हिंदुस्तान

DPIIT सचिव ने झारखंड, सिक्किम, नागालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की

नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आधिकारिक बयान के अनुसार, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने झारखंड, सिक्किम, नागालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों में मेगा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
यह बैठक मंगलवार को हुई और इसमें केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और परियोजना समर्थकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) द्वारा सुगम अंतर-मंत्रालयी और राज्य समन्वय के माध्यम से मुद्दे के समाधान में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बयान के अनुसार, बैठक में झारखंड राज्य में 11 महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें सभी परियोजनाओं की कुल लागत 34,213 करोड़ रुपये से अधिक है, सिक्किम राज्य में 2 परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनकी कुल लागत 943.04 करोड़ रुपये है, नागालैंड राज्य में 2 परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनकी कुल लागत 544.65 करोड़ रुपये है, असम राज्य में 1 परियोजना की समीक्षा की गई, जिसकी कुल लागत 6,700 करोड़ रुपये है और अरुणाचल प्रदेश राज्य में 1 निजी परियोजना सहित 3 परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिसकी कुल लागत 33,469 करोड़ रुपये है।
झारखंड राज्य से संबंधित पतरातू थर्मल पावर स्टेशन विस्तार परियोजना चरण-I की विस्तार से समीक्षा की गई। इस परियोजना का कार्यान्वयन राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी)/पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीयूवीएनएल) के माध्यम से विद्युत मंत्रालय के अधीन किया जा रहा है। परियोजना का लक्ष्य चरणों में 4,000 मेगावाट की कुल क्षमता स्थापित करना है, जिसमें चरण I में 800 मेगावाट की तीन इकाइयाँ शामिल हैं, जो कुल मिलाकर 2,400 मेगावाट होंगी। यह ब्राउनफील्ड विस्तार परियोजना मौजूदा पतरातू थर्मल पावर स्टेशन की साइट पर स्थापित की जा रही है।
यह परियोजना सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित है, जो बेहतर दक्षता और कम उत्सर्जन को सक्षम बनाती है। विज्ञप्ति के अनुसार, संयंत्र के लिए पानी पास के नलकारी बांध से लिया जाएगा, जबकि कोयले की आपूर्ति एनटीपीसी के कैप्टिव कोल ब्लॉकों के माध्यम से सुरक्षित की गई है।
एनएचपीसी द्वारा विद्युत मंत्रालय के तहत विकसित की जा रही अरुणाचल प्रदेश में 2,880 मेगावाट की दिबांग जलविद्युत परियोजना में भारत का सबसे ऊँचा बाँध होगा और यह सालाना 11,223 मिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करेगी। फरवरी 2032 तक चालू होने के लिए निर्धारित, यह बाढ़ नियंत्रण में सहायता करेगी, राज्य को 13% मुफ्त बिजली प्रदान करेगी और नेट ज़ीरो लक्ष्यों का समर्थन करेगी।
MoRTH के तहत NHIDCL द्वारा विकसित नागालैंड में कोहिमा बाईपास रोड, कोहिमा शहर की भीड़भाड़ को कम करेगा, अंतर-राज्यीय और अंतर-राज्यीय संपर्क में सुधार करेगा और व्यापार, पर्यटन और क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देगा। दोनों परियोजनाएं सामाजिक-आर्थिक विकास और पूर्वोत्तर के चुनौतीपूर्ण इलाकों में बुनियादी ढांचे के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। बैठक के दौरान अरुणाचल प्रदेश राज्य में जियोएनप्रो पेट्रोलियम लिमिटेड की 1000 करोड़ रुपये की निजी क्षेत्र की परियोजना से संबंधित एक मुद्दे की भी समीक्षा की गई। DPIIT के सचिव ने राज्य सरकार को इस मामले को उच्च प्राथमिकता देने और परियोजना से संबंधित मुद्दों का समय पर समाधान सुनिश्चित करने के लिए जियोएनप्रो पेट्रोलियम लिमिटेड को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने की सलाह दी।
विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य सरकार को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सक्रिय उपाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे निजी क्षेत्र का विश्वास बढ़े और राज्य और देश भर में अनुकूल निवेश माहौल को बढ़ावा मिले। डीपीआईआईटी के सचिव ने परियोजना निगरानी के लिए संस्थागत ढांचे को बढ़ाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और संबंधित अधिकारियों को लंबित मुद्दों के समाधान में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया।
आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने परियोजना कार्यान्वयन में तेजी लाने और केंद्र सरकार, राज्य प्राधिकरणों और निजी हितधारकों के बीच सहयोग के माध्यम से अपनी चिंताओं का कुशल और समय पर समाधान सुनिश्चित करने के लिए परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) (https://pmg.dpiit.gov.in/) के इस विशेष तंत्र का लाभ उठाने वाले निजी समर्थकों के महत्व पर जोर दिया। (एएनआई)
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गुजरात के "आप" विधायक उमेश मकवाना ने पार्टी के पदों से दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। गुजरात के बोटाद निर्वाचन क्षेत्र के आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक उमेश मकवाना ने गुरुवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। अपने त्यागपत्र में मकवाना ने लिखा कि उनकी सामाजिक सेवाओं में कमी आई है, और वे पार्टी के लिए एक कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे। पत्र में लिखा है, "वर्तमान में, मेरी सामाजिक सेवाओं में कमी आ रही है, इसलिए मैं आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं पार्टी के लिए एक कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा।"
मकवाना ने कहा कि उन्होंने आप में शामिल होने के लिए भाजपा छोड़ दी, आगे उन्होंने कहा कि उनका इस्तीफा इसलिए आया क्योंकि उन्हें लगा कि आप बीआर अंबेडकर के सिद्धांतों से भटक रही है। उन्होंने कहा, "मैंने 20 साल तक भाजपा में अलग-अलग पदों पर काम किया। उस समय जब गुजरात में आप को कोई पहचानता भी नहीं था, तब मैंने सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन की थी। आज आप में मुझे लगता है कि हम डॉ. बीआर अंबेडकर के सिद्धांतों से भटक रहे हैं। यही कारण है कि मैंने आम आदमी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। मैं पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर काम करना जारी रखूंगा। मैं बोटाद के लोगों के बीच जाऊंगा। मैं कुछ लोगों से मिलकर अलग पार्टी बनाने या न बनाने पर चर्चा करूंगा..."
इससे पहले गुजरात के उपचुनाव में आप उम्मीदवार गोपाल इटालिया ने विसावदर सीट जीती थी, जबकि भाजपा के राजेंद्रकुमार (राजूभाई) दानेश्वर चावड़ा ने काडी सीट जीती थी। भयानी भूपेंद्रभाई गंडूभाई के इस्तीफे के बाद विसावदर सीट खाली हुई थी। विसावदर विधानसभा क्षेत्र जूनागढ़ जिले का हिस्सा है और जूनागढ़ लोकसभा क्षेत्र का एक हिस्सा है। विसावदर उपचुनाव में गोपाल इटालिया की जीत के बाद गुजरात आप अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने कहा कि 2027 में आप सरकार बनाएगी।
गढ़वी ने कहा कि यह विसावदर के लोगों की जीत है, जिसमें किसान, मजदूर और बेरोजगार युवा शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि यह गुजरात में आप के उदय की शुरुआत है और इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस नहीं बल्कि आप ही राज्य में भाजपा के प्रभुत्व को चुनौती दे सकती है। एक्स पर एक पोस्ट में आप गुजरात ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, "आम आदमी पार्टी की काम की राजनीति को चुनने के लिए विसावदर, भेंसन और जूनागढ़ गांवों के लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद।" (एएनआई)
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अब त्योहारी सीजन में बिहार के लोगों को मिलेगी बड़ी सुविधा

