हिंदुस्तान

राहुल गांधी ने एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर फिर बोला हमला

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित 'वोट चोरी' को लेकर एक बार फिर चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 'एक व्यक्ति, एक वोट' संविधान का आधार है और चुनाव आयोग की ड्यूटी है कि वे 'एक व्यक्ति, एक वोट' को लागू करें, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया।
राहुल गांधी ने बिहार की 124 साल की मिंता देवी का जिक्र करते हुए बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण (एसआईआर) की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे अनगिनत मामले सामने आए हैं। अभी पिक्चर बाकी है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसद भवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए एसआईआर के मुद्दे पर कहा, "केवल एक सीट नहीं है, बहुत सारी सीटें हैं। यह राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है और व्यवस्थित ढंग से किया जा रहा है। चुनाव आयोग जानता है और हम भी जानते हैं। पहले हमारे पास सबूत नहीं थे, लेकिन अब हमारे पास सबूत हैं। हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं। 'एक मतदाता एक मत' संविधान का आधार है और चुनाव आयोग की ड्यूटी है कि वे 'एक व्यक्ति एक मत' को लागू करें, मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। हम (विपक्ष) केवल संविधान की रक्षा कर रहे हैं और करते रहेंगे, रुकेंगे नहीं।"
चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर के दौरान बिहार में महिला मिंता देवी की उम्र 124 साल बताए जाने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "ऐसे बहुत अनगिनत मामले सामने आए हैं। अभी पिक्चर बाकी है।" वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि हम वोट चोरी का विरोध कर रहे हैं। राहुल गांधी ने बताया है कि वोटर लिस्ट में सारे फर्जी नाम और पते हैं।
बता दें कि विपक्षी दलों के गठबंधन इंडी ब्लॉक के संसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित 'वोट चोरी' को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने 'मिंता देवी' नाम की एक कथित 124 साल की मतदाता की तस्वीर वाली सफेद टी-शर्ट पहनी थी, जिसमें लिखा था, '124 नॉट आउट'। इसके जरिए विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग की एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाए।

 

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तेजस्वी यादव का एसआईआर पर फिर हमला

पटना। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एसआईआर प्रक्रिया पर फिर सवाल उठाए हैं। मतदाता सूची से हटाए गए नामों को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि यह पूरी तरह से भाजपा की साजिश है, वे चुनाव आयोग को आगे करके काम करवा रहे हैं।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, "यह बिहार का दुर्भाग्य है, कई मतदाताओं के नाम लगातार हटाए जा रहे हैं। कई लोगों के पास दस्तावेज नहीं हैं और कई ऐसे व्यक्ति हैं, जो बिहार से बाहर रहते हैं, लेकिन बिहार में वोट देते हैं।" उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि राजद एसआईआर का विरोध नहीं कर रही है, बल्कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया का विरोध कर रही है। लोगों के नाम कट गए, लेकिन कोई बताने वाला नहीं है कि नाम काटा तो क्यों काटा?
तेजस्वी यादव ने कहा, "बिहार को विशेष पैकेज और विशेष राज्य का दर्जा चाहिए था, ताकि बिहार तरक्की कर सके। लेकिन एसआईआर लागू हो रहा है। एसआईआर का कोई विरोध नहीं कर रहा है, बल्कि इसकी प्रक्रिया का विरोध है।" उन्होंने उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का उदाहरण देते हुए तेजस्वी बोले, "डिप्टी सीएम ने खुद पूरा मामला (दोहरी वोटर आईडी) चुनाव आयोग पर डाल दिया है। ऐसे और भी कई लोग हैं, तो फिर प्रक्रिया पर क्यों सवाल नहीं उठेगा।"
उन्होंने आरोप लगाए कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था होने के अपने दर्जे का दुरुपयोग कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट की सलाह को भी आयोग नहीं मान रहा है।
बिहार में 'वोट अधिकार यात्रा' पर भी तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि 17 अगस्त से महागठबंधन के दल 'वोट अधिकार यात्रा' निकाल रहे हैं। लोगों के बीच जाएंगे और उनको जागरुक करेंगे। राजद नेता ने यह भी कहा कि अपराध और भ्रष्टाचार के साथ-साथ बिहार में वर्तमान स्थिति के बारे में भी लोगों से सीधे संवाद करेंगे। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी समेत महागठबंधन के कई नेता इस यात्रा में शामिल होंगे।
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बिहार एसआईआर को लेकर चर्चा की मांग पर अड़ा विपक्ष, सदन की कार्यवाही स्थगित

नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को जमकर नारेबाजी हुई। दरअसल दोनों सदनों यानी राज्यसभा व लोकसभा में विपक्ष के सांसद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा करवाए जा रहे गहन मतदाता सूची रिव्यू (एसआईआर) को लेकर चर्चा की मांग कर रहे थे।
विपक्षी सांसदों ने अपनी इस मांग को लेकर दोनों सदनों में नारेबाजी की, जिसके बाद राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद विपक्ष द्वारा चर्चा की मांग उठाई गई। दरअसल सदन को जानकारी देते हुए उपसभापति हरिवंश नारायण ने बताया कि उन्हें 12 अगस्त को चर्चा के लिए 21 नोटिस प्राप्त हुए हैं।
विपक्षी सांसदों द्वारा ये नोटिस नियम 267 के अंतर्गत दिए गए थे। नियम 267 के अंतर्गत सदन की पहले से तय अन्य सभी चर्चा व कार्यवाही को स्थगित कर दिया जाता और नियम 267 के अंतर्गत दिए गए नोटिस पर चर्चा कराई जाती है। इस चर्चा के अंत में मतविभाजन भी होता है। उप सभापति ने राज्यसभा को जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें चार अलग-अलग विषयों पर चर्चा के कुल 21 नोटिस प्राप्त हुए हैं।
इसके साथ ही, उपसभापति ने कहा कि अधिकांश विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए नोटिसों में नोटिस देने संबंधी नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है। उपसभापति ने कहा कि सांसदों ने कई ऐसे विषयों पर भी चर्चा के लिए नोटिस दिया है जिनकी सुनवाई अदालत में चल रही है। उपसभापति ने कहा कि अदालत में लंबित मामलों पर सदन में चर्चा नहीं कराई जाती है। नियमों का हवाला देते हुए, उपसभापति ने सभी नोटिसों को अमान्य घोषित कर दिया।
इसके बाद राज्यसभा में विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा व नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्षी सांसदों ने सदन में चर्चा कराए जाने की मांग करते हुए नारेबाजी की। उपसभापति ने सभी सांसदों से सदन की कार्यवाही चलाने के लिए अनुरोध किया, लेकिन विपक्षी सांसदों का विरोध जारी रहा। सदन में लगातार नारेबाजी और हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
वहीं लोकसभा में तो सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष के सांसद चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। थोड़ी ही देर में विपक्षी सांसद अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए। सदन में प्रश्नकाल चल रहा था। हंगामे बढ़ता देख लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सांसदों से अपनी सीट पर जाकर बैठने का आग्रह किया। विपक्षी सांसद लगातार नारेबाजी करते रहे तो सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
गौरतलब है कि संसद में सोमवार को भी जबरदस्त हंगामा हुआ था। इस हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों, राज्यसभा और लोकसभा, की कार्यवाही बाधित हुई थी। दोनों ही सदनों में विपक्ष ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की। विपक्ष के कई सांसदों का कहना है कि वे बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के गहन रिव्यू समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा चाहते हैं। विपक्ष ने राज्यसभा में अन्य सभी संसदीय कार्यों को रोककर सबसे पहले इन मुद्दों पर चर्चा कराने का नोटिस दिया था। विपक्षी सांसदों के इस नोटिस को अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी की। सदन में बढ़ते हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी।
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जस्टिस वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव मंजूर

दिल्ली। कैश कांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लोकसभा में स्पीकर ओम बिड़ला ने मंगलवार को महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। स्पीकर ने कहा, 'मुझे रविशंकर प्रसाद और विपक्ष के नेता समेत कुल 146 सदस्यों के हस्ताक्षर से प्रस्ताव मिला है।
उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को पद से हटाने के लिए मांग है।' स्पीकर ने जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट 1-1 जज और 1 कानूनविद शामिल हैं। जांच समिति की रिपोर्ट आने तक यह महाभियोग प्रस्ताव लंबित रहेगा। 'हमने न्यायाधीश जांच अधिनियम के प्रावधानों का अध्ययन किया है। हमने सुप्रीम कोर्ट के घोषित कानूनों के साथ-साथ कई अन्य फैसलों की जानकारी भी रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने शिकायत को गंभीर प्रकृति का पाया है। इनहाउस प्रक्रिया का पालन किया।' ' CJI ने इस मामले पर विचार करने के बाद जस्टिस वर्मा की प्रतिक्रिया और दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की प्रतिक्रिया पर राय बनाई कि इस पर गहन जांच जरूरी है। इसलिए एक 3 सदस्यों वाली कमेटी बनाई गई।' 'हमें याद है कि तत्कालीन CJI ने यह रिपोर्ट पीएम और राष्ट्रपति को भेजी है। यह भी कहा है कि इस केस में पूर्व प्रावधानों के अनुसार काम किया है। समिति की रिपोर्ट में आरोप इस प्रकृति के हैं कि जस्टिस वर्मा को हटाने की कार्रवाई शुरू करने की जरूरत है।'
'स्वतंत्र जांच के बाद हमें यह पता चला है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत जज को हटाने की प्रक्रिया नियमों के अुनसार शुरू की जानी चाहिए। बेदाग चरित्र न्यायपालिका में एक आदमी के विश्वास की नींव है। वर्तमान केस में जुड़े तथ्य भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करते हैं और कार्रवाई के लिए प्रेरित करते हैं।' 'संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस वर्मा को पद से हटाने का प्रस्ताव पेश करते हैं। इस पर आगे की कार्रवाई की जाए। इसे उचित पाते हुए मैंने इसकी स्वीकृति दी है। मैंने जस्टिस वर्मा को पद से हटाने के आरोपों की जांच के लिए 3 सदस्यों की कमेटी बनाई है। कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास हाईकोर्ट चीफ जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट बीवी आचार्य शामिल हैं।'
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CM रेखा गुप्ता ने स्वतंत्रता दिवस से पहले हर घर तिरंगा बाइक रैली को हरी झंडी दिखाई

