हिंदुस्तान

महाराष्ट्र चुनाव : महाविकास अघाड़ी ने जारी किया घोषणा पत्र

  • युवाओं और महिलाओं के लिए बड़ी घोषणाएं
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए महाविकास अघाड़ी ने रविवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया, जिसमें राज्य की जनता को पांच प्रमुख गारंटियों का भरोसा दिया गया है। घोषणापत्र में बेरोजगार युवाओं के लिए हर महीने 4,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा किया गया है। इसके साथ ही, कांग्रेस ने 50% आरक्षण की सीमा हटाने का भी ऐलान किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मौके पर कहा कि महाविकास अघाड़ी की ये पांच गारंटी राज्य के हर नागरिक के कल्याण के लिए हैं। उन्होंने बताया कि उनकी योजनाओं के तहत प्रत्येक परिवार को सालाना करीब 3 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। “महालक्ष्मी योजना” के तहत, सभी महिलाओं को हर महीने 3,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी और महाराष्ट्र की महिलाओं को बस में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने किसानों के लिए 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का वादा भी किया, बशर्ते कि वे समय पर कर्ज चुकाते हों। महिलाओं को साल में छह रियायती गैस सिलिंडर दिए जाएंगे, जिनकी कीमत 500 रुपये होगी। इसके अलावा, महाराष्ट्र में जातिगत जनगणना भी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव महाराष्ट्र के भविष्य को बदलने के लिए है। महाविकास अघाड़ी ने अपने कार्यकाल के शुरुआती 100 दिनों के लिए एक एजेंडा भी प्रस्तुत किया।
महाविकास अघाड़ी की पांच गारंटी-
महालक्ष्मी योजना-
महिलाओं को हर महीने 3,000 रुपये की वित्तीय सहायता।
महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा।
समानता की गारंटी-
जातिगत जनगणना कराने का वादा।
आरक्षण की 50% सीमा हटाने का संकल्प।
कुटुंब रक्षा-
25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा।
मुफ्त दवाओं की सुविधा।
कृषि समृद्धि-
किसानों का 3 लाख रुपये तक कर्ज माफ।
नियमित रूप से कर्ज चुकाने वाले किसानों को 50,000 रुपये का प्रोत्साहन।
युवाओं को वचन-
बेरोजगार युवाओं को हर महीने 4,000 रुपये की सहायता।
और भी

भड़काऊ भाषणों, झूठ के जरिए मुख्य मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका रही भाजपा : खरगे

  • कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप
मुंबई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को महाराष्ट्र के नागपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा पर भड़काऊ भाषण और झूठ के जरिए लोगों का ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। खरगे ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि इनका कोई नेता बोलता है- बंटेंगे तो कटेंगे, तो कोई बोलता है- एक हैं तो सेफ हैं। सच्चाई ये है कि बांटने वाले भी आप हैं और काटने वाले भी आप हैं। लेकिन दोष दूसरों पर देते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "महाराष्ट्र में बेरोजगारी, किसानों, युवाओं, महिलाओं और नशे से जुड़ी कई बड़ी समस्याएं हैं। महाराष्ट्र पहले कानून व्यवस्था, न्याय और रोजगार के लिए जाना जाता था। लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद सारी चीजें बदल गईं हैं, जिस तरह की सरकार होनी चाहिए, वो नहीं है।"
मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर अपने वादे पूरे न करने का आरोप लगाते हुए कहा, "नरेंद्र मोदी सिर्फ झूठ बोलते हैं। उन्होंने कहा था कि हर साल 2 करोड़ नौकरियां देंगे, विदेशों से काला धन लाएंगे, सबके खाते में 15-15 लाख आएगा। नोटबंदी से काला धन मिटेगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी अपने इन वादों को पूरे नहीं कर पाए।"
कांग्रेस प्रमुख ने कहा, नरेंद्र मोदी झूठ बोलकर हर जगह भ्रम फैलाने का काम करते हैं। जब कांग्रेस अपनी योजनाओं से लोगों को फायदा पहुंचाती हैं, तो पहले वे उसकी बुराई करते हैं, फिर हमारी योजनाओं की ही नकल करने लगते हैं। जब राहुल गांधी जी संविधान बचाने की बात करते हैं, तो नरेंद्र मोदी और उनके लोग उनके खिलाफ बोलने लगते हैं।"
BJP के लोग कभी कहते हैं कि हम संविधान की लाल किताब दिखाकर अर्बन नक्सल को प्रमोट कर रहे हैं, तो कभी कहते हैं संविधान की किताब में खाली पन्ने हैं। ये लोग छोटी बातों को उछालकर मुद्दा बनाते हैं और देश की असल समस्याओं पर ध्यान नहीं देते। 
और भी