  • सीएम नीतीश कुमार ने उठाया ये कदम
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बताया कि सरकार ने राज्य से जुड़े सभी अंतर्राज्यीय मार्गों पर 299 एसी एवं नॉन-एसी बसों का परिचालन कराने जा रही है। उन्होंने यह कदम त्योहारी सीजन में घर जाने वाले बिहार के लोगों की सहूलियत को ध्यान में रख उठाया है।
मुख्यमंत्री ने इस कदम के बारे में अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग विभिन्न पर्व-त्योहारों, खासकर छठ, होली, दीपावली और दुर्गा पूजा के अवसर पर काफी संख्या में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और पश्चिम बंगाल से घर आते हैं। पर्व-त्योहारों के अवसर पर बिहार आने में लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार आने वाले लोगों की यात्रा को सुगम बनाने और उनकी सहूलियत के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में बिहार से जुड़े अंतर्राज्यीय मार्गों पर राज्य सरकार 299 एसी और नॉन-एसी बसों का परिचालन कराने जा रही है। 24 जून को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इसे स्वीकृति दे दी गई है। राज्य सरकार 75 वातानुकूलित और 74 डीलक्स बसों की खरीद पर 105.82 करोड़ रुपए खर्च करेगी। साथ ही लोक-निजी भागीदारी के अंतर्गत भी 150 अतिरिक्त एसी बसों का परिचालन कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार पर्व-त्योहारों, खासकर छठ, होली, दीपावली एवं दुर्गा पूजा के अवसर पर केंद्र सरकार से भी और अधिक विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध करेगी। उन्होंने कहा कि इससे पर्व-त्योहारों के समय लोगों को अब बिहार आने में सहूलियत होगी और वे सुविधापूर्वक अपने घर पहुंच सकेंगे।
बता दें कि 24 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुई बैठक में कुल 46 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी। बैठक में 'मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना' को स्वीकृति प्रदान की गई थी। इस योजना के लिए 40 अरब 26 करोड़ से ज्यादा की राशि से 8,053 ग्राम पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से विवाह मंडप निर्माण कराया जाएगा।
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कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को पत्र लिख मांगा मतदाताओं से जुड़ा डेटा

  • कहा- ‘निर्वाचन आयोग के साथ सहयोग करेंगे’
नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 पर चर्चा की मांग को लेकर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को निमंत्रण दिया है। आयोग के निमंत्रण पर अब कांग्रेस पार्टी के ईगल (नेताओं और विशेषज्ञों का सशक्त कार्य समूह) की ओर से बयान आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व सूचियों और फुटेज प्राप्त होने के बाद निर्वाचन आयोग से मिलने को तैयार है। उस बैठक में हम अपने विश्लेषण के निष्कर्ष भी आपके सामने प्रस्तुत करेंगे।
ईगल ने चुनाव आयोग के सचिवालय के सचिव अश्विनी कुमार मोहल को पत्र लिखकर कहा, "हम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा बनाया गया एक समूह हैं, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से भारत के निर्वाचन आयोग के साथ समन्वय करने का कार्य करता है। हम आपके 12.06.2025 को विपक्ष के नेता राहुल गांधी को लिखे पत्र के जवाब में लिख रहे हैं, जिसमें आपने महाराष्ट्र 2024 विधानसभा चुनाव के बारे में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा के लिए मिलने का प्रस्ताव दिया था।"
उन्होंने इसमें आगे कहा, "जैसा कि आप जानते हैं कि दिसंबर 2024 से कई पत्रों, याचिकाओं, इंडिया गठबंधन की पार्टियों के नेताओं द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस, लेखों और लोकसभा में माननीय विपक्ष के नेता के भाषणों के माध्यम से हमने 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या में अचानक और भारी वृद्धि तथा चुनाव के दिन शाम 5 बजे के बाद मतदान में अस्पष्ट वृद्धि के बारे में तथ्यात्मक मुद्दे उठाए हैं। निर्वाचन आयोग के अपने डेटा से यह पता चलता है कि मई 2024 में हुए महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव और नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के बीच जितने नए मतदाता जोड़े गए, उतने पिछले पांच वर्षों (2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से 2024 लोकसभा चुनाव तक) में नहीं जोड़े गए थे। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ और यह सामान्य समझ और तर्क के खिलाफ है। ये नए मतदाता कौन हैं और ये कहां से आए?"
इस पत्र में पूछा गया, "महाराष्ट्र 2024 लोकसभा और विधानसभा चुनावों की अंतिम मतदाता सूचियों की तुलना करना इस मामले की गहन जांच का पहला कदम है, जिसे कोई भी तर्कसंगत व्यक्ति स्वीकार करेगा। पिछले सात महीनों से कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी इन दोनों मतदाता सूचियों की डिजिटल, मशीन-पठनीय (मशीन-रीडेबल) प्रति की डिमांड कर रहे हैं ताकि सटीक तुलना की जा सके। यह आश्चर्यजनक और उलझन में डालने वाला है कि निर्वाचन आयोग ने इन दो मतदाता सूचियों को प्रदान करने के अलावा हर तरह के जवाब मीडिया में जानकारी लीक करने और बदनामी जैसे कदम उठाए हैं। आप हमारी मांग के अनुसार अंतिम मतदाता सूचियां क्यों नहीं दे रहे? इतने लंबे समय तक इस मांग से बचने के कारण हमें यह तार्किक सवाल पूछना पड़ रहा है। आपके पास ये मतदाता सूचियां हैं या नहीं? इस संदर्भ में मतदान के दिन का वीडियो फुटेज न देना और अधिक संदेह और शंका को जन्म देता है।"
ईगल ने कहा, "मतदाताओं को जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया के लंबे-चौड़े जवाब देना, किसी राजनीतिक दल की संगठनात्मक कार्यप्रणाली पर दोषारोपण करना, या यह दावा करना कि ये मतदाता सूचियां व्यक्तिगत उम्मीदवारों को दी गई थीं, न तो उपयोगी है और न ही रचनात्मक। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस पत्र की तारीख से एक सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र और हरियाणा के मतदान के दिन की मतदाता सूचियों की मशीन-पठनीय , डिजिटल प्रति और वीडियो फुटेज प्रदान करें। यह एक लंबे समय से चली आ रही मांग है, जिसे निर्वाचन आयोग के लिए पूरा करना आसान होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व इन सूचियों और फुटेज के प्राप्त होने के बाद निर्वाचन आयोग से मिलने को तैयार है। उस बैठक में हम अपने विश्लेषण के निष्कर्ष भी आपके सामने प्रस्तुत करेंगे। भारत को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक, स्वतंत्र गणराज्य बनाने में मदद करने वाली पार्टी के रूप में हम निर्वाचन आयोग के साथ सहयोग करेंगे, ताकि हमारी चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत किया जा सके। इसी तरह, भारत की वैश्विक छवि को एक मजबूत लोकतंत्र के रूप में बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि निर्वाचन आयोग भारत के एक अरब मतदाताओं और राजनीतिक दलों का पूर्ण विश्वास और भरोसा हासिल करे।"
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अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर आज पहुंचेंगे शुभांशु शुक्ला, पृथ्वी की कर रहे परिक्रमा

