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PET, पीपीएचटी और प्री-एमसीए की प्रवेश परीक्षा 13 जून को

  • एडमिट कार्ड जारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की ओर से पीईटी, पीपीएचटी, प्री-एमसीए की प्रवेश परीक्षा 13 जून को होना है। इसके लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं। अभ्यर्थी व्यापमं की वेबसाइट www.vyapam.cgstate.gov.in पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।
प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रदेशभर के इंजीनियरिंग और फार्मेसी कालेजों में प्रवेश दिए जाएंगे।इंजीनियरिंग और फार्मेसी के लिए लगभग 40 हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में एक घंटे पहले पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही दो रंगीन फोटो और मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य फोटोयुक्त आइडी प्रुफ लेकर परीक्षा देने के लिए केंद्र में पहुंचना है।मूल पहचानपत्र के अभाव पर परीक्षार्थी को केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
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यूपीएससी सिविल सेवा 2024 प्रारंभिक परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी

  • वेबसाइट upsc.gov.in या upsconline.nic.in से कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं
नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2024 के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। जिन उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है, वे आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in या upsconline.nic.in से कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
एडमिट कार्ड प्राप्त करने की अंतिम तिथि 16 जून, 2024 है।
उम्मीदवारों को परीक्षा हॉल में प्रवेश पाने के लिए अपना ई-एडमिट कार्ड (मूल) फोटो पहचान पत्र के साथ प्रस्तुत करना होगा। सिविल सेवा परीक्षा, 2024 के अंतिम परिणामों की घोषणा तक कार्ड को सुरक्षित रखना होगा।
UPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर यह भी उल्लेख किया गया है कि परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले परीक्षा स्थल में छात्रों का प्रवेश बंद कर दिया जाएगा।
यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2024 16 जून 2024 को आयोजित की जाएगी। परीक्षा पहले 26 मई को निर्धारित की गई थी।
अप्रैल-जून 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के कारण परीक्षा समय सारिणी को संशोधित करने का निर्णय लिया गया।
आयोग ने इस वर्ष सीएसई के लिए कुल 1,056 और आईएफओएस के लिए 150 रिक्तियों की घोषणा की है, जो पिछले वर्ष के 1,105 पदों से कम है, जबकि 2021 में यह 712 और 2020 में 796 थी।
सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार (बहुविकल्पीय प्रश्न) के दो पेपर होंगे और धारा 2 के उप-खंड (ए) में निर्धारित विषयों में अधिकतम 400 अंक होंगे। वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पत्रों में उम्मीदवारों द्वारा गलत उत्तरों के लिए नकारात्मक अंकन होगा।
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छत्तीसगढ़ में अब 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं होगी दो बार

  • फेल हुए छात्रों को मिलेगा दूसरा मौका
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं दो बार होगी। दो बार परीक्षा का नियम राजपत्र में प्रकाशित किया गया है। फरवरी मार्च में प्रथम मुख्य परीक्षा इसके बाद जून के तीसरे सप्ताह के बाद द्वितीय मुख्य परीक्षा होगी। दूसरी परीक्षा में शामिल होने के लिए पहली परीक्षा के लिए आवेदन करना जरूरी होगा। अब छात्र प्रथम मुख्य परीक्षा में असफल विषयों में दोबारा परीक्षा दे सकेंगे।
यह नियम सत्र 2024-25 से पूरी तरह से लागू होगी। बता देन कि सत्र 2023-24 की परीक्षा देने वाले छात्रों को भी दोबारा परीक्षा देने के मौके को लेकर चर्चा भी चल रही है।
 
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राजस्थान वि.वि. में स्नातक पाठ्यक्रमों में 1 जून से शुरू होगी प्रवेश प्रक्रिया

जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की ऑनलाइन प्रक्रिया एक जून से शुरू होगी विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर अल्पना कटेजा ने बताया कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 12वीं के परिणाम जारी हो चुके हैं। बच्चों की मार्कशीट भी स्कूलों में आनी शुरू हो गईं हैं। ऐसे में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए राजस्थान विश्वविद्यालय में एक जून से दस जून तक ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके बाद पंद्रह जून को सभी करीब सात हजार सीटों के लिए एक साथ कटऑफ लिस्ट जारी की जाएगी। इसके आधार पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद छात्रों को विश्वविद्यालय के संगठक कॉलेजों में एडमिशन दिया जाएगा। छात्र विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट uniraj.ac.in पर जाकर दस जून रात बारह बजे तक बारहवीं की परसेंटेज के आधार पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में इस बार परसेंटाइल फॉर्मूले की जगह परसेंटेज के आधार पर छात्रों को स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन दिया जाएगा। पिछले कुछ सालों में राजस्थान विश्वविद्यालय में परसेंटाइल फॉर्मूले के आधार पर प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की जा रही थी। इस प्रक्रिया से भी किसी एक बोर्ड के स्टूडेंट्स को नुकसान हो रहा था, जबकि परसेंटेज प्रक्रिया से दूसरे बोर्ड के स्टूडेंट्स को नुकसान हो सकता है। ऐसे में मंथन और चिंतन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा परसेंटेज के आधार पर एडमिशन करने का फैसला किया गया है। कटेजा ने कहा कि पिछले साल राजस्थान यूनिवर्सिटी में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू हो गई थी। ऐसे में इस बार एडमिशन की पूरी प्रक्रिया नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत की जाएगी।
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आईआईटी में नौकरी का संकट, बढ़ती बेरोजगारी के बीच 38% छात्र बेरोजगार

