हिंदुस्तान

9 अगस्त 2012 का वो ऐतिहासिक दिन, जब अग्नि-2 ने भारत की रक्षा ताकत को दी नई उड़ान

नई दिल्ली। 9 अगस्त, 2012, ये वो दिन था, जब भारतीय सेना ने देश की रक्षा क्षमता को और मजबूत करते हुए परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण भारत के मिसाइल विकास कार्यक्रम और रणनीतिक रक्षा नीति में एक महत्वपूर्ण कदम था। यह न केवल तकनीकी उपलब्धि थी, बल्कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक था।
दरअसल, अग्नि-2 भारत के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) का हिस्सा है, जिसे डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। अग्नि-2 मध्यम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल है, जो अपनी लंबी रेंज और सटीकता के लिए जानी जाती है। यह परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है।
9 अगस्त, 2012 को ओडिशा के तट पर स्थित व्हीलर द्वीप (डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप) से इसका सफल परीक्षण किया गया था। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत ने 2012 में अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए सतह से सतह पर मार करने वाली बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-2 का सफल परीक्षण किया था। ये परीक्षण न केवल तकनीकी दक्षता को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि भारत की रणनीतिक निवारक क्षमता और क्षेत्रीय स्थिरता को भी रेखांकित करते हैं।
अग्नि-2 की मारक क्षमता 2,000 से 2,500 किलोमीटर के बीच है। यह मध्यम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल है, जो अत्याधुनिक इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (आईएनएस), जीपीएस आधारित और 1,000 किलोग्राम तक पेलोड क्षमता से लैस है। यह लगभग 20 मीटर लंबी है और इसका वजन करीब 17 टन है, जो इसे अत्यंत सटीक बनाता है। इसे रेल और सड़क दोनों से मोबाइल लांचर के जरिए प्रक्षेपित किया जा सकता है, और यही इसे रणनीतिक रूप से लचीला बनाता है। दो चरणों वाली ठोस ईंधन प्रणाली मिसाइल की त्वरित तैनाती और विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है। 9 अगस्त 2012 को जब इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था, तो इसने अपने लक्ष्य को सटीक रूप से भेदा था, जिसकी रडार और टेलीमेट्री स्टेशनों द्वारा पुष्टि की गई थी। यह परीक्षण भारतीय सेना की परिचालन तत्परता को परखने का हिस्सा था। अग्नि-2 का 2012 में किया गया सफल परीक्षण भारत की मिसाइल प्रौद्योगिकी और रक्षा तैयारियों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जो एक तकनीकी उपलब्धि के साथ-साथ भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक था।
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नक्सलियों के IED विस्फोट में CRPF के दो जवान जख्मी

  • एयरलिफ्ट किए गए, एसपी ने की घटना की पुष्टि
रांची। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के दीघा क्षेत्र में नक्सलियों के बिछाए आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) की चपेट में आने से सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के दो जवान बुरी तरह घायल हो गए हैं। इन्हें इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर रांची लाया जा रहा है।
विस्फोट की यह घटना शुक्रवार दोपहर उस वक्त हुई थी, जब सुरक्षा बलों का दस्ता जंगलवर्ती इलाके में नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन पर था। चाईबासा के एसपी राकेश रंजन ने घटना की पुष्टि की है। चाईबासा के दुरूह जंगलों और पहाड़ियों में पनाह लेकर हिंसक वारदातें अंजाम देने वाले माओवादी नक्सलियों के खिलाफ पुलिस और सुरक्षाबलों की ओर से लगातार अभियान चलाया जा रहा है।
सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने और अपने ठिकानों तक पहुंचने से रोकने के लिए नक्सलियों ने पूरे इलाके में जमीन के नीचे जगह-जगह आईईडी लगा रखे हैं, जिन पर जवानों के पांव पड़ते या हल्का प्रेशर बनते ही विस्फोट हो जाता है। दो दिन पहले नक्सलियों ने इसी जिले में करमपदा-रेंगडा रेल मार्ग पर आईईडी लगा दिया था, जिसकी चपेट में आकर रेलवे के एक ट्रैकमैन की मौत हो गई थी।
जून महीने में भी सारंडा जंगल में आईईडी विस्फोट की चपेट में आकर सीआरपीएफ के जवान सत्यवान कुमार सिंह शहीद हो गए थे। इसके पहले मार्च महीने में आईईडी विस्फोट की तीन घटनाएं हुई थीं, जिसमें एक सब इंस्पेक्टर की शहादत के अलावा पांच अन्य जवान-अफसर घायल हुए हैं।
बताया गया है कि भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन अपने दस्ते सदस्यों के साथ सारंडा और कोल्हान क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनके खिलाफ सुरक्षाबलों द्वारा लगातार अभियान संचालित किया जा रहा है। चाईबासा में पुलिस और सुरक्षाबलों ने पिछले तीन माह के अंदर नक्सलियों के एक दर्जन से ज्यादा डंप को ध्वस्त करते हुए हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया था।
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केंद्र ने ई-बसों, ट्रकों और एम्बुलेंस के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना को 2 साल के लिए बढ़ाया आगे

