हिंदुस्तान

खाई में गिरी बंकर गाड़ी, CRPF के 3 जवान शहीद

  • उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके के पास हुआ हादसा
कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में CRPF जवानों से भरी एक गाड़ी में अचानक खाई में गिर गई। इस हादसे में गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। वहीं साथ ही अब तक 3 CRPF जवानों के शहीद होने की खबर मिल रही है। इसके अलावा 15 जवानों के घायल होने की बात कही गई है। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। कुछ जवानों की हालत गंभीर है। CPRF की इस सरकारी गाड़ी में 187वीं बटालियन के 18 जवान सवार थे।
बताया जा रहा है कि, ये बड़ा हादसा गुरुवार सुबह 10:30 बजे के करीब बसंतगढ़ इलाके के पास हुआ। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 18 जवान कदवा से बसंतगढ़ की तरफ आ रहे थे। इसी बीच रास्ते में उनकी गाड़ी हादसे का शिकार हुई और खाई में जा गिरी। वहीं खाई में गाड़ी गिरने से CRPF जवान बहुत तेजी से नीचे पत्थरों से टकराए। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और साथ ही 3 जवानों की जान चली गई।
इधर हादसे की सूचना मिलते CRPF की अन्य यूनिट और स्थानीय पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। सभी घायल जवानों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं दूसरी तरफ CRPF जवानों के साथ हुए इस बड़े हादसे की सूचना से दिल्ली तक हड़कंप मच गया। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हादसे को लेकर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने जानकारी दी कि वह हादसे के संबंध में पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। वह जवानों की जान जाने से बहुत व्यथित हैं।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "उधमपुर में कंदवा-बसंतगढ़ क्षेत्र में CRPF के एक वाहन के सड़क दुर्घटना में मारे जाने की खबर सुनकर व्यथित हूं। वाहन में CRPF के कई बहादुर जवान सवार थे। मैंने अभी-अभी DC सलोनी राय से बात की है, जो व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नज़र रख रही हैं और मुझे जानकारी दे रही हैं। बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिए गए हैं। स्थानीय लोग स्वेच्छा से सहायता के लिए आगे आए हैं। हर संभव मदद सुनिश्चित की जा रही है।"
और भी

डॉ. स्वामीनाथन ने भारत को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के अभियान का नेतृत्व किया : पीएम मोदी

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन ने बायो-हैप्पीनेस और जलवायु-अनुकूल फसल किस्मों का विचार प्रस्तुत किया, जो बढ़ते वैश्विक जलवायु परिवर्तन और खाद्य एवं कृषि पर इसके प्रभावों से निपटने के लिए आवश्यक है। 7 अगस्त का दिन विश्व प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने 1960 के दशक में भारत की 'हरित क्रांति' की शुरुआत की थी।
राष्ट्रीय राजधानी में एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत रत्न से सम्मानित डॉ. स्वामीनाथन एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के अभियान का नेतृत्व किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज, जैव विविधता पर वैश्विक चर्चा हो रही है और दुनिया भर की सरकारें इसे संरक्षित करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही हैं। लेकिन डॉ. स्वामीनाथन ने एक कदम आगे बढ़कर बायो-हैप्पीनेस का विचार प्रस्तुत किया। आज, हम यहां उसी विचार का जश्न मना रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा,"आप जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से भली-भांति परिचित हैं। हमें अधिक संख्या में जलवायु-प्रतिरोधी फसल किस्मों का विकास करने की आवश्यकता है। सूखा-सहिष्णु, हीट-रेसिस्टेंट और बाढ़-अनुकूल फसलों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।" पीएम मोदी ने क्रॉप रोटेशन विधियों पर अधिक शोध करने और यह पहचानने की आवश्यकता पर बल दिया कि कौन सी फसलें विशिष्ट मिट्टी के प्रकारों के लिए सबसे उपयुक्त हैं।कृषि के क्षेत्र में डॉ. स्वामीनाथन के प्रयासों की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रख्यात वैज्ञानिक ने हमें सिखाया कि कृषि केवल फसलों के बारे में नहीं है, यह लोगों के जीवन के बारे में है। खेती से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा, प्रत्येक समुदाय की समृद्धि और प्रकृति की सुरक्षा हमारी सरकार की कृषि नीति की मुख्य शक्ति है।
अपने विचार को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने सोलर पावर्ड माइक्रो इरिगेशन के क्षेत्र में प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया।उन्होंने कहा, "ड्रिप सिस्टम और सटीक सिंचाई को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाया जाना चाहिए।" उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा, "क्या हम सैटेलाइट डेटा, एआई और मशीन लर्निंग को इंटीग्रेट कर सकते हैं? क्या हम ऐसी प्रणालियां बना सकते हैं जो पैदावार का पूर्वानुमान लगा सकें, कीटों की निगरानी कर सकें और खेती के लिए वास्तविक समय में मार्गदर्शन प्रदान कर सकें? क्या ऐसी वास्तविक समय की निर्णय सहायता प्रणालियां हर जिले में उपलब्ध कराई जा सकती हैं?"
उन्हें 'भारत माता का रत्न' कहते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डॉ. स्वामीनाथन ने अपने कार्यों से यह साबित किया कि विज्ञान केवल खोज के बारे में नहीं, बल्कि परिणाम देने के बारे में है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने एक डाक टिकट और एक सिक्का भी जारी किया।प्रधानमंत्री खाद्य एवं शांति के लिए पहला वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज (टीडब्ल्यूएएस) एम.एस. स्वामीनाथन पुरस्कार भी प्रदान करेंगे।
और भी

