हिंदुस्तान

पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष पेश हुए अनिल अंबानी

  • 17,000 करोड़ के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामला
नई दिल्ली। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी मंगलवार को एक बड़े बैंक ऋण धोखाधड़ी की जाँच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। अनिल अंबानी आज सुबह 11 बजे धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए दिल्ली स्थित केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) के कार्यालय पहुँचे।
ईडी ने 24 जुलाई को मुंबई में 35 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था और समन जारी किए थे, जिनमें 50 कंपनियाँ और उनके कारोबार से जुड़े 25 व्यक्ति शामिल थे। ईडी, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (आर इन्फ्रा) सहित अनिल अंबानी समूह की कई संस्थाओं द्वारा की गई 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं और बैंक ऋण धोखाधड़ी की जाँच कर रहा है।
मुख्य आरोप यह है कि 2017 और 2019 के बीच यस बैंक द्वारा दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के ऋणों को डायवर्ट किया गया था। एजेंसी को यस बैंक की ऋण स्वीकृतियों में गंभीर अनियमितताओं का संदेह है, जिसमें बैंक की आंतरिक ऋण नीति का उल्लंघन भी शामिल है। ईडी ने मामला दर्ज कर लिया है और सीबीआई द्वारा दर्ज दो एफआईआर तथा सेबी, राष्ट्रीय आवास बैंक, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी नियामक संस्थाओं द्वारा दर्ज रिपोर्टों के आधार पर जांच कर रही है।
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अमित शाह बने भारत के सबसे लम्बे समय तक सेवा देने वाले केंद्रीय गृहमंत्री

  • एनडीए की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर प्रस्ताव पारित, आतंकवाद के खिलाफ सख्त रूख
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एनडीए गठबंधन की बैठक में अमित शाह की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अब तक के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले केंद्रीय गृहमंत्री हैं।
एनडीए संसदीय दल की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर प्रस्ताव पारित किया गया। 'पहलगाम हमले के लिए ज़िम्मेदार द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को अमेरिका ने एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और एक विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित किया है।'
पहलगाम हमले की निंदा करते हुए, आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता व्यक्त करते हुए, आतंकवाद से निपटने में दोहरे मानदंडों को अस्वीकार करते हुए, और पाकिस्तान द्वारा अपनी धरती पर भड़काए गए आतंकवाद के खिलाफ भारत के कूटनीतिक रुख की जीत को दर्शाते हुए ब्रिक्स संयुक्त घोषणापत्र को अपनाया गया।
अमित शाह ने लालकृष्ण आडवाणी को पीछे छोड़ा
अमित शाह को भारत में सबसे लंबे समय तक केंद्रीय गृह मंत्री रहने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने 30 मई, 2019 को पदभार ग्रहण करने के बाद से 2,258 दिन पूरे किए हैं। इसके साथ ही, अमित शाह ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के कार्यकाल को पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने 19 मार्च, 1998 से 22 मई, 2004 तक 2,256 दिनों तक इस पद पर कार्य किया था।
अमित शाह ने कांग्रेस नेता गोविंद बल्लभ पंत के कार्यकाल को पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने 10 जनवरी, 1955 से 7 मार्च, 1961 तक इस पद पर 6 वर्ष और 56 दिन पूरे किए थे। अमित शाह ने 2019 में संसद में घोषणा की थी कि वह जम्मू-कश्मीर का विशेष संवैधानिक दर्जा समाप्त करेंगे और अनुच्छेद 370 को निरस्त करेंगे।
अमित शाह ने पहली बार 30 मई, 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री का कार्यभार संभाला था। वे 9 जून, 2024 तक इस पद पर बने रहे। नई सरकार के गठन के बाद 10 जून, 2024 को उन्होंने फिर से कार्यभार संभाला। गृह मंत्रालय के अलावा, वे केंद्रीय सहकारिता मंत्री के रूप में भी कार्यरत हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अमित शाह के कार्यकाल में आंतरिक सुरक्षा और शासन व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण विकास हुए हैं। इनमें से प्रमुख 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का निर्णय था। तब से, इस क्षेत्र में कानून-व्यवस्था में भारी सुधार हुआ है।
उनके कार्यकाल के दौरान हुई अन्य प्रगतियों में वामपंथी उग्रवाद और माओवादी गतिविधियों से संबंधित हिंसा में उल्लेखनीय कमी, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का चरणबद्ध कार्यान्वयन और राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की शांतिपूर्ण प्रगति शामिल है। पूर्वोत्तर राज्यों में हुए कई शांति समझौतों ने इस क्षेत्र में लंबे समय से चले आ रहे उग्रवाद को हल करने में मदद की है।
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प्रधानमंत्री मोदी का तंज- 'विपक्ष सोच रहा होगा कि क्या ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग कर कोई गलती की?'

