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बीसीआई 19वीं क्वालीफाइंग परीक्षा का शेड्यूल जारी

हॉल के अंदर ले जा सकते हैं ये चीजें
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 19वीं योग्यता परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दिया है। पेपर नई दिल्ली में होंगे। खबर में बताया गया है कि किस दिन कौन सा पेपर होगा। विदेशी विश्वविद्यालयों से कानून की डिग्री लेने वाले भारतीय नागरिकों के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने 19वीं योग्यता परीक्षा कार्यक्रम जारी किया है। कहां होगी परीक्षा? 
18 से 23 दिसंबर 2023 तक बीसीआई की 19वीं क्वालीफाइंग परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षाएं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के परिसर 21, राउज एवेन्यू, इंस्टीट्यूशनल एरिया, नई दिल्ली-110002 में आयोजित होगी। 
कितने पेपर होंगे? 
बीसीआई परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार, इसमें कुल छह पेपर होते हैं। परीक्षाएं सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित की जायेंगी।
बीसीआई 19वीं योग्यता परीक्षा की डेटशीट 
यहां हमने परीक्षा तिथि के सामने बताया है कि उस तिथि को कौन-सा पेपर होगा। 
1. 18 दिसंबर 2023 - भारत का संविधान
2. 19 दिसंबर, 2023 - अनुबंध कानून और परक्राम्य लिखत अधिनियम
3. 20 दिसंबर, 2023 - कंपनी कानून
4. 21 दिसंबर, 2023 - सिविल प्रक्रिया संहिता और परिसीमन अधिनियम।
5. 22 दिसंबर, 2023 - आपराधिक प्रक्रिया संहिता
6. 23 दिसंबर, 2023 - भारतीय कानूनी प्रोफेशन और आचार संहिता।
कितने अंकों का होगी परीक्षा? 
प्रत्येक एग्जाम 100 अंक का होता है। इसके अलावा, हर पेपर को पूरा करने के लिए आपको तीन घंटे का समय मिलेगा। 
निम्नलिखित पेपरों के लिए परीक्षा हॉल के अंदर प्रश्न उत्तर गाइड, नोट्स और अन्य सहित बेयर एक्ट्स और पुस्तकों की अनुमति है:
भारत का संविधान (पेपर 1 18 दिसंबर को),
अनुबंध कानून और परक्राम्य लिखत अधिनियम (पेपर 2 19 दिसंबर को)
कंपनी कानून (पेपर 3 20 दिसंबर को)
निम्नलिखित 3 पेपरों के लिए कम से कम संक्षिप्त नोट्स के साथ केवल व्यक्तिगत बेयर एक्ट्स (पचास नहीं) की अनुमति है। बेयर एक्ट्स पर कोई निशान, चिट आदि नहीं होना चाहिए।
सिविल प्रक्रिया संहिता और परिसीमा अधिनियम, (पेपर 4 21 दिसंबर को)
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (पेपर 5 22 दिसंबर को) और
भारतीय कानूनी पेशा और आचार संहिता (पेपर 6, 23 दिसंबर को)।
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सीएस एक्जीक्यूटिव-प्रोफेशनल परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी

आईसीएसआई सीएस एक्जीक्यूटिव और प्रोफेशनल परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी हो चुका है। परीक्षा के लिए पंजीकृत उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) ने दिसंबर सत्र की सीएस एक्जीक्यूटिव (पुराने और नए पाठ्यक्रम) और प्रोफेशनल परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया है। परीक्षा के लिए पंजीकृत उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट icsi.edu पर जाकर अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। ICSI CS परीक्षा विवरण
सीएस एक्जीक्यूटिव और सीएस प्रोफेशनल के लिए आईसीएसआई सीएस दिसंबर 2023 परीक्षा 21 दिसंबर, 2023 से शुरू होगी। उम्मीदवार 17 अंकों की पंजीकरण संख्या के साथ लॉग इन करके आधिकारिक वेबसाइट से अपना आईसीएसआई सीएस 2023 हॉल टिकट डाउनलोड कर सकेंगे। आईसीएसआई प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के बाद, उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे सभी विवरण जैसे नाम, फोटो, हस्ताक्षर, पंजीकरण संख्या, परीक्षा का चरण, परीक्षा केंद्र, परीक्षा का माध्यम और मॉड्यूल, तिथियां, परीक्षा का समय, पेपर का विवरण सत्यापित कर लें।
ICSI December 2023 ऐसे करें डाउनलोड
सबसे पहले संस्थान की वेबसाइट icsi.edu पर जाएं।
होम पेज पर सीएस एक्जीक्यूटिव, प्रोफेशनल दिसंबर परीक्षा एडमिट कार्ड लिंक खोलें।
अब अपना 17 अंकों का रजिस्ट्रेशन नंबर डालने के बाद लॉगइन करें।
अपना एडमिट कार्ड जांचें और डाउनलोड करें।
निर्देश पढ़ें और विवरण सत्यापित करें।
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अरविंद जोशी : हर दशक में बदलती रही है मार्केटिंग की विजुअल लैंग्गुएज