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों, एम्बुलेंस और ट्रकों के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना को दो साल के लिए बढ़ाकर मार्च 2028 कर दिया है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी एक राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, यह योजना अब मार्च 2026 के बजाय मार्च 2028 में समाप्त हो जाएगी।
अधिसूचना के अनुसार, इस योजना के लिए फंड आवंटन 10,900 करोड़ रुपए पर बरकरार रखा गया है और योजना के तहत कोई अतिरिक्त आवंटन नहीं किया जाएगा। अधिसूचना के अनुसार, इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए प्रोत्साहन मार्च 2026 तक समाप्त हो जाएंगे।
पीएम ई-ड्राइव योजना, देश भर में लगभग 5,600 ई-ट्रकों को इलेक्ट्रिक ट्रकों में बदलने के लिए 9.6 लाख रुपए तक के प्रोत्साहन के साथ कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद करती है। पिछले महीने, सरकार ने पीएम ई-ड्राइव पहल के तहत इलेक्ट्रिक ट्रकों (ई-ट्रकों) के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु एक अभूतपूर्व योजना शुरू की, जिसमें अधिकतम प्रोत्साहन राशि 9.6 लाख रुपए प्रति वाहन निर्धारित की गई है। यह पहली बार है जब सरकार इलेक्ट्रिक ट्रकों को प्रत्यक्ष सहायता प्रदान कर रही है, जिसका उद्देश्य देश में क्लीन, कुशल और सस्टेनेबल फ्रेट मोबिलिटी की ओर ट्रांजिशन को गति प्रदान करना है।
इस योजना से देश भर में लगभग 5,600 ई-ट्रकों की तैनाती को समर्थन मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के अनुसार, डीजल ट्रक, कुल वाहन संख्या का केवल 3 प्रतिशत होने के बावजूद, परिवहन से संबंधित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 42 प्रतिशत का योगदान करते हैं और वायु प्रदूषण को काफी बढ़ा देते हैं।
इस योजना के तहत, केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (सीएमवीआर) के तहत परिभाषित एन2 और एन3 श्रेणी के इलेक्ट्रिक ट्रकों पर भी मांग प्रोत्साहन लागू किया जाएगा। एन2 श्रेणी में 3.5 टन से अधिक और 12 टन तक के ग्रॉस व्हीकल वेट (जीवीडब्ल्यू) वाले ट्रक शामिल हैं। एन3 श्रेणी में 12 टन से अधिक और 55 टन तक के जीवीडब्ल्यू वाले ट्रक शामिल हैं। आर्टिकुलेटेड वाहनों के मामले में, प्रोत्साहन केवल एन3 श्रेणी के पुलर ट्रैक्टर पर लागू होंगे। ये प्रोत्साहन खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में दिए जाएंगे और पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर पीएम ई-ड्राइव पोर्टल के माध्यम से ओईएम को प्रतिपूर्ति की जाएगी।
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कैंसर मरीजों का तेजी से क्यों घटता है वजन, शोध में सामने आई वजह

नई दिल्ली। एक नए अध्ययन में कैंसर मरीजों के तेजी से घटते वजन के पीछे की वजह सामने आई है। अध्ययन में पता चला है कि इसका कनेक्शन हमारे ब्रेन और लिवर से जुड़ा हो सकता है। कैंसर से होने वाली लगभग एक-तिहाई मौतों का कारण कैचेक्सिया है। यह एक लाइलाज मेटाबॉलिक सिंड्रोम है, जिसमें मांसपेशियों और शरीर में वसा की कमी हो जाती है और मरीज का वजन तेजी से कम होने लगता है। यह कैंसर के इलाज में भी मुश्किल उत्पन्न करती है, जिससे मरीजों की मृत्यु दर बढ़ जाती है।
इजरायल के वीजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और अमेरिका के टेक्सास एमडी एंडरसन कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं ने पाया कि ब्रेन और लिवर के बीच संचार में रुकावट इस वजन घटने का एक प्रमुख कारण है। कैंसर के कारण होने वाला इंफ्लेमेशन वैगस नर्व की गतिविधि को बाधित करता है, जो ब्रेन और लिवर के बीच संचार का मुख्य माध्यम है।
वैगस नर्व शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों, जैसे पाचन, हृदय की गति और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाती है। जब कैंसर के कारण शरीर में इंफ्लेमेशन होता है, तो यह वैगस नर्व के सामान्य कामकाज को बाधित कर देता है और जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाला सिंड्रोम विकसित होता है।
वेइजमैन में डॉ. नामा दर्जी और एमडी एंडरसन में डॉ. अलीशा गैरेट के नेतृत्व में किए गए शोध को पत्रिका 'सेल' में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, कुछ कैंसरों में रोगियों में कैचेक्सिया की व्यापकता 85 प्रतिशत तक है; यह अग्नाशय और फेफड़ों के ट्यूमर में सबसे अधिक है।
शोध में चूहों पर प्रयोग के दौरान पाया गया कि राइट वैगस नर्व को बिना सर्जरी के अवरुद्ध करने से कैशेक्सिया को रोका जा सकता है। इससे चूहों में कीमोथेरेपी का असर बढ़ा और उनकी सेहत व जीवित रहने की अवधि में सुधार हुआ।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह तरीका, जिसका इंसानों पर पहले से ही क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है, कैंसर के मरीजों के लिए एक नया उपचार विकल्प दे सकता है। यह कैशेक्सिया को रोकता है, कीमोथेरेपी के प्रभाव को बढ़ाता है और स्वास्थ्य व जीवित रहने की संभावना को सुधारता है। साथ ही, यह दिखाता है कि मस्तिष्क और शरीर का संचार स्वास्थ्य और बीमारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह तकनीक स्वीकृत चिकित्सा तकनीकों पर आधारित है, इसलिए जल्द ही कैंसर मरीजों तक पहुंच सकती है। यह अध्ययन बताता है कि कैंसर मरीजों के लिए नए उपचार विकल्पों के अलावा, मस्तिष्क और शरीर का कनेक्शन स्वास्थ्य और बीमारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, वैगस नर्व के माध्यम से यह कनेक्शन मेटाबॉलिज्म और समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, जिससे बीमारियों को समझने और उनका इलाज करने में नई संभावनाएं खुलती हैं।
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कैग के निष्कर्षों पर दिल्ली विधानसभा में हंगामा

