धर्म समाज

स्कंद षष्ठी व्रत आज, जानिए...कार्तिकेय की पूजा का शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन स्कंद षष्ठी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाई जाती है इस दिन भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की पूजा आराधना का विधान होता है
वैशाख माह की स्कंद षष्ठी आज यानी 13 मई दिन सोमवार को मनाई जा रही है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी माना जाता है मान्यता है कि स्कंद षष्ठी के दिन अगर विधि विधान से भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाए तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और दुख दूर हो जाते हैं।
ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भगवान कार्तिकेय की पूजा का शुभ समय बता रहे हैं माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में पूजा पाठ और व्रत करने से पूर्ण फलों की प्राप्ति होती है और देवता शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजन का शुभ समय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
स्कंद षष्ठी पूजा का शुभ मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का आरंभ 13 मई दिन सोमवार यानी आज सुबह 2 बजकर 3 मिनट पर हो चुका है और इसका समापन अगले दिन ​14 मई ​यानी कल सुबह 2 बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में स्कंद षष्ठी का व्रत 13 मई दिन सोमवार को ही मनाया जाएगा। इस दिन भगवान कार्तिकेय की विधि विधान से पूजा करने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है और सारे दुख दूर हो जाते हैं।
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वैशाख पूर्णिमा पर करें इन चीजों का दान, मां लक्ष्मी होगी प्रसन्न

हर माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है। इस बार वैशाख माह में पूर्णिमा 23 मई को है। धार्मिक मत है कि इस दिन गंगा स्नान, पूजा और जप-तप करने से जीवन की सभी समस्या दूर होती है और घर में सुख- समृद्धि का आगमन होता है। इसके अलावा वैशाख पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। वैशाख पूर्णिमा पर विशेष चीजों का दान करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन कुछ चीजों का दान करने से जातक को कार्यक्षेत्र में सफलता हासिल होती है और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।
वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें और श्रद्धा अनुसार गरीबों को कपड़े, भोजन और दक्षिणा का दान करें। मान्यता है कि ये सभी चीजों का दान करने से जातक को धन की प्राप्ति होगी और धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होंगी।
इसके अलावा वैशाख पूर्णिमा पर गर्मी का प्रभाव अधिक होता है। ऐसे में सत्तू, जल आदि चीजों का दान करें। मान्यता है कि इस माह में जल की सेवा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर गौ दान करना अधिक फलदायी होता है।
पशु-पक्षियों के लिए भोजन और जल की विशेष व्यवस्था करें। इससे घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
वैशाख पूर्णिमा के दिन पूजा-अर्चना करने के बाद कन्याओं को खीर खिलाएं।
वैशाख पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त-
पंचांग के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत 22 मई को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 23 मई को 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में वैशाख पूर्णिमा का पर्व 23 मई को मनाया जाएगा।
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मोहिनी एकादशी पर ऐसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न, होगा कल्याण

हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत पड़ते हैं लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार आता है। एकादशी की तिथि भगवान विष्णु की प्रिय तिथियों में शामिल है इस दिन विष्णु पूजा का विधान होता है भक्त एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जा रहा है जो कि इस बार 19 मई को मनाई जाएगी। इस दिन भक्त पूजा पाठ और व्रत करते हैं लेकिन इसी के साथ ही अगर एकादशी के दिन श्री हरि स्तोत्र का पाठ श्रद्धा के साथ किया जाए तो भगवान शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों के सारे दुख क्लेश दूर कर देते हैं।
।।श्री हरि स्तोत्र।।
जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं
शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं
नभोनीलकायं दुरावारमायं
सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ॥
सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं
जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं
हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ॥
रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं
जलान्तर्विहारं धराभारहारं
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं
ध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ॥
जराजन्महीनं परानन्दपीनं
समाधानलीनं सदैवानवीनं
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं
त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं ॥
कृताम्नायगानं खगाधीशयानं
विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानं
स्वभक्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलं
निरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहं ॥
समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशं
जगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहं
सुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं ॥
सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं
गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठं
सदा युद्धधीरं महावीरवीरं
महाम्भोधितीरं भजेऽहं भजेऽहं ॥
रमावामभागं तलानग्रनागं
कृताधीनयागं गतारागरागं
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतं
गुणौधैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं ॥
फलश्रुति
इदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं
पठेदष्टकं कण्ठहारम् मुरारे:
स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकं
जराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो ॥
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गुरु, बुध, सूर्य, शुक्र की चाल से किन राशियों की सोने की तरह चमकेगी किस्मत, जानिए...