सुप्रीम कोर्ट ने कैश कांड मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका खारिज की

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कैश कांड मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस वर्मा ने जांच प्रक्रिया की वैधता को कोर्ट में चुनौती दी थी. जस्टिस वर्मा ने याचिका में सीजेआई द्वारा उन्हें हटाने की सिफारिश को चुनौती दी थी. कोर्ट ने ये कहते हुए जस्टिस वर्मा की याचिका खारिज की कि जांच समिति ने तय प्रक्रियाओं का पालन किया है.
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने कहा कि जस्टिस वर्मा का आचरण विश्वास पैदा नहीं करता इसलिए उनकी याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता. साथ ही तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना ने इस मामले में राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी को जो पत्र भेजा था, वह असंवैधानिक नहीं था.
जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित सरकारी आवास में 14 मार्च की रात आग लग गई थी. इस घटना के समय जस्टिस यशवंत वर्मा घर में नहीं थे. उनके परिवार के सदस्यों ने आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड से मदद मांगी थी. दिल्ली फायर डिपार्टमेंट ने तत्काल एक टीम को जज के घर भेजा था. इसके बाद मीडिया में खबरें आईं कि जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले में आग बुझाने के दौरान भारी मात्रा में कैश देखा गया.
इस बीच 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कॉलेजियम की बैठक बुलाई. इस बैठक में जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में किए जाने का प्रस्ताव लाया गया. साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को इस मामले की जांच सौंपी गई. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही जस्टिस वर्मा के तबादले पर फैसला लिया जाना है. हालांकि, मामले में एक नया ट्विस्ट तब आया, जब दिल्ली फायर ब्रिगेड चीफ अतुल गर्ग ने दावा किया कि जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर आग बुझाने के दौरान फायर फाइटर्स को कोई नकदी नहीं मिली.
और भी

ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा बयान

  • कहा- भारत किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा
नई दिल्ली। नई दिल्ली में एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और खेती पर खर्च कम करने के लिए लगातार काम कर रही है. पीएम मोदी ने कहा कि देश में सोयाबीन, सरसों, मुंगफली का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ा है।
अमेरिका से टैरिफ वॉर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों के हक में बड़ा बयान दिया है. पीएम मोदी ने कहा है कि हमारे लिए किसानों के हितों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा और मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रुप इसके लिए मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। मेरे देश के किसानों के लिए, मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशुपालकों के लिए आज भारत तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना, खेती पर खर्च कम करना, आय के नए स्रोत बनाना, इन लक्ष्यों पर हम लगातार काम कर रहे हैं। हमारी सरकार ने किसानों की ताकत को देश की प्रगति का आधार माना है। इसलिए बीते वर्षों में जो नीतियां बनी उनमें सिर्फ मदद नहीं थी बल्कि किसानों में भरोसा बढ़ाने का प्रयास भी थी। पीएम सम्मान निधि से मिलने वाली सहायता ने छोटे किसानों को आत्मबल दिया है।
पीएम मोदी के इस बयान को ट्रम्प के दोगुने टैरिफ के ऐलान से जोड़कर देखा जा रहा है। भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामानों पर आज यानी 7 अगस्त से 25% टैरिफ लगेगा। वहीं 25% एक्स्ट्रा टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा। इससे भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे। उनकी मांग कम हो सकती है। वहां के इंपोर्टर्स अन्य देशों से सामान मंगा सकते हैं।
और भी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया 'कर्तव्य भवन' का उद्घाटन