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के 2023-24 के वित्तीय और विनियोग खातों पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं और केंद्र से प्राप्त धन के दुरुपयोग को उजागर करती है। मुख्यमंत्री ने कहा, "जनता को उम्मीद थी कि उनके टैक्स के पैसे से सड़कें, स्कूल और अस्पताल बनेंगे। इसके बजाय, इसे तथाकथित मुफ्त योजनाओं में लगा दिया गया।" उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकार ने विकास की अनदेखी की और केवल प्रचार-प्रसार पर ध्यान केंद्रित किया। विधानसभा सत्र के चौथे दिन हंगामे की स्थिति रही, जिसके कारण अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को मुख्यमंत्री के अभिभाषण में बाधा डालने के लिए लगभग छह आप विधायकों को सदन से बाहर निकालना पड़ा।
विस्तृत टिप्पणी प्रस्तुत करते हुए, मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार—जो अब विपक्ष में है—पर वित्तीय कुप्रबंधन और शासन करने की इच्छाशक्ति की कमी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि CAG रिपोर्ट स्पष्ट रूप से बताती है कि कैसे सार्वजनिक धन का उपयोग दीर्घकालिक संपत्ति बनाने के लिए नहीं किया गया। विपक्ष की प्रतिक्रिया का अनुमान लगाते हुए, उन्होंने कहा कि वे केंद्र पर दोष मढ़ने की कोशिश करेंगे और दावा करेंगे कि उन्हें कोई समर्थन नहीं मिला। उन्होंने कहा, "सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को 4,800 करोड़ रुपये दिए।" इसमें से 463 करोड़ रुपये जलापूर्ति पर, 482 करोड़ रुपये मुफ्त बस यात्रा पर और 3,250 करोड़ रुपये मुफ्त बिजली योजनाओं पर खर्च किए गए। उन्होंने कहा, "इन मुफ्त सुविधाओं ने पूरा अनुदान खा लिया।" उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष ने ऐसा दिखाया जैसे ये योजनाएँ उनकी अपनी जेब से दी गई हों, जबकि यह करदाताओं का पैसा था।
उन्होंने बताया कि 2022-23 में दिल्ली के पास 4,566 करोड़ रुपये का अधिशेष था, लेकिन यह पूरी राशि खर्च कर दी गई। अगले वर्ष, 2023-24 में, सरकार 3,934 करोड़ रुपये के घाटे में चली गई - जो दो वर्षों में लगभग 8,600 करोड़ रुपये हो गया। मुख्यमंत्री ने यह भी खुलासा किया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय में 50% की गिरावट आई है और जिन 24 अस्पतालों का शिलान्यास किया गया था, वे आज तक अधूरे हैं। शिक्षा और खेल जैसे क्षेत्रों में 42% की कटौती हुई, जबकि सड़क निर्माण और लोक निर्माण में 40% तक की कमी आई। मुख्यमंत्री ने इसे जन कल्याण के प्रति उपेक्षा और संसाधनों के दुरुपयोग का स्पष्ट संकेत बताया।
पिछली सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास परियोजनाओं को जानबूझकर नज़रअंदाज़ किया गया और सारा ध्यान प्रचार पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा कि एक भी नया फ्लाईओवर नहीं बनाया गया और न ही कोई बड़ी सड़क परियोजना पूरी हुई। शहरी विकास बजट में 36% की कटौती की गई। परिणामस्वरूप, राजस्व में गिरावट जारी रही, व्यय बढ़ता रहा और अंततः, दिल्ली के लोगों के साथ विश्वासघात हुआ - सड़कों, स्कूलों या अस्पतालों का कोई विकास नहीं हुआ।
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प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 11 इंटीग्रेटेड एक्वा-पार्क्स बनाने के प्रस्तावों को मंजूरी : केंद्र

नई दिल्ली। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत 682.60 करोड़ रुपए की कुल लागत से कुल 11 इंटीग्रेटेड एक्वा-पार्क्स के विकास के लिए विभिन्न राज्य सरकारों के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। यह जानकारी केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
इंटीग्रेटेड एक्वा-पार्क्स विविध मत्स्य पालन के केंद्रों के रूप में कार्य करते हैं, जो एक्वाकल्चर वैल्यू चेन को मजबूत करते हैं। ये पार्क बीज, चारा और प्रोसेसिंग, कोल्ड चेन के साथ बाजार पहुंच के लिए कृषि सहायता तक एक एंड-टू-एंड इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा प्रदान करते हैं। ये पार्क क्लस्टर-आधारित दक्षता को सक्षम बनाते हैं, कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करते हैं और वैल्यू एडिशन एवं संगठित मार्केटिंग के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करते हैं।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग ने विभिन्न राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य अंतिम कार्यान्वयन एजेंसियों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर, पिछले पांच वर्षों की अवधि के दौरान प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के अंतर्गत 9,189.79 करोड़ रुपए के केंद्रीय शेयर के साथ 21,274.16 करोड़ रुपए के मत्स्य विकास प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
इसके अलावा, राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने बताया कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत आंध्र प्रदेश के तटीय गांवों में 350 सागर मित्रों की नियुक्ति के लिए आंध्र प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
पीएमएमएसवाई में मछुआरों के लिए बीमा कवरेज का प्रावधान है, जिसमें मृत्यु या स्थायी पूर्ण विकलांगता के लिए 5 लाख रुपए और स्थायी आंशिक विकलांगता के लिए 2.5 लाख रुपए शामिल हैं। प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझा किया जाता है, जिसमें लाभार्थी का कोई योगदान नहीं होता है।
नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड (एनएफडीबी) ने सूचित किया है कि आंध्र प्रदेश चालू वित्त वर्ष 2025-2026 के दौरान पीएमएमएसवाई के तहत ग्रुप एक्सीडेंट इंश्योरेंस स्कीम (जीएआईएस) का लाभ उठाने के लिए आगे आया है, जिसमें 2,07,63,370.4 रुपए के प्रीमियम के साथ 2,58,515 मछुआरों को कवर किया गया है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि राज्य मछली पकड़ने के दौरान मरने वाले मृतक मछुआरों के परिवारों को 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान कर रहा है।
 
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अमेरिकी टैरिफ वृद्धि से भारत के कुल निर्यात का केवल 4.8% प्रभावित होगा

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है, लेकिन आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, इससे दुनिया भर में देश के कुल वस्तु एवं सेवा निर्यात का केवल 4.8 प्रतिशत ही प्रभावित होने की उम्मीद है, जो 2024-25 में रिकॉर्ड 820 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाया जा रहा 50 प्रतिशत टैरिफ केवल अमेरिका को किए जाने वाले 40 अरब डॉलर के निर्यात पर लागू होगा।
इसके अलावा, 30 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के निर्यात, जिनमें दवाइयाँ और कुछ इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ जैसे स्मार्टफोन, सेमीकंडक्टर और ऊर्जा शामिल हैं, अभी तक उच्च शुल्कों से सुरक्षित हैं क्योंकि ये अभी भी छूट सूची में हैं। भारत ने वित्त वर्ष 2025 में क्रमशः 10.5 अरब डॉलर और 14.6 अरब डॉलर मूल्य की दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों (ज्यादातर स्मार्टफोन) का निर्यात किया, जो अमेरिका को किए जाने वाले उसके कुल निर्यात का 29 प्रतिशत है।
वित्त वर्ष 2025 में 4.09 अरब डॉलर मूल्य के पेट्रोलियम निर्यात भी ट्रम्प के नए टैरिफ से सुरक्षित हैं, क्योंकि ऊर्जा क्षेत्र भी छूट सूची में है। वित्त वर्ष 2025 में अमेरिका को भारतीय निर्यात 86.51 अरब डॉलर रहा। ट्रम्प ने अभी तक इन प्रमुख उद्योगों को नए टैरिफ में शामिल नहीं किया है, जो अगले 21 दिनों में लागू होने वाले हैं। इस छूट के परिणामस्वरूप, इस वर्ष जनवरी से अमेरिका को भारत का निर्यात बढ़ा है, क्योंकि इन वस्तुओं पर कोई शुल्क नहीं है। जनवरी से जून 2025 तक, भारत के व्यापारिक निर्यात में अमेरिका का प्रतिशत 17-18 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत से अधिक हो गया।
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रक्षाबंधन पर लाडली बहनों को मिले ₹1500, CM ने उनके खातों में ट्रांसफर किए