दिल्ली। दिल्ली के भारत मंडपम से मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 'हर घर तिरंगा' रैली को हरी झंडी दिखाई गई। इस रैली का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को भारत के स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में तिरंगा को घर लाने और उसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करना है। सीएम रेखा गुप्ता के साथ संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "भारत मां की जय के नारों के साथ, हाथों में तिरंगा लिए हजारों बाइक आज निकल पड़े। पूरा वातावरण भारत माता के जयकारों से गूंज उठा।" उन्होंने आगे कहा, "आज सांसदों से लेकर हमारे वीर जवानों तक, हर कोई अपनी देशभक्ति का इजहार कर रहा है। आजादी के इतने सालों बाद भी, देश के प्रति हमारा प्यार हर गुजरते साल के साथ बढ़ता ही जा रहा है। मैं इस राष्ट्रीय पर्व को घर-घर तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करती हूं।" उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं भी दीं।विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "2014 से पहले क्या किसी ने इस तरह स्वतंत्रता दिवस मनाते देखा था? क्या किसी ने किसी प्रधानमंत्री को तिरंगा लेकर 'भारत माता की जय' कहते देखा था? संविधान का दिखावा करने वाले लोग इसे हर जगह ले जाकर कभी 'भारत माता की जय' नहीं कहेंगे।" इससे पहले, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंत्री आशीष सूद के साथ विधानसभा से राजघाट तक लड़कियों के लिए तिरंगा साइक्लोथॉन को हरी झंडी दिखाई।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, "दिल्ली की बेटियां इस साइकिल यात्रा, साइक्लोथॉन में भाग ले रही हैं। मैं इस साइक्लोथॉन को दिल्ली की बेटियों के लिए एक नई उड़ान और एक नए अध्याय के रूप में देखती हूं। हजारों की संख्या में ये लड़कियां देश को आगे ले जाने के लिए यहां हैं।"मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "दिल्ली सरकार दिल्ली की बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करेगी। स्वतंत्रता दिवस से पहले, मैं उन सभी बेटियों को शुभकामनाएं देती हूं जो देश की प्रगति में योगदान देने के लिए आगे आई हैं।" पिछले तीन वर्षों में, हर घर तिरंगा पहल एक जन आंदोलन के रूप में विकसित हुई है, जिसमें सभी क्षेत्रों के नागरिक इस विचार को अपना रहे हैं और देश भर में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के माध्यम से अपना समर्थन दिखा रहे हैं। सीएम रेखा गुप्ता के साथ कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे, जिनमें केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ शामिल थे।
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बॉर्डर पर BSF की बड़ी कार्रवाई, 7 करोड़ की हेरोइन बरामद

  • नशे की तस्करी की एक और कोशिश को बीएसएफ ने नाकाम कर दिया
जोधपुर। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नशे की तस्करी की एक और कोशिश को बीएसएफ ने नाकाम कर दिया है। सोमवार को देर रात जोधपुर के खजुआना इलाके में बीएसएफ के जवानों ने ड्रोन के जरिए भेजी गई 1.6 किलोग्राम हेरोइन बरामद की, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 7 करोड़ रुपए से अधिक आंकी जा रही है।
बीएसएफ आईजी मदनलाल गर्ग ने जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि यह खेप कल रात करीब 1:30 बजे पड़ोसी मुल्क से ड्रोन के माध्यम से सीमा से लगभग ढाई किलोमीटर भीतर गिराई गई थी। अलर्ट बीएसएफ जवानों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर इस पैकेट को कब्जे में लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
आईजी गर्ग ने बताया कि पाकिस्तान से ड्रग्स की सप्लाई एक गंभीर समस्या बन चुकी है, खासकर पंजाब, राजस्थान के गंगानगर और बीकानेर क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं ज्यादा होती हैं। उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क लगातार ड्रग्स की खेप भेजने की कोशिश करता है, लेकिन हमारे जवान हर बार उन्हें नाकाम कर देते हैं। इसके अलावा, बीएसएफ के पास एंटी-ड्रोन सिस्टम भी मौजूद है, जिससे कई बार ड्रोन को गिरा दिया जाता है। जहां ड्रोन नहीं गिर पाता और हेरोइन नीचे गिर जाती है, वहां भी जवान त्वरित कार्रवाई कर उसे जब्त कर लेते हैं।
आईजी गर्ग ने बताया कि सीमा सुरक्षा में स्थानीय लोगों का सहयोग भी बड़ी भूमिका निभाता है। उनकी समय पर दी गई सूचनाओं से बीएसएफ कई बार नशे की तस्करी की कोशिशों को विफल कर चुकी है। इससे पहले, मार्च में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की इंटेलिजेंस ब्रांच की सूचना पर बीकानेर में 12 केएनडी ग्राम स्थित चक्र 3 केएनएम क्षेत्र से तीन किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई थी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 15 करोड़ रुपए आंकी गई थी।
बीएसएफ की इंटेलिजेंस शाखा को इस इलाके में नशीले पदार्थों की तस्करी की गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद, डीआईजी इंटेलिजेंस जोधपुर, विदुर भारद्वाज के मार्गदर्शन में महेश चंद जाट, इंस्पेक्टर ताराचंद यादव, इंस्पेक्टर अजय कुमार पांडे, और दीपक कुमार की टीम ने एक विशेष सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान पीले रंग के पैकेट में हेरोइन की खेप बरामद हुई थी।
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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश : आवारा कुत्तों को आश्रय गृहों में रखे दिल्ली सरकार

नई दिल्ली। शहर में आवारा कुत्तों की समस्या को "बेहद गंभीर" बताते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार और नगर निकायों को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को उठाकर डॉग शेल्टर में रखें। कुत्तों के काटने की घटनाओं से निपटने के लिए कई निर्देश जारी करते हुए, अदालत ने चेतावनी दी कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन अधिकारियों द्वारा आवारा कुत्तों को उठाने में बाधा डालता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि फिलहाल, लगभग 5,000 आवारा कुत्तों के लिए डॉग शेल्टर बनाए जाने चाहिए और कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए पर्याप्त कर्मियों को वहाँ तैनात किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा कि आवारा कुत्तों को डॉग शेल्टर में रखा जाना चाहिए और उन्हें सड़कों, कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। पीठ ने कहा, "हम व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए ये निर्देश जारी कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि शिशुओं और छोटे बच्चों को किसी भी कीमत पर आवारा कुत्तों के काटने का शिकार नहीं होना चाहिए जिससे रेबीज हो सकता है। इसने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर एक हेल्पलाइन बनाने का भी निर्देश दिया ताकि कुत्तों के काटने के सभी मामलों की तुरंत रिपोर्ट की जा सके। शीर्ष अदालत ने 28 जुलाई को दिल्ली में कुत्ते के काटने से रेबीज फैलने की एक घटना की मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था।
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खतरे के निशान के करीब बह रही दिल्ली में यमुना