मई का महीना खत्म होने से पहले ही बुध गोचर कर गुरु, सूर्य और शुक्र के साथ युति करेंगे। वृषभ राशि में चतुर्ग्रही योग बनने से कुछ राशियों को अचानक धन-लाभ हो सकता है। कुछ ही दिनों में 4 बड़े ग्रह शुक्र की राशि में अपने पैर जमाने वाले हैं। बुध के गोचर करते ही वृषभ राशि में चतुर्ग्रही योग का निर्माण होगा। वर्तमान में वृषभ राशि में गुरु विराजमान हैं, जहां पहला गोचर सूर्य, दूसरा शुक्र और तीसरा बुध का होने जा रहा है। मई खत्म होने से पहले ही बुध गोचर कर गुरु, सूर्य और शुक्र के साथ युति करेंगे। ऐसे में वृषभ राशि में मौजूद ये 4 बड़े ग्रह कुछ राशियों की किस्मत पलट सकते हैं। आइए जानते हैं गुरु, बुध, सूर्य, शुक्र की चाल से किन राशियों की सोने की तरह चमकेगी किस्मत-
कर्क राशि-
कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य, बुध, शुक्र और गुरु की युति लाभदायक साबित हो सकती है। जो लोग नौकरी की तलाश में हैं, उनका सपना पूरा होने की संभावना है। फाइनेंशियली स्ट्रांग रहने के लिए आपको इन्वेस्टमेंट के साथ सेविंग्स पर भी ध्यान देना चाहिए। हेल्दी डाइट लेकर और हाइड्रेटेड रहकर स्वास्थ्य को दुरुस्त रख सकते हैं।
वृषभ राशि-
बुध, गुरु, शुक्र और सूर्य की चाल वृषभ राशि वालों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। करियर में आपको अपने बॉस का भरपूर साथ मिलेगा और कई नए टास्क भी मिलेंगे। इंकम और अपने फाइनेंस को बढ़ाने के लिए आपको कई अच्छे मौके मिल सकते हैं लेकिन यह आप पर है कि आप कौन सा डिसीजन कब लेते हैं। रिसर्च करके फाइनेंशियली लिए गए डिसीजन लाभकारी साबित होंगे। ग्लोइंग और हेल्दी बने रहने के लिए जंक फूड से दूर रहें।
मकर राशि-
गुरु, बुध, सूर्य, शुक्र की चाल से मकर राशि वालों को फायदा होगा। व्यापार में कई नए अवसर आपके दरवाजे पर दस्तक दे सकते हैं। आर्थिक स्थिति जहां मजबूत रहेगी वहीं, थोड़े बहुत उतार-चढ़ाव भी देखने को मिलेंगे। सोच समझकर ही इन्वेस्टमेंट करना आपके लिए लाभकारी रहेगा। अपनी सेहत पर ध्यान देना न भूलें।
 