जनसभाओं में नकली किताब लहराकर संविधान का अपमान कर रहे राहुल गांधी : अमित शाह

  • केंद्रीय गृहमंत्री ने छतरपुर में चुनावी सभा को किया संबोधित
झारखंड। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को झारखंड की छतरपुर विधानसभा सीट पर चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जनसभाओं में संविधान के नाम पर लाल कवर वाली जो किताब लहराते हैं, उसमें ऊपर भले भारत का संविधान लिखा है, लेकिन उसके पन्ने कोरे हैं। वह नकली किताब दिखाते हैं। यह भारत के संविधान और बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान है। गृह मंत्री ने छतरपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी पुष्पा देवी के लिए वोट मांगे और दावा किया कि झारखंड में इस बार भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि जेएमएम-कांग्रेस-राजद की सरकार पूरे देश में सबसे ज्यादा भ्रष्ट सरकार है। झारखंड के कांग्रेस सांसद के घर से 350 करोड़ रुपये मिले। रुपये गिनने के लिए लाई गईं 27 मशीनें थक गईं। आलमगीर आलम यहां की सरकार में मंत्री थे। उनके पीए के घर से 30 करोड़ रुपये पकड़े गए। सीएम हेमंत सोरेन और कांग्रेस ने इस पर कुछ भी नहीं कहा। गृह मंत्री ने पूछा कि यह किसका पैसा था? फिर उन्होंने कहा कि यह झारखंड के युवाओं का पैसा था, जो कांग्रेसी खा गए। अमित शाह ने कहा कि जिन्होंने भी झारखंड के युवाओं का पैसा लूटा है, उनसे भाजपा की सरकार बनते ही पाई-पाई वसूला जाएगा। जिन्होंने भी भ्रष्टाचार किया है, उनकी जगह नरेंद्र मोदी के शासनकाल में जेल की सलाखों के पीछे हैं।
अमित शाह ने कांग्रेस को ओबीसी का घोर विरोधी करार देते हुए कहा कि कांग्रेस जब-जब शासन में आई, उसने ओबीसी के साथ अन्याय किया। पिछड़ों को हक देने के लिए काका कालेलकर कमीशन 1950 में बना था। इसकी रिपोर्ट गायब हो गई। मंडल कमीशन बना और उसकी रिपोर्ट आई, तो इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने विरोध किया। पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण का हक मिलने में सालों लग गए। दूसरी तरफ 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार केंद्र में बनी तो सभी परीक्षाओं और नौकरियों में पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हमारी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग बनाया और उसे संवैधानिक दर्जा दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण और संविधान की बात करती है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा खिलवाड़ वही करती है। संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने महाराष्ट्र में उलेमाओं के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि मुसलमानों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिलाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हिस्सा काटकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है, लेकिन जब तक भारतीय जनता पार्टी है, यह नहीं होने दिया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने वादा किया कि झारखंड में भाजपा की सरकार बनते ही हर माता-बहन को सालाना 25 हजार रुपये दिए जाएंगे। गैस सिलेंडर 500 रुपये में उपलब्ध होगा और दीपावली और रक्षाबंधन में दो मुफ्त सिलेंडर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने वादा करने के बाद भी युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया, लेकिन हम हर युवा साथी को 2 हजार रुपये प्रतिमाह बेकारी भत्ता देंगे। हर साल एक लाख और पांच साल में पांच लाख रोजगार पैदा करने का हमारा वादा है। दो लाख 87 हजार पदों पर पारदर्शी तरीके से भर्ती सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने झारखंड में 10 नए मेडिकल कॉलेज खोलने का भी वादा किया।
अमित शाह ने हेमंत सोरेन सरकार पर परीक्षाओं के पेपर लीक कराने और नौकरी के नाम पर झारखंड के 17 युवाओं की दौड़ाकर जान लेने का आरोप लगाया। संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि झारखंड के सीएम इसे पॉलिटिकल एजेंडा कहते हैं। असल में इन्होंने घुसपैठियों को अपना वोट बैंक बना लिया है। घुसपैठिए झारखंड के युवाओं की नौकरी खा रहे हैं। वे आदिवासी बच्चियों से शादी कर दान पत्र के जरिए उनकी भूमि हड़प रहे हैं। हम यह कानून बदल देंगे। हमारी सरकार बनेगी तो सरहद के उस पार से परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने जनता से पूछा कि कश्मीर से अनुच्‍छेद 370 हटनी चाहिए थी या नहीं? हमने जो वादा किया था, उसे पूरा कर दिखाया। अब कांग्रेस के साथी कहते हैं कि अनुच्‍छेद 370 को वापस लाएंगे। हम राहुल गांधी को चुनौती देते हैं कि आप तो क्या आपकी चौथी पीढ़ी भी इसे वापस नहीं ला पाएगी। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
और भी

संयुक्त राष्ट्र में सुधांशु त्रिवेदी ने पाकिस्तान को लगाई फटकार

दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र में सीनियर बीजेपी सुधांशु त्रिवेदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना रहेगा।” दरअसल इससे पहले संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों पर चर्चा के दौरान, पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने कश्मीर का जिक्र किया था। पाकिस्तानी प्रतिनिधी ने कहा कि यूएन शांति सैनिकों के साथ पाकिस्तान की भागीदारी तब शुरू हुई जब संयुक्त राष्ट्र ने 1948 में जम्मू और कश्मीर के विवादित क्षेत्र में शांति सैनिक तैनात किए।
त्रिवेदी ने इसे 'गैरजरूरी' उल्लेख बताते हुए कहा कि पाकिस्तान ने 'एक बार फिर इस प्रतिष्ठित संस्था को अपने एजेंडे से भटकाने का प्रयास किया।' अपने आरओआर (उत्तर देने के अधिकार) का इस्तेमाल करते हुए राज्यसभा सांसद ने कहा, "जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।" उन्होंने क्षेत्र में हाल ही में किए गए लोकतांत्रिक कार्यों का जिक्र किया।
त्रिवेदी ने कहा, "जम्मू-कश्मीर के लोगों ने हाल ही में अपने लोकतांत्रिक और चुनावी अधिकार का इस्तेमाल किया है और एक नई सरकार चुनी है। पाकिस्तान को इस तरह की बयानबाजी और झूठ से बचना चाहिए क्योंकि इससे तथ्य नहीं बदलेंगे।" मामले को आगे न खींचते हुए और चर्चा के विषय से दूर न जाते हुए, त्रिवेदी ने कहा, "इस मंच के अन्य सदस्यों के सम्मान के लिए, भारत संयुक्त राष्ट्र प्रक्रियाओं का गलत इस्तेमाल करने के पाकिस्तान के किसी भी प्रयास का जवाब देने से परहेज करेगा।'
अपने एक्स हैंडल पर सांसद ने आगे बताया कि चूंकि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में संसद और जम्मू-कश्मीर विधानसभा दोनों के लिए उचित लोकतांत्रिक चुनाव हुए हैं, इसलिए 'संयुक्त राष्ट्र के प्रतिष्ठित मंच का इस्तेमाल इस तरह के गैर-मौलिक और भ्रामक शब्दों का उल्लेख करने के लिए नहीं किया जा सकता है।” त्रिवेदी ने एक्स पर कहा, "यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की दृढ़ विदेश नीतियों के कारण संभव हो सका है, जिससे भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत और मुखर हो सका है।"
और भी

