दुनिया-जगत

डायरेक्ट कमर्शियल फ्लाइट्स आज से शुरू

कुवैत मंगलवार से भारत के साथ डायरेक्ट कमर्शियल फ्लाइट को शुरू कर रहा है. देश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. फ्लाइट्स को फिर से शुरू करने का ऐलान सबसे पहले पिछले महीने किया गया था. लेकिन इसे लागू करने की समय सीमा नहीं दी गई थी. कुवैत ने 24 अप्रैल को भारत के साथ सभी डायरेक्ट इंटरनेशनल फ्लाइट को अगली सूचना तक सस्पेंड कर दिया गया था. इस दौरान भारत में कोरोना की दूसरी लहर आई हुई थी और जिसके मद्देनजर कुवैत ने ये फैसला लिया था. 

संयुक्त अरब अमीरात ने पिछले महीने ट्रांजिट यात्रियों को ट्रैवल प्रतिबंधों में ढील दी और घोषणा की कि वह भारत के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य देशों और मिस्र के साथ कमर्शियल इंटरनेशनल फ्लाइट्स फिर से शुरू करेगा. भारत के अलावा, अन्य देश जहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होंगी, उनमें बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और नेपाल शामिल हैं. नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, भारत ने सितंबर में एयर बबल व्यवस्था के तहत 18 देशों के साथ 49 शहरों के बीच उड़ानें शुरू कीं. एक एयर बबल पैक्ट के तहत, देश की एयरलाइनों द्वारा अपने क्षेत्रों के बीच विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित की जा सकती हैं. 

कुवैत के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए यात्रा दिशानिर्देश कुछ इस प्रकार हैं:

1. कुवैत की यात्रा करने वाले यात्रियों को फुली वैक्सीनेट होना होगा. उन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मंजूर की गई कोई भी एक वैक्सीन लगवानी होगी.

2. कुवैत के नागरिक, उनके रिश्तेदार और घरेलू कर्मचारियों को देश में प्रवेश दिया जाएगा.

3. सभी यात्रियों को यात्रा से 48 घंटों के भीतर करवाए गए कोरोना टेस्ट की एक निगेटिव पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी. 

4. यात्रियों को यूआईडी और फोन नंबर का उपयोग करके अलहोसन ऐप पर डाउनलोड और पंजीकरण करना अनिवार्य है. 

UAE जाने पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाने की जरूरत नहीं

वहीं, भारत और पांच अन्य देशों से आने वाले संयुक्त अरब अमीरात के निवासियों को अब देश में प्रवेश के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट  दिखाने की जरूरत नहीं होगी. गल्फ न्यूज की खबर के मुताबिक UAE की वैध निवास वीजा  के साथ सभी यात्रियों को भारत, नेपाल, नाइजीरिया, पाकिस्तान, श्रीलंका और यूगांडा से दुबई  की यात्रा करने की अनुमति होगी. खबर के मुताबिक, यात्रियों के पास एक वैध कोविड-19 टेस्ट सर्टिफिकेट होना चाहिए, जो नमूने एकत्र किये जाने और उड़ान की रवानगी से 48 घंटे के अंदर का होना चाहिए | 

 
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सीमा पर भारत की निगरानी के लिए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने नए सेना कमांडर की नियुक्ति

झूठा सच @ रायपुर :- चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जनरल वांग हैजियांग को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वेस्टर्न थिएटर कमांड का नया कमांडर नियुक्त किया है। वेस्टर्न थिएटर कमांड भारत के साथ सीमाओं की निगरानी करता है। स्थानीय वेबसाइट चाइनामिल के मुताबकि, चिनफिंग ने वांग और चार अन्य सैन्य अधिकारियों को जनरल के पद पर पदोन्नत किया है। सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का ओवरआल हाईकमान है।

पिछले साल मई में पूर्वी लद्दाख गतिरोध शुरू होने के बाद जनरल वांग पश्चिमी थिएटर कमान का नेतृत्व करने वाले चौथे कमांडर हैं। दोनों पक्षों के सैनिकों के गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा से बाहर निकलने से तनाव कुछ हद तक कम हो गया है।चीन की वेस्टर्न थिएटर कमान शिनजियांग और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्रों के साथ-साथ भारत के साथ सीमा की निगरानी करती है। 

