रायपुर @झूठा-सच | छत्तीसगढ़ के निलंबित IPS जीपी सिंह को रायपुर कोर्ट ने 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस ने कोर्ट से पूछताछ के लिए 7 दिन की रिमांड मांगी थी।निलंबित आईपीएस जीपी (गुरजिंदर पाल) सिंह को बुधवार की शाम रायपुर लाया गया. रायपुर पुलिस जीपी सिंह को लेकर सीधे ईओडब्ल्यू के दफ्तर पहुंची, जहां उनसे लंबी पूछताछ की गई.जीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज है. इसी मामले में ईओडब्ल्यू की टीम ने उन्हें बीते मंगलवार की देर शाम को दिल्ली के पास गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था.1994 बैच के आईपीएस जीपी सिंह पर सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के मामले में राजद्रोह का मामला भी दर्ज है. दोनों ही केस जुलाई 2021 में रायपुर में दर्ज किए गए थे.
बता दें कि आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर के अपराध क्रमांक 22/2021 धारा 13(b),13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं धारा 201, 467, 471 के तहत जीपी सिंह पर केस दर्ज है. आरोपी निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह, जिन्हें प्रकरण की विवेचना में उपस्थित होने के लिए कई नोटिस जारी किए गए थे और उसके बाद भी वह विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे थे और ना ही EOW कार्यालय में उपस्थित हो रहे थे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी से रोक के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने उसे नामंजूर कर दिया था. इसके बाद से वे फरार चल रहे थे.
तेज हुई राजनीति
निलंबित IPS जीपी सिंह की गिरफ्तारी पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का बयान सामने आया है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए अधिकारियों को बलि का बकरा बना रहे हैं. छत्तीसगढ़ में 100 से ज्यादा अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में जांच चल रही है. क्या सरकार उनके खिलाफ जुर्म दर्ज कर चालान प्रस्तुत कर रही है. राजनीतिक कारणों की वजह से किसी अधिकारी को प्रताड़ित करना इससे आने वाले समय में अधिकारी छत्तीसगढ़ में काम करने से बचेंगे और विकास रूकेगा.