  • गाजियाबाद के 32 गांवों में निगरानी, प्रशासन अलर्ट
दिल्ली। दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर फिर से खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिसके चलते प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है. गाजियाबाद में यमुना और हिंडन नदी के किनारे बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है, इसलिए जिला प्रशासन ने इन नदियों के किनारे स्थित लगभग 32 गांवों में निगरानी शुरू कर दी है. इसके साथ ही, डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों को भी चेतावनी दी गई है. प्रशासन के अनुसार, रविवार को पुराने लोहे के पुल के पास जलस्तर 204.05 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी स्तर 2024.50 मीटर से थोड़ा कम है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर से अभी भी नीचे है. इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही सावधानी बरतने का निर्णय लिया है.
हिंडन नदी गाजियाबाद से होकर गौतमबुद्धनगर में यमुना में मिलती है, जबकि यमुना नदी लोनी क्षेत्र से दिल्ली में प्रवेश करती है और गौतमबुद्धनगर के रास्ते मथुरा की ओर बढ़ती है. गाजियाबाद में यमुना और हिंडन के किनारे लगभग 32 गांव स्थित हैं. नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने पर बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है, और वर्तमान में पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के कारण यमुना का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. रविवार को यमुना का जल स्तर 209.00 मीटर दर्ज किया गया, जो दो दिन पहले 209.50 मीटर था. हथनी कुंड से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण अगले दो से तीन दिनों में जलस्तर में और वृद्धि की संभावना है, इसलिए इन नदियों के तटबंधों की निगरानी की जा रही है.
हाल ही में हिंडन नदी में पानी का स्तर तेजी से बढ़कर 1900 क्यूसेक तक पहुंच गया है, जबकि कुछ दिन पहले यह मात्र 660 क्यूसेक था. इस वृद्धि के कारण डूब क्षेत्र में खतरा उत्पन्न हो गया है. दो साल पहले जब हिंडन में पानी का स्तर 2000 क्यूसेक से अधिक था, तब बाढ़ आई थी, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया था और सिटी फोरेस्ट पूरी तरह से जलमग्न हो गया था. अब एक बार फिर हिंडन में पानी बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका बढ़ गई है.
सिचाई विभाग ने डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण करने वालों को चेतावनी दी है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन गांवों के निकट स्थित डूब क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गतिविधि या अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाना चाहिए. इसके अलावा, सिचाई विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन ने भी यह स्पष्ट किया है कि यदि इस क्षेत्र में जनधन की हानि होती है, तो संबंधित व्यक्ति इसके लिए स्वयं जिम्मेदार होगा.
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संसद की कार्यवाही शुरू

  • केंद्रीय मंत्री बोले- बहुत हुआ, अब और समय बर्बाद नहीं करने देंगे
नई दिल्ली। वोटों की हेराफेरी के आरोपों को लेकर विपक्षी दलों के विरोध मार्च के दौरान जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी सांसद संसद भवन से निर्वाचन सदन तक मार्च निकालने पर अड़े रहे, जबकि दिल्ली पुलिस ने मंजूरी न होने के चलते मार्च को रोक दिया। बाद में विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया गया। 
संसद की कार्यवाही फिर शुरू हो गई है। इस बीच केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी और विपक्ष ने बहुत समय बर्बाद किया है। अब हम देश और संसद का समय और बर्बाद नहीं होने देंगे। सरकार महत्वपूर्ण विधेयक पारित करना चाहती है। आज हम लोकसभा और राज्यसभा दोनों में महत्वपूर्ण विधेयक पारित करेंगे। एक व्यक्ति की मूर्खता और एक परिवार की वजह से देश इतना नुकसान नहीं झेल सकता। कई विपक्षी सांसदों ने भी आकर कहा कि वे असहाय हैं। उनके नेता उन्हें जबरदस्ती हंगामा करने के लिए कहते हैं। हर दिन, हम देश और संसद का समय एक मुद्दे पर बर्बाद नहीं होने देंगे। इसलिए, हम महत्वपूर्ण विधेयक पारित करेंगे।'
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PM मोदी ने विपक्ष पर कसा तंज, कहा- कुछ लोग कोसी टावर को बिहार चुनाव के चश्मे से देखेंगे