मध्य प्रदेश। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लाडली बहनों के खातों में 250 रुपये की अतिरिक्त राशि सहित 1,500 रुपये हस्तांतरित किए।
यादव ने गुरुवार को 1.26 करोड़ महिलाओं के खातों में 1,859 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए। उन्होंने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के खातों में 43.90 करोड़ रुपये भी हस्तांतरित किए।
नरसिंहगढ़ में एक समारोह में यादव ने कहा कि दिवाली के बाद लाडली बहनों को हर महीने 1,500 रुपये मिलेंगे। इस बार, शुभ मुहूर्त के रूप में 250 रुपये की राशि जमा की गई। लाडली बहना योजना की राशि 2028 तक बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दी जाएगी।
सरकार उद्योगों में कार्यरत महिलाओं को 6,000 रुपये और पुरुषों को 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता देगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए उनके कार्यस्थल पर छात्रावास बनाए जा रहे हैं। गोपालन योजना के तहत 35% की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
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उत्तरकाशी आपदा : धराली में अब तक 367 लोगों का रेस्क्यू

  • हेलीकॉप्टरों से राहत अभियान तेज
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के धराली इलाके में अब तक 367 लोगों का रेस्क्यू हो चुका है। पिछले दिनों धराली में बादल फटने के बाद पहाड़ों से आए सैलाब ने तबाही मचाई थी। कई घर ध्वस्त हो गए और इस दौरान सैकड़ों लोग इस इलाके में फंसे थे। फिलहाल, युद्धस्तर पर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए 367 लोगों को निकाला गया है।
उत्तराखंड में मौसम साफ होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन ने रफ्तार पकड़ी है। चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचाई जा रही है। भारी मशीनरी व रसद सामग्री वहां भेजी जा रही है। एमआई 17 समेत 8 निजी हेलीकॉप्टर भी रेस्क्यू में जुटे हैं। इनकी मदद से 112 लोगों को एयरलिफ्ट कर देहरादून पहुंचाया गया।
5 अगस्त को आई प्राकृतिक आपदा के बाद से धराली इलाके में अभी भी कुछ लोगों के लापता होने की आशंकाएं हैं। उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि आपदा स्थल पर पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना, फायर और राजस्व की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं। आपदाग्रस्त क्षेत्र में फंसे लोगों को सुबह से हेली के माध्यम से आईटीबीपी मातली पहुंचाने का सिलसिला निरंतर जारी है।
उत्तराखंड पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया, "उत्तरकाशी आपदा राहत अभियान के तहत एक ओर उत्तराखंड पुलिस के जवान प्रभावितों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित पहुंचाने में सहयोग कर रहे हैं, घायलों को प्राथमिक उपचार व सहायता दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राहत सामग्री को दुर्गम इलाकों तक पहुंचाने का संकल्प भी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं।"
पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि गंगनानी से 3 किमी आगे पुल ध्वस्त होने से रास्ता बंद हो गया था। बीआरओ की टीम ने नया पुल निर्माण शुरू किया है। एसडीआरएफ ने स्टील वायर से एलाइनमेंट तय किया।
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जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

नई दिल्ली। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई के समक्ष यह याचिका प्रस्तुत की, जिन्होंने पुष्टि की थी कि मामले की सुनवाई 8 अगस्त (शुक्रवार) को होगी।
जहूर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य का दर्जा बहाल करने में लगातार हो रही देरी "जम्मू और कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है और संघवाद की अवधारणा का भी उल्लंघन कर रही है।"
आवेदकों का तर्क है कि समयबद्ध सीमा के भीतर राज्य का दर्जा बहाल न करना संघवाद का उल्लंघन है, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है। इसमें कहा गया है कि तत्कालीन सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सम्मुख सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आश्वासन दिया था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करेगी। हालांकि, कोर्ट ने इस बहाली के लिए कोई स्पष्ट समय सीमा नहीं दी थी।
हालांकि, भारत के चुनाव आयोग को पुनर्गठन अधिनियम की धारा 14 के तहत गठित जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव 30 सितंबर, 2024 तक कराने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया गया था और कहा गया था कि "राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाएगा।"
पिछली सुनवाई के दौरान, एसजी मेहता ने अदालत को बताया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कोई विशिष्ट समय-सीमा नहीं बता सकता और राज्य का दर्जा बहाल करने में "कुछ समय" लगेगा। मई 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि "रिकॉर्ड में कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है" और मामले को खुली अदालत में सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया।
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ऑस्ट्रेलियाई सेना प्रमुख 10 से 14 अगस्त तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर

  • हिंद-प्रशांत में रणनीतिक साझेदारी को मिलेगी मजबूती
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल साइमन स्टुअर्ट 10 से 14 अगस्त तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। मौजूदा समय में यह यात्रा रणनीतिक और सैन्य सहयोग के लिहाज से काफी अहम है।
ऑस्ट्रेलियाई सेना प्रमुख भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। यह यात्रा भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को सैन्य क्षेत्र में और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने के साझा प्रयासों में यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है।
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल साइमन स्टुअर्ट की यह भारत यात्रा न केवल भारत की क्षेत्रीय भूमिका को मान्यता देती है, बल्कि इंडो-पैसिफिक में सामूहिक तैयारी और रणनीतिक विश्वास को गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह यात्रा दोनों सेनाओं के बीच सहयोग के अगले चरण की नींव रखेगी।
दरअसल, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा साझेदारी निरंतर विकसित हो रही है। इसे नियमित उच्च स्तरीय संवादों और संस्थागत ढांचे के माध्यम से मजबूती मिल रही है। नवंबर 2023 में नई दिल्ली में आयोजित 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय वार्ता इसका प्रमाण है, जिसकी अगली बैठक 2025 में ऑस्ट्रेलिया में प्रस्तावित है। साथ ही, जुलाई 2023 में ऑस्ट्रेलिया में हुई रक्षा नीति वार्ता ने आपसी सहयोग की समीक्षा और नई पहलों की पहचान के लिए अहम मंच प्रदान किया।
भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सेनाओं के बीच सहयोग भी अब इस साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ बन चुका है। दोनों सेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यासों की संख्या, स्तर और रणनीतिक महत्व में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2016 में शुरू हुआ द्विपक्षीय अभ्यास ‘ऑस्ट्राहिंद’ दोनों सेनाओं के बीच प्रमुख फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास बन चुका है। इसमें आतंकवाद-रोधी अभियानों, करीबी लड़ाई और संयुक्त रणनीतिक संचालन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इसका अगला संस्करण नवंबर 2025 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया जाएगा।
भारतीय सेना ने ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयोजित बहुराष्ट्रीय युद्ध अभ्यास ‘टैलिस्मन सेबर’ में भी सक्रिय भागीदारी की है। ‘इंडो-पैसिफिक एंडेवर’ के दौरान विशाखापत्तनम में दोनों सेनाओं ने संयुक्त व्यावसायिक आदान-प्रदान और मानवतावादी राहत, जंगल युद्ध और आतंकवाद-रोधी अभियानों पर चर्चा की थी। प्रशिक्षण और संस्थागत सहयोग के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच गहरे संबंध हैं। भारतीय सेना के अधिकारी नियमित रूप से ऑस्ट्रेलियाई रक्षा और रणनीतिक अध्ययन पाठ्यक्रम, सेना कमांड और स्टाफ पाठ्यक्रम, और रक्षा खुफिया विश्लेषण पाठ्यक्रम में भाग लेते हैं।
वहीं, ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी भारत के राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और उच्च रक्षा ओरिएंटेशन कोर्स में नामांकित होते हैं। मिजोरम के वैरेंगटे स्थित काउंटर-इंसर्जेंसी और जंगल वारफेयर स्कूल में आयोजित होने वाला प्रशिक्षक विनिमय कार्यक्रम दोनों सेनाओं के सामरिक तालमेल को और मजबूत करता है। रक्षा उद्योग के क्षेत्र में भी दोनों देशों का सहयोग बढ़ रहा है। भारतीय कंपनियों ने ऑस्ट्रेलिया को आईएसआर, मोबिलिटी और संरक्षित प्रणालियों जैसी सामरिक क्षमताएं निर्यात की हैं। साथ ही, आर्मी डिजाइन ब्यूरो और ऑस्ट्रेलिया के डिगर वर्क्स के बीच संयुक्त विकास के प्रयास चल रहे हैं।
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राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस, लगाए गंभीर आरोप, दागे कई सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन में गड़बड़ियों को लेकर एक बार फिर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने इस दौरान महाराष्ट्र और कर्नाटक की मतदाता सूची दिखाते हुए इन दोनों राज्यों की वोटर लिस्ट में फर्जी वोटर्स का आरोप लगाया.
राहुल गांधी ने प्रेजेंटेशन के दौरान कहा कि संविधान की नींव वोट है. ऐसे में सोचना होगा कि क्या सही लोगों को वोट डालने दिया जा रहा है? क्या मतदाता सूची में फर्जी वोटर्स जोड़े गए? महाराष्ट्र का चुनाव चोरी किया गया. हम महाराष्ट्र में चुनाव हार गए. महाराष्ट्र में 40 लाख वोटर रहस्यमयी हैं. यहां पांच महीने में कई वोटर जोड़े गए. वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग जवाब देना चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि क्या वोटर लिस्ट सही है या गलत?
कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक डेटा क्यों नहीं देता? हमने आयोग से बार-बार डेटा मांगा लेकिन हमें नहीं दिया गया. यहां तक कि चुनाव आयोग ने हमें जवाब देने से भी इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि देश मे फर्जी वोटिंग हो रही है. हमें इस चोरी को पकड़ने में लंबा समय लगा. हमने अपने स्तर पर जांच की, जिसमें हमें छह महीने का समय लगा. हमने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर वोटर्स लिस्ट की पड़ताल की. महादेवपुरा सीट पर हम 32707 वोटों से हार गए थे. अकेली इसी सीट पर बीजेपी एक लाख से ज्यादा के मार्जिन से जीती थी. इसे हमें शक हुआ कि दाल में कुछ काला है.
बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा की महादेवपुरा विधानसभा सीट में 6.5 लाख वोटों में से एक लाख से अधिक वोटों की चोरी की गई. हमारी इंटर्नल पड़ताल में पता चला कि इनमें से एक लाख से अधिक वोटर्स डुप्लीकेट हैं या जिनका एड्रेस गलत है.
उन्होंने कहा कि हमारी पड़ताल में वोटर्स लिस्ट में कई गड़बड़ियों का पता चला. इस वोटर लिस्ट में कई लोगों के पिता के नाम के आगे कुछ भी लिखा गया है. वोटर लिस्ट में 40 हजार मकानों के एड्रेस शून्य हैं. डुप्लीकेट वोटरों की संख्या बहुत ज्यादा है. 11 हजार संदिग्ध ऐसे हैं, जिन्होंने तीन बार वोट डाला. ये लोग कहां से आ रहे हैं? एक ही पते पर 46 वोटर्स हैं. एक कमरे के घर में 80 मतदाता हैं. ये चुनाव आयोग और बीजेपी की मिलीभगत है.
राहुल गांधी ने बताया कि वोट चोरी पांच तरीकों से की जाती है. डुप्लीकेट वोटर्स 11,965 हैं. वोटर लिस्ट में ऐसे वोटर जिनका एड्रेस फर्जी हैं, उनकी संख्या 40 हजार के आसपास है. एक ही पते पर 10 हजार से ज्यादा वोटर्स रजिस्टर्ड हैं. 4132 वोटर्स ऐसे हैं वोटर लिस्ट में जिनकी फोटो इनवैलिड हैं.
वोट चोरी 5 तरह से होती है?
- डुप्लीकेट वोटर्स (11,965)
- फेक और इनवैलिड एड्रेस (40,009)
- एक ही पते पर बल्क वोटर्स (10,452)
- इनवैलिड फोटो (4132)
- फॉर्म 6 का दुरुपयोग (30,000)
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उपराष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी, 21 अगस्त तक दाखिल होंगे नामांकन

नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम की अधिसूचना जारी की है। 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा और मतगणना भी उसी दिन होगी। नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त तय की गई है।
चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम-1952 की धारा 4 की उप-धारा (4) और (1) के तहत गुरुवार को यह अधिसूचना जारी की। ईसीआई के प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी हैं, जबकि राज्यसभा सचिवालय की संयुक्त सचिव गरिमा जैन और निदेशक विजय कुमार को सहायक निर्वाचन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
निर्वाचन आयोग ने बताया कि उम्मीदवार 21 अगस्त तक संसद भवन के कमरा संख्या आरएस 28 में अपना नामांकन पत्र जमा कर सकते हैं। सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक ही नामांकन पत्र जमा होगा। अगर मुख्य निर्वाचन अधिकारी उपस्थित न हों, तो सहायक निर्वाचन अधिकारी गरिमा जैन या विजय कुमार के पास जमा किया जा सकता है।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, हर नामांकन पत्र के साथ उम्मीदवार के मतदाता क्षेत्र की मतदाता सूची में उनका नाम दर्शाने वाली प्रमाणित प्रति लगानी होगी। प्रत्येक उम्मीदवार को 15 हजार रुपए की जमानत राशि जमा करनी होगी। नामांकन पत्र का फॉर्म ऑफिस से कार्य समय में प्राप्त किया जा सकता है। सभी नामांकन पत्रों की जांच सोमवार 22 अगस्त को सुबह 11 बजे की जाएगी। यदि कोई उम्मीदवार नाम वापस लेना चाहे, तो वह या उसका प्रस्तावक 25 अगस्त को दोपहर 3 बजे से पहले ऑफिस में सूचना दे सकता है।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि अगर चुनाव कराना पड़ा तो मतदान 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, निर्वाचन अधिकारी की ओर से जारी सार्वजनिक सूचना को एक साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राजपत्रों में प्रकाशन की व्यवस्था भी की गई है।
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डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी पर नहीं डगमगाया बाजार

  • "टैरिफ और डॉलर के असर से अडिग रुपया"
मुंबई। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाए गए 25 फीसदी के टैरिफ को बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया. इसका कोई बड़ा असर गुरुवार को शेयर बाजार में देखने को नहीं मिला. हालांकि, सेंसेक्स-निफ्टी दोनों इंडेक्स गिरावट के साथ लाल निशान पर जरूर ओपन हुए. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स जहां खुलते ही 250 अंक से ज्यादा टूटा और फिर अचानक रिकवरी मोड में नजर आने लगा, तो निफ्टी ने भी मामूली गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की. हालांकि, ट्रंप के टैरिफ का डर सिर्फ बाजार ही नहीं, बल्कि भारतीय करेंसी रुपया पर भी नहीं दिखा और ये डॉलर के मुकाबले तेजी के साथ ओपन हुआ. Rupee, अमेरिकी डॉलर की तुलना में 3 पैसे की बढ़त के साथ 87.69 पर ओपन हुआ.
ट्रंप टैरिफ के डर से बेअसर बाजार: ट्रंप के भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद शेयर बाजार की शुरुआत सुस्ती के साथ हुई. सेंसेक्स अपने पिछले बंद 80,543.99 की तुलना में 80,262 पर ओपन हुआ, लेकिन फिर तेज रिकवरी मोड में नजर आया और कुछ ही मिनटों में ट्रंप के टैरिफ डर को दरकिनार करते हुए 80,421 पर ट्रेड करने लगा. निफ्टी की भी चाल सेंसेक्स की तरह ही रही और ये भी 24574 के अपने पिछले बंद की तुलना में बेहद मामूली गिरावट के साथ 24,464 पर खुला और फिर अचानक 24,542 पर पहुंच गया. इसकी चाल देखकर ऐसा नहीं लगता कि Trump Tarifff का बाजार में कोई डर है.
1433 शेयर गिरावट में खुले: शेयर मार्केट में कारोबार की शुरुआत होने पर 751 कंपनियों के शेयरों ने गिरावट के साथ लाल निशान पर कारोबार की शुरुआत की थी, तो वहीं 1433 कंपनियों के स्टॉक्स ने गिरावट के साथ लाल निशान पर कारोबार शुरू किया. इसके अलावा 150 शेयरों की स्थिति में किसी भी तरह का कोई बदलाव देखने को नहीं मिला. शुरुआती कारोबार में जिन शेयरों में तेज गिरावट आई, उनमें Kotak Mahindra Bank, Tata Steel, SBI, Coal India और Jio Financial शामिल रहे. इसके अलावा जो शेयर ट्रंप के टैरिफ के बावजूद उछाल मारते नजर आए, उनमें Hero MotoCorp, Cipla, Bajaj Finserv, Maruti Suzuki, JSW Steel शामिल थे.
एक्सपर्ट भी सीमित असर का जता रहे थे अनुमान: शेयर बाजार में एक्सपर्ट्स के अनुमानों के मुताबिक ही 50% टैरिफ का मामूली असर देखने को मिल रहा है. बता दें कि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि बाजार अब ट्रंप टैरिफ में उतार-चढ़ाव के असर को पूरी तरह से समझ चुका है और बाजार में यह गिरावट सीमित रहेगी, इसके पीछे की एक बड़ी वजह ये भी है कि भारतीय बाजारों में इससे भी खराब स्थिति का सामना भी किया है और इंडेक्स पहले से ही ओवरसोल्ड स्थिति में हैं.
इन 10 शेयरों में तूफानी तेजी: बाजार में शेयरों की चाल पर नजर डालें, तो टैरिफ के डर से बेअसर लार्जकैप कंपनियों में शामिल ITC, Titan, Trent जैसे शेयर ग्रीन जोन में ट्रेड कर रहे थे. इसके अलावा मिडकैप कैटेगरी में शामिल Lupin Share (4.50%), Tornt Power Share (2%) और Coforge Share (1.95%) की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे. स्मॉलकैप कंपनियों में Rain Share (10.25%), ITI Ltd Share (6.65%), Kirlosker Brothers Share (5.75%), Data Matics Share (5.52%) की उछाल के साथ ट्रेड कर रहे थे.
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धराली हादसा : 274 लोगों को बचाया गया, राहत कार्य में जुटे 814 रेस्क्यू कर्मी