WhatsApp ग्रुप एडमिन ध्यान दें! अब लाइसेंस लेना होगा, पैसा भी देना पड़ेगा

  • आ रहा नया कानून
WhatsApp पर जब चाहे कोई भी ग्रुप बना सकता है और चला सकता है, लेकिन कैसा हो अगर आपको एडमिन बनने के पैसे देने पड़ जाएं? दरअसल, एक देश में ऐसा कानून आ गया है, जिसमें ग्रुप एडमिन बनने के पैसे देने पड़ेगें। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिम्बाब्वे की सरकार ने एक नए नियम की घोषणा की है जिसके तहत अब सभी वॉट्सऐप ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर को जिम्बाब्वे के पोस्ट और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (POTRAZ) के साथ रजिस्टर कराना होगा और अपने ग्रुप को चलाने करने के लिए लाइसेंस लेना होगा। यह घोषणा जिम्बाब्वे के इंफॉर्मेंशन, कम्युनिकेशन टेक्नोलजी, पोस्टल और कूरियर सर्विसेस मिनिस्टर (ICTPCS) टाटेंडा मावेटेरा ने की है। लाइसेंस की कीमत कम से कम 50 डॉलर (करीब 4200 रुपये) है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि नए वॉट्सऐप रेगुलेशन का उद्देश्य गलत सूचना के प्रसार और संभावित अशांति को रोकना है। इसका उद्देश्य देश के डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के साथ तालमेल बिठाना भी है। एक्ट के अनुसार, पर्सनल इंफॉर्मेंशन वह जानकारी है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पहचान करने के लिए किया जा सकता है। वॉट्सऐप ग्रुप एडमिन के पास ग्रुप के सदस्यों के फोन नंबर तक पहुंच होती है, यही वजह है कि सरकार के अनुसार वे DPA के अंतर्गत आते हैं।
इस घोषणा से जिम्बाब्वे के कई लोगों द्वारा अपने बिजनेस मार्केटिंग और कस्टमर कम्युनिकेशन के लिए किए गए कामों को तुरन्त अपराध घोषित कर दिया गया है। सूचना मंत्री मोनिका मुत्सवांगवा ने कहा कि लाइसेंसिंग से झूठी सूचना के सोर्स का पता लगाने में मदद मिलेगी। यह डेटा प्रोटेक्शन पर व्यापक रेगुलेशन्स के साथ आता है, जो चर्चों से लेकर व्यवसायों तक के संगठनों को प्रभावित करता है।
लाइसेंसिंग प्रक्रिया के तहत ग्रुप एडमिन को पर्सनल इंफॉर्मेंशन देनी होगी। सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इस पहल को उचित ठहराती है, लेकिन आलोचकों का तर्क है कि इससे ऑनलाइन संवाद बाधित हो सकता है और निजता के अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।
यह रेगुलेशन गलत सूचना से निपटने के लिए वॉट्सऐप के हालिया प्रयासों से मेल खाता है, जैसे कि तस्वीरों को वेरिफाई करने के लिए "सर्च ऑन वेब" टूल की शुरूआत। हालांकि, लाइसेंसिंग आवश्यकता ने बहस को हवा दे दी है, कई लोग इसकी व्यावहारिकता और ऑनलाइन कम्युनिटी पर संभावित प्रभाव पर सवाल उठा रहे हैं।
और भी

PM मोदी ने रतन टाटा को किया याद, बोले- उन्होंने नेशन फर्स्ट भावना को रखा सर्वोपरि

नई दिल्ली। भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन को एक महीना हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको याद करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने रतन टाटा को लेकर एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने अपने व्यक्तिगत संबंध और रतन टाटा के नेशन फर्स्ट भावना के साथ काम करने के तरीकों की तारीफ की और युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगपति रतन टाटा को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'रतन टाटा को अंतिम विदाई दिए हुए करीब एक महीना बीत चुका है। भारतीय उद्योग जगत में उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा और यह सभी देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा। उनके असाधारण जीवन और अतुलनीय योगदान को समर्पित मेरा यह आलेख…'
रतन टाटा को लेकर लिखे लेख में पीएम मोदी ने अपने व्यक्तिगत संबंध के बारे में बताया। उन्होंने लिखा, 'व्यक्तिगत तौर पर, मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला। हमने गुजरात में साथ मिलकर काम किया। वहां उनकी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश किया गया। इनमें कई ऐसी परियोजनाएं भी शामिल थीं, जिसे लेकर वे बेहद भावुक थे।
जब मैं केन्द्र सरकार में आया, तो हमारी घनिष्ठ बातचीत जारी रही और वो हमारे राष्ट्र-निर्माण के प्रयासों में एक प्रतिबद्ध भागीदार बने रहे। स्वच्छ भारत मिशन के प्रति श्री रतन टाटा का उत्साह विशेष रूप से मेरे दिल को छू गया था। वह इस जन आंदोलन के मुखर समर्थक थे। वह इस बात को समझते थे कि स्वच्छता और स्वस्थ आदतें भारत की प्रगति की दृष्टि से कितनी महत्वपूर्ण हैं। अक्टूबर की शुरुआत में स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे अभी भी याद है। यह वीडियो संदेश एक तरह से उनकी अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक रहा है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को युवाओं और नवाचार के लिए प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने अपनी लेख में लिखा, 'युवाओं के लिए, रतन टाटा एक प्रेरणास्रोत थे। उनका जीवन, उनका व्यक्तित्व हमें याद दिलाता है कि कोई सपना ऐसा नहीं जिसे पूरा ना किया जा सके, कोई लक्ष्य ऐसा नहीं जिसे प्राप्त नहीं किया जा सके। रतन टाटा जी ने सबको सिखाया है कि विनम्र स्वभाव के साथ, दूसरों की मदद करते हुए भी सफलता पाई जा सकती है।
रतन टाटा, भारतीय उद्यमशीलता की बेहतरीन परंपराओं के प्रतीक थे। वो विश्वसनीयता, उत्कृष्टता और बेहतरीन सेवा जैसे मूल्यों के अडिग प्रतिनिधि थे। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह दुनिया भर में सम्मान, ईमानदारी और विश्वसनीयता का प्रतीक बनकर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी उपलब्धियों को पूरी विनम्रता और सहजता के साथ स्वीकार किया।'
पीएम मोदी ने रतन टाटा के नेशन फर्स्ट भावना के साथ काम करने की तारीफ की। उन्होंने लिखा, 'रतन टाटा जी ने हमेशा, नेशन फर्स्ट की भावना को सर्वोपरि रखा। 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद उनके द्वारा मुंबई के प्रतिष्ठित ताज होटल को पूरी तत्परता के साथ फिर से खोलना, इस राष्ट्र के एकजुट होकर उठ खड़े होने का प्रतीक था। उनके इस कदम ने बड़ा संदेश दिया कि – भारत रुकेगा नहीं...भारत निडर है और आतंकवाद के सामने झुकने से इनकार करता है।'
और भी

सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन के तीन कोच पटरी से उतरे

हावड़ा पश्चिम बंगाल के हावड़ा में एक ट्रेन दुर्घटना हुई है। यहां पर सिकंदराबाद से शालीमार की ओर जा रही एक 22850 सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन के कुछ कोच डिरेल हो गए। पूरी घटना पश्चिम बंगाल के हावड़ा के नवलपुर रेलवे स्टेशन के पास हुई है। यहां पर सिकंदराबाद से शालीमार की ओर जा रही एक एक्सप्रेस ट्रेन के तीन डिब्बे डिरेल हो गए। हालांकि राहत की बात यह है कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
हादसे के बारे में जानकारी देते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ओमप्रकाश चरण ने फोन पर बताया कि सिकंदराबाद से शालीमार आ रही ट्रेन नवलपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक डिरेल हुई है। इसमें तीन कोच है, लेकिन इस घटना में किसी की हताहत होने की अभी तक कोई जानकारी नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पूरी घटना शनिवार सुबह पौने छह बजे के करीब की बताई जा रही है। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल था, हालांकि यात्रियों के मुताबिक ट्रेन की गति सामान्य से कम होने के कारण ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। बस अचानक तेज झटका लगा और ऊपर रखे सामान नीचे गिर गए। ड्राइवर ने ट्रेन को मौके पर रोक दिया।
हादसे के बाद रेलवे अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, उनके अनुसार सभी हादसे का शिकार हुई 22850 सिकंदराबाद-शालीमार एक्सप्रेस ट्रेन से सभी यात्रियों को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया है। कुछ यात्रियों को हल्की चोटें आई हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
हेल्प नंबर जारी किए गए-
दक्षिण रेलवे ने सहायता के लिए हेल्प डेस्क नंबर भी जारी किए हैं: खड़गपुर - 63764 (रेलवे) और 032229-3764 (पी एंड टी)। आगे की जानकारी की प्रतीक्षा है।
और भी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के धुले में किया चुनावी रैली को संबोधित

  • कहा- महाअघाड़ी की गाड़ी में न पहिए हैं और न ब्रेक, ड्राइवर के लिए हो रहा है झगड़ा
धुले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के धुले में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए महाविकास अघाड़ी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि महाअघाड़ी की गाड़ी में न पहिए हैं, न ब्रेक है, लेकिन ड्राइवर के लिए झगड़ा हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी को, भाजपा को, महायुति को, महायुति के एक-एक उम्मीदवार को आपका आशीर्वाद चाहिए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि पिछले ढाई वर्षों में महाराष्ट्र के विकास को जो गति मिली है, उसे रुकने नहीं दिया जाएगा। अगले 5 वर्ष महाराष्ट्र की प्रगति को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। महाराष्ट्र को जिस सुशासन की जरूरत है, वह महायुति सरकार ही दे सकती है। दूसरी तरफ महाअघाड़ी की गाड़ी में वैसे भी न पहिए हैं, न ब्रेक और ड्राइवर की सीट पर बैठने के लिए झगड़ा हो रहा है। चारों तरफ से भांति-भांति के हॉर्न सुनाई दे रहे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र से मैंने जब भी कुछ मांगा है, महाराष्ट्र के लोगों ने दिल खोलकर मुझे अपना आशीर्वाद दिया है। 2014 के विधानसभा चुनाव में मैं आपके बीच यहां धुले आया था। मैंने आपसे महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के लिए आग्रह किया था। आपने महाराष्ट्र में 15 साल के सियासी कुचक्र को तोड़कर भाजपा को अभूतपूर्व जीत दिलाई थी। आज मैं एक बार फिर यहां धुले की धरती पर आया हूं। धुले से ही मैं महाराष्ट्र में चुनाव अभियान की शुरुआत कर रहा हूं।
इस दौरान पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता सुनील राउत द्वारा शाइना एनसी पर विवादित टिप्पणी करने वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र की हर महिला को इन अघाड़ी वालों से सतर्क रहना होगा। ये लोग कभी भी नारी शक्ति को सशक्त होते नहीं देख सकते। पूरा महाराष्ट्र देख रहा है कि कांग्रेस और अघाड़ी वाले लोग अब महिलाओं को किस तरह गाली देने पर उतर आए हैं। कैसी-कैसी अभद्र भाषा, कैसे-कैसे कमेंट, महिलाओं को नीचा दिखाने की कोशिश हो रही है। महाराष्ट्र की माता-बहनें कभी भी अघाड़ी वालों के इस कृत्य को माफ नहीं कर सकतीं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, "महिला सशक्तिकरण के लिए हमारी सरकार जो कदम उठा रही है, वह कांग्रेस और उसके गठबंधन को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। महायुति सरकार की 'लाडकी बहन योजना' की चर्चा सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हो रही है, लेकिन कांग्रेस इसे रोकने के लिए तरह-तरह की साजिशें रच रही है। कांग्रेस के इकोसिस्टम के लोग इस योजना के खिलाफ कोर्ट भी जा चुके हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने ठान लिया है कि अगर उन्हें सत्ता मिली तो वे इस योजना को बंद कर देंगे।"
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि 23 नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। राज्य में सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति की सरकार है।
और भी