नई दिल्ली। लंबे समय से भारत में इंजीनियरिंग शिक्षा का शिखर माने जाने वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) अभूतपूर्व नौकरी प्लेसमेंट संकट से जूझ रहे हैं। आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र धीरज सिंह द्वारा दायर सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदन के माध्यम से सामने आए आंकड़ों के अनुसार, इस साल 23 परिसरों में लगभग 8,000 (38%) आईआईटीयन बेरोजगार रह गए हैं।
2024 में, प्लेसमेंट के लिए पंजीकरण कराने वाले 21,500 छात्रों में से केवल 13,410 को नौकरी मिली, जबकि 38% अभी भी रोजगार की तलाश में हैं। यह दो साल पहले की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है जब 3,400 (19%) छात्रों को नौकरी से बाहर कर दिया गया था। पुराने नौ आईआईटी विशेष रूप से प्रभावित हैं, इस वर्ष 16,400 छात्रों ने प्लेसमेंट के लिए पंजीकरण कराया है, जिनमें से 6,050 (37%) को अभी तक नौकरी नहीं मिली है। नए 14 आईआईटी का प्रदर्शन थोड़ा खराब है, जहां 5,100 पंजीकृत छात्रों में से 2,040 (40%) को नौकरी से बाहर कर दिया गया है।
सलाहकार और आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र धीरज सिंह ने लिंक्डइन पर संबंधित डेटा साझा किया। उन्होंने लिखा, "आईआईटी खड़गपुर में 33% छात्रों को पिछले साल प्लेसमेंट के माध्यम से नौकरी नहीं मिली। नौकरी से वंचित छात्र खराब नौकरी प्लेसमेंट परिदृश्यों के कारण तनाव, चिंता और निराशा से जूझ रहे हैं।" स्थिति को और भी बदतर बनाते हुए, आईआईटी दिल्ली ने पिछले पांच वर्षों में अपने 22% छात्रों को बेरोजगार देखा है, जबकि 2024 में 40% अभी भी बेरोजगार हैं।
श्री सिंह ने कहा, "आरटीआई के जवाब के अनुसार, पिछले दो वर्षों में आईआईटी दिल्ली में 600 छात्रों को नौकरी से बाहर कर दिया गया।"
डेटा एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति का संकेत देता है- 2022 से 2024 तक, पुराने नौ आईआईटी में पंजीकृत छात्रों की संख्या 1.2 गुना बढ़ गई, जबकि गैर-स्थानापन्न छात्रों की संख्या 2.1 गुना बढ़ गई। नए 14 आईआईटी में, पंजीकृत छात्रों की संख्या 1.3 गुना बढ़ गई, लेकिन गैर-स्थानापन्न छात्रों की संख्या 3.8 गुना बढ़ गई।यह प्लेसमेंट संकट छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल रहा है। इस साल कुल छह आईआईटी छात्रों की आत्महत्या से मौत हो गई है, जो कई लोगों के गंभीर तनाव और चिंता को रेखांकित करता है।"अनचाहे छात्रों की संख्या दोगुनी होना देश के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेजों में एक अनिश्चित स्थिति की ओर इशारा करता है। लगभग 61% स्नातकोत्तर अभी भी अस्थानित हैं। यह एक अभूतपूर्व नौकरी संकट है जिसका हमारे प्रमुख कॉलेज और हमारे युवा स्नातक सामना कर रहे हैं," श्री सिंह ने प्रकाश डाला।चूंकि आईआईटी इस अशांत समय से जूझ रहा है, नौकरी प्लेसमेंट परिदृश्य एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है जो तत्काल ध्यान और समाधान की मांग करता है।
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छत्तीसगढ़ में 18 जून से खुलेंगे स्कूल

  • सभी स्कूलों में मनाया जाएगा शाला प्रवेश उत्सव
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 18 जून से स्कूल खुलेंगे। इस दौरान सभी स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के गांव-गांव और शहरों में शाला प्रवेश उत्सव का प्रचार-प्रसार और मुनादी कराई जाएगी। बच्चों को शाला प्रवेश उत्सव के दिन वेलकम पार्टी भी दी जाएगी। स्कूल शिक्षा सचिव ने जारी आदेश में बताया कि छत्तीसगढ़ शासन का मकसद है कि छात्र-छात्राओं को स्वच्छ और सुंदर वातावरण में क्वालिटी एजुकेशन दिया जाए। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से शाला प्रवेश उत्सव की शुरुआती तैयारी के साथ-साथ पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी कलेक्टरों, जिला मिशन संचालक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सभी प्रिंसिपल्स के लिए निर्देश जारी किए हैं। स्कूल परिसर और भवन को आकर्षक बनाने, साफ-सफाई, पेंटिंग और मरम्मत जैसे काम 10 जून तक निपटा लेने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि समर वेकेशन के बाद स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। स्कूल शिक्षा सचिव ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 राज्य में ही प्रभावी हो गई है। शाला प्रवेश उत्सव को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी स्कूलों को निर्देशित किया है कि स्कूल खुलने के पहले ही भवनों में साफ-सफाई और मरम्मत करवाए जाए। इसके साथ ही शाला प्रवेश उत्सव का जोर-शोर से व्यापक प्रसार-प्रसार करें, बैनर-पोस्टर लगाए जाए, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में मुनादी करवाएं। प्रवेश उत्सव में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पालकों को भी बुलाया जाए।
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IIT कानपुर स्नातक, स्नातकोत्तर मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति करता है प्रदान

नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (आईआईटी कानपुर) हर साल मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करता है। छात्रवृत्ति में कॉलेज शुल्क में छूट और छात्रों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण शामिल है। संस्थान स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में छात्रों को योग्यता-सह-साधन छात्रवृत्ति, इंस्पायर छात्रवृत्ति और दाता छात्रवृत्ति प्रदान करता है।
छात्रवृत्ति के अवसर- मेरिट कम मीन्स स्कॉलरशिप: न्यूनतम सीपीआई 6.5 बनाए रखने वाले छात्रों के लिए पूर्ण ट्यूशन छूट और 1,000 रुपये का मासिक पॉकेट भत्ता। 6.0 और 6.5 के बीच सीपीआई वाले लोगों के लिए, जेब भत्ता वापस ले लिया जाता है। 4,50,000 रुपये से कम वार्षिक आय वाले गैर-एससी/एसटी छात्रों के लिए पात्रता माता-पिता के आय प्रमाण पत्र पर आधारित है।
इंस्पायर छात्रवृत्ति: रसायन विज्ञान, भौतिकी और गणित विभागों में एआईआर 10,000 के भीतर रैंकिंग वाले छात्रों के लिए 30,000 रुपये प्रति सेमेस्टर (60,000 रुपये सालाना) और 20,000 रुपये का शोध अनुदान। प्राप्तकर्ताओं को 6.0 की सीपीआई बनाए रखनी होगी और अन्य छात्रवृत्ति न मिलने का वचन देना होगा।
दाता छात्रवृत्ति- सीपीआई ≥ 6.0 और कुल पारिवारिक वार्षिक आय (टीएफएआई) < TFAI_norm (वर्तमान में 6.0 लाख) वाले मेधावी और जरूरतमंद छात्र पात्र हैं। मानदंड में ढील दी जा सकती है, और विशिष्ट विभाग और वर्ष मानदंड के आधार पर छात्रवृत्तियां प्रदान की जा सकती हैं।
फ्री-बेसिक-मेस स्कॉलरशिप: 4,50,000 रुपये से कम माता-पिता की आय वाले एससी/एसटी छात्रों के लिए मुफ्त बेसिक मेस बिल और पॉकेट भत्ता प्रदान किया जाता है।
खेल छात्रवृत्ति: खेल गतिविधियों में नेतृत्व और उत्कृष्टता के आधार पर 9 महीनों के लिए प्रति माह 1,000 रुपये की सालाना 20 छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं।
बाहरी छात्रवृत्ति- बाहरी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने में सहायता प्रदान की जाती है। भारत सरकार की विभिन्न छात्रवृत्तियों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) पर जानकारी उपलब्ध है।
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महाराष्ट्र एचएससी परिणाम 2024 घोषित, 93.37% छात्र उत्तीर्ण

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (एमएसबीएसएचएसई) ने 2024 के लिए एचएससी (कक्षा 12) के परिणाम घोषित कर दिए हैं। कुल 93.37 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है।
जो लोग परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे, वे आधिकारिक वेबसाइट - mahresult.nic.in, hscresult.mkcl.org, और mahahsscboard.in पर अपने स्कोरकार्ड देख सकते हैं। इस साल, महाराष्ट्र में एचएससी परीक्षा में 14,33,331 पंजीकरण हुए, जिसमें 14,23,923 छात्र उपस्थित हुए और 13,29,684 सफलतापूर्वक उत्तीर्ण हुए।
छात्र दोपहर 1 बजे से महाराष्ट्र एचएससी परिणाम 2024 ऑनलाइन देख सकते हैं। महिला छात्रों की उत्तीर्ण दर पुरुष छात्रों की तुलना में 3.84 प्रतिशत अंक अधिक है, लड़कियों की उत्तीर्ण दर लड़कों के 91.60% की तुलना में 95.44% है।
MSBSHSE कक्षा 12 की परीक्षा 21 फरवरी से 19 मार्च तक आयोजित की गई थी। छात्रों को अपने अंक जांचने के लिए अपने पंजीकरण नंबर या रोल नंबर और पासवर्ड की आवश्यकता होगी। परीक्षा 3,320 केंद्रों पर आयोजित की गई थी।
छात्रों को परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए महाराष्ट्र बोर्ड एचएससी परीक्षा 2024 में प्रत्येक विषय में और कुल मिलाकर न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की आवश्यकता है।
पिछले साल, बोर्ड ने 25 मई को दोपहर 2 बजे महाराष्ट्र एचएससी परिणाम घोषित किया था। परीक्षाएं 21 फरवरी से 20 मार्च के बीच आयोजित की गई थीं।
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संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा पृथक से जारी की जाएगी नई प्रवीण्य सूची

रायपुर। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् रायपुर द्वारा नई प्रवीण्य सूची पृथक से जारी की जाएगी। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम के सचिव से मिली जानकारी कक्षा पूर्व मध्यमा प्रथम वर्ष 9वीं से उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष 12वीं तक का वर्ष 2024 का परीक्षा परिणाम दिनांक 15 मई 2024 को घोषित किया गया था। परीक्षा परिणाम के साथ-साथ कक्षा 10वीं एवं 12वीं के छात्र-छात्राओं की अस्थायी प्रवीण्य सूची भी विद्यामण्डलम् द्वारा जारी की गई थी। जारी प्रवीण्य सूची में लिपकीय त्रुटियां होने के कारण इस प्रवीण्य सूची को निरस्त कर दिया गया है तथा नई प्रवीण्य सूची विद्यामण्डलम् द्वारा बाद में पृथक से जारी की जाएगी।
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आर.टी.ई. अधिनियम अंतर्गत प्रदेश के गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश के संबंध में कलेक्टरों को दिशा-निर्देश