  • कहा- 'यह हमारे संकल्प और प्रयासों का प्रतीक'
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर बने 'कर्तव्य भवन' का उद्घाटन कर दिया है। उन्होंने 'कर्तव्य भवन' से जुड़ी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की। उन्होंने इस अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को देश के विकास और जनसेवा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
पीएम मोदी ने एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, "कर्तव्य पथ पर 'कर्तव्य भवन' जन-जन की सेवा के प्रति हमारे अटूट संकल्प और निरंतर प्रयासों का प्रतीक है। यह न केवल हमारी नीतियों और योजनाओं को लोगों तक तेजी से पहुंचाने में मददगार बनने वाला है, बल्कि इससे देश के विकास को भी एक नई गति मिलेगी। अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की मिसाल बने इस भवन को राष्ट्र को समर्पित कर बहुत ही गौरवान्वित हूं।"
प्रधानमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में 'कर्तव्य भवन' के निर्माण में लगे श्रमयोगियों की तारीफ की। उन्होंने एक्स पर लिखा, "'कर्तव्य भवन' विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसे गढ़ने वाले हमारे श्रमयोगियों की अथक मेहनत और संकल्प-शक्ति का आज देश साक्षी बना है। उनसे संवाद कर अत्यंत प्रसन्नता हुई है।"
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने 'कर्तव्य भवन' में एक पौधा भी लगाया। पीएम मोदी ने लिखा, "'कर्तव्य भवन' के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का पूरा ध्यान रखा गया है, जिसके लिए हमारा देश संकल्पबद्ध है। आज इसके प्रांगण में एक पौधा लगाने का भी सुअवसर मिला।"
'कर्तव्य भवन–3' केंद्रीय विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा है और यह आगामी कई सामान्य केंद्रीय सचिवालय भवनों में पहला होगा, जिसका उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों को एक ही छत के नीचे लाना है। वर्तमान में, महत्वपूर्ण मंत्रालय पुराने भवनों जैसे शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन से कार्य कर रहे हैं, जो 1950 से 1970 के दशक में बनाए गए थे। ये भवन अब आधुनिक प्रशासनिक जरूरतों के लिए उपयुक्त नहीं हैं और इनका रख-रखाव महंगा है।
 
और भी

'लोकसभा में एसआईआर पर चर्चा नहीं हो सकती' : रिजिजू

  • विपक्ष के हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री की दो टूक
नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ विपक्ष संसद में चर्चा की मांग कर रहा है। इसे लेकर संसद में कई दिनों से हंगामा जारी है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर लोकसभा में चर्चा नहीं हो सकती क्योंकि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है और नियम ऐसे मुद्दों पर सदन में चर्चा की अनुमति नहीं देते जो अदालत में लंबित हैं।
बुधवार को भी बिहार में एसआईआर के खिलाफ विपक्ष ने संसद में जमकर हंगामा किया, जिसके चलते दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा और कुछ विधेयक पारित होने के अतिरिक्त खास काम नहीं हो सका है और विपक्ष एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग पर अड़ा है। विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर के जरिए बड़ी संख्या में लोगों का मताधिकार छीना जा रहा है।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने कहा कि लोकसभा के नियम न्यायालय में विचाराधीन मामलों पर सदन में चर्चा की अनुमति नहीं देते। उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव आयोग जैसी स्वायत्त संस्थाओं के कामकाज पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती। उन्होंने सदस्यों से प्रमुख विधेयकों के पारित होने के दौरान बहस में भाग लेने का आग्रह किया।
सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई
बिहार मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 12 अगस्त को सुनवाई कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईआर के खिलाफ याचिका दायर करने वाली राजनीतिक पार्टियों से भी 8 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। चुनाव आयोग ने बुधवार को सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में बताया कि किसी भी राजनीतिक पार्टी ने 1 अगस्त को बिहार में मतदाता सूची के प्रारूप के प्रकाशन के बाद से 6 अगस्त (सुबह 9 बजे) तक एसआईआर को लेकर कोई आपत्ति दायर नहीं की है। 
और भी

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से बाढ़, 413 तीर्थयात्रियों की जान बचाई गई

किन्नौर। किन्नौर-कैलाश यात्रा मार्ग पर तंगलिंग क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ ने ट्रैकिंग मार्ग का एक बड़ा हिस्सा बहा दिया, जिससे सैकड़ों तीर्थयात्री फंस गए। एक अधिकारी ने बताया कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 17वीं बटालियन के जवानों ने रस्सी-आधारित ट्रैवर्स क्रॉसिंग तकनीक का उपयोग करके 413 तीर्थयात्रियों को बचाया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।
बुधवार सुबह किन्नौर जिला प्रशासन से संकटकालीन सूचना मिलने के बाद, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें फिर से सक्रिय हो गईं और बचाव अभियान जारी रखा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने हिमाचल प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर मध्यम वर्षा की भविष्यवाणी की है, जबकि बुधवार को बिलासपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर और मंडी जिलों में कुछ स्थानों पर तीव्र से बहुत तीव्र वर्षा होने की संभावना है। चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, लाहौल और स्पीति, किन्नौर और कुल्लू जिलों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
और भी