सफलता.कॉम द्वारा विजुअल लैंग्गुएज इन मार्केटिंग विषय पर आयोजित किये गए मास्टर क्लास सेशन में एडजिनी फाउंडर अरविंद जोशी ने कहा कि अक्सर जब हम विजुअल कम्युनिकेशन की बात करते हैं तो हम टेक्स्ट और विजुअल को दो भागों में बांट देते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि टेक्स्ट विजुअल का ही एक पार्ट है आप ऑडियो और विजुअल को दो भागों में बांट सकते हैं। क्योंकि जो सारी प्रथाएं विजुअल के ऊपर लागू होती हैं वहीं सारी प्रथाएं टेक्स्ट के ऊपर भी लागू होती हैं। लेकिन ऑडियो की अपनी अलग प्रथाएं हैं। उन्होंने कहा जैसे हम किसी को एक विजुअल दिखाते हैं इतनी दूरी से कि आप उसमें लिखे टेक्स्ट को पढ़ नहीं पा रहे लेकिन देख पा रहे हैं। तो आप उसे देखकर ये जरूर बता सकते हैं कि सामने जो लाइन्स लिखी हैं वह हिंदी में हैं या रोमन में हैं, रशियन में हैं या बंगाली भाषा में हैं। इससे ये पता चलता कि जो टेक्स्ट फॉर्म में एड लिखा है उसे पढ़ने से पहले आप उसे देखते ही उसकी एक पोजिशनिंग कर लेते हैं। कि ये है क्या ? ये उसी तरह है जैसे हम किसी इंसान से बात करने से पहले ये तय करते हैं कि ये अमीर है या गरीब है। फ्रेंडली दिख रहा है, बोलचाल में ठीक होगा बगैरह बगैरह। या उसके बोलने के अनुसार आप अपनी पोजिशनिंग चेंज कर लेते हैं या वैसा ही होता है जैसा आपने पहले से सोच लिया था।
90 के दशक में ब्रांड हिदी में टाइल और इंग्लिश में लिखते थे टैग लाइन
उन्होंने कहा कि दशक पर दशक विजुअल लैंग्गुएज की बात करें तो 90s के दशक में पेप्सी का जो एड बना था। उसमें रोमन में लिखा था ये दिल मांगे मोर, कारगिल की वजह से ये और मशहूर हो गया था। कई ब्रांड्स इंडिया में फिल्मों के नाम हिंदी में पर टैग लाइन इंग्लिश में डालते डालने का रिवाज था। उस समय के ब्रांड अपना नाम हिंदी में और टैगलाइन को रोमन में इस्तेमाल करते थे। इसका कारण देश में हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं की राजनीति भी है और दोनों भाषाओं का क्लास के साथ भी एक संबंध है। अगर आप मिडिल क्लास लोअर क्लास के हैं तो हिंदी या रोमन और अगर आप अपर क्लास के हैं तो अंग्रेजी। क्योंकि अंग्रेजी पॉवर की भाषा है। वहीं हिंदी भाव की भाषा है मासेज को कम्युनिकेट करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही भाषा का देश की आर्थिक शक्ति के साथ भी संबंध है। साथ ही भाषा आपकी सामाजिक स्थिति से भी जुड़ी हुई है।  
हिंदी अंग्रेजी के बजाया डेढ़ गुना ज्यादा स्पेस लेती है
इसीलिए आजतक ब्रांड्स के एड में अंग्रेजी और हिंदी का बैलेंस इस्तेमाल होता आ रहा है। अंग्रेजी हिंदी के बजाय कम स्पेस लेता है। वहीं हिंदी अंग्रेजी से ज्यादा स्पेस लेती है। अक्षरों के ऊपर और नीचे तक मात्राएं जाती हैं। अंग्रेजी से ये डेढ़ से 2 गुना ज्यादा स्पेस लेती है। उन्होंने कहा इसी तरह एड पर लिखी विजुअल लैंग्गुएज को तो लोग समझते हैं लेकिन विजुअल एड की साइंस को लोग नहीं समझते। हां इतना जरूर है कि विजुअल एड का इस्तेमाल हर कोई कर रहा है।
ये भी सीखें 
डिजिटल मार्केटिंग 
मास्टर डिजिटल मार्केटिंग 
हर दशक में दो तरह की एड विजुअल प्रथाएं चलती हैं
एड की दशक दर दशक पहचान बदली जैसे 60 के दशक में जितने भी बॉलीवुड हीरो (राजकपूर, देव आनंद या बलराज साहनी) थे वो सलीके से बाल बनाते थे और कपड़े भी सलीके से पहनते थे। तो ये उस जमाने का ट्रेंड था। तो इसी तरह हर दशक में दो तरह की प्रथाएं एड में चलती रहीं। एक वो जिसमें ब्रांड्स मार्केटिंग में बनी बनाई प्रथा को फॉलो करते थे और दूसरा वो जिसमें उस प्रथा के विपरीत कुछ ब्रांड्स अपनी मार्केटिंग करते हैं। जैसे हर दशक में एक हवा ऐसी चलती है जिसमें नए ट्रेंड्स सेट होते हैं और समाज पुराने ट्रेंड्स को छोड़कर उन नए ट्रेंड्स की ओर चलने लगता है।
लंबे बाल, चश्मा या कपड़ों का स्टायल हर चीज बयां करती है अलग पहचान
जैसे 60s, 70s के बाद 80s, 90s के दशक में हीरो के कपड़े और स्टाइल बदलते गए। नब्बे के दशक में लंबे बाल वाले अभिनेता पसंद किये जाने लगे। पेंट में बेल बॉटम का चलन बढ़ा। साथ ही चश्में का प्रयोग भी एक आइडेंटिटी के लिये किया जाने लगा। जैसे हम फिल्म में अमिताभ बच्चन जब चश्मा पहनता था तो सीधा साधा आदमी और जब उतार देता था तो एंग्री यंगमैन फाइट करने वाला। इसी तरह रब ने बना दी जोड़ी में शाहरूख खान चश्में में सीधे साधे हैं और बिना चश्में के एकदम अलग अंदाज में।
अपनी नॉलेज परखें
डिजिटल मार्केटिंग मॉक टेस्ट
पास्ट को ब्लैक एंड व्हाइट में दिखाने का चलन
साथ ही पुरानी फिल्मों से पास्ट को ब्लैक एंड व्हाइट में दर्शाये जाने की प्रथा चल रही है जिसका आज भी लोग पालन कर रहे हैं। लेकिन आज की प्रथाओं में पास्ट को दिखाने की जो दूसरी प्रथा है वो है स्लो मोशन में विजुअल्स को मूव करना। या फिर उसमें ब्लैक एंड व्हाइट के बजाय किसी एक कलर का फिल्टर लगा देंगे। जैसे मान लो ग्रीन कलर का फिल्टर लगा दिया तो पास्ट के विजुअल्स आपको हल्के ग्रीन आवरण में दिखेंगे।
हर दशक में रंग के मतलब अलग अलग हो जाते हैं
इसी तरह आज अगर रंग की बात की जाए तो वह अपने अलग मतलब लेकर लोगों पर प्रभाव छोड़ता है। जैसे सैफरॉन कलर या भगवा रंग को आज कुछ लोग सनातन, देश प्रेम, भाजपा, आरएसएस, हिंदी संगठन या हिंदू धर्म से जोड़कर देखने लगे हैं। वहीं हरे रंग का मतलब कुछ लोग पाकिस्तान या दूसरी कौम को समझने लगे हैं। जबकि रंगों का अपना अलग नेचर है उनका अपना अलग मतलब है। इन्हीं रंगों की परिभाषा अमेरिका, इंग्लैड, या पेरिस में अलग है। जैसे भगवा रंग सूर्य के उगने और छिपने पर आसमान पर आता है तो ये उसका रंग है। केसर का रंग होने के कारण केसरिया है। इसी तरह हरा रंग प्रकृति का रंग है। इसलिये हरा है। लेकिन भारत में ही हरेक सदी में इन्हीं रंगों का मतलब अलग अलग समझा जाता रहा है। तो आपको एक एडवरटाइजर के रूप में बहुत ध्यान रखने की जरूरत है। यानी आप जो भी रंग का इस्तेमाल कर रहे हैं उसका यूनिवर्सल मतलब, ब्रांड से उसका संबंध और सामाजिक मायने क्या हैं ये जरूर आप पता कर लें। पर्पल एक स्पर्चुअल फीलिंग देता है, रेड एग्रेशन की फीलिंग देता है और ब्लू एक शांति की फीलिंग देता है। तो युवा एड पर काम करने से पहले रंगों के यूनिवर्सल मीनिंग को जरूर सर्च कर लें। लेकिन ये कलर का सेंस हर भौगोलिक परिस्थिति, देश और समाज, व सदी में बदल जाता है।
पश्चिमी कला का इतिहास जरूर पढ़ें एडवरटाइजिंग में कॅरिअर बनाने जा रहे युवा
इसलिए सभी युवाओं को जो एडवरटाइजिंग में करिअर बनाने जा रहे हैं वर्ल्ड आर्ट के बारे में पड़ना चाहिए। पश्चिमी कला का इतिहास आप जरूर पढ़ें। यानी आपको पता होना चाहिए कि किस तरह के बड़े आर्टिस्ट थे, कहां से आर्ट शुरू हुई है पहले कैसी आर्ट बनती थी। पेंटिंग की कला, फोटोग्रॉफी और फिल्म इन तीन बड़ी कलाओं ने कैसे एडवरटाइजिंग को कैसे प्रभावित किया। पहले जो पोस्टर आर्ट आते थे वो फ्रांस के कलाकारों द्वारा प्रभावित थे। जिसमें हेनरी तौलूस लात्रे फ्रांस के बड़े कलाकार थे। वही चलन पोस्टर में अब तक चला आ रहा है। आज के हर एड में इस आर्ट का कहीं न कहीं हस्तक्षेप है। लात्रे जापान की आर्ट से बहुत प्रभावित थे। उस स्टाइल को इस्तेमाल करके इन्होंने दुनियां के पहले पोस्टर डिजाइन किये। कैबरे डांस, स्ट्रिप्टीज की एड इन्होंने डिजाइन की। जोकि जापान की स्टाइल से प्रभावित थी और कॉमिक बुक की तरह उसे बनाया गया। विजुअल आर्ट में कॉमिक बुक, पोस्टर आर्ट आदि का प्रयोग किया जाता है।
विमल, रेमंड्स और सर्फ के एड देखकर समझ सकते हैं दशक दर दशक का बदलाव
कपड़ों के ब्रांड्स विमन, रेमंड्स के पुराने एड को युवा देखकर समझ सकते हैं। बैगी पेंट्स, बेल बॉटम, सेमी कलर, फुल कलर हर तरह के एड आपको देखने को मिल जाएंगे। सर्फ के पुराने एड्स अस्सी या नब्बे के दशक से युवा देख लें। तब महिलाओं को गृहणी के रूप में दिखाया जाता था। जबकि आज वो दौर बदल चुका है। पहले ब्लू कलर का इस्तेमाल पहले वो एड में कम करते थे अब ब्लू का इस्तेमाल उनके एड में बढ़ गया है। क्योंकि रिन से उनका कम्प्टीशन था वो ब्लू कलर का इस्तेमाल करते थे।
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एग्जाम पास करने के लिए MBBS के छात्रों को मिला एक और मौका सिर्फ ये स्टूडेंट दे सकते हैं 5वां अटेम्प्ट

 राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले ऐसे छात्रों को जो अपनी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके थे, एक और मौका देने का निर्णय किया है।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने सोमवार को कहा कि जिन एमबीबीएस छात्रों ने 2020-21 शैक्षणिक वर्ष के दौरान प्रवेश लिया और अपनी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके, उन्हें एक और मौका दिया जाएगा। यह मौका 2020-21 बैच के मेडिकल छात्रों को दिया गया है, क्योंकि उन्हें COVID-19 महामारी के बाद परेशानी हुई थी। एनएमसी ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा, "राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने ऐसे एमबीबीएस छात्रों को एक अतिरिक्त प्रयास (पांचवें प्रयास) की अनुमति देने का निर्णय लिया, जो शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान मेडिकल कॉलेजों में भर्ती हुए थे और अपनी पहली पेशेवर एमबीबीएस परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके, क्योंकि यह बैच भी कोविड-19 से प्रभावित था।"
इस बीच, आयोग ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन के विदेशी चिकित्सा स्नातकों (एफएमजी) को एक बार के अवसर के रूप में विभिन्न देशों से अपने शेष चिकित्सा पाठ्यक्रम को पूरा करने की अनुमति दी है।
एफएमजी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, ऐसे विदेशी मेडिकल स्नातकों को पंजीकरण के लिए सक्षम करने के लिए दो साल के लिए अनिवार्य रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (सीआरएमआई) से गुजरना पड़ता है।
 
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एनएमसी ने 50 प्रतिशत मेडिकल कॉलेजों को जारी किया कारण बताओ नोटिस

  • इन मानकों का नहीं कर रहे थे पालन
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने केरल से लेकर राजस्थान तक के 50 प्रतिशत मेडिकल कॉलेजों को निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने लगभग 50 प्रतिशत मेडिकल कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने के लिए  जारी किया गया है। बता दें कि एनएमसी मानकों का पालन नहीं करने पर भारत के आधे मेडिकल कॉलेज अपनी मान्यता खो सकते हैं।
कितने कॉलेजों को मिला कारण बताओ नोटिस? 
349 मेडिकल कॉलेजों और 197 सरकारी सहायता प्राप्त और अन्य निजी को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। कहा जा रहा है कि अगर कॉलेज गलती नहीं सुधारते हैं तो इन कॉलेजों में एडमिशन को एक साल के लिए रोक दिया जाएगा।
कारण बताओ नोटिस में क्या लिखा था? 
एनएमसी ने अटेंडेंस में कमी और आवश्यक फैकल्टी आवश्यकताओं (न्यूनतम मानक आवश्यकताएं 2020) को पूरा करने में विफलता पाए जाने के बाद केरल के इडुक्की में एक मेडिकल कॉलेज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इस नोटिस में लिखा है कि आपका कॉलेज 2023-24 के लिए कॉलेज में चलाए जा रहे मौजूदा एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक फैकल्टी आवश्यकता (एमएसआर 2020) को पूरा करने में विफल रहा है। सक्षम प्राधिकारी ने इसे गंभीरता से लिया है। आपके कॉलेज से कारण बताओ नोटिस के जरिए पूछा जाता है कि एमएसआर में निहित प्रावधानों के साथ-साथ एनएमसी द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करने के खिलाफ क्यों कार्रवाई शुरू नहीं की जानी चाहिए।
इसी तरह राजस्थान के बाड़मेर में मेडिकल कॉलेज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसमें लिखा है कि  कॉलेज 2023-24 के लिए कॉलेज में चलाए जा रहे मौजूदा एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक संकाय आवश्यकता (न्यूनतम मानक आवश्यकताएं 2020) को पूरा करने में विफल रहा है। इसके अलावा, कई कॉलेज उपस्थिति के दिशानिर्देशों को पूरा नहीं करते हैं जो फैकल्टी और वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए अनिवार्य हैं।
कितने प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य? 
एमएसआर 2023 दिशानिर्देशों के खंड 3.2 के अनुसार, सभी फैकल्टी और वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों की कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा निर्धारित मानकों का पालन नहीं करने की वजह से पिछले एक से दो महीनों में लगभग 40 मेडिकल कॉलेजों ने मान्यता खो दी है।
 
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अखिल भारतीय बार परीक्षा की अनंतिम उत्तर कुंजी जारी