इस वजह यह पीएलए में एक कमान के तहत सबसे बड़ा भौगोलिक क्षेत्र बन जाता है। 59 वर्षीय जनरल शू पिछले साल मई में लद्दाख में तनाव शुरू होने के बाद पश्चिमी कमान का नेतृत्व करने वाले तीसरे जनरल थे। इससे पहले जनरल झांग जुडोंग को पिछले साल 19 दिसंबर को कमान का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था, जो पीएलए से सेवानिवृत्त हुए 65 वर्षीय जनरल झाओ जोंगकी की जगह लेंगे।
 
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पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबानियों ने की फायरिंग

झूठा सच @ रायपुर :- अफगानिस्तान पर कब्जे के लिए तालिबान की मदद करने को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ काबुल से लेकर अमेरिका तक में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच खबर है कि काबुल में पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबानियों ने फायरिंग की है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ प्रमुख फैज हमीद के काबुल दौरे से अफगानिस्तान में बाहरी दखल को लेकर लोग गुस्से में हैं। 

जानकारी के मुताबिक काबुल में राष्ट्रपति पैलेस के पास भारी संख्या में लोगों पाकिस्तान और आइएसआइ के चीफ के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान वहां मौजूद तलिबान के लड़ाकों ने फायरिंग शुरू कर दी। फिलहाल लोगों के मारे जाने या घायल होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

वहीं, दूसरी तरफ अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत में महिलाओं ने देश की भावी सरकार में उन्हें भी प्रतिनिधित्व देने की मांग की है। एक महिला संगठन का कहना है कि पिछले बीस सालों में महिलाओं के योगदान को मान्यता देने का यही सही तरीका है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि अफगान महिलाओं को सरकार में सक्रिय साझेदारी मिलनी चाहिए। नई सरकार बिना महिलाओं के बनाने में कोई समझदारी नहीं है।बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन का जल्द एलान करने का भरोसा दिलाया है।

तालिबान की तरफ से नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तान, चीन, रूस, ईरान, कतर और तुर्की जैसे देशों को न्योता भेजे जाने की खबर है। बता दें कि चीन तालिबान के साथ मिलकर काम कर रहा है और उसने पाकिस्तान और रूस के साथ काबुल में अपने दूतावास को चालू रखा है। काबुल में उसके राजदूत वांग यू ने सोमवार को तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के उप प्रमुख मावलावी अब्दुल सलाम हनिफी से मुलाकात भी की।
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कोरोना वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत जल्द पड़ेगी , हेल्थ एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

झूठा सच @ रायपुर :- कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में इजरायल शुरुआत से आगे रहा है. इजरायल ने कोरोना से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाया, जिसके दुनियाभर में इजरायल की तारीफ हुई. जहां एक तरफ कई देश अपने नागरिकों को कोरोना की वैक्सीन की दोनों डोज देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं इजरायल के एक हेल्थ एक्सपर्ट सलमान जारका ने कहा कि कोविड वैक्सीन की चौथी डोज की भी जरूरत है.

इजरायल में लोगों को लगाए जा रहे बूस्टर शॉट
इजरायल ने अपने सभी नागरिकों को कोरोना वायरस का बूस्टर शॉट देना शुरू कर दिया है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने देशों से बूस्टर प्रोग्राम नहीं शुरू करने का आग्रह किया है. WHO का कहना है कि तब तक ऐसा नहीं किया जाए जब तक कि अन्य सभी देश कम से कम कमजोर वर्ग के लोगों का टीकाकरण करने में सक्षम नहीं हो जाएं.

हेल्थ एक्सपर्ट ने दी ये सलाह
सलमान जारका ने कहा कि कोरोना के कई वैरिएंट सामने आ रहे हैं. डेल्टा वैरिएंट के केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. आशंका है कि इससे मौतों और हॉस्पिटल में एडमिट होने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है. उनका कहना है कि कोविड वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत कुछ समय बाद पड़ सकती है. हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए हेल्थ एक्सपर्ट सलमान जारका के मुताबिक, बूस्टर शॉट कोरोना के वैरिएंट से बचाने में सक्षम हैं. डेल्टा वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच बूस्टर शॉट की जरूरत बढ़ गई है.