  • प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में 184 नए टाइप-7 बहुमंजिला फ्लैट्स का किया उद्घाटन, सिंदूर का लगाया पौधा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सांसदों के लिए नए फ्लैट्स के उद्घाटन के दौरान विपक्ष पर तंज कसा। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग सांसदों के लिए बने बहुमंजिला फ्लैटों के कोसी टावर को बिहार विधानसभा चुनावों के चश्मे से देखेंगे। बाबा खड़क सिंह मार्ग पर बने 184 नए टाइप-7 बहुमंजिला फ्लैट्स के एक टावर का नाम बिहार की कोसी नदी के नाम पर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिसर के चार टावरों के नाम कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली नदियों के नाम पर रखे गए हैं। मुझे संसद में अपने सहयोगियों के लिए आवासीय परिसर का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला। चार टावरों के नाम कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली हैं, जो भारत की चार महान नदियां हैं। कुछ लोगों को कोसी नाम के टावर से असहजता महसूस होगी। वे इसे नदी के रूप में नहीं, बल्कि बिहार चुनावों के चश्मे से देखेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि अब दिल्ली में सांसदों को रहने में आसानी होगी। सांसदों के लिए घरों की उपलब्धता बढ़ेगी। मैं इन फ्लैटों के निर्माण में लगे इंजीनियरों और कर्मचारियों को बधाई देता हूं। हमारे सांसदों को नए आवासों में कोई परेशानी नहीं होगी। वे अपने काम पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे। इन बहुमंजिला इमारतों में 180 से अधिक सांसद एक साथ रह सकेंगे। 2014 से अब तक 350 सांसद आवास बनाए जा चुके हैं। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसा कि मैंने पहले कहा था कि किराये के भवनों में चलने वाले मंत्रालयों के किराये पर सरकार को सालाना लगभग 1500 करोड़ रुपये का खर्च आता था। इसी तरह पर्याप्त संख्या में सांसद आवासों के अभाव में सरकारी खर्च बहुत ज्यादा था। सांसद आवासों की कमी के बावजूद 2014 से 2024 तक कोई नया आवास नहीं बनाया गया। हमने इस काम को एक अभियान की तरह लिया। 2014 से अब तक लगभग 350 सांसद आवास बनाए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंदूर का पौधा लगाया
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में बाबा खड़क सिंह मार्ग पर बने 184 नए टाइप-7 बहुमंजिला फ्लैट्स का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने सिंदूर का पौधा भी लगाया। साथ ही फ्लैटों के पीछे काम करने वाले श्रमजीवियों से भी बातचीत की। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य और ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल, और केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी उपस्थित थे।
हर फ्लैट का क्षेत्रफल 5000 वर्ग फुट
यह परिसर सांसदों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। प्रत्येक फ्लैट में 5,000 वर्ग फुट क्षेत्रफल है, जिसमें कार्यालय और स्टाफ के लिए जगह भी है। यह परियोजना गृह 3-स्टार रेटिंग और राष्ट्रीय भवन संहिता के अनुरूप है। इमारतें भूकंपरोधी हैं और दिव्यांगों के लिए अनुकूलित हैं। जानकारी के अनुसार इस परिसर को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है और यह संसद सदस्यों की कार्यात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए आधुनिक सुविधाओं की पूरी श्रृंखला से सुसज्जित है। हरित प्रौद्योगिकी को सम्मिलित करते हुए, यह परियोजना जीआरआईएचए 3-स्टार रेटिंग के मानकों का पालन करती है और राष्ट्रीय भवन संहिता (एनबीसी) 2016 का अनुपालन करती है। 
कार्यालयों, कर्मचारियों के आवास और एक सामुदायिक केंद्र के लिए समर्पित क्षेत्रों को शामिल करने से संसद सदस्यों को जन प्रतिनिधि के रूप में अपनी उत्तरदायित्वों को पूरा करने में मदद मिलेगी। परिसर के सभी भवनों का निर्माण आधुनिक संरचनात्मक डिज़ाइन मानदंडों के अनुरूप भूकंपरोधी बनाया गया है। सभी निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक और सुदृढ़ सुरक्षा तंत्र कार्यान्वित किया गया है।

 

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मानहानि मामले में मेधा पाटकर को नहीं मिली राहत

  • सुप्रीम कोर्ट ने सजा और दोषसिद्धि को बरकरार रखा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से 25 साल पहले दायर किए गए मानहानि मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को कोई राहत नहीं दी है। कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है।
न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि हम इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं है। हाईकोर्ट ने पाटकर को अच्छे आचरण की परिवीक्षा पर रिहा किया था, लेकिन उन्हें हर तीन साल में एक बार निचली अदालत में पेश होने की आवश्यकता थी। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील की दलील को ध्यान में रखते हुए लगाया गया जुर्माना रद्द कर दिया गया है।
दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर के खिलाफ 24 नवंबर 2000 को मानहानि का मुकदमा दायर किया था। तब सक्सेना गुजरात में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के प्रमुख थे। मामले में मजिस्ट्रेट न्यायालय ने 1 जुलाई 2024 को पाटकर को आईपीसी की धारा 500 (मानहानि) के तहत दोषी पाते हुए पांच महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
मजिस्ट्रेट अदालत ने माना था कि पाटकर के बयान न केवल मानहानिकारक थे, बल्कि उनके बारे में नकारात्मक धारणाओं को भड़काने के लिए तैयार किए गए थे। मेधा पाटकर की ओर से लगाया गया आरोप कि शिकायतकर्ता गुजरात के लोगों और उनके संसाधनों को विदेशी हितों के लिए गिरवी रख रहा है, उसकी ईमानदारी और सार्वजनिक सेवा पर सीधा हमला है। इसके बाद मेधा पाटकर ने मजिस्ट्रेट के आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी गई थी।
दो अप्रैल को सत्र न्यायालय ने मेधा पाटकर की याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि पाटकर को सही दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने कहा था कि मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि के फैसले के खिलाफ अपील में कोई तथ्य नहीं था। सत्र न्यायालय ने मामले में पाटकर की दोषसिद्धि को बरकरार रखते हुए उन्हें आठ अप्रैल को 25,000 रुपये का परिवीक्षा बांड भरने पर अच्छे आचरण की परिवीक्षा पर रिहा कर दिया था और उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना जमा करने की शर्त लगाई थी।
इसके बाद सत्र न्यायालय के आदेश को पाटकर ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। मामले में उच्च न्यायालय ने कहा था कि निचली अदालत के निष्कर्षों में अवैधता या भौतिक अनियमितता थी। दोषसिद्धि का आदेश साक्ष्यों और लागू कानून पर समुचित विचार करने के बाद पारित किया गया था इसमें कहा गया था कि पाटकर अपनाई गई प्रक्रिया में कोई दोष या कानून में कोई त्रुटि प्रदर्शित करने में विफल रहीं, जिसके परिणामस्वरूप न्याय की विफलता हुई। उच्च न्यायालय ने सजा के आदेश को भी बरकरार रखा। इसमें पाटकर को अच्छे आचरण की परिवीक्षा पर रिहा किया।
हालांकि, हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा लगाई गई परिवीक्षा की शर्त को संशोधित कर दिया था, जिसके तहत पाटकर को हर तीन महीने में एक बार निचली अदालत में पेश होना अनिवार्य कर दिया गया था और उन्हें या तो शारीरिक रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने या पेशी के दौरान वकील के माध्यम से प्रतिनिधित्व करने की अनुमति दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा है। हालांकि जुर्माना रद्द कर दिया। 
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चुनाव आयोग तक विपक्षी सांसदों का मार्च...बैरिकेड पर चढ़े अखिलेश