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अखिल भारतीय बार परीक्षा की अनंतिम उत्तर कुंजी जारी कर दी है। उम्मीदवार नीचे बताए तरीके से उत्तर कुंजी डाउनलोड कर सकते हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अखिल भारतीय बार परीक्षा की अनंतिम उत्तर कुंजी जारी कर दी है। एआईबीई 18 परीक्षा 10 दिसंबर को आयोजित की गई थी। जो भी उम्मीदवार परीक्षा मे शामिल हुए थे, वे अब आधिकारिक वेबसाइट - allindiabarexamination.com पर जाकर उत्तर कुंजी देख और डाउनलोड कर सकते हैं। 
योग्यता अंक
अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) पास करने वाले कानून स्नातकों को बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा प्रैक्टिस सर्टिफिकेट (सीओपी) दिया जाता है, जो भारत में कानून का अभ्यास करने के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज है। चूंकि एआईबीई XVIII (18) 2023 एक प्रमाणपत्र-आधारित परीक्षा है, इसलिए उम्मीदवारों को परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए केवल न्यूनतम योग्यता अंक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को एआईबीई में कम से कम 45% अंक प्राप्त करने होंगे, जबकि एससी, और एसटी उम्मीदवारों को अभ्यास प्रमाणपत्र के लिए पात्र बनने के लिए एआईबीई में कम से कम 40% अंक प्राप्त करने होंगे।
एआईबीई 18 उत्तर कुंजी 2023 कैसे डाउनलोड करें?
एआईबीई 18 उत्तर कुंजी डाउनलोड करने के लिए, उम्मीदवार इन सरल चरणों का पालन कर सकते हैं:
आधिकारिक वेबसाइट allindiabarexanation.com पर जाएं।
होमपेज पर 'एआईबीई 18 उत्तर कुंजी' लिंक देखें और उस पर क्लिक करें।
पंजीकरण संख्या और पासवर्ड सहित आवश्यक क्रेडेंशियल दर्ज करें।
उत्तर कुंजी स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी।
भविष्य के संदर्भ के लिए उत्तर कुंजी डाउनलोड करें और सहेजें।
कब खुलेगी आपत्ति विंडो?
AIBE XVIII (18) उत्तर कुंजी के खिलाफ आपत्ति विंडो भी जल्द ही खुलेगी। AIBE XVIII (18) के परिणाम दिसंबर के अंतिम सप्ताह में अस्थायी रूप से घोषित किए जाएंगे। एआईबीई 18 अनंतिम उत्तर कुंजी के खिलाफ आपत्तियां उठाने के लिए उम्मीदवार नीचे दिए गए चरणों का पालन कर सकते हैं:
एआईबीई 18 की आधिकारिक वेबसाइट allindiabarexanation.com पर लॉग ऑन करें।
होमपेज पर "उत्तर कुंजी आपत्ति विंडो" लिंक पर क्लिक करें।
अपना सेट कोड चुनें - ए, बी, सी या डी।
जिस प्रश्न संख्या पर आप आपत्ति दर्ज करना चाहते हैं उसका चयन करें, प्रश्न का उत्तर स्वचालित रूप से स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगा।
अपनी आपत्ति के विरुद्ध अपना स्पष्टीकरण भरें।
अपनी आपत्ति के विरुद्ध सहायक दस्तावेज अपलोड करें।
'सबमिट' बटन पर क्लिक करें।
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ऑस्ट्रेलिया ने कड़े किए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए वीजा नियम

  • अंग्रेजी स्कोर पर दें विशेष ध्यान
ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय छात्रों और कम-कुशल श्रमिकों के लिए वीजा नियमों को सख्त करने जा रहा है, जिससे अगले दो सालों में प्रवासियों की संख्या आधी हो जाएगी। सरकार टूटी हुई प्रवासन प्रणाली को दुरुस्त करना चाहती है।
यह निर्णय 2022-23 में अप्रवासन के रिकॉर्ड के 510,000 तक पहुंचने की उम्मीद के बाद आया है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि 2024-25 और 2025-26 में इसके गिरकर लगभग चौथाई मिलियन होने का अनुमान है, जो मोटे तौर पर प्री-कोविड स्तरों के अनुरूप है।
गृह मामलों के मंत्री क्लेयर ओ'नील ने क्या कहा? 
गृह मामलों के मंत्री क्लेयर ओ'नील ने सोमवार को सरकार की नई प्रवासन रणनीति  के औपचारिक रिलीज से पहले कहा कि हमने ऑस्ट्रेलिया की प्रवासन प्रणाली को बेहतर और संतुलित बनाने के लिए चौबीसों घंटे काम किया है।
ओ'नील ने आगे कहा कि सरकार विदेशी प्रवासन पर दबाव डाल रही है। विदेशी प्रवासन में वृद्धि ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय छात्रों की थी। ऐसे में, वीजा नियमों सख्त होने पर छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 
ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल अपनी वार्षिक प्रवासन संख्या को बढ़ाया था, जिससे प्रमुख व्यवसायों को कर्मचारियों की भर्ती करने में मदद मिल सके, कोरोना महामारी के बाद ऑस्ट्रेलिया ने सीमा नियंत्रण सख्त हो सके और विदेशी छात्रों और श्रमिकों को लगभग दो वर्षों तक देश से बाहर रखा जा सके।
नई नीतियों के तहत, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अंग्रेजी परीक्षाओं में उच्च रेटिंग की आवश्यकता होगी। यह उन सुविधाओं को भी समाप्त कर देगा जो छात्रों को ऑस्ट्रेलिया में अपने प्रवास को लम्बा करने की अनुमति देती थीं।
अत्यधिक कुशल श्रमिकों के लिए एक नया विशेषज्ञ वीजा स्थापित किया जाएगा, जिसमें प्रोसेसिंग समय को घटाकर एक सप्ताह कर दिया जाएगा, जिससे व्यवसायों को अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच शीर्ष प्रवासियों की भर्ती करने में मदद मिलेगी।
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यूक्रेन के बाद भारतीय मेडिकल छात्रों का नया ठिकाना उज्बेकिस्तान

  •  भारत के शिक्षकों की भी नियुक्ति
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बड़ी संख्या में भारतीय मेडिकल छात्रों को यूक्रेन छोड़कर लौटना पड़ा था और उनके पास अपना कोर्स आगे जारी रखने का कोई रास्ता नहीं था। तब समरकंद यूनिवर्सिटी ने ही उनके लिए अपने दरवाजे खोले और करीब 1,000 छात्रों को समायोजित किया।उज्बेकिस्तान की समरकंद यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाले भारतीय मेडिकल छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है। 93 साल पुराने इस विश्वविद्यालय में 2021 तक भारतीय छात्रों की संख्या 100-150 तक ही रहती थी लेकिन 2023 में आंकड़ा 3,000 के ऊपर पहुंच गया। यह बदलाव जंग के कारण यूक्रेन के संस्थानों के दरवाजे बंद होने के कारण आया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बड़ी संख्या में भारतीय मेडिकल छात्रों को यूक्रेन छोड़कर लौटना पड़ा था और उनके पास अपना कोर्स आगे जारी रखने का कोई रास्ता नहीं था। तब समरकंद यूनिवर्सिटी ने ही उनके लिए अपने दरवाजे खोले और करीब 1,000 छात्रों को समायोजित किया। स्टेट समरकंद मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. जफर अमीनोव ने बताया, भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ी है और हम यह सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि यह ट्रेंड इसी तरह बना रहे। हमारी भरसक कोशिश है कि छात्रों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। 
भारतीय शिक्षकों को भी बुलाया
अमीनोव ने कहा, हमने इस साल भारत से 40 से अधिक शिक्षकों को अपने यहां नियुक्त किया है। वह बताते है कि वैसे तो यूनिवर्सिटी में पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी ही है लेकिन संस्थान नहीं चाहता कि उच्चारण की वजह से छात्रों को कोई दिक्कत हो। इसलिए उन्हें भारतीय शिक्षकों की मौजूदगी से फायदा होगा। इसके अलावा, संस्थान अपने प्रबंधन में भी भारतीय शिक्षकों की मदद ले रहा है।
यूक्रेन का विकल्प बनाने की कोशिश
यूक्रेन उन भारतीय छात्रों का पसंदीदा गंतत्व स्थल रहा है, जो मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहते थे। लेकिन रूस-यूक्रेन जंग ने हालात को एकदम बदल दिया है। ऐसे में उज्बेकिस्तान के इस संस्थान ने खुद को यूक्रेन का विकल्प बनाने की कोशिश की। इसी वजह से यहां उन छात्रों को पढ़ाई जारी रखने का मौका दिया गया जो यूक्रेन में अपना कोर्स पूरा नहीं कर पाए थे।
छह साल का कोर्स लेकिन पढ़ाई सस्ती
भारत में साढ़े पांच के कोर्स की तुलना में उजबेकिस्तान में एमबीबीएस की अवधि छह साल की है। लेकिन शिक्षण का माध्यम अंग्रेजी है, माहौल भी शांतिपूर्ण है और व्यावहारिक ज्ञान के मामले में भी यहां पूरा ध्यान दिया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पढ़ाई करना अपेक्षाकृत सस्ता भी है। सलाहकारों का मानना है कि भारतीय छात्रों की संख्या में यह वृद्धि अस्थायी नहीं है। आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ सकती है।
छात्रों को पसंद आ रहा सुरक्षित माहौल
कंसल्टेंसी फर्म एमडी हाउस के निदेशक और संस्थान में आधिकारिक प्रवेश भागीदार सुनील शर्मा कहते हैं कि यूक्रेन के दरवाजे बंद होने के बाद छात्रों का ध्यान उज्बेकिस्तान की तरफ गया। बिहार के एक छात्र मोहम्मद आफताब ने कहा, अच्छी बात यह है कि यहां शांतिपूर्ण माहौल है। भाषा की बाधा जैसी कोई समस्या नहीं है। वहीं, हरियाणा के गुड़गांव निवासी विशाल कटारिया का कहना है कि वह ऐसे देश में रहकर पढ़ना चाहते थे जहां माहौल भारत के जैसा ही हो।
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पीएम मोदी ने लॉन्च की 'विकसित भारत@2047 युवाओं की आवाज' योजना