चौथी लहर से लेना होगा सबक
सलमान जारका ने कोरोना की अगली लहर के बारे में भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि हमें कोरोना की चौथी लहर से सबक लेना चाहिए. कोरोना के और नए वैरिएंट आ सकते हैं, जैसा कि साउथ अमेरिका महाद्वीप में हो रहा है. स्वास्थ्य अधिकारियों का भी कहना है कि भविष्य में कम से कम 6 महीने या एक साल में बूस्टर शॉट्स की जरूरत होगी | 
 
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अमेरिका के फ्लोरिडा में गोलीबारी से नवजात सहित चार लोगों की मौत

 झूठा सच @ रायपुर :-  अमेरिका के दक्षिणी प्रांत फ्लोरिडा के लेकलैंड में गोलीबारी में नवजात सहित चार लोगों की मौत हो गयी। स्थानीय मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में 11 साल की एक बच्ची घायल हुई है। पोल्क काउंटी शेरिफ ग्रेडी जुड ने कहा कि दो अलग-अलग घरों में सुबह 4:3० बजे गोलीबारी हुई। उन्होंने बताया कि इस दौरान पुलिस के साथ गोलीबारी में घायल होने के बाद संदिग्ध ने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना में कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ है।

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आज हुए बम धमाके में 3 की मौत ,20 घायल

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आज यानी रविवार को सुबह एक बम धमाका हुआ। क्वेटा के मास्तुंग रोड पर स्थित एक चेकपोस्ट पर ये आत्मघाती हमला हुआ। इस दौरान 3 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई जबकि कम से कम 20 लोग घायल हो गए हैं। बलूचिस्तान काउंडर-टेररिजम डिपार्टमेंट ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि इसमें सोहाना खान एफसी चेकपोस्ट को निशाने पर लिया गया था। प्रवक्ता ने बताया कि सीटीडी की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और जांच शुरू कर दी गई है।

इस विस्फोट के बाद घटनास्थल पर तुरंत बाद पुलिस, कानून प्रवर्तन एजेंसियां ​​और बचाव अधिकारी पहुंच गए हैं। घायलों को शेख जैद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि आत्मघाती हमलावर ने चेकपोस्ट पर कानून प्रवर्तन एजेंसी के वाहन में अपनी मोटरसाइकिल से टक्कर मार दी थी। इसके बाद ही यहां पर जोरदार धमाका हुआ। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसके साथ ही अब खबर है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हमले में पाकिस्तान सुरक्षा बल को निशाना बनाया गया था।

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बांग्लादेश में वर्किंग कपल के बीच हो सकती है शादी, बैन की मांग वाले सांसद का उड़ा मजाक, प्रस्ताव खारिज

बांग्लादेश की संसद ने शनिवार को एक निर्दलीय सांसद के उस अजीबो गरीब प्रस्ताव पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसने देश में बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने के लिए कामकाजी लोगों के बीच विवाह पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया था। सांसद रजौल करीम ने यह भी तर्क दिया कि कामकाजी जोड़ों के बच्चों को अक्सर घरेलू सहायिकाओं द्वारा दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता था। करीम ने कहा, ''नौकरी करने वाले पुरुष कामकाजी महिलाओं से शादी करना चाहते हैं, वैसे ही नौकरी करने वाली महिलाएं भी नौकरी पेशे में व्यस्त पुरुषों से शादी करना चाहती हैं।.. अगर यह सिलसिला जारी रहा तो आप देश में बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं कर सकते।

इस प्रस्ताव पर सदन में कई सदस्यों ने ठहाका लगाया और उनके कई सहयोगियों ने उनका उपहास भी किया। कानून मंत्री अनीसुल हक ने प्रस्ताव को 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति बताया। मंत्री ने कहा, ''अगर मैं प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता हूं तो मैं सदन से दो कदम दूर नहीं जा सकता... यह असंवैधानिक है।

हक ने कहा कि खुद एक जनप्रतिनिधि होने के नाते वह इस तरह के अजीबोगरीब प्रस्ताव को स्वीकार कर अपने करियर को खतरे में नहीं डाल सकते। मंत्री ने कहा, ''क्योंकि हमें बोलने की आजादी है, वह (करीम) जो चाहें कह सकते हैं और वह उस आजादी का फायदा उठा रहे हैं।करीब वर्ष 2018 में पहली बार उत्तरपश्चिम बोगरा जिले के एक निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बने थे। उन्हें पिछले साल बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के लिए नारीवादी अभियानों को दोषी ठहराने के लिए भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। वह उसी वर्ष अपने फेसबुक अकाउंट पर एक हाथ में पिस्तौल पकड़े हुए एक प्रोफाइल तस्वीर पोस्ट करके मीडिया की सुर्खियों में छा गये थे।
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अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद टीवी चैनलों में एक बड़ा बदलाव, कई प्रोग्राम बंद

अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद टीवी चैनलों में एक बड़ा बदलाव आ चुका है। ये बदलाव जाहिर तौर पर तालिबान के डर की वजह से आया है। यही वजह है कि मीडिया में काम करने वाली महिलाओं के लिए अब यहां के दरवाजे बंद हो चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ टीवी चैनलों ने रोमांटिक सीरियल या दूसरे प्रोग्राम दिखाने बंद कर दिए हैं। इनकी जगह अब धार्मिक कार्यक्रमों और तालिबान के हक वाले प्रोग्राम्‍स ने ले ली है। ऐसा नहीं है कि तालिबान ने इस तरह का कोई फरमान जारी किया है, बल्कि ये सेंसरशिप खुद टीवी चैनलों ने ही लगाई है। तालिबान के आने के बाद इन्‍होंने स्वैच्छिक आधार पर रोमांटिक नाटकों, सीरियलों और संगीत कार्यक्रमों का प्रसारण पूरी तरह से रोक दिया है।

आपको बता दें कि तालिबान बार-बार ये कह रहा है कि उनके राज में महिलाएं काम कर सकती हैं और वो सरकार में भी शामिल हो सकती हैं। लेकिन, हकीकत ये है कि तालिबान ने इस बारे में अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। तालिबान ने ये भी कहा है कि वो महिलाओं और अल्‍पसंख्‍यकों को मिले अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। लेकिन, वहीं दूसरी तरफ अफगानी महिलाओं और यहां पर रहने वाले अल्‍पसंख्‍यंकों को ही उनकी कही बात पर कोई विश्‍वास नहीं है। तालिबान के मुताबिक महिलाओं को इस्‍लामिक कानून के मुताबिक अधिकार हासिल होंगे, लेकिन ये क्‍या होंगे इसको लेकर भी अब तक कुछ सामने नहीं आया है।

अफगानिस्‍तान के बड़े मीडिया हाउस टोलो न्‍यूज ने भी तालिबान को देखते हुए बड़े बदलाव किए हैं। अब इस चैनल पर इंफोटेनमेंट प्रोग्राम बंद हैं। हालांकि यहां पर महिला एंकरों की पूरी तरह से छुट्टी नहीं की गई है। इसकी तरह से एरियाना न्‍यूज में भी अभी इक्‍का-दुक्‍का महिला एंकर मौजूद हैं। टोलो न्‍यूज के मालिी और मोबी ग्रुप के सीईओ साद मोहसेनी का कहना है कि तालिबान की आदत में ये शुमार हो चुका है कि वो अफगान मीडिया को बर्दाश्‍त करे। 

वो ये भी कहते हैं कि उन्‍हें लोगों का दिल जीतना है और देश में अपनी राजनीतिक भूमिका निभाने के लिए भी उन्‍हें इसकी जरूरत है। वो ये भी मानते हैं कि तालिबान सरकार भविष्‍य में क्‍या कदम उठाती है इस पर काफी कुछ चीजें तय होंगी। रोमांटिक प्रोग्राम और म्‍यूजिक का प्रसारण बंद करने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि ये सब तालिबान को पसंद नहीं है। आपको बता दें कि तालिबान ने टोलो न्‍यूज की एंटर शबनम दावरान को अपने आफिस के दरवाजे के अंदर घुसने की भी इजाजत नहीं दी थी।
 
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VIDEO: न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में आतंकी हमला, प्रधानमंत्री ने दी जानकारी

न्यूजीलैंड के ऑकलैंड  में स्थित एक सुपरमार्केट में चाकूबाजी की घटना सामने आई है. देश की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न  ने इसकी जानकारी देते हुए इसे आतंकी हमला बताया है. जेसिंडा अर्डर्न ने कहा, ISIS से प्रेरित एक आतंकवादी ने शुक्रवार को ऑकलैंड के एक सुपरमार्केट में छह लोगों को चाकू मार दिया. वहीं, पुलिस ने उसे गोली मारकर ढेर कर दिया. पीएम ने कहा,आज जो हुआ वह निंदनीय था, नफरत से फरा हुआ था और गलत था. उन्होंने कहा कि हमलावर एक श्रीलंकाई नागरिक था, जो 2011 में न्यूजीलैंड आया था |

 

 

 
 
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नोएडा में होटल संचालक को अज्ञात व्यक्ति ने गोली मार कर की हत्या

नोएडा :- नोएडा के थाना बीटा-2 क्षेत्र में स्थित एक सोसाइटी के मार्केट में अज्ञात व्यक्ति ने एक होटल संचालक को मंगलवार रात को गोली मार दी। इस घटना में होटल संचालक की मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के अनुसार जांच में पता चला है कि आरोपी और पीड़ित के बीच होटल से खाने के ऑर्डर को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद होटल मालिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 