  • एनडीए संसदीय दल ने प्रधानमंत्री मोदी को 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के लिए सम्मानित किया
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) संसदीय दल ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के लिए सम्मानित किया। पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया की एनडीए की बैठक में जमकर सराहना की गई। इस दौरान पीम मोदी ने बैठक को संबोधित भी किया।  
उन्होंने कहा कि 5 अगस्त एक ऐतिहासिक दिन था, क्योंकि इसी दिन पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया था। एनडीए सरकार ने संविधान का पूरी भावना से पालन किया है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने गृह मंत्री अमित शाह की भी प्रशंसा की और कहा कि वह इस मंत्रालय में सबसे लंबे समय तक रहने वाले मंत्री बन गए हैं। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष सोच रहा होगा कि क्या ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग करके उसने कोई गलती की है। 
सशस्त्र बलों की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित
इस दौरान 'ऑपरेशन सिंदूर' और 'ऑपरेशन महादेव' के दौरान पीएम मोदी के नेतृत्व और सशस्त्र बलों के अद्वितीय साहस और अटूट प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। श्रीनगर के बाहरी इलाके में 28 जुलाई को 'ऑपरेशन महादेव' नाम से हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के तीन दहशतगर्द मारे गए थे।
भारत माता की जय' के नारों के बीच पीएम मोदी का अभिनंदन
भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने जून 2024 में सरकार बनने के बाद से संसद के सत्रों के दौरान अपनी इस तरह की दूसरी बैठक की। 'भारत माता की जय' के नारों के बीच भाजपा और उसके सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने पीएम मोदी का अभिनंदन किया।  
पहलगाम हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में जानिए
दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद 7 मई को भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी। इसके पाकिस्तान ने भी कायराना हरकत करते हुए भारत में नागरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। जवाब में भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को हमला बोला था। चार दिन तक चले संघर्ष के बाद 10 मई को पाकिस्तान ने भारत के सामने घुटने टेक दिए थे और संघर्ष विराम की गुहार लगाई थी।
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फिलीपींस के राष्ट्रपति का राष्ट्रपति भवन औपचारिक में स्वागत

  • फर्डिनेंड आर. मार्कोस ने भारत यात्रा को बताया मजबूत होते संबंधों का प्रमाण
नई दिल्ली। फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर का मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि यह राजकीय यात्रा भारत और फिलीपींस के बीच बढ़ती साझेदारी की पुष्टि करती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर फिलीपींस के राष्ट्रपति सोमवार को भारत की पांच दिवसीय राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे हैं। पत्रकारों से बात करते हुए, मार्कोस ने कहा, "यह यात्रा उस गठबंधन और साझेदारी की दोबारा पुष्टि है जिसे हम मजबूत कर रहे हैं। पहले हमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र कहा जाता था, अब हमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र कहा जाता है, जो राजनीति, व्यापार और अर्थव्यवस्था की वैश्विक प्रकृति के कारण उस समझ का सही विकास है।"
उन्होंने आगे कहा, "हम यहां (भारत और फिलीपींस) जो पहले से मौजूद है, उसे और बेहतर बनाने के लिए और निश्चित रूप से उन अनेक अवसरों का लाभ उठाने के लिए आए हैं, जो पिछले कुछ वर्षों में नई तकनीकों और वैश्विक अर्थव्यवस्था तथा हमारे आसपास की भू-राजनीति में बदलती स्थिति के कारण उत्पन्न हुए हैं।"
इसके बाद, फिलीपींस के राष्ट्रपति राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे। सोमवार को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री (एमओएस) पबित्रा मार्गेरिटा ने एयरपोर्ट पर फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर का स्वागत किया। विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि उनकी यात्रा भारत और फिलीपींस के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "फिलीपींस के राष्ट्रपति आर. मार्कोस का भारत की पहली राजकीय यात्रा पर गार्ड ऑफ ऑनर और औपचारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में गर्मजोशी से स्वागत किया।"
विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने सोमवार को नई दिल्ली में फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर से भी मुलाकात की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत दोनों देशों के संबंधों को और गहरा करेगी।
'एक्स' पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर से उनकी राजकीय यात्रा की शुरुआत में दिल्ली में मुलाकात करके प्रसन्नता हुई। मुझे विश्वास है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को और गहरा करेगी।"
फिलीपींस के राष्ट्रपति के साथ प्रथम महिला मैडम लुईस अरनेटा मार्कोस भी हैं। फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। बुधवार को राजधानी में उनके अन्य कार्यक्रम होंगे और गुरुवार को वे फिलीपींस लौटने से पहले बेंगलुरु जाएंगे।
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PM मोदी, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, भाजपा अध्यक्ष और NDA के सभी सांसद संसदीय दल की बैठक में शामिल हुए

नई दिल्ली. भाजपा नीत राजग संसदीय दल की बैठक संसद भवन में शुरू हो गई है. इस बैठक का आयोजन संसद भवन के ऑडिटोरियम में हो रहा है. पीएम मोदी जब इस बैठक में शामिल होने पहुंचे तो एनडीए सांसदों ने 'हर हर महादेव' और 'भारत माता की जय' के उद्घोष के साथ उनका स्वागत किया. ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए पीएम मोदी को एनडीए सांसदों द्वारा सम्मानित किया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने माला पहनाकर पीएम मोदी का स्वागत किया.
एनडीए संसदीय दल की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव की सफलता पर प्रस्ताव पारित हुआ. एनडीए की महिला सांसद अग्रिम पंक्ति में बैठीं. पीएम मोदी एनडीए सांसदों को संबोधित भी करेंगे. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सांसदों की यह बैठक काफी समय के बाद हो रही है और संसद के चालू सत्र में चल रहे गतिरोध के बीच पहली बैठक है. पीएम मोदी के अपने संबोधन में तिरंगा यात्रा और विपक्ष के खिलाफ रणनीति पर भी चर्चा कर सकते हैं. एनडीए की यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 7 अगस्त से शुरू हो रही है.
भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को अपने उम्मीदवार की घोषणा 21 अगस्त तक करनी होगी, जो नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है और संसद का मानसून सत्र भी इसी दिन समाप्त हो रहा है. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज) में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद शामिल हैं, और इसकी वर्तमान संख्या 782 है. यदि विपक्ष अपना उम्मीदवार घोषित करता है, तो 9 सितंबर को चुनाव होना तय है. यह बैठक संसद के एक ऐसे सत्र (मानसून सेशन) के मध्य में हो रही है, जिसमें पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर दो दिवसीय चर्चा के अलावा अब तक कोई विधायी कामकाज नहीं हो सका है. विपक्ष चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा है.
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पीएम मोदी ने गंगाराम अस्पताल पहुंचकर शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि

  • भावुक हुए सीएम हेमंत सोरेन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
पीएम मोदी ने सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर हेमंत सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और शिबू सोरेन के निधन पर दुख जताते हुए संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, "शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने सर गंगाराम अस्पताल गया। इस दौरान उनके परिवार से भी मुलाकात हुई। मेरी संवेदनाएं हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन और शिबू सोरेन के सभी प्रशंसकों के साथ हैं।"
इससे पहले, पीएम मोदी ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा दुख जताया। इस दौरान उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर संवेदना प्रकट की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी।
पीएम मोदी ने पोस्ट में लिखा, "शिबू सोरेन एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊंचाइयों को छुआ। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से समर्पित थे। उनके निधन से दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की और संवेदना व्यक्त की।"
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। वे पिछले कई दिनों से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। उनकी तबीयत लंबे समय से खराब चल रही थी और उन्हें किडनी से जुड़ी गंभीर समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बता दें कि शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर आज शाम लगभग 4.30 बजे रांची पहुंचेगा। झारखंड सरकार द्वारा राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम दर्शन की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि, अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि उनका अंतिम संस्कार कहां और कब किया जाएगा।
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देश का पहला AI स्मार्ट वार्ड, अलार्म बजाकर डॉक्टर्स को करेगा अलर्ट

  • जल्द शुरू होगा काम
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में हेलट अस्पताल जल्द ही एक ऐसी तकनीक से लैस होने जा रहा है, जो मरीजों की जान बचाने के लिए ‘24×7 डिजिटल पहरेदारी’ करेगी। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजेस में पहली बार एक ऐसा अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वार्ड तैयार किया जा रहा है, जिसमें मरीज की हालत बिगड़ते ही डॉक्टर के फोन पर मैसेज पहुंचेगा और नर्सिंग स्टेशन पर तेज अलार्म बजेगा। इससे इमरजेंसी में इलाज की देरी नहीं होगी और मरीज को तुरंत चिकित्सकीय सहायता मिलेगी।
AI आधारित यह स्मार्ट वार्ड हेलट अस्पताल के वार्ड नंबर-3 में बनाया जा रहा है। यहां हर बेड में सेंसर लगे होंगे जो मरीज के दिल की धड़कन, ऑक्सीजन लेवल, ब्लड प्रेशर और अन्य जरूरी पैरामीटर्स पर नज़र बनाए रखेगा। मरीज के शरीर में किसी भी तरह का असामान्य बदलाव होते ही यह सिस्टम डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को अलर्ट कर देगा।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, फिलहाल रात के समय मरीजों की हालत बिगड़ने पर डॉक्टर्स और स्टाफ को दौड़भाग करनी पड़ती है, जिससे इलाज में देरी होती है। लेकिन AI वार्ड के चालू होते ही यह सिस्टम डॉक्टर्स को रियल टाइम में अपडेट देगा। मरीज की स्थिति वार्ड में लगी मॉनिटरिंग स्क्रीन पर डिस्प्ले होगी, जिससे डॉक्टर्स और स्टाफ तुरंत इलाज कर सकेंगे।
‘मेक इन इंडिया’ टेक्नोलॉजी से बनेगा AI वार्ड
यह पूरा सिस्टम ‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्वदेशी कंपनी द्वारा तैयार किया जा रहा है। GSVM मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। AI वार्ड में 10 बिस्तरों को सेंसर-युक्त स्मार्ट मैट्रेस से जोड़ा जाएगा, जो मरीज के शरीर में होने वाले हर बदलाव को पकड़ने में सक्षम होंगे। यह तकनीक मरीज के हर पल के डेटा का विश्लेषण करेगी और स्थिति बिगड़ने पर तुरंत एक्शन लेगी।
तीमारदारों को नहीं करनी पड़ेगी दौड़भाग
अस्पताल की मीडिया प्रभारी डॉ. सीमा द्विवेदी ने बताया “अब तीमारदारों को डॉक्टर्स के पास दौड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जैसे ही मरीज की हालत बिगड़ेगी, सिस्टम खुद डॉक्टर्स को अलर्ट करेगा। मरीज को क्या इलाज दिया गया, उसकी भी पूरी रिपोर्ट रिकॉर्ड में सेव रहेगी।”
पारदर्शी इलाज और तेजी से रिस्पॉन्स
इस हाई-टेक वार्ड की सबसे बड़ी खासियत यह है कि मरीज के इलाज में पारदर्शिता आएगी। कौन-सा ट्रीटमेंट कब और क्यों दिया गया, इसकी जानकारी रियल टाइम में उपलब्ध रहेगी। इससे न सिर्फ डॉक्टर्स अलर्ट मोड पर रहेंगे, बल्कि तीमारदारों को भी बार-बार डॉक्टर्स से कुछ भी पूछने की जरूरत नहीं होगी।
जल्द शुरू होगा काम
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि CSR फंड से यह प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। जल्द ही वार्ड नंबर-3 को AI तकनीक से लैस किया जाएगा। भविष्य में इस तरह के वार्ड अन्य मेडिकल कॉलेजेस में भी बनाने की योजना है।
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फिर चर्चा में एयर इंडिया, विमान में मिले कॉकरोच