  • राहुल गांधी समेत कई सांसद हिरासत में, महिला सांसद हुईं बेहोश
नई दिल्ली। चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विपक्ष के नेताओं ने दिल्ली में कथित 'वोट चोरी' के खिलाफ व्यापक मार्च निकाला है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष के 300 से ज्यादा सांसद इस मार्च में शामिल हो रहे हैं. इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पुलिस बैरिकेड फांद कर निकल गए. विपक्षी सांसद संसद भवन के मकर द्वार से चुनाव आयोग के दफ्तर तक जा रहे हैं.
दिल्ली पुलिस ने इस दौरान सुरक्षा के कई लेयर का इंतजाम किया है. इस दौरान अखिलेश यादव विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच बैरिकेंड फांदकर कूद गए. बैरिकेड से कूदे अखिलेश यादव को वहां मौजूद दूसरे नेताओं ने संभाल लिया.
अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग पर कई बार प्रश्न चिन्ह लगे हैं. अगर ऐसी शिकायत आई है तो चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए. इसको संज्ञान में लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि खासकर उत्तर प्रदेश में जहां वोट की लूट हो रही है. अखिलेश ने कहा कहा है कि संसद में हम अपनी बात रखना चाहते हैं लेकिन सरकार सुनना ही नहीं चाहती है.
वहीं जब पुलिस ने राहुल गांधी को आगे बढ़ने से रोक दिया तो वे सड़क पर ही अन्य सांसदों के साथ बैठ गए और आगे जाने देने की मांग करने लगे. थोड़ी देर बाद पुलिस ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया.
वहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा भी प्रदर्शन के दौरान बेहोश हो गईं. इस दौरान वे पुलिस की बस में थीं. महुआ मोइत्रा को बस में ही राहुल गांधी ने पानी पिलाया. पश्चिम बंगाल के आरामबाग से ही एक दूसरे सांसद मिताली बाग प्रदर्शन के दौरान बेहोश हो गईं. उन्हें सड़क पर लिटाकार साथी नेताओं ने पानी के छींटे मारे. इसके बाद राहुल गांधी उन्हें पकड़कर ले गए.
हिरासत में लिए जाने से पहले राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई देश के सामने है. ये लड़ाई संविधान बचाने की है. उन्होंने कहा कि ये लोग बात नहीं कर सकते हैं, ये संविधान को बचाने की लड़ाई है, ये एक व्यक्ति, एक वोट की लड़ाई है. इसलिए हमें साफ (प्योर) वोटर लिस्ट चाहिए.
प्रियंका गांधी ने हिरासत में लिए जाने से पहले से कहा कि ये सरकार कायर है. ये डरे हुए हैं. इस बीच विपक्ष के कई सांसदों को हिरासत में ले लिया गया है. इनमें संजय राउत, सागारिका घोष भी शामिल हैं.
कांग्रेस नेता रणदीज सूरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार और चुनाव आयोग के गठजोड़ को पूरे देश ने खारिज कर दिया है. क्या जेल की सलाखें राहुल गांधी को रोक पाएंगी? क्या जेल की सलाखें विपक्ष और सारे देश को रोक पाएंगी. अब एक ही नारा है बोल रहा है पूरा देश, वोट हमारा छू कर देख.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि, "जब तक लोगों के मन में चुनावों की निष्पक्षता को लेकर संदेह है, तब तक यह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा रहा है. अगर ये संदेह दूर हो जाते हैं तो चुनाव आयोग की विश्वसनीयता फिर से हासिल की जा सकती है. चुनाव आयोग का अपना हित इन सवालों का समाधान करने में है."
इस बीच पुलिस हिरासत में लिए गए सांसदों को संसद मार्ग थाने लेकर आई है. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती हैं. सरकार विपक्षी सांसदों को EC के दफ्तर तक नहीं पहुंचने दे रही है.
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विपक्षी सांसदों का विरोध मार्च पुलिस ने रोका; हिरासत में लिए गए राहुल गांधी और अन्य नेता