डिस्क्लेमर
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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विनायक चतुर्थी व्रत आज, नोट करें पूजन का शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन विनायक चतुर्थी को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार आती है पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी तो वही शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है यह तिथि भगवान श्री गणेश की साधना आराधना को समर्पित होती है
इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा का विधान होता है मान्यता है कि चतुर्थी के दिन गणपति की आराधना करने से भगवान की अपार कृपा बरसती है और दुख परेशानियां दूर हो जाती है। अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह की विनायक चतुर्थी 11 मई दिन शनिवार यानी की आज की जा रही है तो आज हम आपको विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
विनायक चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 11 मई की दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर हो रहा है वही चतुर्थी तिथि का समापन अगले दिन यानी की 12 मई को दोपहर 2 बजकर 3 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार विनायक चतुर्थी का व्रत 11 मई को रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त 10 बजकर 57 मिनट से लेकर 1 बजकर 39 मिनट तक है।
इस दिन भक्त सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद शिव पुत्र गणेश की विधिवत पूजा करें और दिनभर का उपवास रखें माना जाता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
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सूर्य का वृषभ राशि में गोचर 14 मई को

  • कुंभ और मीन राशि वालों को रहना होगा अलर्ट
इंदौर। हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य का वृषभ राशि में गोचर 14 मई, 2024 को होने वाला है। ऐसे में कुछ राशि के जातकों पर इसका मिलाजुला असर हो सकता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव का सभी ग्रहों का स्वामी माना जाता है और सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इसका प्रभाव सभी राशियों पर होता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, सूर्यदेव अधिकार और शासन का प्रतिनिधित्व करते हैं। किसी जातक की कुंडली में यदि सूर्य देव मजबूत स्थिति में होते हैं तो जातकों के रिश्ते मजबूत होते हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है। सूर्य देव के राशि परिवर्तन के बाद इन राशि वालों को अलर्ट रहना होगा।
कुंभ राशि वालों के परिवार में विवाद-
सूर्यदेव के वृषभ राशि में प्रवेश के बाद कुंभ राशि पर इसका मिलाजुला प्रभाव हो सकता है। धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। परिवार में किसी कारण से विवाद भी हो सकता है। जीवनसाथी की तलाश पूरी हो सकती है। जीवनसाथी आप पर हावी हो सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज परेशान हो सकते हैं। सेहत के प्रति सावधानी बरतें। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कुंभ राशि वालों को रविवार के दिन मंदिर में गुड़ दान करना चाहिए और सूर्योदय के समय उठकर प्राणायाम करना चाहिए।
मीन राशि वाले गुस्सा करने से बचें-
मीन राशि के जातकों को कुछ मामलों में सफलता दिला सकते हैं। रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं। इस अवधि में आप कोई नई चीज सीख सकते हैं। अचानक यात्रा के योग बन सकते हैं। भाई बहनों के साथ प्रेम बढ़ सकता है। कानूनी मामलों में निराशा हाथ लग सकती है। लेखन कार्य में समय व्यतीत कर सकते हैं। मीन राशि वालों को सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य भगवान की पूजा करें और रोज सूर्य सिद्धांत का पाठ करें।

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शनिवार को करें शनि देव का पूजन

  • जानिए...क्या करना चाहिए और क्या नहीं
शनिवार को क्या करें और क्या न करें, यह एक महत्वपूर्ण सवाल है जिसका उत्तर हर किसी के लिए अलग हो सकता है।
शनिवार को क्या करें-
शनि देव का पूजन- शनिवार को शनि देव की पूजा करना लाभदायक होता है। शनि देव को तेल और उड़द की दाल का भोग अर्पित किया जा सकता है।
कर्म करें- शनिवार को काम करना और अपने कर्तव्यों को निर्वाह करना शुभ होता है। अच्छे कार्यों की शुरुआत करें।
ध्यान दें- शनिवार को ध्यान और ध्यानयोग का अध्ययन करना लाभदायक होता है। इससे मन शांत और स्थिर रहता है।
शनिवार क्या न करें-
शनि देव को अपहृत करना- शनिवार को शनि देव की प्रतिष्ठा को अपहृत करना अशुभ माना जाता है। इसलिए, उनकी आराधना को उपेक्षा न करें।
शनि की श्राप से बचें- शनिवार को चोरी, झूठ या अनैतिक गतिविधियों से बचें। यह शनि की क्रोध और श्राप से बचने में मदद करेगा।
उदासीनता में न रहें- शनिवार को उदासीनता में न रहें और निराश न हों। इसे खुशी और सकारात्मकता के साथ बिताएं।
शनिवार को कर्मों का दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और सफलता की ओर अग्रसर होने के लिए उपयोग करें। ध्यान रहे कि हर व्यक्ति का निर्णय और अनुसरण अलग हो सकता है, इसलिए सभी को अपने आदर्शों और धार्मिक आदतों के अनुसार चलने का सुझाव दिया जाता है।
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अमलेश्वर में पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा 27 मई से 2 जून तक