  • एयरलाइन ने दी सफाई
नई दिल्ली। एयर इंडिया ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि एयरलाइन के सैन फ्रांसिस्को से मुंबई आने वाले विमान में सवार दो यात्रियों की सीट बदलनी पड़ी क्योंकि इन यात्रियों ने विमान में कुछ छोटे कॉकरोच होने की शिकायत की थी।
एयरलाइन की ओर से एक बयान में कहा गया कि यह घटना एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई180 में हुई। एयर इंडिया की ओर से कहा गया, "सैन फ्रांसिस्को से कोलकाता होते हुए मुंबई जाने वाली उड़ान संख्या एआई180, दुर्भाग्यवश, दो यात्री विमान में कुछ छोटे कॉकरोच देखकर परेशान हो गए। इसलिए, हमारे केबिन क्रू ने दोनों यात्रियों को उसी केबिन की दूसरी सीटों पर बिठाया, जहां वे आराम से बैठ गए।"
एयरलाइन ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि कोलकाता में उड़ान के निर्धारित ईंधन भरने के दौरान, कंपनी के ग्राउंड क्रू ने समस्या के समाधान के लिए तुरंत सफाई की। इसके बाद, वही विमान समय पर मुंबई के लिए रवाना हुआ
कंपनी ने विमान में कॉकरोच होने को लेकर सफाई देते हुए कहा, "कीटों और अन्य हानिकारक जीवों को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से कीटनाशकों या अन्य रसायनों के इस्तेमाल करने के हमारे प्रयासों बावजूद, कभी-कभी ग्राउंड ऑपरेशन के दौरान कीड़े विमान में घुस सकते हैं। एयर इंडिया इस घटना के स्रोत और कारण का पता लगाने के लिए एक व्यापक जांच करेगी और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय लागू करेगी। यात्रियों को हुई किसी भी असुविधा के लिए हम क्षमा चाहते हैं।"
इससे पहले कंपनी ने एयर इंडिया एआई-171 दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने को लेकर एक अपडेट शेयर किया था। कंपनी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था, "एयर इंडिया एआई-171 दुर्घटना से प्रभावित परिवारों और लोगों के साथ एकजुटता से खड़ी है। हम उनके नुकसान पर शोक व्यक्त करते हैं और इस कठिन समय में सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। एक महीने से भी पहले एयर इंडिया ने प्रभावित परिवारों की तत्काल वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद के लिए 25 लाख रुपए का अंतरिम भुगतान जारी करना शुरू किया था। यह अंतरिम भुगतान किसी भी अंतिम मुआवजे में समायोजित किया जाएगा।"
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देश को जल्द मिलेगी पहली बुलेट ट्रेन की सौगात, तैयारियां पूरी

  • केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की घोषणा
नई दिल्ली। भारत की बहुप्रतीक्षित पहली बुलेट ट्रेन जल्द ही पटरियों पर दौड़ने वाली है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को घोषणा की कि यह हाई-स्पीड ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच का 508 किलोमीटर का सफर मात्र 2 घंटे 7 मिनट में तय करेगी। ट्रेन की अधिकतम गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जो देश में रेलवे क्रांति की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भारत की पहली बुलेट ट्रेन सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि देश के रेल इतिहास में एक क्रांतिकारी परिवर्तन की शुरुआत है।
रेल मंत्री ने यह घोषणा गुजरात के भावनगर टर्मिनस पर आयोजित कार्यक्रम में की, जहां उन्होंने अयोध्या एक्सप्रेस, रीवा-पुणे एक्सप्रेस और जबलपुर-रायपुर एक्सप्रेस ट्रेनों को वर्चुअली हरी झंडी दिखाई। इस दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और निमुबेन बाम्भनिया भी मौजूद रहे।
भारत की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) से शुरू होगी और वापी, सूरत, भरूच, आनंद, वडोदरा जैसे प्रमुख स्टेशनों से होते हुए अहमदाबाद पहुंचेगी। हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट को जापान के तकनीकी सहयोग से तैयार किया जा रहा है और इसे आधुनिकता, सुरक्षा और समय की बचत के लिहाज से एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
बुलेट ट्रेन परियोजना के साथ-साथ देशभर में रेलवे के कई बड़े प्रोजेक्ट भी तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। मंत्री वैष्णव ने बताया कि गुजरात में पोरबंदर-राजकोट नई ट्रेन सेवा, रणावव स्टेशन पर ₹135 करोड़ की लागत से कोच मेंटेनेंस डिपो, पोरबंदर शहर में नया रेलवे फ्लाईओवर, दो गति शक्ति कार्गो टर्मिनल्स और भावनगर में एक नया कंटेनर टर्मिनल विकसित किया जा रहा है।
रेल मंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है और दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री इस बदलाव के मिशन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि पिछले 11 वर्षों में देश में 34,000 किलोमीटर नई रेलवे लाइन बिछाई गई है। औसतन हर दिन 12 किलोमीटर पटरी बिछाई जा रही है।
इसके अलावा, देशभर के 1300 रेलवे स्टेशनों को स्मार्ट और अत्याधुनिक बनाया जा रहा है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें और यात्रा के अनुभव को पूरी तरह बदला जा सके।रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे के सभी विकास कार्य इस तरह से किए जा रहे हैं कि न तो ट्रेन सेवाएं प्रभावित हों और न ही यात्रियों को कोई असुविधा हो। रेलवे का लक्ष्य है- तेज, सुरक्षित और आधुनिक सफर।
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राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने दी नसीहत, की सख्त टिप्पणी