कांग्रेस के 15 और आप के 10 साल के शासन की देन है दिल्ली का प्रदूषण : भाजपा

नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली की लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को घेरा। उन्होंने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का कारण कांग्रेस के 15 और 'आप' के 10 साल के शासन को बताया।
दिल्ली में कांग्रेस द्वारा दिल्ली न्याय यात्रा की शुरुआत को लेकर भाजपा सांसद ने कहा कि अब कांग्रेस से किसी को न्याय की उम्मीद नहीं होती है। जरूरत पड़ने पर ये आतंकवादियों का समर्थन करती है। केरल के सीएम ने कहा है कि पार्टी 'जमात-ए-इस्लाम' का सहयोग ले रही है। ऐसे कट्टरपंथी आतंकवादियों को सहारा देने वाले लोगों का समर्थन लेना गलत है। कांग्रेस न्याय करने लायक नहीं रही। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करके कांग्रेस ने अपनी बची इज्जत भी गंवा चुकी है।
दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली को गैस चैंबर बनाया, पानी को इतना प्रदूषित किया कि सारे क्षेत्र में लोग परेशान दिखे। अब हम ज्यादा बात नहीं, बल्कि सिर्फ प्रार्थना करेंगे। कांग्रेस के 15 साल और आम आदमी पार्टी के 10 का साल की देन ये प्रदूषण है। अब चुनाव आएगा, लोग भाजपा को मौका दें और हम एक साल के अंदर दिल्ली में प्रदूषण भी कम करेंगे, नदी भी साफ होगी, दीपावली पर पटाखे भी चलेंगे और छठ भी होगा।
कांग्रेस द्वारा चुनावी राज्य महाराष्ट्र में सरकार बनाने के दावे को लेकर मनोज तिवारी ने तंज कसते हुए कहा कि वो तो हरियाणा में भी सरकार बना रहे थे। अगर सिर्फ ख्याली पुलाव बनाने की बात है तो वे पूरे देश में सरकार बना रहे थे। अब कांग्रेस पर कोई विश्वास नहीं करने वाला है। वो अपने फायदे के लिए देश हित और लोकतंत्र को भी दांव पर लगा रही है। कांग्रेस की लूट की नियत और नियती को लोगों ने भूला नहीं है।
उल्लेखनीय है कि 288 विधानसभा सीटों के लिए महाराष्ट्र में एक ही चरण में 20 नवंबर को मतदान प्रस्तावित है। वहीं, इसके नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।
और भी

PM मोदी ने छठ पूजा समारोह के समापन पर नागरिकों को दीं शुभकामनाएं

नई दिल्ली (एएनआई)। गुरुवार सुबह अर्घ्य अनुष्ठान के साथ छठ पूजा उत्सव संपन्न होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को इस पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान नागरिकों को नई ऊर्जा और उत्साह से भर देंगे। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान में प्रकृति और संस्कृति की झलक देशवासियों को नई ऊर्जा और उत्साह से भरने वाली है। सुबह के अर्घ्य के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई।" देशभर में श्रद्धालुओं ने शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। चार दिवसीय पर्व के अंतिम दिन अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालु देश के विभिन्न स्थानों, नदी तटों और घाटों पर एकत्र हुए।
अर्घ्य देने के बाद माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ अपने पूरे परिवार की सुख-शांति के लिए छठी मैया से प्रार्थना करते हैं।देश के विभिन्न हिस्सों से उगते सूर्य को अर्घ्य देने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी भी शामिल है, जहां श्रद्धालुओं ने आईटीओ स्थित घाट पर पूजा-अर्चना की। गीता कॉलोनी में अपने परिवार के साथ एकत्रित हुई एक श्रद्धालु ने कहा कि वह पूरे पर्व को मनाने के लिए उत्साहित हैं। गीता कॉलोनी में अपने परिवार के साथ एकत्रित हुई एक श्रद्धालु ने कहा, "मैं इस अवसर को मनाने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ यहां एकत्रित हुई हूं। हम सभी बहुत उत्साहित हैं कि हम पूरा पर्व मना पाएंगे।" नोएडा में, श्रद्धालु 'सूर्य अर्घ्य' देने के लिए सेक्टर 21 स्टेडियम में एकत्रित हुए।
आज सुबह के अर्घ्य के साथ ही चार दिवसीय छठ पूजा उत्सव का समापन हो गया। माना जाता है कि यह सबसे कठिन त्योहारों में से एक है और इसे सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए मनाया जाता है। इसमें अन्य अनुष्ठानों के साथ 36 घंटे का उपवास शामिल है। चार दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय के रूप में मनाए जाते हैं, जो शुद्धि का दिन है, इसके बाद पंचमी तिथि को खरना, षष्ठी को छठ पूजा और सप्तमी तिथि को उषा अर्घ्य के साथ समापन होगा। चार दिवसीय उत्सव में, पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए सूर्य देव के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए उपासक उपवास करते हैं। यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, नेपाल के कुछ हिस्सों और इन क्षेत्रों के प्रवासी समुदायों द्वारा मनाया जाता है। (एएनआई)
और भी

नोटबंदी भारतीय अर्थव्यवस्था का काला दिन : कमलनाथ

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आठ साल पहले आज ही के दिन नौ नवंबर 2016 को लागू की गई नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी ने देश की अर्थव्‍यवस्था की कमर तोड़ दी थी। इतिहास में इसका उल्‍लेख भारतीय अर्थव्यवस्था के काले दिन के रूप में हमेशा होता रहेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा, आज ही के दिन आठ नवंबर 2016 को नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी लागू कर देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी थी। नोटबंदी के आठ वर्ष बाद भी आज तक देश उसकी मार से उबर नहीं पाया है। जिन उद्देश्यों को लेकर नोटबंदी की गई थी, उसका भी कहीं अता पता नहीं है।
कमलनाथ ने नोटबंदी के चलते बैंको तक वापस आई रकम का हवाला देते हुए कहा, एक आंकड़े के मुताबिक नोटबंदी के बाद लगभग 99 प्रतिशत पैसा वापस बैंकों में आ गया, जो साबित करता है कि नोटबंदी से कालेधन पर वार करने का सरकार का दावा झूठा निकला। नोटबंदी से आतंकवाद की कमर तोड़ने की भी बात कही गई थी, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। देश में आतंकी घटनाएं नोटबंदी के बाद भी लगातार जारी हैं।
उन्होंने कहा, नोटबंदी से सिर्फ गरीबों की जेब और देश की अर्थव्यवस्था पर डाका डाला गया। गरीबों की छोटी-छोटी बचत नोटबंदी से खत्म हो गई। सैकड़ों लोग कतार में मर गए, कई शादियां टूट गईंं, लेकिन इस सरकार के पास नोटबंदी की सफलता के नाम पर सिर्फ झूठे दावे और आंकडे़ ही हैं।
1000 रुपये के नोट बंद कर 2000 रुपये के नोट चलन में लाना और फिर ये कहना कि बडे़ नोट भ्रष्टाचार रोकने के लिए बंद किए गए, सरकार का हास्यास्पद तर्क नजर आया। 2000 रुपये का नोट क्यों लाया गया था, और क्यों वापस लिया गया, आज तक इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। ज्ञात हो कि काले धन पर रोक, आतंकवाद पर अंकुश, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के मकसद से नौ नवंबर 2016 को नोटबंदी अमल में लाई गई थी।
और भी