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मलबे के बीच फंसे लोगों की सकुशल वापसी के लिए सेना, वायुसेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी ताजा अपडेट के अनुसार अब तक गंगोत्री और अन्य क्षेत्रों से कुल 274 लोगों को हर्षिल लाया गया है, जिनमें गुजरात के 131, महाराष्ट्र के 123, मध्य प्रदेश के 21, उत्तर प्रदेश के 12, राजस्थान के 6, दिल्ली के 7, असम और कर्नाटक के 5-5, तेलंगाना के 3 और पंजाब का एक व्यक्ति शामिल हैं। सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं और इन्हें उत्तरकाशी या देहरादून भेजा जा रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 सहित कुल 6 हेलीकॉप्टर, राज्य सरकार की ओर से युकाड़ा द्वारा तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 2 अन्य हेलीकॉप्टर लगाए जा रहे हैं और अगले दिन से कुल 8 हेलीकॉप्टर को ऑपरेशन में लगाया जाएगा। सेना के एचएएल और चीता हेलीकॉप्टरों के जरिए भी सुबह 7 बजे से ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
रेस्क्यू और राहत कार्यों में 479 अधिकारी और सदस्य सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। इनमें राजपुताना रायफल्स के 150 जवान, सेना की घातक टीम के 12 सदस्य, एनडीआरएफ के 69, एसडीआरएफ के 50, आईटीबीपी के 130, पुलिस और वायरलेस के 15 अधिकारी, चिकित्सा टीम और अग्निशमन विभाग सहित प्रशासनिक अमला शामिल है।
इसके अलावा, राहत कार्य के लिए तैनात 814 अन्य सदस्य अलग-अलग स्थानों से रवाना किए गए हैं, जिनमें नेलांग से 40, आर्मी मेडिकल के 50, टोकला टीसीपी से 50, आगरा से स्पेशल फोर्स के 115, आईटीबीपी के 89, एनडीआरएफ के 160, एसडीआरएफ के 30 और पुलिस के 280 जवान शामिल हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो धराली में एक मेडिकल टीम, एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट और एक एम्बुलेंस तैनात है। हर्षिल में 7 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम एसएमओ मेडिसिन के साथ कार्यरत है। मातली में आईटीबीपी के 2 डॉक्टर व स्वास्थ्य विभाग के 4 विशेषज्ञ और धर्मशाला उत्तरकाशी में 8 विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात किए गए हैं। कुल मिलाकर 294 बेड्स और 65 आईसीयू बेड्स की व्यवस्था की गई है।
अब तक 230 लोगों का रेस्क्यू किया गया है, जिनमें से 230 को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जौलीग्रांट पहुंचाया गया है, जबकि अन्य को सड़क मार्ग से उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है। रेस्क्यू किए गए 13 घायलों को मातली अस्पताल लाया गया, जिनमें से 3 को गंभीर स्थिति में एम्स ऋषिकेश, 2 को मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून और 8 को जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में भर्ती कराया गया है।
रेस्क्यू कार्य में जेसीबी, एस्कवेटर और डोजर सहित कुल 5 मशीनें कार्यरत हैं। गंगोत्री में अभी भी लगभग 400 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें आईटीबीपी द्वारा हर्षिल लाया जा रहा है और फिर वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए मातली पहुंचाया जा रहा है। अब तक 105 लोगों को हर्षिल से निकाला जा चुका है।
इस आपदा में अब तक 2 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि 9 सैन्यकर्मी और 7 आम नागरिक अभी भी लापता हैं। राहत कार्य में तेजी लाने के लिए आईसीपी धराली अब फंक्शनल हो चुकी है और एनडीआरएफ का क्विक रिस्पॉन्स यूनिट भी सक्रिय किया जा रहा है। लोगों तक भोजन पहुंचाने के लिए 2,000 'रेडी टू इट' फूड पैकेट हर्षिल भेजे गए हैं। इसके अलावा, फूड एंड सप्लाई विभाग की ओर से नियमित रूप से सूखा राशन और अन्य खाद्य सामग्री भेजी जा रही है।
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उत्तरकाशी में बादल फटने से बचे लोगों ने बताई आपबीती

  • अस्पताल में भर्ती मरीज बोला- नहीं जानता मैं कैसे बचा
देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से घायल हुए 11 लोगों को उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में उन्हें ऋषिकेश एम्स में रेफर कर दिया गया है। अस्पताल में भर्ती मरीजों और डॉक्टरों ने समाचार एजेंसी से बातचीत की। मरीजों ने जहां अपने साथ हुए आपबीती बताई, तो वहीं डॉक्टर ने स्पष्ट किया कि उनके पास हर प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में चिकित्सकीय संसाधन उपलब्ध हैं।
डॉ. पीएस पोखरियाल ने बताया कि हमारे पास 11 लोग घायल अवस्था में आए थे, जिनमें से तीन को ऋषिकेश एम्स में रेफर कर दिया गया था और बाकी के उपाचाराधीन मरीजों की हालत अभी स्थिर है। उन्होंने बताया कि हमारे पास मौजूदा समय में 45 बेड रिजर्व हैं। अगर किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति पैदा होगी, तो हमारी चिकित्सकीय टीम उस स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा, हमारी टीम प्रशासन के संपर्क में लगातार बनी हुई है। अगर किसी मरीज को कोई दिक्कत होगी, तो हमारी टीम तत्काल उसे चिकित्सकीय सहायता देने की क्षमता रखती है
इस त्रासदी में घायल हुए मरीजों ने भी अपने अनुभव साझा किए। मरीज अमरदीप सिंह ने बताया कि मैं अपने कैंप में लेटा हुआ था। अचानक से ही धमाके की आवाज आई। मुझे लगा कि आर्मी की ओर से कोई शूटिंग की गई होगी, क्योंकि आमतौर पर आर्मी की ओर से इस तरह की शूटिंग की जाती है। लेकिन, जब मैं बाहर निकला, तो पता लगा कि यह बादल फटने की आवाज थी। हम लोग बहुत मुश्किल से भागकर अपनी जान बचा पाने में सफल हुए। वह बहुत ही भयावह मंजर था। हमारे जवानों ने पूरी कोशिश की कि सभी को बचाया जाए।
एक अन्य मरीज गोपाल ने बताया कि मैं यहीं का रहने वाला हूं। मैं आर्मी के साथ काम करता हूं। हम कुछ लोग वहीं थे, जब बादल फटा था। हमने कई लोगों को रेस्क्यू किया। इस दौरान कई लोग बह भी गए। जिसमें से कुछ लोग दिख रहे थे। लेकिन, अब कई लोग नहीं दिख पा रहे हैं। हमें तो खुद के बारे में नहीं पता है कि हम लोग कैसे बचे। धराली में बादल फटने से गांव के लोग ज्यादा दब गए। कई लोगों के सामान इस हादसे में बह गए। बाकी हमें इस हादसे के बारे में ज्यादा कोई जानकारी नहीं है।
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भारत, रूस के साथ एल्युमीनियम, उर्वरक, रेलवे और खनन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएगा

