभाव नहीं है, हिंदू-मुस्लिम सब एकता और भाईचारे से रहते हैं।
सचिन ने बताया कि रास्ते में लोग उन्हें खाना, पानी और रहने के लिए जगह तक उपलब्ध कराते हैं। गुरुद्वारों में उन्हें न सिर्फ भोजन, बल्कि रुकने के लिए कमरे भी दिए गए। भारत के लोग बहुत अच्छे हैं। जितना मैंने सोचा था, उससे कहीं अधिक सहयोग मिला है। सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ करते हुए सचिन ने कहा कि 2025 में जो लोग अमरनाथ आना चाहते हैं, वे निश्चिंत होकर आएं। यहां जगह-जगह सुरक्षा बल तैनात हैं।
सचिन कहते हैं कि सफर के दौरान वह जहां-जहां रुकते हैं, लोगों को पेड़-पौधों की कटाई न करने और जल स्रोतों को बचाने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि जब पेड़ रहेंगे, तभी जल रहेगा और जब जल रहेगा, तभी हम रहेंगे। जंगलों को काटना बंद करें। जल बचाएं, जीवन बचाएं।
बता दें कि पवित्र अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हो रही है। यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अनुसार, इस साल यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और 9 अगस्त तक चलेगी।
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अब 4 की बजाय 8 घंटे पहले जारी होगा रिजर्वेशन चार्ट

  • रेलवे ने किए 3 बड़े बदलाव, जानें कब से होगा लागू
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने चार्टिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है।रेलवे ने वेटिंग टिकट वालों को बड़ी राहत देते हुए चार्ट तैयार करने का समय बढ़ा दिया है। अब ट्रेन चलने से 8 घंटे पहले चार्ट तैयार किया जाएगा। अभी तक रेलवे ट्रेन चलने से 4 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट तैयार करता था जिससे वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को आखिरी वक्त तक टिकट कंफर्म होने का इंतजार करना पड़ता था।
टिकट कंफर्म होने का इंतजार उन यात्रियों के लिए एक बड़ी परेशानी बन जाता है जो दूर-दराज से ट्रेन पकड़ने आते हैं। अब सुबह 2 बजे से पहले रवाना होने वाली ट्रेनों के लिए चार्ट एक दिन पहले रात 9 बजे ही बना दिया जाएगा। बाकी ट्रेनों के लिए चार्ट अब ट्रेन के रवाना होने से 8 घंटे पहले तैयार किया जाएगा।
बता दें कि, हाल ही में इन सुधारों की समीक्षा के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एक आसान, समझने में सरल और प्रभावी टिकट बुकिंग सिस्टम होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि योजना का मकसद यात्रियों को एक बेहतर और बिना रुकावट वाली यात्रा देना है।
Indian Railways इससे वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को पहले से पता चल सकेगा कि उनका टिकट कन्फर्म हुआ या नहीं। यह बदलाव उन यात्रियों के लिए फायदेमंद होगा जो दूर से आते हैं और लंबी दूरी की ट्रेन यात्रा करते हैं। अगर उनका टिकट कन्फर्म नहीं हुआ, तो वे समय रहते दूसरी यात्रा की योजना बना सकेंगे।
भारतीय रेलवे ने बताया है कि 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट की बुकिंग केवल उन्हीं यात्रियों को मिलेगी, जिनका आईआरसीटीसी अकाउंट सत्यापित (वेरिफाइड) होगा। यह नियम आईआरसीटीसी की वेबसाइट और मोबाइल ऐप दोनों पर लागू होगा। इसके अलावा, तत्काल टिकट बुक करते समय ओटीपी (OTP) आधारित पहचान की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है, जो जुलाई 2025 के आखिर तक लागू की जाएगी।
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"मन की बात" : PM मोदी ने इमरजेंसी की आलोचना की

  • योग दिवस की तारीफ, खाने में 10% तेल कम करने की बात दोहराई