थाना बीटा-2 के प्रभारी निरीक्षक रामेश्वर सिंह ने बताया कि मित्रा सोसाइटी के पास सुनील (38 वर्ष) नाम के व्यक्ति का होटल है जहां से भोजन की डिलीवरी की जाती है। उन्होंने बताया कि देर रात करीब 12 बजे अज्ञात बदमाशों ने सुनील पर गोली चलाई, जिसमें उनकी मौत हो। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि खाने के ऑर्डर को लेकर होटल संचालक व आरोपी में विवाद था। पुलिस होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे की सहायता से आरोपी की तलाश कर रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है।
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पाकिस्तान की जेल में बंद मध्यप्रदेश के प्रहलाद की वतन वापसी

भोपाल :-  मध्यप्रदेश के सागर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनजाने में पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद वहां की जेल में लंबे समय तक बंद रहे 57 वर्षीय प्रहलाद सिंह राजपूत रिहा होकर मंगलवार शाम को संभवत: अपने घर वापस लौटेंगे । राजपूत को सोमवार की शाम पाकिस्तान ने अटारी वाघा सीमा पर सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को सौंप दिया है। 

राजपूत सागर जिला मुख्यालय से करीब 46 किलोमीटर दूर गौरझामर थाना क्षेत्र के घोसी पट्टी गांव का निवासी है और वर्ष 1998 से अपने घर से लापता हो गया था। सागर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अतुल सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘प्रहलाद को सोमवार शाम को करीब चार बजे पाकिस्तान ने भारत को सौंप दिया । बीएसएफ ने राजपूत को सागर पुलिस टीम के हवाले कर दिया है। उसका भाई भी उसे वापस लाने के लिए साथ गया है। पुलिस टीम उसे लेकर आ रही हैं और मंगलवार शाम तक उनके सागर लौटने की संभावना है।’’ 

उन्होंने कहा कि उसके परिवार एवं ग्रामीणों के अनुसार प्रहलाद वर्ष 1998 में अपने घर से लापता हो गया था और वह कब और कैसे पाकिस्तान पहुंचा, इसका पता नहीं चल सका है। सिंह ने बताया कि उपलब्ध जानकारी के मुताबिक प्रहलाद को शुरू में पाक अधिकृत कश्मीर में जेल में बंद किया गया था और फिर उसे रावलपिंडी जेल में शिफ्ट किया गया था। उन्होंने कहा कि पाक जेलों में उसके द्वारा बिताए गए समय का पता नहीं है

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत सरकार को वर्ष 2015 में पाकिस्तान की जेलों में बंद 17 मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के बारे में सूचित करते हुए कहा था कि वे अपने आवास के पते के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। सिंह ने बताया, ‘‘इस सूची में राजपूत का नाम भी बताया गया था, लेकिन उस समय उसकी पहचान का पता नहीं चल सका था। वर्ष 2020 में उसके भाई ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सागर के कार्यालय में आवेदन दिया था। इस आवेदन के आधार पर तथ्यों की पुष्टि की गई और उसकी पहचान का पता चला।’’ उन्होंने कहा कि इसके बाद विदेश मंत्रालय को सूचना और दस्तावेज भेजे गए और बाद में उसकी रिहाई सुनिश्चित की जा सकी। 
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ब्रिटेन ने अफगानिस्तान में चार दिन पहले ही खत्म किया अपना निकासी अभियान

अफगानिस्तान में निकासी अभियान की समय सीमा के बीच ब्रिटेन अपना निकासी अभियान चार दिन पहले ही खत्म कर रहा है। ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस ने शुक्रवार को कहा कि तालिबान द्वारा 31 अगस्त की समय सीमा से चार दिन पहले अफगानिस्तान में उसका निकासी मिशन कुछ ही घंटे में खत्म हो जाएगा।

स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बीच काबुल एयरपोर्ट के पास दो बम धमाके हुए। एक धमाका एयरपोर्ट के पास स्थित बैरन होटल के क़रीब हुआ था, जिसके बाद ब्रिटेन सरकार ने निकासी मिशन को खत्म करने का फैसला लिया। यह बम धमाका आतंकवादी समूह आईएसआईएस के द्वारा किए गए, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक और 78 अफगान मारे गए।