मोहाली में ऑक्सीजन सिलेंडर प्लांट में विस्फोट से दो लोगों की मौत

मोहाली। पंजाब के मोहाली ज़िले में बुधवार को एक ऑक्सीजन सिलेंडर प्लांट में हुए विस्फोट में दो प्रवासी मज़दूरों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मोहाली के फेज़ 9 स्थित औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इस प्लांट में सुबह करीब 9 बजे विस्फोट हुआ। यह प्लांट अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करता है। उप-मंडल मजिस्ट्रेट सहित वरिष्ठ पुलिस और नागरिक प्रशासन के अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिए मौके पर पहुँचे।
घायलों को मोहाली के फेज़ 6 स्थित सिविल अस्पताल ले जाया गया। पुलिस अधीक्षक (शहर) सिरिवेनेला ने कहा, "सूचना मिलते ही हम घटनास्थल पर पहुँच गए। हम कारण की जाँच कर रहे हैं और यह भी पता लगा रहे हैं कि क्या कोई मानवीय गलती हुई है। इसकी जाँच की जा रही है।" मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश निवासी देविंदर और आसिफ के रूप में हुई है, जो पिछले पाँच सालों से मोहाली में काम कर रहे थे और रह रहे थे। दोनों की उम्र लगभग 20 साल थी।
और भी

टीबी से लड़ने में पोषण का महत्व : भारत के शोध ने दुनिया को राह दिखाई, WHO ने सराहा

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि भारत में हुए एक अध्ययन से यह पता चला है कि पोषण (न्यूट्रिशन) ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) के इलाज में सकारात्मक प्रभाव डालता है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के नेतृत्व में झारखंड में किए गए इस अध्ययन ने यह साक्ष्य प्रस्तुत किया कि अतिरिक्त पोषण टीबी के मामलों और मृत्यु दर को कम करने में प्रभावी है।
डब्ल्यूएचओ ने एक तीन दिवसीय वर्चुअल वर्कशॉप में कहा, "भारत की राशन्स स्टडी के निष्कर्षों ने टीबी के परिणामों और इसकी घटनाओं पर पोषण के प्रभाव को दिखाकर वैश्विक मार्गदर्शन में योगदान दिया है।" संगठन ने दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र, जहां टीबी के सबसे अधिक मामले और मृत्यु दर्ज की जाती हैं, से टीबी उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रिसर्च और इनोवेशन को तेज करने की अपील की।
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की प्रभारी अधिकारी डॉ. कैथरीना बोहमे ने कहा, "हमारे क्षेत्र में साल 2023 में लगभग 50 लाख लोग टीबी से प्रभावित हुए और करीब 6 लाख लोगों की मृत्यु हुई।" उन्होंने टीबी उन्मूलन रणनीति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहयोग, नए उपकरणों, प्रौद्योगिकियों और दवाओं के इस्तेमाल पर जोर दिया।
बोहमे ने कहा, "डब्ल्यूएचओ का कहना है कि टीबी को खत्म करने के बड़े लक्ष्यों को पाने के लिए शोध और नए तरीकों में तेजी लाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। इसके लिए नई तकनीकों और दवाओं का इस्तेमाल जरूरी है। यह भी जरूरी है कि इन नई चीजों को समय पर और सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध कराया जाए, ताकि बड़ा बदलाव लाया जा सके और कोई इससे वंचित न हो।"
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र ने उल्लेखनीय प्रगति की है। 2023 में टीबी के मामलों की पहचान बढ़ी है, जिससे पता चलता है कि कोविड-19 से हुई देरी के बाद अब रिकवरी हो रही है। हालांकि, टीबी उन्मूलन रणनीति के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह प्रगति अभी भी अपर्याप्त है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कोविड-19 महामारी के बाद टीबी फिर से सिंगल संक्रामक एजेंट से होने वाली मृत्यु का प्रमुख कारण बन गया है। यह गरीब और कमजोर लोगों पर असमान रूप से भारी बोझ डालता है, जिससे असमानताएं और बढ़ जाती हैं। इस अध्ययन ने दुनिया की सबसे खतरनाक संक्रामक बीमारी टीबी के खिलाफ दुनिया भर में दिशानिर्देशों को बेहतर बनाने में मदद की है।
टीबी से लड़ाई के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया के देश नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जैसे कि मरीजों का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, कंप्यूटर की मदद से बीमारी की डायग्नोसिस, डिजिटल उपकरणों से इलाज और मरीजों को सीधे आर्थिक मदद देना, जिससे सामाजिक सहायता प्रक्रिया आसान हो रही है।
कई देश बीमारी के प्रभाव को समझने के लिए महत्वपूर्ण शोध भी कर रहे हैं, जिसमें एपिडेमियोलॉजी पर अध्ययन शामिल है। लेकिन, जानकारी की कमी और सहयोग के लिए सीमित प्लेटफॉर्म्स की वजह से शोध के परिणामों का उपयोग हर जगह एकसमान नहीं हो पा रहा।
डॉ. बोहमे ने कहा, "हमारी प्रगति एकसमान नहीं है। क्षेत्र में रिसर्च और इनोवेशन की क्षमता अलग-अलग है। कई बार शोध के परिणाम अलग-थलग रहते हैं और दूसरों के साथ साझा नहीं हो पाते। दवा-प्रतिरोधी टीबी के बढ़ते मामले बहुत चिंता की बात हैं।" उन्होंने कहा कि इनोवेशन और रिसर्च के साथ ही वैक्सीन, मेडिसीन और डायग्नोस्टिक्स के लाभों तक सभी की समान रूप से पहुंच होनी चाहिए।
और भी