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात का 123वां एपिसोड रविवार (29 जून) को प्रसारित हुआ। 22 भाषाओं में प्रस्तुत होने वाले इस कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी ने योग दिवस पर चर्चा से की। इसके बाद आपातकाल का समय याद कर इसकी आलोचना की और कहा कि इमरजेंसी के समय लड़ने वाले लोगों को याद रखा जाना चाहिए। इस बीच सेहत पर बात करते हुए उन्होंने खाने में 10 फीसदी तक तेल कम करने की बात दोहराई और लोगों से स्वदेशी सामान खरीदने की अपील भी की।
पीएम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस लगातार भव्य होता जा रहा है। पीएम ने तेलंगाना में दिव्यांगजनों के योग से लेकर कश्मीर में जवानों के योग तक का जिक्र किया। पीएम ने तीर्थ यात्रियों की मदद करने वाले लोगों के बारे में बात करते हुए कैलाश पर्वत का जिक्र किया और कहा कि अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई से शुरू हो रही है। पीएम ने तीर्थ यात्राओं पर जाने वाले सभी लोगों को और उनकी मदद करने वाले लोगों को शुभकामनाएं दीं।
ILI और WHO ने भारत की तारीफ की
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की उपलब्धियों की तारीफ की है। आंखों की बीमारी ट्रैकोमा देश में एक समय पर आम थी। इलाज नहीं मिलने पर इससे लोग अंधे भी हो जाते थे, लेकिन भारत सरकार ने इसे खत्म करने का संकल्प लिया। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को ट्रैकोमा फ्री घोषित कर दिया है। विश्व स्वाथ्य संगठन ने भी इस बात की तारीफ की है कि भारत ने बीमारी को दूर करने के साथ ही उसके कारणों को भी खत्म किया है।
भारत के 64 फीसदी लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ
इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 64 फीसदी लोगों को किसी न किसी सामाजिक योजना का लाभ मिल रहा है। 2014 तक यह आंकड़ा बेहद कम था, लेकिन अब इसमें सुधार हुआ है। यह भारत के लिए गर्व की बात है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में अमरनाथ यात्रा और जगन्नाथ रथ यात्रा का भी जिक्र किया।
इमरजेंसी के समय की आलोचना
पीएम मोदी ने आपातकाल का समय याद करते हुए कहा कि इमरजेंसी के समय पर अभिव्यक्ति की आजादी खत्म कर दी गई थी। लोगों पर अत्याचार हुआ था, लेकिन भारत की जनता नहीं हारी और इमरजेंसी खत्म होने के बाद इसे लगाने वाले लोग चुनाव हार गए थे। पीएम ने कहा कि हमें आपातकाल का विरोध करने वाले लोगों को याद रखना चाहिए। इससे हमें अपने संविधान को बचाए रखने की ऊर्जा मिलती है। पीएम ने अपने संबोधन में बोरोलैंड के फुटबॉल टूर्नामेंट के बारे में भी बताया, जिसमें हजारों टीमें शामिल हैं। बोरोलैंड एक समय पर संघर्ष के लिए जाना जाता था, लेकिन अब यहां के लोग भी मुख्य धारा में शामिल हो गए हैं और असम से बाहर निकलकर अपनी पहचान बना रहे हैं।
ऐरी सिल्क की चर्चा
मेघालय के ऐरी सिल्क के बारे में बात करते हुए बताया कि यह सिल्क सर्दियों में गरम करता है और गर्मी में ठंडक देता है। इसे हाल ही में जीआई टैग मिला है। इसकी खास बात यह है कि इसे बनाने के लिए रेशम के कीड़े को मारा नहीं जाता है। पीएम मोदी ने सभी देशवासियों से एक बार इस सिल्क के कपड़े ट्राई करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी ग्राहक स्थानीय सामान खरीदें और सभी दुकानदार स्थानीय सामान बेचें। पीएम ने कलबुर्गी की रोटी और मध्य प्रदेश की सूमा उईके का जिक्र करते हुए बताया कि ऐसी महिलाएं अपने प्रयासों से अपना और देश का भाग्य बदल रही हैं।
अहमदाबाद नगर निगम का सिंदूर वन