बेन वालेस ने स्काई न्यूज को बताया कि हवाई अड्डे के पास बैरन होटल में काबुल में मुख्य प्रसंस्करण केंद्र को बंद करने के बाद निकासी मिशन कुछ ही घंटे में खत्म हो जाएगा। यूके समय अनुसार आज सुबह 4.30 बजे बैरन होटल को बंद कर दिया और प्रसंस्करण केंद्र को भी बंद कर दिया है। अभी भी लगभग 1,000 लोग हवाई क्षेत्र के अंदर हो सकते हैं और हम उन लोगों को भीड़ में ढूँढ़ने का रास्ता खोजेंगे।

रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा कि दुख की बात यह है कि हर किसी को बाहर नहीं निकल पाए। खतरा स्पष्ट रूप से बढ़ने वाला है क्योंकि हम बहुत से लोगों को छोड़ कर जा रहे है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि लगभग 600 लोग सैन्य ट्रांसपोर्टरों में सवार हो जाएगे। रक्षा सचिव ने कहा कि हवाईअड्डे पर लगभग 1,000 यूके सैनिक पैकिंग शुरू कर देंगे और आज अंतिम निकासी के बाद निकल जाएंगे। स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वह इस बात की पुष्टि नहीं करेंगे कि वे अमेरिका द्वारा निर्धारित 31 अगस्त की समय सीमा तक काबुल में रहेंगे या नहीं। 
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वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी का दावा, जल्द ही रूस की तुलना में चीन होगा बड़ा परमाणु खतरा

चीन तेजी से परमाणु हथियारों का निर्माण कर रहा है। इसे देखते हुए वह जल्द ही संयुक्त राज्य अमेरिका के शीर्ष परमाणु खतरे के रूप में रूस को पीछे छोड़ देगा। एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि दोनों देशों के पास गलत संचार को रोकने के लिए कोई तंत्र नहीं है अमेरिकी वायु सेना के लेफ्टिनेंट जनरल थामस बुसीरे यूएस स्ट्रैटेजिक कमांड के डिप्टी कमांडर हैं। वे देश के परमाणु शस्त्रागार की देखरेख करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन की परमाणु क्षमताओं के विकास को देखते हुए उसके सार्वजनिक दावे पर विश्वास नहीं किया जा सकता कि वह न्यूनतम परमाणु निवारक क्षमता बनाए रखना चाहता है।

बुसीरे की टिप्पणी तब आई है जब संयुक्त राज्य अमेरिका चीन की बढ़ती आर्थिक और सैन्य ताकत का मुकाबला करने के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र में अधिक जोर देने के लिए अपनी विदेश नीति को फिर से संगठित करने का प्रयास कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अगस्त की शुरुआत में एशियाई देशों और साझेदार देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान चीन के परमाणु शस्त्रागार पर गहरी चिंता व्यक्त की थी।

सैटेलाइट इमेजरी पर आधारित थिंक-टैंक की रिपोर्ट कहती है कि चीन परमाणु मिसाइलों के लिए सैकड़ों नए साइलो का निर्माण कर रहा है और वाशिंगटन ने बीजिंग पर परमाणु हथियारों की वार्ता का विरोध करने का आरोप लगाया है। चीन का कहना है कि उसका शस्त्रागार संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस से छोटा है और वह बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन केवल तभी जब वाशिंगटन अपने परमाणु भंडार को चीन के स्तर तक कम कर दे।

स्टेट डिपार्टमेंट फैक्ट शीट के अनुसार, 1 मार्च तक संयुक्त राज्य अमेरिका के पास 1,357 परमाणु हथियार तैनात थे। मिसाइल प्रौद्योगिकी में चीन की प्रगति उन हथियारों को वितरित करने के लिए भी संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए चिंता का विषय है। बुसीरे ने कहा कि चीन ने पिछले साल दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं का परीक्षण किया था।
 
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काबुल एयरपोर्ट के बाहर आत्‍मघाती बम धमका में 13 लोगों की मौत

काबुल:-  तालिबानियों के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर गुरुवार को एक संदिग्‍ध आत्‍मघाती बम धमाका हुआ है। बताया जा रहा है कि इस धमाके में महिला और बच्चों सहित 13 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, कई लोग इस हमले में गभीर रूप से घायल हो गए हैं। 



बता दें कि आस्‍ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई अन्य सहयोगी देशों की ओर से इस बारे में अलर्ट जारी किया गया था। लोगों से गुजारिश की गई थी कि वे काबुल एयरपोर्ट से दूर ही रहें। ब्रिटिश सरकार की ओर से कहा गया था कि इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की ओर से काबुल हवाई अड्डे पर मौजूद लोगों को निशाना बनाकर हमले किए जा सकते हैं। यही नहीं अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की ओर से भी लोगों को सतर्क किया गया था।
 