रायपुर। अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक सीहोर वाले पं. प्रदीप मिश्रा 27 मई से 2 जून तक अमलेश्वर (दुर्ग) में शिव महापुराण की कथा वाचन करने जा रहे हैं। इसकी सभी तैयारियां जोरशोर से की जा रही है।
शिव महापुराण कथा का आयोजन मोनू साहू सभापति जिला पंचायत दुर्ग, पवन खंडेलवाल, विशाल खंडेलवाल द्वारा किया जा रहा है। इस संदर्भ में आज राजधानी रायपुर के मोतीबाग स्थित प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
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अक्षय तृतीया पर गजकेसरी राजयोग का संयोग

हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है लेकिन अक्षय तृतीया को बेहद ही खास माना गया है जो कि वैशाख माह में पड़ती है। पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया का पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है इस बार यह तिथि आज 10 मई शुक्रवार को मनाई जा रही है इस दिन माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा की जाती है और सोने की खरीदारी भी होती है अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने से धन में वृद्धि होती है। इस दिन स्नान दान का भी विधान होता है, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि अक्षय तृतीया पर क्या करें क्या ना करें तो आइए जानते हैं।
अक्षय तृतीया पर क्या करें क्या ना करें-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की परंपरा है इस दिन सोने की खरीदारी करने से बरकत आती है अक्षय तृतीया के दिन नया कारोबार या फिर कार्य का आरंभ भी आप कर सकते हैं इसे शुभ माना जाता है मान्यता है कि इस दिन से नए कारोबार की शुरुआत करने से बरकत मिलती है।
आज के दिन आप नए वाहन की खरीदारी भी कर सकते हैं इसे शुभ माना गया है इसके अलावा नया घर या प्रॉपर्टी खरीदने का अगर विचार बना रहे हैं तो उसके लिए भी आज का दिन शुभ है। इस दिन नए घर में प्रवेश करना भी अच्छा माना जाता है ऐसा करने से सकारात्मकता बनी रहती है।
अक्षय तृतीया पर भूलकर भी जनेउ संस्कार नहीं करना चाहिए। अक्षय तृतीया के दिन किसी भी व्रत का पारण ना करें ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है इस दिन घर आए गरीब व्यक्ति को खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए। इसके अलावा आज के दिन किसी का अपमान न करें ना ही जीव जन्तु व पुशओं को हानि पहुंचाएं। ऐसा करने से देवी देवता नाराज़ हो जाते हैं इस दिन दान करने से माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
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मोहिनी एकादशी पर करें ये उपाय, होगी धन में वृद्धि