भारतीय रेल ने बनाया नया रिकॉर्ड, एक दिन में 3 करोड़ यात्रियों ने किया ट्रेन से सफर

नई दिल्ली। भारत में रोजाना लाखों यात्री ट्रेन से सफर करते हैं। लाखों की यह संख्या कई बार एक करोड़ का आंकड़ा भी पार कर गई है। इसी कड़ी में भारतीय रेलवे ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। रेल मंत्रालय द्वारा एक हालिया बयान के अनुसार, 4 नवंबर 2024 को ट्रेन से 3 करोड़ से अधिक यात्रियों ने सफर किया। यात्रियों की यह संख्या भारतीय रेल के लिए एक नए रिकॉर्ड बनाने को लेकर अहम है। मंत्रालय ने इसे देश के परिवहन इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है।
जानकारी के अनुसार, 4 नवंबर को, भारतीय रेल से 120.72 लाख नॉन-सबअर्बन यात्रियों ने यात्रा की, जिसमें 19.43 लाख आरक्षित यात्री और 101.29 लाख अनारक्षित यात्री शामिल थे। इसके अलावा, रेल मंत्रालय ने रिकॉर्ड 180 लाख सबअर्बन यात्रियों को सफर कराया। सभी यात्रियों की संख्या जोड़ने के बाद देश की रेल प्रणाली के लिए एक नया मानदंड स्थापित हो गया है।
बयान में यह भी कहा गया कि भारतीय रेल ने यह उपलब्धि साल के सबसे व्यस्त महीने के दौरान हासिल की है, जो भारतीय रेल की परिचालन कुशलता को दर्शाता है। साल के इस व्यस्त समय में दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर लाखों-करोड़ों लोग एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा करते हैं। एक राज्य से दूसरे राज्य की इस यात्रा के लिए अधिकतर लोग ट्रेन का सफर ही चुनते हैं। यही वजह है कि त्योहारी सीजन में ट्रेन में लोगों की भीड़ देखी जाती है।
यात्रियों की इस भीड़ को संभालने और व्यवस्थित करने के लिए भारतीय रेल की ओर से अतिरिक्त स्पेशल ट्रेन की भी व्यवस्था की जाती है। इस बार रेलवे बोर्ड ने त्योहारी सीजन की भीड़ को देखते हुए 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक 7,663 स्पेशल ट्रेन सर्विस शुरू की है, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 73 फीसदी अधिक है।
और भी

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसख्यंक दर्जे पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

  • कहा- एएमयू का अल्पसंख्यक का दर्जा बरकरार रहेगा
नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसख्यंक दर्जे पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. कोर्ट का कहना है कि एएमयू का अल्पसंख्यक का दर्जा बरकरार रहेगा. कोर्ट ने 4-3 के बहुमत से यह फैसला सुना दिया है.
इस मामले पर सीजेआई समेत चार जजों ने एकमत फैसला दिया है जबकि तीन जजों ने डिसेंट नोट दिया है. मामले पर सीजेआई और जस्टिस पारदीवाला एकमत हैं. वहीं, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा का फैसला अलग है.
सीजेआई ने कहा कि अल्पसंख्यक मानने के मानदंड क्या है? अल्पसंख्यक चरित्र का उल्लंघन ना करे. शैक्षणिक संस्थान को रेगुलेट किया जा सकता है. धार्मिक समुदाय संस्था स्थापित कर सकता है.
क्या है इतिहास और क्या है विवाद?-
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना 1875 में सर सैयद अहमद खान द्वारा 'अलीगढ़ मुस्लिम कॉलेज' के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य मुसलमानों के शैक्षिक उत्थान के लिए एक केंद्र स्थापित करना था. बाद में, 1920 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा मिला और इसका नाम 'अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय' रखा गया.
एएमयू अधिनियम 1920 में साल 1951 और 1965 में हुए संशोधनों को मिलीं कानूनी चुनौतियों ने इस विवाद को जन्म दिया. सुप्रीम कोर्ट ने 1967 में कहा कि एएमयू एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी है. लिहाजा इसे अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता. कोर्ट के फैसले का अहम बिंदू यह था कि इसकी स्थापना एक केंद्रीय अधिनियम के तहत हुई है ताकि इसकी डिग्री की सरकारी मान्यता सुनिश्चित की जा सके. अदालत ने कहा कि अधिनियम मुस्लिम अल्पसंख्यकों के प्रयासों का परिणाम तो हो सकता है लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि विश्वविद्यालय की स्थापना मुस्लिम अल्पसंख्यकों ने की थी.
सर्वोच्च अदालत के इस फैसले ने एएमयू की अल्पसंख्यक चरित्र की धारणा पर सवाल उठाया. इसके बाद देशभर में मुस्लिम समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किए जिसके चलते साल 1981 में एएमयू को अल्पसंख्यक का दर्जा देने वाला संशोधन हुआ. साल 2005 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 1981 के एएमयू संशोधन अधिनियम को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द कर दिया. 2006 में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी. फिर 2016 में केंद्र ने अपनी अपील में कहा कि अल्पसंख्यक संस्थान की स्थापना एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के सिद्धांतों के विपरीत है. साल 2019 में तत्कालीन CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने मामले को सात जजों की बेंच के पास भेज दिया था. आज इस पर फैसला आने वाला है.
और भी

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आर्टिकल 370 मुद्दे पर फिर हंगामा