 

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केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बयान पर, शिवसेना कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा

 मुंबई। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ केंद्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा 'कान के नीचे रख देने की' की टिप्पणी पर शिवसेना के कार्यकर्ताओं का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा हैं. सूत्रों के हवाले से बता दें कि महाराष्ट्र में कई स्थानों पर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया हैं. इस दौरान शिवसेना कार्यकर्ताओं, भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई।

 वही समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, युवा सेना की शिकायत के बाद मंगलवार को पुणे शहर के चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, इस FIR के बारे में  केंद्रीय मंत्री राणे को कोई जानकारी नहीं है। इस बात का दावा उन्होंने खुद किया है।


मामले दर्ज होने की बात पर उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मैं कोई आम आदमी नहीं हूं। मैंने कोई अपराध नहीं किया है। 15 अगस्त के बारे में कोई नहीं जानता तो क्या यह अपराध नहीं है? मैंने कहा था कि मैं थप्पड़ मार दूंगा - ये शब्द थे और यह कोई अपराध नहीं है।'

 
साभार - ANI  न्यूज़ 

 

 

 

 

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अब बुर्के में सिमट गई बेफिक्र अफगानी महिलाओं की जिंदगी

अफ़ग़निस्तान:-  तालिबानी कब्जे के बाद महिलाओं की जिंदगी अब बुर्के के भीतर सिमट कर रह गई हैं. जो महिलाये पहले बेफिक्री से घुमा करती थी अब उन्हें तालिबानी शरिया के मुताबिक रहना पड़ रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान के काबुल शहर पर तालिबान ने जैसे ही क़ब्ज़ा किया, सोशल मीडिया में वहां की अराजक स्थिति से जुड़ी तस्वीरें वायरल होने लगीं हैं। 


इस दौरान कुछ पुरानी तस्वीरें भी सामने आईं. जिसमे उस दौर की तस्वीरें भी हैं जब काबुल की सड़कों पर महिलाये बेफ़िक्री से घुमा करती थी.इस मुल्क में ज़्यादातर लोग मुस्लिम परंपराओं और रूढ़ियों से घिरे हुए थे,फिर भी एक ज़माने में यहां की महिलाओं को अपनी मर्ज़ी से ज़िंदगी जीने का हक़ था.

कई लोगों के ज़हन में 1996 से 2001 तक तालिबान शासन के उस दौर की याद भी ताज़ा हैं जब पुरुषों के लिए दाढ़ी बढ़ाना और महिलाओं के लिए बुर्क़ा पहनना अनिवार्य कर दिया गया था |
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31 अगस्त की तारीख अमेरिका के गले की फांस बनी

अफगानिस्तान से पूरी तरह निकलने के लिए तय की गई 31 अगस्त की तारीख अमेरिका के गले की फांस बन गई है. जो बाइडेन पर तारीख बढ़ाने का दबाव है लेकिन तालिबान ने कह दिया है कि कोई बदलाव बर्दाश्त नहीं होगा.पश्चिम देश अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए अभी भी संघर्ष कर रहे हैं. काबुल एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ रही है और सुविधाएं इतनी बड़ी संख्या में लोगों को संभालने के लिए उपयुक्त नहीं हैं. एयरपोर्ट फिलहाल पश्चिमी सेनाओं के नियंत्रण में है लेकिन देश छोड़ने को उत्सुक लोगों के बीच अफरा-तफरी बढ़कर कई बार भगदड़ में बदल चुकी है और गोलीबारी भी हो चुकी है. इस कारण करीब 20 लोगों की जान जा चुकी है. 31 अगस्त की तारीख अमेरिका ने ऐलान किया था कि उसका 20 साल लंबा अभियान 31 अगस्त को खत्म हो जाएगा और उसके सभी सैनिक अफगानिस्तान छोड़ देंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह तारीख अप्रैल में घोषित की थी.