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बनने की दहलीज पर हैं। शुभांशु शुक्ला अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के तीन अन्य लोगों के साथ गुरुवार सुबह 7 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे) अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे।
लखनऊ में जन्मे शुक्ला की उड़ान फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से सुबह 2:31 बजे ईडीटी (भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजे) पर फाल्कन 9 रॉकेट पर एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में लॉन्च हुई थी।
नासा ने एक अपडेट में बताया, "बुधवार को 2:31 बजे ईडीटी पर कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होने के बाद स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर बढ़ रहा है, जिसमें एक्सिओम मिशन 4 के चालक दल के चार सदस्य हैं।"
ड्रैगन में एक्स-4 कमांडर पैगी व्हिटसन, पायलट शुभांशु शुक्ला और मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विज्निएव्स्की और टिबोर कपू सवार हैं। नासा ने कहा कि यह गुरुवार सुबह 7 बजे हार्मनी मॉड्यूल के अंतरिक्ष-सामने वाले पोर्ट पर डॉक करेगा। 41 साल बाद भारत का एक अंतरिक्ष यात्री फिर से अंतरिक्ष में है। शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय होंगे।
आईएसएस जाते समय अपने संदेश में शुक्ला ने कहा, "नमस्ते, मेरे प्यारे देशवासियों। क्या सफर है। 41 साल बाद हम फिर से अंतरिक्ष में हैं। यह एक शानदार अनुभव है। हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं।"
शुक्ला ने कहा, "यह केवल मेरी यात्रा नहीं है। मैं अपने साथ भारतीय तिरंगा ले जा रहा हूं। यह भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम की यात्रा है।" शुभांशु शुक्ला अपने साथ गाजर का हलवा, मूंग दाल हलवा और आम का रस ले गए हैं, ताकि अंतरिक्ष में घर के खाने की क्रेविंग को शांत कर सकें और अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इसे बांट सकें।
एक्सिओम-4 मिशन न केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि भारत की वैश्विक तकनीकी शक्ति के रूप में उभरती स्थिति का प्रमाण है। यह देश की अंतरिक्ष नवाचार में नेतृत्व करने, स्थिरता को बढ़ावा देने और वैश्विक मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता को दर्शाता है।
आईएसएस पर सवार होने के बाद शुभांशु शुक्ला भोजन और अंतरिक्ष पोषण से संबंधित प्रयोग करेंगे। ये प्रयोग इसरो और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के सहयोग से नासा के समर्थन के साथ विकसित किए गए हैं। इनका उद्देश्य लंबी अवधि अंतरिक्ष यात्रा के लिए महत्वपूर्ण टिकाऊ जीवन-रक्षा प्रणालियों की समझ को बढ़ाना है।
शोध में सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण और अंतरिक्ष विकिरण के खाद्य सूक्ष्म शैवालों पर प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा, जो भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर, उच्च क्षमता वाला खाद्य स्रोत है। प्रयोग में प्रमुख विकास मापदंडों का मूल्यांकन किया जाएगा और विभिन्न शैवाल प्रजातियों में अंतरिक्ष में होने वाले ट्रांसक्रिप्टोमिक, प्रोटीओमिक और मेटाबोलोमिक परिवर्तनों की तुलना पृथ्वी पर उनके व्यवहार से की जाएगी।
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बेटे को अंतरिक्ष की उड़ान भरते देख झूम उठा शुभांशु शुक्ला का परिवार

  • पिता का सीना चौड़ा, मां हुईं भावुक
लखनऊ। एक्सिओम-4 मिशन के साथ भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर पूरा देश गर्व कर रहा है। बेटे को अंतरिक्ष के सफर पर जाता देखकर उनकी मां आशा शुक्ला उड़ान के समय भावुक हो गईं। पिता का सीना चौड़ा था और वह खुशी से झूम रहे थे। परिवार ने जश्न मनाने के साथ शुभांशु शुक्ला के सफल मिशन की प्रार्थना की।
लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला के परिवार ने फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से एक्सिओम 4 का प्रक्षेपण देखा। मिशन के उड़ान भरने पर शुभांशु शुक्ला के माता-पिता और रिश्तेदार जश्न मनाते हुए नजर आए। मिशन की लॉन्चिंग के समय शुभांशु की मां आशा शुक्ला भावुक थीं। उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे। अपने बेटे को अंतरिक्ष में उड़ान भरते देखकर वह अपने आंसुओं को रोक नहीं पाईं।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने कहा कि आज कुछ कहने के लिए शब्द नहीं हैं। बहुत खुशी का दिन है। महीनेभर से इस पल का इंतजार हो रहा था। अपने बेटे को देखकर थोड़ा भावुक हूं। प्रार्थना है कि वह सफल होकर अंतरिक्ष से लौटे।
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा कि हम बहुत खुश हैं। भगवान का धन्यवाद देते हैं। भगवान से प्रार्थना करते हैं कि ये मिशन सफल रहे। शुभांशु की बहन शुचि मिश्रा ने कहा, "शायद सिर्फ आंसू ही उस पल को बयां कर सकते हैं, क्योंकि मैं वास्तव में इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती। मैं बस यही चाहती हूं कि उनके लिए सब कुछ ठीक हो और वह सुरक्षित वापस लौट आएं।" शुभांशु के परिवार की एक महिला ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं और हम नाच रहे हैं।
शुभांशु शुक्ला की उड़ान राकेश शर्मा के बाद 41 साल में भारत की अंतरिक्ष में वापसी का प्रतीक है। पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत संघ के अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी।
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एक भारतीय की सितारों तक की यात्रा पर गर्व है : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  • एक्सिओम-4 मिशन का सफल प्रक्षेपण
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला द्वारा संचालित एक्सिओम-4 मिशन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं, जिसे आज अमेरिका के फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि पूरा देश एक भारतीय की सितारों तक की यात्रा से उत्साहित और गौरवान्वित है।
"ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए अंतरिक्ष में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है, पूरा देश एक भारतीय की सितारों तक की यात्रा से उत्साहित और गौरवान्वित है। राष्ट्रपति मुर्मू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "वह और अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के एक्सिओम मिशन 4 के उनके साथी अंतरिक्ष यात्री यह साबित करते हैं कि दुनिया वास्तव में एक परिवार है - 'वसुधैव कुटुम्बकम'।" "इस मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं, जो नासा और इसरो के बीच स्थायी साझेदारी को दर्शाता है। पोस्ट में आगे लिखा गया है, "चालक दल द्वारा किए जाने वाले व्यापक प्रयोग वैज्ञानिक अध्ययन और अंतरिक्ष अन्वेषण के नए आयाम स्थापित करेंगे।"
एक्सिओम-4 मिशन का संचालन कर रहे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि भारत 41 साल बाद अंतरिक्ष में वापस लौट रहा है और इसे "अद्भुत यात्रा" कहा। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है, उन्होंने कहा कि भारतीयों का सीना "गर्व से फूल जाना चाहिए"। एक्सिओम मिशन 4 का एक्सिओम फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर 2:31 बजे पूर्वी समय (12 बजे IST) लॉन्च किया गया।
ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अपनी टिप्पणी में शुक्ला ने कहा, "नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों, क्या यात्रा थी। हम 41 साल बाद एक बार फिर अंतरिक्ष में वापस आ गए हैं। यह एक अद्भुत यात्रा है। हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। मेरे कंधों पर लगा तिरंगा मुझे बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूँ। मेरी यह यात्रा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की शुरुआत नहीं है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। मैं चाहता हूँ कि आप सभी इस यात्रा का हिस्सा बनें। आपका सीना भी गर्व से चौड़ा होना चाहिए। आप सभी में भी उत्साह दिखना चाहिए। आइए, हम सब मिलकर भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत करें। जय हिंद! जय भारत!"
ग्रुप कैप्टन शुक्ला के लिए, यह भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा की तरह ही एक मौका होगा, जिन्होंने 3 अप्रैल 1984 को सोवियत इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के तहत सोयूज टी-11 पर उड़ान भरी थी। शर्मा ने सैल्यूट 7 अंतरिक्ष स्टेशन पर सात दिन अंतरिक्ष में बिताए थे।
यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है। चालक दल एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर परिक्रमा प्रयोगशाला की यात्रा कर रहा है। लक्षित डॉकिंग समय गुरुवार, 26 जून को लगभग सुबह 7 बजे पूर्वी समय (शाम 4 बजे IST) है।
एक बार डॉक हो जाने के बाद, अंतरिक्ष यात्री परिक्रमा प्रयोगशाला में 14 दिन तक बिताने की योजना बनाते हैं, जिसमें विज्ञान, आउटरीच और वाणिज्यिक गतिविधियों से युक्त एक मिशन का संचालन किया जाता है। नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान के निदेशक पैगी व्हिटसन मिशन की कमान संभाल रहे हैं, जबकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में काम कर रहे हैं।
दो मिशन विशेषज्ञ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी परियोजना के अंतरिक्ष यात्री स्लावोज़ हैं। पोलैंड के उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के तिबोर कापू। अंतरिक्ष यात्री नए एक्सिओम एक्स्ट्रावेहिकुलर मोबिलिटी यूनिट (एक्सईएमयू) स्पेससूट का उपयोग कर रहे हैं, जो उन्हें अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए उन्नत क्षमताएँ प्रदान करता है, साथ ही नासा को चंद्रमा पर और उसके आसपास पहुँचने, रहने और काम करने के लिए आवश्यक व्यावसायिक रूप से विकसित मानव प्रणालियाँ प्रदान करता है। (एएनआई)
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अंतरिक्ष के माध्यम से भारत के विकसित भारत के शिखर पर पहुंचने की शुरुआत हुई है : जितेंद्र सिंह