नई दिल्ली। विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के सांसदों ने सोमवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित 'वोट चोरी' के खिलाफ संसद भवन से चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च निकाला. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की तो विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा काटा. इसके बाद पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत समेत विपक्ष के कई नेताओं को हिरासत में ले लिया. दिल्ली पुलिस के विपक्षी सांसदों को हिरासत में लेने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि 'वो बात नहीं कर सकते हैं, हकीकत यह है। सच्चाई देश के सामने है और यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान को बचाने की लड़ाई है, यह एक व्यक्ति, एक वोट की लड़ाई है। हमें एक साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहिए।'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ''अगर सरकार हमें चुनाव आयोग तक पहुंचने नहीं देती, तो हमें समझ नहीं आता उसे किस बात का डर है? इस मार्च में सभी सांसद थे, हम शांतिपूर्ण ढंग से मार्च निकाल रहे थे. हम चाहते थे कि चुनाव आयोग सभी सांसदों को बुलाता, हम मीटिंग करते और अपना-अपना पक्ष रखते, लेकिन चुनाव आयोग कह रहा है कि सिर्फ 30 मेंबर आएं. ऐसा कैसे संभव है?''
नई दिल्ली DCP देवेश कुमार महला ने कहा, 'चुनाव आयोग की ओर से लगभग 30 सांसदों की अनुमति थी लेकिन उनकी (विपक्षी नेताओं) तादाद काफी ज्यादा थी इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया है।'

 

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सरकार ने 6 नेताओं की सुरक्षा श्रेणी में किया बदलाव

  • इसमें सम्राट चौधरी, तेजस्वी यादव और पप्पू यादव समेत अन्य नेता शामिल हैं
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने 6 नेताओं की सुरक्षा श्रेणी में बदलाव किया है. इसमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव और पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव समेत अन्य नेता शामिल हैं.
सरकार के फैसले के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को अब Z प्लस श्रेणी की सुरक्षा के साथ ASL (एस्कॉर्ट सिक्योरिटी लेयर) भी दी जाएगी. उन्हें पहले से Z प्लस सुरक्षा प्राप्त थी, लेकिन अब सुरक्षा में यह अतिरिक्त परत जोड़ी गई है.
पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. तेजस्वी को पहले Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी, जिसे अब अपग्रेड कर Z श्रेणी कर दिया गया है. पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी. इनके अलावा, नीरज कुमार, ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और प्रदीप कुमार सिंह की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है.
इन सुरक्षा बदलावों का फैसला चुनावी माहौल में नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. राज्य सरकार के इस कदम को राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि चुनावी समय में नेताओं की सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जाता है.
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रेलवे नेटवर्क में वृद्धि, भारत में 144 वंदे भारत ट्रेनें ऑपरेशनल

  • "वंदे भारत ट्रेनों की संख्या पहुंची 144 तक"
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे लगातार अपने नेटवर्क में तेज गति वाली आधुनिक ट्रेनों को जोड़ रहा है और इस कारण देश में ऑपरेशनल वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़कर 144 हो गई है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार का ध्यान देश के रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर है। वंदे भारत सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें हैं जिन्हें भारतीय रेलवे द्वारा यात्रियों को तेज, सुरक्षित और अधिक आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है।
इन ट्रेनों में तेज एक्सीलरेशन, कवच सिस्टम, पूरी तरह से सीलबंद गैंगवे, ऑटोमेटिक डोर और आरामदायक सीटों की सुविधाएं हैं। ट्रेन में उपलब्ध सुविधाओं में हॉट केस वाली मिनी पैंट्री, बॉटल कूलर, डीप फ्रीजर और गर्म पानी के बॉयलर शामिल हैं।
यात्रियों को रिक्लाइनिंग एर्गोनॉमिक सीटें, एग्जीक्यूटिव क्लास में घूमने वाली सीटें, हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग सॉकेट, दिव्यांगजन यात्रियों के लिए विशेष शौचालय और बेहतर सुरक्षा के लिए सीसीटीवी निगरानी की सुविधा भी मिलती है।
रेल मंत्री ने कहा कि इन सेवाओं का उद्देश्य यात्रा को सुरक्षित और किफायती रखते हुए उच्च मांग वाले मार्गों पर भीड़भाड़ को कम करना है। उन्होंने आगे कहा कि ये ट्रेनें यात्रियों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। 2024-25 में, लगभग 3 करोड़ यात्रियों ने वंदे भारत एक्सप्रेस का इस्तेमाल किया, जबकि अप्रैल और जून 2025 के बीच 93 लाख लोगों ने इस ट्रेन से यात्रा की है।
वंदे भारत सेवाओं का तेजी से विस्तार भारत में यात्री यात्रा को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो देश के कुछ सबसे व्यस्त रेल मार्गों पर गति, आराम और सुरक्षा का संयोजन प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बेंगलुरु और कर्नाटक के बेलगावी के बीच वंदे भारत ट्रेन सेवा का उद्घाटन किया। उन्होंने ट्रेन में सवार होकर यात्रा के दौरान छात्रों और बच्चों से बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने से पहले कर्मचारियों का अभिवादन किया। उन्होंने दो अन्य वंदे भारत रूटों का भी शुभारंभ किया , जिसमें अमृतसर- श्री माता वैष्णो देवी कटरा के बीच नई वंदे भारत, और नागपुर (अजनी) और पुणे के बीच वंदे भारत शामिल हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों के लिए 184 नए फ्लैटों का किया उद्घाटन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को नई दिल्ली के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए बनाए गए 184 नए बहुमंजिला फ्लैट का उद्घाटन किया। ये सभी फ्लैट टाइप-VII श्रेणी के हैं। यह कार्यक्रम सुबह 9:00 बजे शुरू हुआ। इसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और किरेन रिजिजू भी शामिल हुए।
उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आवासीय परिसर में सिंदूर का एक पौधा भी लगाया। इसके साथ ही वे वहां काम करने वाले श्रमिकों (श्रमजीवियों) से भी मिले और उनके योगदान की सराहना की।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, हर नया फ्लैट लगभग 5,000 वर्ग फुट के कारपेट एरिया में बना है। इन फ्लैटों का डिज़ाइन ऐसा है कि सांसद अपने घर से ही अपने आधिकारिक और सार्वजनिक कार्य आसानी से कर सकें। इस परिसर में सांसदों के आवास के साथ-साथ कार्यालय, कर्मचारियों के लिए आवास और एक सामुदायिक केंद्र भी शामिल है। यह सभी सुविधाएं मिलकर यहां रहने वालों के लिए एक आत्मनिर्भर वातावरण तैयार करती हैं।
इसका बुनियादी ढांचा आधुनिक मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। सभी इमारतें भूकंपरोधी हैं और उनमें आधुनिक संरचनात्मक सुरक्षा सुविधाएं मौजूद हैं। सिर्फ इमारतों की मजबूती ही नहीं, बल्कि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था भी बेहद मज़बूत और व्यापक है, जिससे सभी निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह परिसर सांसदों की बदलती ज़रूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, यह परिसर दिव्यांगजनों के लिए भी अनुकूल है, जो समावेशी डिज़ाइन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सीमित ज़मीन की उपलब्धता को देखते हुए, भूमि का अधिकतम उपयोग करने और रखरखाव की लागत को कम रखने के लिए आवासों का निर्माण किया गया है।
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टेस्ला का दूसरा भारतीय शोरूम दिल्ली में खुलने के लिए तैयार