रायपुर। प्रदेश में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, अप्रैल 2010 से प्रभावशील है। जिसके अन्तर्गत प्रदेश के गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के प्रारंभिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत् आरक्षित सीटों पर कमजोर एवं दुर्बल वर्ग तथा अलाभित समूह के बच्चों को उनकी पहुंच सीमा में प्रवेश दिलाया जाता है। किन्तु यह संज्ञान में आ रहा है कि इन वर्गों के विद्यार्थियों को अधिनियम की मंशा के अनुरूप इस महत्वपूर्ण योजना का पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है और वे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में योजना का मैदानी स्तर पर योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु समय-समय पर शासन द्वारा विभिन्न आदेश, दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी द्वारा आरटीई अधिनियम के अंतर्गत जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर पुनः आपका ध्यान आकृष्ट किया जा रहा है- अधिनियम की धारा 12 (1) (ब) में यह स्पष्ट उल्लेख है कि निजी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षा में, दुर्बल वर्ग और असुविधाग्रस्त समूह के उस कक्षा के बालकों की कुल संख्या के कम से कम 25 प्रतिशत् की सीमा तक प्रवेश देगा और निःशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा की, उसके पूरा होने तक, व्यवस्था करेगा।
निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, की धारा 36 के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा उक्त अधिनियम की धारा 13 की उप-धारा (2), धारा 18 की उप-धारा (5) एवं धारा 19 की उप-धारा (5) के अधीन दण्डनीय अपराधों का अभियोजन संस्थित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को अपने-अपने क्षेत्राधिकार की सीमा में ‘सक्षम प्राधिकारी‘ अधिसूचित किया गया है। सक्षम प्राधिकारी की हैसियत से अधिनियम का निचले स्तर पर पालन कराये जाने का सम्पूर्ण दायित्व जिला शिक्षा अधिकारी का है।
इस योजना के सुचारू एवं पारदर्शी संचालन हेतु वर्ष 2018-19 से आर.टी.ई. पोर्टल का निर्माण किया गया है, जिसके माध्यम से ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित कर लॉटरी के माध्यम से विद्यार्थियों का चयन करते हुए उनके द्वारा चाहे गये विद्यालयों में प्रवेश कराया जाता है।
सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश हेतु विद्यार्थियों की पहुंच सीमा की परिधि में संचालित शालाओं की मैपिंग की जाती है। अतः सभी विद्यालयों की आर.टी.ई. पोर्टल में मैपिंग हो, यह आवश्यक है। इस हेतु अपने जिले में योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार हो, ऐसा प्रयास किया जाये, साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखा जावे कि जिले में संचालित सभी गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालय आर.टी.ई. पोर्टल में अनिवार्य रूप से पंजीकृत हों जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी योजना अंतर्गत उन विद्यालयों में प्रवेश प्राप्त कर सकें।
प्राथमिक शाला के संदर्भ में बसाहट के एक किलोमीटर के भीतर स्थित विद्यालयों को बसाहट सीमा के निर्धारण में शामिल किया जाता है। बसाहट सीमा के निर्धारण में यह संभव है कि क्षेत्र विशेष में एक किलोमीटर के भीतर एक से अधिक अशासकीय, शासकीय या दोनो तरह के विद्यालय हों। यह भी संभव है कि, अशासकीय विद्यालय के एक किलोमीटर के भीतर भौगोलिक रूप से कोई बसाहट न हो। इस स्थिति में ऐसे अशासकीय विद्यालय के लिये उपयुक्त बसाहट सीमा में क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा क्षेत्र का निर्धारण किया जावेगा।
निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, के अंतर्गत विद्यालयों के द्वारा विद्यार्थियों को स्कूल पाठ्यपुस्तकें, गणवेश एवं लेखन सामग्री विद्यार्थियों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जाना है। कतिपय विद्यालयों के द्वारा स्कूल पाठ्यपुस्तकें, गणवेश एवं लेखन सामग्री विद्यार्थियों को निःशुल्क उपलब्ध न कराकर नगद राशि प्रदान की जा रही है, जो कि अधिनियम में उल्लेखित प्रावधान का उल्लंघन है, जिसके लिये दोषी पाये जाने पर वे अधिनियम की धारा 18 (3) के तहत दण्ड के भागी होंगे साथ ही माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका में पारित निर्णय अनुसार अवमानना के दोषी होंगे।
यद्यपि कक्षा 9वीं से 12वीं तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू नहीं होता है किन्तु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम अन्तर्गत् प्रवेशित छात्रों का कक्षा 8वीं के पश्चात् पढ़ाई में निरन्तरता बनाये रखने हेतु कक्षा 9वीं से 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा प्रदाय करने का निर्णय लिया गया है, जिनके शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा वहन किया जाता है। इसके अंतर्गत प्रति छात्र 15 हजार रूपए एवं शिक्षण सामग्री हेतु एक हजार रूपए देय है।
यह संज्ञान में आया है कि अधिनियम अन्तर्गत् प्रवेशित कुछ छात्र पढ़ाई के मध्य में ही विद्यालय का त्याग कर देते हैं परन्तु उन विद्यार्थियों का नाम पोर्टल में प्रदर्शित होता रहता है, ऐसी स्थिति में संबंधित विद्यालय के द्वारा उन विद्यार्थियों को ड्राप आउट मार्क किया जाना अनिवार्य है, परन्तु अधिकांश विद्यालयों के द्वारा आर.टी.ई. पोर्टल में उपरोक्तानुसार कार्यवाही नहीं की जाती है। नोडल प्राचार्य, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय में वास्तविक रूप से अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों का ही देयक पारित किया जा सके, इस हेतु यह आवश्यक है कि प्रतिवर्ष कम से कम दो बार आर.टी.ई. अन्तर्गत् चयनित विद्यार्थियों का भौतिक सत्यापन किया जावे।
योजना का मुख्य उद्देश्य कमजोर एवं दुर्बल वर्ग तथा अलाभित समूह के बच्चों को सामान्य विद्यार्थियों के समान उनके साथ निःशुल्क शिक्षा प्रदान करना है, इस हेतु सतत् निरीक्षण किया जाना आवश्यक है। जिले में असमानता की स्थिति निर्मित होने पर जिला शिक्षा अधिकारी संबंधित विद्यालय के विरूद्ध प्रावधानों में उल्लेखित कार्यवाही करने हेतु अधिसूचित हैं तथा उन्हें समस्त अधिकार प्रदत्त हैं।
आर.टी.ई. के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाहियों के लिये प्रतिवर्ष कैलेण्डर बनाकर राज्य में प्रसारित किया जाता है। इस वर्ष 2024-25 के लिये जारी कैलेण्डर के अनुसार जिले के समस्त गैर अनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों के प्रबंधक, प्राचार्यों की एक बैठक 10 दिवस के भीतर बुलाना सुनिश्चित करें जिसमें यह समीक्षा किया जाना अपेक्षित है कि उनके विद्यालय में प्रारंभिक कक्षा में कितने विद्यार्थियों ने आर.टी.ई. के तहत प्रवेश लिया था तथा उनमें से कितने विद्यार्थियों ने उनके विद्यालय में उपलब्ध अंतिम कक्षा (कक्षा 8वीं, 10वीं, 12वीं) तक की पढ़ाई पूर्ण की है और कितने बच्चें बीच में ही पढ़ाई छोड़कर ड्रॉप आउट हो गये है। इस दौरान कृपया यह भी आवश्यक रूप से समीक्षा करें कि कहीं ड्रॉप आउट होने का कारण विद्यालय की महंगी यूनिफॉर्म, पुस्तकें, अन्य शुल्क, असमानता का व्यवहार तो नहीं है।
सचिव स्कूल शिक्षा ने विश्वास व्यक्त किया है कि ड्रॉप आउट बच्चों के व्यक्तिशः कारणों की सूची तैयार करने पर जिले में आर.टी.ई. के सफल क्रियान्वयन हेतु योजना तैयार करने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी अपेक्षा की है कि इस तरह की त्रैमासिक समीक्षात्मक बैठकों का आयोजन एवं इन विद्यालयों के सघन निरीक्षण का तंत्र विकसित कर इस योजना के सफल संचालन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
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कड़ी मेहनत और अनुशासन से प्रयास विद्यालय के बच्चों को मिली शानदार सफलता

  • दसवीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम 99.3 प्रतिशत और 12वीं बोर्ड का 97.22 प्रतिशत रहा
रायपुर। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं के कड़ी मेहनत और अनुशासन से शानदार सफलता मिली है। माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा हाल ही घोषित 10वीं और 12वीं बोर्ड के परीक्षा परिणामों में प्रयास आवासीय विद्यालय के बच्चों को एक बार फिर शानदार सफलता मिली है। प्रयास विद्यालय में 10वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम 99.3 प्रतिशत एवं 12वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम 97.22 प्रतिशत रहा है। इनमें 10वीं में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण विद्यार्थियों का प्रतिशत 96.45 एवं 12वीं में 82.02 प्रतिशत रहा है। इस वर्ष का परीक्षा परिणाम पिछले वर्ष की तुलना में काफी अच्छा है। गत वर्ष 10वीं में 90.70 प्रतिशत और 12वीं में 79.38 फीसदी रहा था। प्रदेश के प्रयास विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को बेहतर प्रदर्शन के लिए आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा और सचिव श्री नरेन्द्र दुग्गा ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।
उल्लेखनीय है कि विगत वर्षों में प्रयास आवासीय विद्यालय के बच्चों ने विभिन्न राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। अब तक प्रयास आवासीय विद्यालय के 116 विद्यार्थी आईआईटी व समकक्ष में, 328 विद्यार्थी एनआईटी व समकक्ष में, 940 विद्यार्थी इंजीनियरिंग कॉलेज में एवं 52 विद्यार्थी एम.बी.बी.एस. में चयनित हुुए हैं। इसके अलावा सीए, सीएस, सीएमए में 29 तथा क्लैट में 04 विद्यार्थी को सफलता मिल चुकी है।
10वीं में 07 बच्चों ने बनाया मेरिट में स्थान-
आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा इस वर्ष घोषित परीक्षा परिणामों में प्रयास के 07 विद्यार्थियों ने मेरिट में स्थान बनाया है। मेरिट में आने वाले छात्र-छात्रों में प्रयास आवासीय विद्यालय, कांकेर के 04 विद्यार्थी- श्री मयंक कोर्राम, कुमारी पायल अधिकारी, कुमारी वर्षा साहू और कुमारी मल्लिका मरकाम शामिल हैं। इसी प्रकार प्रयास विद्यालय दुर्ग, जशपुर एवं कन्या प्रयास विद्यालय रायपुर  से एक-एक विद्यार्थी- क्रमशः कुमारी आर्या कश्यप, श्री आयुष साहू और कुमारी बॉबी मिंज ने मेरिट में स्थान बनाने में सफल हुए है। इसके अलावा प्रयास आवासीय विद्यालय, रायपुर, बस्तर, जशपुर, कांकेर एवं कोरबा का परीक्षाफल शत-प्रतिशत एवं प्रयास आवासीय विद्यालय दुर्ग, बिलासपुर एवं सरगुजा का परीक्षा परिणाम 95 प्रतिशत से अधिक रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रयास आवासीय विद्यालय कक्षा 12वीं बोर्ड का परीक्षाफल 97.22 प्रतिशत रहा है। इनमें प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण विद्यार्थियों का प्रतिशत 82.02 प्रतिशत है। प्रयास आवासीय  विद्यालय, रायपुर एवं जशपुर का परीक्षाफल शत-प्रतिशत, जबकि शेष प्रयास विद्यालयों का परीक्षाफल 91 प्रतिशत से अधिक रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रयास योजना मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है। योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सम्पूर्ण अनुसूचित क्षेत्र और गैर-अनुसूचित क्षेत्र के नक्सल प्रभावित जिलों के आदिवासी बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा, आवास, भोजन, खेल एवं मनोरंजन आदि की सुविधा प्रदान की जाती है। साथ ही संरक्षक की भूमिका निभाते हुए उन्हें रोजगार में स्थापित कर उनके जीवन में स्थायित्व पैदा करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। प्रयास आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे बहुत ही सामान्य परिवार से आते हैं लेकिन विद्यालय के अनुशासन, शिक्षकों के अच्छे मार्गदर्शन एवं बच्चों की कड़ी मेहनत के दम पर प्रयास विद्यालय ने प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बना ली है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में प्रयास आवासीय विद्यालयों की संख्या 14 हो चुकी है। इनमें रायपुर जिले में बालक एवं कन्या हेतु पृथक-पृथक प्रयास आवासीय विद्यालय सडडू एवं गुढियारी में संचालित है। इसके अतिरिक्त बिलासपुर, सरगुजा, दुर्ग, बस्तर, कांकेर, कोरबा, जशपुर तथा बालोद जिले में छात्र-छा़त्राओं हेतु प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं।
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अशासकीय स्कूलों में प्रवेश के लिए लॉटरी एवं आबंटन 20 मई से