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना के खिलाफ कथित टिप्पणी के मामले में अपने खिलाफ मानहानि को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोमवार को कहा कि आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 किलोमीटर तक भारत की जमीन हड़प ली है? अगर आप सच्चे भारतीय होते तो ऐसा नहीं कहेंगे.
अपनी 2023 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान, कांग्रेस नेता राहुल ने दावा किया कि एक पूर्व सेना अधिकारी ने उन्हें बताया था कि चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. उनके इस बयान को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया था और उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था.
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मुकदमे को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, 'आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2,000 किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है?' और इस पर जोर देते हुए कहा, 'अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा नहीं कहेंगे.' कोर्ट ने पूछा कि क्या आपके पास कोई विश्वसनीय जानकारी है? जब सीमा पार कोई विवाद होता है तो क्या आप ये सब कह सकते हैं? आप संसद में सवाल क्यों नहीं पूछ सकते?
कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाते हुए कहा कि आप विपक्ष के नेता हैं तो आप ये बातें क्यों कहेंगे? आप ये सवाल संसद में क्यों नहीं पूछते? इसके जवाब में राहुल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्होंने संसद में बोलने की छूट पाने के लिए चुनाव नहीं लड़ा. अनुच्छेद 19(1)(ए) राहुल गांधी को सवाल पूछने की इजाजत देता है.
सिंघवी ने राहुल की तरफ से कहा कि उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की कोई जरूरत नहीं है. मामले में संज्ञान लिए जाने से पहले उन्हें कोई प्राकृतिक न्याय नहीं दिया गया है. सिंघवी ने कहा कि वह उस भावना को समझते हैं जिसके तहत इस बेंच ने सवाल पूछे हैं. लेकिन इस बात पर आम सहमति है कि यहां कोई प्राकृतिक न्याय या सुनवाई नहीं हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने हाईकोर्ट में ये मुद्दा नहीं उठाया, आप अलग ही लाइन पर चले गए. इस पर सिंघवी ने कहा कि हमने हाईकोर्ट में कहा कि वह कोई दागी व्यक्ति नहीं हैं और न ही पीड़ित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यहां भी आपने अपनी एसएलपी में तर्क नहीं लिया है. राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है.
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नहीं रहे शिबू सोरेन, जानिए कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर

रांची। 38 वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई करने वाले शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। वे पिछले एक महीने से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में उपचाराधीन थे, जहां डॉक्टरों की पूरी टीम उनकी निगरानी कर रही थी।
सोमवार सुबह शिबू सोरेन के बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता के निधन की जानकारी सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर दी। एक नजर शिबू सोरेन की अब तक की राजनीतिक यात्रा पर डालते हैं।
शिबू सोरेन को 'दिशोम गुरु' के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 11 जनवरी 1944 को रामगढ़ (तत्कालीन हजारीबाग) जिले के नेमरा गांव में हुआ। उनके पिता सोबरन मांझी की 1957 में हत्या ने उनके जीवन को बदल दिया, जिसके बाद उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन शुरू किया। शिबू ने 1970 के दशक में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की स्थापना की और सूदखोरी, शराबबंदी, और आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
शिबू सोरेन 1971 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव बने थे। उन्होंने 1977 में दुमका लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार मिली थी। इसके बाद 1980 में वे पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद 1989, 1991, 1996, और 2002 में भी वे दुमका से सांसद रहे। लोकसभा के अलावा शिबू सोरेने अपने राजनीतिक करियर में राज्यसभा के भी सदस्य रहे। उन्होंने झारखंड अलग राज्य आंदोलन का नेतृत्व किया, जो 2000 में सफल हुआ।
शिबू सोरेन तीन बार (2005, 2008-09, 2009-10) झारखंड के मुख्यमंत्री बने, हालांकि वे कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। 2004 में वे यूपीए सरकार में कोयला मंत्री बने, लेकिन चिरूडीह कांड और शशि नाथ झा हत्या मामले में विवादों के कारण इस्तीफा देना पड़ा। हाईकोर्ट ने उन्हें बाद में बरी कर दिया।
1993 के सांसद घूसकांड में भी उनका नाम उछला, लेकिन कोर्ट ने उन्हें राहत दी। उनकी 'लक्ष्मीनिया जीप' आंदोलन के दिनों की प्रतीक रही। उनके बेटे हेमंत सोरेन और परिवार के अन्य सदस्य भी जेएमएम के माध्यम से उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
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भोपाल में रक्षाबंधन से पहले भाजपा सांसद ने हेलमेट वितरित किए