एकादशी तिथि सबसे शुभ दिनों में से एक है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है, जो इस साल 19 मई, 2024 को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन का उपवास रखते हैं उन्हें सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में बरकत बनी रहती है, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं-
मोहिनी एकादशी पर करें ये उपाय-
मोहिनी एकादशी पर तुलसी के सामने शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं। इसके बाद 'ॐ श्री तुलस्यै विद्महे। विष्णु प्रियायै धीमहि। तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्।' मंत्र का जाप भाव के साथ करें। फिर तुलसी के वृक्ष की 11 बार परिक्रमा करें। इस उपाय को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। साथ ही जीवन का हर कष्ट समाप्त होता है।
जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है उन लोगों को मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले फूल चढ़ाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से शादी में आ रही सभी अड़चने दूर होती हैं। साथ ही जीवन में खुशियां आती हैं। हालांकि इस उपाय को करते समय इस बात का ध्यान दें कि राहुकाल का समय न चल रहा हो।
मोहिनी एकादशी के शुभ अवसर पर यदि आपके द्वार पर गाय या कोई भी पशु-पक्षी आते हैं, तो उन्हें कुछ न कुछ जरूर खिलाएं। ऐसा करने से माता लक्ष्मी खुश होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि मोहिनी एकादशी पर किसी की भी मदद करने से जीवन में शुभता आती है। इसलिए कोशिश करें घर आए जीव-जन्तुओं को भूलकर भी न भगाएं।
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अक्षय तृतीया पर करें ये पाठ, आर्थिक स्थिति में होगा सुधार

हिंदू धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन अक्षय तृतीया को बेहद ही खास माना गया है। पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया का पावन पर्व हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है इसे महापर्व माना गया है इस साल यह पर्व 10 मई दिन शुक्रवार यानी की आज देशभर में मनाया जा रहा है।
इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विधान होता है माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन अगर उनकी विधिवत पूजा की जाए तो जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है इसके अलावा अगर आज अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की पूजा के समय श्री नारायणी स्तुति का पाठ भक्ति भाव से किया जाए तो व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलता है और जीवन में खुशहाली आती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ये चमत्कारी पाठ।
श्री नारायणी स्तुति-
सर्वस्य बुद्धिरूपेण जनस्य हृदि संस्थिते ।
स्वर्गापवर्गदे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १ ॥
कलाकाष्ठादिरूपेण परिणामप्रदायिनि ।
विश्वस्योपरतौ शक्ते नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ २ ॥
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ३ ॥
सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि ।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ४ ॥
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ५ ॥
हंसयुक्तविमानस्थे ब्रह्माणीरूपधारिणि ।
कौशाम्भःक्षरिके देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ६ ॥
त्रिशूलचन्द्राहिधरे महावृषभवाहिनि ।
माहेश्वरीस्वरूपेण नारायणि नमोऽस्तुते ॥ ७ ॥
मयूरकुक्कुटवृते महाशक्तिधरेऽनघे ।
कौमारीरूपसंस्थाने नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥
शङ्खचक्रगदाशार्ङ्गगृहीतपरमायुधे ।
प्रसीद वैष्णवीरूपे नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ९ ॥
गृहीतोग्रमहाचक्रे दम्ष्ट्रोद्धृतवसुन्धरे ।
वराहरूपिणि शिवे नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १० ॥
नृसिंहरूपेणोग्रेण हन्तुं दैत्यान् कृतोद्यमे ।
त्रैलोक्यत्राणसहिते नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ ११ ॥
किरीटिनि महावज्रे सहस्रनयनोज्ज्वले ।
वृत्रप्राणहरे चैन्द्रि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १२ ॥
शिवदूतीस्वरूपेण हतदैत्यमहाबले ।
घोररूपे महारावे नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १३ ॥
दम्ष्ट्राकरालवदने शिरोमालाविभूषणे ।
चामुण्डे मुण्डमथने नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १४ ॥
लक्ष्मि लज्जे महाविद्ये श्रद्धे पुष्टि स्वधे ध्रुवे ।
महारात्रि महामाये नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ १५ ॥
मेधे सरस्वति वरे भूति बाभ्रवि तामसि ।
नियते त्वं प्रसीदेशे नारायणि नमोऽस्तुते ॥ १६ ॥
इति श्री नारायणी स्तुति पूर्ण ||
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अक्षय तृतीया आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