  • ऑनलाईन आर.टी.ई. पोर्टल के माध्यम से
रायपुर। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (आर.टी.ई.) अंतर्गत वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश में संचालित निजी विद्यालयो में आर.टी.ई. पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन, भर्ती की कार्यवाही की जाएगी। स्कूलों में प्रवेश के लिए प्रथम चरण में लॉटरी एवं आबंटन की कार्यवाही 20 मई से 30 मई तक की जाएगी और उसके बाद स्कूल में दाखिला की प्रक्रिया 1 जून से 30 जून तक होगी।
आर.टी.ई. के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाही के लिए निर्धारित कैलेण्डर के अनुसार द्वितीय चरण के लिए नवीन स्कूल पंजीयन (आवेदन) और जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापन कार्य 15 जून से 30 जून तक किया जाएगा। छात्र पंजीयन (आवेदन) 1 जुलाई से 8 जुलाई तक होगा। इसके बाद नोडल अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों की जांच 9 जुलाई से 15 जुलाई तक की जाएगी। लॉटरी एवं आबंटन का कार्य 17 जुलाई से 20 जुलाई तक किया जाएगा। इसके बाद स्कूल में दाखिला की प्रक्रिया 22 जुलाई से 31 जुलाई तक की जाएगी। वर्ष 2023-24 के लिए ऑनलाईन दावा प्रक्रिया 1 अगस्त से 30 अगस्त तक किया जा सकेगा।
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस संबंध में सभी कलेक्टरों, संभागीय शिक्षा अधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि आर.टी.ई. अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने इस संबंध में अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत नोडल अधिकारी की जानकारी, क्षेत्र का निर्धारण, मान्यता संबंधी कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए। आरक्षित सीटों का निर्धारण, प्रवेश एवं सूचना के लिए आवेदन प्राप्त करना, आवेदन पत्रों की समीक्षा एवं प्रचार-प्रसार, आबंटन प्रक्रिया एवं शुल्क की प्रतिपूर्ति व प्रक्रिया समय-सारिणी अनुसार संपादित की जाए।
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जेईई एडवांस 2024 का एडमिट कार्ड jeeadv.ac.in पर जारी

नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास ने 17 मई को जेईई एडवांस 2024 के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया है। जो उम्मीदवार संयुक्त प्रवेश परीक्षा एडवांस के लिए उपस्थित होंगे, वे अपना हॉल टिकट इसकी आधिकारिक वेबसाइट - jeeadv.ac.in से डाउनलोड कर सकते हैं। लिंक आज सुबह 10 बजे सक्रिय हुआ। छात्र आईआईटी जेईई एडमिट कार्ड 26 मई 2024 दोपहर 2.30 बजे तक डाउनलोड कर सकते हैं।
एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के चरण-
चरण 1: आधिकारिक वेबसाइट - jeeadv.ac.in पर जाएं।
चरण 2: होम पेज पर जेईई एडवांस 2024 एडमिट कार्ड लिंक पर क्लिक करें।
चरण 3: लॉगिन क्रेडेंशियल दर्ज करें।
चरण 4: 'सबमिट' बटन पर क्लिक करें।
चरण 5: पेज डाउनलोड करें और परीक्षा के दिन के लिए एक हार्ड कॉपी प्राप्त करें।
परीक्षा 26 मई 2024 को दो पेपरों में आयोजित की जाएगी। पहला पेपर सुबह 9 बजे शुरू होगा और दोपहर 12 बजे समाप्त होगा, दूसरा पेपर दोपहर 2.30 बजे शुरू होगा और शाम 5.30 बजे समाप्त होगा। अनंतिम उत्तर कुंजी 2 जून, 2024 को जारी की जाएगी और अंतिम उत्तर कुंजी 9 जून को ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी।
केवल वे उम्मीदवार जो जेईई मेन 2024 में उत्तीर्ण हुए हैं और शीर्ष 2.5 लाख में शामिल हैं, वे जेईई एडवांस के लिए jee adv.ac.in पर पंजीकरण करने के पात्र हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एक उम्मीदवार लगातार दो वर्षों में अधिकतम दो बार जेईई (एडवांस्ड) का प्रयास कर सकता है।
जेईई (एडवांस्ड) 2024 में एक उम्मीदवार का प्रदर्शन शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए सभी आईआईटी में क्लॉज 2 में उल्लिखित स्नातक, एकीकृत मास्टर और दोहरी डिग्री कार्यक्रमों (10 + 2 स्तर पर प्रवेश) में प्रवेश का निर्धारण करेगा।
जेएबी 2024 द्वारा लिए गए निर्णय जेईई (एडवांस्ड) 2024 और 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए आईआईटी प्रवेश से संबंधित सभी मामलों के संबंध में अंतिम होंगे। अधिक जानकारी के लिए, उम्मीदवार आधिकारिक जेईई एडवांस्ड वेबसाइट पर जा सकते हैं।
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छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम् ने घोषित किए 10वीं-12वीं परीक्षा के परिणाम