अहमदाबाद में नगर निगम ने सिंदूर वन तैयार किया है। यहां सिंदूर के पौधे लगाए गए हैं। यह वन ऑपरेशन सिंदूर के वीरों को समर्पित है। वहीं, पुणे के एक व्यक्ति ने अपने पूरे परिवार के साथ वन जीवन को बचाने का फैसला किया है। वह हर छुट्टी वाले दिन जंगल जाकर पेड़ लगाते हैं और पानी भरने के लिए गड्ढे खोदते हैं। इससे वहां का पर्यावरण बेहतर हुआ है। अब वहां पक्षी लौटने लगे हैं। संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने अंतरिक्ष मिशन का जिक्र किया और शुभांशु शुक्ला की भी तारीफ की।
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पुरी रथ यात्रा में भगदड़ से 3 लोगों की मौत, दो अधिकारी निलंबित, बदले गए कलेक्टर और एसपी

  • मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा
पुरी। ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान रविवार सुबह भीषण भगदड़ की घटना सामने आई, जिसमें तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसे के बाद राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने लापरवाही बरतने वाले पुरी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया, वहीं दो अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
जारी आदेश के अनुसार, पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक विनीत अग्रवाल का तबादला कर दिया गया है। इनकी जगह अब चंचल राणा को नया कलेक्टर और पिनाक मिश्रा को नया एसपी नियुक्त किया गया है। वहीं, ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित कर दिया गया है।
हादसा कैसे हुआ?
रविवार तड़के करीब चार बजे रथ यात्रा उत्सव के दौरान यह भगदड़ गुंडिचा मंदिर के पास उस समय हुई जब हजारों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों के दर्शन करने उमड़े थे। अधिकारियों के मुताबिक, जब अनुष्ठान के लिए सामग्री लेकर दो ट्रक रथों के पास अत्यधिक भीड़ में घुस गए, तो वहां अचानक अफरा-तफरी मच गई। इससे भगदड़ मच गई, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए।
हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान बोलागढ़ निवासी बसंती साहू, बालीपटना के प्रेमकांत मोहंती और प्रवती दास के रूप में हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, जबकि घायलों का स्थानीय अस्पतालों में इलाज जारी है। छह लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा
मुख्यमंत्री मोहन माझी ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने इस दुखद घटना को लेकर सभी श्रद्धालुओं से क्षमा मांगी। मुख्यमंत्री ने कहा, हम भगवान जगन्नाथ के सभी भक्तों से क्षमा याचना करते हैं। इस हादसे में जिन्होंने अपनों को खोया, उनके प्रति हमारी संवेदना है। इसके अलावा उन्होंने विकास आयुक्त की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय प्रशासनिक जांच के आदेश भी दिए हैं।
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पीएम मोदी के नेतृत्व में नारीशक्ति, राष्ट्रशक्ति बन रही : CM रेखा गुप्ता

नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शनिवार को आपातकाल की 50वीं बरसी पर दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा की ओर से महाराष्ट्र सदन में आयोजित मॉक पार्लियामेंट में शामिल हुईं। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला कल्याण के क्षेत्र में हो रहे प्रयासों की चर्चा की। महिलाओं का आह्वान किया कि वो राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएं।