हिंदू धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन अक्षय तृतीया को बेहद ही खास माना गया है। पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया का पावन पर्व हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है इसे महापर्व माना गया है इस साल यह पर्व 10 मई दिन शुक्रवार यानी की आज देशभर में मनाया जा रहा है। इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विधान होता है
माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन अगर उनकी विधिवत पूजा की जाए तो जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी करना भी शुभ माना जाता है मान्यता है कि इस दिन अगर सोना खरीदकर घर लाया जाए तो धन में वृद्धि होती है लेकिन इसी के साथ ही अक्षय तृतीया पर अगर शुभ मुहूर्त में कुछ कार्यों को किया जाए तो व्यक्ति की किस्मत पलट जाती है और उसके अच्छे दिन शुरु हो जाते हैं तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 10 मई को प्रात: काल 4 बजकर 17 मिनट पर हो चुका है और इसका समापन अगले दिन यानी 11 मई को सुबह 2 बजकर 50 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अक्षय तृतीया का पावन पर्व 10 मई दिन शुक्रवार यानी की आज मनाया जा रहा है। अक्षय तृतीया पर शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 33 मिनट से आरंभ हो चुका है जिसका समापन दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर हो जाएगा।
अक्षय तृतीया के दिन दक्षिणावर्ती शंख को घर लाने से लाभ मिलता है इसे माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष रखकर विधिवत पूजा करें इसके बाद इसे तिजोरी में रख दें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से धन वृद्धि होती है इसके अलावा कुबेर यंत्र की आज के दिन विधिवत पूजा करें साथ ही इसे धन रखने वाली जगह पर रख दें। माना जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती है।
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ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट खुले

  • हेलीकॉप्‍टर से हुई पुष्‍पवर्षा, उत्तराखंड के सीएम रहे मौजूद
रुद्रप्रयाग। विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम के कपाट जय बाबा केदारनाथ के उदघोष और सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच इस यात्रा वर्ष 10 मई (शुक्रवार) को ठीक 7 बजे विधि-विधान से खुल गए हैं। इस मौके पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के गवाह बने।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के अवसर पर मौजूद रहे। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी और देश‌ एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। सीएम ने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनाएगी। प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों की सभी सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान सात हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने। मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया था। कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर आसमान से हैलीकाप्टर से पुष्‍पवर्षा की गई।
मुख्य सेवक भंडारा कार्यक्रम समिति ने श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह भंडारे भी आयोजित किए गए। केदारनाथ में मौसम भी साफ है। कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत गुरुवार शाम को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंची थी।
शुक्रवार तड़के चार बजे से मंदिर परिसर और दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। इसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, रावल भीमाशंकर लिंग, मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह पुजारी, धर्माचार्य वेदपाठी तथा केदार सभा के पदाधिकारी तथा जिलाधिकारी डा. सौरभ गहरवार प्रशासन के अधिकारी पूरब द्वार से मंदिर पहुंच गए।
उसके पश्चात रावल धर्माचार्य तथा पुजारी गणों ने द्वार पूजा शुरू की। ठीक सुबह सात बजे बजे केदारनाथ धाम के कपट खोल दिये गये। कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किये।
कपाट खुलने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बीते यात्राकाल में रिकॉर्ड तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंचे। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी।
कार्यक्रम के अनुसार 6 मई को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ की पूजा हुई थी। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूति 9 मई को ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंची थी। 10 मई को ठीक प्रात:7 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिये गए।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया गया कि शनिवार (11 मई) को केदारनाथ धाम में श्री भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुलने के साथ केदारनाथ मंदिर में आरतियां एवं संध्याकालीन आरतियां शुरू हो जाएंगी।
आज कपाट खुलने के समय हक-हकूकधारी सहित केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग, संस्कृति एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष मधु भटृट, मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, वीरेंद्र असवाल, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माचार्य औकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्व मोहन जमलोकी स्वयंवर सेमवाल, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, कुलदीप, देवानंद गैरोला आदि मौजूद रहे।
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वास्तु के अनुसार घर के अंदर नहीं लगाने चाहिए ये पौधे