रायपुर। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् रायपुर के सचिव श्रीमती अलका दानी द्वारा आज छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् रायपुर आयोजित वर्ष 2024 का मुख्य परीक्षा परिणाम विद्यामण्डलम् कार्यालय में घोषित कर दिया गया है। परीक्षा परिणाम 96.35 प्रतिशत रहा। जिसमें कुल 3 हजार 504 परीक्षार्थी (कक्षा 9वीं से 12वीं तक) शामिल हैं, जिसमें बालक 2 हजार 90 एवं बालिकाएं 1 हजार 414 हैं। वर्ष 2024 की मुख्य परीक्षा के लिए छत्तीसगढ़ में कुल 41 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे जिसमें (9वीं से 12वीं) में 3 हजार 196 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए जिसमें बालक 1 हजार 891 और बालिकाएं 1 हजार 305 उत्तीर्ण हुए।
कक्षा पूर्व मध्यमा द्वितीय वर्ष (10वीं) का परीक्षा परिणाम 98.48 प्रतिशत रहा जिसमें कक्षा (10वीं) में दर्ज संख्या 801 (बालक 503, बालिकाएं 298) था जिसमें परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थीयों की संख्या 777 (बालक 486, बालिकाएं 291) परीक्षा में उर्तीण रहे। 470 बालक-बालिकाएं प्रथम स्थान मिला एवं 284 बालक-बालिकाएं द्वितीय स्थान पर रहे तथा 23 बालक-बालिकाएं तृतीय स्थान पर रहे तथा 7 परीक्षार्थी पूरक आएं एवं 5 परीक्षार्थी परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहे। प्रावीण्य सूची में गोस्वामी रामरतन संस्कृत उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय जर्वे जांजगीर-चांपा की छात्रा चंद्रभागा कश्यप ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
कक्षा उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष (12वीं) का परीक्षा परिणाम 98.43 प्रतिशत रहा जिसमें कक्षा (12वीं) में दर्ज संख्या 589 (बालक 333, बालिकाएं 256) था जिसमें परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थीयों की संख्या 565 (बालक 317, बालिकाएं 248) परीक्षा में उर्तीण रहे। 462 बालक-बालिकाएं प्रथम स्थान मिला एवं 96 वालक-बालिकाएं द्वितीय स्थान पर रहे तथा 7 बालक-बालिकाएं तृतीय स्थान पर रहे तथा 9 परीक्षार्थी पूरक आएं। प्रावीण्य सूची में श्री रामेश्वर गहिरा गुरू संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय श्रीकोट जिला बलरामपुर की छात्रा यामिनी भगत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् रायपुर के सचिव श्रीमती अलका दानी ने कहा कि मण्डल की मुख्य परीक्षा 2024 की परीणाम घोषित करने में मण्डल के अधिकारी-कर्मचारी अमूल्य सहयोग रहा है। इसके लिए मण्डल के सभी अधिकारी-कर्मचारी बधाई के पात्र है। समस्त सफल परीक्षार्थियों को बधाई तथा शुभकामनाएं देती हूं तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं। जो परीक्षार्थी असफल हो गए हैं, उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि असफलता ही सफलता की सीढ़ी है इसे ध्यान में रखते हुए पुनः कड़ी मेहनत कर परीक्षा में सम्मिलित होने पर सफलता अवश्य मिलेगी।
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छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम् मुख्य परीक्षा परिणाम की घोषणा आज

रायपुर। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम् द्वारा आयोजित मुख्य परीक्षा वर्ष 2024 की कक्षा पूर्व मध्यमा प्रथम वर्ष (9वीं) से उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष (12वीं) के परीक्षा परिणामों की घोषणा आज बुधवार 15 मई को दोपहर 12.30 बजे की जाएगी।
सचिव छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम् रायपुर द्वारा परीक्षा परिणाम की घोषणा विद्यामंडलम् पेंशनबाड़ा माध्यमिक शिक्षा मंडल कैम्पस रायपुर में की जाएगी। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम् से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2023-24 में कुल 41 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे, जिसमें 3505 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए।
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CG बोर्ड 10वीं-12वीं के पुनर्मूल्यांकन की आवेदन प्रक्रिया शुरु

रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए पुनर्मुल्यांकन की आवेदन प्रक्रिया शुरु कर दी है। जो विद्यार्थी अपने बोर्ड परीक्षा के नतीजों से संतुष्ट नहीं हैं, अच्छा पेपर लिखने के बाद भी जिनका परीक्षाफल कम आया है, ऐसे विद्यार्थी पुनर्मुल्यांकन, पुनर्गणना और अपने उत्तर पुस्तिका की कॉपी प्राप्त करने के लिए माशिमं में निर्धारित शुल्क जमा कर ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव पुष्पा साहू ने बताया कि पुर्नगणना, पुनर्मूल्यांकन के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। स्टूडेंट्स 24 मई तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए राशि निर्धारित की गई है।
पुनर्गणना के लिए 100 रुपये, पुनर्मूल्यांकन के 500 रुपये, और उत्तर पुस्तिका की कॉपी लेने के लिए 5 रुपये निर्धारित की गई है। इन तीनों का मूल्य निर्धारण प्रति विषय के हिसाब से तय किया गया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए 50% का निर्धारित राशि में छूट दिया गया है, जिसमें बीजापुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, सुकमा, बलरामपुर, राजनांदगांव, खैरागढ़, मानपुर, मोहल्ला, क्षेत्र चिह्नित हैं। 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा में पूरक आए या फेल हुए विद्यार्थियों का यदि किसी विषय में 10% या उससे अधिक अंक की वृद्धि नहीं होती है, या परीक्षाफल में कोई परिवर्तन नहीं होता है, तो ऐसे विद्यार्थियों को नवीनतम मार्कशीट नहीं दिया जाएगा और ना ही अंक विधिमान्य किया जाएगा।
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नीट पीजी के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी, 16 मई तक कर सकते हैं त्रुटि सुधार