लेकिन सभी लोगों को निकालने का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है इस कारण बहुत से देश चाहते हैं कि अमेरिका अपनी समयसीमा को 31 अगस्त से बढ़ा दे. जो बाइडेन ने पिछले हफ्ते कहा भी था कि जरूरत पड़ने पर अमेरिकी सैनिक ज्यादा समय तक रुक सकते हैं. लेकिन तालिबान ने स्पष्ट कर दिया है कि तारीख में किसी तरह का बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसा होता है तो अमेरिका को नतीजे भुगतने होंगे. तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने अमेरिकी समाचार चैनल स्काई न्यूज को बताया, "अगर अमेरिका और ब्रिटेन लोगों को निकालने के लिए अतिरिक्त समय चाहते हैं तो जवाब है, नहीं. ऐसा नहीं हुआ तो नतीजे भुगतने होंगे.” तस्वीरों मेंः आतंक से निजात बाद में बीबीसी से बातचीत में शाहीन ने कहा कि उचित दस्तावेजों के साथ कोई भी अफगान व्यवसायिक उड़ानों से देश से जा सकता है. शाहीन ने कहा, "यह वजह कोई बहुत वजनदार नहीं है कि बहुत सारे अफगान हैं जो विदेश सेनाओं के साथ काम करते थे और उन्हें निकाला नहीं जा सका है. 31 अगस्त के बाद यहां रुकना दोहा समझौते का उल्लंघन होगा.

” अमेरिका का रुख अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उम्मीद जताई है कि तारीख बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. रविवार को उन्होंने कहा कि इस बारे में बातचीत की जा रही है. अमेरिका ने तालिबान के काबुल पर नियंत्रण करने के बाद 37 हजार लोगों को वहां से निकाला है. अमेरिकी रक्षा मंत्री जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका इस महीने के आखिर तक लोगों को निकालने का काम पूरा करने पर ध्यान दे रहा है. उन्होंने कहा, "हमारा पूरा ध्यान इस महीने के आखिर तक ज्यादा से ज्यादा लोगों को निकाल लेने पर है. और अगर समयसीमा बढ़ाने पर बातचीत की जरूरत पड़ती है तो हम सही समय पर यह बातचीत करेंगे.” बाइडेन के सुरक्षा सलाहकार जेक सलीवन ने कहा है कि अमेरिका पहले से ही तालिबान से इस बारे में बातचीत कर रहा है. उन्होंने कहा, "हमारी राजनीतिक और रक्षा अधिकारियों के जरिए तालिबान से रोजाना बात हो रही है.
 
लेकिन आखिर में समयसीमा बढ़ाने का फैसला राष्ट्रपति बाइडेन का होगा.” क्या चाहता है यूरोप? ब्रिटेन का मानना है कि समयसीमा बढ़ाई जानी चाहिए. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन मंगलवार को जी-7 की बैठक में अमेरिका से समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध करना चाहते हैं. लेकिन ब्रिटेन के सेना मंत्री जेम्स हीपी ने स्काई न्यूज से कहा कि इस बारे में बातचीत जी-7 के नेताओं के बीच नहीं बल्कि तालिबान के साथ होनी है. फ्रांस ने भी नजदीक आती समयसीमा को लेकर चिंता जताई है और लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए ज्यादा समय की जरूरत बताई है. जर्मनी के विदेश मंत्री हाईको मास ने कहा है कि वह नाटो और तालिबान दोनों के साथ बातचीत कर रहे हैं कि काबुल एयरपोर्ट को समयसीमा के बाद भी काम करते रहने दिया जाए. शनिवार को यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख योसेप बोरेल ने कहा था कि दसियों हजार अफगान कर्मचारियों और उनके परिजनों को 31 अगस्त की समयसीमा से पहले निकालना गणीतीय आधार पर असंभव है. वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी) औरतों के लिए क्या बदला |
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बांग्लादेश के दीनाजपुर में बिजली गिरने से सात की मौत, तीन घायल

बंग्लादेश :- उत्तरी जिला दिनाजपुर में अलग-अलग जगहों पर बिजली गिरने से सोमवार को अपराह्न में सात लोगों की मौत हो गयी तथा तीन लोग जख्मी हो गए।   पुलिस तथा स्थानीय लोगों ने बताया कि दिनाजपुर सदर उपजिला के उपनगर नंबर-8 में बिजली गिरने से चार नाबालिगों की मौत हो गयी। वहीं चिरीरबंदर उपजिला में अपराह्न तीन बजे बिजली गिरने से तीन युवकों की मृत्यु हो गयी।  

पुलिस के जानकारी  मुताबिक मृतकों की पहचान सज्जाद हुसैन (13), अपान (14), हसन अली (12),  मीम मंडल (13), मकशेद अली 24), सामू मोहम्मद (23) तथा अल्ताफ हुसैन (23) के तौर पर हुयी है। इसके अलावा दिनाजपुर सदर उपजिला के निश्चिंतपुर गांव निवासी मोमिनुल इस्लाम (13), अतीक (15) और एक अन्य अज्ञात किशोर घायल हो गए। 
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