भोपाल। रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में सड़क सुरक्षा पहल के तहत, भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने भोपाल में महिलाओं को हेलमेट वितरित किए और नागरिकों से हेलमेट पहनने और बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों में सहयोग करने का आग्रह किया। शनिवार को, शर्मा ने भोपाल में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त की।
“भोपाल में सड़क दुर्घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। भोपाल जिला प्रशासन इस बारे में गंभीर और चिंतित है। भोपाल जिला प्रशासन लगातार नागरिकों में हेलमेट पहनने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। हेलमेट को अनिवार्य बनाने के लिए, भोपाल के सभी पेट्रोल पंप मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वे केवल उन्हीं नागरिकों को पेट्रोल दें जो हेलमेट पहनकर आते हैं,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा, “भोपाल की जनता ने मुझे सांसद चुना है। रक्षाबंधन का त्योहार आने वाला है, इसलिए आज हमने बहनों को हेलमेट दिए हैं।” सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक निर्णायक कदम उठाते हुए, भोपाल जिला प्रशासन ने एक नई नीति लागू की है जिसके तहत पेट्रोल पंप बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल या सीएनजी नहीं दे सकते। यातायात नियमों का पालन कराने और दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को कम करने के उद्देश्य से जारी यह निर्देश अब शहर के सभी पेट्रोल पंपों पर लागू हो गया है। पेट्रोल पंप कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे हेलमेट पहनने के नियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी दोपहिया वाहन चालक को ईंधन न दें।
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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : भूपेश बघेल और बेटे चैतन्य को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

  • हाईकोर्ट को निर्देश- "दोनों की अर्जियों पर जल्द सुनवाई करे"
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को दोनों की याचिकाओं पर सुनवाई से साफ इनकार करते हुए उन्हें अंतरिम राहत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश भी दिया है कि वह दोनों की अर्जियों पर जल्द सुनवाई करे।
भूपेश बघेल और उनके बेटे की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कई सख्त टिप्पणियां कीं। कोर्ट ने कहा कि दोनों ने एक ही याचिका में पीएमएलए (पीएमएलए) के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने के साथ-साथ जमानत जैसी व्यक्तिगत राहत की मांग भी की है, जो उचित नहीं है।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने पिता-पुत्र के सीधे सुप्रीम कोर्ट आने पर भी सवाल उठाया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि जब किसी मामले में कोई प्रभावशाली व्यक्ति शामिल होता है, तो वो सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाता है। अगर हम ही हर मामले की सुनवाई करेंगे, तो अन्य अदालतों का क्या उपयोग रह जाएगा? अगर ऐसा होता रहा तो फिर गरीब लोग कहां जाएंगे? एक आम आदमी और साधारण वकील के पास सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने की कोई जगह ही नहीं बचेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने के नाम पर याचिकाकर्ता सीधे अंतिम राहत नहीं मांग सकते। कोर्ट ने कहा कि एक ही याचिका में आप सब कुछ नहीं मांग सकते। इसके लिए तय प्रक्रिया और मंच हैं। कोर्ट ने चैतन्य बघेल को जमानत याचिका के लिए हाईकोर्ट जाने को कहा और यह भी निर्देश दिया कि हाईकोर्ट इस पर जल्द सुनवाई करे। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए की धारा 50 और 63 को चुनौती देने के लिए अलग से याचिका दाखिल करने की सलाह दी।
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पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख

  • हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर प्रकट की संवेदना
दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया. वह 81 वर्ष के थे. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. शिबू सोरेन को जुलाई में किडनी से जुड़ी हुई समस्या की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी तबियत नाजुक होने की वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. शिबू सोरेन के निधन पर उनके बेटे हेमंत सोरेन ने कहा कि आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं. आज मैं शून्य हो गया हूं. 
उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है. शिबू सोरेन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया और उनके पुत्र व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर संवेदना प्रकट की. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी. पीएम मोदी ने पोस्ट में लिखा, “शिबू सोरेन एक जमीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊंचाइयों को छुआ. वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से समर्पित थे. उनके निधन से दुख हुआ. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की और संवेदना व्यक्त की.”
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राजद नेता तेजस्वी यादव नहीं डाल पाएंगे वोट

  • कहा- "ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मेरा नाम नहीं है, मैं आगामी विधानसभा चुनाव कैसे लड़ूंगा?'
पटना। राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने शनिवार को दावा किया कि उनका नाम इलेक्शन कमीशन द्वारा शुक्रवार को बिहार के लिए जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं है. पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा, 'मैंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान गणना फॉर्म (Enumeration Forms) भरा था. लेकिन ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मेरा नाम नहीं है. मैं आगामी विधानसभा चुनाव कैसे लड़ूंगा?' तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने इलेक्शन कमीशन के पोर्टल पर अपना ECIP (Electors Photo Identity Card) No. RAB2916120 डालकर सर्च किया तो No Records Found लिखकर आया. हालांकि, चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव के दावे का फैक्ट चेक करते हुए बताया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनका नाम शामिल है. चुनाव आयोग ने बकायदा मतदाता सूची का वह प्रारूप भी जारी किया है, जिसमें तेजस्वी की फोटो के साथ उनका नाम, उम्र, पिता का नाम, मकान संख्या दर्ज है.
राजद नेता के आरोपों पर चुनाव आयोग ने फौरन डेटा शेयर करते हुए कहा, 'तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है. हमने लिस्ट शेयर की है और उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वह ध्यान से अपना नाम देख लें.' चुनाव आयोग ने जो रिकॉर्ड शेयर किया उसमें तेजस्वी यादव का ECIP No. RAB0456228 था. चुनाव आयोग द्वारा शेयर किए गए ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में तेजस्वी यादव का नाम सीरियर नंबर 416 पर दर्ज है.
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17,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी जांच में अनिल अंबानी के खिलाफ एलओसी जारी