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के पांचवे दिन भी सत्र शुरू होते ही आर्टिकल 370 मुद्दे पर हंगामा शुरू हो गया. इंजीनियर राशिद के भाई और अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक खुर्शीद अहमद शेख को मार्शलों ने सदन से बाहर निकाला. सदन में बीजेपी लगातार आर्टिकल 370 के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव का विरोध कर रही है. आज हंगामा शुरू होने के बाद पीडीपी के खिलाफ नारे लगाए गए. सत्र शुरू होते ही बीजेपी विधायक खड़े हो गए और पीडीपी और स्पीकर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन करने लगे.
विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच आर्टिकल 370 की बहाली की मांग को लेकर बवाल हुआ. सदन में इस यह हंगामा 370 की बहाली से जुड़े दो प्रस्तावों को लेकर हो रहा है.
एजेंसी के मुताबिक, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पूरे विवाद पर कहा, "5 अगस्त 2019 को जो हुआ था, वो हमें मंजूर नहीं है. वो हमारे साथ बात चीत करके नहीं किया गया था. कुछ लोग कह रहे थे कि हम वो मुद्दा भूल गए. हम धोखा देने वाले लोग नहीं हैं, फर्क ये है कि हम कानून जानने वाले लोग है. हम जानते हैं, कैसे चीजें एसेंबली के जरिए लाई जाए."
उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते थे कि एसेंबली से ऐसी आवाज आए कि केंद्र सरकार हमसे बात करने के लिए मजबूर हो जाए. वो आवाज हमने उठाई, हमने प्रस्ताव पास करवाया. हम वो हासिल करके रहेंगे. हम चुनाव के लिए वादे नहीं करते. हम हवा में बात नहीं करते, हम जो वादे करते है उनको पूरा करते है.
और भी

भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी का जन्मदिन आज, PM मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दी बधाई

नई दिल्ली। भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी का आज जन्मदिन है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बधाई दी. अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा, भारत रत्न आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ। आडवाणी जी ने जनसेवा और संगठन कौशल का अनुपम परिचय देते हुए भाजपा को लोककल्याण का प्रतीक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके नेतृत्व में भाजपा का संगठन सुदृढ़ और व्यापक हुआ। देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में उनके कार्य अत्यंत प्रेरणादायक हैं। ईश्वर से उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्रार्थना करता हूँ.
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और आंदोलन में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की भूमिका को प्रमुख माना जाता है. 1980 और 90 के दशक में जब अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद तेज़ हुआ, तब आडवाणी इस आंदोलन का सबसे मुखर चेहरा बने. उन्होंने न केवल मंदिर के लिए जनजागरण अभियान चलाया, बल्कि बीजेपी के एजेंडे में भी राम मंदिर को एक प्रमुख मुद्दा बना दिया, जिसने पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई.
1990 में आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक की 'राम रथ यात्रा' निकाली, जो उनके राजनीतिक करियर और भाजपा के इतिहास में एक टर्निंग प्वाइंट थी. यह यात्रा उस समय भारत में राम मंदिर आंदोलन का सबसे बड़ा प्रतीक बन गई थी और आडवाणी को मंदिर समर्थकों के बीच एक लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित किया. इस यात्रा के दौरान देशभर में राम मंदिर का मुद्दा तेजी से उभरकर सामने आया और अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की मांग ज़ोर पकड़ने लगी.
राम रथ यात्रा के दौरान आडवाणी जगह-जगह रुककर भाषण दिया करते थे, आरोप है कि उनके भाषण राम मंदिर के लिए भक्तों के हृदय में धधक रही ज्वाला में घी का काम करते थे. हिंदू उग्र हो जाते थे और परिणामस्वरूप में कई जगह हिंसा भड़क उठती थी. खैर इस सबसे अलग तय कार्यक्रम के अनुसार आडवाणी की रथ यात्रा को 30 अक्टूबर 1992 को अयोध्या पहुंचना था लेकिन 22 अक्टूबर को जब आडवाणी अपने दल के साथ बिहार के समस्तीपुर में थे तो उन्हें रात में गिरफ्तार कर लिया गया. बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने उन्हें दुमका के एक गेस्ट हाउस में नजरबंद कर दिया. मगर तब तक आडवाणी राम मंदिर के लिए हिंदुओं के दिलों में जो अलख जगा चुके थे उसका कोई मुकाबला नहीं था. आडवाणी की रथ यात्रा ने पूरे देश के हिंदुओं को जगा दिया था और हर किसी की जुबां पर राम मंदिर और भाजपा का ही नाम था. और आखिरकार कार सेवक 30 अक्टूबर को अयोध्या की सीमा में एंट्री कर गए.
6 दिसंबर 1992 को जब विवादित ढांचा गिराया गया, तब आडवाणी को इस आंदोलन का प्रमुख नेता माना गया. हालांकि, उन्होंने कई बार इस बात पर जोर दिया कि उनकी मंशा केवल मंदिर के निर्माण के लिए जन समर्थन जुटाने की थी, न कि किसी भी तरह की हिंसा को बढ़ावा देने की, इसके बावजूद, आडवाणी पर आरोप लगा कि उनके नेतृत्व ने हिंदुत्ववादी भावनाओं को भड़काया, जिसने 1992 की घटनाओं में एक भूमिका निभाई. आडवाणी के नेतृत्व में राम मंदिर का मुद्दा राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र बन गया, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी.
राम जन्मभूमि आंदोलन से भाजपा को जो सफलता मिली उसका श्रेय हर कोई लाल कृष्ण आडवाणी को दे रहा था. पहली बार त्रिशंकु जनादेश के बावजूद देश में पहली बार भाजपा और उसके घटक दलों की सरकार बनी और पीएम बने अटल बिहारी बाजपेयी. भाजपा के पीएम कैंडिडेट के तौर पर अटल का नाम किसी भाजपा नेता नहीं बल्कि एक कांग्रेसी और गांधी परिवार के करीबी कहे जाने वाले नेता ने बीजेपी के सांसद को सुझाया था, और तर्क ये दिया गया था कि अटल सौम्य हैं जबकि आडवाणी आक्रामक हैं. ऐसे में अगर आडवाणी को पीएम कैंडिडेट बनाया गया तो त्रिशंकु जनाधार और घटक दलों को साथ लेकर सत्ता का स्वाद चखना मुश्किल हो जाएगा. इस बात को आडवाणी ने भी समझा और पीएम उम्मीदवारी के लिए खुद ही अटल का नाम आगे कर दिया.
और भी

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत मेधावी छात्रों को मिलेगा एजुकेशन लोन