मृतकों के बैंक खातों से धन प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया को आसान बनाएगा आरबीआई

दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को घोषणा की कि बैंकों के मृत ग्राहकों के जमा खातों से संबंधित दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत और सरल बनाने का निर्णय लिया गया है ताकि इन ग्राहक के परिवारों को उनके देय धन या मूल्यवान वस्तुओं को प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो।
वर्तमान में, मृतक ग्राहकों के संबंध में दावों के निपटान की प्रक्रिया विभिन्न बैंकों में अलग-अलग होती है। आरबीआई ने इन दावों के निपटान को सुगम बनाने के लिए सभी बैंकों में इसे सुव्यवस्थित और मानकीकृत करने का निर्णय लिया है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, "हम मृतक ग्राहकों के बैंक खातों और सुरक्षित अभिरक्षा या सुरक्षित जमा लॉकरों में रखी वस्तुओं से संबंधित दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत करेंगे। इससे निपटान अधिक सुविधाजनक और सरल होने की उम्मीद है।"
आरबीआई ने कहा कि इस संबंध में एक ड्राफ्ट सर्कुलर जल्द ही सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया जाएगा। बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों के तहत, जमा खातों, सुरक्षित अभिरक्षा में रखी वस्तुओं या सुरक्षित जमा लॉकरों के संबंध में नामांकन सुविधा उपलब्ध है। इसका उद्देश्य ग्राहक की मृत्यु होने पर दावों का शीघ्र निपटान, वस्तुओं की वापसी या सुरक्षित जमा लॉकर की सामग्री की रिहाई को सुगम बनाना और परिवार के सदस्यों को होने वाली कठिनाइयों को कम करना है। मौजूदा निर्देशों के अनुसार, बैंकों को उत्तरजीवी, नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा किए गए दावों के शीघ्र और परेशानी मुक्त निपटान के लिए एक सरल प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है, लेकिन ये प्रक्रियाएं विभिन्न बैंकों में अलग-अलग होती हैं।
आरबीआई ने टी-बिलों में निवेश और पुनर्निवेश के लिए रिटेल डायरेक्ट में ऑटो-बिडिंग सुविधा शुरू करने का भी निर्णय लिया है। आरबीआई के एक बयान के अनुसार, "निवेशकों को अपने निवेश की व्यवस्थित योजना बनाने में सक्षम बनाने के लिए, रिटेल डायरेक्ट में ट्रेजरी बिलों (टी-बिल) के लिए एक स्वचालित बोली-प्रक्रिया सुविधा शुरू की गई है, जिसमें निवेश और पुनर्निवेश दोनों विकल्प शामिल हैं। यह नई सुविधा निवेशकों को टी-बिलों की प्राथमिक नीलामी में बोलियों को स्वचालित रूप से लगाने में मदद करती है।" रिटेल डायरेक्ट पोर्टल नवंबर 2021 में रिटेल डायरेक्ट योजना के तहत रिजर्व बैंक में खुदरा निवेशकों को अपने गिल्ट अकाउंट खोलने की सुविधा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।यह योजना खुदरा निवेशकों को प्राथमिक नीलामी में सरकारी प्रतिभूतियां (जी-सेक) खरीदने के साथ-साथ सेंकेडरी मार्केट में जी-सेक खरीदने और बेचने की अनुमति देती है। योजना के शुभारंभ के बाद से उत्पाद और भुगतान विकल्पों के संदर्भ में कई नई सुविधाएं शुरू की गई हैं, जिनमें मई 2024 में एक मोबाइल ऐप का शुभारंभ भी शामिल है।
और भी