नई दिल्ली। एलन मस्क द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला सोमवार को भारत में अपना दूसरा शोरूम खोलने के साथ राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी राष्ट्रीय राजधानी के एयरोसिटी स्थित अपस्केल वर्ल्डमार्क 3 कॉम्प्लेक्स में दोपहर 2 बजे अपने शोरूम का उद्घाटन करने जा रही है।
यह शोरूम एनसीआर के ग्राहकों को सेवा प्रदान करेगा, जो कि भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने का एक प्रमुख केंद्र है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर टेस्ला इंडिया ने एक पोस्ट में कंपनी के आगमन को दर्शाने वाले एक ग्राफिक को पोस्ट करते हुए लिखा, "दिल्ली आ रहे हैं- हमारे साथ जुड़े रहिए"।
एक दूसरे पोस्ट में कंपनी ने अपने शोरूम का उद्घाटन के समय और लोकेशन की जानकारी शेयर की। इससे पहले कंपनी 15 जुलाई को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में टेस्ला के पहले भारतीय शोरूम का उद्घाटन कर चुकी है।
मुंबई में आयोजित हुए हाई-प्रोफाइल लॉन्च में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हुए थे, जिन्होंने राज्य में टेस्ला के प्रवेश की प्रशंसा की और कंपनी को रिसर्च एंड डेवलपमेंट तथा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया। टेस्ला के भारतीय पोर्टफोलियो में वर्तमान में मॉडल वाई इलेक्ट्रिक एसयूवी दो कॉन्फिगरेशन में उपलब्ध है।
स्टैंडर्ड रियर-व्हील ड्राइव (आरडब्ल्यूडी) वर्जन की कीमत 59.89 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) है, जबकि लॉन्ग रेंज आरडब्ल्यूडी वर्जन 67.89 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) में उपलब्ध है। दोनों कारों की डिलीवरी 2025 की तीसरी तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है। स्टैंडर्ड रियर-व्हील ड्राइव (आरडब्ल्यूडी) 60 केडब्ल्यूएच बैटरी के साथ आती है, जो 500 किमी डब्ल्यूएलटीपी सर्टिफाइड रेंज प्रदान करती है।
वहीं, लॉन्ग रेंज आरडब्ल्यूडी वर्जन 75 केडब्ल्यूएच की बैटरी के साथ आता है, जो 622 किमी डब्ल्यूएलटीपी सर्टिफाइड रेंज प्रदान करता है। कंपनी के अनुसार, डिलीवरी में मुंबई, पुणे, दिल्ली और गुरुग्राम के खरीदारों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां वाहनों को फ्लैट-बेड ट्रकों पर सीधे ग्राहकों के घरों तक पहुंचाया जाएगा। कंपनी ने अपनी वेबसाइट को भी अपडेट किया है ताकि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वाहन रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिल सके।
टेस्ला ने अपने फुल सेल्फ-ड्राइविंग (एफएसडी) फीचर को 6 लाख रुपए में एक ऑप्शनल एक्स्ट्रा के रूप में लिस्ट किया है, लेकिन भारत में यह उन्नत क्षमता बाद में पेश की जाएगी।
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बंगाल की खाड़ी में बन रहा है लो प्रेशर, कई राज्यों में भारी बारिश का अनुमान

नई दिल्ली/रायपुर। बंगाल की खाड़ी में बन रहा है लो प्रेशर के असर से कई राज्यों में भारी बारिश का अनुमान है। IMD के पूर्वानुमान के अनुसार 13 अगस्त को उत्तराखंड के कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है।
13 से 16 अगस्त के बीच मध्य प्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तटीय आंध्र प्रदेश में भारी वर्षा का नया दौर शुरू होगा। पूर्व-मध्य भारत और उत्तरी प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में भी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
तेलंगाना में अगले 6 दिन होगी बारिश
तेलंगाना में 17 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। कुछ जिलों में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं। हैदराबाद और आसपास के जिलों में शनिवार रात से रविवार तक मूसलाधार बारिश हुई।
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