प्रधानमोदी ने आज 'विकसित भारत@2047: युवाओं की आवाज' योजना को लॉन्च किया। पीएम ने वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए देशभर के राजभवनों में आयोजित वर्कशॉप में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और संस्थान-प्रमुखों को संबोधित किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए 'विकसित भारत@2047: युवाओं की आवाज' योजना को लॉन्च किया। इस योजना का लक्ष्य देश की आजादी के 100 साल पूरे होने पर देश को विकसित राष्ट्र बनाना है। इस उद्देश्य को पूरा करने में युवाओं की अहम भूमिका होगी। इसीलिए देश में तमाम वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी। कार्यक्रम के दौरान पीएम ने देशभर के राजभवनों में आयोजित वर्कशॉप में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और संस्थान-प्रमुखों को संबोधित किया। संबोधन के दौरान कही ये बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'विकसित भारत@2047' एक पहल है जिसका उद्देश्य विकसित भारत के निर्माण की दिशा में हमारे युवाओं को एकीकृत करना है।
पीएम ने कहा, "आज का दिन विकसित भारत के संकल्पों को लेकर काफी दिन है। मैं उन सभी राज्यपालों को विशेष रूप से बधाई देता हूं, जिन्होंने विकसित भारत के निर्माण से संबंधित इस वर्कशॉप का आयोजन किया है।"
उन्होंने आगे कहा, "आप उन लोगों को एक मंच पर लाए हैं जिनके ऊपर देश की युवा शक्ति को दिशा देने की जिम्मेदारी है। शिक्षण संस्थानों की भूमिका है व्यक्तियों का विकास करना और व्यक्तिगत विकास से ही राष्ट्र का निर्माण हो सकता है। आज के युग में, जिसमें भारत है, व्यक्तित्व विकास का अभियान बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'विकसित भारत@2047: युवाओं की आवाज' कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा, "यह भारत के इतिहास का वह दौर है जब देश लंबी छलांग लगाने जा रहा है। हमारे चारों ओर ऐसे कई देशों के उदाहरण हैं, जिन्होंने एक निश्चित समय में इतनी लंबी छलांग लगाकर खुद को विकसित किया है। इसलिए मैं कहता हूं कि यह भारत के लिए सही समय है। हमें इस अमर समय के हर पल का लाभ उठाना है"
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बिहार सिविल कोर्ट ने जारी किया रीडर-कम-डिपोजिशन राइटर भर्ती का एडमिट कार्ड

बिहार सिविल कोर्ट में कोर्ट रीडर-कम-डिपोजिशन राइटर के पदों पर भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया गया है। योग्य एवं पंजीकृत उम्मीदवार अपने हॉल टिकट आधिकारिक वेबसाइट - Districts.ecourts.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं।
बीसीसी परीक्षा 17 दिसंबर, 2023 को दो पालियों में आयोजित की जाएगी। कोर्ट रीडर-कम डिपोजिशन के पद के लिए लिखित परीक्षा पहली पाली में सुबह 10.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक आयोजित की जाएगी, जबकि स्टेनोग्राफर पद के लिए परीक्षा दूसरी पाली में दोपहर 2.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक आयोजित की जाएगी। 
कुल पद
इस भर्ती अभियान का लक्ष्य बिहार सिविल न्यायालयों में कुल 7692 रिक्तियों को भरना है।
चयन प्रक्रिया
क्लर्क, चपरासी, कोर्ट रीडर: प्रारंभिक परीक्षा, लिखित परीक्षा, साक्षात्कार।
आशुलिपिक: प्रारंभिक परीक्षा, लिखित परीक्षा, स्टेनो परीक्षण और मौखिक परीक्षा।
बिहार सिविल कोर्ट एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के चरण
आधिकारिक वेबसाइट डिस्ट्रिक्ट्स.ecourts.gov.in पर जाएं।
'उच्च न्यायालय' - 'पटना' - 'भर्ती' पर जाएं।
एडमिट कार्ड लिंक पर क्लिक करें।
अपना लॉगिन विवरण दर्ज करें और सबमिट करें।
एडमिट कार्ड जांचें और डाउनलोड करें।
भविष्य के संदर्भ के लिए एक प्रिंटआउट लें।
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हिदायतुल्लाह नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी में ICBRS 2023 का सफलतापूर्वक आयोजन

रायपुर। हिदायतुल्लाह नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रायपुर, ने “75 वर्षों की बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली: भूत, वर्तमान, और भविष्य की चर्चा” पर प्रथम अंतरराष्ट्रीय क्षमता-निर्माण कार्यक्रम और अनुसंधान सम्मेलन (ICBRS) का सफल समापन किया। इस नौ-दिवसीय  सम्मेलन को व्यापार प्रणाली के क्षेत्र में जानकार, चर्चाओं और विशेषज्ञों के साथ भारत और दुनिया भर से उपस्थित किया गया।
सम्मेलन की शुरुआत उद्घाटन  समारोह के साथ की गई जिसमें मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) ए. जयगोविंद, पूर्व कुलपति, एनएलएसआईयू, बेंगलुरु, तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति और डब्ल्यूटीओ एक्सपर्ट प्रो. (डॉ.) जेम्स जे. नेडुम्पारा, प्रोफेसर और हेड, ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट लॉ, आईआईएफटी, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार, और प्रो. अभिजित दास उपस्थित रहे । इस कार्यक्रम ने बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के विकास पर ज्ञान और चर्चा को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखा था।
“दुनिया व्यापार आदेश और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का विकास” पर श्री एंथनी कैम्बस, मिसिसिपी, संयुक्त राज्य, और प्रो. (डॉ.) रश्मि अग्रवाल, प्रोफेसर, शिव नाडार यूनिवर्सिटी ने जानकारी साझा की। थीमेटिक सत्रों में “डिस्प्यूट सेटलमेंट मेकेनिज्म के वितर्कसूची और इसका संस्थागत संरचना” का विवरण दिया गया जिसमें श्री पार्थसारथी झा, पार्टनर, इकोनॉमिक लॉज प्रैक्टिस (ईएलपी), और श्री उत्कर्ष के. मिश्रा, डायरेक्टर, सेंटर फॉर इंटरनेशनल ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट लॉ, डीएनएलयू, जबलपुर शामिल थे।
“बहुपक्षीय व्यापार और व्यापार प्रणाली के किस्से और व्यापार सुधारों के आधार पर नियम” पर मिस्टर एस नम्रता रघुवंशी, जॉइंट पार्टनर (इंटरनेशनल ट्रेड और कस्टम्स), टीपीएम सॉलिसिटर्स एंड कंसल्टेंट्स, और अंबरिष साथियनाथन, पार्टनर, इकोनॉमिक लॉज प्रैक्टिस (ईएलपी) ने अपने विचार रखे । मिसेस अनुराधा आरवी, पार्टनर, क्लेरस लॉ एसोसिएट्स, दिल्ली, और प्रो. (डॉ.) वर्षा वहिनी, प्रोफेसर, बेनेट यूनिवर्सिटी ने “बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के सिद्धांत और इसकी अपवादों की व्यापकता” पर विस्तार से चर्चा की।
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कनाडा में पढ़ाई करने का सपना है, तो जान लीजिए नए नियम