नई दिल्ली। भारत और रूस ने एल्युमीनियम, उर्वरक, रेलवे और खनन टेक्नोलॉजी में सहयोग को गहरा करने के लिए एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करके अपनी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाया है। आधुनिकीकरण और औद्योगिक सहयोग पर भारत-रूस के वर्किंग ग्रुप के 11वें सत्र में दोनों पक्षों ने एल्युमीनियम, उर्वरक और रेलवे परिवहन के क्षेत्र में साझेदारी का स्वागत किया, साथ ही खनन क्षेत्र के उपकरण, अन्वेषण और औद्योगिक एवं घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन में क्षमता निर्माण और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर भी सहमति जताई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह बैठक व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस इंटरगवर्नमेंटल कमीशन के ढांचे के तहत आयोजित की गई थी।
भारत की ओर से, इस सत्र की सह-अध्यक्षता उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया और रूसी संघ के उद्योग एवं व्यापार उप मंत्री एलेक्सी ग्रुजदेव ने की।
बैठक में 10वें सत्र के बाद से हुई प्रगति की समीक्षा की गई और प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया। चर्चा में आधुनिकीकरण, खनन, उर्वरक और रेलवे परिवहन के साथ-साथ सहयोग के उभरते क्षेत्रों पर उप-समूहों द्वारा अपडेटेड जानकारी शामिल थी।
मुख्य फोकस क्षेत्रों में एयरोस्पेस साइंस और टेक्नोलॉजी में सहयोग शामिल हैं, जिसमें एक आधुनिक विंड टनल की स्थापना, छोटे विमान पिस्टन इंजनों का उत्पादन, और कार्बन फाइबर टेक्नोलॉजी, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और 3डी प्रिंटिंग में संयुक्त विकास किया जाएगा।
दोनों पक्षों ने रेयर अर्थ और क्रिटिकल मिनरल की निकासी, भूमिगत कोयला गैसीकरण और आधुनिक औद्योगिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में अवसरों की भी संभावनाएं तलाशी। बैठक का समापन दोनों सह-अध्यक्षों द्वारा 11वें सत्र के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर के साथ हुआ, जिसमें भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी और औद्योगिक एवं आर्थिक सहयोग को गहरा करने की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई। वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि इस सत्र में दोनों पक्षों के लगभग 80 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, क्षेत्र विशेषज्ञ और उद्योग जगत के प्रतिनिधि शामिल थे।
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ट्रंप टैरिफ पर तमिलनाडु भाजपा प्रवक्ता का वार, बोले- भारत का उदय, अमेरिका का पतन

चेन्नई। तमिलनाडु भाजपा प्रवक्ता ए.एन.एस. प्रसाद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय वस्तुओं पर 50 फीसद टैरिफ लगाने के फैसले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे अमेरिका की कमजोरी और भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव के खिलाफ हताशा भरा कदम बताया। साथ ही, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक वैश्विक महाशक्ति बन चुका है, जबकि ट्रंप की नीतियां अमेरिका को आर्थिक और कूटनीतिक रूप से कमजोर कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि ट्रंप का यह टैरिफ भारत को कमजोर करने की कोशिश है। लेकिन, यह उल्टा अमेरिका के लिए नुकसानदेह साबित होगा। भारत की ओर से रूसी तेल की खरीद को आधार बनाकर लगाया गया यह शुल्क अनुचित और राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने इसे ट्रंप की असुरक्षा और भारत के बढ़ते दबदबे से डर का प्रतीक बताया और दावा किया कि यह कदम अमेरिका की वैश्विक साख को कमजोर करेगा और भारत को नई वैश्विक व्यवस्था में और मजबूत करेगा
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के 11 साल के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक, बुनियादी ढांचे और तकनीकी प्रगति के मामले में अभूतपूर्व तरक्की की है। विश्व बैंक के 2024 के आंकड़ों के अनुसार भारत की जीडीपी 3.6 ट्रिलियन डॉलर है और 2024 में 8.2 फीसद की विकास दर (आईएमएफ) हासिल की गई है। भारत की क्वाड, जी20 और अफ्रीका-लैटिन अमेरिका के साथ साझेदारियां इसकी वैश्विक ताकत को दर्शाती हैं। इसके विपरीत, ट्रंप की अलगाववादी नीतियां अमेरिका को वैश्विक मंच पर कमजोर कर रही हैं।
भाजपा प्रवक्ता ए. एन एस प्रसाद ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की भूमिका की सराहना की और कहा कि भारत ने कोवैक्सिन और कोविशील्ड जैसे टीकों का उत्पादन कर 100 से अधिक देशों को वैक्सीन मैत्री पहल के तहत आपूर्ति की, जबकि अमेरिका 10 लाख से अधिक मौतों के साथ महामारी से जूझता रहा। यह भारत की नैतिक और रणनीतिक श्रेष्ठता को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि अमेरिका का 50 फीसद टैरिफ भारत के निर्यात क्षेत्र, विशेष रूप से दवाइयों और आईटी सेवाओं, को नुकसान पहुंचा सकता है। भारत अमेरिका का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और 2023 में अमेरिका का भारत के साथ 36 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था। दावा किया कि यह टैरिफ भारत को यूरोपीय संघ, आसियान और ब्रिक्स जैसे वैकल्पिक बाजारों की ओर ले जाएगा, जिससे अमेरिका आर्थिक रूप से अलग-थलग पड़ सकता है।
प्रसाद ने कहा, " भारत ने 2019 के पुलवामा हमले और 2025 के पहलगाम हमले में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई कर अपनी रणनीतिक ताकत दिखाई है। पीएम मोदी की "मेक इन इंडिया" और 1.1 ट्रिलियन डॉलर के बुनियादी ढांचे के निवेश ने भारत को विनिर्माण और हरित ऊर्जा में अग्रणी बनाया है। 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य भारत को वैश्विक ऊर्जा केंद्र बनाएगा। ट्रंप का यह कदम भारत के उदय को नहीं रोक सकता। भारत की सॉफ्ट पावर और वैश्विक नेतृत्व इसे एक अजेय शक्ति बनाते हैं, जबकि अमेरिका की गलत नीतियां उसे कमजोर कर रही हैं।"
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