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोध पर, अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) के अध्यक्ष अनिल अंबानी के खिलाफ शुक्रवार को कथित तौर पर 17,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में एक लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया। मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, अनिल अंबानी को 5 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। पिछले हफ्ते, एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अनिल अंबानी के रिलायंस समूह से जुड़े मुंबई में 35 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें 50 कंपनियां और 25 व्यक्ति शामिल थे। जांचकर्ताओं ने मुंबई और दिल्ली में कई स्थानों से भारी मात्रा में दस्तावेज, हार्ड ड्राइव और अन्य डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए।
येस बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले से संबंधित धन शोधन जांच के सिलसिले में गुरुवार को छापेमारी शुरू हुई। यह जाँच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा 11 नवंबर, 2024 को दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है। ईडी के अनुसार, उसकी जाँच में एडीएजी कंपनियों और भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) को सौंपी गई 68.2 करोड़ रुपये की एक फर्जी बैंक गारंटी के बीच संबंधों का पता चला है।यह फर्जी गारंटी कथित तौर पर रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड और महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के नाम पर जारी की गई थी - दोनों ही समूह से संबद्ध हैं। जांचकर्ताओं का कहना है कि यह गारंटी पूरी तरह से फर्जी थी और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का रूप धारण करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया था। कथित तौर पर इस धोखाधड़ी में एक नकली ईमेल डोमेन, "s-bi.co.in" का इस्तेमाल किया गया था, जो एसबीआई के आधिकारिक डोमेन, "sbi.co.in" से काफी मिलता-जुलता था, ताकि जाली गारंटी असली लगे।
ईडी ने डोमेन पंजीकरण रिकॉर्ड प्राप्त करने और धोखाधड़ी वाली ईमेल गतिविधि के स्रोत का पता लगाने के लिए नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनआईएक्सआई) से भी संपर्क किया है। जवाब में, समूह की कंपनियों रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया कि वे ईडी की कार्रवाई को स्वीकार करते हैं, लेकिन इन छापों का उनके व्यावसायिक संचालन, वित्तीय स्थिति या हितधारकों के हितों पर "बिल्कुल कोई प्रभाव नहीं" पड़ा है। कंपनियों ने कहा था, "मीडिया रिपोर्ट्स रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) या रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) के 10 साल से ज़्यादा पुराने लेन-देन से संबंधित आरोपों से संबंधित प्रतीत होती हैं।"
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राहुल गांधी बोले- "भारत का इलेक्शन सिस्टम मर चुका है : सीटों पर धांधली, तभी मोदी PM बने"

  • राहुल का दावा- "हमारे पास मतदाता सूची में हेराफेरी के पुख्ता सबूत"
दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पिछले 10 दिनों में तीसरी बार इलेक्शन कमीशन पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित 'वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव' को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग पर आरोप लगाए। राहुल गांधी ने कहा, भारत का इलेक्शन सिस्टम मर चुका है। हम आने वाले कुछ दिनों में आपको साबित कर देंगे कि लोकसभा चुनाव में कैसे धांधली हो सकती है और हुई भी। राहुल गांधी ने कहा, भारत के पीएम के पास बहुत कम बहुमत है। राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था नहीं रह गई है और हमारे पास यह साबित करने के लिए पक्के सबूत हैं कि चुनावों में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं।
इस कार्यक्रम का विषय था 'संवैधानिक चुनौतियां-दृष्टिकोण और रास्ते,' जिसमें करीब 1,500 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कई वकील शामिल थे। राहुल गांधी ने अपने भाषण में दावा किया कि कांग्रेस पार्टी के पास अब "पूरे देश को दिखाने लायक सबूत" हैं, जो यह साबित करते हैं कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है और चुनाव आयोग की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध रही है।"
राहुल गांधी ने कहा, "मेरे सहयोगी पहले कहते थे कि हां, कुछ गड़बड़ी हुई है, लेकिन हमारे पास कोई प्रमाण नहीं है अब मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हमारे पास प्रमाण है।" उन्होंने बताया कि पार्टी ने 6 महीने तक एक जांच अभियान चलाया, जिसमें चुनाव आयोग से मिली बूथवार मतदाता सूचियों का विश्लेषण किया गया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर ऐसी मतदाता सूचियां दीं जिन्हें स्कैन या कॉपी करना संभव नहीं था। उन्होंने कहा, "आखिर चुनाव आयोग मतदाता सूची को इस तरह क्यों सुरक्षित रखना चाहता है?"
उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने 6.5 लाख मतदाताओं की तस्वीरें और नाम एक-एक कर मिलाए, जिसमें 1.5 लाख फर्जी नाम पाए गए। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें 2014 से चुनावों में गड़बड़ी की आशंका थी, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की अचानक हार के बाद उन्हें शक और पुख्ता हो गया। उन्होंने कहा, "तीन मजबूत दल अचानक गायब हो गए। तब मुझे यकीन हुआ कि कुछ न कुछ गड़बड़ है।" उन्होंने आगे कहा, "हमें पहले गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में गड़बड़ी के संकेत मिले थे, लेकिन अब हमारे पास दस्तावेजी सबूत हैं।" राहुल गांधी ने यह भी कहा, "यह सिर्फ धांधली नहीं, बल्कि देशद्रोह है। और हम इसमें शामिल लोगों को ढूंढ़ निकालेंगे।" उन्होंने कानूनी समुदाय से आह्वान किया कि उनके द्वारा निर्मित संवैधानिक ढांचे को ध्वस्त किया जा रहा है। कुछ चीजें खुलकर हो रही हैं, तो कुछ छिपकर। राहुल गांधी के ये बयान उस समय आए हैं जब बिहार में मतदाता सूची में अनियमितताओं और एसआईआर प्रक्रिया को लेकर विवाद चल रहा है।
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मैंने अपनी बेटियों के सिंदूर का बदला लेने का जो वचन दिया था, वो भी पूरा हुआ : PM मोदी