राहुल गांधी को अमित शाह पर टिप्पणी मामले में मिली जमानत

  • चाईबासा की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में नेता प्रतिपक्ष पेश हुए
झारखण्ड। चाईबासा की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में जमानत दे दी। राहुल गांधी न्यायिक दंडाधिकारी सुप्रिया रानी तिग्गा की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए, जिसके बाद कोर्ट ने ट्रायल में सहयोग करने की शर्त पर उन्हें यह राहत दी। यह मामला वर्ष 2018 में कांग्रेस के अधिवेशन में दिए गए राहुल गांधी के एक भाषण से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को “हत्यारा” कहकर संबोधित किया था।
इस बयान को लेकर चाईबासा निवासी भाजपा नेता प्रताप कटियार ने 9 जुलाई 2018 को राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा था, "कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता। कांग्रेसजन किसी हत्यारे को राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर सकते हैं; यह सिर्फ भाजपा में ही संभव है।" इस मामले में अप्रैल 2022 में अदालत ने जमानती वारंट, फिर फरवरी 2024 में गैर-जमानती वारंट जारी किया था। राहुल गांधी ने पेशी से छूट के लिए सीआरपीसी की धारा 205 के तहत आवेदन दिया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके खिलाफ उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और कुछ समय तक राहत भी मिली, लेकिन मार्च 2024 में हाईकोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी। इसके बाद चाईबासा कोर्ट ने 22 मई 2025 को फिर से गैर-जमानती वारंट जारी किया। आखिरकार राहुल गांधी ने 6 अगस्त को कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थिति दर्ज कराई।
शिकायतकर्ता के वकील विनोद कुमार साहू ने कहा कि कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि आपके खिलाफ ऐसे-ऐसे आरोप लगे हैं, आपने बीजेपी नेताओं के लिए ऐसा बयान दिया है। क्या आपने ऐसा कहा है? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। वकील ने कहा कि ये पूरी तरह से गलत है। राहुल गांधी जैसे विपक्ष के नेता को इस तरह का झूठ बोलना शोभा नहीं देता। उनका भाषण अभी भी कांग्रेस की वेबसाइट पर है। हमने इसे कोर्ट में जमा कर दिया है लेकिन कोर्ट में राहुल गांधी ने साफ इनकार कर दिया कि मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। अब गवाही की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने उन्हें इस शर्त पर जमानत दी है कि वे जांच में सहयोग करेंगे। अब यह मामला ट्रायल की प्रक्रिया में आगे बढ़ेगा।
और भी

उत्तराखंड के आपदा प्रभावित इलाकों का मुख्यमंत्री धामी ने किया निरीक्षण

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तराकाशी में बादल फटने की घटने के बाद प्रभावित इलाके का हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने इसका वीडियो भी अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर साझा किया है, जिसमें वो हेलीकॉप्टर पर सवार होकर पूरी स्थिति का जायजा लेते हुए नजर आ रहे हैं।
अपने हवाई सर्वेक्षण के बारे में उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर जानकारी दे दी थी। अपने पोस्ट में उन्होंने कहा था कि उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र के निरीक्षण के लिए रवाना हो रहा हूं। राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। प्रभावितों को शीघ्र एवं समुचित सहायता पहुंचाने हेतु हम पूर्ण सतर्कता एवं तत्परता के साथ कार्यरत हैं।
वहीं, इस हादसे के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की थी। इस बारे में मुख्यमंत्री ने खुद अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह फ़ोन पर धराली में चल रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान उन्हें रात भर चले बचाव कार्यों, घटनास्थल से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रेस्क्यू करने एवं ज़रूरी सेवाओं और संसाधनों की उपलब्धता के बारे में अवगत कराया। प्रधानमंत्री द्वारा हर संभव सहायता प्रदान किए जाने हेतु सहृदय आभार! रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम से लगातार संपर्क में हूँ। घटनास्थल के निरीक्षण हेतु स्वयं भी धराली के लिए निकल रहा हूं।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने इस हादसे को लेकर मंगलवार को अधिकारियों संग बैठक भी की थी और उन्हें आश्वस्त किया था कि हमारी सरकार उत्तराखंड के हर नागरिक के साथ इस मुश्किल घड़ी में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में बताया था कि हमारे लिए हर व्यक्ति की जान कीमती है, ग्राउंड जीरो पर तेजी से राहत कार्य किए जा रहे हैं। अब तक 80 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। राहत एवं बचाव कार्यों के त्वरित सम्पादन के लिए शासन स्तर पर तीन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वायु सेना से भी मदद मांगी गई है। मैं स्वयं भी आपदा स्थल का निरीक्षण करूंगा। आपदा की इस घड़ी में पूरा देश पीड़ितों के साथ खड़ा है।
बता दें कि उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में पांच अगस्त को बादल फटने की घटना से भारी तबाही मची है। इस घटना के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
जानकारी के अनुसार, हर्षिल के पास स्थित धराली इलाके में मंगलवार सुबह बादल फट गया था। इस घटना में एक गांव बह गया और कई निवासी कथित तौर पर लापता हो गए। अचानक जल स्तर बढ़ने के बाद स्थानीय बाजार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नुकसान की सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस, अग्निशमन विभाग, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), और भारतीय सेना ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी।
और भी