  • जीवनयापन लागत सीमा में हुआ ये बदलाव 

कनाडा जाकर पढ़ाई करने का सपना देखने वाले छात्रों के लिए एक जरूरी खबर है। दरअसल, कनाडा सरकान ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए जीवन यापन की लागत सीमा को बढ़ा दिया। कनाडा में पढ़ाई करने के लिए अब पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी होगी।जस्टिन ट्रूडो सरकार ने इंटरनेशनल स्टडी के लिए कनाडा आने वाले स्टूडेंट्स को एक झटका दिया है। अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वहां रहने और पढ़ाई के लिए पहले से ज्यादा पैसे की जरूरत होगी। उन्हें अपना मजबूत फाइनेंशियल बैकग्राउंड दिखाना होगा। कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री, मार्क मिलर ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि ये नया फैसला 1 जनवरी, 2024 से लागू होगा।बाकी देशों की तुलना में कनाडा में पढ़ाई सस्ती है। यही कारण है कि यहां हर साल कई देशों से बड़ी संख्या में छात्र आते हैं। यह घोषणा 27 अक्टूबर, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय छात्र कार्यक्रम में सुधारों के बाद की गई है, जिसमें आवास सहित उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं और सहायता प्रदान करने वाले शिक्षण संस्थानों को मान्यता देने के लिए एक नया ढांचा पेश किया गया है। इसमें कहा गया है कि शिक्षण संस्थानों से केवल उतने ही छात्रों को स्वीकार करने की अपेक्षा की जाती है जिनका वे पर्याप्त समर्थन कर सकते हैं।अपने फैसले पर सफाई देते हुए मंत्री ने कहा कि इस फैसले को कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सफलता और भलाई सुनिश्चित करने वाले प्रोजेक्ट के तौर पर देखना चाहिए। 2000 के दशक की शुरुआत से, एक आवेदक के लिए जीवनयापन की लागत 10,000 अमेरिकी डॉलर पर स्थिर बनी हुई है। हालांकि, जीवन यापन की बढ़ती लागत के जवाब में, सीमा को अब बढ़ाकर 20,635 अमेरिकी डॉलर कर दिया जाएगा, जो कम आय कट-ऑफ (एलआईसीओ) का 75 प्रतिशत है। यह कदम न केवल जीवन यापन की बढ़ती लागत की प्रतिक्रिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के सामने उपयुक्त आवास खोजने जैसी चुनौतियों का भी समाधान करता है। ये सुधार छात्रों को वित्तीय असुरक्षा और शोषण से बचाने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप हैं।इसके अतिरिक्त, मंत्री मिलर ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को प्रभावित करने वाली तीन अस्थायी नीतियों पर अपडेट प्रदान किया, जिसमें 30 अप्रैल, 2024 तक ऑफ-कैंपस काम के लिए प्रति सप्ताह 20 घंटे की सीमा पर छूट का विस्तार और एक सुविधाजनक उपाय की निरंतरता शामिल है। स्नातकोत्तर कार्य परमिट के लिए ऑनलाइन अध्ययन के समय की गणना।अंतर्राष्ट्रीय छात्रों द्वारा कनाडा को सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से लाए गए महत्वपूर्ण लाभों को स्वीकार करते हुए, सरकार उन चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता पर जोर देती है, जिन्होंने कुछ छात्रों को असुरक्षित बना दिया है।

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जारी होने वाला है यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट

चेक करने का यह है आसान तरीका
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तरफ से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट जल्द ही जारी किया जाने वाला है। इस परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 14,000 से अधिक छात्र यूपीएससी मेन्स 2023 के रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को इंटरव्यू में भाग लेने से पहले डीएएफ-2 फॉर्म भरना होगा। यूपीएससी सीएसई परीक्षा का रिजल्ट आयोग की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जारी किया जाएगा। परीक्षा में शामिल उम्मीदवार अपने दस्तावजों के साथ तैयार रहें, जिससे कि रिजल्ट जारी होने के बाद उन्हें किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।
UPSC CSE मुख्य परीक्षा तिथियां
यूपीएससी ने सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 15, 16, 17, 23 और 24 सितंबर, 2023 को दो सत्रों में आयोजित की थी। पहला सत्र सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक, और दूसरा सत्र दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक चला था। बता दें कि यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में लगभग 13 लाख प्रतिभागियों ने भाग लिया था। जिनमें से 15 हजार उम्मीदवारों को यूपीएससी मेन्स के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था।
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यूपी-बिहार बोर्ड की डेटशीट जारी, आईसीएसई के बाद अब सीबीएसई का इंतजार

 बोर्ड परीक्षाओं का सीजन शुरू होने वाला है। यूपी-बिहार,आईसीएसई बोर्ड ने तो डेटशीट भी जारी कर दी है। अब छात्र सीबीएसई सहित अन्य बोर्डों की डेटशीट जारी होने का इंतजार कर रहे हैं।
लाइव अपडेट
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2023 की डेट शीट का इंतजार लाखों की संख्यां में परीक्षार्थी कर रहे हैं। अभी तक बोर्ड की तरफ से डेटशीट पर कोई अपडेट जारी नहीं किया गया है। डेटशीट आधिकारिक वेबसाइटों cbse.nic.in और cbse.gov.in पर जारी की जाएगी।
असम बोर्ड ने कक्षा 12वीं की डेट शीट 2024 जारी कर दी है। असम एचएस टाइम टेबल 2024 के अनुसार, परीक्षाएं 12 फरवरी से 13 मार्च तक आयोजित की जाएंगी।
BSEB 10th Datesheet 2024 15 फरवरी से मैट्रिक एग्जाम
बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 15 फरवरी से 23 फरवरी तक ली जाएगी। यह परीक्षा भी दो पालियों में ली जाएगी। वहीं वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2024 के इंटरनल एसेसमेंट या प्रायोगिक परीक्षा का आयोजन 18 जनवरी से 20 जनवरी तक किया जाएगा। 
BIHAR Board Exam 2024 एक फरवरी से इंटर एग्जाम
बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि  इस बार इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा एक फरवरी से 12 फरवरी तक ली जाएगी। यह परीक्षा बीच दो पालियों में ली जाएगी। प्रथम पाली की परीक्षा पूर्वाह 9:30 बजे से 12:45 बजे अपराह्न तक की जाएगी। द्वितीय पाली की परीक्षा अपराह्न 02:00 बजे से 5:15 बजे तक आयोजित की जाएगी। इन्टरमीडिएट वार्षिक (प्रायोगिक) परीक्षा 10 जनवरी से 20 जनवरी तक ली जाएगी। 
01:04 PM, 08-DEC-2023
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने आगामी मैट्रिक और इंटर परीक्षा का वार्षिक कैलेंडर जारी कर दिया है। बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति  वर्ष 2024 में आयोजित की जाने वाली माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं विविध परीक्षाओं से सम्बंधित 'वार्षिक कैलेंडर' जारी कर दिया गया है।
ICSE Time Table इस सब्जेक्ट का एग्जाम सबसे पहले
शेड्यूल के अनुसार, कक्षा 10 या आईसीएसई बोर्ड परीक्षा 21 फरवरी को अंग्रेजी भाषा के पेपर के साथ शुरू होगी और 28 मार्च को कला पेपर 4 के साथ समाप्त होगी। परीक्षा कला पेपर के लिए सुबह 9 बजे से और अन्य विषयों के लिए सुबह 11 बजे से आयोजित की जाएगी। कला विषय के पेपर की अवधि 3 घंटे और अन्य विषयों की अवधि 2 घंटे होगी।
ICSE Class 10, 12 Date Sheet 2024
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) की ओर से आईसीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं-12वीं की परीक्षा के लिए डेटशीट जारी कर दी गई है। स्टूडेंट्स आधिकारिक वेबसाइट cisce.org से डेट शीट डाउनलोड कर सकते हैं। यहां क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
 यूपी-बिहार बोर्ड की डेटशीट जारी, आईसीएसई के बाद अब सीबीएसई का इंतजार
 बोर्ड परीक्षाओं का सीजन शुरू होने वाला है। यूपी-बिहार,आईसीएसई बोर्ड ने तो डेटशीट भी जारी कर दी है। अब छात्र सीबीएसई सहित अन्य बोर्डों की डेटशीट जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। ज्यादातर बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी से शुरू हो जाएंगी। पंजीकृत छात्रों के पास अब थोड़ा ही समय बचा है।  
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इन जिलों में रद्द हुईं अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं, सीएम ने केंद्र से मांगी मदद