  • Axiom4 मिशन के सफलतापूर्वक उड़ान भरने बाद के केंद्रीय मंत्री ने कहा
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला द्वारा संचालित एक्सिओम 4 मिशन द्वारा आईएसएस पर सफलतापूर्वक उड़ान भरने की सराहना करते हुए कहा कि "भारत के विकसित भारत के शिखर पर पहुंचने की शुरुआत अंतरिक्ष के माध्यम से हुई है।"
केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जो "संभवतः" एक्सिओम 4 मिशन के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं और भारतीय संस्थानों द्वारा डिजाइन किए गए सात महत्वपूर्ण प्रयोग करेंगे।
भारत के विकसित भारत के शिखर पर पहुंचने की शुरुआत अंतरिक्ष के माध्यम से हुई है। शुभांशु शुक्ला संभवतः इस मिशन के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं क्योंकि वे भारतीय संस्थानों द्वारा डिजाइन किए गए सात महत्वपूर्ण प्रयोग करेंगे। ये दुनिया भर की सभी एजेंसियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे", जितेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा। सिंह ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक पिता विक्रम साराभाई और सतीश धवन के प्रयासों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह उनकी "पुष्टि" थी कि मिशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में होना था। "यह वास्तव में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक पिता विक्रम साराभाई और सतीश धवन की पुष्टि है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे संस्थापक पिताओं की यह पुष्टि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में होनी चाहिए।
जितेंद्र सिंह को भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन, फ्रांसेस एडमसन एसी, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर और अन्य लोगों को एक्सिओम 4 मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद मिठाई बांटते देखा गया। एक्सिओम मिशन 4 को फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर 2:31 बजे पूर्वी समय (दोपहर 12 बजे IST) लॉन्च किया गया। यह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है। चालक दल एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर परिक्रमा प्रयोगशाला की यात्रा कर रहा है। लक्षित डॉकिंग समय गुरुवार, 26 जून को लगभग सुबह 7 बजे पूर्वी समय (शाम 4 बजे IST) है।
एक बार डॉक हो जाने के बाद, अंतरिक्ष यात्री परिक्रमा प्रयोगशाला में 14 दिन तक बिताने की योजना बनाते हैं, जिसमें विज्ञान, आउटरीच और वाणिज्यिक गतिविधियों से युक्त मिशन का संचालन किया जाता है। पैगी व्हिटसन, नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष यान के निदेशक, मिशन की कमान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के हाथों में है, जबकि पायलट के रूप में काम कर रहे हैं। दो मिशन विशेषज्ञ यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी परियोजना के अंतरिक्ष यात्री पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कपू हैं। अंतरिक्ष यात्री नए एक्सिऑम एक्स्ट्रावेहिकुलर मोबिलिटी यूनिट (एक्सईएमयू) स्पेससूट का उपयोग कर रहे हैं जो उन्हें अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए उन्नत क्षमताएँ प्रदान करता है जबकि नासा को चंद्रमा पर और उसके आसपास पहुँचने, रहने और काम करने के लिए आवश्यक व्यावसायिक रूप से विकसित मानव प्रणालियाँ प्रदान करता है। उन्नत स्पेससूट सुनिश्चित करते हैं कि अंतरिक्ष यात्री उच्च प्रदर्शन वाले, मजबूत उपकरणों से लैस हों और चालक दल के सदस्यों की एक विस्तृत श्रृंखला को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हों।
एक्स-4 मिशन प्रमुख शोध करने जा रहा है। शोध पूरक में अमेरिका, भारत, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, यूएई और यूरोप भर के देशों सहित 31 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियाँ शामिल हैं। यह अब तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक्सिऑम स्पेस मिशन पर की गई सबसे अधिक शोध और विज्ञान संबंधी गतिविधियाँ होंगी। नासा और इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) कई वैज्ञानिक जांच शुरू करने के लिए सहयोग कर रहे हैं। (एएनआई)
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Axiom-4 Mission : आसमान को चीरता रॉकेट अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना

  • शुभांशु शुक्ला का पहला संदेश आया
Axiom-4 Mission : भारत के शुभांशु शुक्ला के साथ ही तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर एक्सिओम-4 मिशन, कैनेडी स्पेस सेंटर के कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भर चुका है. स्पेसक्राफ्ट ने ठीक दोपहर 12.01 बजे (भारतीय समयानुसार) उड़ान भरी. स्पेसक्राफ्ट के अंदर से शुभांशु शुक्ला ने पहला मैसेज दिया. उन्होंने कहा कि नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियो, what a ride... 41 साल बाद हम वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं. और कमाल की राइड थी. इस समय हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी के चारों तरफ घूम रहे हैं. मेरे कंधे पर मेरे साथ मेरा तिरंगा है, जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं, मैं आप सबके साथ हूं.
शुभांशु शुक्ला ने स्पेसक्राफ्ट के अंदर से कहा कि ये मेरी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक की जर्नी की शुरुआत नहीं है, ये भारत की ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की शुरुआत है. और मैं चाहता हूं कि सभी देशवासी इस यात्रा का हिस्सा बनें. आपका भी सीना गर्व से चौड़ा होना चाहिए. आप भी उतना ही एक्साइटमेंट दिखाइए. आइए हम सब मिलकर भारत की इस ह्यूमन स्पेस जर्नी की शुरुआत करें. धन्यवाद, जय हिंद, जय भारत.
बता दें कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचने के बाद वे स्टेशन का दौरा करने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे और राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे. 28 घंटे की यात्रा के बाद अंतरिक्ष यान के गुरुवार शाम करीब 04:30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉक होने की उम्मीद है.
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Axiom-4 मिशन लॉन्च, शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, अंतरिक्ष के लिए रवाना

Axiom-4 Mission : भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेश सेंटर यानी ISS की ओर रवाना हो गए हैं. Axiom-4 में भारत के लाल शुभांशु शुक्ला के साथ उनके तीन और साथी स्पेसएक्स के ड्रैगन एयरक्राफ्ट से अंतरिक्ष के लिए रवाना हो गए हैं.
शुभांशु दोपहर 12:01 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हो गए. वह 28 घंटे की यात्रा करके कल शाम भारतीय समय के मुताबिक करीब 4:30 बजे इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन में डॉकिंग करेंगे. शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय हैं, जो इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन में कदम रखेंगे. वह वहां 14 दिनों तक रहेंगे और रिसर्च करेंगे.
यह मिशन छह बार टलने के बाद आज आखिरकार फाइनल हो गया और स्पेस-एक्स ने बताया कि लॉन्च के लिए मौसम अनुकूल है. अंतरिक्ष में उड़ान भरने को तैयार कैप्टन शुभांशु की पहले तस्वीर सामने आई है, जिसमें वह एस्ट्रोनॉट की ड्रेस में दिख रहे हैं.
अंतरिक्ष में रहेंगे दो हफ्ते
डॉकिंग के बाद, चारों अंतरिक्ष यात्री करीब दो हफ्ते तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे और वहां वैज्ञानिक अनुसंधान, शिक्षा, वाणिज्यिक परियोजनाओं और STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) गतिविधियों में भाग लेंगे.
यह मिशन भारत और ISRO के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है और वैश्विक सहयोग से अंतरिक्ष अनुसंधान में नए आयाम खोलने की उम्मीद है.
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इमरजेंसी के 50 साल: दिल्ली में प्रदर्शनी का आयोजन

  • सीएम रेखा गुप्ता बोलीं- आपातकाल भारतीय इतिहास का काला दिन
नई दिल्ली। देश में इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर नई दिल्ली के कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद और कपिल मिश्रा मौजूद रहे।
सीएम रेखा गुप्ता ने कार्यक्रम के दौरान इमरजेंसी को याद किया और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "जो लोग आज संविधान की कॉपियां लेकर जेब में घूमते हैं और दावा करते हैं कि संविधान को दबाया जा रहा है। मैं उनसे कहना चाहती हूं पूरा देश गवाह है कैसे उनको पूर्वजों ने संविधान को दबाया और कुचला। पूरा देश इसका गवाह है।"
उन्होंने कहा, "यह हमारे इतिहास का एक काला अध्याय था, जब लोकतंत्र को कुचला गया। ऐसे समय में जब देश गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जूझ रहा था, एक निकम्मी सरकार अपनी सत्ता बचाने में व्यस्त थी। सच्चा लोकतंत्र तब होता जब इंदिरा गांधी इस्तीफा देतीं, लोगों को सत्ता वापस सौंपती और माफी मांगती।"
इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "लोकतंत्र की हत्या को 50 साल बीत चुके हैं। मुझे उन लोगों पर हंसी और गुस्सा दोनों आ रहा है, जो आज भी लोकतंत्र को जेब में रखते हैं और दूसरों को इसकी रक्षा करने का उपदेश देते हैं। मैं उनसे कहना चाहती हूं कि लोकतंत्र की हत्या करने वाले आपके ही पूर्वज थे। भारतीय इतिहास में संविधान का गला घोंटने वाले दिन से ज्यादा काला दिन कोई नहीं हो सकता है। आज वे अपनी जेब में संविधान की कॉपी रखकर घूमते हैं और कहते हैं कि लोकतंत्र को बचाओ।"
इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "आपातकाल को अब 50 साल हो गए हैं और एक बड़ी पीढ़ी ऐसी है, जिसने इसे कभी नहीं देखा। मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि आज 70 या उससे अधिक उम्र के लोगों ने आपातकाल को झेला है, इसे करीब से झेला है और अत्याचारों को खुद देखा है। उस दौरान किए गए अत्याचार और अन्याय की सीमा को बताने के लिए पर्याप्त समय नहीं है।"
दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आपातकाल देश के इतिहास पर काला धब्बा है। ये उन लोगों की असलियत सामने लाता है, जो जेब में संविधान की लाल किताब रखकर चलते हैं और कहते हैं कि संविधान खतरे में हैं। उन्होंने (कांग्रेस) हजारों लोगों की हत्या की, लाखों लोगों को जेल में डाल दिया और इस पर उन्होंने आज तक माफी नहीं मांगी है।
दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, "यह प्रदर्शनी दिल्ली सरकार द्वारा लगाई गई है। मनोहर लाल और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अभी-अभी इसका जनता के लिए उद्घाटन किया है। प्रदर्शनी का उद्देश्य आपातकाल के दौरान किए गए अत्याचारों को प्रदर्शित करना है। इसका एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश उस दौरान हुई लोकतंत्र और संविधान की हत्या को कभी न भूले और उससे मिले सबक को हमेशा याद रखे।"
आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "आपातकाल को 50 साल हो गए हैं। कांग्रेस, गांधी परिवार और इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए जो किया, वह पाप था। आज हम राजीव गांधी पार्क में इसे याद कर रहे हैं, ताकि लोग उनके कुकर्मों को न भूलें। आज भी उनके अंदर एक खतरनाक मानसिकता है, जो कभी भी वापस आ सकती है। इसलिए हाल ही में संजय राउत ने भी आपातकाल को सही ठहराया। यह उनके अंदर समाया हुआ पाप है। हमें डर है कि यह बुराई फिर से उभर सकती है, इसलिए हर पीढ़ी को आपातकाल के अत्याचारों को याद रखना चाहिए और यह भी कि कैसे हमारे बुजुर्गों को जेल में डाला गया था।"
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आपातकाल के 50 साल : भाजपा मना रही संविधान हत्या दिवस