रेखा गुप्ता ने पीएम मोदी की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा, "पीएम मोदी के नेतृत्व में नारीशक्ति, राष्ट्रशक्ति बन रही है। महिलाओं को आवास, शौचालय, गैस कनेक्शन और स्वच्छ जल जैसी बुनियादी सुविधाएं मिली हैं। मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति और महिलाओं को संसद व विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण के माध्यम से लोकतंत्र में बराबरी की भागीदारी सुनिश्चित हुई है। अब समय है हम महिलाएं न केवल जागरूक बनें, बल्कि जिम्मेदारी लें और राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएं।" वहीं, आपातकाल पर सीएम ने कहा कि वो एक ऐसा दौर था जहां कोई आवाज नहीं उठा सकता था। 21 महीने तक यातनाएं दी गईं। जिन्होंने भी आवाज उठाई उन्हें कुचल दिया गया, देश ने इतिहास में ऐसा काला अध्याय कभी नहीं देखा। पूर्व पीएम ने सत्ता में बने रहने के लिए लोगों को जेल में डाल दिया। मीडिया की आजादी पर पाबंदी, शासन-प्रशासन कुछ भी नहीं बोल सकते थे। युवाओं की जबरन नसबंदी कराई गई।
रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी साझा की। लिखा, “आपातकाल की 50वीं बरसी पर दिल्ली प्रदेश महिला मोर्चा द्वारा महाराष्ट्र सदन में आयोजित मॉक पार्लियामेंट में लोकतंत्र की हत्या के उस काले अध्याय पर अपने विचार साझा किए। 1975 में सिर्फ एक परिवार की सत्ता बचाने के लिए कांग्रेस सरकार ने पूरे देश को एक खुली जेल में तब्दील कर दिया था। हजारों देशभक्तों को बिना किसी मुकदमे के जेलों में डाल दिया गया। आज जो लोग संविधान की दुहाई देते हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि भारत की आत्मा को सबसे गहरा आघात कांग्रेस की ही तानाशाही ने पहुंचाया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, न्याय और संविधान के मूल्यों का गला घोंटकर संविधान की हत्या कर दी थी।
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आचार्य विद्यानंद भारतीय परंपरा के आधुनिक प्रकाश स्तंभ, हमें विकास और विरासत को साथ लेकर बढ़ना है : पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दिल्ली में जैन मुनि आचार्य श्री विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा कि हमें विकास और विरासत को एक साथ लेकर आगे बढ़ना है। इसी संकल्प को केंद्र में रखकर हम भारत के सांस्कृतिक स्थलों और तीर्थ स्थानों का भी विकास कर रहे हैं।
जैन मुनि आचार्य श्री विद्यानंद जी महाराज की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृत भारत की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है। ये भगवान महावीर के उपदेशों की भाषा है। लेकिन अपनी संस्कृति की उपेक्षा करने वालों के कारण ये भाषा सामान्य प्रयोग से बाहर होने लगी थी। हमने आचार्य श्री जैसे संतों के प्रयासों को देश का प्रयास बनाया। हमारी सरकार ने प्राकृत को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा दिया। हम भारत की प्राचीन पाण्डुलिपियों को डिजिटाइज करने का अभियान भी चला रहे हैं। आचार्य विद्यानंद महाराज कहते थे कि जीवन तभी धर्ममय हो सकता है, जब जीवन स्वयं ही सेवामय बन जाए। उनका ये विचार जैन दर्शन की मूल भावना से जुड़ा हुआ है, ये विचार भारत की चेतना से जुड़ा हुआ है। भारत सेवा प्रधान देश है, मानवता प्रधान देश है।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में जब हजारों वर्षों तक हिंसा को हिंसा से शांत करने के प्रयास हो रहे थे, तब भारत ने दुनिया को अहिंसा की शक्ति का बोध कराया। हमने मानवता की सेवा की भावना को सर्वोपरि रखा। सब साथ चलें, हम मिलकर आगे बढ़ें। यही हमारा संकल्प है। पीएम ने कहा कि भारत विश्व की सबसे प्राचीन जीवंत सभ्यता है। हम हजारों वर्षों से अमर हैं, क्योंकि हमारे विचार अमर हैं, हमारा चिंतन अमर है, हमारा दर्शन अमर है और इस दर्शन के स्रोत हैं- हमारे ऋषि-मुनि, महर्षि, संत और आचार्य। आचार्य विद्यानंद जी महाराज, भारत की इसी परंपरा के आधुनिक प्रकाश स्तंभ हैं।