उत्तरकाशी में बाढ़ के बाद हरिद्वार में हाई अलर्ट

  • सावधानी बरतने के निर्देश जारी
हरिद्वार। उत्तरकाशी में हाल ही में बादल फटने और अचानक बाढ़ की घटना के बाद हरिद्वार में भी प्रशासन ने गंगा के जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने के कारण हाई अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड के कई हिस्सों में हो रही लगातार बारिश से गंगा नदी का प्रवाह तेज हो गया है और जलस्तर के और बढ़ने की आशंका है। हरिद्वार प्रशासन ने लोगों को गंगा घाटों और नदी किनारे जाने से मना किया है, साथ ही राहत और बचाव टीमें तैयार रखी हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के ड्यूटी ऑफिसर दिनेश कुमार पुनेठा ने हरिद्वार के डीएम को सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। डीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि किसी भी आपदा या दुर्घटना में त्वरित स्थलीय कार्रवाई और सूचनाओं का तुरंत आदान-प्रदान सुनिश्चित किया जाए। आपदा प्रबंधन आईएआरएस प्रणाली के सभी नामित अधिकारी और विभागीय नोडल अधिकारी हाई अलर्ट पर रहेंगे। राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, और ग्राम पंचायत अधिकारी अपने क्षेत्रों में मौजूद रहेंगे।
सभी चौकी, थाने आपदा संबंधी उपकरणों और वायरलेस के साथ हाई अलर्ट पर रहेंगे। किसी भी अधिकारी, कर्मचारी का मोबाइल, फोन बंद नहीं रहेगा। अधिकारी अपने वाहनों में बरसाती, छाता, टॉर्च, हेलमेट और अन्य आवश्यक उपकरण रखेंगे। फंसे हुए लोगों के लिए खाद्य सामग्री और मेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था की जाए। असामान्य मौसम और भारी बारिश की चेतावनियों के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन पर रोक। नगर और कस्बाई क्षेत्रों में नालियों और कल्वटों, पुलियों के अवरोधों को दूर किया जाए।
जिला सूचना अधिकारी दृश्य और प्रिंट मीडिया के माध्यम से इस जानकारी को जनता तक पहुंचाएंगे। केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट पर जलस्तर और खतरे की स्थिति की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए। दूसरी ओर से हरिद्वार पुलिस की ओर से कहा गया कि पशुओं को नदी की ओर न जाने दें। अचानक पानी आने वाले स्थानों से अपने वाहनों को हटा लें और सुरक्षित स्थानों पर खड़ा करें। अनावश्यक सफर ना करें। बाढ़ और गंगा के जलस्तर को लेकर हरिद्वार पुलिस की ओर से लगातार सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की जा रही है।
और भी

रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं : आरबीआई गवर्नर

मुंबई। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को अगस्त की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) के फैसलों का ऐलान किया। एमपीसी की ओर से रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर गया है। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति का रुख "न्यूट्रल" बरकरार रखा है। केंद्रीय गवर्नर मल्होत्रा ने कहा, "आरबीआई ने विकास को बढ़ावा देने के लिए निर्णायक और दूरदर्शी कदम उठाए हैं। एमपीसी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया। रेपो दर 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई। एमपीसी ने "न्यूट्रल" रुख बनाए रखने का फैसला किया है।"
इससे पहले आरबीआई गवर्नर की ओर से जून की मौद्रिक पॉलिसी में रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया था। आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही के लिए 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 6.3 प्रतिशत निर्धारित किया है।
वहीं, अगले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026-27) की पहली तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रह सकती है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई 3.1 प्रतिशत रह सकती है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में महंगाई 2.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत सकती है। वहीं, वित्त वर्ष 2026-27 की पहली तिमाही के लिए महंगाई दर अनुमान 4.9 प्रतिशत है।
मल्होत्रा के मुताबिक, एक अगस्त तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 688.19 अरब डॉलर है, जो कि देश के 11 महीने के व्यापारिक आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है। आरबीआई फरवरी शुरुआत से अब तक रेपो रेट में एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में फरवरी में 0.25 प्रतिशत, अप्रैल में 0.25 प्रतिशत और जून में 0.50 प्रतिशत की कटौती की थी।
और भी

PM मोदी 25 अगस्त को "पीएम मित्र पार्क" की आधारशिला रखेंगे

मध्य प्रदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को धार में पीएम मित्र पार्क का शिलान्यास करेंगे। इसके विकास के बाद, पीएम मित्र पार्क धार की आर्थिक स्थिति बदल देगा और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को विधानसभा में प्रधानमंत्री के प्रस्तावित धार दौरे की जानकारी दी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धार में पीएम मित्र पार्क का शिलान्यास करेंगे और किसान सम्मान समारोह में शामिल होंगे।
और भी

झारखंड के पूर्व CM शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार पैतृक गांव में

