धर्म समाज

जानिए...होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व

हिंदू परंपरा के अनुसार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है, जो होली के त्यौहार की शुरुआत होती है. इस दिन को विशेष रूप से बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है। होलिका दहन की पूजा के साथ-साथ, इस दिन को राक्षसों और दुष्ट शक्तियों के नाश के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त-
होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त का महत्व बहुत ज्यादा होता है, क्योंकि मान्यता है कि इस समय पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति और समृद्धि आती है। 2025 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 6 मार्च को रात 9:20 बजे से शुरू होगा और रात 10:55 बजे तक रहेगा।
होलिका दहन की विधि-
सबसे पहले होलिका की पूजा करनी चाहिए और उसमें दीपक लगाकर उसकी आरती करनी चाहिए।
इस दिन घर के सभी लोगों को एकत्रित करके पूजा स्थान पर एकत्र होना चाहिए।
होलिका दहन करते समय लोग अपनी मनोकामनाओं को लेकर संकल्प लेते हैं और बुराईयों का नाश करने का आह्वान करते हैं।
इस दिन विशेष रूप से तंत्र-मंत्र का जाप भी किया जाता है।
होलिका दहन का महत्व-
होलिका दहन को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस दिन बुराईयों को नष्ट करने और अच्छे कर्मों को बढ़ावा देने का कार्य होता है। इस दिन राक्षसों और दुष्ट शक्तियों का नाश होता है, और अच्छाई की जीत होती है। इसे नफरत, द्वेष और किसी भी बुरे विचारों को जलाने के रूप में देखा जाता है। साथ ही, इस दिन नए संबंधों और नूतन आशाओं का भी आरंभ होता है।
होलिका दहन का पर्व एक महत्वपूर्ण अवसर है जब लोग अपने पुराने गिले-शिकवे छोड़कर एक-दूसरे के साथ नए संबंधों की शुरुआत करते हैं। साथ ही, यह पर्व प्रकृति के साथ एकता और समरसता का प्रतीक भी है।

 

Leave Your Comment

Click to reload image