पीएम ने कहा कि आज इस अवसर पर आपने मुझे 'धर्म चक्रवर्ती' की उपाधि देने का जो निर्णय लिया है, मैं खुद को इसके योग्य नहीं समझता हूं। लेकिन हमारा संस्कार है कि हमें संतों से जो कुछ मिलता है उसे प्रसाद समझकर स्वीकार किया जाता है। इसलिए मैं आपके इस प्रसाद को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं और मां भारती के चरणों में अर्पित करता हूं।
प्रधानमंत्री ने बताया कि आज का ये दिन एक और वजह से बहुत विशेष है। 28 जून यानी, 1987 में आज की तारीख पर ही आचार्य विद्यानंद जी मुनिराज को आचार्य पद की उपाधि प्राप्त हुई थी। ये सिर्फ एक सम्मान नहीं था, बल्कि जैन परंपरा को विचार, संयम और करुणा से जोड़ने वाली एक पवित्र धारा प्रवाहित हुई। आज जब हम उनकी जन्म शताब्दी मना रहे हैं तब ये तारीख हमें उस ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाती है। इस अवसर पर आचार्य विद्यानंद जी मुनिराज के चरणों में नमन करता हूं। उनका आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे, ये प्रार्थना करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचार्य विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती के अवसर पर उनके शताब्दी समारोह के दौरान डाक टिकट और सिक्के जारी किए।
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अभिनेत्री शेफाली जरीवाला के पति पराग त्यागी समेत 4 लोगों के बयान दर्ज

मुंबई। मुंबई में अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की अचानक मौत के मामले में जांच तेज हो गई है। जुहू पुलिस स्टेशन के अधिकारी कूपर अस्पताल पहुंचे हैं और वहां सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। पुलिस ने शेफाली के पति पराग त्यागी का बयान उनके घर पर दर्ज किया है। अब तक इस मामले में कुल चार लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं।
शेफाली जरीवाला के रिश्तेदार भी कूपर अस्पताल पहुंच चुके हैं, जहां उनका शव पोस्टमार्टम के लिए रखा गया है। वहां उनके करीबी दोस्त और फिटनेस ट्रेनर भी मौजूद हैं। फिटनेस ट्रेनर ने बताया कि शेफाली अपने स्वास्थ्य को लेकर बहुत अनुशासित थीं। उन्होंने कहा, "वो अपने खानपान का अच्छे से ध्यान रखती थीं। नियमित व्यायाम करती और फिटनेस को प्राथमिकता देती थीं। शेफाली मिर्गी के दौरे को नियंत्रित करने के लिए ठंडी चीजों से परहेज करती थीं और अपने उपचार की दिनचर्या का कड़ाई से पालन करती थीं।" ट्रेनर ने बताया कि शेफाली से उनकी आखिरी मुलाकात दो दिन पहले हुई थी।
हालांकि जिस तरह मुंबई पुलिस इस घटनाक्रम की जांच को आगे बढ़ा रही है, उससे मामला संदेहास्पद लग रहा है। पति पराग त्यागी के अलावा पुलिस ने रात में ही मेड और कुक से पूछताछ की थी। शनिवार सुबह मुंबई पुलिस के साथ फॉरेंसिक टीम भी अभिनेत्री के घर गई, जिसने काफी समय तक जांच की।
42 वर्षीय अभिनेत्री शेफाली का देर रात निधन हुआ। शुरुआत में सामने आया कि शेफाली की मौत कार्डियक अटैक के चलते हुई है। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जो मुंबई पुलिस की जांच को आगे बढ़ाने के लिए अहम है।
कॉमेडियन सुनील पाल ने भी शेफाली के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "बॉलीवुड से एक बहुत दुखद खबर आई है। हमारी दोस्त और प्रतिभाशाली अभिनेत्री शेफाली जरीवाला का निधन हो गया। हमने साथ में कई लाइव शो किए हैं। ‘कांटा लगा’ गाने से वो बहुत लोकप्रिय हुई थीं। वो एक बेहतरीन अभिनेत्री थीं।"
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