इन दिनों देशभर में इंडोर प्लाटिंग का काफी ज्यादा क्रेज है. कुछ लोग अपने घर को सजाने के लिए पौधे लगाते हैं तो कुछ वास्तु को ध्यान में रखते हुए घर में पौधे लगाना पसंद करते हैं. घर आंगन में पौधे लगाने से हरियाली बनी रहती है और सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) का संचार होता है. पर क्या आप जानते हैं कि कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं जो घर में तरक्की को रोकने का कारण बन जाते हैं. कई बार देखा गया है कि इंडोर प्लांट (Indoor Plants) की प्लाटिंग करने वाले लोग कोई भी पौधा लगा देते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे उन पौधों के बारे में जिन्हें वास्तु (Vastu) के अनुसार नहीं लगाने की सलाह दी जाती है.
कांटेदार पौधे
घर में पौधों से हरियाली आती है और नेगेटिविटी कम होती है, लेकिन घर में कभी भी कांटेदार प्लांट्स ना लगाएं. घर में कांटेदार पौधे लगाना अशुभ माना गया है.
बोनसाई पौधे
बोनसाई पौधे लगाने का भी तेजी से चलन बढ़ रहा है. पर शायद आप नहीं जानते कि बोनसाई पौधे घर में प्रगति को रोकने का काम करते हैं.
मेहंदी और इमली का पेड़
वैसे तो मेहंदी किसी भी अच्छे काम में बहुत ही शुभ मानी जाती है, लेकिन मेहंदी के पौधे को घर के अंदर नहीं लगाने की सलाह दी जाती है.
सूखा हुआ पौधा
घर में अंदर कोई भी पौधा अगर सूख गया हो तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए. घर में सूखे पौधे रखना शुभ नहीं माना जाता.
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प्रदोष व्रत रविवार 5 मई को, जानिए...शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन शिव साधना को समर्पित प्रदोष व्रत बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में पड़ता है इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु का आशीर्वाद मिलता है पंचांग के अनुसार अभी वैशाख का महीना चल रहा है और इस माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाएगा। जो कि 5 मई दिन रविवार को पड़ रहा है रविवार के दिन प्रदोष पड़ने के कारण ही इसे ​रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से आरोग्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ ही आय, आयु और सौभाग्य में वृद्धि होती है। प्रदोष व्रत पर भगवान शिव के साथ माता पार्वती की विधिवत पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन में भी मधुरता आती है जानिए प्रदोष व्रत पूजा का मुहूर्त।
रवि प्रदोष पूजा मुहूर्त-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत पर शिव साधना प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है, प्रदोष काल सूर्यास्त के 1 घंटे से पहले और एक घंटे बाद तक का समय होता है माना जाता है कि इस मुहूर्त में अगर प्रदोष व्रत के दिन शिव पार्वती की विधिवत पूजा की जाएं तो जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती है और सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है इस शुभ दिन पर भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा की भी करते हैं और भक्ति में लीन रहते हैं।
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वरुथिनी एकादशी पर करें तुलसी के ये उपाय, दूर होगी आर्थिक तंगी