  • कहा- कांग्रेस की आज भी वही मानसिकता
नई दिल्ली। देश में इमरजेंसी के 50 साल पूरे हो गए हैं और इस दिन को भाजपा ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रही है। इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने बयान दिया। उन्होंने इमरजेंसी को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "‘आपातकाल’ कांग्रेस की सत्ता की भूख का ‘अन्यायकाल’ था। 25 जून 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया। यह दिवस बताता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है, तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है। आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का परिचायक था। प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई, न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया। देशवासियों ने ‘सिंहासन खाली करो’ का शंखनाद किया और तानाशाह कांग्रेस को उखाड़ फेंका। इस संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, "आज से 50 साल पहले भारतीय लोकतंत्र का आपातकाल के माध्यम से गला घोंटने का कुत्सित प्रयास किया गया था। आपातकाल को लोग आज भी भारतीय लोकतंत्र के सबसे काले अध्याय के रूप में याद रखते हैं। संविधान को दरकिनार करते हुए जिस तरीके से देश पर आपातकाल थोपा गया वह सत्ता के दुरुपयोग और तानाशाही का बहुत बड़ा उदाहरण है। तमाम विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। ऐसी कोई संवैधानिक संस्था नहीं बची थी, जिसका गलत इस्तेमाल न किया गया हो। मगर इस देश में जो लोकतांत्रिक परंपराएं रही हैं, उनको चाह कर भी तत्कालीन सरकार मिटा नहीं पाई। आज भारत में लोकतंत्र जीवित है, इसके लिए आपातकाल में जिन्होंने भी संघर्ष किया, जेल काटी और यातनाएं सहीं, उन सभी का बहुत बड़ा योगदान है। भारत की आने वाली पीढ़ियां उनका योगदान कभी भुला नहीं सकतीं।"
उन्होंने आगे कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने का निर्णय लिया है, ताकि हर देशवासी को स्मरण रहे कि तानाशाही कैसे लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास करती है।" भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, "25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘आंतरिक अशांति’ का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोप कर देश के संविधान की हत्या कर दी थी। 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है; उसकी नीयत आज भी वैसी ही तानाशाही वाली है।"
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर कहा, "50 साल पहले कांग्रेस द्वारा किए गए अत्याचारों को हमारे प्रधानमंत्री ने याद किया है। उस समय लगाया गया आपातकाल हमारे लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय है।"
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, "जब सत्ता डगमगाई, तो संविधान को कुचल दिया। अपने भविष्य के लिए, पूरे देश का वर्तमान बंधक बना लिया। लोकतंत्र की हत्या कर, अभिव्यक्ति को कैद किया और देश पर तानाशाही का अंधेरा थोप दिया। 25 जून, 1975 वो काला दिन जब 'मैं' का अहंकार 'हम' की आजादी पर भारी पड़ा। याद रखेगा भारत."

 

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PM मोदी ने 'द इमरजेंसी डायरीज' में बयां किया आपातकाल का अपना सफर

  • 1975 की इमरजेंसी के 50 साल
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर अपनी भूमिका से जुड़ी एक किताब को सोशल मीडिया पर साझा किया है। उन्होंने ‘द इमरजेंसी डायरीज’ में आपातकाल (1975-1977) के दौरान अपने सफर को साझा किया है।
पीएम मोदी ने 'एक्स' पर लिखा, "आपातकाल के दौरान मैं एक युवा आरएसएस प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए एक बड़ा सीखने का अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को संरक्षित रखने की महत्ता को और मजबूत किया। साथ ही, मुझे विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं के लोगों से बहुत कुछ सीखने का मौका मिला।"
उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना एचडी देवेगौड़ा ने लिखी है, जो स्वयं आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक मजबूत नेता रहे हैं। ‘द इमरजेंसी डायरीज’ में मैंने आपातकाल (1975-1977) के दौरान के अपने सफर को साझा किया है। इसने उस समय की कई यादें ताजा कर दी। मैं उन सभी लोगों से आग्रह करता हूं, जिन्हें आपातकाल के वो काले दिन याद हैं या जिनके परिवारों ने उस समय कष्ट झेले, वे अपने अनुभव सोशल मीडिया पर साझा करें। इससे युवाओं में उस शर्मनाक दौर के बारे में जागरूकता बढ़ेगी।"
इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 25 जून 2024 को आपातकाल के काले दिनों को याद करते हुए दिए बयान का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया, "भारत की नई पीढ़ी को कभी नहीं भूलना चाहिए कि कैसे संविधान को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया, उसे तार-तार किया गया और देश को एक जेल में बदल दिया गया, जहां लोकतंत्र को पूरी तरह कुचल दिया गया।"
इस किताब में आगे बताया गया, "1970 के दशक के मध्य में जब भारत आपातकाल की लोहे की जंजीरों में जकड़ा था, लोकतंत्र कैद में था। उस समय नरेंद्र मोदी, जो तब एक युवा संघ प्रचारक थे, कई अन्य प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ इंदिरा गांधी के तानाशाही शासन के खिलाफ खड़े होने वाले नेताओं की पहली पंक्ति में थे। यह पुस्तक भारतीय लोकतंत्र के सबसे अंधेरे दौर के दौरान उनके अनकहे अनुभवों को उजागर करती है। आपातकाल के दौरान पीएम मोदी का सफर सत्तावाद के खिलाफ संघर्ष की एक अनूठी, जमीनी कहानी प्रस्तुत करता है। उनकी गुप्त गतिविधियों, खतरों से बाल-बाल बचने, और लोकतंत्र को बहाल करने की अटूट प्रतिबद्धता को इस किताब में देखा जा सकता है, जो उस डर और दमन के माहौल में उनके कार्यों को दर्शाती है।"
यह भी बताया गया, "उनकी आत्मकथा ‘संघर्ष मा गुजरात’ और अन्य प्रत्यक्षदर्शी विवरणों के आधार पर यह पुस्तक भारत के इतिहास के एक महत्वपूर्ण क्षण को रोशनी में लाती है और उस नेता के जीवन के एक रचनात्मक अध्याय को सामने लाती है, जो आज विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के सर्वोच्च पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। यह कहानी है दृढ़ता, चतुराई और संविधान में निहित लोकतांत्रिक आदर्शों व संस्थानों को संरक्षित करने की अटल निष्ठा की। यह एक प्रमाण है कि कैसे मोदी जैसे मेहनती युवा कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में जनता के संकल्प ने एक ऐसे आंदोलन को आकार दिया, जिसने राष्ट्र के भाग्य को बदल दिया।"
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लोकतंत्र का काला अध्याय है आपातकाल : PM नरेंद्र मोदी

  • इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर बोले प्रधानमंत्री
नई दिल्ली। देश में इमरजेंसी के आज 50 साल पूरे हो गए हैं। आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने इमरजेंसी के दौरान संघर्ष करने वालों को सलाम किया और कहा कि आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज भारत के लोकतंत्र के सबसे अंधेरे अध्याय, आपातकाल की घोषणा के 50 साल पूरे हुए हैं। इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जाता है। उस दिन भारतीय संविधान के मूल्यों को कुचला गया, मौलिक अधिकार छीन लिए गए, प्रेस की आजादी खत्म कर दी गई और कई राजनीतिक नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र और आम नागरिक जेल में डाल दिए गए। ऐसा लगा मानो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को ही कैद कर लिया था।"
उन्होंने इमरजेंसी के दौरान संघर्ष करने वालों को नमन किया और कहा, "हम उन सभी लोगों को नमन करते हैं, जिन्होंने आपातकाल के खिलाफ डटकर संघर्ष किया। ये लोग देश के हर कोने से, हर वर्ग से, अलग-अलग विचारधाराओं से थे, जिन्होंने एक ही लक्ष्य के लिए साथ मिलकर काम किया- भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने की रक्षा और स्वतंत्रता सेनानियों के आदर्शों को बचाना। उनके सामूहिक संघर्ष ने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें उन्हें करारी हार मिली।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "हम अपने संविधान के सिद्धांतों को मजबूत करने और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए एक साथ काम करने की प्रतिबद्धता दोहराते हैं। हम नई ऊंचाइयों को छुएं और गरीबों व वंचितों के सपनों को पूरा करें।"
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा, "25 जून 1975 की मध्य रात्रि को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 'आंतरिक अशांति' के बहाने भारत पर आपातकाल लगाया, जिससे देश के संविधान की हत्या हुई। 50 साल बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है, उसके इरादे अभी भी पहले की तरह तानाशाही हैं।"

 

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नेहा हत्याकांड का खुलासा, बुर्का में तौफीक था, छत से दिया था धक्का

दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली के थाना ज्योति नगर इलाके में 19 वर्षीय युवती नेहा की दर्दनाक हत्या के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. नेहा को कथित रूप से बुर्का पहनकर बिल्डिंग में दाखिल हुए तौफीक नाम के युवक ने छत से नीचे फेंक दिया था, जिससे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अब पुलिस ने आरोपी तौफीक को उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के टांडा से गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक, 23 जून सुबह करीब 8:30 बजे सूचना मिली कि अशोक नगर इलाके में एक लड़की छत से गिर गई है. मौके पर पहुंची पुलिस टीम को बताया गया कि घायल युवती को उसके पिता जीटीबी अस्पताल ले गए हैं. बाद में जांच के दौरान सामने आया कि 19 वर्षीय नेहा को जानबूझकर छत से धक्का दिया गया था. परिजनों और चश्मदीदों के बयान के आधार पर पता चला कि तौफीक बुर्का पहनकर नेहा के घर की बिल्डिंग में दाखिल हुआ था, और छत पर दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ, जिसके बाद उसने नेहा को नीचे फेंक दिया.
थाना ज्योति नगर पुलिस ने मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109(1)/351(2) के तहत मामला दर्ज किया. सीसीटीवी फुटेज, फोन कॉल रिकॉर्ड, और अन्य तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर तौफीक की पहचान की गई. इसके बाद दिल्ली पुलिस की कई टीमें लगाई गईं और आरोपी को रामपुर के टांडा से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस का कहना है कि तौफीक से पूछताछ की जा रही है और यह जानने की कोशिश की जा रही है कि घटना की पूर्व नियोजित साजिश थी या आपसी बहस में यह कदम उठाया गया. नेहा की मौत ने इलाके में गुस्से और आक्रोश की लहर पैदा कर दी है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि आरोपी पहले से नेहा को परेशान कर रहा था और पहले भी धमकियां दी थीं.
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भारत ने पहली बार वैश्विक सतत विकास लक्ष्य रैंकिंग में शीर्ष 100 देशों में जगह बनाई

नई दिल्ली। भारत ने पहली बार वैश्विक सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) रैंकिंग में शीर्ष 100 देशों में जगह बनाई है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रगति के लिए मूल्यांकन किए गए 167 देशों में भारत ने स्थान प्राप्त किया है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क की 10वीं और नवीनतम सतत विकास रिपोर्ट (एसडीआर) के अनुसार, भारत 2025 एसडीजी सूचकांक में 67 अंकों के साथ 99वें स्थान पर है, जबकि चीन 74.4 अंकों के साथ 49वें और अमेरिका 75.2 अंकों के साथ 44वें स्थान पर है। भारत 2024 में 109वें, 2023 में 112वें, 2022 में 121वें, 2021 में 120वें, 2020 में 117वें, 2019 में 115वें, 2018 में 112वें और 2017 में 116वें स्थान पर था।
भारत के पड़ोसियों में, भूटान 70.5 अंकों के साथ 74वें स्थान पर है, नेपाल 68.6 अंकों के साथ 85वें स्थान पर है, बांग्लादेश 63.9 अंकों के साथ 114वें और पाकिस्तान 57 अंकों के साथ 140वें स्थान पर है। भारत के समुद्री पड़ोसी, मालदीव और श्रीलंका क्रमशः 53वें और 93वें स्थान पर रहे। एसजीडी को 2015 में इस विचार के साथ अपनाया गया था कि ग्रह को बचाने के लिए, 2030 तक समग्र विकास मैट्रिक्स में किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जाना चाहिए। स्कोर 0 से 100 के पैमाने पर प्रगति को मापता है, जहाँ 100 यह दर्शाता है कि किसी देश ने सभी 17 लक्ष्य हासिल कर लिए हैं और 0 का मतलब है कि कोई प्रगति नहीं हुई है।
रिपोर्ट के लेखकों ने संकेत दिया कि वैश्विक स्तर पर एसडीजी प्रगति रुक ​​गई है, जहाँ 2030 तक 17 लक्ष्यों में से केवल 17 प्रतिशत ही हासिल किए जाने का अनुमान है। विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जेफरी सैक्स द्वारा इसके मुख्य लेखक के रूप में रिपोर्ट में कहा गया है, "संघर्ष, संरचनात्मक कमज़ोरियाँ और सीमित राजकोषीय स्थान दुनिया के कई हिस्सों में एसडीजी प्रगति में बाधा डालते हैं।" यूरोपीय देश, विशेष रूप से नॉर्डिक राष्ट्र, एसडीजी सूचकांक में शीर्ष पर बने हुए हैं, जिसमें फिनलैंड पहले, स्वीडन दूसरे और डेनमार्क तीसरे स्थान पर है। शीर्ष 20 देशों में से 19 यूरोप में हैं।
फिर भी इन देशों को जलवायु और जैव विविधता से संबंधित कम से कम दो लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसका मुख्य कारण अस्थिर उपभोग है, लेखकों ने कहा। पूर्वी और दक्षिण एशिया ने 2015 से एसडीजी प्रगति के मामले में अन्य सभी वैश्विक क्षेत्रों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसका मुख्य कारण तेज़ सामाजिक-आर्थिक विकास है। पूर्वी और दक्षिण एशिया के जिन देशों ने 2015 से सबसे तेज़ प्रगति (अंकों में) दिखाई है, उनमें नेपाल (+11.1), कंबोडिया (+10), फिलीपींस (+8.6), बांग्लादेश (+8.3) और मंगोलिया (+7.7) शामिल हैं। अपने समकक्षों के बीच तेज़ प्रगति दिखाने वाले अन्य देशों में बेनिन (+14.5), पेरू (+8.7), संयुक्त अरब अमीरात (+9.9), उज्बेकिस्तान (+12.1), कोस्टा रिका (+7) और सऊदी अरब (+8.1) शामिल हैं।
हालाँकि दुनिया भर में केवल 17 प्रतिशत लक्ष्य ही प्राप्त किए जा सके हैं, लेकिन अधिकांश संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों ने बुनियादी सेवाओं और बुनियादी ढाँचे तक पहुँच से संबंधित लक्ष्यों पर मजबूत प्रगति की है, जिसमें मोबाइल ब्रॉडबैंड उपयोग (एसडीजी 9), बिजली तक पहुँच (एसडीजी 7), इंटरनेट उपयोग (एसडीजी 9), पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (एसडीजी 3) और नवजात मृत्यु दर (एसडीजी 3) शामिल हैं।
पाँच लक्ष्य 2015 से प्रगति में महत्वपूर्ण उलटफेर दिखाते हैं। ये हैं मोटापा दर (एसडीजी 2), प्रेस स्वतंत्रता (एसडीजी 16), संधारणीय नाइट्रोजन प्रबंधन (एसडीजी 2), रेड लिस्ट इंडेक्स (एसडीजी 15) और भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (एसडीजी 16)। रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र बहुपक्षवाद के लिए सबसे अधिक प्रतिबद्ध शीर्ष तीन देश बारबाडोस (1), जमैका (2) और त्रिनिदाद और टोबैगो (3) हैं। जी20 देशों में, ब्राज़ील (25) सर्वोच्च स्थान पर है, जबकि चिली (7) ओईसीडी देशों में सबसे आगे है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, जिसने हाल ही में पेरिस जलवायु समझौते और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से खुद को अलग कर लिया है और औपचारिक रूप से SDG और 2030 एजेंडा के प्रति अपना विरोध व्यक्त किया है, लगातार दूसरे वर्ष सबसे निचले पायदान (193वें) पर है। यह रिपोर्ट, जो स्पेन के सेविले (30 जून-3 जुलाई) में विकास के लिए वित्तपोषण पर चौथे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (FfD4) से पहले आई है, ने कहा कि वैश्विक वित्तीय संरचना (GFA) टूट गई है। "पैसा आसानी से अमीर देशों में जाता है, न कि उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (EMDE) में, जो उच्च विकास क्षमता और रिटर्न की दरें प्रदान करते हैं। FfD4 के एजेंडे में सबसे ऊपर GFA में सुधार की आवश्यकता है ताकि EMDE में पूंजी का प्रवाह कहीं अधिक मात्रा में हो सके," इसमें कहा गया है।
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इलेक्शन कमीशन ने राहुल गांधी को दिया चर्चा का निमंत्रण