चक्रवात मिचौंग से दक्षिण के राज्यों में भयंकर तबाही का मंजर देखने को मिला। कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात भी हो गए हैं।
चक्रवाती तूफान मिचौंग ने दक्षिण भारत में जमकर तबाही मचाई। कई जिलों में भारी बारिश ने जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। जगह-जगह बाढ़ जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं। इसका असर अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं पर भी पड़ा है।   
चक्रवाती तूफान मिचौंग की वजह से तमिलनाडु के चेन्नई में कई जिलों चेन्नई, चेंगलपट्टू, थिरुवल्लूर और कांचीपुरम में अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा है। इस बात की जानकारी तमिलनाडु के शिक्षा विभाग की तरफ से दी गई है। इन चार जिलों के अलावा परीक्षाएं गुरुवार से अपने समय के मुताबितक शुरू होंगी। इन राज्यों में परीक्षाओं का नुकसान न हो इसके लिए अलग से प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे।  
सीएम ने लिया जायजा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को चक्रवात मिचौंग के कारण प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और चेन्नई में वर्षा प्रभावित लोगों को भोजन और दूध जैसी बुनियादी जरूरतें वितरित कीं। सीएम एमके स्टालिन ने एक्स पर पोस्ट किया "चेन्नई के उपनगरों में बाढ़ का पानी अभी भी भरा हुआ है। कई लोग यह सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में काम कर रहे हैं कि सभी को भोजन और दूध जैसी बुनियादी जरूरतें मिलें। हम इस उम्मीद के साथ अपना क्षेत्र कार्य जारी रख रहे हैं कि स्थिति जल्द ही बेहतर हो जाएगी!"।

सीएम एमके स्टालिन ने केंद्र से मांगी मदद
तमिलनाडु में चक्रवात मिचौंग से हुई तबाही के बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तत्काल 5060 करोड़ रुपये के अंतरिम राहत कोष की मांग की। सीएम स्टालिन ने पीएम से राज्य में चक्रवात से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए एक केंद्रीय टीम भेजने का भी अनुरोध किया। तमिलनाडु के सीएम ने भी बुधवार सुबह चक्रवात प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। मंगलवार देर रात सीएम स्टालिन ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि पूरी सरकारी मशीनरी चक्रवात मिचौंग के प्रभाव को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
चक्रवात मिचौंग से दक्षिण के राज्यों में भयंकर तबाही का मंजर देखने को मिला। कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात भी हो गए हैं।
चक्रवाती तूफान मिचौंग ने दक्षिण भारत में जमकर तबाही मचाई। कई जिलों में भारी बारिश ने जीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। जगह-जगह बाढ़ जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं। इसका असर अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं पर भी पड़ा है।   
चक्रवाती तूफान मिचौंग की वजह से तमिलनाडु के चेन्नई में कई जिलों चेन्नई, चेंगलपट्टू, थिरुवल्लूर और कांचीपुरम में अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा है। इस बात की जानकारी तमिलनाडु के शिक्षा विभाग की तरफ से दी गई है। इन चार जिलों के अलावा परीक्षाएं गुरुवार से अपने समय के मुताबितक शुरू होंगी। इन राज्यों में परीक्षाओं का नुकसान न हो इसके लिए अलग से प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे।  
सीएम ने लिया जायजा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को चक्रवात मिचौंग के कारण प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और चेन्नई में वर्षा प्रभावित लोगों को भोजन और दूध जैसी बुनियादी जरूरतें वितरित कीं। सीएम एमके स्टालिन ने एक्स पर पोस्ट किया "चेन्नई के उपनगरों में बाढ़ का पानी अभी भी भरा हुआ है। कई लोग यह सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में काम कर रहे हैं कि सभी को भोजन और दूध जैसी बुनियादी जरूरतें मिलें। हम इस उम्मीद के साथ अपना क्षेत्र कार्य जारी रख रहे हैं कि स्थिति जल्द ही बेहतर हो जाएगी!"।

सीएम एमके स्टालिन ने केंद्र से मांगी मदद
तमिलनाडु में चक्रवात मिचौंग से हुई तबाही के बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तत्काल 5060 करोड़ रुपये के अंतरिम राहत कोष की मांग की। सीएम स्टालिन ने पीएम से राज्य में चक्रवात से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए एक केंद्रीय टीम भेजने का भी अनुरोध किया। तमिलनाडु के सीएम ने भी बुधवार सुबह चक्रवात प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। मंगलवार देर रात सीएम स्टालिन ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि पूरी सरकारी मशीनरी चक्रवात मिचौंग के प्रभाव को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।
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पश्चिम बंगाल एनएमएमएस परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड

पश्चिम बंगाल एनएमएमएस परीक्षा, 2023 का एडमिट कार्ड जारी कर दिया गया है। परीक्षा के लिए पंजीकृत उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने नेशनल मेरिट कम मीन्स स्कॉलरशिप (एनएमएमएस) परीक्षा, 2023 के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया है। परीक्षा के लिए पंजीकृत उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट Scholarships.wbsed.gov.in पर जाकर अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
WB NMMS Admit Card परीक्षा विवरण
शेड्यूल के अनुसार, पश्चिम बंगाल एनएसएसएम परीक्षा 17 दिसंबर, 2023 को आयोजित की जाएगी। परीक्षा दो सत्रों में आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रत्येक सत्र के लिए 90 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) शामिल होंगे। परीक्षा में 90 मिनट का एक मानसिक क्षमता परीक्षण और एक शैक्षिक योग्यता परीक्षण होगा।