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। क‍िसान सम्‍मान‍ न‍िधि‍ की 20 वीं क‍िस्‍त जारी करने के साथ ही पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र को व‍िकास योजनाओं की कई सौगात भी दी।
पीएम मोदी ने कहा, "काशी के मेरे मालिकों, मैंने अपनी बेटियों के सिंदूर का बदला लेने का जो वचन दिया था, वो भी पूरा हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हम काशी से देशभर के लाखों किसानों से जुड़े हुए हैं। सावन का महीना हो, काशी जैसा पवित्र स्थान हो, और देश के किसानों के साथ जुड़ने का मौका हो, इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है? आज मैं ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार काशी आया हूं। जब 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था"
"26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। उनके परिवार की पीड़ा, उन बच्चों का दुख, उन बेटियों की वेदना से मेरा हृदय बहुत तकलीफ से भर गया था। तब मैं बाबा विश्वनाथ से यही मना रहा था कि सभी पीड़ित परिवार को इस दुख को सहने की हिम्मत दें।" उन्होंने कहा कि काशी के मेरे मालिकों, मैंने अपनी बेटियों के सिंदूर का बदला लेने का जो वचन दिया था, वो भी पूरा हुआ है। ये महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि देश के किसानों के खाते में पौने चार लाख करोड़, यूपी के ढाई करोड़ किसानों को 90 हजार करोड़ और बनारस के किसानों के खाते में 900 करोड़ रुपए पीएम श्री किसान सम्मान राशि डाली गई।
पीएम मोदी ने कहा कि इन दिनों काशी में गंगाजल लेकर जाते हुए शिव भक्तों की तस्वीरें देखने को मिलती हैं। खासकर सावन के पहले सोमवार को जब हमारे यादव बंधु बाबा का जलाभिषेक करने निकले तो उनका समूह कितना मनोरम होता है। डमरू की आवाज गलियों में कोलाहल का अद्भुत भाव प्रकट करता है। मोदी ने कहा कि मेरी भी बहुत इच्छा थी कि सावन में बाबा विश्वनाथ और मार्कण्डेय महादेव के दर्शन करूं, लेकिन मेरे वहां जाने से महादेव के भक्तों को असुविधा न हूं, इसलिए मैं आज यहीं से भोलेनाथ और मां गंगा को प्रणाम कर रहा हूं। उन्होंने आगे कहा, "हम सेवापुरी के ई-मंच से बाबा विश्वनाथ को प्रणाम करते हैं। नम: पार्वती पतये, हर-हर महादेव। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ दिनों पहले मैं तमिलनाडु में था। मैं वहां 1000 साल पुराने एक ऐतिहासिक मंदिर गया था जिसे महान राजा राजेंद्र चोल ने बनवाया था। राजेंद्र चोल ने उत्तर भारत से गंगाजल लाकर उत्तर को दक्षिण से जोड़ा था। आज काशी तमिल संगमम जैसे प्रयासों के माध्यम से इसे आगे बढ़ाने का एक विनम्र प्रयास हो रहा है। देश की एकता की हर बात एक नई चेतना जगाती है और तभी ऑपरेशन सिंदूर सफल होता है। 140 करोड़ देशवासियों की एकता ही ऑपरेशन सिंदूर की ताकत बनती है।" पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जवानों के पराक्रम का वह पल और आज किसानों को प्रणाम करने का अवसर। आज यहां एक विराट किसान उत्सव का आयोजन हो रहा है। हमारी सरकार किसानों के हित में निरंतर काम कर रही है। लेकिन, पहले की सरकारों में किसानों के नाम पर एक भी घोषणा पूरी होना मुश्किल होता था। भाजपा सरकार जो कहती है, वो करके दिखाती है। आज पीएम किसान सम्मान निधि सरकार के पक्के इरादों को उदाहरण बन चुकी है। उन्होंने कहा कि आपको याद होगा 2019 में जब पीएम किसान सम्मान निधि शुरू हुई तो सपा-कांग्रेस जैसे विकास विरोधी लोग कैसी-कैसी अफवाहें फैला रहे थे। किसानों को उलझन में डाल रहे थे। कोई कहता मोदी भले योजना लाया, जैसे 2019 का चुनाव जाएगा, सब बंद हो जाएगा। कैसा झूठ बोलते हैं। यही दुर्भाग्य है कि निराशा की गर्त में डूबा हुआ विरोधी मानसिकता वाले लोग ऐसी की झूठी सच्चाई को लेकर जी रहे हैं।
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