  • कहा- "सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार आयोग"
नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 पर चर्चा की मांग का चुनाव आयोग ने जवाब दिया है। उन्होंने राहुल गांधी को चुनाव आयोग के साथ बातचीत के लिए निमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलने और सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भी तैयार है।
भारत निर्वाचन आयोग सचिवालय ने कहा, "पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों पर एक अखबार में प्रकाशित आपके लेख के मद्देनजर मुझे यह बताने का निर्देश दिया गया है कि नवंबर 2024 में विधानसभा चुनावों के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) की ओर से इसी तरह के मुद्दे उठाए गए थे। आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को आईएनसी को एक विस्तृत जवाब दिया था, जिसकी प्रति ईसीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है।"
इसमें आगे कहा गया, "सभी चुनाव भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा संसद द्वारा पारित निर्वाचन कानूनों, उनमें बनाए गए नियमों और समय-समय पर जारी किए गए आयोग के निर्देशों के अनुसार सख्ती से आयोजित किए जाते हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि पूरी चुनाव प्रक्रिया विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर विकेंद्रीकृत तरीके से आयोजित की जाती है, जिसमें महाराष्ट्र भर में 1,00,186 से अधिक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ), 288 निर्वाचक रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ), 139 सामान्य पर्यवेक्षक, 41 पुलिस पर्यवेक्षक, 71 व्यय पर्यवेक्षक, 288 रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) जो आयोग द्वारा नियुक्त किए गए थे और राष्ट्रीय एवं राज्य राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1,08,026 बूथ लेवल एजेंट (बीएलए), जिनमें आईएनसी के 28,421 एजेंट शामिल थे- ने इसमें भाग लिया था।"
उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि चुनाव के संचालन से संबंधित कोई भी मुद्दा आईएनसी के उम्मीदवारों की ओर से सक्षम न्यायालय में चुनाव याचिकाओं के माध्यम से पहले ही उठाया गया होगा। फिर भी अगर आपके पास अभी भी कोई मुद्दे हैं, तो आप हमें लिख सकते हैं। आयोग आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलने और सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भी तैयार है। इसके लिए आप सुविधाजनक तारीख और समय चुनाव आयोग के ईमेल के माध्यम से सूचित कर सकते हैं।"
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भारतीयों का खून बहाने वालों के लिए कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं, 22 मिनट में ही दुश्मन ने टेके घुटने : पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज का भारत देशहित में जो सही है, उसके हिसाब से कदम उठाता है। पीएम मोदी मंगलवार को दिल्ली में आयोजित श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच ऐतिहासिक बातचीत की शताब्दी समारोह बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने मंच से सशक्त होते भारत के जज्बे को सलाम किया। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया। कहा कि 22 मिनट में ही हमने दुश्मन को घुटने पर ला दिया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत तेजी से दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। हाल में दुनिया ने देखा है कि भारत का सामर्थ्य क्या है। ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी कठोर नीति को दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है। हमने दिखा दिया है कि भारतीयों का खून बहाने वाले आतंकवादियों के लिए कोई भी ठिकाना सुरक्षित नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'मेड इन इंडिया' हथियारों की प्रशंसा करते हुए कहा, "आज का भारत देशहित में कदम उठाता है। आज सैन्य जरूरतों के लिए भी भारत की विदेशों पर निर्भरता लगातार कम हो रही है। हम डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर हो रहे हैं, जिसका प्रभाव हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा है। हमारी सेनाओं ने भारत में बने हथियारों से दुश्मन को 22 मिनट में घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में 'मेड इन इंडिया' हथियारों का डंका पूरी दुनिया में बजेगा।"
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, "देश के संकल्पों को पूरा करने के लिए हमें श्रीनारायण गुरु की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाना है। इसके लिए सरकार भी सक्रियता के साथ काम कर रही है। हम शिवगिरी सर्कल का निर्माण करके श्रीनारायण गुरु से जुड़े तीर्थ स्थानों को जोड़ रहे हैं। मुझे विश्वास है कि उनके आशीर्वाद और उनकी शिक्षाएं अमृतकाल की यात्रा में रास्ता दिखाती रहेंगी। हम सब एक साथ मिलकर विकसित भारत के सपने को पूरा करेंगे।
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