  • विधानसभा में दी गई श्रद्धांजलि; पप्पू यादव बोले- भारत रत्न मिले
रांची। शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के बाद अंतिम यात्रा नेमरा गांव के लिए प्रस्थान कर चुकी है। आज सुबह आमजन के साथ कई राजनीतिक दिग्गजों ने भी गुरुजी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। आज दोपहर 2-3 बजे के आसपास शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार का संभावित कार्यक्रम है। नेताओं की ओर से मंत्री सुदिव्य कुमार,लोकसभा सांसद पप्पू यादव,राज्यसभा सांसद संजय सिंह,पूर्व मुख्यमंत्री झारखंड चम्पाई सोरेन और एवं पूर्व सांसद फुरकान अंसारी पहुंचे। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे भी शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।
सड़क किनारे दिखा विशाल हुजूम
शिबू सोरेन से झारखंड की जनता कितना प्रेम करती थी,इसकी बानगी उनकी अंतिम यात्रा में दिख रही है। लोगों का सड़क किनारे विशाल हुजूम अपने गुरुजी की एक झलक पाने को आतुर दिखा। पूरे रास्ते झारखंड के कोने-कोने से आए लोग "गुरुजी अमर रहें" के नारे लगाते दिखे।
रांची के ओरमांझी में दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार को लाल बहादुर शास्त्री चौक दड़दाग ओरमांझी मैं जन सैलाब उमर पड़ा। पूर्व सांसद रामटहल चौधरी के नेतृत्व में झामुमो,कांग्रेस,भाजपा,झारखंड विकास जंतत्रिक मोर्चा,आजसू सहित अन्य राजनीतिक पार्टी के नेता सामाजिक कार्यकर्ता और आम जनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान शिबू सोरेन अमर रहे दिशोम गुरु अमर रहे के गगनचुंगी नारे लोग लग रहे थे। शिबू सोरेन का शव जिस वाहन में था, उसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बैठे हुए थे। इनके पीछे और आगे पुलिस प्रशासन और राजनीतिक पार्टी के लोगों की गाड़ी थी।
लोकसभा में सांसदों ने दी शिबू सोरेन को सामूहिक श्रद्धांजलि
लोकसभा में आज सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले शिबू सोरेन को स्पीकर ओम बिरला समेत सभी सांसदों ने सामूहिक श्रद्धांजलि अर्पित की। ओम बिरला ने कहा कि झारखंड के दुमका निर्वाचन क्षेत्र से आठ बार लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए,पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन जी को सामाजिक न्याय एवं जनजातीय कल्याण के लिए सदैव याद किया जाएगा।
शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में पैदल ही चल पड़े लोग
शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार के लिए झारखंड की जनता पैदल ही नेमरा गांव निकल गई है। लगभग 8 किलोमीटर लोग पैदल ही जा रहे हैं। इसके अलावा जीईएल चर्च ऑफिस में दिशुम गुरु को बिशप सीमांत तिर्की और अन्य चर्च के पदाधिकारियों ने बी श्रद्धांजलि दी है।
और भी

दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन, ऑपरेशन सिंदूर पर हंगामा

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बार-बार बहस के साथ हंगामेदार माहौल रहा। भाजपा विधायकों ने आप पर जन मुद्दों से जुड़ी चर्चाओं को पटरी से उतारने का आरोप लगाया, जबकि विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाया कि सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान हंगामा हुआ, जहाँ मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने भाषण के दौरान विपक्ष पर 'भारत विरोधी बयानों' को लेकर निशाना साधा, जबकि आप ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर "अमेरिकी दबाव" में संघर्ष विराम की घोषणा करने का आरोप लगाया।
भारत ब्लॉक पर निशाना साधते हुए, गुप्ता ने कहा, "ये लोग भारत से प्यार नहीं करते, बल्कि देश-विरोधी ताकतों से प्यार करते हैं क्योंकि वे उनमें अपना प्रतिबिंब देखते हैं... अगर आप उनकी बात सुनें, तो ऐसा लगता है कि वे पाकिस्तान के प्रवक्ता हैं... उन्हें अपनी सेना, अपने प्रधानमंत्री पर भरोसा नहीं है, बल्कि वे विदेशी देशों पर भरोसा करते हैं।" आप के संजीव झा की प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ टिप्पणी से सत्तारूढ़ दल नाराज हो गया और विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उनसे माफ़ी मांगने को कहा। आदेश मानने से इनकार करने पर उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया गया।
दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क विनियमन एवं पारदर्शिता) विधेयक, 2025 पेश किए जाने के दौरान हंगामा हुआ और आप ने विधेयक को बहुदलीय समीक्षा के लिए प्रवर समिति को भेजने की मांग की। उनकी मांग खारिज कर दी गई, जिसके बाद आप विधायकों ने सदन के बीचोंबीच आकर हंगामा किया और फिर सदन से बहिर्गमन कर दिया। विपक्ष की नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने निजी स्कूलों को फायदा पहुँचाने के लिए जानबूझकर विधेयक को टाला।
और भी

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक नहीं रहे

जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद 79 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उनका इलाज चल रहा था. वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे. हालत, ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें 11 मई को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
सत्यपाल मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के अंतिम राज्यपाल रहे. उनके कार्यकाल के दौरान ही 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करके उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था. संयोग की बात है कि आज ही इस फैसले की छठी वर्षगांठ है और इसी दिन सत्यपाल मलिक ने अंतिम सांस ली.
और भी