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। वैशाख मास में पड़ने वाली एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है, जो भक्त इस कठिन व्रत का पालन करते हैं उन्हें सुख-शांति का वरदान मिलता है। इसके अलावा देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
इस साल यह एकादशी 4 मई, 2024 दिन शनिवार को मनाई जाएगी। वहीं, अगर इस शुभ तिथि पर तुलसी के कुछ उपाय कर लिए जाए, तो बहुत सारे कष्टों से छुटकारा मिलता है।
एकादशी तिथि पर तुलसी से करें यह काम-
एकादशी के दिन अगर आप भगवान विष्णु की पूजा कर रहे हैं, तो उनकी पूजा और भोग में तुलसी दल का उपयोग जरूर करें। कहा जाता है कि इससे श्री हरि उस भोग को तुरंत स्वीकार करते हैं। साथ ही जीवन की सभी मुश्किलों से छुटकारा मिलता है। हालांकि इस दिन तुलसी पत्र नहीं तोड़ना चाहिए, इसलिए एक दिन पहले तुलसी पत्र तोड़कर रख लें।
एकादशी पर करें मां तुलसी की पूजा-
वरुथिनी एकादशी पर प्रात: उठकर स्नान करें और पवित्र वस्त्र धारण करें। इसके बाद तुलसी पर जल चढ़ाएं। उसके समक्ष घी का दीया जलाएं। फिर फूल, मिठाई और फल आदि चीजें अर्पित करें। देवी के वैदिक मंत्रों का जाप करें। अंत में भाव के साथ आरती करें। इस उपाय को करने घर की आर्थिक तंगी दूर होती है।
एकादशी के दिन घर में करें तुलसी जल का छिड़काव-
वरुथिनी एकादशी पर गंगाजल में तुलसी दल डाल लें। इसके बाद उसे भगवान विष्णु को अर्पित कर दें। फिर उस जल को पूरे घर पर छिड़कें। इस उपाय को करने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा रोग-दोष से मुक्ति मिलती है।
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शिव पर चढ़े जल से करें ये उपाय, सुख-समृद्धि का होगा आगमन

नई दिल्ली। शिव पुराण में बताया गया है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। बहुत से लोगों को संदेह होता है कि शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल का क्या किया जाए। आइये जानते हैं शिव पुराण इस विषय पर क्या कहता है।
शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल चरणामृत माना जाता है। ऐसे में आप इस जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। इसके अलावा शिव पुराण के 22 अध्यायों के 18 श्लोकों में यह वर्णित है कि शिवलिंग का जल पीने से व्यक्ति कई प्रकार के रोगों से मुक्त हो जाता है।
यह काम करो-
शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल को कभी भी फेंकना नहीं चाहिए। यह जल अत्यंत पवित्र माना जाता है। -शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद सबसे पहले अपनी उंगलियों से जल को सोख लें, फिर इसे आंखों पर लगाएं और फिर गर्दन और माथे पर लगाएं। माना जाता है कि इस तरह से व्यक्ति कई तरह के ग्रह दोषों को दूर कर सकता है।
इसे ध्यान में रखो-
याद रखें कि आपको हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग का जल पीते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जल किसी के पैर पर न गिरे। साथ ही इस पानी को पीते समय आपको शिवलिंग को भी नहीं छूना चाहिए। अन्यथा, आपको सभी लाभ नहीं मिलेंगे.
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बनारस में काल भैरव के किए दर्शन

वाराणसी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव के दर्शन किए और पीएम मोदी की जीत का आशीर्वाद मांगा। बुधवार को पीएम मोदी के चुनाव कार्यालय उद्घाटन के लिए अमित शाह काशी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया था। एयरपोर्ट निकलने से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के दर्शन किए। शाह तकरीबन दो मिनट तक मंदिर में रहे और फिर बाहर निकले।
इस दौरान जय श्रीराम, मोदी-योगी जिंदाबाद, अमित शाह जिंदाबाद के नारे भी लगे। बाहर निकलने पर केंद्रीय मंत्री ने हाथ उठाकर स्थानीय लोगों का अभिवादन किया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का काशी विश्वनाथ धाम जाने का कार्यक्रम तय था, लेकिन अंतिम समय में रद्द कर दिया गया। बताया जा रहा है कि उनकी कोई जनसभा थी, इस कारण उन्होंने अपना दर्शन कार्यक्रम रद्द कर दिया।
इसके पहले अमित शाह ने गुरुवार सुबह ताज होटल में काशी के कुछ प्रबुद्धजनों से मुलाकात की, चुनाव में बड़ी जीत सुनिश्चित करने के लिए सुझाव मांगे, काशी के विकास कार्यों पर उनकी राय जानी। समीक्षा के दौरान उन्होंने चुनाव में कोई कमी न रह जाए इसके संदेश भी दिया।
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