  • रायपुर, बिलासपुर व भिलाई तीन जगहों पर आयोजित की जाएगी परीक्षा
  • देशभर में नीट पीजी के लिए 259 परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे
रायपुर। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) पीजी के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आवेदन में हुई गलती को अभ्यर्थी 16 मई तक सुधार सकते हैं।आवेदन में नाम, राष्ट्रीयता, ईमेल और मोबाइल के अलावा किसी भी जानकारी को बदला जा सकता है। नेशनल बोर्ड ऑफ एजुकेशन इन मेडिसिन साइंस (एनबीईएमएस) की ओर से यह परीक्षा जून में आयोजित की जाएगी। इसके परिणाम 15 जुलाई को जारी होंगे।
जानकारी के अनुसार मेडिकल कालेजों के पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए नीट पीजी का आयोजन किया जाता है। छत्तीसगढ़ में रायपुर, बिलासपुर व भिलाई तीन जगहों पर परीक्षा आयोजित की जाएगी। वहीं देशभर में नीट पीजी के लिए 259 परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। पिछली बार नीट पीजी के लिए 209030 छात्रों ने आवेदन किया था।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के छह सरकारी व दो निजी मेडिकल कालेजों में पीजी की कुल 405 सीटें हैं। इनमें 291 सरकारी और 114 निजी मेडिकल कालेजों की सीटें हैं। विस्तृत जानकारी natboard.edu.in या nbe.edu.in पर देख सकते हैं।
10-12वीं के मेरिट स्टूडेंट्स को मेधा सम्मान से किया जाएगा सम्मानित-
जिला प्रशासन की ओर से अखिल भारतीय व राज्य प्रशासनिक परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे युवाओं के लिए आयाम- ऊंची उड़ान का कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम पंडित दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में 18 मई को शाम चार बजे से शुरू होगा।
यहां अखिल भारतीय सेवा के प्रशासनिक, पुलिस, वन व अन्य संवर्गों के अधिकारियों से प्रतिभागी अपनी तैयारियों के संबंध में सीधा संवाद कर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकेंगे। पिछली यूपीएससी में चयनित युवा भी इस अवसर पर अपने अनुभव साझा करेंगे।
2011 से 2014 बैच के अधिकारी स्थानीय युवाओं को बदलते ट्रेंड, अध्ययन सामग्रियों की उपलब्धता, विषय चयन, प्रारंभिक, मेन्स व साक्षात्कार, भाषागत चुनौतियों के साथ ही तैयारियों की व्यवस्थित शुरूआत के संबंध में सभी जरूरी टिप्स देंगे।
हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करने वाले जिले के प्रतिभावान विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम में “मेधा सम्मान“ से सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन पूरी तरह से निःशुल्क है। अभिभावक भी इसमें शामिल होकर अपनी जिज्ञासाएं साझा कर सकेंगे। कार्यक्रम में शामिल होने के के लिए सभी प्रतिभागियों को http://surl.li/toqke लिंक पर अपना पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
 
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सीबीएसई कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा परिणाम घोषित

नई दिल्ली (एएनआई)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सोमवार को बारहवीं कक्षा के नतीजे घोषित कर दिए। 87.98% छात्र बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण हुए। पिछले वर्ष से उत्तीर्ण प्रतिशत में 0.65% की वृद्धि हुई। 18417 स्कूलों ने 7126 केंद्रों पर सीबीएसई बारहवीं कक्षा की परीक्षा दी। इस वर्ष कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 87.98 है, जो 2023 के बाद से 0.65 प्रतिशत की वृद्धि है। त्रिवेन्द्रम क्षेत्र में 99.91 प्रतिशत के साथ सबसे अधिकउत्तीर्ण प्रतिशत दर्ज किया गया।
समग्र दिल्ली क्षेत्र में, 94.9 प्रतिशत उत्तीर्ण प्रतिशत दर्ज किया गया। 91.52% लड़कियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की, जबकि 85.12% लड़कों ने परीक्षा उत्तीर्ण की, लड़कियों ने लड़कों से 6.40% की बढ़त हासिल की। उम्मीदवार अपने अंक आधिकारिक वेबसाइट--results.cbse.nic.in, cbse.gov.in या cbseresults.nic.in पर देख सकते हैं। परिणाम उमंग ऐप, डिजिलॉकर ऐप, परीक्षा संगम पोर्टल और एसएमएस सुविधा के माध्यम से उपलब्ध हैं।
सीबीएसई कक्षा 12 और 10 की परीक्षाएं 15 फरवरी को शुरू हुईं, कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाएं 13 मार्च को और कक्षा 12 की 2 अप्रैल को समाप्त होंगी। सीबीएसई कक्षा 10 और 12 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए छात्रों को न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे। 10वीं कक्षा के नतीजे अभी घोषित नहीं हुए हैं. पिछले वर्ष के रुझानों को देखते हुए, 2023 में, सीबीएसई परिणाम 12 मई को घोषित किए गए थे। जबकि वर्ष 2022 में, यह 22 जुलाई को घोषित किए गए थे। (एएनआई)
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