  • गरीब और मध्यम वर्ग बनेगा सशक्त
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पीएम विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दिए जाने की सराहना की है। यह योजना केंद्रीय क्षेत्र के तहत मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने योजना को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि पीएम विद्यालक्ष्मी योजना भारत के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए 21वीं सदी की उच्च शिक्षा तक पहुंच को यूनिवर्सल बनाने में मददगार होगी।
उन्होंने आगे कहा, "3,600 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ यह योजना उच्च शिक्षा में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी और देश की युवा शक्ति को अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम बनाएगी।" पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत जमानत-मुक्त और गारंटर-मुक्त एजुकेशन लोन से मेधावी छात्रों के लिए उच्च शिक्षा तक पहुंच को आसान बनाया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वित्तीय बाधाएं छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने से न रोकें।
जिन विद्यार्थियों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है, वे 10 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन पर 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान पाने के पात्र होंगे साथ ही वे 7.5 लाख रुपये तक के लोन पर 75 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी के पात्र होंगे।
योजना को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एजुकेशन लोन पारदर्शी, छात्र-अनुकूल और डिजिटल आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत एनआईआरएफ के आधार पर टॉप 860 उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने वाले छात्रों को एजुकेशन लोन की सुविधा दी जाएगी। इस योजना से हर साल 22 लाख से अधिक छात्र लाभान्वित हो सकेंगे।
मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी) 2020 की एक प्रमुख सिफारिश है। पीएम विद्यालक्ष्मी एनईपी इस ओर ओक ठोस कदम माना जा रहा है। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना गरीब और मध्यम वर्ग के लाखों छात्रों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। योजना के तहत उच्च शिक्षा विभाग के पास एक पोर्टल ‘पीएम-विद्यालक्ष्मी’ होगा, जिस पर छात्र सभी बैंकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षा ऋण के साथ-साथ ब्याज अनुदान के लिए आवेदन कर सकेंगे।
और भी

मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल और प्रियंका गांधी ने देशवासियों को दी छठ की शुभकामनाएं

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी देशवासियों को छठ की शुभकामनाएं दी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के माध्यम से देशवासियों को छठ की शुभकामनाएं दी। उनहोंने लिखा, "श्रद्धा, समर्पण, आस्था, नव सृजन के महत्व पर बल देने वाले व शक्ति स्रोत सूर्य देव की अराधना के महापर्व छठ की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
अस्ताचल और उदीयमान सूरज को एक समान आदर और सम्मान देती हमारी महान भारतीय सभ्यता, ये दर्शाती है कि प्रकृति का आदर करना हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। प्रकृति पूजा को समर्पित यह पावन पर्व सभी के जीवन में अपार खुशियां, सुख, शांति व सौहार्द लेकर आए, हमारी यही कामना है।"
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 'एक्स' पर लिखा, "सूर्य उपासना एवं लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं। आशा करता हूं यह त्यौहार आप सभी के जीवन में नवीन ऊर्जा और शक्ति का संचार करे।" वहीं, कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने दिवगंत शारदा सिन्हा के लोकगीत के माध्यम से लोगों को लोकपर्व छठ की शुभकामनाएं दी। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, "दुखवा मिटाईं छठी मइया, रउवे असरा हमार, सबके पुरावेली मनसा, हमरो सुन लीं पुकार...सूर्यदेव की उपासना, प्रकृति पूजा एवं लोक आस्था के महापर्व 'छठ पूजा' की हार्दिक शुभकामनाएं। छठी मैया आप सबके जीवन में सुख, समृद्धि एवं शांति का संचार करें। जय छठी मैया।
बता दें कि देशभर में लोक आस्था के प्रतीक चार दिवसीय छठ पूजा मनाया जा रहा है। छठ पर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे और चौथे दिन सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। तीसरे दिन संध्या का अर्घ्य और चौथे दिन सुबह अर्घ्य दिया जाता है। आज छठ के तीसरे दिन तमाम बड़े नेताओं ने देशवासियों को छठ की शुभकामनाएं दी।
और भी

लोक गायिका शारदा सिन्हा पंचतत्व में विलीन, उमड़ी भीड़

पटना। लोक गायिका शारदा सिन्हा आज छठ के तीसरे दिन पंचतत्व में विलीन हो गईं। पटना के गुलबी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बेटे अंशुमान ने मुखाग्नि दी। घाट पर 'शारदा सिन्हा अमर रहे' के साथ-साथ छठी मईया के जयकारे भी गूंजते रहे।
शारदा सिन्हा को छठ गीत से पहचान मिली। उनके गानों के बिना छठ महापर्व अधूरा माना जाता है। छठी माई की महिमा गाने वाली शारदा सिन्हा का पर्व के पहले दिन (मंगलवार को) दिल्ली एम्स में निधन हुआ था। उनके अंतिम सफर में उनका गाया आखिरी छठ गीत 'दुखवा मिटाई छठी मईया' बजा। ये गाना शारदा सिन्हा ने दिल्ली एम्स से ही रिलीज किया था।
सुबह करीब 9 बजे पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके आवास से उनकी अंतिम यात्रा निकली, जो गुलबी घाट पहुंची। बेटे अंशुमान ने मां की अर्थी को कंधा दिया। उनके साथ-साथ बीजेपी के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव और विधायक संजीव चौरसिया ने भी कंधा दिया। बड़ी संख्या में शारदा सिन्हा के प्रशंसक भी शामिल हुए हैं। वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुरुवार शाम शारदा सिन्हा के राजेन्द्र नगर स्थित घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।
45 दिन पहले इसी घाट पर पति का हुआ था अंतिम संस्कार-
शारदा सिन्हा के पति का निधन 45 दिन पहले यानी 22 सितंबर को हुआ था। उनका अंतिम संस्कार पटना के गुलबी घाट पर ही किया गया था। शारदा सिन्हा की इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार भी इसी घाट पर हो। छठ के पहले दिन 5 अक्टूबर को देर रात दिल्ली AIIMS में शारदा सिन्हा का निधन हो गया था। वे 72 साल की थीं।
फ्लाइट से उनका पार्थिव शरीर पटना लाया गया। शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर पटना के राजेन्द्र नगर स्थित आवास पर लाया गया था। जहां सीएम नीतीश कुमार ने घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
और भी