पश्चिम बंगाल एनएमएमएस परीक्षा का एडमिट कार्ड 15 दिसंबर, 2023 तक डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध रहेगा। डब्ल्यूबी एनएमएमएस 2023 हॉल टिकट डाउनलोड करने में किसी भी समस्या के मामले में, छात्रों को जल्द से जल्द जिला विद्यालय निरीक्षक (एसई) के संबंधित कार्यालय से संपर्क करना होगा।
WB NMMS Admit Card 2023 ऐसे करें डाउनलोड
सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट, Scholars.wbsed.gov.in पर जाएं।

एडमिट कार्ड लिंक पर क्लिक करें।

अब अपना लॉगिन विवरण दर्ज करें।

डब्ल्यूबी एनएमएमएस हॉल टिकट आपकी स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा।

इसे डाउनलोड करें और एक प्रिंटआउट लें।
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मेघालय बोर्ड 10वीं-12वीं की डेटशीट जारी, करें डाउनलोड

मेघालय बोर्ड की तरफ से 10वीं-12वीं की परीक्षा के लिए डेटशीट जारी कर दी गई है। परीक्षा के लिए पंजीकृत परीक्षार्थी बोर्ड के वेबसाइट पर जाकर इसे देख सकते हैं। मेघालय बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (एमबीओएसई) ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा कर दी है। परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी आधिकारिक वेबसाइट mbose.in पर जाकर परीक्षा का पूरा कार्यक्रम डाउनलोड कर सकते हैं।
MBOSE 2024 परीक्षा विवरण
मेघालय बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षाएं 04 मार्च से 15 मार्च 2024 तक और कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 01 मार्च से 27 मार्च के बीच आयोजित की जाएंगी। मेघालय बोर्ड की परीक्षाएं सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित की जाएंगी। परीक्षा हॉल सुबह 9:30 बजे खोले जाएंगे और छात्रों को 9:45 बजे प्रश्न पत्र मिलेंगे और उत्तर पुस्तिकाएं 9:50 बजे वितरित की जाएंगी।

बोर्ड परीक्षा 2024 की वार्षिक परीक्षाओं के लिए विस्तृत विषयवार कक्षा 10 और कक्षा 12 की डेटशीट बोर्ड की वेबसाइट - mbose.in पर उपलब्ध कराई गई है। एमबीओएसई कक्षा 10वीं और 12वीं का पाठ्यक्रम पहले ही पोर्टल पर प्रकाशित किया जा चुका है। 
Meghalaya Board परीक्षा कार्यक्रम
एमबीओएसई कक्षा 10वीं की परीक्षा पहले दिन अंग्रेजी के पेपर के साथ शुरू होगी, उसके बाद 6 मार्च को विज्ञान और प्रौद्योगिकी का पेपर होगा। कक्षा 10वीं की एमबीओएसई परीक्षा 15 मार्च को सामाजिक विज्ञान के पेपर के साथ समाप्त होगी।

एमबीओएसई 12वीं कक्षा की परीक्षाएं भी 01 मार्च को अंग्रेजी के साथ शुरू होंगी। परीक्षाएं कला, विज्ञान, वाणिज्य और व्यावसायिक विषयों के लिए आयोजित की जाएंगी। व्यावसायिक विषयों की अवधि एक घंटा होगी।
मेघालय बोर्ड की तरफ से 10वीं-12वीं की परीक्षा के लिए डेटशीट जारी कर दी गई है। परीक्षा के लिए पंजीकृत परीक्षार्थी बोर्ड के वेबसाइट पर जाकर इसे देख सकते हैं। मेघालय बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (एमबीओएसई) ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा कर दी है। परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी आधिकारिक वेबसाइट mbose.in पर जाकर परीक्षा का पूरा कार्यक्रम डाउनलोड कर सकते हैं।
MBOSE 2024 परीक्षा विवरण
मेघालय बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षाएं 04 मार्च से 15 मार्च 2024 तक और कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 01 मार्च से 27 मार्च के बीच आयोजित की जाएंगी। मेघालय बोर्ड की परीक्षाएं सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित की जाएंगी। परीक्षा हॉल सुबह 9:30 बजे खोले जाएंगे और छात्रों को 9:45 बजे प्रश्न पत्र मिलेंगे और उत्तर पुस्तिकाएं 9:50 बजे वितरित की जाएंगी।

बोर्ड परीक्षा 2024 की वार्षिक परीक्षाओं के लिए विस्तृत विषयवार कक्षा 10 और कक्षा 12 की डेटशीट बोर्ड की वेबसाइट - mbose.in पर उपलब्ध कराई गई है। एमबीओएसई कक्षा 10वीं और 12वीं का पाठ्यक्रम पहले ही पोर्टल पर प्रकाशित किया जा चुका है। 
Meghalaya Board परीक्षा कार्यक्रम
एमबीओएसई कक्षा 10वीं की परीक्षा पहले दिन अंग्रेजी के पेपर के साथ शुरू होगी, उसके बाद 6 मार्च को विज्ञान और प्रौद्योगिकी का पेपर होगा। कक्षा 10वीं की एमबीओएसई परीक्षा 15 मार्च को सामाजिक विज्ञान के पेपर के साथ समाप्त होगी।
 

एमबीओएसई 12वीं कक्षा की परीक्षाएं भी 01 मार्च को अंग्रेजी के साथ शुरू होंगी। परीक्षाएं कला, विज्ञान, वाणिज्य और व्यावसायिक विषयों के लिए आयोजित की जाएंगी। व्यावसायिक विषयों की अवधि एक घंटा होगी। 

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शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीएम नवीन पटनायक को लिखा पत्र, पीएम-यूएसएचए योजना लागू करने का आग्रह

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर राज्य में पीएम-यूएसएचए योजना लागू करने का आग्रह किया, जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा और स्नातक रोजगार क्षमता में सुधार करना है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर राज्य में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-यूएसएचए) योजना लागू करने का आग्रह किया है। इस योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा और स्नातक रोजगार क्षमता में सुधार करना है। प्रधान ने पटनायक को लिखे अपने पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-यूएसएचए) 12,926.10 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ मार्च 2026 तक जारी रहेगा, लेकिन राज्यों को इसके कार्यान्वयन के लिए शिक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना होगा।
पत्र में कहा गया है कि पीएम-उषा योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के दृष्टिकोण को लागू करने की दिशा में केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की उच्च शिक्षा प्रणाली में पहुंच, समानता और उत्कृष्टता के उच्च स्तर को प्राप्त किया जा सके और इसके लिए असेवित और अल्पसेवित क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए। इसमें कहा गया है कि उन जिलों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जहां सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) कम है, दलितों और आदिवासियों की आबादी अधिक है और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं।
पटनायक ने कहा, इसके अलावा, इस योजना का लक्ष्य नए संस्थान बनाना और मौजूदा संस्थानों में बदलाव लाना भी है। मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएचईक्यूएफ), भारतीय ज्ञान प्रणाली आदि जैसे सुधारों के साथ जोड़कर आपके राज्य द्वारा प्रस्तावों की योजना बनाने और मसौदा तैयार करने की प्रतिबद्धता से दोनों के बीच बेहतर एकीकरण होगा।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत अनुदान सहायता प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव जमा करने की प्रक्रिया एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से शुरू हो चुकी है। ओडिशा के रहने वाले प्रधान ने पटनायक से इस मामले को व्यक्तिगत रूप से देखने का अनुरोध किया ताकि राज्य योजना के लाभों से वंचित न हो। राज्य के एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले पर ओडिशा सरकार द्वारा चर्चा की जा रही है।
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